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अगर आंखे बार - बार फड़क रही है?तो शगुन अपशकुन के चक्कर में न पड़े,समय रहते पहचाने असली वजह वरना हो सकती हैं गंभीर समस्या


आंख फड़कना हमारे समाज में एक आम लेकिन दिलचस्प अनुभव है। अक्सर जब हमारी आंख फड़कती है, तो हम इसे शगुन या अपशगुन से जोड़ देते हैं। कहा जाता है कि दाईं आंख फड़के तो कुछ अच्छा होने वाला है, और बाईं आंख फड़के तो कुछ बुरा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी हो सकता है? आइए जानते हैं कि बार-बार आंख फड़कने के पीछे क्या असली वजहें हो सकती हैं।

आंख फड़कना क्या है?

आंख फड़कना या "Eye Twitching" एक सामान्य स्थिति है जिसमें आंखों की पलकें बार-बार अनैच्छिक रूप से हिलती हैं। इसे मेडिकल भाषा में Myokymia कहा जाता है। यह सामान्य रूप से हानिरहित होता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे तो यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

आंख फड़कने के सामान्य कारण

तनाव (Stress):

तनाव के समय शरीर में मांसपेशियों की ऐंठन हो सकती है, जिससे आंख की मांसपेशियां भी प्रभावित होती हैं।

नींद की कमी:

पर्याप्त नींद न मिलने से मस्तिष्क और मांसपेशियां थक जाती हैं, जिससे आंख फड़क सकती है।

आंखों पर अधिक दबाव:

लगातार स्क्रीन (मोबाइल, लैपटॉप) पर काम करने से आंखों पर दबाव पड़ता है जिससे यह समस्या हो सकती है।

कैफीन और एल्कोहॉल:

अधिक मात्रा में चाय, कॉफी या शराब का सेवन भी आंख फड़कने का कारण बन सकता है।

ड्राय आई सिंड्रोम:

जिन लोगों को आंखों में सूखापन (Dryness) की समस्या होती है, उन्हें भी यह दिक्कत हो सकती है।

कब हो सकता है यह गंभीर?

यदि आपकी आंख:

लगातार कई दिनों तक फड़कती रहे,

फड़कने के साथ आंख लाल हो या सूजन हो,

पलकों का पूरी तरह से बंद हो जाना शुरू हो जाए,

या देखने में कोई रुकावट महसूस हो,

तो यह न्यूरोलॉजिकल समस्या, जैसे कि Bell’s Palsy या Blepharospasm का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

क्या करें जब आंख बार-बार फड़के?

पर्याप्त नींद लें।

स्क्रीन टाइम कम करें और हर 20 मिनट में आंखों को आराम दें।

स्ट्रेस कम करने की कोशिश करें – मेडिटेशन या योग अपनाएं।

कैफीन और एल्कोहॉल का सेवन सीमित करें।

आंखों को ठंडे पानी से धोएं।

आंख फड़कना अक्सर एक सामान्य सी बात होती है, लेकिन इसे अंधविश्वास से जोड़ना ठीक नहीं है। यदि यह बार-बार और लंबे समय तक हो रहा है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। यह शरीर का संकेत हो सकता है कि उसे आराम, पोषण या चिकित्सकीय देखभाल की ज़रूरत है। इसलिए शगुन-अपशगुन के फेर में न पड़ें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

अगर बार - बार बीमार पड़ रहे हैं ?विटामिन डी की कमी कर रही हैं इम्यून सिस्टम को कमजोर,तो अपने डायट में इन चीजों को करे शामिल।


आज के समय में जब हर तरफ बीमारियों का खतरा बना रहता है, तो इम्‍यूनिटी यानी प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूत होना बहुत जरूरी है। यदि बार-बार सर्दी-जुकाम, थकान, या संक्रमण हो रहे हैं, तो इसकी एक बड़ी वजह विटामिन D की कमी हो सकती है। यह विटामिन न केवल हड्डियों को मजबूत करता है, बल्कि इम्‍यून सिस्टम को सक्रिय और संतुलित रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।

विटामिन D की कमी के लक्षण:

बार-बार बीमार पड़ना

हड्डियों या मांसपेशियों में दर्द

थकान या कमजोरी

बाल झड़ना

मूड स्विंग्स या डिप्रेशन जैसा महसूस होना

क्यों जरूरी है विटामिन D?

विटामिन D हमारे शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे हड्डियाँ मजबूत बनती हैं। इसके अलावा, यह श्वेत रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells) की क्रियाशीलता को बढ़ाता है, जो शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करती हैं।

डाइट में इन चीजों को करें शामिल:

1. सूरज की रोशनी:

सुबह 7 से 9 बजे तक 15–20 मिनट सूरज की रोशनी लेना विटामिन D का सबसे प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है।

2. अंडे की ज़र्दी (Egg Yolk):

अंडे की ज़र्दी में विटामिन D होता है, जो शरीर को आवश्यक पोषण देने में मदद करता है।

3. फैटी फिश (Fatty Fish):

सालमन, टूना और मैकेरल जैसी मछलियों में विटामिन D भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

4. मशरूम:

कुछ प्रकार के मशरूम जैसे कि UV-exposed मशरूम में प्राकृतिक रूप से विटामिन D होता है।

5. फोर्टिफाइड फूड्स:

आजकल बाजार में कई फूड्स जैसे दूध, अनाज, संतरे का रस आदि विटामिन D से फोर्टिफाइड आते हैं।

6. कोड लिवर ऑयल (Cod Liver Oil):

यह एक बेहतरीन स्रोत है विटामिन D का, जो इम्‍यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।

कब कराएं जांच?

अगर आप उपरोक्त लक्षणों को लंबे समय से महसूस कर रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर विटामिन D की ब्लड टेस्ट (25(OH)D) कराना फायदेमंद रहेगा।

विटामिन D की कमी को नजरअंदाज करना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए, अपनी डाइट में उचित बदलाव करें, नियमित रूप से धूप में जाएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट भी लें।

सेब-चुकंदर-गाजर का जूस,डिटॉक्स के साथ दिल को भी रखे फिट


स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत अच्छे खानपान से होती है। अगर आप दिन की शुरुआत कुछ हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर करना चाहते हैं, तो सेब, चुकंदर और गाजर से बना जूस एक बेहतरीन विकल्प है। यह जूस न सिर्फ शरीर को डिटॉक्स करता है, बल्कि दिल की सेहत, इम्यूनिटी और त्वचा की चमक के लिए भी बेहद फायदेमंद है। आइए विस्तार से जानते हैं इस जूस के फायदे और इसे बनाने की विधि।

क्यों खास है यह जूस?

1. शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन

चुकंदर और गाजर ऐसे तत्व हैं जो लिवर को साफ करने और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इनमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स टॉक्सिन्स को बेअसर करने का काम करते हैं।

2. दिल की सेहत को बेहतर बनाए

चुकंदर में मौजूद प्राकृतिक नाइट्रेट्स ब्लड प्रेशर को कम करने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है।

3. इम्यूनिटी बूस्ट करें

गाजर और सेब दोनों ही विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। यह जूस सर्दी-खांसी जैसी मौसमी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

4. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

इस जूस में विटामिन A, C, E और आयरन जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो त्वचा को निखारते हैं और बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं।

कैसे बनाएं सेब-चुकंदर और गाजर का जूस?

आवश्यक सामग्री:

1 सेब (मध्यम आकार का)

1 चुकंदर

2 गाजर

1 इंच अदरक (वैकल्पिक)

1 चम्मच नींबू का रस

½ कप पानी (अगर मिक्सर में बना रहे हैं)

विधि:

सभी सामग्री को धोकर छील लें और छोटे टुकड़ों में काट लें।

इन्हें मिक्सर या जूसर में डालें। अदरक भी साथ में डालें।

थोड़ा पानी मिलाकर अच्छे से ब्लेंड करें।

मिश्रण को छलनी से छान लें (अगर ज़रूरत हो)।

तैयार जूस में नींबू का रस मिलाएं और तुरंत पी लें।

सेवन का सही समय

इस जूस को सुबह खाली पेट पीना सबसे ज़्यादा फायदेमंद होता है। यह शरीर को तरोताज़ा करता है और दिन भर ऊर्जावान बनाए रखता है। सप्ताह में 3-4 बार इसका सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन हो सकता है।

सेब, चुकंदर और गाजर से बना यह जूस एक सम्पूर्ण प्राकृतिक टॉनिक है जो शरीर को अंदर से साफ करता है और दिल से लेकर त्वचा तक, हर हिस्से को सेहतमंद बनाता है। अगर आप अपने डेली रूटीन में इसे शामिल करते हैं, तो आपको जल्दी ही इसके फायदे नज़र आने लगेंगे।

गर्मियों में सेहत का रखवाला बना कटहल, जानिए इसके चौंकाने वाले फायदे।

गर्मियों का मौसम आते ही बाजारों में कटहल की बहार आ जाती है। इसे वेजिटेरियन मीट भी कहा जाता है, क्योंकि इसका स्वाद और बनावट मांस के जैसी होती है। कटहल न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसके कई जबरदस्त सेहत लाभ भी हैं।

आइए जानते हैं गर्मियों में कटहल खाने से मिलने वाले फायदों के बारे में..

1. पाचन तंत्र को बनाए मजबूत

कटहल में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करती है। यह कब्ज की समस्या को दूर करता है और गैस-एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।

2. इम्यून सिस्टम को करे मजबूत

कटहल में विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। गर्मियों में वायरल इंफेक्शन से बचने के लिए यह एक बेहतरीन फूड है।

3. ऊर्जा का अच्छा स्रोत

कटहल में कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा अच्छी होती है, जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा देती है। गर्मियों में थकावट से निपटने के लिए यह बेहद लाभकारी है।

4. हड्डियों के लिए फायदेमंद

इसमें मौजूद मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन हड्डियों को मज़बूत बनाते हैं। नियमित सेवन से गठिया और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं में राहत मिल सकती है।

5. दिल को रखे स्वस्थ

कटहल में पोटैशियम होता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है और दिल की बीमारियों से सुरक्षा देता है।

6. वजन घटाने में सहायक

हालांकि कटहल दिखने में भारी होता है, लेकिन इसका फाइबर कंटेंट भूख को कम करता है और ज्यादा खाने से रोकता है, जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

अगर खाना खाते ही होने लगता है पेट में तेज दर्द? तो इन 5 घरेलू नुस्खों को अपनाए तुरंत मिलेगा आराम

भोजन के बाद पेट में दर्द होना एक आम समस्या है, लेकिन अगर यह बार-बार हो तो नजरअंदाज करना ठीक नहीं। गलत खानपान, अत्यधिक तैलीय या मसालेदार खाना, गैस्ट्रिक समस्याएं या पाचन संबंधी गड़बड़ियां इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं। अच्छी बात ये है कि कुछ घरेलू उपायों से इस दर्द से तुरंत राहत पाई जा सकती है।

1. अजवाइन और काला नमक

अजवाइन और काला नमक का मिश्रण पेट दर्द और गैस की समस्या में रामबाण की तरह काम करता है।

उपयोग कैसे करें:

आधा चम्मच अजवाइन में चुटकीभर काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लें।

2. हींग का सेवन

हींग पेट की सूजन और मरोड़ को कम करने में बहुत असरदार है।

उपयोग कैसे करें:

एक चुटकी हींग को गुनगुने पानी में घोलकर पिएं या इसे पेट पर हल्के हाथों से मलें।

3. गर्म पानी का सेवन

भोजन के बाद एक गिलास गर्म पानी पीने से पाचन तेज होता है और गैस या एसिडिटी नहीं बनती।

ध्यान दें: बहुत ज़्यादा गर्म पानी न पिएं, बस हल्का गुनगुना ही काफी है।

4. पुदीना की चाय

पुदीना एक नैचुरल कूलिंग एजेंट है जो पाचन तंत्र को शांत करता है और पेट दर्द में राहत देता है।

कैसे बनाएं:

2-3 पुदीने की पत्तियां गर्म पानी में डालकर 5 मिनट उबालें और फिर छानकर पिएं।

5. हल्की सैर करें

खाने के बाद तुरंत लेटने से गैस और दर्द की संभावना बढ़ जाती है।

क्या करें:

भोजन के बाद 10-15 मिनट की हल्की सैर पाचन में मदद करती है और दर्द से राहत देती है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर पेट दर्द बार-बार होता है, उल्टी, दस्त या तेज बुखार के साथ है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। ये किसी गंभीर बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं।

विश्व लिवर दिवस आज:लिवर की इन 8 चेतावनियों को न करें नज़रअंदाज़,समय रहते पहचानें लिवर की खामोशी, वरना हो सकता है बड़ा खतरा


हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस (World Liver Day) मनाया जाता है, ताकि लोगों को लिवर के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके। लिवर हमारे शरीर का एक अहम अंग है, जो भोजन को पचाने, विषैले तत्वों को बाहर निकालने और शरीर की ऊर्जा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन हमारी बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शराब/धूम्रपान जैसी आदतें लिवर को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

लिवर की बीमारियाँ अक्सर शुरुआती दौर में खामोशी से पनपती हैं। ऐसे में कुछ संकेत ऐसे होते हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ करना खतरनाक साबित हो सकता है।

अस्वस्थ लिवर के 8 चेतावनी संकेत

1. त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)

यह लिवर की सबसे आम और स्पष्ट चेतावनी है। जब लिवर बिलीरुबिन को प्रोसेस नहीं कर पाता, तो इसका असर त्वचा और आंखों पर दिखता है।

2. लगातार थकान महसूस होना

लिवर की खराबी से शरीर में विषैले पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे व्यक्ति थका-थका और सुस्त महसूस करता है।

3. पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द या सूजन

लिवर के स्थान पर लगातार दर्द या भारीपन लिवर से संबंधित समस्या का संकेत हो सकता है।

4. भूख कम लगना और वजन घटना

जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है और व्यक्ति की भूख धीरे-धीरे कम होने लगती है।

5. मिचली आना या उल्टी होना

लिवर खराब होने पर पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है, जिससे अक्सर मिचली या उल्टी की समस्या होती है।

6. पेट में सूजन या गैस बनना

लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होने पर शरीर में पानी जमा होने लगता है, जिससे पेट फूला हुआ महसूस होता है।

7. त्वचा पर खुजली या रैशेस होना

लिवर की गड़बड़ी से त्वचा पर एलर्जी जैसे लक्षण दिख सकते हैं, जो किसी खास कारण के बिना भी हो सकते हैं।

8. गहरे रंग का पेशाब और हल्का रंग का मल

लिवर ठीक से बिलीरुबिन को संसाधित नहीं करता, जिससे पेशाब गहरा और मल का रंग हल्का हो जाता है।

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए सुझाव

संतुलित और पौष्टिक आहार लें

शराब और धूम्रपान से परहेज करें

नियमित व्यायाम करें

समय-समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं

तैलीय और प्रोसेस्ड फूड से बचें

लिवर हमारे शरीर का साइलेंट हीरो है, जो जब तक बहुत ज़्यादा परेशान न हो, तब तक कोई बड़ा संकेत नहीं देता। इसलिए विश्व लिवर दिवस 2025 के अवसर पर यह ज़रूरी है कि हम लिवर के इन चेतावनी संकेतों को समय रहते पहचानें और अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर इसे स्वस्थ बनाए रखें।

सेब, चुकंदर और गाजर का जूस सेहत का रखे ख्याल,डिटॉक्स से लेकर हार्ट हेल्थ तक, हर दिन पीना फायदेमंद


आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हेल्दी रहना सबसे बड़ी ज़रूरत बन गया है। अगर आप भी अपनी सेहत को लेकर सजग हैं, तो सेब, चुकंदर और गाजर से बना जूस आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इस हेल्दी ड्रिंक को आमतौर पर ABC जूस (Apple, Beetroot, Carrot) भी कहा जाता है। आइए जानें कि यह जूस कैसे आपके शरीर को डिटॉक्स करता है और दिल की सेहत को बेहतर बनाता है।

1. शरीर को करता है डिटॉक्स

सेब, चुकंदर और गाजर—तीनों ही ऐसे फल और सब्ज़ियां हैं जिनमें प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये शरीर में जमा विषैले तत्वों (toxins) को बाहर निकालने में मदद करते हैं।

चुकंदर लिवर को डिटॉक्स करने का काम करता है और खून को साफ करता है।

गाजर आंतों को साफ करती है और पाचन को बेहतर बनाती है।

सेब में मौजूद फाइबर शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा देता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है।

2. दिल की सेहत को करता है बेहतर

यह जूस हार्ट हेल्थ के लिए भी बेहद लाभकारी है।

चुकंदर में नाइट्रेट्स होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

सेब और गाजर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और धमनियों को स्वस्थ बनाए रखते हैं।

यह जूस ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक के रिस्क को कम करता है।

3. इम्यूनिटी और स्किन को भी करता है बूस्ट

यह जूस विटामिन A, C, और आयरन का बेहतरीन स्रोत है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं और झुर्रियों से बचाते हैं।

कैसे बनाएं ABC जूस?

सामग्री:

1 सेब

1 मध्यम चुकंदर

2 गाजर

थोड़ा नींबू रस (स्वाद अनुसार)

एक चुटकी काला नमक (वैकल्पिक)

विधि:

सभी फलों और सब्ज़ियों को अच्छे से धो लें।

छोटे टुकड़ों में काटें और मिक्सर में थोड़ा पानी डालकर पीस लें।

छानकर ग्लास में डालें, ऊपर से नींबू रस और नमक मिलाएं।

ताज़ा-ताज़ा सेवन करें।

कब और कितना पीना चाहिए?

सुबह खाली पेट एक गिलास पीना सबसे फायदेमंद होता है।

हफ्ते में 4–5 बार इसका सेवन किया जा सकता है।

अगर आपको भी नहीं पसंद है दूध तो कैल्शियम की कमी पूरा करने के लिए अपने डायट में शामिल करें ये देसी फूड आईए जानते हैं....


कैल्शियम एक ज़रूरी मिनरल है जो हमारे हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के सही विकास और मज़बूती के लिए जरूरी होता है। ज़्यादातर लोग कैल्शियम के लिए दूध पर निर्भर रहते हैं, लेकिन क्या हो अगर आपको दूध पसंद ही न हो या आप किसी कारणवश इसे नहीं पी पाते? चिंता की बात नहीं! कुछ ऐसे भी फूड्स हैं जो बिना दूध के भी आपके शरीर को भरपूर कैल्शियम दे सकते हैं।

1. सजवाँ (Ragi / Finger Millet)

रागी कैल्शियम से भरपूर होता है और खासकर शाकाहारियों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। 100 ग्राम रागी में लगभग 344 mg कैल्शियम होता है। आप रागी का आटा रोटी या डोसा बनाकर खा सकते हैं।

2. तिल (Sesame Seeds)

छोटे दिखने वाले ये बीज कैल्शियम का बड़ा स्रोत हैं। एक चम्मच तिल में लगभग 88 mg कैल्शियम होता है। आप इसे सलाद, दाल या चटनी में मिलाकर खा सकते हैं।

3. सोया उत्पाद (Soy Products)

टोफू, सोया दूध और सोया चंक्स कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। खासतौर पर टोफू में भरपूर कैल्शियम पाया जाता है। यह हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है और प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत है।

4. हरी पत्तेदार सब्जियाँ (Leafy Greens)

पालक, मेथी, सरसों का साग और चौलाई जैसी सब्जियाँ न सिर्फ आयरन, बल्कि कैल्शियम से भी भरपूर होती हैं। इन्हें आप साग, पराठा, सब्जी या सूप के रूप में खा सकते हैं।

5. अंजीर (Figs)

सूखे अंजीर कैल्शियम का मीठा और स्वादिष्ट विकल्प है। 2-3 सूखे अंजीर रोज़ाना खाने से न सिर्फ कैल्शियम मिलेगा, बल्कि फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मिलेंगे।

अगर आपको दूध पसंद नहीं है या आप दूध से परहेज़ करते हैं, तो भी घबराने की जरूरत नहीं। ऊपर दिए गए ये 5 फूड्स आपके शरीर की कैल्शियम ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। बस ज़रूरत है इन्हें अपने रोज़ाना के खानपान में शामिल करने की।

सेहत का खजाना साबित होता है कच्चा नारियल,कई बीमारियों से दिलाता है राहत,पाचन से लेकर इम्यूनिटी तक फायदेमंद, जानें कच्चे नारियल के ज़बरदस्त फायदे


कच्चा नारियल यानी कच्चे नारियल की गिरी और पानी दोनों सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। यह न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि इसमें कई पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जो शरीर को अंदर से मज़बूत बनाते हैं। आइए जानते हैं कच्चा नारियल खाने से होने वाले जबरदस्त फायदे:

1. पाचन तंत्र को करता है मजबूत

कच्चा नारियल फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है। यह कब्ज़ की समस्या को दूर करता है और आंतों की सफाई में मदद करता है।

2. ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत

इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स शरीर को लंबे समय तक एनर्जी देते हैं। इसलिए इसे नाश्ते में शामिल करना दिनभर चुस्ती बनाए रखने में मदद करता है।

3. वज़न घटाने में सहायक

कच्चे नारियल में मौजूद मीडियम-चेन फैटी एसिड्स मेटाबॉलिज़्म को तेज़ करते हैं, जिससे वज़न घटाने में मदद मिलती है। साथ ही यह लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता।

4. इम्यून सिस्टम को करता है मजबूत

इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और बीमारियों से बचाव करते हैं।

5. स्किन और बालों के लिए फायदेमंद

कच्चा नारियल खाने से त्वचा निखरती है और बाल मज़बूत होते हैं। यह शरीर को हाइड्रेट रखता है और त्वचा को ग्लोइंग बनाता है।

6. दिल को रखता है स्वस्थ

इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और दिल की सेहत को बेहतर बनाते हैं।

कच्चा नारियल स्वाद के साथ-साथ सेहत का खजाना भी है। इसे आप सीधे खा सकते हैं, स्मूदी में मिला सकते हैं या फिर सलाद में इस्तेमाल कर सकते हैं। नियमित सेवन करने से शरीर में ताकत, चमक और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

संतरे में छुपा है सेहत का खजाना, रोज़ाना सेवन से मिलते हैं कई फायदे

संतरा न केवल स्वाद में रसीला और ताजगी देने वाला फल है, बल्कि यह सेहत का खजाना भी है। विटामिन C से भरपूर यह फल शरीर को कई बीमारियों से बचाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है।

1. इम्यून सिस्टम को करता है मजबूत

संतरे में मौजूद विटामिन C शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह सर्दी-ज़ुकाम से लड़ने में मदद करता है और शरीर को संक्रमणों से सुरक्षित रखता है।

2. त्वचा को बनाए चमकदार

संतरा एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है, जो त्वचा की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। यह झुर्रियों को कम करता है और त्वचा में प्राकृतिक निखार लाता है।

3. पाचन क्रिया को रखे दुरुस्त

इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।

4. दिल को रखे स्वस्थ

संतरे में पाए जाने वाले पोटैशियम और फ्लेवोनॉइड्स ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखते हैं और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम करते हैं।

5. वजन घटाने में सहायक

कम कैलोरी और अधिक फाइबर वाला यह फल वजन घटाने वालों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह लंबे समय तक पेट भरा रखता है और ओवरईटिंग से बचाता है।

6. आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद

संतरे में मौजूद विटामिन A और C आंखों की सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं और उम्र बढ़ने के साथ आने वाली दृष्टि संबंधी समस्याओं को रोकते हैं।