आदिवासी विरोधी कारनामों से भरा पड़ा है हेमंत सरकार का कार्यकाल.....आरती कुजूर
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष आरती कुजूर ने आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता कर हेमंत सरकार पर बड़ा निशाना साधा।
उन्होंने राज्य की ठगबंधन सरकार को घोर आदिवासी विरोधी बताया।
कहा कि झारखंड में पिछले 6 वर्षों से चल रही हेमंत सरकार पार्ट 1 और पार्ट 2 दोनों के कारनामों को जब हम देखते हैं तो इससे स्पष्ट होता है कि यह सरकार कहीं से भी आदिवासी समाज की हितैषी सरकार नहीं है।
कहा कि यह कहने को केवल अबुआ सरकार है लेकिन एक भी उदाहरण इस सरकार में नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि इस सरकार में राज्य के आदिवासी,मूलवासी भाई बहनों के हित में काम हो रहा हो।उल्टे हम देख रहे हैं कि आए दिन राज्य के आदिवासी समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है।
कहा कि विगत 25 अक्टूबर को चाईबासा सदर अस्पताल में थैलीसीमिया का इलाज करा रहे 5 आदिवासी बच्चों को सदर अस्पताल में एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला उजागर हुआ।अब इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि यह सरकार आदिवासी समाज के परिवार उनके बच्चों की कितनी चिंता कर रही है। यह पूरी तरह से इलाज के नाम पर मौत परोसने वाली हृदय विदारक घटना है।
कहा कि इससे भी दुखद यह है कि राज्य सरकार चंद लोगों को निलंबित करके इसे रफ़ा दफा कर देना चाहती है।स्वास्थ्य मंत्री विपक्ष और भाजपा पर राजनीतिक टिप्पणी कर गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे।संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। और आदिवासी समाज का अगुआ बताने वाले मुख्यमंत्री मौन साधे बैठे हैं।
कहा कि इससे इस सरकार की आदिवासी समाज के प्रति क्या नजरिया है यह उजागर होता है।
कहा कि हेमंत सरकार आदिवासी विरोधी कारनामों से भरी पड़ी है।
उन्होंने कई उदाहरण देते हुए कहा कि विगत दिनों संथाल परगना क्षेत्र में सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की हत्या फर्जी इनकाउंटर दिखाकर कर दिया गया।इसके पहले भी कई आदिवासी समाज के उभरते युवाओं की हत्या हेमंत सरकार में हुई है। जिसमें सुभाष मुंडा, उमेश कच्छप आदि के नाम शामिल हैं।
कहा कि इस सरकार की शुरुआत ही आदिवासी समाज के लोगों की हत्या से हुई है। वर्ष 2020 की जनवरी में चाईबासा में ही 7 आदिवासी समाज के लोगों की गर्दन काटकर नृशंस हत्या कर दी गई थी।
कहा कि झारखंड की अस्मिता ,जल जंगल जमीन केलिए संघर्ष करते हुए बलिदान करने वाले योद्धा वीर सिदो कान्हो के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या हेमंत सरकार में हुई।
कहा कि इसी वर्ष हूल दिवस के दिन सिदो कान्हो के वंशजों को भोगनाडीह में उनके बलिदान स्थल पर श्रद्धांजलि देने,नमन करने से रोका गया। लाठियां बरसाई गई।
कहा कि इधर आदिवासी समाज की जमीन सरकार द्वारा और सरकार के संरक्षण में माफियाओं, दलाल बिचौलियों, घुसपैठियों द्वारा लूटी जा रही।नगड़ी में रिम्स 2 बनाने के नाम पर रैयतों के भारी विरोध के बावजूद राज्य सरकार जमीन को लूट रही है।संथाल परगना में घुसपैठिए आदिवासी समाज के लोगों की जमीन पर अवैध कब्जा कर रहे। न्यायालय से आदेश लेकर आने के बाद भी घुसपैठियों के कब्जे से आदिवासी जमीन की वापसी हेमंत सरकार नहीं करा पा रही। इसे केवल वोट बैंक की चिंता है।
कहा कि आदिवासी समाज की बहन बेटियां हेमंत सरकार में सबसे ज्यादा पीड़ित और असुरक्षित हैं।इसी सरकार में रुबिका पहाड़िया को 52 टुकड़ों में काटा गया। आदिवासी समाज की होनहार बेटी दारोगा रूपा तिर्की की हत्या हुई।रांची में गो तस्करों के द्वारा महिला एसआई संध्या टोपनो की वाहन से कुचलकर हत्या की गई।आदिवासी समाज की एक बेटी को दुष्कर्म के बाद पेड़ से लटकाया गया।
चलती कार में,गेस्ट हाउस में दुष्कर्म की घटनाएं हेमंत सरकार की देन है।
कहा कि अभी चाईबासा में नो इंट्री को लेकर जो आंदोलन हो रहे उसमें वाहनों की चपेट में 100 से ज्यादा मौत आदिवासी समाज के लोगों की हुई है।इस सरकार की मानसिकता इतनी आदिवासी विरोधी है कि एक समाज के अगुआ और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सहित समाज के विभिन्न गणमान्य प्रतिनिधियों को राज्य का एक जिलाधिकारी अपने चैंबर में अपमानित करता है। यह आदिवासी समाज का घोर अपमान है।
कहा कि आज आदिवासी समाज से आने वाले गरीबों के अनाज की लूट हो रही। वृद्धा पेंशन,विधवा पेंशन , दिव्यांग पेंशन सभी महीनों से बंद हैं। बच्चों को छात्रवृति नहीं मिल रही। आदिवासी समाज के युवाओं ,बेरोजगारों को टेंडर , सरकारी कार्यों में प्राथमिकता मिले इस दिशा में कोई सार्थक पहल राज्य सरकार नहीं कर रही।पेसा कानून को हेमंत सरकार लागू नहीं करके आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों का गला घोंट रही है।
कहा कि मोदी सरकार द्वारा आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास केलिए घोषित पीएम जन मन योजना का कार्य ठंडे बस्ते में है।
जमीन का पट्टा दिलाने, लूटे गए जमीन को वापस दिलाने,लव जिहाद के नाम पर छीनी जा रही जमीन को बचाने ,धर्मांतरण पर रोक लगाने की दिशा में हेमंत सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।जिससे स्पष्ट है कि हेमंत सरकार अबुआ सरकार नहीं बल्कि आदिवासी विरोधी सरकार है।
कहा कि भाजपा आदिवासी समाज के हितों की लगातार चिंता करती है। एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने के मामले को भाजपा एक गंभीर अपराध मानती है।यह एक प्रकार से राज्य संपोषित हत्या का प्रयास है। भाजपा जनता के बीच जाकर इस घटना के खिलाफ आंदोलन करेगी।
उन्होंने कहा कि आगामी 3 नवंबर को भाजपा के कार्यकर्ता सभी जिलों में जिला अस्पताल सिविल सर्जन ऑफिस पर धरना देंगे। स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी और दोषियों को कठोर सजा दिलाने की मांग करेंगे
Oct 31 2025, 10:09
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