*समय सीमा पूरी,छह महीने बाद भी किराये के भवन में संचालित हो रहे 23 सेंटर*
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रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही । प्रसव पीड़िताओं के त्वरित उपचार के लिए ग्रामीण अंचलों में संचालित 206 हेल्थ वेलनेस सेंटरों की हालत ठीक नहीं है। 35 फीसदी सेंटरों का नियमित ताला नहीं खुलता है। यह सेंटर तब खुलते हैं जब उच्चाधिकारी निरीक्षण करने पहुंचते हैं या फिर जब कोई शिकायत करता है। सेंटरों के नियमित न खुलने से सबसे अधिक टीकाकरण प्रभावित होता है। हेल्थ वेलनेस सेटरों पर सीएचओ और एएनएम की तैनाती की गई है। इनकी निगरानी सीएचसी अधीक्षक करते हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि 60 फीसदी प्रसव हेल्थ वेलनेस सेंटर पर कराए जाते है। इसमें सोनैचा, गड़ेरियापुर, गजधरा, गोपीपुर, सुंदरपुर, लक्ष्मणपट्टी आदि सेंटर पर ताला लटका मिला। सुंरदपुर, छत्रशाहपुर, सरायजगदीश सेंटर पर टीका उपलब्ध मिला। औसतन एक सेंटर पर औसतन 15 से 20 मरीजों की ओपीडी होती है।
सेंटरों पर प्रसव का ग्राफ बढ़ा है। समय-समय पर निरीक्षण किए जाते हैं, एएनएम, सीएचओ के नहीं मिलने पर वेतन रोका जाता है। स्पष्टीकरण मांगा जाता है। सीएचसी, पीएचसी और कार्यालय पर बैठक किए जाते हैं। जिन सेंटर पर एक स्टाप हैं, जब वह बैठक या फील्ड में टीकाकरण के लिए जाते हैं तब सेंटर बंद करना पड़ता है। -- डॉ. एसके चक, सीएमओ भदोही
Jul 22 2025, 17:51