काकोरी में कार पलटने से बैंक मैनेजर व अकाउंटेंट घायल

लखनऊ । काकोरी के उन्नाव में सोमवार सुबह करीब 09:35 बजे काकोरी थाना क्षेत्र में एक सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर और अकाउंटेंट घायल हो गए। हादसा तब हुआ जब दोनों लखनऊ से बैंक ऑफ इंडिया, मोहान शाखा (उन्नाव) जा रहे थे।

पेट्रोल पंप मदारपुर के पास अचानक अनियंत्रित होकर पलटी कार

जानकारी के अनुसार, बैंक के मैनेजर मनोज वर्मा और अकाउंटेंट उपेंद्र सिंह अपनी निजी क्रेटा कार (रजिस्ट्रेशन UP32MA 9228) में सफर कर रहे थे। पेट्रोल पंप मदारपुर के थोड़ी दूरी आगे मोहन रोड पर गाड़ी अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई।दुर्घटना के तुरंत बाद सूचना मिलते ही थाना स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुंची। बैंक के अन्य कर्मचारी भी घटनास्थल पर आए और घायल कर्मियों को तत्काल ग्लोब हॉस्पिटल, मोहन (उन्नाव) पहुंचाया गया।

दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही पुलिस

मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, मनोज वर्मा के सिर में चोटें आई हैं जबकि उपेंद्र सिंह के हाथ और पैर में चोटें लगी हैं। डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है, और बैंक के सहकर्मी शशांक कुमार भी हॉस्पिटल में मौजूद हैं।पुलिस के अनुसार, हादसे के समय सड़क पर अन्य वाहनों की आवाजाही सामान्य थी और किसी अन्य को चोट नहीं आई। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दुर्घटना का कारण क्या था, लेकिन स्थिति सामान्य है और आगे की कार्रवाई जारी है।

बाराबंकी में एक पल की भूल ने मां की जिंदगी छीन ली, पूरा गांव स्तब्ध"

लखनऊ, बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के बहुता गांव में रविवार की दोपहर एक छोटे-से पल ने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। 26 वर्षीय सूरज तिवारी अपनी जिंदगी में पहली बार कार चलाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन एक क्षणिक गलती ने उसकी मां बीनू तिवारी की जान ले ली। यह हादसा न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए एक करुणामय दृश्य बन गया।

बहनोई की कार को चलाना सीख रहा था सूरज

जानकारी के मुताबिक, सूरज तिवारी अपने बहनोई की कार में गाड़ी चलाना सीख रहा था। पहली बार गाड़ी स्टार्ट करने के दौरान वह गियर, ब्रेक और एक्सीलेटर के बीच उलझ गया। अचानक कार एक तेज झटके के साथ आगे बढ़ी और सीधे उसकी मां बीनू तिवारी पर जा लगी। बीनू तिवारी, जो उस समय कार के सामने खड़ी थीं, गाड़ी के नीचे आ गईं और गंभीर रूप से घायल हो गईं।हादसे की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े। चीख-पुकार और मदद की आवाजें पूरे इलाके में गूँज उठीं। स्थानीय लोगों ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई और घायल महिला को हैदरगढ़ सीएचसी पहुंचाया। डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास के बावजूद बीनू तिवारी को मृत घोषित कर दिया।

बेटा अपनी गलती के लिए खुद को मान रहा दोषी

घटना का दृश्य अत्यंत मार्मिक था। सूरज तिवारी का रोना, परिवार के सदस्यों का विलाप और गांव वालों की सहम सी भावनाएं हर किसी के दिल को झकझोर रही थीं। बेटा अपनी गलती के लिए खुद को दोषी मान रहा था और परिवार सदमे की स्थिति में था। गांव में मातम छा गया और हर कोई उस दुखद पल को देखकर स्तब्ध रह गया।परिजन बताते हैं कि बीनू तिवारी हमेशा अपने बेटे के उज्जवल भविष्य की चिंता करती थीं और परिवार की खुशी में हर कदम पर मार्गदर्शन देती थीं। सूरज की मासूम गलती ने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। परिवार का कहना है कि उन्हें इस दुःख से उबरने के लिए समय की बहुत जरूरत होगी।

प्रारंभिक जांच में यह घटना दुर्घटना प्रतीत होती है : इंस्पेक्टर

हैदरगढ़ पुलिस ने भी मामले की पुष्टि की है। इंस्पेक्टर अभिमन्यु मल्ल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह साफ तौर पर एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसों की कोई पूर्व सूचना नहीं थी और पुलिस पूरी जांच कर रही है।इस दर्दनाक घटना ने परिवार के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया है। सूरज तिवारी अब अपने जीवन के सबसे बड़े सदमे का सामना कर रहा है। गांव के लोग परिवार के साथ खड़े हैं, लेकिन उस क्षणिक गलती की मार और मां के बिना जीवन का खालीपन हर किसी के दिल में गूंज रहा है।

*एसआईआर फॉर्म डिजिटाइजेशन के प्रगति का औचक निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने ली जानकारी*

गोण्डा ।जिला निर्वाचन अधिकारी /जिलाधिकारी गोण्डा श्रीमती प्रियंका निरंजन ने तहसील सदर गोण्डा, विकास खण्ड झंझरी तथा विकास खण्ड पण्डरीकृपाल में एसआईआर फार्म डिजिटाइजेशन कार्य की प्रगति का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विभिन्न केंद्रों पर चल रहे फॉर्म संकलन व फीडिंग की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों से कार्य की गति को लेकर आवश्यक पूछताछ की।

जिलाधिकारी ने एसआईआर फार्म डिजिटाइजेशन को निर्वाचन कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह कार्य समयबद्ध, शतप्रतिशत गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि फार्मों का संकलन, सत्यापन एवं डिजिटाइजेशन कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार नहीं की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान तहसील सदर गोण्डा में कार्य की कम प्रगति सामने आई, तो जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने उपजिलाधिकारी सदर एवं संबंधित कर्मचारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि वे तत्काल प्रभाव से कार्य की गति तेज करें तथा सुनिश्चित करें कि सभी एसआईआर फार्मों का शतप्रतिशत संकलन एवं फीडिंग समय पर पूर्ण हो जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक कर्मचारी को उसकी जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से सौंपते हुए प्रगति की समीक्षा की जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही की स्थिति पाई जाने पर उत्तरदायित्व तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक ब्लॉक और तहसील स्तर पर टीमों को सक्रिय किया जाए, फील्ड में जाकर लंबित फार्मों को तत्काल एकत्र कराया जाए और डिजिटाइजेशन कार्य निरंतर चलता रहे। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि निर्वाचन कार्यों में पारदर्शिता और शुचित्ता सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा इसमें बाधक बनने वाली किसी भी प्रकार की देरी या उदासीनता को गंभीरता से लिया जाएगा, और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे स्वयं भी प्रगति की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी कार्य पूरी प्रतिबद्धता और दक्षता के साथ पूर्ण हो जाएँ। उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि यदि सभी टीमें समन्वय और सतत प्रयासों के साथ काम करेंगी, तो एसआईआर फार्म डिजिटाइजेशन का लक्ष्य समय पर पूरा किया जा सकेगा।

भारत के 53वें सीजेआई बने जस्टिस सूर्यकांत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

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जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने हैं। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा।

राष्ट्रपति ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) से दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। जस्टिस गवई ने रविवार को 65 साल की उम्र में सीजेआई का पद छोड़ दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को अपना उत्तराधिकारी बनाने की परंपरा को बनाए रखा।

9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गया। वह साढ़े छह महीनों के लिए इस पद पर रहे। जस्टिस सूर्यकांत का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।

हरियाणा के गांव से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

सीजेआई सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की। सीजेआई सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्मेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर 1984 में लॉ में बेचलर की डिग्री ली। उन्होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1984 में हिसार में ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी और 1985 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। साल 2011 में सीजेआई सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स किया, जिसे उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ 'फर्स्ट क्लास फर्स्ट' से पास किया। वह 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए और इसके बाद 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज अपॉइंट किए गए।

महत्वपूर्ण मामले

1. चुनाव आयोग को बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।

2. उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।

3. ओआरओपी (वन रैंक वन पेंशन) को संविधानिक रूप से वैध माना और भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसरों का समर्थन किया।

4. जस्टिस कांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने असम से संबंधित नागरिकता के मुद्दों पर धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखा था।

5. जस्टिस कांत दिल्ली आबकारी शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली पीठ के सदस्य थे। हालांकि, उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया था।

पारदर्शी, दूरदर्शी, कल्याणकारी, संवेदनशील हेमंत सरकार के आगे भाजपा पस्त : विनोद पांडेय

मंईयां सम्मान योजना, प्रोन्नति मामलों और ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को भटकाने के लिए झूठ और आधी-अधूरी जानकारी का सहारा ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर पांडेय ने कहा कि भाजपा शासन में वर्षों तक कैडर समीक्षा लंबित रहने और फाइलों के गड़बड़ रहने की वजह से ही लंबे समय तक कई प्रक्रिया बाधित रहीं।

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उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने हजारों कर्मचारियों को लंबित प्रमोशन दिया है और पेंशन व सेवा लाभों को तेजी से निष्पादित भी किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार से वेतन लेकर भाजपा के स्लीपर सेल के रूप में काम करने वाले कुछ अधिकारियों की चिंता में भाजपा नेता डूबे हुए हैं। उनके लिए ही भाजपा में बौखलाहट है। माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न केवल पारदर्शी शासन स्थापित किया है बल्कि हर वर्ग के लोगों के विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। झारखंड में भाजपा की हर रणनीति बार-बार फेल साबित हो रही है।

हेमंत सरकार की जिम्मेदार और संवेदनसील पहल सेवा का अधिकार सप्ताह

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर भाजपा के आरोप पर उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से चुनी हुई हेमंत सरकार की हर लोकप्रिय योजना को बदनाम करने का षडयंत्र रचना भाजपा की पुरानी आदत और राजनीतिक मजबूरी है। महासचिव पांडेय ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम हेमंत सरकार के सबसे लोकप्रिय और सफल कार्यक्रमों में शामिल है। राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों ने भी अंतिम व्यक्ति के घर तक पहुंच कर सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के इस संकल्प की सराहना की है।

इस कार्यक्रम की प्रगति पूरी तरह पारदर्शी है और इसका पूरा डाटा पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। सेवा की गारंटी की दिशा में पहली बार झारखंड में सरकार के स्तर से इतनी व्यापक पहल की गई है। भाजपा को सेवा का अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी ही नहीं है। अगर होती तो मंईयां सम्मान योजना को लेकर बेतुका बयान जारी नहीं करती।

उन्होंने कहा कि भाजपा को इस कार्यक्रम की सफलता से असहजता है क्योंकि सरकार सीधे गांव – पंचायतों के अंतिम व्यक्ति के घर जाकर उन्हें उनका हक और अधिकार के प्रति न सिर्फ जागरूक कर रही है बल्कि उन्हें उनका हक दे भी रही है। बिचौलियों या दलालों के चंगुल से भोले भाले आदिवासी, मूलवासी, गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यकों को छुटकारा दिला कर हेमंत सरकार ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस प्रकार का संवेदनशील शासन पूंजीपतियों की पार्टी भाजपा के बूते की बात नहीं है। इतिहास में श्री हेमंत जी की यह पहल मिल का पत्थर साबित हुआ है।

मंईयां सम्मान योजना की अपार सफलता से भाजपा नेता चिंतित

उन्होंने कहा कि भाजपा को महिलाओं, कर्मचारियों या ग्रामीण जनता की चिंता नहीं, बल्कि अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन की फिक्र है। हकीकत यह है कि मंईयां सम्मान योजना की तर्ज पर भाजपा शासित राज्यों में योजनाएं शुरू की गई हैं। ऐसे में भाजपा का भ्रामक आरोप सिर्फ और सिर्फ हर दिन माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से घबराहट में दिया गया है।

महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को “राजनीतिक हताशा की उपज”बताया। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का ऐतिहासिक कदम है, और भाजपा को इससे तकलीफ इसलिए हो रही है क्योंकि वह अपने शासनकाल में महिलाओं के लिए एक भी स्वतंत्र आर्थिक सहायता योजना शुरू नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान का लाभ झारखंड की 50 लाख से अधिक महिलाओं को नियमित मिल रहा है। और श्री हेमंत सोरेन के इस संकल्प के आगे भाजपा पूरी तरह धराशायी नजर आ रही है। जनता के पैसा का उपयोग पूरी तरह पारदर्शिता के साथ करना अनिवार्य है। यही काम भाजपा अपने शासन में नहीं कर पाई जिस कारण उसे जनता ने विपक्ष में बैठा दिया। भाजपा के पूंजीपति मित्र बैंकों में जमा जनता का अरबों रुपये लेकर भाग जाए तो उनका कर्ज माफ कराया जाना भाजपा को सही लगता है, लेकिन जरूरतमंद और गरीबों को उनका हक देना गलत लगता है।

झारखंड में सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे थे 2 युवक, ओवरलोडेड ट्रक ने कुचला

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सेना में बहाल होकर देश की सेवा करने का सपना संजोए झारखंड के गढ़वा जिला के दो युवक सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे थे. उन्हें कहां मालूम था कि देश सेवा करने का सपना को तेज रफ्तार ट्रक एक झटके में चकनाचूर कर देगा. झारखंड के गढ़वा जिले में हुए भीषण हादसे में सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे दो युवकों की मौत के बाद कोहराम मच गया.

भीषण हादसा गढ़वा जिला के रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड नामक स्थान पर उस वक्त हुआ जब आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे दो युवकों को तेज रफ्तार गिट्टी लोडेड हाइवा ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी. भीषण हादसे के शिकार दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक युवकों की पहचान में मानपुर गांव के रहने वाले राजू कुमार और अनिल कुमार के रूप में की गई हैं.

भीषण हादसे से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटना इतनी भयावह थी कि दोनो युवकों के शव क्षत- विक्षित होकर सड़क पर बिखर गए थे. बताया जा रहा कि मौत बनकर आई ओवरलोड हाइवा ट्रक, गिट्टी लेकर गढ़वा की ओर जा रहा था. इस दौरान रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड गांव के समीप सेना भर्ती दौड़ को लेकर प्रैक्टिस कर रहे दोनों युवकों को चपेट में ले लिया. असंतुलित होकर गिट्टी लीडर हाइवा दोनों युवकों के ऊपर ही पलट गई. जिस कारण दोनों की मौत हो गयी है.

स्थानीय लोगों में आक्रोश

स्थानीय ग्रामीण और मृतकों के परिजनों ने दोनों के शव को सड़क पर रख कर विरोध प्रदर्शन दिया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि लगातार ओवरलोडेड गाड़ियां तेज रफ्तार में चलती हैं. जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. हालांकि बाद में प्रशासनिक अधिकारी के आश्वासन और कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क जाम को हटाया. प्रशासन के द्वारा, दुर्घटना को अंजाम देने वाले वाहन के मालिक और चालक पर कार्रवाई करने के साथ ही साथ मृतकों के परिजनों को सरकारी नियमों के अनुरूप सहायता देने आश्वासन दिया गया है.

पहले भी हुआ था ऐसा हादसा

झारखंड के गढ़वा जिला में भीषण दुर्घटना से पूर्व अक्टूबर के महीने में, राजधानी रांची के बुंडू थाना क्षेत्र अंतर्गत रांची-टाटा नेशनल हाईवे-33 पर गोसाईंडीह के पास भीषण सड़क दुर्घटना में सवारी गाड़ी में सवार चार लोगों की मौत हो गयी. जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे.

अदाणी कॉन्क्लेव में राम और कृष्ण ने बताया- समय बदला है आदर्श नहीं

अदाणी कॉर्पोरेट हाउस में आयोजित ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में दुनिया भर से आए विद्वान इंडोलॉजी, भारतीय दर्शन और सांस्कृतिक अध्ययन पर अपने शोध और अनुभव साझा कर रहे हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक अकादमिक जगत में भारतीय ज्ञान परंपरा को नई ऊर्जा देना है। राम की शांति और कृष्ण की बुद्धि ने अदाणी कॉन्क्लेव को खास बना दिया। अदाणी ने शिक्षा मंत्रालय के इंडियन नॉलेज सिस्टम के साथ मिलकर आयोजित तीन दिवसीय ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में भारतीय सभ्यता, भाषा, दर्शन और सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित खास चर्चा की। एक विशेष सत्र में टीवी धारावाहिकों में राम और कृष्ण की भूमिका निभाने वाले प्रमुख कलाकार अरुण गोविल और नीतीश भारद्धाज ने समकालीन जीवन में इन दोनों पात्रों की प्रासंगिकता पर विस्तार से विचार रखे।

अदाणी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव के समारोह में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भारत नॉलेज ग्राफ निर्माण के लिए एक ऐतिहासिक प्रतिबद्धता की घोषणा की, उन्होनें कहा, “एक शुरुआत के तौर पर मैं भारत नॉलेज ग्राफ के निर्माण और इस इंडोलॉजी मिशन में योगदान देने वाले विद्वानों और तकनीकी विशेषज्ञों के समर्थन के लिए 100 करोड़ रुपये के संस्थापक योगदान की घोषणा करते हुए विनम्र महसूस कर रहा हूँ। यह एक सभ्यतागत ऋण की अदायगी है।”

इस सत्र में भाग लेते हुए मेरठ से सांसद और रामायण में ‘राम’ की भूमिका निभा चुके अरुण गोविल ने कहा कि राम केवल एक धार्मिक पात्र नहीं बल्कि “मूर्तिमंत्र” हैं एक ऐसा आदर्श जो व्यक्ति और समाज दोनों को मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि रामायण केवल धर्मग्रंथ नहीं बल्कि पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों का विस्तृत तानाबाना है, जो हर युग में प्रासंगिक रहता है। गोविल ने बताया कि राम का जीवन इसलिए प्रेरक है क्योंकि उन्होंने पुत्रधर्म और राजधर्म दोनों को समान संतुलन के साथ निभाया। उनके अनुसार, राम नैतिकता, मानवीय मूल्यों और सकारात्मकता के प्रतीक हैं और उनकी जीवन यात्रा अपने-आप में एक शिक्षावली सूत्र है।

महाभारत में ‘कृष्ण’ का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्धाज ने कहा कि कृष्ण ने त्रेता युग में स्थापित राम के आदर्शों को द्वापर युग में आगे बढ़ाया और उन्हें व्यावहारिक धरातल पर लागू किया। उन्होंने कहा, “सनातन हिंदू सभ्यता को विकसित करना ही धर्म है। कृष्ण ने परिवार, समाज और राष्ट्र के हित में निर्णय लेकर धर्म के व्यावहारिक स्वरूप को स्थापित किया।” भारद्धाज ने स्पष्ट किया कि राम और कृष्ण का चरित्र केवल पौराणिक संदर्भों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और परिवार के कल्याण के लिए समयानुसार उचित निर्णय लेने की प्रेरणा देता है।

गया के संग्रहालय में विश्व विरासत सप्ताह के अवसर पर मगध क्षेत्र के पुरातात्विक धरोहर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

गया: कला संस्कृति एवं युवा विभाग के बिहार विरासत विकास समिति एवं गयाजी संग्रहालय गया के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को विश्व विरासत सप्ताह के अवसर पर मगध क्षेत्र के पुरातात्विक धरोहर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी गया संग्रहालय के सभागार में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में रजिस्ट्रार मगध विश्वविद्यालय बोधगया के डॉक्टर विनोद कुमार मंगलम रहे. मुख्य विशेषज्ञ के रूप में इतिहास विभाग मगध विश्वविद्यालय प्रोफेसर मनीष सिंह एवं कन्वीनर इंटक डॉक्टर अलका मिश्रा, विभाग अध्यक्ष प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग मगध विश्वविद्यालय डॉक्टर कुणाल किशोर, विभाग अध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास एवं एशियाई अध्ययन विभाग गया कॉलेज डॉक्टर चंद्र प्रकाश, प्राध्यापक प्राचीन भारतीय एशिया एवं अध्ययन विभाग मगध विश्वविद्यालय रहे. इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विरासत के महत्व एवं गया क्षेत्र के मगध क्षेत्र के पुरातात्विक इतिहास पर प्रकाश डाला तथा बच्चों को इसके प्रति जागरूक किया. उन्होंने बच्चों को कहा कि धरोहर को संजना ही इतिहास के प्रति देश के प्रति सच्ची श्रद्धा होगी.

प्रोफेसर मनीष सिंह ने बोधगया परिक्षेत्र के पुरातात्विक इतिहास की यात्रा को विस्तार से विद्यार्थियों को बताया डॉक्टर अलका मिश्रा ने संग्रहालय के महत्व एवं मगध के विविध संग्रहालय में स्थित पूरा वस्तुओं का इतिहास व्याख्याित किया डॉ चंद्र प्रकाश ने प्रशासनिक एवं सामाजिक दोनों स्तर पर विरासत को सहेजने के प्रयासों को रेखांकित किया डॉक्टर कुणाल किशोर ने इस तरह के विविध आयोजनों की माध्यम से किया जा रहे कार्यों की प्रशंसा की एवं मगध के क्षेत्र पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा कई पूरा स्थलों के उत्खनन एवं अन्वेषण की अनुरोध किया और उसकी जरूरत पर प्रकाश डाला अतिथियों का स्वागत संग्रहालय के संग्रहालय अध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार यादव ने किया मंच संचालन एवं कार्यक्रम समन्वय बिहार विरासत विकास समिति के समन्वयक डॉक्टर अमित रंजन कार्यक्रम का समन्वय एवं मंच संचालन किया।

बोधगया विधानसभा क्षेत्र के संडेश्वर स्थान स्थित शिव मंदिर मैदान में एक भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन

गया: बोधगया विधानसभा क्षेत्र के संडेश्वर स्थान स्थित शिव मंदिर मैदान में रविवार को एक भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बोधगया विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार निर्वाचित विधायक कुमार सर्वजीत के सम्मान में आयोजित किया गया था। अपनी हैट्रिक जीत और विपक्षी दल के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्ति के बाद पहली बार क्षेत्र में पहुंचे विधायक का जोरदार स्वागत किया गया।

समारोह में पहुँचने से पहले विधायक कुमार सर्वजीत ने संडेश्वर धाम में भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए और पूजा-अर्चना कर क्षेत्र और पूरे प्रदेश की उन्नति, खुशहाली और सुख-शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि संडेश्वर स्थान आकर उन्हें हमेशा ही आध्यात्मिक ऊर्जा और जनता की सेवा का नया संकल्प मिलता है।

नागरिक अभिनंदन समारोह में बोधगया विधानसभा क्षेत्र के महागठबंधन दलों के कई प्रमुख नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, युवा साथी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। सभी ने विधायक का माला, अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल पर उत्सव जैसा माहौल था और भारी जनसमूह उपस्थित था।

सभा को संबोधित करते हुए विधायक कुमार सर्वजीत ने जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी यह जीत केवल एक चुनावी परिणाम नहीं, बल्कि बोधगया की जनता का उनके प्रति विश्वास और प्रेम है। उन्होंने कहा, “विकास ही मेरा कर्म और धर्म है। जब तक मैं ज‍िंदा हूँ, बोधगया विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों का परचम लहराता रहेगा। जनता की सेवा ही मेरा सबसे बड़ा दायित्व और संकल्प है।”

उन्होंने सभी जाति और धर्मों के लोगों से आपसी एकता, सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने की अपील की। विधायक ने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, रोजगार और पर्यटन के क्षेत्रों में तेज गति से विकास कार्य जारी रहेंगे।

कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने विधायक के नेतृत्व और कार्यशैली की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में बोधगया विधानसभा और भी विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।

महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर ने गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक निरीक्षण किया, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का निर्देश

गया: महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर अमरेश कुमार ने रविवार को आज गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पोस्ट की समग्र कार्यप्रणाली, तैनात बल की स्थिति तथा ड्यूटी डिप्लायमेंट का विस्तृत आकलन किया। उन्होंने बल के अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। निरीक्षण के क्रम में महानिरीक्षक ने सबसे पहले पोस्ट की दैनिक गतिविधियों एवं ड्यूटी रजिस्टर की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। बढ़ती भीड़ और यात्रा सीजन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने बल को रेलवे परिसर में गश्त और निगरानी बढ़ाने तथा हर संदिग्ध गतिविधि पर तत्परता से प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त जवानों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। विशेषकर लौटती भीड़ में महिलाओं और बुजुर्गों की सहायता हेतु “मेरी सहेली टीम” को 24 घंटे सक्रिय रहने को कहा गया। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रियल-टाइम मॉनिटरिंग को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

महानिरीक्षक ने सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक उपकरणों और संसाधनों के उपयोग पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने बताया कि बदलते समय में तकनीकी सहायता के बिना बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं है। इसलिए ट्रेन तथा स्टेशन परिसर में अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग बढ़ाया जाए। इसके अतिरिक्त, स्थानीय प्रशासन एवं जीआरपी के साथ सामंजस्य स्थापित कर संयुक्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही।

निरीक्षण के अंत में महानिरीक्षक ने आरपीएफ जवानों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें अपने दायित्वों के प्रति सजग, अनुशासित और हर परिस्थिति में तत्पर रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इसके लिए समर्पण एवं सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।

काकोरी में कार पलटने से बैंक मैनेजर व अकाउंटेंट घायल

लखनऊ । काकोरी के उन्नाव में सोमवार सुबह करीब 09:35 बजे काकोरी थाना क्षेत्र में एक सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर और अकाउंटेंट घायल हो गए। हादसा तब हुआ जब दोनों लखनऊ से बैंक ऑफ इंडिया, मोहान शाखा (उन्नाव) जा रहे थे।

पेट्रोल पंप मदारपुर के पास अचानक अनियंत्रित होकर पलटी कार

जानकारी के अनुसार, बैंक के मैनेजर मनोज वर्मा और अकाउंटेंट उपेंद्र सिंह अपनी निजी क्रेटा कार (रजिस्ट्रेशन UP32MA 9228) में सफर कर रहे थे। पेट्रोल पंप मदारपुर के थोड़ी दूरी आगे मोहन रोड पर गाड़ी अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई।दुर्घटना के तुरंत बाद सूचना मिलते ही थाना स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुंची। बैंक के अन्य कर्मचारी भी घटनास्थल पर आए और घायल कर्मियों को तत्काल ग्लोब हॉस्पिटल, मोहन (उन्नाव) पहुंचाया गया।

दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही पुलिस

मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, मनोज वर्मा के सिर में चोटें आई हैं जबकि उपेंद्र सिंह के हाथ और पैर में चोटें लगी हैं। डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है, और बैंक के सहकर्मी शशांक कुमार भी हॉस्पिटल में मौजूद हैं।पुलिस के अनुसार, हादसे के समय सड़क पर अन्य वाहनों की आवाजाही सामान्य थी और किसी अन्य को चोट नहीं आई। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दुर्घटना का कारण क्या था, लेकिन स्थिति सामान्य है और आगे की कार्रवाई जारी है।

बाराबंकी में एक पल की भूल ने मां की जिंदगी छीन ली, पूरा गांव स्तब्ध"

लखनऊ, बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के बहुता गांव में रविवार की दोपहर एक छोटे-से पल ने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। 26 वर्षीय सूरज तिवारी अपनी जिंदगी में पहली बार कार चलाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन एक क्षणिक गलती ने उसकी मां बीनू तिवारी की जान ले ली। यह हादसा न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए एक करुणामय दृश्य बन गया।

बहनोई की कार को चलाना सीख रहा था सूरज

जानकारी के मुताबिक, सूरज तिवारी अपने बहनोई की कार में गाड़ी चलाना सीख रहा था। पहली बार गाड़ी स्टार्ट करने के दौरान वह गियर, ब्रेक और एक्सीलेटर के बीच उलझ गया। अचानक कार एक तेज झटके के साथ आगे बढ़ी और सीधे उसकी मां बीनू तिवारी पर जा लगी। बीनू तिवारी, जो उस समय कार के सामने खड़ी थीं, गाड़ी के नीचे आ गईं और गंभीर रूप से घायल हो गईं।हादसे की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े। चीख-पुकार और मदद की आवाजें पूरे इलाके में गूँज उठीं। स्थानीय लोगों ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई और घायल महिला को हैदरगढ़ सीएचसी पहुंचाया। डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास के बावजूद बीनू तिवारी को मृत घोषित कर दिया।

बेटा अपनी गलती के लिए खुद को मान रहा दोषी

घटना का दृश्य अत्यंत मार्मिक था। सूरज तिवारी का रोना, परिवार के सदस्यों का विलाप और गांव वालों की सहम सी भावनाएं हर किसी के दिल को झकझोर रही थीं। बेटा अपनी गलती के लिए खुद को दोषी मान रहा था और परिवार सदमे की स्थिति में था। गांव में मातम छा गया और हर कोई उस दुखद पल को देखकर स्तब्ध रह गया।परिजन बताते हैं कि बीनू तिवारी हमेशा अपने बेटे के उज्जवल भविष्य की चिंता करती थीं और परिवार की खुशी में हर कदम पर मार्गदर्शन देती थीं। सूरज की मासूम गलती ने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। परिवार का कहना है कि उन्हें इस दुःख से उबरने के लिए समय की बहुत जरूरत होगी।

प्रारंभिक जांच में यह घटना दुर्घटना प्रतीत होती है : इंस्पेक्टर

हैदरगढ़ पुलिस ने भी मामले की पुष्टि की है। इंस्पेक्टर अभिमन्यु मल्ल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह साफ तौर पर एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसों की कोई पूर्व सूचना नहीं थी और पुलिस पूरी जांच कर रही है।इस दर्दनाक घटना ने परिवार के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया है। सूरज तिवारी अब अपने जीवन के सबसे बड़े सदमे का सामना कर रहा है। गांव के लोग परिवार के साथ खड़े हैं, लेकिन उस क्षणिक गलती की मार और मां के बिना जीवन का खालीपन हर किसी के दिल में गूंज रहा है।

*एसआईआर फॉर्म डिजिटाइजेशन के प्रगति का औचक निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने ली जानकारी*

गोण्डा ।जिला निर्वाचन अधिकारी /जिलाधिकारी गोण्डा श्रीमती प्रियंका निरंजन ने तहसील सदर गोण्डा, विकास खण्ड झंझरी तथा विकास खण्ड पण्डरीकृपाल में एसआईआर फार्म डिजिटाइजेशन कार्य की प्रगति का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विभिन्न केंद्रों पर चल रहे फॉर्म संकलन व फीडिंग की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों से कार्य की गति को लेकर आवश्यक पूछताछ की।

जिलाधिकारी ने एसआईआर फार्म डिजिटाइजेशन को निर्वाचन कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह कार्य समयबद्ध, शतप्रतिशत गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि फार्मों का संकलन, सत्यापन एवं डिजिटाइजेशन कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार नहीं की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान तहसील सदर गोण्डा में कार्य की कम प्रगति सामने आई, तो जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने उपजिलाधिकारी सदर एवं संबंधित कर्मचारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि वे तत्काल प्रभाव से कार्य की गति तेज करें तथा सुनिश्चित करें कि सभी एसआईआर फार्मों का शतप्रतिशत संकलन एवं फीडिंग समय पर पूर्ण हो जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक कर्मचारी को उसकी जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से सौंपते हुए प्रगति की समीक्षा की जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही की स्थिति पाई जाने पर उत्तरदायित्व तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक ब्लॉक और तहसील स्तर पर टीमों को सक्रिय किया जाए, फील्ड में जाकर लंबित फार्मों को तत्काल एकत्र कराया जाए और डिजिटाइजेशन कार्य निरंतर चलता रहे। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि निर्वाचन कार्यों में पारदर्शिता और शुचित्ता सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा इसमें बाधक बनने वाली किसी भी प्रकार की देरी या उदासीनता को गंभीरता से लिया जाएगा, और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे स्वयं भी प्रगति की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी कार्य पूरी प्रतिबद्धता और दक्षता के साथ पूर्ण हो जाएँ। उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि यदि सभी टीमें समन्वय और सतत प्रयासों के साथ काम करेंगी, तो एसआईआर फार्म डिजिटाइजेशन का लक्ष्य समय पर पूरा किया जा सकेगा।

भारत के 53वें सीजेआई बने जस्टिस सूर्यकांत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

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जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने हैं। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा।

राष्ट्रपति ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) से दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। जस्टिस गवई ने रविवार को 65 साल की उम्र में सीजेआई का पद छोड़ दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को अपना उत्तराधिकारी बनाने की परंपरा को बनाए रखा।

9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गया। वह साढ़े छह महीनों के लिए इस पद पर रहे। जस्टिस सूर्यकांत का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।

हरियाणा के गांव से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

सीजेआई सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की। सीजेआई सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्मेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर 1984 में लॉ में बेचलर की डिग्री ली। उन्होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1984 में हिसार में ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी और 1985 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। साल 2011 में सीजेआई सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स किया, जिसे उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ 'फर्स्ट क्लास फर्स्ट' से पास किया। वह 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए और इसके बाद 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज अपॉइंट किए गए।

महत्वपूर्ण मामले

1. चुनाव आयोग को बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।

2. उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।

3. ओआरओपी (वन रैंक वन पेंशन) को संविधानिक रूप से वैध माना और भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसरों का समर्थन किया।

4. जस्टिस कांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने असम से संबंधित नागरिकता के मुद्दों पर धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखा था।

5. जस्टिस कांत दिल्ली आबकारी शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली पीठ के सदस्य थे। हालांकि, उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया था।

पारदर्शी, दूरदर्शी, कल्याणकारी, संवेदनशील हेमंत सरकार के आगे भाजपा पस्त : विनोद पांडेय

मंईयां सम्मान योजना, प्रोन्नति मामलों और ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को भटकाने के लिए झूठ और आधी-अधूरी जानकारी का सहारा ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर पांडेय ने कहा कि भाजपा शासन में वर्षों तक कैडर समीक्षा लंबित रहने और फाइलों के गड़बड़ रहने की वजह से ही लंबे समय तक कई प्रक्रिया बाधित रहीं।

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उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने हजारों कर्मचारियों को लंबित प्रमोशन दिया है और पेंशन व सेवा लाभों को तेजी से निष्पादित भी किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार से वेतन लेकर भाजपा के स्लीपर सेल के रूप में काम करने वाले कुछ अधिकारियों की चिंता में भाजपा नेता डूबे हुए हैं। उनके लिए ही भाजपा में बौखलाहट है। माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न केवल पारदर्शी शासन स्थापित किया है बल्कि हर वर्ग के लोगों के विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। झारखंड में भाजपा की हर रणनीति बार-बार फेल साबित हो रही है।

हेमंत सरकार की जिम्मेदार और संवेदनसील पहल सेवा का अधिकार सप्ताह

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर भाजपा के आरोप पर उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से चुनी हुई हेमंत सरकार की हर लोकप्रिय योजना को बदनाम करने का षडयंत्र रचना भाजपा की पुरानी आदत और राजनीतिक मजबूरी है। महासचिव पांडेय ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम हेमंत सरकार के सबसे लोकप्रिय और सफल कार्यक्रमों में शामिल है। राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों ने भी अंतिम व्यक्ति के घर तक पहुंच कर सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के इस संकल्प की सराहना की है।

इस कार्यक्रम की प्रगति पूरी तरह पारदर्शी है और इसका पूरा डाटा पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। सेवा की गारंटी की दिशा में पहली बार झारखंड में सरकार के स्तर से इतनी व्यापक पहल की गई है। भाजपा को सेवा का अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी ही नहीं है। अगर होती तो मंईयां सम्मान योजना को लेकर बेतुका बयान जारी नहीं करती।

उन्होंने कहा कि भाजपा को इस कार्यक्रम की सफलता से असहजता है क्योंकि सरकार सीधे गांव – पंचायतों के अंतिम व्यक्ति के घर जाकर उन्हें उनका हक और अधिकार के प्रति न सिर्फ जागरूक कर रही है बल्कि उन्हें उनका हक दे भी रही है। बिचौलियों या दलालों के चंगुल से भोले भाले आदिवासी, मूलवासी, गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यकों को छुटकारा दिला कर हेमंत सरकार ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस प्रकार का संवेदनशील शासन पूंजीपतियों की पार्टी भाजपा के बूते की बात नहीं है। इतिहास में श्री हेमंत जी की यह पहल मिल का पत्थर साबित हुआ है।

मंईयां सम्मान योजना की अपार सफलता से भाजपा नेता चिंतित

उन्होंने कहा कि भाजपा को महिलाओं, कर्मचारियों या ग्रामीण जनता की चिंता नहीं, बल्कि अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन की फिक्र है। हकीकत यह है कि मंईयां सम्मान योजना की तर्ज पर भाजपा शासित राज्यों में योजनाएं शुरू की गई हैं। ऐसे में भाजपा का भ्रामक आरोप सिर्फ और सिर्फ हर दिन माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से घबराहट में दिया गया है।

महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को “राजनीतिक हताशा की उपज”बताया। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का ऐतिहासिक कदम है, और भाजपा को इससे तकलीफ इसलिए हो रही है क्योंकि वह अपने शासनकाल में महिलाओं के लिए एक भी स्वतंत्र आर्थिक सहायता योजना शुरू नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान का लाभ झारखंड की 50 लाख से अधिक महिलाओं को नियमित मिल रहा है। और श्री हेमंत सोरेन के इस संकल्प के आगे भाजपा पूरी तरह धराशायी नजर आ रही है। जनता के पैसा का उपयोग पूरी तरह पारदर्शिता के साथ करना अनिवार्य है। यही काम भाजपा अपने शासन में नहीं कर पाई जिस कारण उसे जनता ने विपक्ष में बैठा दिया। भाजपा के पूंजीपति मित्र बैंकों में जमा जनता का अरबों रुपये लेकर भाग जाए तो उनका कर्ज माफ कराया जाना भाजपा को सही लगता है, लेकिन जरूरतमंद और गरीबों को उनका हक देना गलत लगता है।

झारखंड में सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे थे 2 युवक, ओवरलोडेड ट्रक ने कुचला

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सेना में बहाल होकर देश की सेवा करने का सपना संजोए झारखंड के गढ़वा जिला के दो युवक सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे थे. उन्हें कहां मालूम था कि देश सेवा करने का सपना को तेज रफ्तार ट्रक एक झटके में चकनाचूर कर देगा. झारखंड के गढ़वा जिले में हुए भीषण हादसे में सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे दो युवकों की मौत के बाद कोहराम मच गया.

भीषण हादसा गढ़वा जिला के रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड नामक स्थान पर उस वक्त हुआ जब आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे दो युवकों को तेज रफ्तार गिट्टी लोडेड हाइवा ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी. भीषण हादसे के शिकार दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक युवकों की पहचान में मानपुर गांव के रहने वाले राजू कुमार और अनिल कुमार के रूप में की गई हैं.

भीषण हादसे से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटना इतनी भयावह थी कि दोनो युवकों के शव क्षत- विक्षित होकर सड़क पर बिखर गए थे. बताया जा रहा कि मौत बनकर आई ओवरलोड हाइवा ट्रक, गिट्टी लेकर गढ़वा की ओर जा रहा था. इस दौरान रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड गांव के समीप सेना भर्ती दौड़ को लेकर प्रैक्टिस कर रहे दोनों युवकों को चपेट में ले लिया. असंतुलित होकर गिट्टी लीडर हाइवा दोनों युवकों के ऊपर ही पलट गई. जिस कारण दोनों की मौत हो गयी है.

स्थानीय लोगों में आक्रोश

स्थानीय ग्रामीण और मृतकों के परिजनों ने दोनों के शव को सड़क पर रख कर विरोध प्रदर्शन दिया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि लगातार ओवरलोडेड गाड़ियां तेज रफ्तार में चलती हैं. जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. हालांकि बाद में प्रशासनिक अधिकारी के आश्वासन और कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क जाम को हटाया. प्रशासन के द्वारा, दुर्घटना को अंजाम देने वाले वाहन के मालिक और चालक पर कार्रवाई करने के साथ ही साथ मृतकों के परिजनों को सरकारी नियमों के अनुरूप सहायता देने आश्वासन दिया गया है.

पहले भी हुआ था ऐसा हादसा

झारखंड के गढ़वा जिला में भीषण दुर्घटना से पूर्व अक्टूबर के महीने में, राजधानी रांची के बुंडू थाना क्षेत्र अंतर्गत रांची-टाटा नेशनल हाईवे-33 पर गोसाईंडीह के पास भीषण सड़क दुर्घटना में सवारी गाड़ी में सवार चार लोगों की मौत हो गयी. जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे.

अदाणी कॉन्क्लेव में राम और कृष्ण ने बताया- समय बदला है आदर्श नहीं

अदाणी कॉर्पोरेट हाउस में आयोजित ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में दुनिया भर से आए विद्वान इंडोलॉजी, भारतीय दर्शन और सांस्कृतिक अध्ययन पर अपने शोध और अनुभव साझा कर रहे हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक अकादमिक जगत में भारतीय ज्ञान परंपरा को नई ऊर्जा देना है। राम की शांति और कृष्ण की बुद्धि ने अदाणी कॉन्क्लेव को खास बना दिया। अदाणी ने शिक्षा मंत्रालय के इंडियन नॉलेज सिस्टम के साथ मिलकर आयोजित तीन दिवसीय ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में भारतीय सभ्यता, भाषा, दर्शन और सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित खास चर्चा की। एक विशेष सत्र में टीवी धारावाहिकों में राम और कृष्ण की भूमिका निभाने वाले प्रमुख कलाकार अरुण गोविल और नीतीश भारद्धाज ने समकालीन जीवन में इन दोनों पात्रों की प्रासंगिकता पर विस्तार से विचार रखे।

अदाणी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव के समारोह में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भारत नॉलेज ग्राफ निर्माण के लिए एक ऐतिहासिक प्रतिबद्धता की घोषणा की, उन्होनें कहा, “एक शुरुआत के तौर पर मैं भारत नॉलेज ग्राफ के निर्माण और इस इंडोलॉजी मिशन में योगदान देने वाले विद्वानों और तकनीकी विशेषज्ञों के समर्थन के लिए 100 करोड़ रुपये के संस्थापक योगदान की घोषणा करते हुए विनम्र महसूस कर रहा हूँ। यह एक सभ्यतागत ऋण की अदायगी है।”

इस सत्र में भाग लेते हुए मेरठ से सांसद और रामायण में ‘राम’ की भूमिका निभा चुके अरुण गोविल ने कहा कि राम केवल एक धार्मिक पात्र नहीं बल्कि “मूर्तिमंत्र” हैं एक ऐसा आदर्श जो व्यक्ति और समाज दोनों को मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि रामायण केवल धर्मग्रंथ नहीं बल्कि पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों का विस्तृत तानाबाना है, जो हर युग में प्रासंगिक रहता है। गोविल ने बताया कि राम का जीवन इसलिए प्रेरक है क्योंकि उन्होंने पुत्रधर्म और राजधर्म दोनों को समान संतुलन के साथ निभाया। उनके अनुसार, राम नैतिकता, मानवीय मूल्यों और सकारात्मकता के प्रतीक हैं और उनकी जीवन यात्रा अपने-आप में एक शिक्षावली सूत्र है।

महाभारत में ‘कृष्ण’ का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्धाज ने कहा कि कृष्ण ने त्रेता युग में स्थापित राम के आदर्शों को द्वापर युग में आगे बढ़ाया और उन्हें व्यावहारिक धरातल पर लागू किया। उन्होंने कहा, “सनातन हिंदू सभ्यता को विकसित करना ही धर्म है। कृष्ण ने परिवार, समाज और राष्ट्र के हित में निर्णय लेकर धर्म के व्यावहारिक स्वरूप को स्थापित किया।” भारद्धाज ने स्पष्ट किया कि राम और कृष्ण का चरित्र केवल पौराणिक संदर्भों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और परिवार के कल्याण के लिए समयानुसार उचित निर्णय लेने की प्रेरणा देता है।

गया के संग्रहालय में विश्व विरासत सप्ताह के अवसर पर मगध क्षेत्र के पुरातात्विक धरोहर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

गया: कला संस्कृति एवं युवा विभाग के बिहार विरासत विकास समिति एवं गयाजी संग्रहालय गया के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को विश्व विरासत सप्ताह के अवसर पर मगध क्षेत्र के पुरातात्विक धरोहर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी गया संग्रहालय के सभागार में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में रजिस्ट्रार मगध विश्वविद्यालय बोधगया के डॉक्टर विनोद कुमार मंगलम रहे. मुख्य विशेषज्ञ के रूप में इतिहास विभाग मगध विश्वविद्यालय प्रोफेसर मनीष सिंह एवं कन्वीनर इंटक डॉक्टर अलका मिश्रा, विभाग अध्यक्ष प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग मगध विश्वविद्यालय डॉक्टर कुणाल किशोर, विभाग अध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास एवं एशियाई अध्ययन विभाग गया कॉलेज डॉक्टर चंद्र प्रकाश, प्राध्यापक प्राचीन भारतीय एशिया एवं अध्ययन विभाग मगध विश्वविद्यालय रहे. इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विरासत के महत्व एवं गया क्षेत्र के मगध क्षेत्र के पुरातात्विक इतिहास पर प्रकाश डाला तथा बच्चों को इसके प्रति जागरूक किया. उन्होंने बच्चों को कहा कि धरोहर को संजना ही इतिहास के प्रति देश के प्रति सच्ची श्रद्धा होगी.

प्रोफेसर मनीष सिंह ने बोधगया परिक्षेत्र के पुरातात्विक इतिहास की यात्रा को विस्तार से विद्यार्थियों को बताया डॉक्टर अलका मिश्रा ने संग्रहालय के महत्व एवं मगध के विविध संग्रहालय में स्थित पूरा वस्तुओं का इतिहास व्याख्याित किया डॉ चंद्र प्रकाश ने प्रशासनिक एवं सामाजिक दोनों स्तर पर विरासत को सहेजने के प्रयासों को रेखांकित किया डॉक्टर कुणाल किशोर ने इस तरह के विविध आयोजनों की माध्यम से किया जा रहे कार्यों की प्रशंसा की एवं मगध के क्षेत्र पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा कई पूरा स्थलों के उत्खनन एवं अन्वेषण की अनुरोध किया और उसकी जरूरत पर प्रकाश डाला अतिथियों का स्वागत संग्रहालय के संग्रहालय अध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार यादव ने किया मंच संचालन एवं कार्यक्रम समन्वय बिहार विरासत विकास समिति के समन्वयक डॉक्टर अमित रंजन कार्यक्रम का समन्वय एवं मंच संचालन किया।

बोधगया विधानसभा क्षेत्र के संडेश्वर स्थान स्थित शिव मंदिर मैदान में एक भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन

गया: बोधगया विधानसभा क्षेत्र के संडेश्वर स्थान स्थित शिव मंदिर मैदान में रविवार को एक भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बोधगया विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार निर्वाचित विधायक कुमार सर्वजीत के सम्मान में आयोजित किया गया था। अपनी हैट्रिक जीत और विपक्षी दल के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्ति के बाद पहली बार क्षेत्र में पहुंचे विधायक का जोरदार स्वागत किया गया।

समारोह में पहुँचने से पहले विधायक कुमार सर्वजीत ने संडेश्वर धाम में भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए और पूजा-अर्चना कर क्षेत्र और पूरे प्रदेश की उन्नति, खुशहाली और सुख-शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि संडेश्वर स्थान आकर उन्हें हमेशा ही आध्यात्मिक ऊर्जा और जनता की सेवा का नया संकल्प मिलता है।

नागरिक अभिनंदन समारोह में बोधगया विधानसभा क्षेत्र के महागठबंधन दलों के कई प्रमुख नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, युवा साथी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। सभी ने विधायक का माला, अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल पर उत्सव जैसा माहौल था और भारी जनसमूह उपस्थित था।

सभा को संबोधित करते हुए विधायक कुमार सर्वजीत ने जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी यह जीत केवल एक चुनावी परिणाम नहीं, बल्कि बोधगया की जनता का उनके प्रति विश्वास और प्रेम है। उन्होंने कहा, “विकास ही मेरा कर्म और धर्म है। जब तक मैं ज‍िंदा हूँ, बोधगया विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों का परचम लहराता रहेगा। जनता की सेवा ही मेरा सबसे बड़ा दायित्व और संकल्प है।”

उन्होंने सभी जाति और धर्मों के लोगों से आपसी एकता, सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने की अपील की। विधायक ने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, रोजगार और पर्यटन के क्षेत्रों में तेज गति से विकास कार्य जारी रहेंगे।

कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने विधायक के नेतृत्व और कार्यशैली की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में बोधगया विधानसभा और भी विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।

महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर ने गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक निरीक्षण किया, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का निर्देश

गया: महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त हाजीपुर अमरेश कुमार ने रविवार को आज गया आरपीएफ पोस्ट का आकस्मिक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पोस्ट की समग्र कार्यप्रणाली, तैनात बल की स्थिति तथा ड्यूटी डिप्लायमेंट का विस्तृत आकलन किया। उन्होंने बल के अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। निरीक्षण के क्रम में महानिरीक्षक ने सबसे पहले पोस्ट की दैनिक गतिविधियों एवं ड्यूटी रजिस्टर की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। बढ़ती भीड़ और यात्रा सीजन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने बल को रेलवे परिसर में गश्त और निगरानी बढ़ाने तथा हर संदिग्ध गतिविधि पर तत्परता से प्रतिक्रिया देने के निर्देश दिए।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त जवानों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। विशेषकर लौटती भीड़ में महिलाओं और बुजुर्गों की सहायता हेतु “मेरी सहेली टीम” को 24 घंटे सक्रिय रहने को कहा गया। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रियल-टाइम मॉनिटरिंग को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

महानिरीक्षक ने सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक उपकरणों और संसाधनों के उपयोग पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने बताया कि बदलते समय में तकनीकी सहायता के बिना बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं है। इसलिए ट्रेन तथा स्टेशन परिसर में अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग बढ़ाया जाए। इसके अतिरिक्त, स्थानीय प्रशासन एवं जीआरपी के साथ सामंजस्य स्थापित कर संयुक्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही।

निरीक्षण के अंत में महानिरीक्षक ने आरपीएफ जवानों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें अपने दायित्वों के प्रति सजग, अनुशासित और हर परिस्थिति में तत्पर रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इसके लिए समर्पण एवं सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।