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बढ़ते सड़क हादसे पर लोगों का प्रदर्शन, तेलीबांधा चौक पर स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग, विकास उपाध्याय बोले –

रायपुर- राजधानी रायपुर में बढ़ते हादसे को लेकर कांग्रेस ने आज प्रदर्शन किया. पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि राजधानी के तेलीबांधा चौक समेत पूरे प्रदेश में लगातार हो रहे एक्सीडेंट को लेकर आम जनता में आक्रोश है. आज तेलीबांधा चौक पर एक युवती का सड़क हादसे में मौत हो गई, लेकिन शासन और प्रशासन मूकदर्शक बनकर केवल तमाशा देख रहे हैं. लगातार तेलीबांधा क्षेत्र के आसपास हो रहे भयानक दुर्घटनाओं पर रोक लगाने किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है.

लगातार हो रहे जानलेवा एक्सीडेंट को लेकर विकास उपाध्याय के नेतृत्व में लोग सड़क पर उतरे और जनता में दुर्घटनाओं के लिए इतना आक्रोश है कि चक्का जाम करने को वे मजबूर हो गए. प्रदर्शनकारियों ने शासन एवं प्रशासन से मांग की है कि तेलीबांधा चौक पर अतिशीघ्र स्पीड ब्रेकर मानक मापदंड के तहत बनाया जाए.

पूर्व विधायक उपाध्याय ने कहा कि पिछले दिनों तेलीबांधा चौक पर ही एक्सप्रेस-वे पुल के नीचे एक अनियंत्रित गाड़ी ने तीन लोगों को कुचला था, जिसमें एक महिला की स्पॉट पर ही मृत्यु हो गई थी एवं दो लोग गंभीर रूप से घायल थे। वहीं थोड़ी दूर पर अग्रसेन सालासार धाम चौक पर एक बच्ची की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. तेलीबांधा चौक के आसपास ही लगातार सड़क दुर्घटनाएँ हो रही है लेकिन ट्रिपल इंजन की सरकार इस पर रोक लगाने किसी भी प्रकार की कार्यवाही आज तक नहीं की है, जिसके कारण आज फिर एक घर का चिराग बूझ गया. पुलिस विभाग चालानी कार्यवाही पर न ध्यान देते हुए गंभीरता से गाड़ियों की स्पीड और ट्रैफिक व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने पर ध्यान देगी तो दुर्घटनाएं रोक पाने और लोगों की जान बचाने में काफी हद तक सफल हो पाएंगी.

सड़क हादसे के लिए शासन-प्रशासन जिम्मेदार : विकास उपाध्याय

उपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित राजधानी में लगातार दुर्घटनाएँ हो रही है, अभी कुछ दिनों पूर्व खरोरा में सड़क दुर्घटना में दर्जनों लोगों की मृत्यु हो गई, जिसका कारण सिर्फ पुलिस की उदासीनता है, क्योंकि जिस गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ वह गाड़ी का निर्माण नियमविरूद्ध तरीके से हुआ था. इसके कारण दर्जनों लोगों की जानें चली गई. सिर्फ राजधानी ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में ऐसी ही दशा लगातार निर्मित हो रही है, जिसके लिए शासन-प्रशासन ही पूरी तरह जिम्मेदार है.

2024 में 14853 सड़क हादसे में 6752 लोगों की गई जान

विकास उपाध्याय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2024 में 14853 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 6752 लोगों की मौत हुई, 12573 लोग घायल हुए, इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी का सुशासन किस प्रकार जारी है. अब वर्ष 2025 में भी एक्सीडेंट का ग्राफ लेवल हद से ज्यादा बढ़ रहा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ की सरकार और प्रशासन मूकदर्शक बने बैठे हैं.

प्रदर्शन करने वालों में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के साथ स्थानीय निवासी गिरेवाल मैडम, अजय सिंग, मनोज परासर, गोपाल उगरा, शुभांकर शर्मा, शैलेष मुंदड़ा, पीयूष रावटे एवं ग्रामीण जिलाअध्यक्ष उधोराम वर्मा, इदरिश गांधी, कमलाकांत शुक्ला, गौरीशंकर दुबे, योगेश दीक्षित, संदीप सिरमोर, श्रीनिवास शीनू, तारीख खान गिन्नी, अमित शर्मा मोन्टा, राहुल शारदा, संजय पाठक, मन्नू बाजपेयी, कुलदीप ध्रुव, अभय ठाकुर, रूपेश कुमार साहू, पिंकी बाग, भास्कर दुबे, शिवा खंडेलवाल सहित काफी संख्या में लोग शामिल थे.

आबकारी घोटाला मामले में ACB-EOW का छापा, राज्य के 5 शहरों में दर्जन भर ठिकानों पर दबिश

रायपुर/सुकमा- शराब घोटाले मामले में जेल में कैद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर एसीबी-ईओडब्ल्यू ने दबिश दी है. सूत्रों के मुताबिक, बस्तर संभाग के सुकमा, तोंगपाल, जगदलपुर और दंतेवाड़ा में 13 और रायपुर में 2 ठिकानों को मिलाकर कुल पंद्रह ठिकानों पर एसीबी-ईओडब्ल्यू की छापेमारी जारी है.

जानकारी के अनुसार, जगदलपुर स्थित प्रेम मिघलानी और रायपुर के संतोषी नगर स्थित नहाटा परिवार के अलावा अम्बिकापुर के बड़े कपड़ा व्यापारी व सरकारी विभागों में सप्लायर धजाराम इंटरप्राजेज के मालिक अशोक अग्रवाल और मुकेश अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. सुबह तकरीबन 6 बजे एंटी करप्शन के अधिकारी व कर्मचारियों ने दबिश दी.

बता दें कि इससे पहले ED ने 28 दिसंबर को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा था. 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया था. 21 जनवरी से लखमा रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं.

कवासी लखमा के करीबी प्रेम मिगलानी के जगदलपुर धरमपुरा हाउसिंग बोर्ड स्थित निवास पर एसीबी-ईओडब्ल्यू की ज्वाइंट टीम की छापेमारी जारी है.

लखमा को थी शराब घोटाले की पूरी जानकारी

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED ने कवासी लखमा के खिलाफ 3773 पन्नों का चालान पेश कर चुकी है. चालान में बताया गया है कि पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी. यही नहीं वे शराब घोटाले को अंजाम देने वाले सिंडिकेट के प्रमुख थे.

इसके साथ ही कवासी लखमा की शराब नीति में बदलाव करने में भी भूमिका अहम थी. इसके अलावा चालान में शराब दुकान में निरीक्षण करने से पहले आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लेने का भी जिक्र है.

शराब घोटाले में ये हैं आरोपी

ED के चालान में बताया गया है कि शराब घोटाले में अब तक कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसमें कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम सांई ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं.

मुख्यमंत्री को माँ ने दिया अपना आशीर्वाद—स्नेह से छुआ गाल, हृदय से कहा धन्यवाद

रायपुर-  बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के करेगुट्टा पर्वत की तलहटी में स्थित नक्सल प्रभावित ग्राम उसूर की 62 वर्षीय शम्मी दुर्गम की वर्षों की प्रतीक्षा 15 मई को पूर्ण हुई, जब ग़लगम में आयोजित सुशासन तिहार के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित पक्के मकान की चाबी सौंपी। पक्के आवास की चाबी पाकर शम्मी दुर्गम भावुक हो उठीं। उन्होंने मुख्यमंत्री जी के गालों को स्नेहपूर्वक स्पर्श करते हुए कहा कि वर्षों तक कच्चे मकान में रहना उनके लिए बेहद कठिन था—हर मौसम में कीड़े-मकोड़ों और जहरीले जीवों का डर बना रहता था। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भावुकता से बार-बार धन्यवाद देते हुए कहा – अब मेरे जीवन में सुकून है, और मेरे बच्चों के सिर पर एक स्थायी छत है।

श्रीमती दुर्गम ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 15 वर्ष पूर्व बीमारी के चलते हो गई थी, तब से उन्होंने अकेले ही अपने दो बच्चों का लालन-पालन किया और कृषि कार्य कर किसी तरह जीवनयापन किया। जब उन्हें सुरक्षित, मजबूत और सम्मानजनक आवास प्राप्त हुआ है, तो यह केवल एक मकान नहीं बल्कि उनके जीवनभर के संघर्षों का पुरस्कार है। यह एक ऐसी छत है, जिसमें सिर्फ ईंट और सीमेंट नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और आत्मसम्मान की नींव जुड़ी है। शम्मी दुर्गम इस बात की गवाह है कि सरकार की योजनाएं जब सही हाथों तक पहुँचती हैं, तो वे केवल इमारत नहीं, भरोसे और उम्मीद का घर बन जाती हैं

मुख्यमंत्री ने 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रही सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का किया निरीक्षण

रायपुर-   सुशासन तिहार के अपने दौरे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सीतागांव के समाधान शिविर के बाद हेलीकॉप्टर से खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के गभरा गांव पहुंचे। उन्होंने गांव के समीप 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का निरीक्षण किया। इस सिंचाई जलाशय से 34 गांवों के लगभग साढ़े चार हजार किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। जलाशय से 1840 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ और 1380 हेक्टेयर में रबी फसलों की सिंचाई होगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जलाशय स्थल का निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जलाशय न केवल किसानों की आय बढ़ाने का माध्यम बनेगा, बल्कि इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास का भी सशक्त आधार होगा। हमारी सरकार हर किसान तक पानी पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

गौरतलब है कि इस जलाशय के माध्यम से तीन जिलों के 34 गांवों खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के गभरा, कोटरीछापर, दोड़िया, विचारपुर, बुन्देली, मुरई, खैरी, सीताडबरी, कोटरा, साल्हेकला, बेमेतरा जिले के पठारझोरी, चिचानमेटा, जानो, रानो, गाड़ाडीह, सोनडबरी गांव और दुर्ग जिले के अगारकला, अगारखुर्द, साल्हेखुर्द, नवागांव में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा।

इसके अलावा डुबान क्षेत्र के किसान भी 120 हेक्टेयर भूमि पर रबी और सब्जियों की खेती कर सकेंगे। जलाशय से प्रतिवर्ष 498 क्विंटल मत्स्य उत्पादन की संभावना है, जिससे 200 ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। क्षेत्र के भूजल स्तर में वृद्धि होगी, जिससे निस्तारी और पेयजल संकट भी कम होगा। कुल 23 निर्मित लघु जलाशयों को जल आपूर्ति भी इसी परियोजना से सुनिश्चित होगी। इनमें विकासखंड छुईखदान के 13 जलाशय-साजा के 7 जलाशय-धमधा के 3 जलाशय शामिल है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिया स्पष्ट संदेश: कमिश्नर और कलेक्टर करें नियमित प्रवास;राजस्व न्यायालय का समयबद्ध और नियमित संचालन करें सुनिश्चत

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार अंतर्गत राजनांदगांव जिला पंचायत के सभा कक्ष में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को विकास और जनसेवा के लिए नियमित भ्रमण एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास तथा राजस्व न्यायालयों के समयबद्ध संचालन के संबंध में कड़े निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ का सपना तभी साकार होगा जब अधिकारी जमीनी हकीकत से जुड़े रहेंगे और जनता की समस्याओं का निराकरण सीधे उनकी उपस्थिति में किया जाएगा। इसके लिए सभी कमिश्नर, कलेक्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीन जिलों और ब्लॉकों में नियमित भ्रमण और प्रवास करें तथा क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों की भौतिक निगरानी सुनिश्चित करते हुए जवाबदेही की संस्कृति को मजबूत करें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालय का नियमित संचालन सुनिश्चित करें। इसके साथ ही प्रत्येक अधिकारी पूर्वनिर्धारित न्यायालय कैलेंडर के अनुसार ही कार्य करें। केवल अत्यंत विशेष परिस्थितियों में ही न्यायालय की तिथि रद्द की जाए। इससे न केवल आमजन को समय पर न्याय मिलेगा बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी पारदर्शिता आएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सुशासन की रीढ़ यही है कि अधिकारी जनसम्पर्क बनाए रखें, जनता के बीच उपस्थित रहें, और उनकी समस्याओं को त्वरित रूप से हल करें। यह न केवल विश्वास की भावना को मजबूत करेगा, बल्कि शासन की विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव जिले के जिला पंचायत भवन के सभाकक्ष में आयोजित संयुक्त समीक्षा बैठक में सुशासन तिहार के अंतर्गत राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो तथा हर पात्र हितग्राही तक लाभ समय पर पहुँचे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो ताकि आमजन को योजनाओं की जानकारी समय रहते मिले और वे उसका लाभ उठा सकें। राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु नियमित शिविरों का आयोजन हो। प्रधानमंत्री आवास योजना सहित सभी आवासीय योजनाओं की लंबित मांगों का शतप्रतिशत निराकरण किया जाए। साथ ही जिलों में शासन के जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में समन्वय एवं पारदर्शिता बनाए रखते हुए समयबद्ध कार्रवाई हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार का उद्देश्य है कि शासन और प्रशासन की पहुंच गांव, गरीब और अंतिम पंक्ति के नागरिक तक सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता का मापदंड केवल कागज़ी प्रगति नहीं, बल्कि लाभार्थियों के चेहरे पर आई संतोष और सुरक्षा की अनुभूति है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत दी गई अधिकांश घोषणाओं को जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया है। उन्होंने सभी जिलों में अधिकारियों द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों की सराहना की और कहा कि जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रशासन को समर्पित होकर और समन्वय स्थापित कर कार्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री ने किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि आने वाले खरीफ सीजन को देखते हुए सभी जिलों में कृषकों की आवश्यकताओं के अनुरूप पूर्व तैयारी सुनिश्चित कर लें। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से शिविर लगाकर लंबित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए जिससे आम नागरिकों को समयबद्ध समाधान मिल सके।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 1460 पंचायतों में अटल सेवा केंद्र का शुभारंभ किया गया है। इन केंद्रों के सुचारू संचालन से ग्रामीण नागरिकों को बैंक, दस्तावेज़ और डिजिटल सेवाओं के लिए अन्यत्र जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने इन केंद्रों के प्रभावी संचालन की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों को सौंपी और निर्देश दिए कि इनसे जनसुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जानकारी दी कि सभी पंचायतों में तिरंगा यात्रा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जो राष्ट्रीय चेतना और नागरिक सहभागिता को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों से इस यात्रा में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ का सपना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। शासन-प्रशासन के प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी को समन्वय, तत्परता और सेवा भाव के साथ कार्य करते हुए विकास यात्रा को गति देनी होगी।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा, सांसद संतोष पांडेय, महापौर मधुसूदन यादव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का किया लोकार्पण

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव जिले के चिखली में 9 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। यहां शासकीय विभागों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों का प्रकाशन होता है। मुख्यमंत्री ने शासकीय मुद्रणालय के नवनिर्मित भवन और वहां की प्रकाशन तथा अन्य व्यवस्था का भी अवलोकन किया।राजनांदगांव स्थित शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय भवन छत्तीसगढ़ में एक मात्र शासकीय मुद्रणालय है जहां महत्वपूर्ण शासकीय दस्तावेजों का प्रकाशन किया जाता है। मुद्रणालय का पुराना भवन अत्याधिक पुराना होने के कारण नये भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

शासकीय मुद्रणालय के नवीन भवन में पेपर गोडाउन, प्रिटिंग मटेरियल स्टोर, बाइडिंग एवं पेपर स्टोर, मेकेनिकल स्टोर, काम्पोजिंग एवं रीडिंग रूम, टाइप स्टोर, कैमरा रूम, असिस्टेंट सुपरिटेंडेन्ट कक्ष, डायरेक्टर रूम, कॉन्फ्रेंस रूम एवं अन्य आवश्यक व्यस्थाएं रखी गई है। यहां 4 बड़े हाल एवं 12 कमरे हैं।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्र विजय शर्मा, सांसद संतोष पांडेय, महापौर मधुसूदन यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं शासकीय मुद्रणालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

सुशासन तिहार : मुख्यमंत्री ने बरगद पेड़ के नीचे लगाई जनचौपाल, ग्रामीणों को दी ये सौगातें…

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहजता और सरलता से झुरानदी गांव के ग्रामीण अभिभूत हो उठे। तपती दोपहरी में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर अचानक खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के ग्राम झुरानदी में उतरा। बिना किसी पूर्व सूचना के मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामीणों को हर्ष मिश्रित आश्चर्य हुआ। मुख्यमंत्री ने गांव के बरगद पेड़ की छांव में चौपाल लगाई और बेहद आत्मीय अंदाज में ग्रामीणों से संवाद किया। देखते ही देखते पूरा गांव उमड़ पड़ा और माहौल उत्सव जैसा बन गया। मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि मैंने बस्तर, सरगुजा के अनेकों जिले में और जांजगीर, चांपा, कबीरधाम, बेमेतरा जिले जैसे जिलों के सुदूर गांवों तक जाकर जनचौपाल की है। उन्होंने कहा कि आज मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी जिले से होकर आपके इस गांव झुरानदी में सीधे पहुंचा हूं। हमारी सरकार गांव, गरीब और किसान की सरकार है। हम हर घर तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीणों की मांगों और समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए तथा योजनाओं का लाभ हर पात्र हितग्राही तक समय पर पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर झुरानदी गांव में हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल भवन निर्माण की घोषणा की। उन्होंने ग्राम में सीसी सड़क निर्माण के लिए 20 लाख रूपए, दो उच्च स्तरीय पुल निर्माण- गंडई से कृतबाधा पहुंच मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 2 करोड़ 54 लाख रूपए और गंडई कर्रानाला पहुँचमार्ग पर लिमो में उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 2 करोड 52 लाख रूपए और ग्रामीणों की मांग पर ग्राम पंचायत भोरमपुर में नए पंचायत भवन निर्माण की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गांव के बीच बाजार पड़ाव में बरगद पेड़ की छांव में जनचौपाल लगाई और वहां उपस्थित ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी भाषा में ही संवाद की शुरुआत की, जिससे ग्रामीणों के साथ भावनात्मक जुड़ाव और गहराता गया। उन्होंने ग्रामीणों से उनकी समस्याएं, सुझाव और योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े अनुभव भी सुने। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री साय के सहज, सरल, सादगीपूर्ण और विनम्र व्यवहार की खुले दिल से सराहना की। बुजुर्गों ने कहा कि वर्षों में पहली बार ऐसा अवसर आया है, जब प्रदेश के मुखिया सीधे उनके गांव में पहुंचे। किसानों और युवाओं ने मुख्यमंत्री की माटी से जुड़ी शैली को नज़दीक से देखा और महसूस किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर सुशासन तिहार के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस अभियान में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि सभी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और जमीनी हकीकत का मूल्यांकन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं बस्तर से लेकर सरगुजा तक अनेक गांवों का दौरा कर चुके हैं, और योजनाओं की प्रगति की प्रत्यक्ष जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गांव के बाजार पड़ाव स्थित पवनपुत्र हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। इस मौके पर पूर्व विधायक कोमल जंघेल, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रियंका खम्हन ताम्रकर सहित अनेक जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपसझुरानदी गांव में 180 पीएम आवास पूर्ण

खैरागढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत झुरानदी की जनसंख्या 1935 है। यह गांव लोधी एवं वर्मा समाज की बहुलता है। गांव में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है। गांव में प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला और हाई स्कूल की सुविधा उपलब्ध है, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।

ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुल 217 आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 180 पूर्ण हो चुके हैं तथा 37 निर्माणाधीन हैं। महतारी वंदन योजना से 616 महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति की जा रही है। ग्रामीणों को मनरेगा के अंतर्गत रोजगार मिल रहा है। गांव में 17 स्वसहायता समूह की महिलाएं आजीविका गतिविधियों से जुड़ी है।्थित थे।

चिरमिरी-नागपुर रोड हॉल्ट रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू, रेल मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना, 6 गांव की जमीनें होंगी अधिग्रहित

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर- छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में प्रस्तावित चिरमिरी-नागपुर रोड हॉल्ट रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है. इस 17 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसमें कुल 6 ग्रामों की निजी भूमि अधिग्रहण के दायरे में आएगी.

अधिसूचना के अनुसार, जिन ग्रामों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी, उनमें चिरईपानी, सरोला, बंजी, खैरबना, सरभोका और चित्ताझोर शामिल हैं. परियोजना के लिए रेलवे और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सर्वेक्षण किया गया है, जिसके आधार पर आगे की कानूनी प्रक्रिया चलाई जा रही है.

जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के अपर कलेक्टर एवं सक्षम प्राधिकारी (भू-अर्जन) द्वारा प्राप्त प्रस्ताव को 07 अप्रैल 2025 को उप मुख्य अभियंता (निर्माण)-1, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, नॉर्थ बिलासपुर को भेजा गया था. इसके बाद 01 मई 2025 को कलेक्टर कार्यालय से अधिसूचना के राजपत्र प्रकाशन हेतु पत्र भेजा गया.

भारत सरकार के राजपत्र में 09 मई 2025 को रेल मंत्रालय (दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे) द्वारा अधिसूचना संख्या 2074 प्रकाशित की गई है, जो रेल अधिनियम 1989 की धारा 20(ए) के तहत जारी की गई है.

जानिए कब है आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि

राजपत्र प्रकाशन की तिथि यानी 09 मई 2025 से 09 जून 2025 तक, कोई भी व्यक्ति जो अधिग्रहित की जा रही भूमि में हितधारक है, वह रेल अधिनियम की धारा 20(घ) की उपधारा (1) के अंतर्गत अपर कलेक्टर न्यायालय, कक्ष क्रमांक 19, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में लिखित में आपत्ति या दावा दर्ज करा सकता है.

10 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को 596 करोड़ का सीधे भुगतान, मुख्यमंत्री साय बोले –

रायपुर- छत्तीसगढ़ के वनवासी अंचलों में इस वर्ष भी तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य तेज़ी से जारी है। राज्य के 902 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से 10,631 फड़ों में यह कार्य हो रहा है। असमय हवा, तूफान, बारिश और ओलावृष्टि के कारण इस वर्ष तेन्दूपत्ता फसल को नुकसान जरूर पहुँचा है, लेकिन संग्राहक परिवारों की मेहनत और सरकार की प्रतिबद्धता ने इस चुनौती को अवसर में बदल दिया है।

अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, 10 लाख से अधिक संग्राहक परिवारों ने 10.84 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता फड़ों में बेचा है, जिसका मूल्य लगभग 596 करोड़ रुपये है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे संग्राहकों के खातों में जमा की जाएगी। इसके लिए सॉफ़्टवेयर में डाटा प्रविष्टि की प्रक्रिया ज़िला यूनियनों द्वारा प्रारंभ कर दी गई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा हैकितेन्दूपत्ता छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों के लिए केवल वनोपज नहीं, बल्कि आजीविका का आधार है। हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि संग्राहकों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य समय पर और पारदर्शी तरीके से मिले। तेन्दूपत्ता संग्रहण से जुड़े हर परिवार के जीवन में आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का अहसास हो, इसके लिए हम पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। हमने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर को 4000 मानक बोरा से बढ़कर 5500 रुपए कर किया है, जिससे संग्राहकों को पहले की तुलना में अब ज्यादा लाभ मिलने लगा है

तेन्दूपत्ता संग्रहण से छत्तीसगढ़ के लाखों वनवासी परिवारों को प्रतिवर्ष सम्मानजनक आय प्राप्त हो रही है। यह आय न केवल उनके परिवार की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में भी सुधार ला रही है।

तेन्दूपत्ता खरीदी के साथ-साथ वर्तमान में पत्तों का उपचार, बोरा भराई और गोदामों में परिवहन का कार्य भी शुरू हो चुका है। सरकार को उम्मीद है कि निर्धारित संग्रहण लक्ष्य की प्राप्ति शीघ्र हो जाएगी।

यह पूरी प्रक्रिया छत्तीसगढ़ को वनोपज आधारित रोजगार सशक्त राज्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रही है।

1.30 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा, 8 गिरफ्तार…

रायपुर/बिलासपुर- बिलासपुर पुलिस ने ऑनलाइन साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल होने वाले फर्जी बैंक खातों (म्यूल अकाउंट) के खिलाफ ब़ड़ी कार्रवाई करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. रेंज साइबर थाना बिलासपुर और एसीसीयू बिलासपुर की संयुक्त टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यह प्रभावी कार्रवाई की, जिसमें 1 करोड़ 30 लाख 50 हजार 636 रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी का खुलासा हुआ.

पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में यह ऑपरेशन चलाया गया. नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आधार पर संदिग्ध म्यूल बैंक खातों की जांच की गई. जांच में पाया गया कि इन खातों का उपयोग डिजिटल अरेस्ट, फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप, क्रिप्टो करेंसी निवेश, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक KYC अपडेट और गूगल सर्च जैसे साइबर अपराधों में किया जा रहा था.

इन 8 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

  • अब्दूल आदिल (21 वर्ष), तालापारा, बिलासपुर
  • संदीप श्रीवास (30 वर्ष), तिफरा, बिलासपुर
  • विकास केंवट (31 वर्ष), रतनपुर
  • समीर कश्यप (31 वर्ष), रतनपुर
  • कलेश कुमार धिवर (28 वर्ष), रतनपुर
  • नागेश्वर ठाकूर (25 वर्ष), सिरगिट्टी
  • करन सिंह ठाकूर (33 वर्ष), सिरगिट्टी
  • परमेश्वर जायसवाल (21 वर्ष), हिर्री माइंस