प्रत्येक किसान के दरवाजे पर कम से कम अवश्य हो दो-दो गाय: श्याम बिहारी
मीरजापुर। उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने आज जनपद भ्रमण के दौरान नगर पालिका परिषद द्वारा टांडा फाल में संचालित गो आश्रय स्थल एवं सुरभी शोध संस्थान गौशाला तपोवन तथा विजयपुर में स्थित गौशाला का निरीक्षण कर गौवंशो की स्थिति, चारा, हरा चारा, चोकर आदि की उपलब्धता के साथ समुचित उपचार के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के क्रम में उपाध्क्ष महेश कुमार शुक्ला ने अलग-अलग गौशालाओं में भ्रमण कर निरीक्षण किया। सदस्य गो सेवा आयोग रमाकांत उपाध्याय ने नगर पंचायत कंछवा में संचालित गौ आश्रय स्थल एवं विकास मझवां अन्तर्गत एक गौशाला का निरीक्षण कर पशुओं के स्वास्थ्य व चारा आदि के बारे में जानकारी ली। सदस्य दीपक गोयल व राजेश सेंगर द्वारा भी अलग-अलग गौशालाओं में जाकर निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के पश्चात अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने अष्टभुजा निरीक्षण गृह सभागार में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गौवंशो के समुचित देखभाल व रखरखाव हेतु वर्तमान में प्रदेश की लगभग 7717 गौशालाओं में 12 लाख 58 हजार गोवंश संरक्षित हैं। इन गोशालाओं को प्रशिक्षण केन्द्रों के रूप में विकसित कर प्राकृतिक कृषि, बायो गैस ऊर्जा एवं पंचगव्य उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण और रोजगार मिल सके। मण्डल स्तरीय गोआधारित प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। चारागाह भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर उसे गोवंश के लिए चारा उत्पादन हेतु उपयोग में लाया जाएगा। आईएफआरआई झांसी के माध्यम से बहुवर्षीय और मौसमी चारे का उत्पादन और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। गौशालाओं में छायादार वृक्षों बरगद, नीम, पीपल, सहजन आदि का वृक्षारोपण व्यापक रूप से किया जाएगा। सीमावर्ती जनपदों में गो-तस्करी रोकने हेतु एडीजी स्तर और जनपद स्तर पर एएसपी स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित विभागों के समन्वय से गोशालाओं को स्वावलम्बी बनाया जाएगा। हरे चारे की अनिवार्यता और वास्तविक गो गणना का पारदर्शी सत्यापन सुनिश्चित किया जाएगा। गोमूत्र एवं गोबर आधारित स्थानीय प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना, बायोगैस प्लांट का विस्तार तथा किसानों को गोपालन हेतु प्रेरित करने के अभियान को तेज किया जाएगा। माडल किसानों के नवाचारों को अपनाने हेतु स्थलीय यात्राएं कराई जाएगी, जिससे स्थानीय स्तर पर जैविक, प्राकृतिक कृषि को बल मिले। पंचगव्य उत्पादों एवं जैविक, प्राकृतिक खेती से जुड़े कार्यों में स्थानीय युवाओं, महिला स्वयं सहायता समूहों, जागरूक जनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। अध्यक्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत कृषक यदि निराश्रित गोवंश को लेता है तो उसे रूपये 50 प्रति गोवंश, प्रति पशु की दर से मासिक रू1500 सहायता अनुदान दिया जाएगा। अधिकतम् एक लाभार्थि द्वारा चार गोवंश लिए जा सकते हैं। जिससे लाभार्थी को छः हजार रूपयें मासिक साहयार्थ अनुदान प्राप्त होगा। वृहद गोसरंक्षण केन्द्र एवं अस्थायी गोआश्रय स्थल का संचालन स्वयं सेवी सहायता समूहों, एफपीओ, कृषक संगठन, संस्थाओं, कृषक द्वारा शासनादेश में निहित व्यवस्था के अनुसार एमओयू के माध्यम से किया जा सकता है। प्रधानमंत्री द्वारा प्राकृतिक कृषि को अपनाने हेतु नेचुरल मिशन फार नेचुरल फार्मिंग (एनएमएनएफ) प्रारम्भ किया गया है, जिसमें विभिन्न क्लस्टर्स के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे कि रसायन मुक्त, विषमुक्त भोजन आम जनमानस को प्राप्त हो सके। 25 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश में लगभग 3 करोड़ कृषक परिवार हैं एवं गोवंश की सख्या लगभग 1.90 करोड़ है। प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री की अपेक्षा के अनुसार प्रत्येक कृषक परिवार के पास यदि एक गोवंश हो, तो लगभग 1.10 करोड़ अतिरिक्त गोवंश की आवश्यकता होगी। इस प्रकार कृषक परिवार गोबर व गोमूत्र के माध्यम से प्राकृतिक कृषि की ओर अग्रसर हो सकेंगे एवं गोवंश निराश्रित भी नहीं होगें। आयुर्वेद के ग्रन्थों में वर्णित स्वदेशी गोवंश के दुग्ध दही के सदुपयोग चिकित्सकीय उपयोग के माध्यम से पंचगव्य आयुर्वेद को सम्पूर्ण देश में प्रसिद्धि मिल रही है। गौवंश के नस्ल सुधार एवं स्वदेशी नस्ल संवर्धन के कार्यक्रम पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि समस्त सम्बन्धित विभागों के सहयोग से गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना, ग्राम आधारित सतत् विकास माडल तैयार किये जाएंगे। उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग संकल्पबद्ध है कि गोसेवा केवल दायित्व नहीं, बल्कि सामाजिक जागरण का माध्यम बने। यह आंदोलन अब रूकने वाला नहीं यह हर गांव, हर किसान और हर युवा, महिला स्वयं सहायता समूहों की साझेदारी से नई दिशा पायेगा। अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के दरवाजे पर कम से कम दो गाय अवश्य होनी चाहिए। वृद्ध गाय व बैल के गोबर व गोमूत्र किसानों की खेती उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। प्रेस वार्ता का संचालन राजेश सेंगर के द्वारा किया गया। इस अवसर पर पूर्व नगर अध्यक्ष भाजपा मनीष गुप्ता, अपर निदेशक पशुपालन, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ बी के पाठक सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।
Aug 26 2025, 17:53