मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के हस्तक्षेप के बाद ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 प्रवासी कामगारों की वापसी सुनिश्चित; ₹30 लाख का बकाया वेतन भुगतान
रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के त्वरित हस्तक्षेप के बाद अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 प्रवासी कामगारों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित हो गई है। इसके साथ ही, उनके बकाया पारिश्रमिक का भुगतान भी शुरू कर दिया गया है।
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कंपनी ने कराई हवाई टिकट की व्यवस्था
लार्सेन एंड टुब्रो लिमिटेड (Larsen & Toubro Ltd.) द्वारा अब तक कामगारों को 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। कंपनी ने इन सभी कामगारों की वापसी के लिए हवाई टिकटों की व्यवस्था भी कर दी है। ये सभी कामगार 4, 5 और 6 नवंबर को ट्यूनीशिया से भारत के लिए रवाना होंगे।
कैसे सामने आया मामला?
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को इन कामगारों के फंसे होने की जानकारी ट्विटर के माध्यम से प्राप्त हुई थी। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के अधीन कार्यरत राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को त्वरित कार्रवाई हेतु भेजा था।
प्रवासी कामगारों का विवरण:
ये सभी 48 कामगार झारखंड के तीन जिलों के निवासी हैं:
- हजारीबाग: 19 कामगार
- गिरिडीह: 14 कामगार
- बोकारो: 15 कामगार
इन्हें पीसीएल प्रेम पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (PCL Prem Power Construction Ltd.) नामक कंपनी में काम करने के लिए भेजा गया था, जहाँ पिछले तीन महीनों से वेतन न मिलने के कारण वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे।
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने तत्काल संज्ञान लेते हुए भारत सरकार और संबंधित कंपनी के सहयोग से इनकी वापसी और बकाया भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित कराई। सरकार की यह पहल प्रवासी कामगारों के हितों के प्रति उसकी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है।







Nov 03 2025, 20:18
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