दुनिया ने 2025 में झेला अब तक का दूसरा सबसे गर्म अप्रैल का महीना

पिछले साल के अप्रैल के मुकाबले इस बार मामूली राहत, 0.07 डिग्री कम रहा तापमान

अप्रैल 2025 दुनिया का अब-तक का दूसरा सबसे गर्म अप्रैल रहा। इसके साथ ही बीते 12 महीनों का औसत तापमान औद्योगिक क्रांति (1850–1900) के शुरुआती तापमान के मुकाबले 1.58 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। यह जानकारी यूरोपीय जलवायु एजेंसी कोपरनिकस ने दी है। एजेंसी के मुताबिक, इस साल अप्रैल का वैश्विक औसत सतही वायु तापमान 14.96 डिग्री दर्ज किया गया। यह 1991–2020 के औसत तापमान से 0.60 डिग्री अधिक था। वहीं, अप्रैल 2024 के मुकाबले अप्रैल 2025 0.07 डिग्री ठंडा और 2016 में दर्ज तीसरे सबसे गर्म अप्रैल के मुकाबले 0.07 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था। कोपरनिकस के मुताबिक, अप्रैल 2025 22 में 21वां महीना रहा जब वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री से अधिक रहा।

बढ़ रहा समुद्री तापमान, कम हो रही बर्फ

अप्रैल 2025 में औसत समुद्री सतह तापमान (एसएसटी) 20.89 डिग्री सेल्सियस था। यह इस महीने के लिए अब तक का दूसरा सबसे अधिक तापमान रहा। दुनिया के कई समुद्री क्षेत्रों में एसएसटी असामान्य रूप से अधिक रहा, खासतौर पर उत्तर-पूर्वी उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र में। अप्रैल में भूमध्य सागर का तापमान सामान्य से ज़्यादा था, लेकिन मार्च जितना रिकॉर्ड तोड़ गर्म नहीं था। अप्रैल में उत्तर ध्रुव के पास आर्कटिक में समुद्री बर्फ सामान्य से 3 फीसदी कम थी।

यह पिछले 47 सालों में अप्रैल महीने के लिए छठा सबसे कम बर्फ वाला महीना रहा और इससे पहले दिसंबर से मार्च तक लगातार रिकॉर्ड बर्फ कम रही थी। दक्षिण ध्रुव के पास अंटार्कटिकामें समुद्री बर्फ सामान्य से 10 फीसदी कम थी, जो अप्रैल महीने के लिए अब तक की 10वीं सबसे कम मात्रा थी।

चरम मौसमी घटनाओं का बढ़ रहा खतरा

कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की उप निदेशक सामंथा बर्गेस ने कहा कि जलवायु प्रणाली में हो रहे तेज बदलावों को समझने और जवाब देने के लिए लगातार निगरानी बेहद जरूरी है। वैज्ञानिक मानते हैं कि जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों ने धरती के तापमान को बढ़ाया है।

दुनिया के देशों ने जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए 2015 के पेरिस समझौते में तय किया गया था कि वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तर के 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखा जाएगा, लेकिन 2024 पहला कैलेंडर वर्ष बन गया जब औसत तापमान इस सीमा तक पहुंच गया।

हालांकि, इस सीमा को स्थायी रूप से पार करना तब माना जाएगा जब तापमान 20–30 वर्षों तक लगातार इतना ही अधिक बना रहे। हालांकि, दुनिया अब इसके काफी करीब पहुंच चुकी है।

विश्वभर में इस रविवार को मनाया जाएगा मदर्स डे

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

पहली नजर का प्यार क्या होता है ये सवाल कोई उस महिला से पूछे जिसके सामने पहली उसका नवजात शिशु आया हो। मां और बच्चे का रिश्ता इस दुनिया में सबसे खूबसूरत और अनमोल है।

बच्चा दर्द में होता है तो तकलीफ मां को होती है , वो मुस्कुराता है तो खुश होती है। मां के प्यार, त्याग और समर्पण को शब्दों में बताना नहीं आसान नहीं है। वैसे तो हर दिन ही बच्चों को पैरेंट्स के लिए खास बनना चाहिए जो पूरी तरह मां समर्पित है। ये दिन है मदर्स डे जो इस साल 11 म‌ई को मनाया जा रहा है। मां के सम्मान में हर साल म‌ई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।

इस दिन बच्चे अपनी मां से अपनी जिंदगी में उनकी क्या जगह है इस बात को बताने के लिए तमाम तरीके अपनाते हैं। आम दिनों में कभी बिजी रहने तो कभी कुछ कारणों से लोग सबसे कम समय मां को ही देते हैं। ऐसे में ये दिन खास दिन है जब लोग सभी कामों से ऊपर अपनी मां को रखते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं।

गौरतलब है कि सबसे पहले मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। अमेरिका में एक सामाजिक कार्यकर्ता थी। जिनका नाम एना जार्विस था और वह अपनी मां से बहुत प्यार करती थी यह कारण था कि उन्होंने न कभी शादी की और न कोई बच्चा पाला। मां की मौत होने बाद प्यार जताने के लिए एना जार्विस ने म‌ई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। फिर धीरे-धीरे क‌ई देशों में मदर्स डे मनाया जाने लगा। अब दुनिया के अधिकांश देशों में मदर्स डे मनाया जाता है।

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती समारोह पर निकाला गया भव्य तिरंगा यात्रा, मौके पर मेयर ने कही यह बात

गया : शहर में क्षेत्रीय युवा संघ गयाजी सह स्वराज संगठन बिहार के नेतृत्व में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की 485वीं जयंती समारोह पर भव्य तिरंगा रैली यात्रा निकाली गई। यह तिरंगा यात्रा शिखर मोड़ से निकली जो टावर चौक, रमना रोड, कोयरी बाड़ी, नवागढ़ी, चांद चौरा, मंगला गौरी, बाईपास होते हुए कोसडीहरा नियर विपार्ड के पास स्थित महाराणा प्रताप के प्रतिमा स्थल पर पहुंच कर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम का नेतृत्व गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान और पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने किया।

इस मौके पर मेयर गणेश पासवान ने कहा कि आज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जा रही है. इसी क्रम में तिरंगा रैली का आयोजन किया गया है, जिसमें पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव सहित विभिन्न समाज के लोग भी शामिल हुए हैं. महाराणा प्रताप ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. जंगल में घास की रोटी खाकर उन्होंने संघर्ष किया था.

आज के युवा पीढ़ी को उनके संघर्ष के बारे में जानने की जरूरत है. महाराणा प्रताप से लोगों को सीख लेनी चाहिए कि लोगों को किस तरह संघर्ष करना चाहिए ? उन्होंने जो संघर्ष किया था वह काबिले तारीफ है. यही वजह है कि आज पूरा देश उनकी जयंती मना रहा है. हमलोग भी उनकी जयंती मना रहे हैं और उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद कर रहे हैं. तिरंगा रैली यात्रा में शामिल युवा हाथों में भगवा ध्वज लिए चल रहे थे।

पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि देश में विभिन्न तरह के वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में उनके सम्मान और याद में भव्य तिरंगा रैली यात्रा निकालकर यह संदेश देना चाहते हैं कि एक बनो, नेक बनो और देश के बाहरी एवं आंतरिक दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहो। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी जाति एवं धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि मानवता के दुश्मनों व आतंक के खिलाफ है।

उन्होंने आह्वान किया कि नेक एवं एक होकर ही देश हित में कार्य किया जा सकता है। नेताओं ने जनता से अपील की कि तिरंगा जोकि हमारी आन-बान और शान का प्रतीक है, के सम्मान में निकाली जा रही इस यात्रा में पहुंचकर युवाओं का उत्साह बढ़ाएं।

गया से मनीष कुमार

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चौपाल में अपने हाथों से दो युवाओं को पहनाया हेलमेट

रायपुर- सुशासन तिहार के दौरान शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के औचक निरीक्षण हेतु बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के बलदाकछार पहुँचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गाँव के दो युवाओं को अपने हाथों से हेलमेट पहनाकर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया। उन्होंने बरगद के नीचे लगी चौपाल में बलदाकछार के 24 वर्षीय धनंजय पटेल और 28 वर्षीय हेमलता चंद्राकर को हेलमेट पहनाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने शिविर में उपस्थित सभी लोगों से अपील की कि वे दोपहिया वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जान अनमोल है। सड़क पर वाहन चलाते समय दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट सिर में गंभीर चोटों से बचाता है। उन्होंने कहा कि हेलमेट लगाना न केवल यातायात नियमों का पालन है, बल्कि स्वयं की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।

‌भदोही एसपी ने पुलिस लाइन का किया निरीक्षण:साप्ताहिक परेड की सलामी ली

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही के पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने आज पुलिस लाइन ज्ञानपुर में साप्ताहिक शुक्रवार परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने परेड की सलामी ली और जवानों से दौड़ लगवाई। एसपी ने जवानों को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने टोलीवार ड्रिल की कार्यवाही का निरीक्षण किया। उन्होंने इसे और बेहतर तरीके से कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एसपी ने 112 , सीसीटीएनएस, अंगुष्ठ छाप कार्यालय और व्यायाम शाला की जांच की।

पुलिस भर्ती 2023 के रिक्रूट आरक्षियों के आधारभूत प्रशिक्षण की तैयारियों का भी जायजा लिया गया । इसमें बैरक, स्कूल और मेस की व्यवस्थाओं का निरीक्षण शामिल था। साप्ताहिक अर्दली रुम में विभिन्न रजिस्टरों की जांच के बाद एसपी ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

ओपीडी में पहुंच रहे जकाम बुखार, उल्टी - दस्त के मरीज

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। बीते एक सप्ताह से मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। इसका असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। जिला अस्पताल में सर्दी-जुकाम सहित उल्टी दस्त के मरीज पहुंच रहे हैं। जिन्हें जांच कर चिकित्सक दवा दे रहे हैं। शुक्रवार को अस्पताल में 795 मरीजों की ओपीडी रही। योजना मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। शादी विवाह का सीजन होने के कारण खान-पान में लोग अनियमित्ता बरत रहे हैं। इससे बीमार पड़ रहे हैं। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय की ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक मरीज पहुंच रहे हैं।

डॉ प्रदीप यादव ने बताया कि मौसमी बीमारी के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इसमें सर्दी, जुकाम, बुखार,बदन दर्द, उल्टी दस्त डिहाईड्रेशन, आंख में जलन, चूभन और स्क्रीन के मरीज आ रहे हैं। चिकित्सकों का मानना है कि अचानक से मौसम तल्ख हुआ है। ऐसे में सतर्कता बरतें। लापरवाही बरतने पर तुरंत बीमार पड़ेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राजमिस्त्री बनकर सोखता गड्ढे के लिए की ईंट जोड़ाई: पानी बचाने के लिए जल संचयन वाहिनी के कार्यों की सराहना

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार के अंतर्गत आज बलौदाबाजार भाटापारा जिले के विकासखंड कसडोल के विशेष पिछड़ी जनजाति कमार बाहुल्य ग्राम बलदाकछार पहुँचे। उन्होंने मोर गांव, मोर पानी महाभियान के अंतर्गत जल संचयन हेतु जल संचयन वाहिनी द्वारा निर्मित किए जा रहे सोखता गड्ढे का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं निर्माणाधीन सोखता गड्ढे में ईंट जोड़ाई की। पानी बचाने के लिए जल संचयन वाहिनी के कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संकट से बचने ऐसे प्रयास आवश्यक हैं।

जल संचयन वाहिनी की सदस्य ललिता ध्रुव ने बताया कि मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत बलदाकछार में अब तक 10 नलकूपों के पास सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा चुका है। इस अभियान के अंतर्गत तालाबों की सफाई, जागरूकता रैली, दीवार लेखन, तथा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंचायत राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2025 को मोर गांव, मोर पानी महाभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के अंतर्गत बलौदाबाजार-भाटापारा जिले की सभी 519 ग्राम पंचायतों में अब तक नलकूपों के पास 2500 सोखता गड्ढों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। साथ ही, लगभग 1291 तालाबों की सफाई भी की गई है। जल संचयन हेतु ग्राम स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिनमें वर्षा जल संचयन हेतु आवश्यक संरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं तथा निर्मित संरचनाओं का ग्रामवासियों द्वारा भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है। प्रत्येक पंचायत में दो जल संचयन वाहिनियाँ गठित की गई हैं, जो ग्रामीणों को जल संरक्षण के लिए निरंतर प्रोत्साहित कर रही हैं।

16 लाख के ईनामी नक्सल दंपत्ति ने किया आत्मसमर्पण, कई बड़ी घटनाओं में रहे शामिल…

कोंडागांव- छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन और सरकार की पुनर्वास नीतियों के चलते आज एक और नक्सल दंपत्ति ने आत्मसमर्पण कर दिया है. नक्सल संगठन की खोखली विचारधारा और शोषण से तंग आकर पति-पत्नी ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है.

जानकारी के मुताबिक, आत्मसमर्पित पति का नाम रैसिंग कुमेटी और उसकी पत्नी का नाम पुनाय आचला है. दोनों कोंडागांव, कांकेर, राजनागांव, गरियाबंद, धमतरी व नारायणपुर के क्षेत्रों की घटनाओं मे रहे शामिल हैं. इन पर 8-8 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था, जिन्होंने अब कोंडागांव पुलिस के पास जाकर सरेंडर कर दिया है।

सरेंडर करने के दौरान उन्होंने बताया कि एक तरफ सुरक्षा बल द्वारा लगातार चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर काफी दबाव बढ़ चुका था. इसके अलावा माओवादी संगठन के शोषण से वे तंग आकर उन्होंने यह फैसला लिया है. इसके अलावा साय सरकार द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास योजना से भी वे प्रभावित हुए, जो उन्हें एक सामान्य जीवन जीने के लिए मौका देगी. इसलिए उन्होंने आज पुलिस के पास आकर आत्मसमर्पण किया है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कमार बस्ती में बांस शिल्प को सराहा: परिवार में शादी के लिए स्वयं खरीदे पर्रा, धुकना और सुपा

रायपुर-  प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार के तहत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल विकासखंड स्थित विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्र बलदाकछार पहुंचे। यहां उन्होंने बरगद के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामीणों से आत्मीय संवाद किया और योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत जानी। चौपाल के उपरांत वे सीधे कमार बस्ती पहुंचे, जहां बांस शिल्प से जीविका चला रहे परिवारों से भी मुलाकात की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्ती में कुलेश्वरी कमार के परिवार को बांस से परंपरागत घरेलू उपयोग की सामग्री—पर्रा, धुकना, सुपा—बनाते देखा। उन्होंने न केवल उनके कार्य में गहरी रुचि दिखाई, बल्कि प्रत्येक वस्तु की जानकारी एवं कीमत भी खुद पूछी। मुख्यमंत्री की यह संवेदनशीलता वहां मौजूद सभी ग्रामीणों को आत्मीयता का अनुभव करा गई।

मुख्यमंत्री श्री साय को बांस से बनी सामग्रियाँ इतनी पसंद आईं कि उन्होंने अपने परिवार में होने वाली शादी के लिए तुरंत दो पर्रा, दो धुकना और एक सुपा खरीद लिया। कुल 600 रुपए की राशि बनती थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने कुलेश्वरी को 700 रुपए देकर न केवल उनकी मेहनत का सम्मान किया, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नई ऊर्जा दी।

मुख्यमंत्री श्री साय का यह सहज और संवेदनशील व्यवहार जनप्रतिनिधि के रूप में उनके धरातल से जुड़ाव को दर्शाता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने चौपाल में भी यह संदेश दिया कि प्रदेश के हर कोने में बसे अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचना चाहिए और पारंपरिक ज्ञान एवं स्थानीय शिल्प को भी राज्य सरकार निरंतर प्रोत्साहन देती रहेगी।

परंपरागत शिल्प को प्रोत्साहन देने और स्थानीय कारीगरों की मेहनत को मान्यता देने का यह उदाहरण शासन और समाज के बीच सेतु निर्माण की दिशा में एक प्रेरक कदम है।

उमर अब्दुल्ला की पाकिस्तान को सीधी चेतावनी, बंदूकें खामोश करने की दी सलाह

#omar_abdullah_on_pakistan_drone_attack

पाकिस्तान की ओर से भारत पर हमलों की नाकाम कोशिशों के बीच जम्मू-कश्मीर में तनाव का माहौल है। गुरुवार देर रात पाकिस्तान ने जम्मू में ड्रोन हमले की कोशिश की, जो भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते नाकाम रही। पाकिस्तान ने जम्मू में एयरस्ट्रिप और पठानकोट एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की। इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को जम्मू का दौरा किया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर उमर अब्दुल्लाह ने पाकिस्तान पर हालात बिगाड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने पाकिस्तान को सलाह दी है कि वह अपनी बंदूकें खामोश करे।

नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश

पत्रकारों से बात करते हुए सीएम अब्दुल्लाह ने कहा, सबसे बड़ी बात तो यही है कि उनकी (पाकिस्तान) तरफ से नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश की गई, जिस तरह जम्मू शहर पर उन्होंने ड्रोन हमला किया। मुझे नहीं लगता है कि 1971 के युद्ध के बाद कभी इस तरह जम्मू शहर को निशाना बनाया गया हो। लेकिन हमारे सुरक्षा बलों को क्रेडिट जाता है कि उन्होंने ये सारे ड्रोन निष्क्रिय किए और एक भी ड्रोन निशाने पर नहीं पहुंच पाया।

पाकिस्तान स्थिति को बढ़ाने की कोशिश कर रहा

सीएम ने दावा किया, यह हालात हमने नहीं बनाए, पहलगाम में हमारे लोगों के ऊपर हमला हुआ, बेगुनाह लोगों का कत्ल किया गया। उसका हमें जवाब देना पड़ा। उन्होंने कहा, पाकिस्तान की ओर से इसे बढ़ाने की कोशिश हो रही है, इसमें न पाकिस्तान को कोई फ़ायदा है और न उन्हें कोई कामयाबी मिलेगी। बेहतर यही होगा कि वह अपनी बंदूकें ख़ामोश करें।

कल रात जो हुआ, ज़ाहिर सी बात है कि वह अपनी तरफ़ से इसे बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अब ऐसे में सबसे ज़्यादा नुक़सान उनको (पाकिस्तान को) होगा।

दुनिया ने 2025 में झेला अब तक का दूसरा सबसे गर्म अप्रैल का महीना

पिछले साल के अप्रैल के मुकाबले इस बार मामूली राहत, 0.07 डिग्री कम रहा तापमान

अप्रैल 2025 दुनिया का अब-तक का दूसरा सबसे गर्म अप्रैल रहा। इसके साथ ही बीते 12 महीनों का औसत तापमान औद्योगिक क्रांति (1850–1900) के शुरुआती तापमान के मुकाबले 1.58 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। यह जानकारी यूरोपीय जलवायु एजेंसी कोपरनिकस ने दी है। एजेंसी के मुताबिक, इस साल अप्रैल का वैश्विक औसत सतही वायु तापमान 14.96 डिग्री दर्ज किया गया। यह 1991–2020 के औसत तापमान से 0.60 डिग्री अधिक था। वहीं, अप्रैल 2024 के मुकाबले अप्रैल 2025 0.07 डिग्री ठंडा और 2016 में दर्ज तीसरे सबसे गर्म अप्रैल के मुकाबले 0.07 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था। कोपरनिकस के मुताबिक, अप्रैल 2025 22 में 21वां महीना रहा जब वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री से अधिक रहा।

बढ़ रहा समुद्री तापमान, कम हो रही बर्फ

अप्रैल 2025 में औसत समुद्री सतह तापमान (एसएसटी) 20.89 डिग्री सेल्सियस था। यह इस महीने के लिए अब तक का दूसरा सबसे अधिक तापमान रहा। दुनिया के कई समुद्री क्षेत्रों में एसएसटी असामान्य रूप से अधिक रहा, खासतौर पर उत्तर-पूर्वी उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र में। अप्रैल में भूमध्य सागर का तापमान सामान्य से ज़्यादा था, लेकिन मार्च जितना रिकॉर्ड तोड़ गर्म नहीं था। अप्रैल में उत्तर ध्रुव के पास आर्कटिक में समुद्री बर्फ सामान्य से 3 फीसदी कम थी।

यह पिछले 47 सालों में अप्रैल महीने के लिए छठा सबसे कम बर्फ वाला महीना रहा और इससे पहले दिसंबर से मार्च तक लगातार रिकॉर्ड बर्फ कम रही थी। दक्षिण ध्रुव के पास अंटार्कटिकामें समुद्री बर्फ सामान्य से 10 फीसदी कम थी, जो अप्रैल महीने के लिए अब तक की 10वीं सबसे कम मात्रा थी।

चरम मौसमी घटनाओं का बढ़ रहा खतरा

कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की उप निदेशक सामंथा बर्गेस ने कहा कि जलवायु प्रणाली में हो रहे तेज बदलावों को समझने और जवाब देने के लिए लगातार निगरानी बेहद जरूरी है। वैज्ञानिक मानते हैं कि जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों ने धरती के तापमान को बढ़ाया है।

दुनिया के देशों ने जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए 2015 के पेरिस समझौते में तय किया गया था कि वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तर के 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखा जाएगा, लेकिन 2024 पहला कैलेंडर वर्ष बन गया जब औसत तापमान इस सीमा तक पहुंच गया।

हालांकि, इस सीमा को स्थायी रूप से पार करना तब माना जाएगा जब तापमान 20–30 वर्षों तक लगातार इतना ही अधिक बना रहे। हालांकि, दुनिया अब इसके काफी करीब पहुंच चुकी है।

विश्वभर में इस रविवार को मनाया जाएगा मदर्स डे

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

पहली नजर का प्यार क्या होता है ये सवाल कोई उस महिला से पूछे जिसके सामने पहली उसका नवजात शिशु आया हो। मां और बच्चे का रिश्ता इस दुनिया में सबसे खूबसूरत और अनमोल है।

बच्चा दर्द में होता है तो तकलीफ मां को होती है , वो मुस्कुराता है तो खुश होती है। मां के प्यार, त्याग और समर्पण को शब्दों में बताना नहीं आसान नहीं है। वैसे तो हर दिन ही बच्चों को पैरेंट्स के लिए खास बनना चाहिए जो पूरी तरह मां समर्पित है। ये दिन है मदर्स डे जो इस साल 11 म‌ई को मनाया जा रहा है। मां के सम्मान में हर साल म‌ई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।

इस दिन बच्चे अपनी मां से अपनी जिंदगी में उनकी क्या जगह है इस बात को बताने के लिए तमाम तरीके अपनाते हैं। आम दिनों में कभी बिजी रहने तो कभी कुछ कारणों से लोग सबसे कम समय मां को ही देते हैं। ऐसे में ये दिन खास दिन है जब लोग सभी कामों से ऊपर अपनी मां को रखते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं।

गौरतलब है कि सबसे पहले मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। अमेरिका में एक सामाजिक कार्यकर्ता थी। जिनका नाम एना जार्विस था और वह अपनी मां से बहुत प्यार करती थी यह कारण था कि उन्होंने न कभी शादी की और न कोई बच्चा पाला। मां की मौत होने बाद प्यार जताने के लिए एना जार्विस ने म‌ई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। फिर धीरे-धीरे क‌ई देशों में मदर्स डे मनाया जाने लगा। अब दुनिया के अधिकांश देशों में मदर्स डे मनाया जाता है।

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती समारोह पर निकाला गया भव्य तिरंगा यात्रा, मौके पर मेयर ने कही यह बात

गया : शहर में क्षेत्रीय युवा संघ गयाजी सह स्वराज संगठन बिहार के नेतृत्व में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की 485वीं जयंती समारोह पर भव्य तिरंगा रैली यात्रा निकाली गई। यह तिरंगा यात्रा शिखर मोड़ से निकली जो टावर चौक, रमना रोड, कोयरी बाड़ी, नवागढ़ी, चांद चौरा, मंगला गौरी, बाईपास होते हुए कोसडीहरा नियर विपार्ड के पास स्थित महाराणा प्रताप के प्रतिमा स्थल पर पहुंच कर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम का नेतृत्व गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान और पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने किया।

इस मौके पर मेयर गणेश पासवान ने कहा कि आज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जा रही है. इसी क्रम में तिरंगा रैली का आयोजन किया गया है, जिसमें पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव सहित विभिन्न समाज के लोग भी शामिल हुए हैं. महाराणा प्रताप ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. जंगल में घास की रोटी खाकर उन्होंने संघर्ष किया था.

आज के युवा पीढ़ी को उनके संघर्ष के बारे में जानने की जरूरत है. महाराणा प्रताप से लोगों को सीख लेनी चाहिए कि लोगों को किस तरह संघर्ष करना चाहिए ? उन्होंने जो संघर्ष किया था वह काबिले तारीफ है. यही वजह है कि आज पूरा देश उनकी जयंती मना रहा है. हमलोग भी उनकी जयंती मना रहे हैं और उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद कर रहे हैं. तिरंगा रैली यात्रा में शामिल युवा हाथों में भगवा ध्वज लिए चल रहे थे।

पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि देश में विभिन्न तरह के वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में उनके सम्मान और याद में भव्य तिरंगा रैली यात्रा निकालकर यह संदेश देना चाहते हैं कि एक बनो, नेक बनो और देश के बाहरी एवं आंतरिक दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहो। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी जाति एवं धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि मानवता के दुश्मनों व आतंक के खिलाफ है।

उन्होंने आह्वान किया कि नेक एवं एक होकर ही देश हित में कार्य किया जा सकता है। नेताओं ने जनता से अपील की कि तिरंगा जोकि हमारी आन-बान और शान का प्रतीक है, के सम्मान में निकाली जा रही इस यात्रा में पहुंचकर युवाओं का उत्साह बढ़ाएं।

गया से मनीष कुमार

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चौपाल में अपने हाथों से दो युवाओं को पहनाया हेलमेट

रायपुर- सुशासन तिहार के दौरान शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के औचक निरीक्षण हेतु बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के बलदाकछार पहुँचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गाँव के दो युवाओं को अपने हाथों से हेलमेट पहनाकर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया। उन्होंने बरगद के नीचे लगी चौपाल में बलदाकछार के 24 वर्षीय धनंजय पटेल और 28 वर्षीय हेमलता चंद्राकर को हेलमेट पहनाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने शिविर में उपस्थित सभी लोगों से अपील की कि वे दोपहिया वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जान अनमोल है। सड़क पर वाहन चलाते समय दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट सिर में गंभीर चोटों से बचाता है। उन्होंने कहा कि हेलमेट लगाना न केवल यातायात नियमों का पालन है, बल्कि स्वयं की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।

‌भदोही एसपी ने पुलिस लाइन का किया निरीक्षण:साप्ताहिक परेड की सलामी ली

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही के पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने आज पुलिस लाइन ज्ञानपुर में साप्ताहिक शुक्रवार परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने परेड की सलामी ली और जवानों से दौड़ लगवाई। एसपी ने जवानों को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने टोलीवार ड्रिल की कार्यवाही का निरीक्षण किया। उन्होंने इसे और बेहतर तरीके से कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एसपी ने 112 , सीसीटीएनएस, अंगुष्ठ छाप कार्यालय और व्यायाम शाला की जांच की।

पुलिस भर्ती 2023 के रिक्रूट आरक्षियों के आधारभूत प्रशिक्षण की तैयारियों का भी जायजा लिया गया । इसमें बैरक, स्कूल और मेस की व्यवस्थाओं का निरीक्षण शामिल था। साप्ताहिक अर्दली रुम में विभिन्न रजिस्टरों की जांच के बाद एसपी ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

ओपीडी में पहुंच रहे जकाम बुखार, उल्टी - दस्त के मरीज

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। बीते एक सप्ताह से मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। इसका असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। जिला अस्पताल में सर्दी-जुकाम सहित उल्टी दस्त के मरीज पहुंच रहे हैं। जिन्हें जांच कर चिकित्सक दवा दे रहे हैं। शुक्रवार को अस्पताल में 795 मरीजों की ओपीडी रही। योजना मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। शादी विवाह का सीजन होने के कारण खान-पान में लोग अनियमित्ता बरत रहे हैं। इससे बीमार पड़ रहे हैं। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय की ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक मरीज पहुंच रहे हैं।

डॉ प्रदीप यादव ने बताया कि मौसमी बीमारी के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इसमें सर्दी, जुकाम, बुखार,बदन दर्द, उल्टी दस्त डिहाईड्रेशन, आंख में जलन, चूभन और स्क्रीन के मरीज आ रहे हैं। चिकित्सकों का मानना है कि अचानक से मौसम तल्ख हुआ है। ऐसे में सतर्कता बरतें। लापरवाही बरतने पर तुरंत बीमार पड़ेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राजमिस्त्री बनकर सोखता गड्ढे के लिए की ईंट जोड़ाई: पानी बचाने के लिए जल संचयन वाहिनी के कार्यों की सराहना

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार के अंतर्गत आज बलौदाबाजार भाटापारा जिले के विकासखंड कसडोल के विशेष पिछड़ी जनजाति कमार बाहुल्य ग्राम बलदाकछार पहुँचे। उन्होंने मोर गांव, मोर पानी महाभियान के अंतर्गत जल संचयन हेतु जल संचयन वाहिनी द्वारा निर्मित किए जा रहे सोखता गड्ढे का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं निर्माणाधीन सोखता गड्ढे में ईंट जोड़ाई की। पानी बचाने के लिए जल संचयन वाहिनी के कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संकट से बचने ऐसे प्रयास आवश्यक हैं।

जल संचयन वाहिनी की सदस्य ललिता ध्रुव ने बताया कि मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत बलदाकछार में अब तक 10 नलकूपों के पास सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा चुका है। इस अभियान के अंतर्गत तालाबों की सफाई, जागरूकता रैली, दीवार लेखन, तथा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंचायत राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2025 को मोर गांव, मोर पानी महाभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के अंतर्गत बलौदाबाजार-भाटापारा जिले की सभी 519 ग्राम पंचायतों में अब तक नलकूपों के पास 2500 सोखता गड्ढों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। साथ ही, लगभग 1291 तालाबों की सफाई भी की गई है। जल संचयन हेतु ग्राम स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिनमें वर्षा जल संचयन हेतु आवश्यक संरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं तथा निर्मित संरचनाओं का ग्रामवासियों द्वारा भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है। प्रत्येक पंचायत में दो जल संचयन वाहिनियाँ गठित की गई हैं, जो ग्रामीणों को जल संरक्षण के लिए निरंतर प्रोत्साहित कर रही हैं।

16 लाख के ईनामी नक्सल दंपत्ति ने किया आत्मसमर्पण, कई बड़ी घटनाओं में रहे शामिल…

कोंडागांव- छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन और सरकार की पुनर्वास नीतियों के चलते आज एक और नक्सल दंपत्ति ने आत्मसमर्पण कर दिया है. नक्सल संगठन की खोखली विचारधारा और शोषण से तंग आकर पति-पत्नी ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है.

जानकारी के मुताबिक, आत्मसमर्पित पति का नाम रैसिंग कुमेटी और उसकी पत्नी का नाम पुनाय आचला है. दोनों कोंडागांव, कांकेर, राजनागांव, गरियाबंद, धमतरी व नारायणपुर के क्षेत्रों की घटनाओं मे रहे शामिल हैं. इन पर 8-8 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था, जिन्होंने अब कोंडागांव पुलिस के पास जाकर सरेंडर कर दिया है।

सरेंडर करने के दौरान उन्होंने बताया कि एक तरफ सुरक्षा बल द्वारा लगातार चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर काफी दबाव बढ़ चुका था. इसके अलावा माओवादी संगठन के शोषण से वे तंग आकर उन्होंने यह फैसला लिया है. इसके अलावा साय सरकार द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास योजना से भी वे प्रभावित हुए, जो उन्हें एक सामान्य जीवन जीने के लिए मौका देगी. इसलिए उन्होंने आज पुलिस के पास आकर आत्मसमर्पण किया है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कमार बस्ती में बांस शिल्प को सराहा: परिवार में शादी के लिए स्वयं खरीदे पर्रा, धुकना और सुपा

रायपुर-  प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार के तहत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल विकासखंड स्थित विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्र बलदाकछार पहुंचे। यहां उन्होंने बरगद के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामीणों से आत्मीय संवाद किया और योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत जानी। चौपाल के उपरांत वे सीधे कमार बस्ती पहुंचे, जहां बांस शिल्प से जीविका चला रहे परिवारों से भी मुलाकात की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्ती में कुलेश्वरी कमार के परिवार को बांस से परंपरागत घरेलू उपयोग की सामग्री—पर्रा, धुकना, सुपा—बनाते देखा। उन्होंने न केवल उनके कार्य में गहरी रुचि दिखाई, बल्कि प्रत्येक वस्तु की जानकारी एवं कीमत भी खुद पूछी। मुख्यमंत्री की यह संवेदनशीलता वहां मौजूद सभी ग्रामीणों को आत्मीयता का अनुभव करा गई।

मुख्यमंत्री श्री साय को बांस से बनी सामग्रियाँ इतनी पसंद आईं कि उन्होंने अपने परिवार में होने वाली शादी के लिए तुरंत दो पर्रा, दो धुकना और एक सुपा खरीद लिया। कुल 600 रुपए की राशि बनती थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने कुलेश्वरी को 700 रुपए देकर न केवल उनकी मेहनत का सम्मान किया, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नई ऊर्जा दी।

मुख्यमंत्री श्री साय का यह सहज और संवेदनशील व्यवहार जनप्रतिनिधि के रूप में उनके धरातल से जुड़ाव को दर्शाता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने चौपाल में भी यह संदेश दिया कि प्रदेश के हर कोने में बसे अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचना चाहिए और पारंपरिक ज्ञान एवं स्थानीय शिल्प को भी राज्य सरकार निरंतर प्रोत्साहन देती रहेगी।

परंपरागत शिल्प को प्रोत्साहन देने और स्थानीय कारीगरों की मेहनत को मान्यता देने का यह उदाहरण शासन और समाज के बीच सेतु निर्माण की दिशा में एक प्रेरक कदम है।

उमर अब्दुल्ला की पाकिस्तान को सीधी चेतावनी, बंदूकें खामोश करने की दी सलाह

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पाकिस्तान की ओर से भारत पर हमलों की नाकाम कोशिशों के बीच जम्मू-कश्मीर में तनाव का माहौल है। गुरुवार देर रात पाकिस्तान ने जम्मू में ड्रोन हमले की कोशिश की, जो भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते नाकाम रही। पाकिस्तान ने जम्मू में एयरस्ट्रिप और पठानकोट एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की। इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को जम्मू का दौरा किया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर उमर अब्दुल्लाह ने पाकिस्तान पर हालात बिगाड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने पाकिस्तान को सलाह दी है कि वह अपनी बंदूकें खामोश करे।

नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश

पत्रकारों से बात करते हुए सीएम अब्दुल्लाह ने कहा, सबसे बड़ी बात तो यही है कि उनकी (पाकिस्तान) तरफ से नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश की गई, जिस तरह जम्मू शहर पर उन्होंने ड्रोन हमला किया। मुझे नहीं लगता है कि 1971 के युद्ध के बाद कभी इस तरह जम्मू शहर को निशाना बनाया गया हो। लेकिन हमारे सुरक्षा बलों को क्रेडिट जाता है कि उन्होंने ये सारे ड्रोन निष्क्रिय किए और एक भी ड्रोन निशाने पर नहीं पहुंच पाया।

पाकिस्तान स्थिति को बढ़ाने की कोशिश कर रहा

सीएम ने दावा किया, यह हालात हमने नहीं बनाए, पहलगाम में हमारे लोगों के ऊपर हमला हुआ, बेगुनाह लोगों का कत्ल किया गया। उसका हमें जवाब देना पड़ा। उन्होंने कहा, पाकिस्तान की ओर से इसे बढ़ाने की कोशिश हो रही है, इसमें न पाकिस्तान को कोई फ़ायदा है और न उन्हें कोई कामयाबी मिलेगी। बेहतर यही होगा कि वह अपनी बंदूकें ख़ामोश करें।

कल रात जो हुआ, ज़ाहिर सी बात है कि वह अपनी तरफ़ से इसे बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अब ऐसे में सबसे ज़्यादा नुक़सान उनको (पाकिस्तान को) होगा।