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एक युग का अवसान": सुदेश महतो ने शिबू सोरेन के निधन पर जताया गहरा शोक, बोले- 'व्यक्तिगत अमूल्य धरोहर'

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन के निधन पर आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने गहरा शोक व्यक्त किया है। महतो ने गुरुजी के निधन को "एक युग का अवसान" बताया और उनके योगदान को याद किया।

सुदेश महतो ने कहा कि जयपाल सिंह के बाद बिखर चुके झारखंड आंदोलन को गुरुजी ने ही एकजुट किया और उसे एक नई दिशा दी। उन्होंने आदिवासी समाज के सम्मान और अधिकारों की लड़ाई को जिस संकल्प और संघर्ष के साथ लड़ा, वह हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा का स्रोत है।

श्री महतो ने व्यक्तिगत तौर पर शिबू सोरेन से अपने जुड़ाव को याद करते हुए कहा, "मैंने व्यक्तिगत रूप से गुरुजी को नज़दीक से देखा और जाना है। उनसे संवाद करना और आंदोलन के प्रत्येक मोड़ पर उनके अनुभवों से सीखना मेरे राजनीतिक जीवन की अमूल्य धरोहर है।" उन्होंने दोहराया कि उनका जाना झारखंड के एक युग का अंत है।

आजसू अध्यक्ष ने यह भी बताया कि छात्र जीवन से ही वे झारखंड आंदोलन और आजसू से जुड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि "राह अलग होने के बावजूद गुरुजी की आत्मीयता हमेशा कायम रही और मुलाकात होने पर हमेशा उत्साहवर्द्धन करते रहे।" सुदेश महतो ने बताया कि शिबू सोरेन झारखंड के भविष्य के लिए हमेशा चिंतित रहते थे और झारखंड बनने के बाद वह इसे देश के नंबर एक राज्य के रूप में देखना चाहते थे। महतो ने अंत में कहा कि उनकी कमी हम सब को हमेशा खलती रहेगी।

दुमका : दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से शोक की लहर, शिबू सोरेन सिर्फ राजनेता नहीं आंदोलन के प्रतीक : आयुक्त

दुमका : झारखंड की राजनीति, समाज और संस्कृति के अप्रतिम शिल्पकार, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर सोमवार को गहन शोक व्यक्त करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सभागार में

शोक सभा का आयोजन किया गया। शोकसभा की अध्यक्षता प्रमंडलीय आयुक्त लालचन्द डाडेल ने की।

शोकसभा में शिबू सोरेन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर और दो मिनट का मौन रखा गया। उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मियों ने इस दुखद घड़ी में राष्ट्र, राज्य एवं विशेष रूप से आदिवासी समाज एवं झारखण्ड को हुई इस अपूरणीय क्षति पर शोक जताया।

प्रमंडलीय आयुक्त लालचन्द डाडेल ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक आंदोलन के प्रतीक थे। उन्होंने झारखंड के आदिवासी समाज समेत सभी वंचित समाज के लोगों को पहचान, अधिकार और स्वाभिमान दिलाने के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया। उनका पूरा जीवन समाज के वंचित, शोषित एवं उपेक्षित वर्गों की सेवा में समर्पित रहा। उनके विचार और सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे।

बता दें कि शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को उत्तरी छोटानागपुर प्रमण्डल के रामगढ़ जिला क्षेत्र के नेमरा गाँव में हुआ था।

उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज बुलंद की और आदिवासियों के भूमि अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वशासन के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया। झारखण्ड राज्य के निर्माण में उनके कृत योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता है।

वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और भारत सरकार में कोयला मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। लोकसभा एवं राज्यसभा में भी उन्होंने झारखंड की बात को पूरे देश के सामने दृढ़ता से रखी। शोक सभा में उपस्थित अधिकारियों ने अपने-अपने विचार साझा किए। आयुक्त के सचिव अमित कुमार ने कहा कि दिशोम गुरु के नेतृत्व में झारखंड की आत्मा को आवाज मिली। शिबू सोरेन का जीवन आदिवासी अस्मिता का प्रतीक रहा। उन्होंने संथाली, मुंडारी, उरांव, हो और अन्य जनजातीय समाजों के साथ-साथ सभी वंचित समाजों के सांस्कृतिक गौरव को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। उनकी भाषा, वेशभूषा और परंपराओं को मान्यता दिलाने में उनकी अग्रणी भूमिका रही। क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी विभूति मंडल ने कहा कि उनके निधन से न केवल झारखंड बल्कि संपूर्ण भारत ने एक युगद्रष्टा नेता और समाज सुधारक को खो दिया है। सभा का समापन करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त श्री डाडेल ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सभी से सामूहिक प्रार्थना करने का आग्रह किया। मौके पर प्रशाखा पदाधिकारी राजेश कुमार, मो० अमजद हुसैन, प्रमोद कुमार मुर्मू, सहायक प्रशाखा पदाधिकारी-सह-आयुक्त के निजी सहायक सौरभ कुमार तिवारी, नाजिर आदित्य अभिषेक, विधान चक्रवर्ती, भादू देहरी, शुभम सौरभ, राहुल हांसदा, बाबूराम हेम्ब्रम, बाबुचाँद मुर्मू, आलम हांसदा, राजकिशोर मांझी, कुंदन कुमार, पंचानंद झा, प्रकाश राम, परमानंद रजक, परीक्षित शील, जलधर महाता आदि उपस्थित थे।

इधर शिबू सोरेन के निधन पर उपायुक्त आवास परिसर में शोक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त अभिजीत सिन्हा सहित जिले के वरीय पदाधिकारी एवं कर्मियों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। उपस्थित सभी ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की एवं दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दिवंगत शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। इस दुखद घड़ी में उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से भी मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल दें।

शिबू सोरेन का निधन झारखंड समेत पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है, और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई गणमान्य व्यक्ति पहुंच रहे हैं।

सामाजिक संघर्षों और अलग राज्य आंदोलन के साथ शिबू सोरेन बने गुरुजी .....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री,पूर्व केंद्रीय मंत्री,राज्य सभा सांसद स्व शिबू सोरेन के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की।

श्री मरांडी ने स्व शिबू सोरेन जी की आत्मा की शांति केलिए ईश्वर से प्रार्थना की। कहा कि भगवान दिवंगत आत्मा को श्री चरणों में स्थान दें,उनके परिजनों, प्रियजनों को दुःख की बेला में धैर्य एवं साहस प्रदान करें।

श्री मरांडी ने शिबू सोरेन से दिसुम गुरु बनने की यात्रा पर कहा कि यह यात्रा कठिन संघर्ष और आंदोलन की यात्रा है। पिता की हत्या के बाद राज्य में व्याप्त महाजनी प्रथा के खिलाफ एक संघर्षशील जुझारू शिबू सोरेन का उदय हुआ। जिन्होंने शराब बंदी केलिए भी गांव में संघर्ष करते हुए अभियान चलाए।

श्री मरांडी ने कहा कि सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ते हुए स्व शिबू सोरेन अलग राज्य के आंदोलनों से जुड़कर आंदोलन को दिशा दी,संघर्ष किया,जिसमें जनता ने उनका साथ दिया। आज अलग झारखंड राज्य की स्थापना में स्व शिबू सोरेन के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

श्री मरांडी ने गुरुजी के साथ राजनीतिक लड़ाई को याद करते हुए कहा कि यह वैचारिक लड़ाई रही जो लोकतंत्र की ताकत है। राष्ट्रीय पार्टी और क्षेत्रीय पार्टियों की मत भिन्नताएं स्वाभाविक होती हैं।

श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा ने स्व शिबू सोरेन जी को सदैव सम्मान दिया। उन्होंने श्रद्धेय अटल जी का गुरुजी के प्रति सम्मान को भी याद किया।

श्री मरांडी ने कहा कि शोषण , अन्याय,अत्याचार के खिलाफ संघर्ष और अलग राज्य के आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने की यात्रा गुरुजी को अमर बनाएगी।

संघर्षशील जुझारू और जमीनी नेता थे श्रद्धेय गुरुजी....डॉ रविंद्र कुमार राय

कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार राय ने स्व शिबू सोरेन जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा भगवान गुरुजी की आत्मा को शांति प्रदान करें।

कहा कि वे संघर्षों से उपजे हुए जमीनी और जुझार नेता थे । उन्होंने लोगों को चुनावों में भी सादा और शराब आदि व्यसनों से दूर जीवन जीने की कला बताते थे।

कहा कि वे झारखंड का दर्द पालने वाले नेता नेता। अलग राज्य गठन के बाद वे सभी झारखंड वासियों के साथ मिलकर झारखंड के विकास की बात करते थे। राज्य गठन के बाद वे झारखंड को विवादों से हटकर विकास के रास्ते पर ले जाना चाहते थे।

झामुमो ने 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन को बताया 'संघर्ष की जीवित आत्मा', निधन पर जारी की भावुक श्रद्धांजलि

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद, उनकी पार्टी झामुमो ने एक भावुक श्रद्धांजलि संदेश जारी किया है। पार्टी ने कहा कि उनके जाने से "झारखंड की आत्मा आज शोकाकुल है" और यह "एक युग के अंत जैसा" महसूस हो रहा है।

झामुमो द्वारा जारी शोक संदेश में शिबू सोरेन को "हमारे पिता तुल्य पथप्रदर्शक" और "आदिवासी चेतना के प्रतीक" के रूप में याद किया गया। पार्टी ने कहा कि उन्होंने न केवल झामुमो की नींव रखी, बल्कि एक समतामूलक और स्वाभिमानी झारखंड की कल्पना को भी साकार किया।

झामुमो परिवार ने अपने संदेश में गहरे दुख व्यक्त करते हुए कहा कि "आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, तो यह केवल एक नेता का जाना नहीं, बल्कि हमारे संघर्ष की जीवित आत्मा का पृथ्वी से विलीन हो जाना है।" पार्टी ने उन्हें "संगठनकर्ता, विचार पुरुष, मार्गदर्शक और अपनेपन का दूसरा नाम" बताया।

संदेश में कहा गया कि गुरुजी ने हमें सिखाया कि राजनीति लोगों की सेवा का माध्यम है, और समाज के अंतिम व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा सबसे बड़ा धर्म है। उनकी सादगी, सिद्धांतवाद और संघर्ष की भावना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी।

झामुमो ने अपने संस्थापक को कभी न भुलाने का संकल्प लेते हुए कहा, "उनके अधूरे सपनों को पूरा करना ही अब हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है।" झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सामूहिक रूप से अपने महान नेता को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

सुबोधकांत सहाय ने शिबू सोरेन के निधन पर जताया गहरा शोक: 'मेरे लिए एक युग का अंत, झारखंड के हृदय में गहरी रिक्तता'

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन के निधन पर देशभर में शोक का माहौल है। इसी कड़ी में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुखद समाचार को सुनकर वे अपने आंसुओं को रोक नहीं सके।

सहाय ने अपने बयान में कहा, "मुझे यह सौभाग्य मिला कि मैंने उनके साथ दशकों तक राजनीतिक जीवन की यात्रा की — उनका जाना मानो एक युग के अंत जैसा महसूस हो रहा है। इस अपूरणीय क्षति को स्वीकार कर पाना मेरे लिए बेहद कठिन है।"

उन्होंने शिबू सोरेन के कद पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे "न केवल झारखंड के बल्कि समूचे देश के सबसे श्रद्धेय नेताओं में से एक थे।" सहाय ने आगे कहा कि उनके नहीं रहने से "झारखंड के हृदय में ही नहीं, पूरे देश की राजनीति में एक गहरी रिक्तता पैदा हो गई है — जिसे भर पाना लगभग असंभव है।"

सुबोधकांत सहाय ने शिबू सोरेन को झारखंड आंदोलन का एक अथक योद्धा बताते हुए कहा, "वे झारखंड आंदोलन के शुरुआती दिनों में हमारे साथी रहे — एक अथक योद्धा, जिन्होंने अपना पूरा जीवन झारखंड और झारखंडवासियों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।"

सहाय ने विश्वास व्यक्त किया कि "झारखंड की जनता अपने दिशोम गुरु को सदा स्नेह, सम्मान और गर्व के साथ याद रखेगी।" उन्होंने अंत में प्रार्थना करते हुए कहा, "ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें और उनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें।"

दिशोम गुरु शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार कल नेमरा में, राहुल गांधी और खरगे होंगे शामिल

रामगढ़, झारखंड: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार कल मंगलवार, 5 अगस्त को उनके पैतृक गांव नेमरा में किया जाएगा। सोमवार को 81 वर्ष की आयु में दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाले गुरुजी को उनके छोटे बेटे बसंत सोरेन मुखाग्नि देंगे।

नेमरा गांव के मुखिया जीत लाल टुडू और दर्जा प्राप्त मंत्री फागु बेसरा ने जानकारी दी है कि गुरुजी का अंतिम संस्कार नेमरा के बड़का नाला के पास मंगलवार दोपहर 2 बजे पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न होगा।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई:

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज शाम झारखंड विधानसभा पहुंचेगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद, उनके पार्थिव शरीर को झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यालय ले जाया जाएगा, और फिर रात भर रांची के मोरहाबादी स्थित उनके आवास पर रखा जाएगा। मंगलवार की सुबह, उनका पार्थिव शरीर रांची के मोरहाबादी से उनके पैतृक गांव नेमरा के लिए अंतिम यात्रा पर निकलेगा, जहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे भी देंगे अंतिम विदाई:

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पुष्टि की है कि वे शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए झारखंड जाएंगे। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी उपस्थित रहेंगे, जो गुरुजी को अंतिम विदाई देंगे। शिबू सोरेन के निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है।

कटिया ग्रिड से पीवीयूएनएल ट्रांसमिशन लाइन का सफल रीचार्ज, यूनिट-1 के संचालन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

हजारीबाग: रविवार देर शाम कटिया ग्रिड से पीवीयूएनएल (पतरातू विद्यात उत्पादन निगम लिमिटेड) की ट्रांसमिशन लाइन का सफलतापूर्वक रीचार्ज कर दिया गया। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की जानकारी ट्रांसमिशन जोन, हजारीबाग के महाप्रबंधक श्री राजलाल पासवान ने दी। उन्होंने बताया कि इस लाइन को फिलहाल 24 घंटे तक लोड पर रखा जाएगा। इसके उपरांत, पीवीयूएनएल के निर्देशानुसार लोड डालकर सिस्टम को व्यवस्थित किया जाएगा। यह कदम पीवीयूएनएल की यूनिट-1 के सफल संचालन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।

इस अवसर पर पीवीयूएनएल के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें सीईओ श्री ए.के. सहगल, सीजीएम (प्रोजेक्ट) श्री अनुपम मुखर्जी, जीएम (ओएंडएम) श्री मनीष क्षेत्रपाल, जीएम (प्रोजेक्ट) श्री विष्णु दत्त दास, जीएम (टीएस) श्रीमती संगीता दास, जीएम (एसएलडीसी) श्री अरुण कुमार, जीएम (ट्रांसमिशन, डाल्टनगंज) श्री उमेश कुमार सिंह, डीडीएम श्री परवीन राम, और सीनियर मैनेजर श्री सुनील कुमार शामिल थे।

भाजपा सदन में उठाएगी दिव्यांगजन का मुद्दा: बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार पर हमला

रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि उनकी पार्टी झारखंड के दिव्यांगजनों के साथ खड़ी है और उनकी मांगों को सदन में पूरी मजबूती के साथ उठाएगी। मरांडी ने राज्य सरकार पर दिव्यांगजनों की पीड़ा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

आज राजभवन स्थित धरना स्थल पर पहुंचकर बाबूलाल मरांडी ने दिव्यांगजनों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं से अवगत हुए। उन्होंने कहा कि झारखंड के दिव्यांगजन अपनी बहुसूत्री मांगों को लेकर पिछले 365 दिनों से राजभवन के समक्ष शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं।

मरांडी ने राज्य की हेमंत सरकार को "भ्रष्ट और संवेदनहीन" बताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार अब तक उनकी पीड़ा को नजरअंदाज करती आ रही है। उन्होंने दिव्यांगजनों को आश्वस्त किया कि भाजपा विधानसभा के भीतर उनकी मांगों को पुरजोर तरीके से उठाएगी और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करेगी।