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इंडिका ईज़ी ने गणेश चतुर्थी के पंडाल एक्टिवेशन्स के दौरान महाराष्ट्र भर में हज़ारों भक्तों को साथ जोड़ा

ब्रांड ने राज्य के प्रतिष्ठित गणेश चतुर्थी पंडालों को रंग, आत्मविश्वास और उत्सव का केंद्र बना दिया, जहाँ भक्तों को पहली बार मिला निःशुल्क हेयर कलरिंग का अनोखा अनुभव

पुणे/ लखनऊ ।महाराष्ट्र का सबसे बड़ा त्योहार इस वर्ष अपनी भव्यता के साथ लौटा और इस मौके पर कैविनकेयर के घराने से भारत का नं.1 शैम्पू हेयर कलर ब्रांड (स्रोत: नीलसनआईक्यू रिटेल मेज़रमेंट रिपोर्ट, एमएटी जुलाई 25) इंडिका ईज़ी, सीधे जश्न के बीचोंबीच पहुंचा। राज्य के प्रतिष्ठित गणपति पंडालों में किए गए बड़े स्तर के एक्टिवेशन्स के जरिए ब्रांड ने उपभोक्ताओं से गहरा जुड़ाव बनाया। *इस दौरान इंडिका ईज़ी शैम्पू हेयर कलर के 60,000 से अधिक सैशे वितरित किए गए और 10 दिन के इस उत्सव में हज़ारों भक्तों से सीधा संवाद हुआ।*
पूणे में इस उत्सव पर दगडूशेठ हलवाई गणपति पंडाल में भक्तों को दर्शन के साथ ‘इंडिका ईज़ी हेयर कलर सैलून का खास अनुभव भी मिला। *28 अगस्त 2025 को शुरू हुआ यह 10-दिवसीय एक्टिवेशन उत्सव* का प्रमुख आकर्षण बन गया। इसमें हज़ारों भक्त शामिल हुए और *250 से अधिक उपभोक्ताओं ने लाइव हेयर कलरिंग अनुभव का आनंद लिया।* यहाँ लोगों ने स्वयं देखा कि कैसे इंडिका ईज़ी सिर्फ 10 मिनट में गहरा, नैचुरल लुकिंग कलर देता है और बालों को आसानी व आत्मविश्वास से बदल देता है। इसके अलावा, ब्रांड ने 20,000 से अधिक निःशुल्क सैशे भी वितरित किए ताकि उपभोक्ता घर पर भी इस आसान हेयर कलरिंग समाधान का लाभ उठा सकें और परंपरा को आधुनिक आत्म-अभिव्यक्ति के साथ जोड़ सकें।
बिकरदास मारुति चौक, मेन बाजीराव रोड पर हुए एक्टिवेशन ने पूणे में ब्रांड की मौजूदगी को और मजबूत किया। वहीं नागपुर और नासिक में भी जोश देखने को मिला, जहाँ नागपुर के भेंडे लेआउट स्थित आदियोगी पंडाल और नासिक के अशोक स्तंभ स्थित मनाचा राजा में स्टॉल्स लगाए गए। यहाँ पर 40,000 सैशे वितरित किए गए और भीड़ ने पूरे उत्साह से भाग लिया। मुंबई में, ‘मुंबई सेंट्रल चा राजा’ पंडाल पर इंडिका ईज़ी की दमदार ब्रांडिंग ने हज़ारों भक्तों का ध्यान खींचा और एक गहरी छाप छोड़ी। कुल मिलाकर, इस एक्टिवेशन सीरीज़ ने महाराष्ट्र भर के हज़ारों भक्तों को आकर्षित किया। हर इंटरैक्शन सिर्फ सैंपलिंग नहीं था, बल्कि यह परंपरा और आधुनिक आत्मविश्वास को मिलाने का एक निमंत्रण था, जिसने हेयर कलरिंग को त्योहार का एक आनंदमय और यादगार हिस्सा बना दिया।
*इस पहल की सफलता पर कैविनकेयर के पर्सनल केयर डिवीज़न के बिज़नेस हेड, श्री रजत नंदा ने कहा:* “गणेश चतुर्थी ने हमें उपभोक्ताओं से पहले कभी न किए गए स्तर पर जुड़ने का अवसर दिया। हमें खुशी है कि हमने महाराष्ट्र भर में  हज़ारों लोगों से जुड़कर इस कैंपेन के दौरान 60,000 से अधिक सैशे वितरित किए। उपभोक्ताओं की जबरदस्त प्रतिक्रिया इस बात को दोहराती है कि इंडिका ईज़ी की मूल पेशकश – सुविधा, किफ़ायत और गुणवत्ता – आज के उपभोक्ताओं के साथ गहराई से जुड़ती है। आत्मविश्वास महसूस करने के लिए सिर्फ 10 मिनट ही काफी हैं, और यह संदेश इस त्योहार के मौसम में हज़ारों घरों तक पहुँचा।”
इंडिका ईज़ी की पकड़ शैम्पू हेयर कलर कैटेगरी में निर्विवाद है। नीलसन के आँकड़े बताते हैं कि ब्रांड 39.3% वैल्यू मार्केट शेयर के साथ अग्रणी है, जो इसके सबसे नज़दीकी प्रतिद्वंद्वी (21%) से लगभग दोगुना है (12 महीने की अवधि में)। यह नेतृत्व और त्योहारों में किए गए एक्टिवेशन्स मिलकर इंडिका ईज़ी को उन महिलाओं की पसंदीदा ब्रांड बनाते हैं जो भरोसेमंद, तेज़ और किफ़ायती हेयर कलर समाधान चाहती हैं।
ब्रांड उपभोक्ताओं तक बेजोड़ पहुँच बनाए रखता है। यह चार शेड्स – नैचुरल ब्लैक, डार्क ब्राउन, बरगंडी और नैचुरल ब्राउन – केवल ₹10, ₹15 और ₹30 की किफ़ायती कीमतों पर उपलब्ध कराता है। त्योहार के मौसम में आकर्षण बढ़ाने के लिए, ब्रांड ने नैचुरल ब्राउन और बरगंडी शेड्स सिर्फ ₹10 में लॉन्च किए हैं।
परंपरा की खुशी और आधुनिक सौंदर्य की सुविधा को मिलाकर, इंडिका ईज़ी ने गणेश चतुर्थी पंडालों को ऐसे स्थलों में बदल दिया जहाँ संस्कृति और आत्मविश्वास एकसाथ आए। लाखों सैशे बाँटकर और अनगिनत मुस्कानें बिखेरकर ब्रांड ने साबित कर दिया कि सिर्फ 10 मिनट में उत्सव की तैयारी कहीं भी, कभी भी पूरी हो सकती है।
इंडिका के बारे में:
ब्रांड इंडिका की यात्रा 1995 में इंडिका हर्बल हेयर के लॉन्च के साथ शुरू हुई। 2009 में, उपभोक्ता इनसाइट और 10 मिनट की इनोवेशन के साथ प्रोडक्ट को पुनः लॉन्च किया गया और इंडिका 10 मिनट्स हेयर कलर की शुरुआत हुई। 2015 में, ब्रांड ने इंडिका ईज़ी शैम्पू हेयर कलर लॉन्च किया, जो आज देश का नं.1 शैम्पू हेयर कलर ब्रांड है (स्रोत: नीलसनआईक्यू रिटेल मेज़रमेंट रिपोर्ट, एमएटी जुलाई 25)।
एमेज़ॉन इंडिया ने आर्मी वैलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गेनाईज़ेशन के साथ एमओयू पर दस्तखत किए

पूर्व सैनिकों, सैनिकों के जीवनसाथियों और सैन्य विधवाओं को मिलेंगे करियर के अवसर

दिल्ली/लखनऊ आज एमेज़ॉन इंडिया और भारतीय सेना के अंतर्गत स्थापित प्रतिष्ठान, *आर्मी वैलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गेनाईज़ेशन* के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू का उद्देश्य पूर्व सैनिकों, सैनिकों के जीवनसाथियों और युद्ध में अपने पतियों को खोने वाली सैन्य विधवाओं के लिए कंपनी में करियर के अवसर प्रदान करना है। इस गठबंधन से सैनिकों और उनके जीवनसाथियों के असाधारण कौशल को अवसर प्रदान करने की एमेज़ॉन की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। कंपनी नियुक्ति के अनुकूलित तरीकों, प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों की मदद से उन्हें नागरिक जीवन में शामिल होने में मदद करना चाहती है।
इस समझौते के अंतर्गत एमेज़ॉन इंडिया द्वारा एडब्लूपीओ के साथ मिलिटरी समुदाय के तीन स्तंभों- पूर्व सैनिकों, सैनिकों के जीवनसाथियों और युद्ध के दौरान हुई सैन्य विधवाओं पर केंद्रित होकर संबंधित नौकरियों और नियुक्तियों का विवरण साझा किया जाएगा, ताकि उन्हें रोजगार का अवसर मिल सके। एमेज़ॉन द्वारा वेबिनार और वर्कशॉप्स के साथ जागरुकता सत्र आयोजित किए जाएँगे। इस दौरान, आवेदकों को कंपनी में उपलब्ध नौकरियों और करियर को आगे बढ़ाने के अवसरों के बारे में बताया जाएगा।
*दीप्ति वर्मा, वीपी- पीपुल एक्सपीरियंस एंड टेक्नोलॉजी, एमेज़ॉन स्टोर्स इंडिया, जापान, एवं इमर्जिंग मार्केट्स, ने कहा,* “एमेज़ॉन में हम विविधतापूर्व कार्यबल और एक समावेशी कार्यस्थल स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम जानते हैं कि पूर्व सैनिकों और उनके जीवनसाथियों में नेतृत्व के गुण होते हैं। वे एक्शन और ऑनरशिप के साथ परिणाम प्रदान करने पर केंद्रित रहते हैं, जिससे संस्थान में परिचालन उत्कृष्टता प्रखर रहती है, मिशन पर फोकस बना रहता है, और नेतृत्व के गुण प्राप्त होते हैं। यह एमेज़ॉन की संस्कृति के अनुरूप है। आर्मी वैलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गेनाईज़ेशन के साथ यह साझेदारी पूर्व सैनिकों, सैनिकों के जीवनसाथियों और सैन्य विधवाओं को सहयोग प्रदान करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उन्हें करियर के सार्थक अवसर उपलब्ध होंगे, जो उनके कौशल और अनुभव के अनुरूप होंगे। हम इस रणनीतिक साझेदारी के लिए भारतीय सेना के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं।“
एमेज़ॉन द्वारा यह सहयोग पूरे विश्व में मिलिटरी स्पाउज़ फैलोशिप प्रोग्राम और मिलिटरी हायरिंग प्रोग्राम जैसे अभियानों द्वारा सैन्य परिवारों की सहायता करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप किया गया है। इसके अंतर्गत पूर्व सैनिकों और उनके जीवनसाथियों को करियर के अवसर और मेंटरशिप प्रदान किए जाते हैं।
इस एमओयू के बारे में बात करते हुए, मेजर जनरल अजय सिंह चौहान, शौर्य चक्र, सेना मेडल (रिटायर्ड), मैनेजिंग डायरेक्टर, आर्मी वैलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गेनाईज़ेशन, ने कहा, “एडब्लूपीओ सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित है। एमेज़ॉन इंडिया के साथ हमारा सहयोग सैनिकों, उनके जीवनसाथियों और युद्ध विधवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के हमारे मिशन को मजबूती प्रदान करेगा। ये सभी कार्यबल में असाधारण दृढ़ता के साथ विभिन्न कौशल पेश करते हैं। यह साझेदारी उन्हें आगे बढ़ने तथा कॉर्पोरेट पदों पर काम करने का मार्ग प्रदान करेगी, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे और उनके कल्याण में वृद्धि होगी। हम सैनिकों, उनके जीवनसाथियों और सैन्य विधवाओं को कंपनी में शामिल करने और उनके बहुमूल्य कौशल को पहचान देने के लिए एमेज़ॉन की सराहना करते हैं।“
भारत में एमेज़ॉन में सैकड़ों पूर्वसैनिक कार्यबल में शामिल होकर काम कर रहे हैं। कंपनी उन्हें करियर में सपोर्ट प्रदान करती है। उन्हें इंटरव्यू की तैयारी कराई जाती है। मेंटरशिप के नेटवर्क जैसे ‘वॉरियर्स एट एमेज़ॉन’ द्वारा सहयोग दिया जाता है तथा करियर में विकास के अवसर प्रदान किए जाते हैं, जो खास तौर से सैन्य परिवारों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
इस अभियान से एक समावेशी कार्यस्थल का निर्माण करने की एमेज़ॉन की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है, जिसके अंतर्गत महिलाओं, विकलांगों, एलजीबीटीक्यूआईए+, पूर्व सैनिकों और सैनिकों के जीवनसाथियों एवं सैन्य विधवाओं को विस्तृत अवसर प्रदान किए जाते हैं। यह एमओयू भिन्न-भिन्न तरह के काम करने वाले एमेज़ॉन के व्यापक नेटवर्क में विभिन्न प्रतिभाओं को शामिल करने की ओर एक और कदम है।
एमेज़ॉन में काम करने के अपने 8 सालों के अनुभव के बारे में बात करते हुए, सैनिक-पत्नी, प्रियंका बाली, सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर, एमेज़ॉन डिवाइसेज़, ने कहा, “एक सैनिक की पत्नी होने की अनोखी चुनौतियाँ होती हैं, खासकर तब, जब अलग-अलग जगह जाकर रहना पड़े और उसके साथ अपने करियर को भी आगे बढ़ाना हो। एमेज़ॉन में लचीलेपन और सहयोग से मुझे सैन्य सेवा के प्रति अपने परिवार की प्रतिबद्धताओं का सम्मान करते हुए एक स्थिर और संतुष्टिदायक करियर बनाने में मदद मिली। मैं एक ऐसी कंपनी का हिस्सा बनकर सशक्त महसूस करती हूँ, जो सैन्य परिवार के मूल्यों को समझती है।“
आईआईटी रूड़की दीक्षांत समारोह 2025 में 178 वर्षों की विरासत एवं शैक्षणिक उत्कृष्टता का उत्सव मनाया जाएगा

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।

इस वर्ष के दीक्षांत समारोह में 1,267 स्नातक, 847 स्नातकोत्तर एवं 500 पीएचडी सहित कुल 2,614 उपाधियाँ प्रदान की गईं।

स्नातक वर्ग में 23% महिला प्रतिनिधित्व एंव महिला पीएचडी स्कॉलरों की संख्या में तीव्र वृद्धि के साथ, जो 2023 में 57 से बढ़कर 2025 में 178 हो गई है, आईआईटी रुड़की लैंगिक विविधता एवं समावेशन में अग्रणी बना हुआ है।

चंडीगढ़, सितंबर 2025 : अपनी 178 साल की विरासत में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि को चिह्नित करते हुए, 1847 में स्थापित एशिया के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज व भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने अपना दीक्षांत समारोह 2025 मनाया, जिसमें 2,614 छात्रों (2012 पुरुष एवं 602 महिला) को उपाधि प्रदान की गई।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आदरणीय डॉ. जितेंद्र सिंह, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), भू - विज्ञान मंत्रालय; प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय; राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग; राज्य मंत्री, अंतरिक्ष विभाग, उपस्थित रहे। उनके साथ शामिल होकर, प्रो. (डॉ.) निर्मलजीत सिंह कलसी, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व अध्यक्ष एनसीवीईटी, भारत सरकार, पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंजाब, इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। अभिशासक परिषद के अध्यक्ष डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव, श्री पंकज अग्रवाल ने कार्यक्रम के दूसरे सत्र के दौरान हुए पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, निदेशक के.के.पंत, आईआईटी रुड़की ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें संस्थान की उत्कृष्ट उपलब्धियों और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाया गया।

स्नातक छात्रों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए, श्री वंश सैनी को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। यूजी छात्रों में, श्री हार्दिक साहनी को उनके उत्कृष्ट सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए निदेशक स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

स्नातक वर्ग में शामिल हैं:

स्नातक छात्र - 1267

प्रौद्योगिकी स्नातक - 1094

एकीकृत विज्ञान स्नातकोत्तर - 75

एकीकृत प्रौद्योगिकी स्नातकोत्तर - 53

वास्तुकला स्नातक - 36

विज्ञान स्नातक - 09

स्नातकोत्तर छात्र - 847

प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर - 536

विज्ञान में स्नातकोत्तर - 159

व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर - 80

व्यवसाय प्रशासन में कार्यकारी स्नातकोत्तर - 27

डिज़ाइन में स्नातकोत्तर (औद्योगिक डिज़ाइन) - 19

शहरी एवं ग्रामीण नियोजन में स्नातकोत्तर - 13

वास्तुकला में स्नातकोत्तर - 12

पेयजल एवं स्वच्छता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा - 01

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी के छात्र - 500

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी - 496

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (संयुक्त उपाधि) - 01

डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (दोहरी उपाधि (एम.टेक. + पीएच.डी.) कार्यक्रम) - 02

डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (संयुक्त उपाधि व दोहरी उपाधि (एम.टेक. + पीएच.डी.) कार्यक्रम) - 01

आईआईटी रुड़की के सभी कार्यक्रमों में महिला स्नातकों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। यह उल्लेखनीय है कि संस्थान के डॉक्टरेट कार्यक्रमों में शोध एवं डॉक्टरेट अध्ययन में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष कुल 178 महिला शोधार्थी स्नातक हुईं, जबकि 2024 में यह संख्या 146 और 2023 में 57 थी। कुल मिलाकर, 2025 के स्नातक वर्ग में 23% महिला प्रतिनिधित्व संस्थान के लैंगिक विविधता एवं समावेशिता पर केंद्रित होने को दर्शाता है।

इस भव्य समारोह में स्नातक वर्ग का स्वागत करते हुए, आईआईटी रुड़की अभिशासक परिषद के अध्यक्ष, श्री बी.वी.आर. मोहन रेड्डी ने कहा, "दीक्षांत समारोह गर्व एवं जिम्मेदारी का क्षण होता है। आईआईटी रुड़की को ऐसे नवाचारों का निर्माण करके आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाना चाहिए जो किफायती, मापनीय एवं प्रभावशाली हों। मैं, अपने स्नातकों से आग्रह करता हूँ कि वे बड़े सपने देखें, निडर होकर नवाचार करें व उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व करें क्योंकि हम विकसित की ओर बढ़ रहे हैं।"

आईआईटी रुड़की की 178 वर्षों से अधिक की समृद्ध विरासत है, जो अपने स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डॉक्टरेट कार्यक्रमों के लिए देश-विदेश से प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करती है।

दीक्षांत समारोह की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए, प्रो. के.के. पंत ने क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 339 और लगातार चौथे वर्ष वास्तुकला एवं नियोजन में शीर्ष एनआईआरएफ रैंक के साथ आईआईटी रुड़की की वैश्विक प्रतिष्ठा एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। वर्ष के दौरान, संस्थान ने 146 पेटेंट दायर किए, अनुसंधान निधि में ₹399 करोड़ प्राप्त किए, व क्वांटम प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा एवं हाइड्रोजन, रक्षा, संसाधन प्रबंधन व स्थिरता में परियोजनाएँ शुरू कीं। 

इस वर्ष एक प्रमुख उपलब्धि यह रही कि आईआईटी रुड़की को खान मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) के अंतर्गत उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के रूप में नामित किया गया। इस प्रकार, यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा, अर्धचालक, गतिशीलता, रक्षा एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास हेतु समर्पित प्रमुख संस्थानों के समूह में शामिल हो गया।

यह उत्कृष्टता केंद्र टिकाऊ, हरित दृष्टिकोणों का उपयोग करते हुए अयस्कों और ई-कचरे से महत्वपूर्ण खनिजों की पुनर्प्राप्ति पर ध्यान केंद्रित करेगा, एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने एवं आयात पर निर्भरता कम करने के लिए अंतःविषय विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा। संस्थान ने परमाणु अनुप्रयोगों, भू - विज्ञान, ढलान स्थिरता, हिमालयी स्थिरता, गंगा नदी अध्ययन एवं भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली में अनुसंधान को भी आगे बढ़ाया। इसने नवीनतम शैक्षिक प्रौद्योगिकी (शिक्षाशास्त्र में एआई) को लागू किया, पाठ्यक्रम को संशोधित किया और फ्लेक्सी क्रेडिट प्रणाली की शुरुआत की। ₹4,700 करोड़ से अधिक मूल्य के 180 से अधिक स्टार्ट-अप के साथ उद्यमिता फली-फूली, जबकि स्थानन में 1,100 नौकरियों के प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें 12 अंतर्राष्ट्रीय शामिल हैं। 178 महिलाओं के पीएचडी के साथ विविधता को बल मिला। गोल्डन गर्ल एवं सकुंतला फ़ेलोशिप द्वारा समर्थित, स्नातकों के लिए एक कार्यक्रम। पूर्व छात्रों ने ₹31 करोड़ का योगदान दिया, जबकि सामुदायिक आउटरीच, ग्रामीण विकास, उन्नत भारत अभियान, अनुश्रुति अकादमी एवं अस्मिता कौशल अकादमी जैसी पहलों ने आईआईटी रुड़की के सामाजिक प्रभाव को और मज़बूत किया।

मजबूत उद्योग संबंधों, प्रमुख समझौता ज्ञापनों एंव राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण अनुसंधान के साथ, प्रो. पंत ने विकसित भारत 2047 के साथ संरेखित एक स्थायी, समावेशी व नवाचार-संचालित भविष्य के लिए आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

दीक्षांत समारोह की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा, "दीक्षांत समारोह उपलब्धि एवं आकांक्षा, दोनों का उत्सव है। आईआईटी रुड़की में, हमारा मिशन विश्वस्तरीय शिक्षा व अनुसंधान प्रदान करना है और यह सुनिश्चित करना है कि नवाचार, स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा से लेकर महत्वपूर्ण खनिजों, रक्षा एवं आपदा प्रतिरोधक क्षमता तक, देश की रणनीतिक प्राथमिकताओं को सीधे संबोधित करे। मुझे अपने स्नातकों पर बहुत गर्व है, जो उत्कृष्टता की इस विरासत को आगे बढ़ाएँगे और 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाएँगे।"

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, मुख्य अतिथि डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "देश भर में 1.7 लाख स्टार्टअप्स में से लगभग 240 स्टार्टअप्स के साथ, आईआईटी रुड़की भारत के स्टार्टअप आंदोलन में एक बड़ा योगदान दे रहा है। आपके नौ उत्कृष्टता केंद्र, आपदा जोखिम, लचीलापन एवं स्थिरता के क्षेत्र में आपका अग्रणी कार्य, एवं वाइब्रेंट विलेज जैसी पहलों के माध्यम से स्थानीय समुदायों के साथ आपकी गहरी भागीदारी आपको एक शैक्षणिक संस्थान का सच्चा आदर्श बनाती है। हिमालय में स्थित होने के कारण, आपकी भूमिका न केवल आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण है, बल्कि उस समय भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जिसे मैं 'शांतिकाल' कहता हूँ, जहाँ आपके जैसे संस्थान राष्ट्र के लिए लचीलापन, स्थिरता एवं विकास का निर्माण करने में सहायता करते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "आज, जैसा कि निदेशक महोदय ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से बताया है, संस्थान को लगातार चौथे वर्ष भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा सर्वाधिक नवोन्मेषी संस्थान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, साथ ही स्टैम में महिलाओं की उत्कृष्टता के लिए कार्टियर अचीवर पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। कल शाम ही, राष्ट्रीय रैंकिंग में, आप छठे स्थान पर रहे। यह अपने आप में इस बात का पर्याप्त प्रमाण है कि इस संस्थान ने वर्षों से अपने मानकों को कितनी उल्लेखनीय निरंतरता के साथ बनाए रखा है।"

आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह 2025 में बोलते हुए, मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) निर्मलजीत सिंह कलसी, आईएएस (सेवानिवृत्त) ने अपने संस्थान में लौटने पर गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की अपनी 176 साल की विरासत के साथ अकादमिक उत्कृष्टता एवं राष्ट्रीय सेवा का प्रतीक बना हुआ है। उन्होंने कहा, "आज यहाँ खड़े होना मेरे लिए बेहद गर्व की बात है - न केवल एक पूर्व छात्र के रूप में, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसे भारत की शिक्षा व कौशल परिवर्तन में योगदान करने का सौभाग्य मिला है।" उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने में संस्थान की भूमिका की प्रशंसा की व नवोन्मेषकों और समस्या-समाधानकर्ताओं की पीढ़ियों को पोषित करने के लिए संकाय सदस्यों को धन्यवाद दिया।

स्नातक वर्ग को संबोधित करते हुए, प्रो. कलसी ने उनसे निरंतर सीखने, सत्यनिष्ठा एवं राष्ट्र निर्माण के मूल्यों को बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "आप केवल उपाधि प्राप्त नहीं कर रहे हैं - आपको एक ज़िम्मेदारी विरासत में प्राप्त हो रही है। विनम्रता, उद्देश्य व साहस के साथ आईआईटी रुड़की की विरासत को आगे बढ़ाएँ।" उन्होंने, छात्रों एवं उनके परिवारों को बधाई देते हुए, उन्हें भारत के साझा राष्ट्रीय दृष्टिकोण विकसित की याद दिलाई और उनसे एक मजबूत, आत्मनिर्भर एवं समावेशी भारत को आकार देने में चरित्र, जिज्ञासा व करुणा के साथ नेतृत्व करने का आह्वान किया।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि, सचिव श्री पंकज अग्रवाल ने स्नातकों को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, "सच्ची आत्मनिर्भरता दूसरों के औज़ारों को इकट्ठा करने से नहीं, बल्कि दुनिया का नेतृत्व करने वाले अपने स्वयं के नवाचारों को बनाने से आएगी। आज की दुनिया में, तकनीक, राष्ट्रीय शक्ति का एक रणनीतिक स्तंभ बन गई है। हमारे सामने चुनौती केवल 'भारत में निर्माण' की ही नहीं, बल्कि भारत में आविष्कार, डिज़ाइन एवं भारत से नेतृत्व करने की है। आप, आज के युवा नवप्रवर्तक, विकसित भारत 2047 के निर्माता हैं।"

2025 दीक्षांत समारोह के लिए स्वर्ण पदक विजेता

क्रम सं

पुरस्कार

छात्र का नाम 

1.

राष्ट्रपति स्वर्ण पदक

वंश सैनी

2.

निदेशक स्वर्ण पदक

हार्दिक साहनी

3.

भारत के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक

श्रेया मित्तल

4.

संस्थान रजत पदक

बालगा पवन साई

5.

संस्थान कांस्य पदक

अनवद्य खरे

पुरस्कार विजेताओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अनुलग्नक ए (दीक्षांत समारोह पुरस्कारों के लिए) व अनुलग्नक बी (शेष पुरस्कार) देखें।

आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह ने न केवल अपने स्नातकों की उपलब्धियों का उत्सव मनाया, बल्कि शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार को आगे बढ़ाने के प्रति संस्थान के समर्पण को भी पुष्ट किया। विविधता, स्थिरता और अत्याधुनिक अनुसंधान पर अपने दृढ़ संकल्प के साथ, आईआईटी रुड़की वैश्विक शैक्षणिक एवं तकनीकी परिदृश्य में प्रेरणा व नेतृत्व प्रदान करता रहा है। जैसे-जैसे स्नातक अपनी नई यात्रा पर निकल रहे हैं, वे अपने साथ आईआईटी रुड़की की उत्कृष्टता की विरासत लेकर चल रहे हैं, समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने और भविष्य की प्रगति को गति देने के लिए तैयार हैं।

आईआईटी रुड़की ने भी एमएसी ऑडिटोरियम में शिक्षक दिवस 2025 मनाया एवं पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर, संस्थान ने प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों को उत्कृष्ट शिक्षण एवं अनुसंधान पुरस्कार 2025, आजीवन शिक्षण उपलब्धि पुरस्कार, प्रो. बालकृष्ण उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार एवं उत्कृष्ट शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए रामकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया।

शिक्षक दिवस 2025 पर, आईआईटी रुड़की ने अपने संकाय सदस्यों को शिक्षण एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया। प्रोफ़ेसर स्पर्श मित्तल (ईसीई), प्रोफ़ेसर ए. स्वामीनाथन (गणित), एवं प्रोफ़ेसर जितिन सिंगला (जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी) को उत्कृष्ट शिक्षण पुरस्कार (स्नातक श्रेणी) प्रदान किया गया, जबकि प्रोफ़ेसर कीर्तिराज के. गायकवाड़ (कागज़ प्रौद्योगिकी) एवं प्रोफ़ेसर कृतिका कोठारी (डब्ल्यूआरडीएम) को स्नातकोत्तर श्रेणी में सम्मानित किया गया। प्रोफ़ेसर प्रवीण कुमार (जानपद अभियांत्रिकी) को आजीवन शिक्षण उपलब्धि पुरस्कार, प्रोफ़ेसर राम कृष्ण पांडे (गणित) को प्रोफ़ेसर बाल कृष्ण उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार एवं प्रोफ़ेसर गोपीनाथ पैकिरिसामी (जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी) को उत्कृष्ट शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए रामकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इन सम्मानों ने छात्रों की पीढ़ियों को आकार देने में आईआईटी रुड़की के संकाय की अमूल्य भूमिका को उजागर किया एवं संस्थान की शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं मार्गदर्शन की स्थायी संस्कृति की पुष्टि की।

प्योर ईवी ने मऊ में की एंट्री – ईवी क्रांति को दी नई रफ्तार

शोरूम में हाई-परफॉर्मेंस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और प्योरपावर उत्पादों की पूरी रेंज उपलब्ध, स्थायी गतिशीलता के लिए प्योर की प्रतिबद्धता को दर्शाता है

मऊ, सितंबर 2025 – भारत के प्रमुख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माताओं में से एक प्योर ईवी ने आज मऊ में अपने नवीनतम शोरूम के भव्य उद्घाटन की घोषणा की। यह रणनीतिक विस्तार प्योर की उत्तर भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह शोरूम एनएच 24, सिडिकेट बैंक के सामने, सहादतपुरा, मऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है, जहां ईप्लूटो 7जी मैक्स और ईट्रिस्ट एक्स जैसे लोकप्रिय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की संपूर्ण रेंज प्रदर्शित की जाएगी। प्योर ईवी की यह पहल मऊ के लोगों को एक बेहतर, पर्यावरण के अनुकूल और अत्याधुनिक राइडिंग अनुभव प्रदान करने के लिए है।

हमारे अत्याधुनिक स्कूटर्स और मोटरसाइकल्स के साथ, इस नए शोरूम में प्योरपावर – हमारी ऊर्जा भंडारण उत्पाद श्रृंखला – भी प्रदर्शित की जाएगी, जो घरों और व्यवसायों को स्वच्छ और भरोसेमंद ऊर्जा समाधान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है।

यह शोरूम लॉन्च प्योर ईवी की आक्रामक विस्तार रणनीति का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य भारत में अपनी पहुंच को तेजी से बढ़ाना और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को आम जनता के लिए सुलभ बनाना है। स्वदेशी अनुसंधान और निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्योर ईवी निरंतर नवाचार कर रहा है और ग्राहकों को सस्टेनेबल विकल्प अपनाने के लिए सशक्त बना रहा है।

यह विस्तार प्योर की उस व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत अगले 30 महीनों में 250 नए डीलरशिप्स खोले जाएंगे, जिससे इसका राष्ट्रीय नेटवर्क 320 से अधिक आउटलेट्स तक विस्तारित होगा। यह विकास लंबी दूरी के ईवी की बढ़ती मांग, अनुकूल सरकारी नीतियों और संस्थागत व बी2बी क्षेत्र में बढ़ती स्वीकृति से प्रेरित है।

मऊ में इस नए शोरूम की शुरुआत के साथ, प्योर ईवी भारत को स्वच्छ गतिशीलता और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अवधूत साठे ट्रेडिंग अकादमी: केवल शिक्षा और प्रशिक्षण पर हमारा ध्यान

जयपुर, सितम्बर 2025 : यह बयान इसलिए जारी किया जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में हमें कई पूछताछ मिली हैं। हम अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं और अपने छात्रों और सामुदायिक नेटवर्क को पारदर्शिता प्रदान करना चाहते हैं। 

हम सेबी के साथ पूर्ण सहयोग कर रहे हैं और उन्हें आवश्यक अतिरिक्त जानकारी या सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए हम उनके मार्गदर्शन का स्वागत करते हैं। 

हाल ही में कुछ गलत जानकारियाँ फैली हैं, जिन्हें स्पष्ट करना ज़रूरी है। अवधूत साठे ट्रेडिंग अकादमी केवल एक प्रशिक्षण संस्थान है; यह कोई सलाहकार सेवा प्रदाता या “वित्त-प्रभावक” नहीं हैं। हम गुरुकुल शिक्षा पद्धति का पालन करते हैं, जहाँ मूल्यों और नैतिकता का संचार किया जाता है। यह भाग लेने वाले छात्रों को पूंजी बाजार में सफलतापूर्वक काम करने के लिए सही कौशल, मानसिकता और अनुशासन से लैस करता है। हमारा लक्ष्य एक सहयोगात्मक और सहायक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। हमारा प्रशिक्षण न केवल बाज़ार का ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए भावनात्मक सहारा भी प्रदान करता है।

हम शोध रिपोर्ट या स्टॉक सुझाव प्रकाशित या वितरित नहीं करते हैं।

हम शुल्क लेकर व्यक्तिगत निवेश सलाह नहीं देते हैं।

हम ट्रेडिंग टिप्स, स्टॉक कॉल या निश्चित लाभ का वादा नहीं करते हैं।

अवधूत साठे ट्रेडिंग अकादमी (एएसटीए) में, हमारा एकमात्र ध्यान एक संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्वतंत्र व्यापारियों और निवेशकों का निर्माण करना है। हमारे सत्र छात्रों के विश्लेषणात्मक कौशल, कार्यान्वयन क्षमता और निर्णय लेने के कौशल को विकसित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इस प्रकार, हमारे छात्र ज्ञान, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ व्यापार करने में सक्षम होते हैं।

हम भारत के पूंजी बाजार को आकार देने में सेबी की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हैं। उनके सक्रिय और पारदर्शी विनियमन के कारण ही भारत आज दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इक्विटी बाजार बन गया है।

अगस्त 2025 तक देश में डीमैट खातों की संख्या 200 मिलियन को पार कर गई है, जो बढ़ती निवेशक भागीदारी और वित्तीय समावेशन को दर्शाता है। संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों और निवेशक जागरूकता पहलों को इस बढ़ती हुई यात्रा को बढ़ावा देने में केंद्रीय भूमिका निभाने की आवश्यकता है, जिससे लोग भारत के पूंजी बाजारों में जिम्मेदारीपूर्वक और प्रभावी ढंग से भाग ले सकें।

एएसटीए के बारे में

अवधूत साठे ट्रेडिंग अकादमी (एएसटीए) एक अग्रणी शेयर बाजार प्रशिक्षण संस्थान है। इसने अब तक 51 से अधिक देशों और भारत के सभी 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 62,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है। 180 से अधिक शहरों और 650 से अधिक जिलों में उपस्थिति के साथ, एएसटीए ने 30 से अधिक क्षेत्रों में 13,500 से अधिक महिलाओं और पेशेवरों को सशक्त बनाया है। एएसटीए का मुख्य उद्देश्य 18 से 55 वर्ष की आयु वर्ग पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनुशासित और स्वतंत्र व्यापारियों और निवेशकों का निर्माण करना है।

हमारा दृष्टिकोण व्यक्तियों को ज्ञान, कौशल और अनुशासन के आधार पर भारतीय बाजार में जिम्मेदारीपूर्वक और आत्मनिर्भरता से भाग लेने के लिए सशक्त बनाना है।

बंधन लाइफ ने लॉन्च किया आई-रिटायर; अब रिटायरमेंट के सपने होंगे सच

UP , सितम्बर 2025: बंधन ग्रुप की जीवन बीमा कंपनी, बंधन लाइफ इंश्योरेंस ने आज बंधन लाइफ आई-रिटायर के लॉन्च की घोषणा की। यह एक रिटायरमेंट प्लान है। आई-रिटायर के साथ, बंधन लाइफ जीवन भर के लिए गारंटीड आय का वादा लेकर आया है और यह सुनिश्चित करता है कि रिटायरमेंट का मतलब समझौता करना नहीं, बल्कि वर्षों की कड़ी मेहनत से बनाए गए जीवन का आनंद लेना है। यह प्लान स्थिर आय की सुविधा प्रदान करता है जिसका लाभ एन्युटीधारक को जीवन भर मिलता रहता है।

आई-रिटायर के लॉन्च के अवसर पर, बंधन लाइफ के एमडी और सीईओ, सतीश्वर बी. ने कहा, "बंधन लाइफ में, हम मानते हैं कि रिटायरमेंट नई संभावनाओं का समय होता है, न कि आर्थिक चिंताओं का। आई-रिटायर के साथ, हम अपने ग्राहकों को स्थिर आय की सुविधा और अपनी इच्छानुसार जीवन जीने का आत्मविश्वास प्रदान कर रहे हैं। इसका उद्देश्य आज का जश्न मनाते हुए अपने लिए और अपने प्रियजनों के लिए भविष्य को सुरक्षित करना है।"

ग्राहक दो आसान एन्युटी विकल्पों में से एक चुन सकते हैं। लाइफ एन्युटी विकल्प के तहत, ग्राहक को तब तक स्थिर आय प्राप्त होती है, जब तक एन्युटीधारक (पॉलिसीधारक) जीवित हैं। रिटर्न ऑफ परचेज प्राइस के साथ लाइफ एन्युटी विकल्प के साथ, एन्युइटीधारक को जीवन भर आय प्राप्त होती है और एन्युइटीधारक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में, निवेश की गई मूल राशि उनके नॉमिनी को वापस कर दी जाती है।

इसमें सिंगल लाइफ एन्युटी या जॉइंट लाइफ एन्युटी में से चुनने की भी सुविधा है। जॉइंट लाइफ एन्युटी चुनने पर, मुख्य एन्युइटीधारक के न रहने पर भी जीवनसाथी या दूसरे एन्युइटेंट को आय मिलती रहेगी, जिससे यह आश्वासन मिलता है कि परिवार की जरूरतें हमेशा पूरी होंगी।

फाइनेंशियल सुरक्षा के अलावा, आई-रिटायर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए भी सहायता प्रदान करता है। सिंगल लाइफ के तहत, लाइफ एन्युइटी विद रिटर्न ऑफ परचेज प्राइस विकल्प के अंतर्गत, यदि एन्युटीधारक को किसी कवर की गई गंभीर बीमारी या लाइलाज बीमारी का पता चलता है, तो एन्युटीधारक के पास जरूरत पड़ने पर धनराशि प्राप्त करने का विकल्प होता है, जब उन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है। यह सिर्फ एक रिटायरमेंट प्लान नहीं, बल्कि जीवन की अनिश्चितताओं के समय देखभाल का एक वादा भी है।

बंधन लाइफ आई-रिटायर 45 से 80 वर्ष की आयु के व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है, जो इसे ग्राहकों की एक विस्तृत रेंज के लिए उपयुक्त बनाता है। चाहे लक्ष्य अपना भविष्य सुरक्षित करना हो या परिवार के लिए संपत्ति बनाना हो, आई-रिटायर सुनिश्चित करता है कि रिटायरमेंट सम्मान, स्वतंत्रतापूर्ण और आनंद से भरा हो।

इस लॉन्च के साथ, बंधन लाइफ परिवारों की स्थिति को मजबूत करने, महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देने और सपनों को पूरा करने के अपने मिशन को जारी रखे हुए है, क्योंकि उसका मानना है कि जीवन का मतलब है, जीवन के हर चरण को पूरी तरह से जीना।

सोनभद्र सूखा राहत घोटाला: बैंक मैनेजर पटना से गिरफ्तार


पीएसी दलनायक हारून रशीद को डीएसपी पद पर पदोन्नति, एडीजी ने कंधों पर लगाए स्टार
लखनऊ। पीएसी मुख्यालय सभागार में आज भारत के विभिन्न राज्यों में आईपीएस पद पर पदोन्नत 17 अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में पीएसी के संगठनात्मक ढांचे पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई और अधिकारियों को इसकी कार्यप्रणाली के बारे में गहन जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर एडीजी पीएसी डॉ. रामकृष्ण स्वर्णकार, आईजी पीएसी मध्य जोन डॉ. प्रीतेन्द्र सिंह, डीआईजी पीएसी मुख्यालय सुनीता सिंह तथा सेनानायक 35वीं बटालियन पीएसी लखनऊ अमित कुमार मौजूद रहे।
वरिष्ठ अधिकारियों ने नवनियुक्त आईपीएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएसी की भूमिका, जिम्मेदारियां और संचालन तंत्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं अधिकारियों को बेहतर नेतृत्व क्षमता और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कराने में सहायक सिद्ध होती हैं।
पीएसी मुख्यालय में 17 नवनियुक्त आईपीएस अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

लखनऊ। पीएसी मुख्यालय सभागार में आज भारत के विभिन्न राज्यों में आईपीएस पद पर पदोन्नत 17 अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में पीएसी के संगठनात्मक ढांचे पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई और अधिकारियों को इसकी कार्यप्रणाली के बारे में गहन जानकारी प्रदान की गई।

इस अवसर पर एडीजी पीएसी डॉ. रामकृष्ण स्वर्णकार, आईजी पीएसी मध्य जोन डॉ. प्रीतेन्द्र सिंह, डीआईजी पीएसी मुख्यालय सुनीता सिंह तथा सेनानायक 35वीं बटालियन पीएसी लखनऊ अमित कुमार मौजूद रहे।

वरिष्ठ अधिकारियों ने नवनियुक्त आईपीएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएसी की भूमिका, जिम्मेदारियां और संचालन तंत्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं अधिकारियों को बेहतर नेतृत्व क्षमता और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कराने में सहायक सिद्ध होती हैं।

एएनटीएफ की कार्रवाई, दो तस्कर गिरफ्तार

लखनऊ । मेरठ एएनटीएफ ऑपरेशनल यूनिट ने 10 सितंबर 2025 को शामली जिले के कैराना थाना क्षेत्र के गांव पंजीठ से दो अंतर्राज्यीय मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए तस्करों के पास से 3 किलो चरस और 1 किलो अफीम बरामद हुई है। बरामद मादक पदार्थ की अंतर्राष्ट्रीय कीमत लगभग 40 लाख रुपये बताई जा रही है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान संजेश पुत्र दीनदयाल कश्यप निवासी जनपद बरेली और सादिक पुत्र दिलशाद निवासी जनपद शामली के रूप में हुई है। इनके पास से दो मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल, आधार-पैन कार्ड और 2100 रुपये नकद भी बरामद हुए हैं।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे चरस और अफीम की खेप हरिद्वार से लेकर आए थे और बिलाल नामक व्यक्ति से इस कारोबार का संपर्क बना था। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।