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झारखंड में PDS डीलरों को मिलेंगी 4G ई-पॉस मशीनें, पारदर्शिता बढ़ाने और परेशानी दूर करने का लक्ष्य


रांची: झारखंड सरकार जन वितरण प्रणाली (PDS) में पारदर्शिता लाने और इसका लाभ पात्र परिवारों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए एक बड़ा कदम उठा रही है। राज्य सरकार 25,280 PDS डीलरों को आधार-आधारित बायोमीट्रिक फोर-जी ई-पॉस मशीनें उपलब्ध कराएगी। झारखंड राज्य खाद्य निगम (JSFC) निदेशालय ने ₹178 करोड़ की लागत से इन फोर-जी ई-पॉस मशीनों की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

यह निर्णय टू-जी ई-पॉस मशीनों से हो रही परेशानियों को दूर करने के उद्देश्य से लिया गया है। इस पहल के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में सरकार ने ₹100 करोड़ के व्यय का प्रस्ताव रखा है।

खरीद प्रक्रिया हुई शुरू:

JSFC ने इस संबंध में जेम पोर्टल (GeM portal) के माध्यम से इच्छुक कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। प्री-बिड (Pre-Bid) मीटिंग 28 जुलाई को बुलाई गई है, जबकि निविदा (tender) डालने की अंतिम तिथि 13 अगस्त निर्धारित की गई है। तकनीकी बिड 14 अगस्त को खोली जाएगी।

डीलरों की पुरानी मांग हुई पूरी:

PDS डीलर लगातार सरकार से फोर-जी ई-पॉस मशीनों की मांग कर रहे थे। उनका तर्क था कि मौजूदा टू-जी ई-पॉस मशीनें पुरानी (आउटडेटेड) हो चुकी हैं, और नेटवर्क व सर्वर की समस्याओं के कारण लाभार्थियों को अनाज वितरण में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक-एक लाभार्थी को अनाज देने की प्रक्रिया में काफी समय लग जाता था, और ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्या के कारण कई बार लाभार्थियों को बिना अनाज के ही वापस लौटना पड़ता था।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने भी छह जिलों में स्मार्ट PDS योजना शुरू की है, जिसमें फोर-जी ई-पॉस मशीनें लगाने की बात कही गई है। सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

झारखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला: शहीद अर्द्धसैनिक बलों के आश्रितों को मिलेगी सरकारी नौकरी

रांची: झारखंड सरकार ने गुरुवार, 24 जुलाई को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उग्रवादी घटनाओं में या देश की सीमा पर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए शहीद होने वाले राज्य के अर्द्धसैनिक बल के कर्मियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में कुल 21 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिसमें यह संवेदनशील फैसला भी शामिल है।

यह निर्णय उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जिन्होंने देश सेवा में अपने प्रियजनों को खोया है। सरकार का यह कदम शहीदों के प्रति सम्मान और उनके परिवारों के प्रति समर्थन को दर्शाता है, जिससे उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सकेगा।

रांची-जमशेदपुर के बीच जल्द दौड़ेगी फ्लैश चार्जिंग लग्जरी बसें: यात्रियों को मिलेंगी विमान जैसी सुविधाएं

झा. डेस्क

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने झारखंड के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा की है। जल्द ही रांची और जमशेदपुर के बीच अत्याधुनिक फ्लैश चार्जिंग इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू होने जा रही है। यह सेवा यात्रियों को न केवल पर्यावरण-अनुकूल परिवहन का विकल्प देगी, बल्कि सफर के दौरान फ्लाइट जैसी प्रीमियम सुविधाएं भी प्रदान करेगी।

यह परियोजना भारत में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। फ्लैश चार्जिंग तकनीक बसों को बहुत कम समय में, संभवतः कुछ ही मिनटों में पूरी तरह से चार्ज करने में सक्षम बनाती है, जिससे यात्रा का समय प्रभावित नहीं होगा और बसों का संचालन अधिक कुशल बनेगा। गडकरी ने जोर देकर कहा कि इस पहल का उद्देश्य यात्रियों को अत्यधिक आरामदायक और लक्जरी यात्रा का अनुभव देना है, जो वर्तमान में लंबी दूरी की बसों में शायद ही उपलब्ध होता है।

इन बसों में आधुनिक इंटीरियर, आरामदायक सीटें, व्यक्तिगत मनोरंजन प्रणालियां, वाई-फाई कनेक्टिविटी और अन्य उच्च-स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि रांची और जमशेदपुर के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को थकान महसूस न हो और वे अपने गंतव्य तक तरोताजा पहुंचें।

यह कदम प्रदूषण कम करने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का भी हिस्सा है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से वायु प्रदूषण में कमी आएगी और कार्बन फुटप्रिंट भी घटेगा। इसके अतिरिक्त, यह सेवा दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी, जिससे व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में ऐसी फ्लैश चार्जिंग इलेक्ट्रिक बस सेवाएं देश के अन्य प्रमुख मार्गों पर भी शुरू की जाएं, जिससे लोगों को सुरक्षित, आरामदायक और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन विकल्प मिल सकें। यह रांची और जमशेदपुर के लोगों के लिए निश्चित रूप से एक रोमांचक और स्वागत योग्य खबर है।

राज्य सरकार का ऐतिहासिक फैसला: असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मजदूरी में ₹52 तक की बढ़ोतरी

रांची, - झारखंड सरकार ने असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लगभग 94 लाख श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य घोषणा की है। राज्य सरकार ने इन श्रमिकों की दैनिक मजदूरी में ₹52 तक की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। यह कदम राज्य के लाखों गरीब और वंचित परिवारों के लिए आर्थिक राहत प्रदान करेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक होगा।

यह बढ़ोतरी विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों पर लागू होगी। अब अकुशल श्रमिकों को प्रतिदिन पुरानी मजदूरी के दर के बजाय नई मजदूरी मिलेंगे, जबकि अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों की मजदूरी में भी इसी अनुपात में वृद्धि होगी। 

"यह बढ़ोतरी न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत की गई है, और इसके साथ ही, अकुशल श्रमिकों की दैनिक मजदूरी अगर ₹300 होगी तो यह बढ़कर ₹352 हो जाएगी।" इस फैसले से खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों को सीधा लाभ मिलेगा, जो अक्सर कम मजदूरी पर काम करने को मजबूर होते हैं।

राज्य सरकार का यह फैसला श्रमिकों के कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लंबे समय से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों द्वारा अपनी मजदूरी बढ़ाने की मांग की जा रही थी, जिसे अब पूरा किया गया है। यह बढ़ोतरी बढ़ती महंगाई के दौर में श्रमिकों को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी और उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगी। सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल श्रमिकों की क्रय शक्ति को बढ़ाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करेगा, क्योंकि बढ़े हुए वेतन से बाजार में उपभोग बढ़ेगा।

इस निर्णय का विभिन्न श्रमिक संगठनों और यूनियनों ने भी स्वागत किया है। उन्होंने इसे श्रमिकों के संघर्ष की जीत बताया है और सरकार से इस फैसले को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह किया है ताकि लाखों श्रमिक इसका तत्काल लाभ उठा सकें।

रांची के सदर अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में देश में पहला स्थान हासिल किया


रांची: रांची का सदर अस्पताल एक बार फिर अपनी उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है। जानकारी के अनुसार, आयुष्मान भारत – मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के सफल क्रियान्वयन में सदर अस्पताल पूरे देश में पहले स्थान पर रहा है। इस अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना का सर्वाधिक लाभ मरीजों को दिलाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिससे अस्पताल को राजस्व भी प्राप्त हुआ है।

आयुष्मान के तहत मिलने वाले हेल्थ इंश्योरेंस कवर के अंतर्गत, सदर अस्पताल ने अब तक 2,02,859 मरीजों का उपचार किया है। अस्पताल ने कुल ₹115 करोड़ से अधिक की राशि का क्लेम (प्री-ऑथ) दर्ज करके आय अर्जित की है। इसका सीधा अर्थ यह है कि यदि मरीजों के अंतिम दावों का भी इसी अनुपात में निपटारा होता है, तो मरीजों ने अपनी जेब से ₹115 करोड़ से अधिक की राशि बचाई है।

वित्तीय वर्ष 2024-2025 के दौरान, सदर अस्पताल ने महज तीन महीनों में ₹12 करोड़ का क्लेम दर्ज किया है। इससे पहले, वित्तीय वर्ष 2023-2024 में भी रांची सदर अस्पताल ने अकेले 51,968 मरीजों का इलाज करके एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की थी और इस दौरान ₹32 करोड़ की कमाई अर्जित की थी।

अपनी इन्हीं उल्लेखनीय उपलब्धियों के कारण, सदर अस्पताल ने 2019 में देश भर के मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया था। यह गौरतलब है कि 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची से ही विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत की शुरुआत की थी।

आयुष्मान फंड से अस्पतालों का कायाकल्प

आयुष्मान के क्लेम से प्राप्त इन पैसों का उपयोग न केवल सदर अस्पताल बल्कि इससे निचले क्रम के अस्पतालों के कायाकल्प में भी हो रहा है। इन फंड्स का इस्तेमाल विशेषज्ञ चिकित्सकों से उपचार में परामर्श लेने, ओटी में सर्जरी की सुविधा प्रदान करने, आधारभूत संरचना को विकसित करने, तथा उपकरणों और दवाइयों की खरीद पर किया जा रहा है।

टीम वर्क से मिल रहा सबको लाभ

आयुष्मान का ऐसा मॉडल तैयार किया गया है जिससे योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों के स्वीपर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर तक को प्रोत्साहन राशि (इंसेंटिव) प्राप्त हो रही है। आय का यह लाभ पूरी टीम को मिल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सभी कर्मचारियों की इसमें रुचि बनी हुई है। इसी का नतीजा है कि आयुष्मान के सबसे ज्यादा केस (प्री-ऑथ) और भुगतान रांची सदर अस्पताल में सफलतापूर्वक संसाधित हो रहे हैं।

रांची: पूर्व सांसद कड़िया मुंडा की तबीयत बिगड़ी, मेडिका अस्पताल में भर्ती; हालत स्थिर

रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद कड़िया मुंडा की मंगलवार को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें रांची के मेडिका मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है और डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

पिछले कई दिनों से कड़िया मुंडा को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही थी। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है और कुछ अन्य जरूरी टेस्ट भी किए गए हैं। डॉ. विजय मिश्रा की देखरेख में एक मेडिकल टीम लगातार उनकी हालत पर नजर रख रही है।

मेडिका अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व सांसद की स्थिति अब स्थिर है, जिसके बाद उन्हें आईसीयू से कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। इससे पहले, उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें खूंटी से रांची के मेडिका अस्पताल तक लाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। खूंटी और रांची पुलिस के संयुक्त प्रयास से एंबुलेंस को लगभग 30 मिनट में खूंटी से मेडिका तक पहुंचाया गया। ट्रैफिक पुलिस को भी इस संबंध में विशेष निर्देश दिए गए थे।

गौरतलब है कि पूर्व सांसद पद्म विभूषण कड़िया मुंडा की तबीयत दो साल पहले भी निमोनिया के कारण खराब हुई थी। इसके बाद जनवरी 2025 में भी उनका ब्लड शुगर लेवल गिरने और बेचैनी महसूस होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय भी मेडिका अस्पताल में इलाज के बाद वे ठीक होकर घर लौट गए थे।

झारखंड: चांडिल में भीषण सड़क हादसा, एक की मौत, तीन घायल

चांडिल, झारखंड: सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र में एनएच-32 पर मंगलवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुर्घटना सुबह करीब पांच बजे पितकी गांव के पास हुई, जब बाबाधाम जा रही एक कार और एक ट्रक में जोरदार टक्कर हो गई।

हादसा इतना भीषण था कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। कार चालक संजय मिहिर (38) की मौके पर ही मौत हो गई। वह ओडिशा के बरगड़ जिले के बरबली थाना क्षेत्र के निवासी थे। कार में सवार उनके तीन दोस्त – संजीव साहू (38), रोहित मिहिर (45), और राजीव महाकुड (44) – गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में रोहित मिहिर की हालत गंभीर बताई जा रही है। ये सभी दोस्त बाबाधाम जा रहे थे।

दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण और नीमडीह व चांडिल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। ग्रामीणों की मदद से घायलों को तुरंत चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

रांची उपायुक्त के जनता दरबार में उमड़ी भीड़, शिक्षा, पेंशन और भूमि विवादों का त्वरित समाधान

रांची, 21 जुलाई 2025: उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री के जनता दरबार में आज एक बार फिर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे। लोगों ने शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, भूमि विवाद, दाखिल-खारिज, पेंशन और अन्य मुद्दों पर अपनी शिकायतें दर्ज कराईं। उपायुक्त ने प्रत्येक फरियादी की समस्या को गंभीरता से सुना और संबंधित पदाधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए।

शिक्षा का अधिकार बना आशा की किरण: दो परिवारों ने जताया आभार

जनता दरबार में आज एक हृदयस्पर्शी दृश्य तब सामने आया जब दो दंपत्ति अपने-अपने बच्चों के शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत स्कूल में नामांकन हो जाने पर राज्य सरकार और उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री का धन्यवाद देने पहुंचे। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के सार्थक हस्तक्षेप और दिशा-निर्देश से ही उनके बच्चों का नामांकन सुनिश्चित हो पाया है। इस पर उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि "यही है असली बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की मिसाल। प्रशासन का उद्देश्य ही यह है कि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।"

दिव्यांग बच्ची की शिकायत का त्वरित समाधान

जनता दरबार में एक महिला अपनी 15 वर्षीय दिव्यांग बेटी के साथ पहुंची और सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन की सुविधा नहीं मिलने की शिकायत की। उपायुक्त ने मौके पर ही सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। जांच में पाया गया कि बच्ची को विकलांग पेंशन योजना का लाभ मिल रहा था। उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने निर्देश दिया कि परिवार को पेंशन की अद्यतन स्थिति की पूरी जानकारी दी जाए और भविष्य में किसी प्रकार की कठिनाई न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।

भू-राजस्व संबंधी शिकायतों पर सख्त निर्देश

जनता दरबार में भू-राजस्व से संबंधित कई समस्याएं सामने आईं, जिनमें जमीन पर अवैध कब्जा, लंबित दाखिल-खारिज, रजिस्टर-2 में त्रुटियाँ, सीमांकन में बाधा और रसीद अद्यतन न होना जैसी शिकायतें प्रमुख थीं। उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने प्रत्येक फरियादी की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनते हुए संबंधित अंचल अधिकारी को मौके पर ही फोन के माध्यम से त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि "भूमि संबंधी मामलों में लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आम जनता की जमीन सुरक्षित रहना उनका संवैधानिक अधिकार है।" उन्होंने सभी राजस्व मामलों का समाधान पारदर्शिता, तत्परता और संवेदनशीलता के साथ करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को अवैध कब्जे की शिकायतों पर शीघ्र भौतिक सत्यापन करते हुए विधिसम्मत निष्पादन करने और दाखिल-खारिज के लंबित मामलों को समयबद्ध ढंग से निपटाने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि जिन मामलों में दस्तावेज़ीय त्रुटियां हैं, उनकी समीक्षा कर डिजिटल रिकॉर्ड को अद्यतन किया जाए।

जनता दरबार में बढ़ रहा भरोसे का प्रभाव

जिला प्रशासन का यह जनता दरबार हर सप्ताह आयोजित हो रहा है, जिससे आम जनता को प्रशासन से सीधे संवाद का अवसर मिल रहा है और उनका विश्वास लगातार बढ़ रहा है। उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने दोहराया कि "जिला प्रशासन जनसेवा के लिए प्रतिबद्ध है और प्रत्येक निष्पादन योग्य समस्या का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा।"

नोट: अबुआ साथी (9430328080) का अपग्रेडेशन जारी है। जन शिकायत हेतु वैकल्पिक ईमेल आईडी- का उपयोग करें।

झारखंड में सुगम मतदान सुनिश्चित करने की कवायद: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दिए अहम निर्देश

रांची, 21 जुलाई 2025: झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने आज निर्वाचन सदन से सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की। इस दौरान उन्होंने मतदान केंद्रों की व्यवस्था और मतदाता सूची के अद्यतन से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जिसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाना है।

मतदान केंद्र तक आसान पहुंच और भीड़ नियंत्रण

श्री के. रवि कुमार ने निर्देश दिया कि राज्य में मतदान केंद्रों के नजरी-नक्शा बनाने और जियो फेंसिंग करने का कार्य तेजी से किया जाए। इस प्रक्रिया के दौरान यह सुनिश्चित करना होगा कि:

मतदाताओं को अपने मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर से कम की दूरी तय करनी पड़े।

एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1200 से अधिक न हो।

इसके साथ ही, मतदान केंद्र के विखंडन (विभाजन) के दौरान इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि एक परिवार या एक टोले के मतदाताओं को अलग-अलग मतदान केंद्र पर न जाना पड़े, जिससे उन्हें असुविधा न हो।

निर्वाचन कर्मियों की रिक्तियां और बीएलओ की नियुक्ति

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने निर्वाचन कार्य से जुड़े ईआरओ (निर्वाचन निबंधन अधिकारी), एईआरओ (सहायक निर्वाचन निबंधन अधिकारी), बीएलओ सुपरवाइजर और बीएलओ की रिक्तियों को शीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की नियुक्ति के संबंध में विशेष रूप से कहा कि चयनित बीएलओ उसी मतदान केंद्र के मतदाता होने चाहिए, जिससे वे अपने क्षेत्र को बेहतर ढंग से समझ सकें।

'कोई भी योग्य मतदाता छूटे न' पर जोर

श्री के. रवि कुमार ने दोहराया कि भारत का मतदाता होने के लिए तीन निर्धारित अर्हताएं हैं: भारत का नागरिक होना, 18 वर्ष की आयु होना और देश के किसी भी क्षेत्र का सामान्य निवासी होना। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए कहा, "कोई भी योग्य मतदाता छूटे न और कोई भी अवैध व्यक्ति मतदाता सूची में न जुड़े।" यह सुनिश्चित करना निर्वाचन पदाधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री देव दास दत्ता, और ऑनलाइन माध्यम से सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी सहित निर्वाचन से जुड़े अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

झारखंड में 'माइनिंग टूरिज्म' का आगाज: JTDC और CCL के बीच ऐतिहासिक समझौता, पर्यटकों को मिलेगा खनन का अनूठा अनुभव

रांची, 21 जुलाई 2025: झारखंड में पर्यटन को नया आयाम देने और राज्य की औद्योगिक विरासत को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से आज झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के बीच एक ऐतिहासिक समझौता (MoU) हुआ। इस समझौते के तहत राज्य में 'माइनिंग टूरिज्म' (खनन पर्यटन) की शुरुआत की जाएगी।

झारखंड मंत्रालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित इस समारोह में पर्यटन मंत्री श्री सुदिव्य कुमार ने इसे झारखंड राज्य की दूरदर्शी सोच और साहसी निर्णयों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, "खनन पर्यटन न केवल हमारे राज्य की औद्योगिक ताकत को प्रदर्शित करेगा, बल्कि पर्यटकों को ऊर्जा क्षेत्र और इसके समृद्ध इतिहास पर एक अनूठा दृष्टिकोण भी प्रदान करेगा।" उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन को बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में झारखंड पर्यटन, उद्योग और सांस्कृतिक विरासत को नए आयाम देने के लिए प्रयासरत है। मंत्री ने जोर दिया, "यह साझेदारी झारखंड के पर्यटन सफर में एक नए अध्याय की शुरुआत है।"

समारोह में CCL की ओर से अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री निलेंदु कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। पर्यटन निदेशालय की ओर से निदेशक पर्यटन श्रीमती विजया जाधव और JTDC के प्रबंध निदेशक श्री प्रेम रंजन सहित अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

JTDC और CCL के बीच हुए MoU की मुख्य विशेषताएं:

स्थान: प्रारंभिक चरण में माइनिंग टूरिज्म उत्तर उरीमारी (North Urimari) माइंस से शुरू होगा। भविष्य में अन्य खनन क्षेत्रों को भी इसमें जोड़ा जा सकेगा।

अवधि: यह समझौता 5 वर्षों के लिए प्रभावी होगा, जिसे आपसी सहमति से आगे 5 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

पर्यटन संचालन: JTDC पर्यटकों की बुकिंग का प्रबंधन करेगा और प्रति सप्ताह दो दिन खनन पर्यटन की सुविधा प्रदान करेगा। प्रत्येक समूह में 10 से 20 व्यक्ति शामिल होंगे।

सुरक्षा और नियमावली: सभी पर्यटकों को खनन क्षेत्र में प्रवेश से पहले CCL के नियमों, सुरक्षा निर्देशों और स्वास्थ्य मानकों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा। CCL द्वारा प्रवेश की अनुमति अंतिम रूप से दी जाएगी।

गाइड सुविधा: CCL पर्यटकों को खनन की कार्यप्रणाली और इतिहास समझाने के लिए अनुभवी गाइड उपलब्ध कराएगा।

सहयोग: JTDC खनन पर्यटन का व्यापक प्रचार-प्रसार करेगा, जबकि CCL आवश्यकतानुसार सहयोग प्रदान करेगा ताकि यह पहल सफल हो सके।

यह साझेदारी झारखंड के पर्यटन परिदृश्य में एक नया आयाम जोड़ेगी और पर्यटकों को राज्य के समृद्ध खनन इतिहास और वर्तमान औद्योगिक गतिविधियों को करीब से देखने का अवसर प्रदान करेगी।