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छत्तीसगढ़ के पामेड़ में खुली ग्रामीण बैंक की शाखा: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया वर्चुअल शुभारंभ

रायपुर-  जिस पामेड़ को कभी माओवादियों की बटालियन नंबर-1 का गढ़ माना जाता था, आज वहां बैंक खुल रहे हैं, कन्या आश्रम बन रहे हैं और लोग खुले मन से सुशासन शिविरों में भाग ले रहे हैं। यह बदला हुआ बस्तर है — आत्मविश्वास, विकास और लोकतंत्र का प्रतीक। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बीजापुर जिले के सुदूरवर्ती और पूर्व में माओवादी प्रभाव से ग्रस्त रहे पामेड़ क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक की शाखा का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री साय ने इसे विकास और विश्वास की नई सुबह बताते हुए कहा कि अब ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाओं के लिए 100 किलोमीटर दूर आवापल्ली नहीं जाना पड़ेगा। यह पहल सरकार के सुशासन और समावेशी विकास के विजन को दर्शाती है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बैंक शाखा से पामेड़ और आसपास के 50 गांवों को सीधे लाभ मिलेगा, जहां अब खाता खोलने, पैसा निकालने और महतारी वंदन योजना जैसी योजनाओं की राशि लेने में सुविधा होगी। उन्होंने विशेष रूप से माताओं-बहनों को आश्वस्त किया कि अब उन्हें योजना की राशि के लिए लंबी यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पामेड़ में 50-सीटर आदिवासी कन्या आश्रम का भी लोकार्पण किया, जिसकी लागत 1.62 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि कन्या आश्रम के माध्यम से आने वाले समय में बस्तर की बेटियां शिक्षा और विकास की मुख्यधारा से जुड़कर बस्तर को नया नेतृत्व प्रदान करते हुए क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाईयां प्रदान करेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पामेड़ में अब पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) की स्थापना की जा रही है, ताकि आसपास के कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे बच्चों को समय पर पोषण पुनर्वास केंद्र में लाएं और स्वास्थ्य लाभ लें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तालपेरू नदी पर धर्मावरम ब्रिज का निर्माण तेजी से चल रहा है, जिससे अब तेलंगाना के चेरला होकर 200 किलोमीटर लंबा सफर तय करके बीजापुर जाने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी। यह पुल न केवल पामेड़ को जोड़ने वाला होगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास का मुख्य द्वार भी बनेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि आवागमन की सुविधा बढ़ाते हुए सरकार ने पामेड़ से बीजापुर के बीच सीधी बस सेवा शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अब सुबह जाकर शाम को लौटना संभव हो गया है। लोगों की दिनचर्या सरल हुई है और व्यापार-सेवा गतिविधियां तेज़ी से बढ़ी हैं।

इस मौके पर 'सुशासन तिहार' के तहत समाधान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्रीय जनसमस्याओं का त्वरित निराकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान छत्तीसगढ़ में लोगों को उनके द्वार पर प्रशासन देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

समाधान शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। इस मौके पर महेश गागड़ा, जिला पंचायत अध्यक्ष जानकी कोरसा, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव, स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

मेकाहारा में पत्रकारों से मारपीट का मामला: अधीक्षक ने डीन से की बड़ी कार्रवाई की सिफारिश, “कॉल मी सर्विस” पर गिरेगी गाज

रायपुर- राजधानी के डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल (मेकाहारा) में रविवार देर रात बाउंसरों द्वारा पत्रकारों के साथ की गई बदसलूकी और मारपीट के मामले में अब प्रशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने रायपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी को पत्र लिखकर विवादित सुरक्षा एजेंसी “कॉल मी सर्विस” के ठेके को तत्काल निरस्त करने की सिफारिश की है।

डॉ. सोनकर ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि प्राइवेट ठेका कंपनी द्वारा तैनात सुरक्षा कर्मियों की वजह से हुई घटना से अस्पताल की छवि को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के साथ हुई घटना बेहद दुर्भाग्यजनक है और इससे अस्पताल प्रशासन की भी किरकिरी हुई है।

डॉ. सोनकर ने बताया कि रविवार देर रात पत्रकारों के प्रदर्शन के दौरान उन्होंने खुद मौके पर पहुंचकर संवाददाताओं से बातचीत की थी और कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा, “मैंने आज सुबह कार्यालय खुलते ही डीन को पत्र भेजकर ठेका निरस्त करने की सिफारिश की है।”

राज बोथरा की है कंपनी

‘कॉल मी सर्विस’ ठेका कंपनी जहां-जहां संचालित है, वहां-वहां विवाद आम बात हो गई है। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी अलग-अलग मामलों में इस कंपनी को नोटिस जारी हुए हैं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कुछ समय पहले स्वास्थ्य मंत्री मेकाहारा के औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे, तब ‘कॉल मी सर्विस’ की लापरवाही उजागर हुई थी और कंपनी को नोटिस जारी किया गया था।

राजधानी के इन अस्पतालों में चल रहा है कंपनी का ठेका

‘कॉल मी सर्विस’ डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल, दाऊ कल्याण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जिला अस्पताल पंडरी, जिला प्रसव अस्पताल कालीबाड़ी और एम्स में संचालित है। इन सभी जगहों पर इस कंपनी का विरोध हो चुका है। इन संस्थानों में नोटिस झेल चुकी यह कंपनी कांग्रेस शासनकाल में ठेका पाने के बाद अब बीजेपी शासन में भी एक्सटेंशन पर संचालित की जा रही है, जो कि चौंकाने वाली बात है।

बता दें कि पत्रकारों से मारपीट के इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपी बाउंसरों को गिरफ्तार कर विधानसभा थाना में रखा था। इन बाउंसरों के आधे सिर मुंडवाकर जुलूस भी निकाला गया, जिससे यह मामला और गरमा गया।

अब देखना होगा कि डीन इस सिफारिश पर कितनी जल्द कार्रवाई करते हैं और क्या इस ठेका एजेंसी पर पूरी तरह से बैन लगाया जाएगा। पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन तेज करेंगे।

संविधान बचाओ यात्रा : भूपेश बघेल ने चुनाव आयोग को बताया भाजपा का बंधुवा मजदूर, कहा – शिकायतों के बाद भी EVM में गड़बड़ी की नहीं होती जांच

बालोद- कांग्रेस की ओर से बालोद जिले में आयोजित संविधान बचाओ यात्रा में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग को भाजपा का बंधुआ मजदूर बताया.

भूपेश बघेल ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार संपन्न बनाया और लोकतंत्र की नींव रखी, लेकिन आज उसे बचाने की जरूरत है. न्याय पालिका भी आज दबाव में है और उसके फैसलों पर भाजपा नेता टिप्पणी करते हैं, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं होती. यह लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है.

बघेल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है. शिकायतों के बाद भी EVM में गड़बड़ी की जांच नहीं होती.

भूपेश बघेल के बयान का पलटवार करते हुए कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा, खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे, कुछ इसी तरह से बात कर रहे हैं. इनको कहीं सफलता मिल नहीं रही है. हर जगह मुंह की खानी पड़ रही है तो कुछ भी उलजुलूल की बातें कर रहे हैं.

Money heist के तर्ज पर चोरी : महिलाओं के वस्त्र और चेहरे पर कार्टून लगाकर पहुंचे चोर, रात में ज्वेलरी शॉप से पार किए लाखों के गहने

बिलासपुर- मस्तूरी थाना क्षेत्र के जयरामनगर इलाके में बीती रात एक सनसनीखेज चोरी की वारदात सामने आई है. संजय ज्वेलर्स नामक प्रतिष्ठित आभूषण दुकान को चोरों ने निशाना बनाया और लाखों रुपए के जेवरात चुराकर फरार हो गए. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि चोर कार्टून कैरेक्टर के वेश में आए थे, ताकि पहचान से बचा जा सके. पूरी वारदात दुकान में लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बिलासपुर समेत आसपास के इलाकों में नाकेबंदी कर आरोपियों की तलाश की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, 5 चोरों ने मिलकर योजना के तहत दुकान में सेंध लगाई. हालांकि पुलिस की शुरुआती जांच में 4 चोरों के शामिल होने की पुष्टि हुई है. दुकान संचालक संजय सोनी के अनुसार, करीब 2.50 लाख रुपए के गहने चोरी हुए हैं. घटना की सूचना मिलते ही मस्तूरी थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और CCTV फुटेज के आधार पर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने आसपास के इलाकों में नाकाबंदी कर दी है. अपराधियों की तलाश जारी है.

स्थानीय व्यापारियों में दहशत

घटना के बाद क्षेत्र के व्यापारियों में आक्रोश और डर का माहौल है. सभी ने प्रशासन से इलाके में रात्रि गश्त बढ़ाने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की है. इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा. चोरी हुई संपत्ति की बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है.

मेकाहारा अस्पताल में बाउंसरों की गुंडागर्दी, पत्रकारों के साथ की मारपीट, पुलिस ने निकाला आरोपियों का जुलूस

रायपुर- राजधानी के मेकाहारा अस्पताल में पत्रकारों के साथ मारपीट मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आज जयस्तंभ चौक से सभी आरोपी बाउंसरों का शहर में जुलूस निकाला गया. इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

जानिए पूरा मामला

मेकाहारा में पत्रकारों को चाकूबाजी से पीड़ित वर्ग की रिपोर्टिंग करने से रोका गया. अस्पताल में जब बाउंसर सप्लाई करने वाली एजेंसी का संचालक वसीम पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचा तो विवाद बढ़ा. वसीम अपने 3 बाउंसर के साथ मिलकर पत्रकारों को धमकाने लगा. पुलिस की मौजूदगी में उसने महिला सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल के गेट से बाहर निकालकर पत्रकारों की ओर धकेलना शुरू किया. अस्पताल के गेट पर ही पुलिस ने रिपोर्टरों को रोका. सभी पत्रकार बाउंसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. लगभग 3 घंटे बीद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सभी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दिया.

मेकाहारा में पत्रकारों से मारपीट, कांग्रेस ने जारी किया पोस्टर, कहा – अस्पताल की पोल खुलने से बचाने तैनात किए गए हैं गुंडे, टीएस सिंहदेव बोले –

रायपुर- राजधानी रायपुर के सरकारी अस्पताल मेकाहारा में पत्रकारों के साथ मारपीट मामले में कांग्रेस ने सोशल मीडिया में पोस्टर जारी कर सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा, अस्पताल की पोल खुलने से बचाने गुंडों को तैनात किया गया है

एक्स पर कांग्रेस ने लिखा, प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेकाहारा हॉस्पिटल में बाउंसरों का कहर है. खस्ता हाल व्यवस्थाओं और लापरवाही को ठीक करने की बजाए भारी भुजाओं वाले गुंडे पाल लिए गए हैं, जो मीडिया कर्मियों के साथ मारपीट, बदतमीजी कर भीतर की पोल खुलने से बचाते हैं.

प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने एक्स पर पोस्ट कर इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, प्रदेश के सबसे बड़े और प्रख्यात सरकारी अस्पताल मेकाहारा में हुई अप्रिय और हिंसक घटना बहुत चौंकाने वाली और अत्यंत निन्दनीय है। सरकारी अस्पताल में बाउंसर के रूप में हिंसक और असामाजिक तत्वों का मौजूद होना और पत्रकारों के विरुद्ध प्रशासन की मौजूदगी में हिंसा और बदतमीजी करना प्रदेश की कानून व्यवस्था और पत्रकारिता की स्वतंत्रता का हाल साफ दिखाता है। सिंहदेव ने कहा, मैं प्रदेश के पत्रकार साथियों के साथ मजबूती से खड़ा हूं. उनकी सुरक्षा, रिपोर्ट और सवाल करने की स्वच्छंदता के लिए पूरी शक्ति के साथ आवाज उठाऊंगा.

जानिए पूरा मामला


मेकाहारा में पत्रकारों को चाकूबाजी से पीड़ित वर्ग की रिपोर्टिंग करने से रोका गया. अस्पताल में जब बाउंसर सप्लाई करने वाली एजेंसी का संचालक वसीम पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचा तो विवाद बढ़ा. वसीम अपने 3 बाउंसर के साथ मिलकर पत्रकारों को धमकाने लगा. पुलिस की मौजूदगी में उसने महिला सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल के गेट से बाहर निकालकर पत्रकारों की ओर धकेलना शुरू किया. अस्पताल के गेट पर ही पुलिस ने रिपोर्टरों को रोका. सभी पत्रकार बाउंसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. लगभग 3 घंटे बीद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सभी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दिया.


मेकाहारा के अधीक्षक ने मांगी माफी, मंत्री ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

पत्रकार धरने पर बैठे तो मौके पर रायपुर के SSP डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह भी पहुंचे. पत्रकारों ने कहा कि अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक स्वयं यहां आए और घटना को लेकर कार्रवाई की जानकारी दें. इसके बाद अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर सीएम हाउस गेट के पास पहुंचे. उन्होंने दुर्व्यवहार को लेकर माफी मांगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल की सुरक्षा में लगी कॉल मी सर्विस के टेंडर को निरस्त करने की अनुशंसा को लेकर सरकार को पत्र लिखेंगे. धरने में बैठे रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने फोन पर बातचीत की. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पत्रकारों को इस तरह से धमकाने वाले लोगों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा, इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद देर रात पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन को स्थगित किया

फेसबुक में इस आईपीएस के नाम से बनाई गई दो फेक आईडी, एसपी ने लोगों को किया अलर्ट

रायपुर- छत्तीसगढ़ के आईपीएस शलभ कुमार सिन्हा के नाम और फोटो का दुरूपयोग कर फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया गया है, उन्होंने खुद अपने आधिकारिक अकाउंट से इस बात की जानकारी दी है. इन फर्जी खतों में प्रोफाइल फोटो एक ही तरह की लगाई गई है. लेकिन कवर फोटो दोनों खातों में अलग है. आईपीएस शलभ ने लोगों को अकाउंट की रिपोर्ट करने के लिए अपील की है.

आईपीएस शलभ सिन्हा ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि ” मेरे दो फर्जी प्रोफाइल बनाए गए हैं और इनसे फ्रेंड रिक्वेस्ट की जा रही है. कृपया प्रोफाइल की रिपोर्ट करें और रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें. हमारी ओर से उचित कार्रवाई की जा रही है. 

सायबर अपराध पर लगाम लगाना अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. यह पहली बार नहीं है जब किसी आईपीएस अधिकारी या पुलिस अफसर के नाम पर सोशल मीडिया पर फर्जी खाता बनाया गया हो. इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. बता दें कि आईपीएस अक्षय कुमार के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर ठगी करने का मामला उजागर हुआ था. इस केस में हरियाणा से दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आरोपी फर्जी खाते के जरिए लोगों को मेसेज भेजते थे. साथ ही सामान खरीदने के नाम पर धोखाधड़ी को अंजाम थे.

प्राइवेट कंपनी के बाउंसरों की गुंडागर्दी, गुंडे वसीम ने पत्रकारों को दी जान से मारने की दी धमकी, पत्रकार को कहा-

रायपुर- प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल (मेकाहारा) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। यहां ड्यूटी पर लगे बाउंसरों ने पत्रकार से बदसलूकी करते हुए धक्का-मुक्की की।

बताया जा रहा है कि उरला में हुई चाकूबाजी की जानकारी लेने पहुंचे एक पत्रकार मेकाहारा पहुंचे हुए थे। इस दौरान उसने साथ अस्पताल में तैनात प्राइवेट बाउंसरों ने बदसलूकी करते हुए धक्का-मुक्की की। यह पूरी घटना अस्पताल परिसर में लगे CCTV कैमरों में कैद हो गई है।

पत्रकार के साथ हुई बदसलूकी की खबर मिलते ही रायपुर प्रेस क्लब से जुड़े पत्रकार एकजुट हुए और कार्रवाई की मांग करने लगे। वहीं कार्रवाई नहीं होता देख देर रात बड़ी संख्या में पत्रकार सीएम हाउस के सामने एकत्रित हुए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन करने लगे। वहीं प्रदर्शन की सूचना मिलते ही अस्पताल के दिन मौके पर पहुंचे हैं और पत्रकारों से बातचीत कर रहे हैं।

पत्रकारों ने आरोप लगाया कि अस्पताल की सुरक्षा में लगे बाउंसरों का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इन्हीं बाउंसरों की मौजूदगी में अस्पताल परिसर में बच्चा चोरी, मरीजों के मोबाइल और वाहनों की चोरी समेत कई घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं प्रदेश के दूरस्थ अंचलों से आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के साथ बदसलूकी की शिकायतें भी लगातार मिलती रही हैं।

विरोध बढ़ा देख पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को हिरासत में लिया और उन्हें विधानसभा थाना में रखा गया है।

मां, बेटी और बेटा समेत 4 लोग गांजा बेचते पकड़ाए, पुलिस ने दबिश देकर सभी को रंगे हाथों दबोचा

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- जिले के कोटमी चौकी अंतर्गत ग्राम पथर्रा बस स्टैंड में पुलिस ने गांजा बिक्री में लिप्त एक ही परिवार के तीन सदस्यों सहित एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 8 किलो 470 ग्राम गांजा, ₹60 हजार नकद, तीन मोबाइल फोन समेत कुल ₹1,68,890 की अवैध संपत्ति जब्त की गई है।

मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर कोटमी पुलिस ने किराना दुकान की आड़ में गांजा बेच रही महिला सीमा गुप्ता, उसकी बेटी रेणु गुप्ता, बेटा हिमांशु गुप्ता और उनके सहयोगी अथर गिरी उर्फ अजय को रंगे हाथों पकड़ा।

पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी सीमा गुप्ता पिछले 10 वर्षों से गांव में अवैध रूप से निवास कर रही थी और पहले भी अवैध शराब तस्करी व हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त रही है। उसके खिलाफ पेंड्रा थाने में आबकारी एक्ट के तहत प्रकरण भी दर्ज है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सीमा गुप्ता और उसका परिवार लंबे समय से अवैध गतिविधियों में लिप्त रहकर पूरे गांव में दहशत का माहौल बनाए हुए था। अवैध गांजा बिक्री से अर्जित धन से उसने पक्का मकान एवं महंगी मोटरसाइकिल भी खरीदी है। पूछताछ में यह भी पता चला कि गांजा की आपूर्ति के लिए उसका बड़ा बेटा अविनाश गुप्ता उर्फ शानू, छोटा बेटा हिमांशु, भांजा अथर गिरी और सहयोगी महेंद्र गिरी उर्फ मधुर नियमित रूप से आते-जाते थे।

गिरफ्तार आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है तथा इनके फॉरवर्ड-बैकवर्ड लिंक और सप्लाई नेटवर्क की गहनता से पड़ताल की जा रही है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार दबिश दे रही है।

कलेक्ट्रेट परिसर में दिनदहाड़े लाखों रुपये की उठाईगिरी का खुलासा: पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार, चोरी की रकम से ख़रीदे गए सामान को किया जब्त

रायपुर- राजधानी के अति-संवेदनशील कलेक्ट्रेट परिसर में हुई दिनदहाड़े चोरी की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने डिक्की से 1 लाख रुपये नगद चुराने वाले आरोपी संजय साहू को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने चोरी की रकम से साइकिल सहित अन्य सामान की खरीदारी की थी।

घटना 19 मई की दोपहर करीब 2:45 से 3:15 के बीच की है, जब छत्तीसगढ़ वेयरहाउस कार्पोरेशन में कार्यरत विनय कुमार रामटेके ट्रेजरी कार्यालय गए थे। उन्होंने अपनी स्कूटी (क्रमांक CG 04 HY 1587) की डिक्की में ₹1 लाख रुपये रखकर पोस्ट ऑफिस के सामने परिसर में वाहन पार्क किया था। जब वे लौटे तो डिक्की टूटी मिली और नगदी गायब थी।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज की और सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी संजय साहू की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूलते हुए बताया कि चोरी के पैसों से उसने साइकिल और अन्य निजी सामान खरीदे हैं।

इस घटना ने कलेक्ट्रेट परिसर जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली जगहों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे। फिलहाल पुलिस आरोपी से और पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसके साथ कोई और भी शामिल था या नहीं। सिविल लाइन थाना पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मामला सुलझा, लेकिन सवाल यह है कि कलेक्ट्रेट जैसी जगह पर ऐसी चोरी आखिर कैसे मुमकिन हुई?