क्या है कच्चातिवु विवाद? स्टालिन ने पीएम मोदी से किया हस्तक्षेप का अनुरोध, भाजपा ने कसा तंज
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केन्द्र सरकार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बीच संबंध कैसे है ये किसी से छुपे नहीं हैं। इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कच्चातिबु द्वीप विवाद में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। उन्होंने श्रीलंका की जेलों में बंद भारतीय मछुआरों और नावों को भी छुड़ाने की मांग उठाई है। स्टालिन की पीएम मोदी से की गई इस अपील पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का पलटवार किया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लंबे समय से चले आ रहे कच्चातीवु विवाद को सुलझाने और श्रीलंकाई जेलों में बंद भारतीय मछुआरों और उनकी नावों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे हस्तक्षेप करने की अपील की। स्टालिन ने कहा कि पीएम मोदी कच्चातीवु द्वीप विवाद को हल करने के लिए सीधा हस्तक्षेप करें। उनके ऐसा करने से ये विवाद हल हो सकता है। इसके अलावा स्टालिन ने श्रीलंका की जेल में बंद भारतीय मछुआरों और जब्त नावों की रिहाई कराने के लिए भी पीएम मोदी से आह्वान किया है।
स्टालिन का केंद्र सरकार पर हमला
पीएम से हस्तक्षेप की मांग करते हुए एमके स्टालिन बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधने से भी नहीं चूके। तमिलनाडु के सीएम ने भारतीय जनता पार्टी पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु के मछुआरों की रक्षा करने में विफल रही है। इतना ही नहीं वह बिना कोई ठोस कार्रवाई किए कच्चातीवु मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस दिशा में केंद्र को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। केवल प्रधानमंत्री का सीधा हस्तक्षेप ही तमिल मछुआरों के लिए एक स्थायी समाधान ला सकता है।
स्टालिन का एस. जयशंकर से सवाल
इस दौरान स्टालिन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी सवाल किया। उन्होंने पूछा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर श्रीलंका के हालिया दावों का खंडन क्यों नहीं किया है। बता दें कि हाल ही में श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि तमिलनाडु के मछुआरे अक्सर अतिक्रमण करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि कोलंबो कच्चातीवु द्वीप वापस नहीं करेगा।
केंद्र सरकार पर चुप रहने का आरोप
मुख्यमंत्री स्टालिन ने श्रीलंका के मत्स्य मंत्री डगलस देवानंद के बयान का जिक्र किया। देवानंद ने कहा था कि तमिलनाडु के मछुआरे अक्सर उनकी सीमा में घुस आते हैं और कोलंबो कच्चातिवु द्वीप को वापस नहीं करेगा। स्टालिन ने केंद्र सरकार पर इन दावों पर चुप रहने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु विधानसभा ने पहले ही कच्चातिवु को वापस लेने की मांग का प्रस्ताव पारित कर दिया है। स्टालिन ने ये भी दावा किया कि उन्होंने कई बार पीएम मोदी के समक्ष इस मुद्दे को उठाया।
बीजेपी का पलटवार
स्टालिन के दावों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता नारायण तिरुपति ने तेज कसते हुए कहा कि 1974 में कांग्रेस सरकार के दौरान डीएमके ने कच्चातिवु को श्रीलंका को दे दिया था। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जब डीएमके 14 साल तक केंद्र में सत्ता में थी, तब उसने कुछ नहीं किया। तिरुपति ने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि श्रीलंका की नौसेना गोलीबारी न करे, वहीं कांग्रेस के शासन में लगभग 1,000 मछुआरे मारे गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने एक मछुआरे को मौत की सजा से बचाया है।
Jul 17 2025, 14:48