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Mirzapur: पिछड़ी जाति की महिला ग्राम प्रधान के छीन लिए अधिकार, चुप क्यों हैं सरकार?

मुखौटा बनी मनिगढ़ा की ग्राम प्रधान, मौज कांट रहे कोई और सरकार

जांच और कार्रवाई की जद से बचने के लिए कराते आएं हैं हिंदु-मुस्लिम में तकरार

*यूपी के बहुचर्चित मनरेगा घोटाले में फंसे हलिया विकास खंड क्षेत्र की दास्तां

मीरजापुर। एक तरफ सरकार ग्राम पंचायतों को जहां सुदृढ़ और समृद्धशाली बनाए जाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है और ग्राम पंचायतों के विकास का लंबा चौड़ा खाका खींचते हुए विकासपरक विभिन्न योजनाओं पर लाखों-करोड़ों रूपए खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के चलते यह विकास योजनाएं धरातल पर दिखाई न देकर फाइलों में अंकित होकर रह गई हैं, जिसकी गहराई से जांच हो तो न केवल भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने होगा, बल्कि कइयों की गर्दन भी फंसी हुई नजर आएगी। ऐसा ही एक मामला जनपद के हलिया विकासखंड अंतर्गत मनिगढ़ा गांव का सामने आया है, जहां कहने को तो पिछड़ी जाति की महिला ग्राम प्रधान हैं, लेकिन 'प्रधानी' का सुख कोई और उठाता हुआ आया है। आश्चर्यजनक बात है कि ग्राम पंचायत का कार्यकाल धीरे-धीरे समाप्ति की ओर अग्रसर है। मनिगढ़ा गांव में भ्रष्टाचार के एक नहीं बल्कि अनगिनत मामले खुली आंखों से देखे जा सकते हैं, लेकिन आश्चर्य की बात है कि आज तक किसी भी अधिकारी ने इस गांव की ओर झांकने की जहमत नहीं उठाई है। कई मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे इस गांव के कई मजरे बस्ती के लोगों को आज भी बदहाल और समस्याओं से जूझते हुए देखा जा सकता है। खुद ग्रामीणों द्वारा निवार्चित महिला ग्राम प्रधान की बदहाली भरी जिंदगी को देखा जा सकता है जिनके घर तक जाने के लिए एक अदद पक्के मार्ग का अभाव बना हुआ है। इससे भी घोर आश्चर्य की बात तो यह है कि गांव में महिला ग्राम प्रधान को कोई जानने वाला नहीं है, ग्रामीणों की जुबां पर किसी गैर का नाम आता है। हलिया ब्लाक मुख्यालय से महज़ 22 किमी दूरी पर स्थित मनिगढ़ा गांव जंगल-पहाड़ से लगा हुआ मध्यप्रदेश राज्य का सरहदी गांव है। पिछले महिनों से सुर्खियों में यह गांव विभिन्न बुनियादों सुविधाओं से महरुम होने के साथ ही भ्रष्टाचार, वित्तिय गड़बड़ियों, विकास के नाम पर लूट-खसोट इत्यादि को भी लेकर चर्चा में बना हुआ है।

बताते चलें कि ग्राम पंचायत मनिगढ़ा में वित्तिय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक हुए सरकारी योजनाओं एवं विकास कार्यों से संबंधित मांगी गई जानकारी में भी इस बात का खुलासा होने के बाद जहां निरंतर शिकायतों को दबाने और ग्रामीणों का ध्यान भटकाने के लिए साजिशें रची जाती गई वहीं शिकायतकर्ताओं को फर्जी तरीके से फंसाने की भी साजिश रची जाती रहीं है। ग्रामीण बताते हैं कि मनिगढ़ा गांव में कई योजनाएं केवल कागजों पर दिखाई गई हैं धरातल पर कार्य हुआ ही नहीं, अलबत्ता उसके नाम पर एक मोटी रकम की जरुर बंदरबांट कर ली गई है। इनमें फर्जी लाभार्थियों को भी भुगतना दिखाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है।

गांव निवासी बबलू कोल कहते हैं कि एक वर्ष पहले पाइप लाइन बिछाई गई थी, जिसमें से कुछ दिनों तक पानी आने के बाद अभी तक पानी नहीं आया है। अवध पांडे बुझे मन से कहते हैं, यह गांव गुलाम बना हुआ है विकास कार्य के नाम पर लूट मची हुई है। ग्राम प्रधान तो कांठ की उल्लू बनी हुई हैं। गांव निवासी अब्दुल समद कहते हैं सरकार गांवों के विकास के नाम पर विभिन्न योजनाओं का संचालन कर जाति-धर्म से उपर उठकर धन खर्च कर रही है जबकि मनिगढ़ा गांव में विकास कार्य के नाम पर लूट मची हुई है। वह आश्चर्य जताते हुए कहते हैं कि गांव में मंदिर-मस्जिद और कुआं-तालाब तक को नहीं छोड़ा गया है। इनके नाम पर भी लाखों की रकम डकार ली गई है, जिसे खुली आंखों से गांव में देखा जा सकता है जहां काम हुआ नहीं है और धन का बंदरबांट हो गया है। दूसरी ओर हलिया विकास खंड क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव में विकास के नाम पर हुए व्यापक भ्रष्टाचार और महिला ग्राम प्रधान के 'कांठ का उल्लू बनें' होने के मुद्दे पर जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार कहते हैं, विकास योजनाओं के नाम सरकारी धन की बंदरबांट की जांच कराई जाएगी और कार्रवाई भी होगी। शासन की मंशा के विपरीत गांवों के विकास में कोताही कदापी क्षम्य नहीं होगी। इसमें जो भी दोषी पाएं जाएंगे कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

अडानी का मिर्जापुर थर्मल पावर प्लांट निर्माण कार्य ठप, जनविरोध और मिलीभगत के आरोप

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में प्रस्तावित अडानी थर्मल पावर प्लांट का निर्माण कार्य अचानक रुक गया है। कुछ माह पूर्व तक यहां तेजी से बाउंड्रीवाल और प्लांट का निर्माण हो रहा था, परंतु ग्रामीणों का कहना है कि यह सब बिना वैध अनुमति और अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ। आरोप है कि ज़िला स्तर के कई अधिकारी कंपनी के आर्थिक दबाव में आकर आंखें मूंद चुके हैं।

बीते 11 अप्रैल 2025 को हुई जनसुनवाई पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उस समय ADM मिर्ज़ापुर और एक सत्ताधारी दल के विधायक मुख्य अतिथि थे और भीड़ कंपनी द्वारा भाड़े पर बुलवाई गई थी। यही नहीं, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के चेयरमैन स्तर के अधिकारी और सोनभद्र जिले के कई अफसर भी कंपनी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। आरोप है कि यह अधिकारी पर्यावरणीय स्वीकृति (Environmental Clearance) दिलाने में मदद कर रहे हैं और अपनी रिपोर्ट उच्च प्रबंधन को भेजकर कंपनी का पक्ष मजबूत कर रहे हैं। जनसुनवाई भी इन्हीं अधिकारियों की देखरेख में संपन्न हुई, जिससे उसकी निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लगा है। ग्रामीणों और समाजसेवियों का कहना है कि कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा जब आरटीआई डाली गई और विरोध दर्ज कराया गया तो संबंधित अधिकारियों पर दबाव बढ़ा और बाद में ADM तथा मड़िहान रेंजर नेगी जी का तबादला कर दिया गया। नेगी जी ने कंपनी को जंगल के रास्ते से सामग्री ले जाने से रोका था।जानकारी के अनुसार कंपनी की मशीनरी और पाइपलाइन अब भी मड़िहान क्षेत्र में किराए की भूमि पर रखी है, लेकिन कार्य ठप पड़ा है। कंपनी के लोग लगातार अधिकारियों से संपर्क में हैं, फिर भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। इस बीच कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जनसुनवाई की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यह पावर प्लांट बनता है तो क्षेत्र में गंभीर समस्याएं खड़ी होंगी। कार्बन उत्सर्जन और फ्लाई ऐश से वातावरण प्रदूषित होगा, जंगल और प्राकृतिक धरोहर जैसे विंडमफाल जलप्रपात और अलोपीदरी खतरे में पड़ जाएंगे, खजुरी जलाशय से पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी और 30 किलोमीटर के दायरे में रहना कठिन हो जाएगा। किसानों का आरोप है कि पूर्व में कंपनी ने उनकी ज़मीन औने-पौने दामों पर खरीद ली और जो लोग बेचने को तैयार नहीं थे, उन पर फर्जी मुकदमें दर्ज कराकर दबाव बनाया गया। गरीब व आदिवासी परिवार न्याय के लिए कोर्ट-कचहरी तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एनजीटी के स्थगन आदेश के बाद भी निर्माण कार्य शुरू किया जाना यह दर्शाता है कि अधिकारी और कंपनी के बीच गहरी मिलीभगत है। बहरहाल, अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। कंपनी के वकीलों ने जहां इसका विरोध किया, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि पूरे मामले को NGT (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) से वापस लेकर सुप्रीम कोर्ट में लाया जाए। यह समाजसेवी संगठनों और ग्रामीणों की एक बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि उन्होंने अडानी जैसी बड़ी कंपनी को सीधे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। समाजसेवियों का कहना है कि यह केवल जमीन और पर्यावरण का प्रश्न नहीं है, बल्कि मिर्जापुर की लोकतांत्रिक आवाज़ और आने वाली पीढ़ियों के जीवन से जुड़ा हुआ संघर्ष है।

सर्विस रोड क्षतिग्रस्त होकर धसने से हो रही हैं दुर्घटनाएं

ड्रमंडगंज, मीरजापुर। ड्रमंडगंज देवघाट मार्ग पर ओवरब्रिज के पास चौराहे के बीचो-बीच निर्मित नाली के ऊपर बनी सर्विस रोड क्षतिग्रस्त होकर धंस गई है।आए दिन राहगीर क्षतिग्रस्त सड़क पर गिर कर चोटिल हो रहे हैं।इससे देवघाट कोराव जाने वाले मार्ग पर लोगों के आवागमन में समस्याएं हो रही है। चौराहे पर करीब डेढ़ माह से सड़क क्षतिग्रस्त है।

स्थानीय लोगों ने क्षतिग्रस्त सड़क की जल्द से जल्द मरम्मत करने के लिए जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है। नहीं तो किसी भी समय बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

Mirzapur: चील्ह थाने में तैनात दरोगा ने फांसी लगाकर समाप्त कर ली ईहलीला

मिर्ज़ापुर।उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले के चील्ह थाने में तैनात एक 50 वर्षीय दरोगा ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है। घटना के बाद महकमें में हड़कंप मचा हुआ है, मौके पर अधिकारियों से लेकर मीडिया के लोगों का जहां जमावड़ा लगा हुआ है वहीं घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चा है।

जानकारी के मुताबिक प्रतापगढ़ जनपद के रहने वाले दरोगा अनिल कुमार ओझा चील्ह थाना के समीप एक प्राइवेट कमरा लेकर रहते थे। वहीं फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। वह इधर बीच बीमार चल रहे थे। उन्होंने वीआरएस के लिए भी आवेदन डाला था, मगर पारिवारिक दबाव में वीआरएस नहीं लिया था।मौके पर पहुंचे पुलिस के आलाधिकारी और फॉरेंसिक टीम आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि दरोगा काफी समय से डिप्रेशन में चल रहे थे।

चील्ह थाने में तैनात मृत उपनिरीक्षक अनिल ओझा का हाल ही में चिल्ह थाने से कोतवाली देहात के लिए ट्रांसफर हुआ था। घटना के बाद महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं आत्महत्या के कारणों की पुलिस की टीम जांच कर रही है।

धूमधाम से निकाला गया बारावफात जूलूस

ड्रमंडगंज, मीरजापुर।इस्लाम धर्म के पैगम्बर मोहम्मद साहब के जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी (बारावफात)पर्व पर शुक्रवार को क्षेत्र के ड्रमंडगंज बाजार व बबुरा खुर्द गांव में गाजे बाजे के साथ जूलूस निकाला गया।

ड्रमंडगंज बाजार में जूलूस मस्जिद शुरू हुआ और ड्रमंडगंज बाजार होते हलिया रोड, देवघाट रोड और पुराने सेल टैक्स बैरियर तक गया और वहां से रामलीला मैदान स्थित मजार पर आकर समाप्त हुआ।इसी तरह बबुरा खुर्द गांव में भी धूमधाम से जूलूस निकाला गया। जूलूस में शामिल लोग धार्मिक ध्वज के अलावा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हुए चल रहे थे। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

जूलूस के साथ थानाध्यक्ष ड्रमंडगंज ब्रह्मदीन पांडेय,एसआई अखिलेश यादव सुभाष यादव, रमेश यादव, टीपी सिंह पुलिस व पीएसी के जवानों के साथ चल रहे थे।जूलस में मिस्टर अंसारी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सेराज अहमद,नियाज खां,असलम अंसारी,अजीज खां,अकरम शाह सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।

शोभा यात्रा निकालकर गणेश प्रतिमा का हुआ विसर्जन

ड्रमंडगंज, मीरजापुर।ड्रमंडगंज बाजार स्थित रामलीला मंच पर गणेश चतुर्थी को स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा का शुक्रवार को भक्तों ने शोभा यात्रा निकालकर गाजे-बाजे के साथ सेवटी नदी में दुर्गा देवी घाट पर विर्सजन कर दिया।

शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल रही। जिसमें भक्ति गीतों पर अबीर और गुलाल उड़ा कर खूब झूमे।भगवान गणेश की पूजा-अर्चना व आरती के पश्चात शाम छः बजे गणेश उत्सव समिति के तत्वावधान में मूर्ति विसर्जन हेतु शोभायात्रा रामलीला मैदान से निकाली गई। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर थानाध्यक्ष ब्रह्मदीन पांडेय, एसआई अखिलेश यादव, सुभाष यादव, रमेश यादव टीपी सिंह सहित पुलिस व पीएसी के जवान मुस्तैद रहे।

शोभा यात्रा में भाजपा जिला उपाध्यक्ष विपुल सिंह ग्राम प्रधान कौशलेंद्र गुप्ता, सुरेश केशरी, लवकुश केसरी, तारकेश्वर केशरी, पिंटू केसरी,धीरज केसरी, सोनू सिंह, संजय सिंह, प्रतिमा सिंह परिहार,नेहा गुप्ता, अनूपा गुप्ता, मनीषा केशरी, ओम चौरसिया, राजेश कुमार आदि शामिल रहे।

चिन्हित किये गए टीबी चैम्पियन को किया गया प्रशिक्षित

मीरजापुर। जनपद को टीबी मुक्त बनाने एवं टीबी रोग के पति जनमानस में जन-जागरूकता फैलाने के लिए WORLD HEALTH PARTENES (WHP)

दारा संचालित इम्पैक्ट प्रोग्राम के अंतर्गत विकास खण्ड जमालपुर के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में क्षेत्र से चिन्हित किये गए टीबी सरवाइवर को टीबी चैम्पियन का प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. राजन सिंह की अध्यक्षता में प्रशिक्षित किया गया। डा. राजन द्वारा प्रशिक्षार्थियों को उनके कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों को बताया गया और समाज को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रेरित किया गया।

इस दौरान इम्पैक्ट प्रोग्राम के जिला समन्वयक राम किशोर त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत की बैठकों में गांव के स्कूलों में महिला समूहों में टीबी की द‌वा बन्द करने वाले मरीजों के घरों का भ्रमण कर उनको फिर से दवा प्रारंभ करने एवं अपने जैसे नए वालेन्टियर की खोज करने का कार्य कर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

क्षेत्रीय सुपरवाइजर अखिलेश सिंह यादव एवं इफ़्तार अहमद‌ द्वारा टीबी के लक्षण, टीबी कैसे फैलता है, टीबी रोग से अपना बचाव कैसे करते है। टीबी की दवा कहां से मिलती है और कितने दिनों तक दवाखाना है। टीबी मरीजों को सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के विषय में बताया गया।कार्यक्रम में एचईओ, अशोक कुमार मोशी, इफ्तार, अखिलेश यादव, आदि लोग उपस्थित रहे।

पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष ने भक्तों संग भगवान गणेश का पूजन अर्चन कर उतारी आरती


हलिया, मीरजापुर।राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष सोहनलाल ने गुरुवार की रात ड्रमंडगंज बाजार स्थित रामलीला मंच पर स्थापित गणेश प्रतिमा का पूजन अर्चन कर स्थानीय लोगों संग आरती उतारी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आचार्य रमाकांत पांडेय ने भगवान गणेश का पूजन कराया। आरती पूजन के पश्चात पंडाल में बड़ी संख्या मौजूद बाजार वासियों को संबोधित करते हुए सोहनलाल माली ने कहा कि सनातन धर्म में किसी भी कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान गणेश की पूजा अर्चना के साथ आरंभ होता है। कहा कि भारत में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान गणेश उत्सव की शुरुआत महान क्रांतिकारी लोकमान्य बालगंगाधर तिलक द्वारा देशवासियों को आजादी की लड़ाई में एकजुट करने के लिए किया था।

पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष ने ड्रमंडगंज में गणेश उत्सव मनाने पर उत्सव समिति के लोगों का आभार जताया।इस दौरान कलाकारों द्वारा डांडिया नृत्य,देवी देवताओं की झांकी और भजन की प्रस्तुति की गई।

इस दौरान ग्राम प्रधान कौशलेंद्र गुप्ता भाजपा जिला उपाध्यक्ष विपुल सिंह,गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष विकास केशरी,ओम चौरसिया आरएसएस खंड कार्यवाह तारकेश्वर केशरी विहिप नेता पिंटू केशरी ओंकार केशरी, धीरज केशरी, संजय सिंह, नवनीत बरनवाल आदि मौजूद रहे।

*श्रम विभाग: दो श्रम प्रवर्तन अधिकारियों पर कार्रवाई की संस्तुति, 1072 में शामिल फर्जी आवेदकों से होगी वसूली*

मिर्जापुर। सचिव भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड उत्तर प्रदेश पूजा यादव ने दो श्रम प्रवर्तन अधिकारियों निमेष पाण्डेय व कौशलेंद्र कुमार सिंह को जनपद में नियुक्ति के दौरान अपात्रों को योजना का हितलाभ देने के मामले में दोषी पाए जाने पर नियमानुसार विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की है।

इस आदेश से महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।

कार्यालय में नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटर अरुण दुबे भी इस कार्रवाई की जद में है, जिसको जांच अधिकारी द्वारा आरोपित अधिकारियों ने अपने-अपने बयान में दोषी ठहराया है। यह सम्पूर्ण मामला 2021 का है, 2023 में मजदूर नेता व कलमकार मंगल तिवारी ने मजदूरों के हक के लिए आवाज़ उठाई थी। शिकायत पत्र में उल्लेखित है कि उक्त श्रम प्रवर्तन अधिकारियों ने बोर्ड के नियमों को ताक पर रख कर सिंडिकेट की मदद से अपात्रों के आवेदन को पास किया। प्रमुख सचिव श्रम, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के निर्देश पर नामित जांच अधिकारी ने रिपोर्ट सौंपी। 9 सदस्यीय जांच टीम में वाराणसी, भदोही और जौनपुर के अधिकारी शामिल रहे जिसका नेतृत्व वाराणसी के उप श्रमायुक्त धर्मेंद्र कुमार सिंह ने की थी‌ जिसके बाद विभागीय कार्रवाई अपनायी जा रही है। विभागीय सूत्रों की माने तो धांधली बड़े पैमाने पर हुई है, यदि सारे आवेदनों की जांच हुई तो यह प्रदेश के बड़े भ्रष्टाचार में से एक होगा, लेकिन शिकायत मात्र 1072 सूची से संबंधित है। सन् 2019-20 से लेकर अब तक विभागीय लोगों द्वारा योजनाओं में लगातार गड़बड़ी की जा रही है। बताते चलें कि श्रम विभाग मिर्जापुर में सन् 2021 का दौर ऐसा था जब शिशु एवं बालिका मदद योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, मृत्यु एवं विकलांगता सहायता योजना में हो रही गड़बड़ियों की चर्चा विभागीय कर्मचारियों के बंटवारे को लेकर अनबन के कारण बाहर आयी। शिकायत कर्ता ने जब श्रमिकहित में जानकारी की तो पता चला कि लगभग 1426 में 1072 ऐसे शिशु हितलाभ योजना आवेदनों की जानकारी मिली जिसे लेबर अफसरों ने पास किया था। इस सूची में कुछ को छोड़कर सारे आवेदक या आवेदन बोर्ड के नियमों का पालन नही कर रहे थे, साफ जाहिर है कि योजना में जमकर लूट हो रही है।

विभागीय सूत्र बताते हैं कि शिशु हितलाभ के लिए 2022, 23 में किए गए संदिग्ध आवेदनों पर अब जाकर 2025 में, चुन चुन कर भुगतान किए जाने जा रहे हैं। विभागीय लेबर अफसरों ने हद तब कर दी जब 2025 में आवेदन किए गए फर्जी निर्माण श्रमिकों के खाते में भी मई माह में भुगतान करा दिया। इस पूरी गड़बड़ी में सबसे बड़ा कार्यकाल तत्कालीन सहायक श्रमायुक्त सुविज्ञ सिंह का है जिन्होंने शिकायतों पर अपनी आंखे मूंदे रखी, यहां यह बताना आवश्यक है कि शिशु हितलाभ योजना में भुगतान की कार्यवाही सहायक श्रमायुक्त द्वारा की जाती है।

मीडिया ने 1072 की जांच टीम को जांच के दौरान कटघरे में खड़ा कर दिया था। मीडिया के पूछे गए सवालों ( जिला प्रशासन को खबर किए बिना जांच, जांच के बिंदु, श्रम कार्यालय आए बगैर गेस्ट हाउस में बैठकर जांच, शिकायतकर्ता को सूचना आदि ) का जवाब न तो नामित जांच अधिकारी धर्मेंद्र सिंह के पास था न ही वर्तमान उप श्रमायुक्त मिर्जापुर क्षेत्र पिपरी, सोनभद्र अरुण कुमार सिंह के पास।

आश्चर्य की बात यह थी कि इस जांच की जानकारी तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट प्रियंका निरंजन को भी तब हुई जब सोशल मीडिया में यह मामला वायरल हुआ और डीएम ने सीडीओ से इस बाबत जानकारी मांगी और श्रम विभाग को औंधे मुंह प्रस्तुत होना पड़ा। आरोप लगना लाज़मी था कि जांच पूर्णतया निष्पक्ष नहीं था और न है। जांच अधिकारी व विभाग मुख्यालय के उच्चाधिकारी अज्ञात कारणों से अपने विभागीय अधिकारियों को बचाने का प्रयास करने के चलते जांच में खानापूर्ति हो रही है, चूंकि मामला बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का है जिसे जांच टीम भी नहीं पचा पायी।

योजना का लाभ पात्र श्रमिकों के चयन के बजाय निजीहित को देखते हुए अपात्रों को दिया गया

मिर्ज़ापुर जिले में श्रमिकों के साथ अन्याय हो रहा है, योजना का लाभ पात्र श्रमिकों के चयन के बजाय निजी हित को देखते हुए अपात्रों को दिया जा रहा है‌ जिले में सक्रीय माकू यूनियन के शिकायती पत्र पर जांच अधिकारी वसूली कर रहे हैं, जिससे कर्मकारों को न्याय नही मिल पा रहा है। अब देखना यह है कि इस विभागीय कार्रवाई में क्या कार्रवाई सुनिश्चित हो पाती है।

मीरजापुर के व्यक्ति की महाराष्ट्र में हुई मौत, शव आते ही मचा हड़कंप

लालगंज, मीरजापुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के लहंगपुर बाजार निवासी 63 वर्षीय व्यक्ति की मुंबई के भिवंडी में मंगलवार की रात मौत हो गई। मुंबई पुलिस शव का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों को सौंप दिया। एंबुलेंस से गुरुवार की रात शव लहंगपुर बाजार पहुंचने पर परिजनों में कोहराम मच गया।

लालगंज थाना क्षेत्र के लहंगपुर बाजार निवासी स्वर्गीय जगदीश का 63 वर्षीय पुत्र गोपाल मुंबई के भिवंडी में रहकर श्रमिक का कार्यकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। मंगलवार की रात अचानक तबीयत खराब होने पर साथ में रह रहे लोगों ने अस्पताल लेकर गए। जहां इलाज के दौरान गोपाल की मौत हो गई।

अस्पताल की सूचना पर पहुंची मुंबई पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गुरुवार रात एंबुलेंस से शव घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं पर मौत की जानकारी मिलते ही बाजार वासियों की भीड़ मौके पर पहुंचकर परिजनों को ढांढ़स बधाते रहे। बताया गया कि मृतक गोपाल के एक पुत्र व एक पुत्री है। पुत्र गोपाल की शादी अभी नहीं हुई है। जबकि पुत्री सोनी उर्फ वंदना की शादी हो गई है।