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हर घर जल योजना अंतर्गत पूर्ण कार्यां को पंचायतों को हैंड ओवर करें: जितेन्द्र शुक्ला

महासमुंद- जल जीवन मिशन के जिले में प्रभावी क्रियान्वयन हेतु शुक्रवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में समीक्षा बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जल जीवन मिशन संचालक जितेन्द्र शुक्ला ने की। बैठक में कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक, अधीक्षण अभियंता आर.के. शुक्ला, कार्यपालन अभियंता डी.पी. वर्मा सहित सभी जनपद सीईओ, विभागीय उप अभियंता, सभी क्रियान्वयन एजेंसियों के प्रतिनिधि एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जिले में चल रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए शुक्ला ने कहा कि कहा कि नल जल जीवन मिशन शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके अंतर्गत हर ग्रामीण परिवार को नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना लक्ष्य है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माणाधीन योजनाओं को निर्धारित समयसीमा में पूर्ण करें और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। उन्होंने पाइपलाइन बिछाने, पानी टंकी निर्माण, गृह संयोजन की स्थिति तथा परियोजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने जो हर घर जल योजना अंतर्गत जितने ग्राम पंचायतों में जल प्रदाय का कार्य प्रारम्भ हो चुका है उसे पंचायतों को हैंड ओवर करने के निर्देश दिए।

हर घर जल योजना अंतर्गत 511 पंचायतों में जल सेवा प्रदाय किया गया जिसमें से 172 पंचायतों को हैंड ओवर किया गया है। इसी तरह शुक्ला ने विद्युत संयोजन के लिए जिन ग्राम पंचायतों में डिमांड नोट प्राप्त नहीं हुआ है वहां तत्काल डिमांड नोट प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। जल जीवन मिशन अंतर्गत टंकी निर्माण अप्रारम्भ होने वाले ग्रामों में कारणों की समीक्षा करते हुए उनकी शीघ्र समाधान कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। पीएम जनमन योजना अंतर्गत जिले के कुल 76 मोहल्लों में जल प्रदाय किया जाना है। जिसे प्राथमिकता से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। इसी तरह समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत समोदा, अछोला बैराज से 48 गांवों में पानी पहुंचेगी जिसे दिसम्बर माह तक पूर्ण करने कहा गया है। उन्होंने कहा कि सभी कार्य समय सीमा में पूर्ण हों और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की सतत उपलब्धता सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि आईएसए एजेंसियां गुणवत्ता मानकों का पालन करते हुए कार्य की निगरानी करें और आवश्यकतानुसार ठेकेदारों का मार्गदर्शन करें। बैठक के दौरान कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने जिले में प्रगति की जानकारी दी। पीएचई कार्यपालन अभियंता वर्मा ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत कुल 1117 ग्रामों में 2 लाख 21 हजार घरेलू नल कनेक्शन प्रदाय किया जाएगा। बैठक में रिट्रोफिटिंग, सोलर आधारित जल योजनाएं, जल स्रोत की उपलब्धता, खनन संबंधी मुद्दों और जल संरक्षण-स्रोत संवर्धन पर भी विस्तृत चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त, ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत की गई समस्याओं को भी गंभीरता से सुना गया और समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।

तेंदुए ने गाँव में फैलाई सनसनी, हमले से एक युवक गंभीर रूप से घायल


कांकेर- जिले के दुधावा गांव में शनिवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक तेंदुआ अचानक गांव के एक मकान में घुस गया। घटना सुबह करीब 6 बजे की है। फत्तेसिंह नेताम के घर में दाखिल हुए तेंदुए ने घर के ही सदस्य वेद प्रकाश नेताम पर हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।

बता दें कि हमले के बाद तेंदुआ घर के किचन में जा छिपा। इस अचानक हुई घटना से पूरे गांव में हड़कंप मच गया। डरे-सहमे परिवार और आसपास के लोग तुरंत बाहर निकल आए और वन विभाग को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और तेंदुए को पकड़ने की कोशिश शुरू कर दी है।

वन मंडल अधिकारी (DFO) रौनक गोयल ने बताया कि तेंदुए को नियंत्रित करने के लिए घर के चारों ओर सुरक्षा जाली लगाई गई है और ग्रामीणों को घरों से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है, ताकि कोई और अनहोनी न हो।

डायरिया के प्रकोप से एक की मौत, चार की हालत गंभीर

बालोद- जिले के ग्राम तरौदा में डायरिया के कारण युवक मोहित निसाद की मौत हो गई. जिला अस्पताल में भर्ती चार अन्य मरीजों की हालत गंभीर है. वहीं, गांव में 15 अन्य प्रभावितों का इलाज स्थानीय स्वास्थ्य शिविर में चल रहा है, जिन्हें प्राथमिक लक्षणों के आधार पर निगरानी में रखा गया है.

जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. डॉक्टर्स की टीम गांव पहुंची और तत्काल राहत व उपचार के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया गया. ग्रामीणों का प्राथमिक जांच और उपचार तेजी से किया जा रहा है.

सीएमएचओ महेश सूर्यवंशी ने बताया कि गांव में दूषित पानी से डायरिया फैला है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में शिविर लगाया है. जहां लोगों का इलाज जारी है. लोगों से सतर्क रहने और उबालकर पानी पीने की अपील की है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया योगाभ्यास: जशपुर के रणजीता स्टेडियम में उत्साहपूर्वक मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर जिला मुख्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में हजारों लोगों के साथ योगाभ्यास किया और सभी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि योग कोई नई पद्धति नहीं, बल्कि हमारी प्राचीन सनातन परंपरा का अभिन्न अंग है, जिसे ऋषि-मुनियों ने विकसित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, जिसके परिणामस्वरूप 2015 से प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में विश्वभर में मनाया जा रहा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज 175 से अधिक देशों में योग की गूंज सुनाई देती है। मुख्यमंत्री के साथ जनप्रतिनिधियों, स्कूली छात्र-छात्राओं, अधिकारियों, कर्मचारियों और आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक योगाभ्यास में भाग लिया। योग प्रशिक्षकों ने चक्रासन, अर्धचक्रासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, प्राणायाम, वज्रासन सहित विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दिन के 24 घंटों में से कुछ समय योग के लिए अवश्य निकालें। इससे न केवल गंभीर बीमारियां दूर होती हैं, बल्कि भविष्य में रोग होने की संभावना भी कम होती है। उन्होंने जेनेरिक दवाओं के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि ये दवाएं प्रभावी, सुलभ और किफायती हैं। मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों की बड़ी संख्या में भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि योग से बच्चों का मन शांत होता है और पढ़ाई में ध्यान केंद्रित होता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नालंदा परिसर का भूमिपूजन किया। 11.29 करोड़ रुपये की लागत से 2 एकड़ में बनने वाले इस परिसर में 500 विद्यार्थी एक साथ अध्ययन कर सकेंगे। परिसर में एक आकर्षक उद्यान भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा। आज ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी जागरूक होकर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। इसलिए राज्य सरकार ने सभी जिला मुख्यालयों और बड़े शहरों में नालंदा परिसर स्थापित करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कुल 107.81 करोड़ रुपये के 64 कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। इसमें जशपुर विधानसभा क्षेत्र में 61.20 करोड़ रुपये के 85 कार्यों का भूमिपूजन और 15.80 करोड़ रुपये के 6 कार्यों का लोकार्पण शामिल है। इसी प्रकार, कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के फरसाबहार विकासखंड में 24.90 करोड़ रुपये के 15 कार्यों का भूमिपूजन और 5.91 करोड़ रुपये के 4 कार्यों का लोकार्पण किया गया।

मुख्यमंत्री ने नागरिकों से "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत वृक्षारोपण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु शुरू हो चुकी है, जो पौधरोपण के लिए उपयुक्त समय है। कार्यक्रम में योग आयोग के प्रशिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि योग सभी के लिए समान रूप से लाभकारी है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष योग दिवस की थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य" है, जो मानव और पृथ्वी के परस्पर संबंध को दर्शाती है। इस वर्ष का योग हरित योग पर आधारित है, जिसके तहत अधिक से अधिक पौधरोपण का संदेश दिया जा रहा है।

योग आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा ने कहा कि जशपुर की वादियां अत्यंत सुंदर हैं और योग के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती हैं। यहां की चाय, काजू और नाशपाती जैसी फसलें इसे और विशेष बनाती हैं। उन्होंने कहा कि योग कोई पाठ्यक्रम नहीं, बल्कि जीवन जीने की शैली है, जिसे निरंतर अभ्यास से आत्मसात किया जा सकता है।

कलेक्टर रोहित व्यास ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। स्वागत भाषण समाज कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव ने दिया।

इस अवसर पर पूर्व सांसद रणविजय सिंह जूदेव, पद्मश्री जागेश्वर राम यादव, जशपुर विधायक रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, माटीकला बोर्ड अध्यक्ष शंभूनाथ चक्रवर्ती, सन्निर्माण कर्मकार मंडल अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत, उपाध्यक्ष यश प्रताप सिंह जूदेव, संभागायुक्त नरेंद्र दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, एसएसपी शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्कूली छात्र और योग संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘गजरथ यात्रा’ का किया शुभारंभ, मानव-हाथी द्वंद रोकने की अनूठी पहल

रायपुर-  अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर के रणजीता स्टेडियम परिसर में आयोजित कार्यक्रम में ‘गजरथ यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। यह अभिनव पहल छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी द्वंद को कम करने और वन्यजीव संरक्षण के लिए जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस यात्रा के माध्यम से स्कूलों, ग्राम पंचायतों और हाट-बाजारों में पहुंचकर हाथियों के व्यवहार, सुरक्षा उपायों और सह-अस्तित्व के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि मानव और हाथियों के बीच बढ़ते टकराव को कम करने के लिए सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। ‘गजरथ यात्रा’ इस दिशा में एक सार्थक माध्यम बनेगी, जो लोगों को शिक्षित कर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में सहायक होगी। उन्होंने वन विभाग के उन कर्मचारियों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने स्टेडियम परिसर में सिंदूर का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत नागरिकों से अपील की कि वे अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें । उन्होंने कहा कि पेड़ न केवल जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि जल संरक्षण, जैव विविधता और जलवायु संतुलन के लिए भी आवश्यक हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने वन विभाग द्वारा तैयार लघु फिल्म और पुस्तिका का विमोचन भी किया, जिसमें हाथियों से संबंधित सावधानियां, उनके व्यवहार को समझने और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई है। यह सामग्री स्कूली बच्चों, ग्रामीणों और स्थानीय समुदायों में वितरित की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और जागरूकता अभियानों की जानकारी दी, जो सतत विकास और हरित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहायक हैं।

उल्लखेनीय है कि ‘गजरथ यात्रा’ राज्य सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो सतत विकास, जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय समुदायों की सहभागिता के माध्यम से वन्यजीवों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों और वन विभाग की टीम को इस प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, योग आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा, पूर्व सांसद रणविजय सिंह जूदेव, पद्मश्री जागेश्वर यादव, विधायक रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, माटीकला बोर्ड अध्यक्ष शंभूनाथ चक्रवर्ती, सन्निर्माण कर्मकार मंडल अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत, उपाध्यक्ष यश प्रताप सिंह जूदेव, संभागायुक्त नरेंद्र दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, एसएसपी शशि मोहन सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि, नागरिक, स्कूली छात्र और योग संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर पुलिस एवं प्रवर्तन अमले के द्वारा चालानी कार्रवाई करने के दिए गए निर्देश

रायपुर-  सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के अनुबंधित कंपनियों के प्रतिनिधि एवं समस्त परिवहन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव सह परिवहन आयुक्त एस.प्रकाश द्वारा बिना एचएसआरपी वाले वाहनों पर सख्त चालानी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

सचिव परिवहन एस. प्रकाश ने एचएसआरपी आर्डर में कमी आने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए समस्त परिवहन अधिकारियों को पुलिस प्रशासन से समन्वय कर संयुक्त जांच अभियान चलाने और चालानी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने धमतरी, जशपुर, दुर्ग, अंबिकापुर, बैकुण्ठपुर, रायपुर, बिलासपुर जिलों के परिवहन अधिकारियों से विस्तारपूर्वक चर्चा की और आगामी दिनों में एचएसआरपी आर्डर की संख्या दोगुनी करने हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।

बैठक में समस्त परिवहन अधिकारियों को एचएसआरपी वेंडर से समन्वय कर तहसील मुख्यालय, ग्रामीण कस्बों एवं भीड़ वाले जगहों जैसे-इंडस्ट्रियल, एजुकेशन इंस्टीट्यूट क्षेत्रों में लगातार कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए गए। परिवहन सचिव सह आयुक्त ने दुर्ग जिला अंतर्गत भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) में कार्यरत कर्मचारियों के स्टॉफ पार्किंग में कैम्प आयोजित करने हेतु क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, दुर्ग को निर्देशित किया गया। साथ ही एचएसआरपी लगाने एवं नियम / अधिनियम की जानकारी हेतु लोगों में जागरूकता लाने पेट्रोल पंप या अन्य भीड़ वालें स्थानों पर बैनर / पोस्टर के माध्यम से जानकारी प्रसारित करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में निर्देश दिया गया कि अनुबंधित कम्पनियां जिला मुख्यालय के साथ-साथ तहसील मुख्यालय में भी कंपनी द्वारा संचालित स्थायी फिटमेंट सेंटर स्थापित करने के साथ मैनपॉवर भी बढ़ाएं। इसके अतिरिक्त समस्त परिवहन अधिकारियों को समस्त फिटमेंट सेंटरों का लगातार भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। आगामी सप्ताह में पुनः समीक्षा बैठक ली जावेगी।

रायपुर-दुर्ग रेलवे ट्रैक पर 130 KMPH स्पीड का ट्रायल, जीएम ने किया निरीक्षण

रायपुर- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के महाप्रबंधक (जीएम) ने शुक्रवार को दुर्ग से रायपुर के बीच रेल मार्ग का विस्तृत निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य ट्रैक की संरचना, संचालन क्षमता और गति बढ़ाने की संभावनाओं का आकलन करना था। रायपुर स्टेशन पहुंचने के बाद जीएम पुनः दुर्ग के लिए रवाना हुए, जहां वे मिडल लाइन पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाए जाने के लिए बनाए गए ट्रैक का निरीक्षण करेंगे। इससे पहले रायपुर से दुर्ग जाते समय उन्होंने अप लाइन की जांच की और ट्रैक की गुणवत्ता, संरक्षा संबंधी मानकों और सिग्नलिंग प्रणाली को बारीकी से परखा। रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि रायपुर रेल मंडल में वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ-साथ अब अन्य ट्रेनों की गति भी बढ़ाई जा रही है, विशेषकर वे ट्रेनें जिनमें एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगे हुए हैं। एलएचबी कोच की उच्च तकनीकी विशेषताओं के कारण इन ट्रेनों को तेज रफ्तार में चलाना संभव हो पाया है।

जीएम ने कहा कि पूरे रेल मंडल में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने, यात्रियों को समय पर और सुरक्षित यात्रा देने तथा हाई-स्पीड ट्रेनों के संचालन के लिए आधुनिक तकनीक पर आधारित ट्रैक व सिग्नलिंग सिस्टम का विकास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले चरण में 130 KMPH की स्पीड से चलने वाली ट्रेनों के लिए ट्रैक को पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान रायपुर रेलवे स्टेशन में पश्चिम विधायक राजेश मूणत और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय भी मौजूद रहे। दोनों जनप्रतिनिधियों ने जीएम से मुलाकात कर क्षेत्रीय रेल समस्याओं को विस्तार से रखा। विधायक राजेश मूणत ने स्टेशन में यात्रियों की सुविधा के दृष्टिकोण से प्लेटफॉर्म नंबर 1 से 7 तक अंडरब्रिज निर्माण की मांग की। उन्होंने बताया कि यात्रियों को विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों को प्लेटफॉर्म बदलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अंडरब्रिज के निर्माण से न केवल यह समस्या हल होगी, बल्कि रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर होगी।

वहीं, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने रायपुर से इंदौर तक सीधी ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग की, जिससे व्यापारिक और सामाजिक दृष्टिकोण से जुड़े हजारों लोगों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने रेलवे की जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े और अतिक्रमण के मामलों को भी जीएम के संज्ञान में लाया। उन्होंने कहा कि राजधानी में रेलवे की बहुमूल्य भूमि पर अवैध कब्जे और रजिस्ट्रियों के माध्यम से हो रहे घोटाले चिंताजनक हैं, जिनकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है। इस पर जीएम ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी, और यदि कोई भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रेलवे जीएम ने यह भी संकेत दिए कि आने वाले दिनों में रायपुर मंडल के अंतर्गत कई ट्रेनों की गति में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही स्टेशन और ट्रेनों में यात्रियों की सुविधाओं को लेकर अनेक प्रस्तावों पर काम चल रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रेल संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और नई परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।

नागरिक आपूर्ति निगम की संचालक मंडल की बैठक सम्पन्न: अनुकम्पा नियुक्ति को मिली स्वीकृति, कर्मचारियों के हित में महंगाई भत्ते में हुई वृद्धि

रायपुर- छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज़ कॉरपोरेशन लिमिटेड (नागरिक आपूर्ति निगम) के नव नियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव की अध्यक्षता में निगम मुख्यालय, नवा रायपुर में संचालक मंडल की 95वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में निगम कर्मचारियों के हित में कई निर्णय लिए गए। वर्षों से लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के विषय पर संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य करते हुए निगम के पांच दिवंगत सेवायुक्तों के आश्रित परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय संबंधित परिवारों के लिए न केवल राहत का माध्यम बनेगा, बल्कि उनके जीवन को स्थायित्व देने वाला भी सिद्ध होगा।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लेखों का अंतिमीकरण कर वित्तीय पत्रकों को अनुमोदित किया गया। साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के बजट का संचालक मंडल द्वारा अनुमोदन किया गया। बैठक में मार्च 2025 से शासन द्वारा घोषित महंगाई भत्ते में वृद्धि को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इससे निगम के समस्त कर्मचारियों में हर्ष का वातावरण बना और उन्होंने इस निर्णय हेतु अध्यक्ष एवं संचालक मंडल के प्रति आभार व्यक्त किया।

'आधार के उपयोग द्वारा अधिकतम लाभ' विषय पर आयोजित की गई राज्य स्तरीय कार्यशाला

रायपुर- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के क्षेत्रीय कार्यालय हैदराबाद द्वारा आज राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंशन हॉल में आधार से अधिकतम लाभ प्राप्त करना विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में आधार के व्यापक और प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करना है। साथ ही आधार की उपयोगिता को जन-कल्याण की योजनाओं से जोड़ते हुए अधिक पारदर्शी एवं डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में आगे बढ़ना है। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन मुख्य सचिव अमिताभ जैन के मार्गदर्शन मेें किया गया।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भुवनेश कुमार ने कहा कि आई.टी. के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ तीव्र गति से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 140 करोड़ आधार बने हैं, जिसकी सहायता से हितग्राहियों को सीधे लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आधार आम नागरिकों की प्रगति का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। उन्होंने जानकारी दी कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा आधार एनरोलमेंट और अपडेशन के लिए नवाचार का उपयोग कर नया साफ्टवेयर बना कर पूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा रहा है, ताकि आधार बनाने की प्रक्रिया में होने वाली दिक्कत की आशंका को कम किया जा सके। आधार को और अधिक विश्वसनीय एवं प्रभावी बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, पासपोर्ट, मनरेगा, पी.डी.एस. आदि अनेक सेवाओं से इन्टीग्रेट किया जा रहा है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह ने कहा कि आधार से सुशासन और डिजिटल गवर्नेंस का लक्ष्य साधने में मदद मिल रही है। आधार, भारत का सबसे परिवर्तनकारी डिजिटल पहचान मंच बन चुका है, जिसकी सहायता से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने आधार की भूमिका को समावेशी, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन की नींव बताते हुए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पेंशन, मनरेगा मजदूरी भुगतान, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं सहित कई सेवाओं में आधार का सफल इंटीग्रेशन किया है। इसके अलावा, ई-डिस्ट्रिक्ट, लोक सेवा गारंटी और राज्य डी.बी.टी. पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों में आधार की भूमिका को और अधिक सशक्त किया जा रहा है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए रीजनल ऑफिस हैदराबाद की डिप्टी डायरेक्टर जनरल पी. संगीता ने बताया कि आधार पिछले दो दशकों में अभूतपूर्व परिवर्तन से गुजर चुका है। यह अब सिर्फ 12 अंकों की संख्या नहीं रह गया है, बल्कि यह एक समग्र सुशासन और डिजिटल भारत की आधारभूत संरचना बन चुका है। आधार से संबंधित नियम और नीतियों में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं, जिसे सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाता है। यूआईडीएआई मुख्यालय के डीडीजी विवेक चंद्र वर्मा एवं विनोद कुमार सिंह ने कार्यशाला में आधार उपयोग में हाल के समय में की जा रही है पहल पर व्याख्यान दिया। उन्होंने आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत लाभ वितरण, प्रमाणीकरण सुविधाएं और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली की जानकारी दी।

कार्यशाला में यूआईडीएआई मुख्यालय के निदेशक कर्नल निखिल सिन्हा ने नामांकन एवं अद्यतन पारिस्थितिकी तंत्र में हाल के समय में विकास और नई नीतियां विषय पर प्रस्तुति दी। वहीं, निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव यादव ने आधार प्रमाणीकरण अवलोकन एवं मुख्य बातें साझा करते हुए छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों की तुलनात्मक जानकारियाँ दीं। इनिशिएटिव एण्ड बेस्ट प्रेक्टिसेस के अंतर्गत, बेंगलुरु के राजस्व आयुक्त सुनील कुमार पोम्माला ने भूमि प्रबंधन प्रणाली में आधार के तकनीकी उपयोग और कर्नाटक राज्य में कृषि से जुड़ी योजनाओं में आधार के सकारात्मक प्रभाव पर आधारित अनुभव साझा किए।

राज्य में आधार प्रमाणीकरण का स्कोप विषय पर चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक ने अपने विचार रखते हुए बताया कि आधार ऑथेंटिकेशन के जरिए योजनाओं से अपात्र हितग्राहियों को हटाकर पात्र लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाया जा सकता है। यूआईडीएआई हैदराबाद के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल श्री शरत नांबियार ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में चिप्स द्वारा प्रदेश में नियुक्त किये गये 14 ऐसे आधार केंद्रों के ऑपरेटरों को जिन्होंने विगत छः माह में अत्यंत कम त्रुटि के साथ आधार एनरोलमेंट और अपडेशन किया है, उन्हें सम्मानित किया गया।

कार्यशाला में प्रतिभागियों ने आधार से संबंधित विविध प्रश्न रखे, जिस पर विशेषज्ञों ने सार्थक जानकारी दी और उनकी शंकाओं का समाधान किया। कार्यशाला में उद्योग एवं वाणिज्य तथा सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव रजत कुमार, राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित राज्य शासन के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य के विभिन्न जिलों से आए आधार ऑपरेटर्स शामिल हुए।

2026 तक तैयार होगा भव्य मां कौशल्या धाम, मनोरम वादियों के बीच कौशल्या धाम बनेगा आस्था एवं आकर्षण का केन्द्र

बालोद- छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश एवं दुनिया में सनातन संस्कृति एवं आस्था के प्रमुख केन्द्र के रूप में स्थापित बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के सुदूर वनांचल में स्थित पाटेश्वर आश्रम में भव्य एवं विशाल कौशल्या धाम बनाने का परिकल्पना शीघ्र साकार होने वाला है। पाटेश्वर सेवा संस्थान के संचालक राम बालकदास महात्यागी ने बताया कि कौशल्या धाम का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। उन्होंने कहा कि माता कौशल्या धाम के निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद 2026 में इसका विधिवत लोकार्पण किया जाएगा।

संत राम बालकदास ने बताया कि समाज के सभी वर्गों के सहयोग से निर्मित की जा रही भव्य एवं विशाल कौशल्या माता धाम पूरे देश और दुनिया का एक मात्र कौशल्या धाम होगा। उन्होंने कहा कि पाटेश्वर आश्रम परिसर के लगभग 04 एकड़ भूमि में निर्माणाधीन तीन मंजिला कौशल्या धाम मंदिर के द्वितीय तल पर भगवान श्री रामलला को अपनी गोद में ली हुई 7 फीट का माँ कौशल्या की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा पूरे देश और दुनिया में अपने तरह की पहली प्रतिमा होगी। कौशल्या धाम के पहले तल में शिव लिंग स्थापित की जाएगी।

इसके साथ ही तीसरे तल पर पंचमुँखी हनुमान की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। संत श्री राम बालकदास ने बताया कि तीनों प्रतिमा के निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। इसके अलावा इस भव्य एवं विशाल तीन मंजिला कौशल्या धाम में अग्नि, वायु, सहस्त्रबाहु, कबीर, संत रविदास, झुलेलाल, कर्मा माता, परमेश्वरी माता आदि सभी जाति एवं सम्प्रदायों के कुल 108 आराध्य देवी-देवताओं तथा महापुरूषों की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके फलस्वरूप यह कौशल्या धाम सभी धर्मों और जातियों के आस्था एवं सर्व धर्म संभाव के केन्द्र के रूप में स्थापित होगा। बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के आदिवासी बहुल बड़ा जुंगेरा ग्राम घनघोर जंगल और पहाड़ों के बीच प्रकृति के मनोरम वादियों में स्थित पाटेश्वर आश्रम में माता कौशल्या धाम के निर्माण कार्य पूरा हो जाने के पश्चात् यह धाम श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों के लिए आस्था एवं आकर्षण का प्रमुख केन्द्र के रूप में स्थापित होगा।

उल्लेखनीय है कि लगभग 12 एकड़ के विशाल क्षेत्र में स्थित पाटेश्वर धाम छत्तीसगढ़ राज्य सहित पूरे देश में सनातन संस्कृति के लोगों का प्रमुख आस्था का केन्द्र है। यहाँ पर माघी पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा के अवसर पर विशाल मेला के आयोजन के अलावा प्रतिदिन श्रद्धालुओं और दर्शानार्थी पाटेश्वर धाम में पहुँचते है। इस पाटेश्वर धाम को जामड़ीपाट के नाम से भी जाना जाता है। इसका ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व भी है।

यह स्थल प्रारंभ से ही आदिवासी समाज तथा अंचल के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र रहा है। इस आश्रम परिसर के ऊपरी पहाड़ी में 416 सीढ़ी चढ़ने के पश्चात् अंचल के 12 गांव तथा आदिवासी समाज के लोगों का आराध्य देव स्थापित है। यहाँ पर विभिन्न पर्वों के अवसर पर आदिवासी समाज एवं अंचल के लोगों के द्वारा पूजा-अर्चना किया जाता है। पाटेश्वर धाम सेवा संस्थान के संचालक संत श्री राम बालकदास ने बताया कि उनके गुरू देव श्री राज योगी बाबा जी सन् 1975 में पाटेश्वर धाम आगमन के पश्चात् पेड़ के नीचे अखंड धुनि जलाई थी। इस स्थान पर अनवरत रूप से अखंड धुनि प्रज्ज्वलित हो रही है।

इसके अलावा पाटेश्वर धाम के मंदिर परिसर में 1977 से दक्षिण मुँखी हनुमान की प्रतिमा स्थापित की गई है। पाटेश्वर धाम परिसर में पानी का कुंड स्थापित है, इस कुंड का पानी कभी सूखता नही है। उल्लेखनीय है कि पाटेश्वर धाम परिसर में सीता रसोई का भी संचालन किया जा रहा है। जहाँ पर पाटेश्वर धाम परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं, दर्शानार्थियों एवं आगन्तुकों को निःशुल्क भोजन प्रदान किया जाता है। संत राम बालकदास ने बताया कि 2015 में जगत गुरू राजेन्द्र देवाचार्य एवं चारों जगत गुरूओं की उपस्थिति में आयोजित कथा वाचन के दौरान पाटेश्वर धाम परिसर में माँ कौशल्या धाम स्थापित करने का सुझाव दिया गया था। जिसे आत्मसात कर इस स्थान पर माँ कौशल्या धाम का निर्माण कार्य प्रारंभ कर इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है।

इस तरह से भगवान रामचंद्र का ननिहाल एवं माता कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में देश और दुनिया का एक मात्र कौशल्या धाम का निर्माण करने का परिकल्पना शीघ्र साकार होने वाला है। यहाँ पर नन्हें बालक भगवान श्री रामलला को अपने गोद में ली हुई माता कौशल्या की 07 फीट ऊँची प्रतिमा को कौशल्या धाम में विराजित की जाएगी। माता कौशल्या की इस प्रतिमा का निर्माण राजस्थान के लाल पत्थरों से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस भव्य एवं विशाल मंदिर के निर्माण में समाज के सभी वर्ग के लोगों ने अपना सहयोग दिया है। यह कौशल्या धाम जन सहयोग से बनने वाला अपने आप में अनुपम एवं अद्वितीय होगा और बालोद जिला का यह स्थाना माँ कौशल्या धाम के नाम से पूरे विश्व में विख्यात होगा।