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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का किया लोकार्पण

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव जिले के चिखली में 9 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। यहां शासकीय विभागों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों का प्रकाशन होता है। मुख्यमंत्री ने शासकीय मुद्रणालय के नवनिर्मित भवन और वहां की प्रकाशन तथा अन्य व्यवस्था का भी अवलोकन किया।राजनांदगांव स्थित शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय भवन छत्तीसगढ़ में एक मात्र शासकीय मुद्रणालय है जहां महत्वपूर्ण शासकीय दस्तावेजों का प्रकाशन किया जाता है। मुद्रणालय का पुराना भवन अत्याधिक पुराना होने के कारण नये भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

शासकीय मुद्रणालय के नवीन भवन में पेपर गोडाउन, प्रिटिंग मटेरियल स्टोर, बाइडिंग एवं पेपर स्टोर, मेकेनिकल स्टोर, काम्पोजिंग एवं रीडिंग रूम, टाइप स्टोर, कैमरा रूम, असिस्टेंट सुपरिटेंडेन्ट कक्ष, डायरेक्टर रूम, कॉन्फ्रेंस रूम एवं अन्य आवश्यक व्यस्थाएं रखी गई है। यहां 4 बड़े हाल एवं 12 कमरे हैं।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्र विजय शर्मा, सांसद संतोष पांडेय, महापौर मधुसूदन यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं शासकीय मुद्रणालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

सुशासन तिहार : मुख्यमंत्री ने बरगद पेड़ के नीचे लगाई जनचौपाल, ग्रामीणों को दी ये सौगातें…

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहजता और सरलता से झुरानदी गांव के ग्रामीण अभिभूत हो उठे। तपती दोपहरी में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर अचानक खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के ग्राम झुरानदी में उतरा। बिना किसी पूर्व सूचना के मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामीणों को हर्ष मिश्रित आश्चर्य हुआ। मुख्यमंत्री ने गांव के बरगद पेड़ की छांव में चौपाल लगाई और बेहद आत्मीय अंदाज में ग्रामीणों से संवाद किया। देखते ही देखते पूरा गांव उमड़ पड़ा और माहौल उत्सव जैसा बन गया। मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि मैंने बस्तर, सरगुजा के अनेकों जिले में और जांजगीर, चांपा, कबीरधाम, बेमेतरा जिले जैसे जिलों के सुदूर गांवों तक जाकर जनचौपाल की है। उन्होंने कहा कि आज मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी जिले से होकर आपके इस गांव झुरानदी में सीधे पहुंचा हूं। हमारी सरकार गांव, गरीब और किसान की सरकार है। हम हर घर तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीणों की मांगों और समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए तथा योजनाओं का लाभ हर पात्र हितग्राही तक समय पर पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर झुरानदी गांव में हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल भवन निर्माण की घोषणा की। उन्होंने ग्राम में सीसी सड़क निर्माण के लिए 20 लाख रूपए, दो उच्च स्तरीय पुल निर्माण- गंडई से कृतबाधा पहुंच मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 2 करोड़ 54 लाख रूपए और गंडई कर्रानाला पहुँचमार्ग पर लिमो में उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 2 करोड 52 लाख रूपए और ग्रामीणों की मांग पर ग्राम पंचायत भोरमपुर में नए पंचायत भवन निर्माण की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गांव के बीच बाजार पड़ाव में बरगद पेड़ की छांव में जनचौपाल लगाई और वहां उपस्थित ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी भाषा में ही संवाद की शुरुआत की, जिससे ग्रामीणों के साथ भावनात्मक जुड़ाव और गहराता गया। उन्होंने ग्रामीणों से उनकी समस्याएं, सुझाव और योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े अनुभव भी सुने। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री साय के सहज, सरल, सादगीपूर्ण और विनम्र व्यवहार की खुले दिल से सराहना की। बुजुर्गों ने कहा कि वर्षों में पहली बार ऐसा अवसर आया है, जब प्रदेश के मुखिया सीधे उनके गांव में पहुंचे। किसानों और युवाओं ने मुख्यमंत्री की माटी से जुड़ी शैली को नज़दीक से देखा और महसूस किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर सुशासन तिहार के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस अभियान में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि सभी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और जमीनी हकीकत का मूल्यांकन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं बस्तर से लेकर सरगुजा तक अनेक गांवों का दौरा कर चुके हैं, और योजनाओं की प्रगति की प्रत्यक्ष जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गांव के बाजार पड़ाव स्थित पवनपुत्र हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। इस मौके पर पूर्व विधायक कोमल जंघेल, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रियंका खम्हन ताम्रकर सहित अनेक जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपसझुरानदी गांव में 180 पीएम आवास पूर्ण

खैरागढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत झुरानदी की जनसंख्या 1935 है। यह गांव लोधी एवं वर्मा समाज की बहुलता है। गांव में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है। गांव में प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला और हाई स्कूल की सुविधा उपलब्ध है, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।

ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुल 217 आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 180 पूर्ण हो चुके हैं तथा 37 निर्माणाधीन हैं। महतारी वंदन योजना से 616 महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति की जा रही है। ग्रामीणों को मनरेगा के अंतर्गत रोजगार मिल रहा है। गांव में 17 स्वसहायता समूह की महिलाएं आजीविका गतिविधियों से जुड़ी है।्थित थे।

चिरमिरी-नागपुर रोड हॉल्ट रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू, रेल मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना, 6 गांव की जमीनें होंगी अधिग्रहित

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर- छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में प्रस्तावित चिरमिरी-नागपुर रोड हॉल्ट रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है. इस 17 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसमें कुल 6 ग्रामों की निजी भूमि अधिग्रहण के दायरे में आएगी.

अधिसूचना के अनुसार, जिन ग्रामों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी, उनमें चिरईपानी, सरोला, बंजी, खैरबना, सरभोका और चित्ताझोर शामिल हैं. परियोजना के लिए रेलवे और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सर्वेक्षण किया गया है, जिसके आधार पर आगे की कानूनी प्रक्रिया चलाई जा रही है.

जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के अपर कलेक्टर एवं सक्षम प्राधिकारी (भू-अर्जन) द्वारा प्राप्त प्रस्ताव को 07 अप्रैल 2025 को उप मुख्य अभियंता (निर्माण)-1, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, नॉर्थ बिलासपुर को भेजा गया था. इसके बाद 01 मई 2025 को कलेक्टर कार्यालय से अधिसूचना के राजपत्र प्रकाशन हेतु पत्र भेजा गया.

भारत सरकार के राजपत्र में 09 मई 2025 को रेल मंत्रालय (दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे) द्वारा अधिसूचना संख्या 2074 प्रकाशित की गई है, जो रेल अधिनियम 1989 की धारा 20(ए) के तहत जारी की गई है.

जानिए कब है आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि

राजपत्र प्रकाशन की तिथि यानी 09 मई 2025 से 09 जून 2025 तक, कोई भी व्यक्ति जो अधिग्रहित की जा रही भूमि में हितधारक है, वह रेल अधिनियम की धारा 20(घ) की उपधारा (1) के अंतर्गत अपर कलेक्टर न्यायालय, कक्ष क्रमांक 19, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में लिखित में आपत्ति या दावा दर्ज करा सकता है.

10 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को 596 करोड़ का सीधे भुगतान, मुख्यमंत्री साय बोले –

रायपुर- छत्तीसगढ़ के वनवासी अंचलों में इस वर्ष भी तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य तेज़ी से जारी है। राज्य के 902 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से 10,631 फड़ों में यह कार्य हो रहा है। असमय हवा, तूफान, बारिश और ओलावृष्टि के कारण इस वर्ष तेन्दूपत्ता फसल को नुकसान जरूर पहुँचा है, लेकिन संग्राहक परिवारों की मेहनत और सरकार की प्रतिबद्धता ने इस चुनौती को अवसर में बदल दिया है।

अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, 10 लाख से अधिक संग्राहक परिवारों ने 10.84 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता फड़ों में बेचा है, जिसका मूल्य लगभग 596 करोड़ रुपये है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे संग्राहकों के खातों में जमा की जाएगी। इसके लिए सॉफ़्टवेयर में डाटा प्रविष्टि की प्रक्रिया ज़िला यूनियनों द्वारा प्रारंभ कर दी गई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा हैकितेन्दूपत्ता छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों के लिए केवल वनोपज नहीं, बल्कि आजीविका का आधार है। हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि संग्राहकों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य समय पर और पारदर्शी तरीके से मिले। तेन्दूपत्ता संग्रहण से जुड़े हर परिवार के जीवन में आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का अहसास हो, इसके लिए हम पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। हमने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर को 4000 मानक बोरा से बढ़कर 5500 रुपए कर किया है, जिससे संग्राहकों को पहले की तुलना में अब ज्यादा लाभ मिलने लगा है

तेन्दूपत्ता संग्रहण से छत्तीसगढ़ के लाखों वनवासी परिवारों को प्रतिवर्ष सम्मानजनक आय प्राप्त हो रही है। यह आय न केवल उनके परिवार की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में भी सुधार ला रही है।

तेन्दूपत्ता खरीदी के साथ-साथ वर्तमान में पत्तों का उपचार, बोरा भराई और गोदामों में परिवहन का कार्य भी शुरू हो चुका है। सरकार को उम्मीद है कि निर्धारित संग्रहण लक्ष्य की प्राप्ति शीघ्र हो जाएगी।

यह पूरी प्रक्रिया छत्तीसगढ़ को वनोपज आधारित रोजगार सशक्त राज्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रही है।

1.30 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा, 8 गिरफ्तार…

रायपुर/बिलासपुर- बिलासपुर पुलिस ने ऑनलाइन साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल होने वाले फर्जी बैंक खातों (म्यूल अकाउंट) के खिलाफ ब़ड़ी कार्रवाई करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. रेंज साइबर थाना बिलासपुर और एसीसीयू बिलासपुर की संयुक्त टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यह प्रभावी कार्रवाई की, जिसमें 1 करोड़ 30 लाख 50 हजार 636 रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी का खुलासा हुआ.

पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में यह ऑपरेशन चलाया गया. नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आधार पर संदिग्ध म्यूल बैंक खातों की जांच की गई. जांच में पाया गया कि इन खातों का उपयोग डिजिटल अरेस्ट, फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप, क्रिप्टो करेंसी निवेश, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक KYC अपडेट और गूगल सर्च जैसे साइबर अपराधों में किया जा रहा था.

इन 8 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

  • अब्दूल आदिल (21 वर्ष), तालापारा, बिलासपुर
  • संदीप श्रीवास (30 वर्ष), तिफरा, बिलासपुर
  • विकास केंवट (31 वर्ष), रतनपुर
  • समीर कश्यप (31 वर्ष), रतनपुर
  • कलेश कुमार धिवर (28 वर्ष), रतनपुर
  • नागेश्वर ठाकूर (25 वर्ष), सिरगिट्टी
  • करन सिंह ठाकूर (33 वर्ष), सिरगिट्टी
  • परमेश्वर जायसवाल (21 वर्ष), हिर्री माइंस

 

मनरेगा में कटौती पर कांग्रेस का प्रदर्शन : सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी, कांग्रेस नेता बोले –

दुर्ग-  महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में लगातार हो रही कटौती को लेकर कांग्रेस ने आज दुर्ग कलेक्ट्रेट में बड़ा प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मनरेगा मजदूरों की आर्थिक स्थिति पर चिंता जताई. पुलिस ने उन्हें कलेक्ट्रेट पहुंचने से रोकने के लिए भारी बैरिकेडिंग और सीमेंट के बड़े-बड़े ब्लॉक लगाए. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई.

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे दुर्ग कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि डेढ़ साल में भाजपा सरकार की असलियत सामने आ चुकी है. कांग्रेस सरकार के समय मनरेगा के तहत 42 लाख मानव दिवस सृजित किए गए थे, जो भाजपा सरकार के आने के बाद 2024-25 में घटकर 32 लाख हो गए और अब 2025-26 में केवल 18 लाख मानव दिवस निर्धारित किए गए हैं.


रोजगार नहीं मिलने से पलायन कर रहे ग्रामीण : ठाकुर

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि यह सिर्फ आंकड़ों में कटौती नहीं है, बल्कि यह लाखों ग्रामीण मजदूरों की आजीविका पर सीधा हमला है. जिले में करीब डेढ़ लाख सक्रिय मनरेगा मजदूर हैं, लेकिन अब केवल 10,000 मजदूरों को ही काम मिल पा रहा है. पहले जहां 40 से 50 हजार मजदूरों को रोजगार मिलता था, अब उनकी संख्या में भारी गिरावट आई है. रोजगार की कमी के कारण अब ग्रामीण मजदूरों को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है. पूर्व विधायक अरुण वोरा ने कहा, कांग्रेस का यह प्रदर्शन ग्रामीण मजदूरों की बिगड़ती स्थिति और मनरेगा में बजट व कार्य दिवसों में कटौती के खिलाफ था, जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार से तत्काल सुधार की मांग की.

बैठक कर सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव : एसडीएम

दुर्ग एसडीएम हितेश ने बताया कि मनरेगा में हो रही कटौती को लेकर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया है. उनका कहना है कि कांग्रेस की सरकार में मनरेगा के तहत 42 लाख मानव दिवस का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन भाजपा सरकार धीरे-धीरे कटौती कर रही है. कांग्रेस के पांच सदस्यीय दल सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लिया जाएगा और सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

PM आवास योजना में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई, तीन पंचायत सचिव निलंबित

रायगढ- प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में उदासीनता एवं लापरवाही का मामला पाए जाने पर जिला पंचायत रायगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितेंद्र यादव ने जनपद पंचायत खरसिया अंतर्गत ग्राम पंचायत घघरा के सचिव राजेश सारथी, ग्राम पंचायत बरगढ़ के सचिव कमलेश्वर राठिया तथा ग्राम पंचायत सूती की सचिव माधुरी सिदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

जिला पंचायत के सीईओ यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना शासन की महत्वपूर्ण योजना है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सौंपे गए दायित्व का गंभीरता से निर्वहन करना तथा पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को लगातार ग्रामीण इलाको का दौरा कर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं प्रगति का मुआयना करने के साथ ही कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।़

अफसरों की प्रताड़ना से परेशान होकर महिला अधिकारी ने की खुदकुशी, लगातार बढ़ रहे प्रताड़ना के केस

रायपुर- छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले से हृदयवृदारक घटना सामने आई है, जिसने स्वास्थ्य प्रणाली की क्रूर सच्चाई को उजागर किया है. छुईखदान के आयुष्मान आरोग्य मंदिर जंगलपुर में पदस्थ महिला स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) आरती यादव ने विभागीय अफसरों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने 15 मई को दुर्ग जिले के धनोरा स्थित अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. इस घटना के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश सामुदायिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ ने विभागीय अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है. संगठन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अफसरों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के चलते महिला अधिकारी ने यह घातक कदम उठाया है. अब तक पूरे प्रदेश से महिला स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी पर प्रताड़ना के 26 केस आ चुके हैं.

जानकारी के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) में आरती यादव संविदा के तहत बतौर सीएचओ पदस्थ थीं. एक माह पहले आरती के पति का सड़क हादसे में निधन हो गया, जिससे वह काफी आहत थी. पति को दुर्घटना में खोने के बाद उसने छुट्टी की गुहार लगाई, मगर विभागीय अधिकारी ने उसे ठुकरा दिया. निजी परेशानी के चलते आरती स्वास्थ्य केंद्र नहीं जा रही थी. ऐसे में उनकी अनुपस्थिति को लेकर विभागीय अफसरों ने शासन-प्रशासन से शिकायत कर दी. इसके बाद सीएमएचओ कार्यालय से तत्काल सेवा में उपस्थिति के लिए पत्र जारी किया गया. काम में अनुपस्थित होने पर सीएचओ के वेतन में कटौती करने की चेतावनी भी दी गई और सीआर भी खराब करने की हिदायत दी गई.

मृतका सीएचओ आरती यादव

छत्तीसगढ़ प्रदेश सामुदायिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों का कहना है कि विभागीय अफसरों के रवैये से परेशान होकर सीएचओ आरती यादव ने स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन वह अपना स्थानांतरण दुर्ग कराने प्रशासनिक अफसरों के चक्कर लगा रही थी. मानसिक तनाव के चलते सीएचओ यादव ने खुदकुशी कर ली. संगठन के प्रांताध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार ने विभागीय अफसरों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल से महिला कर्मियों को प्रताड़ित करने के मामले में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले तीन वर्षों में पांच CHO ने कार्य दबाव में जान गंवाई है. सरकार को फौरन महिला कर्मियों के विषय पर संज्ञान लेना चाहिए.

छत्तीसगढ़ राज्य एनएचएम कर्मचारी संघ और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ संयुक्त ने कहा, “यह मौत एक मां की नहीं, पूरी व्यवस्था की हार है.” संघ ने मांग की है कि उचित कार्यभार, मानसिक स्वास्थ्य सहायता मिले और संविदा शोषण का अंत हो. सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ द्वारा लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के नियमितीकरण, स्थानांतरण समेत विभिन्नन मांगों के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा.

सुरक्षा को लेकर करेंगे प्रदेशव्यापी आंदोलन : प्रांताध्यक्ष

संघ ने कहा, पूरे प्रदेश में महिला स्वास्थ्य कर्मी पर होने वाले महिला प्रताड़ना का केस बढ़कर 26 हो चुका है. इस संबंध में संघ ने स्वास्थ्य मंत्री, महिला बाल विकास मंत्री, मिशन संचालक समेत कई आला अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है. उक्त पत्र के अवलोकन उपरांत महिला सुरक्षा को नजर में रखते हुए महिला बाल विकास मंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री को मांग पूरा करने पत्र प्रेषित किया था परंतु अभी तक धरातल में किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नजर नहीं आई है. अगर उक्त मांग पत्र पर कार्यवाही नहीं होती तो भविष्य में इस प्रकार के कृत होने की संभावना बनी रहेगी. संघ के प्रांताध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार ने कहा कि मानसिक प्रताड़ना की घटना से प्रदेश के 3500 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी आक्रोशित है. स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा समेत अन्य मांग पर अगर शासन समय रहते उचित संज्ञान नहीं लिया तो संघ प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन करने बाध्य होगा.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को संघ ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि यह घटना अत्यंत दर्दनाक एवं गंभीर विषय है. 2 साल में लगभग 25 प्रकरण से अधिक प्रकरण महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ अनाचार, हत्या, सामूहिक बलात्कार, मानसिक प्रताड़ना जैसी घटना हुई है. इसका विधिवत शिकायत / FIR भी दर्ज है, जिसमें से 17 प्रकरण की दस्तावेजों सहित जानकारी संघ के पास उपलब्ध है.

तीन महिला स्वास्थ्य अधिकारियों की हुई हत्या

संघ ने बताया, 2 सालों के बीच में हमारे 3 महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी साथियों की हत्या हुई है. यह मामला जशपुर जिला, बलोद जिला एवं गरियाबंद जिले का है. इसमें से 2 प्रकरण की हत्या होना साबित हो चुका है एवं एक प्रकरण (बालोद जिला) संदेहास्पद है. प्रकरणों में सबसे मुख्य वजह यही रहा है कि घर से दूर रहना एवं अकेले में पाकर सिरफिरे हत्यारों के द्वारा हत्या के जुर्म को अंजाम देना. चारों प्रकरण में कार्य क्षेत्रों में हत्या होने के बावजूद शासन ने किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया है.

आयुष्मान आरोग्य मंदिर में काम के दौरान दुष्कर्म

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में (21/10/2022 को) दिवाली से एक दिन पहले शर्मनाक घटना हुई. यहां एक महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के साथ गांव के ही कुछ युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया था. इतने बड़े प्रकरण के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के सुरक्षा के संबंध में शासन ने न ही कोई कदम उठाया एवं न ही पीड़िता को कोई मुआवजा दिया.

छेड़छाड़, मारपीट और जान से मारने की धमकी के 15 मामले

आयुष्मान आरोग्य मंदिर ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के बसाहट से दूर होता है एवं अकेले महिला कर्मचारी को बहुत से असामाजिक तत्व एवं बदमाश लोग लगातार परेशान करते रहते हैं. विभिन्न जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को छेड़छाड़, मारपीट, एवं जान से मारने की धमकी का शिकार होना पड़ा है. इसमें से कुछ प्रकरण में तो विभाग के ही अधिकारी / कर्मचारी भी संलिप्त हैं. ऐसे कुल 15 प्रकरण है. इसमें से जांजगीर चांपा जिला से 1 प्रकरण, मुंगेली जिला से 3, MCB जिला से 2 प्रकरण, राजनांदगाँव जिला से 2, कोरबा जिला से 1, बेमेतरा जिला से 1, जशपुर जिला से 1, कोरिया जिला से 1, सारंगढ़ से जिला से 1, महासमुंद जिला एवं बिलासपुर जिला से 1 प्रकरण शामिल है. इस मामले की लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों एवं पुलिस विभाग से की गई है, लेकिन आज तक इन प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया है. इसके कारण ईन सभी पर अभी तक कोई भी अनहोनी घटना होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.

कार्य क्षेत्र में रहने की सुविधा नहीं, हादसे के शिकार हो रहे कर्मचारी

कार्यक्षेत्र में मुख्यालय निवास की पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के कारण महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को ड्यूटी में आने-जाने के समय अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके कारण अभी तक विगत 2 वर्ष में हमारे 3 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी साथी सड़क हादसे की शिकार हो चुकी है. इसमें से 1 प्रकरण कोंडागांव जिला, 1 सारंगढ़ जिला एवं 1 प्रकरण कबीरधाम जिले से संबंधित है. सुविधाओं एवं सुरक्षा के अभाव में लगभग 3 दर्जन से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने नौकरी से इस्तीफा भी दिया है.

आदिवासी नेता ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देते हुए बेरोजगार युवकों को ठगा, थाने में मामला दर्ज…

सूरजपुर- पीएचई विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत आदिवासी नेता के खिलाफ सरकारी नौकरी का झांसा देकर बेरोजगारों युवकों से दस लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ितों की शिकायत पर पिता-पुत्र के खिलाफ सूरजपुर थाना में धारा 420 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

आरोपी पिता-पुत्र मोहित नेताम और हेमन्त नेताम के खिलाफ पीड़ित सूरजपुर निवासी मुरली मनोहर पटेल और रमेश कुमार ने सूरजपुर थाने में अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज कराई है. मुरली मनोहर पटेल ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी पिता-पुत्र मोहित नेताम और हेमन्त नेताम से 2022 से जान पहचान है. हेमन्त नेताम और उसके पिता मोहित नेताम ने बार-बार मना करने के बाद भी अपनी सरकारी नौकरी और बड़ी पहुंच का झांसा दिया.

पिता-पुत्र के झांसे में आकर तीन गवाहों की मौजूदगी में पीड़ित ने मोहित नेताम और हेमन्त नेताम के घर में जाकर 12 नवंबर 2022 को पांच लाख रुपए नकद राशि दी. इसके कुछ दिन बाद हेमन्त नेताम ने फोन कर कहा कि ऊपर बैठे लोनों का फोन आया है, कम से कम 2,00,000 और देना पड़ेगा, अगर नहीं दोगे तो लिस्ट से नाम कट जाएगा. इस पर एक फरवरी 2023 को चेक के जरिए 2,00,000 रुपए दिया.

मुरली मनोहर को जहां सीएम कोटे से सब-इंस्पेक्टर का पद दिलाने का झांसा देते हुए लेकिन सब-इंस्पेक्टर का रिजल्ट आने पर लिस्ट में नाम नहीं आने पर पीड़ित ने पिता-पुत्र से पूरे पैसों की मांग की. इस पर हेमन्त नेताम ने अक्टूबर 2024 को फोन पे के जरिए 50,000 रुपए लौटाया गया. कुछ दिन के बाद सब पैसा एक साथ देने का वादा किया. इसके बाद भी पैसे नहीं देकर महीने-दो महीने तक टाल मटोल करते रहे. आखिर में दोनों पिता-पुत्र ने पैसे देने से ही इंकार करने पर सूरजपुर थाने में ठगी का मामला दर्ज कराया.

इसी तरह रमेश कुमार ने वन विभाग में वन रक्षक की नौकरी दिलाने का झांसा देकर पिता-पुत्र पर तीन लाख रुपए की ठगी करने की सूरजपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने दोनों ही पीड़ित युवकों की शिकायत पर पिता-पुत्र मोहित नेताम और हेमंत नेताम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

स्काईवॉक प्रोजेक्ट पर गरमाई सियासत: 8 साल बाद फिर शुरू होने जा रहा निर्माण कार्य, कांग्रेस ने कहा- इसे बनाने का कोई फायदा नहीं, बीजेपी ने बताया-

रायपुर-  राजधानी रायपुर का बहुचर्चित और वर्षों से अधूरा पड़ा स्काईवॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर सियासत के केंद्र में आ गया है। करीब 8 सालों से रुका यह फुट ओवर ब्रिज अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में दोबारा शुरू किया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है। लेकिन इसके साथ ही भाजपा और कांग्रेस के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है। कांग्रेस इसे जनता के पैसे की बर्बादी और भ्रष्टाचार का माध्यम करार दे रही है। वहीं बीजेपी का कहना है कि अधूरे विकास कार्य को पूरा किया जा रहा है, कांग्रेस कार्यकाल में राजनीति के उद्देश्य से स्काईवॉक के काम को रोका गया था।

स्काईवॉक बनाने का कोई फायदा नहीं – दीपक बैज

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने पलटवार करते हुए कहा कि स्काईवॉक बनाने का कोई फायदा नहीं। यह केवल लूटमार और अपराध का अड्डा बनेगा। केवल भ्रष्टाचार करने के लिए इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू किया जा रहा है। ट्रैफिक कम करने के लिए लोग ओवरब्रिज बना रहे हैं, राजधानी में कौन इसका प्रयोग करेगा? इसी वजह से कांग्रेस ने इस योजना का काम रोका था।

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस पर साधा निशाना

डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने कहा कि विकास को ध्यान में रखकर हमारी सरकार के समय स्काईवॉक की योजना बनी थी। बहुत बड़े पैमाने पर काम हो चुका था। कांग्रेस सरकार ने राजनीति के उद्देश्य से स्काईवॉक के काम को रोका। सरकार के खजाने से जो काम हो चुका था, उसे रोकने का काम कांग्रेस ने किया। उनकी कमेटी ने भी रिपोर्ट दी थी कि स्काईवॉक बनना चाहिए। अंततः टेंडर की मंजूरी हो चुकी है, अब आगे उस काम को पूरा करेंगे।

बनने से पहले शंका-कुशंका जाहिर करना उचित नहीं- बृजमोहन अग्रवाल

स्काईवॉक के निर्माण को लेकर बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार 5 साल में कोई निर्णय नहीं ले पाई। बीजेपी की सरकार ने इसे पूरा करने का निर्णय लिया है। स्काईवॉक पूरा होना चाहिए, इसका सदुपयोग होना चाहिए। जब यह पूरा नहीं हुआ है, तब इस पर शंका-कुशंका जाहिर करना उचित नहीं है। स्काईवॉक में जो पैसे खर्च हुए हैं, उसका लाभ जनता को मिलना चाहिए।