गोरखनाथ मंदिर के नाम पर फर्जीवाड़ा: योगी आदित्यनाथ को गुरु भाई बताकर की लाखों की ठगी, हाईकोर्ट वकील ने पीएम से की शिकायत शातिर ठग शिवसागर भारती
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश में गोरखनाथ मंदिर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आजमगढ़ जिले के सगड़ी तहसील अंतर्गत जीयनपुर थाना क्षेत्र के रजादेपुर मठ में एक फर्जी महंत ने न सिर्फ धार्मिक संस्था की आस्था को ठेस पहुंचाई, बल्कि सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर डाली। अब इस पूरे प्रकरण की शिकायत हाईकोर्ट के वकील द्वारा सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई है। जानकारी के अनुसार, रजादेपुर स्थित प्राचीन सन्यासी मठ के पूर्व महंत शिव हर्ष भारती के निधन के बाद कोठिया मठ के महंत शिव शंकर भारती को कार्यवाहक नियुक्त किया गया था। उन्हीं के साथ एक शिष्य शत्रुघ्न मिश्र संस्कृत महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने आया था। लेकिन बाद में उसने नाम बदलकर खुद को शिवसागर भारती घोषित कर दिया और मठ की संपत्ति पर जबरन कब्जा कर लिया। सूत्रों के अनुसार, शातिर ठग शिवसागर भारती ने प्रशासनिक मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए और मठ के परिवार रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करवा लिया। विरोध करने पर महंत शिव शंकर भारती व संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य समेत कई लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज करा दिए। गोरखपुर मंदिर से जोड़कर फैलाया भ्रम शिवसागर भारती ने खुद को गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर का महंत बताते हुए लोगों को भ्रमित करना शुरू कर दिया। ट्रूकॉलर पर भी उसने अपना स्टेटस “गोरखपुर मंदिर महंत” लिख रखा है। यही नहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना गुरु का गुरु भाई बताकर उसने कई भोले-भाले लोगों से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर मोटी रकम वसूली। शिकायत करने वालों को दी धमकी पीड़ितों का कहना है कि जब किसी ने शिकायत करने की हिम्मत की, तो शिवसागर ने उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी दी। उसका दबदबा ऐसा बन गया कि लोग डर के मारे चुपचाप ठगी का शिकार होते रहे। हाईकोर्ट वकील ने पीएम को भेजी शिकायत इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता मानकदीन भुर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इसके अलावा, शिवसागर भारती द्वारा बनाई गई एक फर्जी सामाजिक संस्था के खिलाफ भी जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की गई है। क्या अब जागेगा प्रशासन? धार्मिक स्थलों और नेताओं के नाम पर ठगी करने वाले ऐसे फर्जी बाबाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई न सिर्फ कानून का सम्मान बहाल करेगी, बल्कि समाज में फैल रही धार्मिक आस्था के नाम पर धोखाधड़ी को भी रोकेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस गंभीर प्रकरण में क्या कदम उठाता है और क्या पीड़ितों को न्याय मिल पाता है।
Jun 05 2025, 17:54