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गंदा पानी पीने को लोग मजबूर, शिकायतों के बाद भी समाधान नहीं

कवर्धा- जिले से करीब 80 किमी दूर हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसा दलदली गांव प्राकृतिक सौंदर्य से तो समृद्ध है, लेकिन बुनियादी जरूरतों में सबसे अहम पानी के लिए आज भी जूझ रहा है। लगभग 600 की आबादी वाले इस गांव में ज्यादातर लोग विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा से हैं, और विडंबना यह है कि यह वही इलाका है, जहां से हर साल करोड़ों रुपये की रॉयल्टी सरकार को मिलती है, क्योंकि यहीं जिले की इकलौती बॉक्साइट खदान है।

दिखने में हरा-भरा और शांत गांव, लेकिन असलियत में यहां की महिलाएं और बच्चे रोज पानी के लिए जद्दोजहद करते हैं। झिरिया, यानी मिट्टी के गड्ढों से गंदा पानी छानकर पीना इनकी मजबूरी बन चुकी है। गर्मियों में तो हाल और खराब हो जाता है – कई बार सिर्फ पानी ढूंढ़ते हुए पूरा दिन निकल जाता है। यह पानी न केवल गंदा होता है, बल्कि उसमें तरह-तरह के बैक्टीरिया और कीटाणु होने का भी खतरा बना रहता है, जिससे लोगों में संक्रामक बीमारियां फैलने का डर हर समय बना रहता है।

ग्रामीणों ने बार-बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई स्थायी समाधान सामने नहीं आया। वहीं प्रशासन का कहना है कि जल जीवन मिशन के तहत काम चल रहा है और इलाके में जरूरी संसाधन भी दिए गए हैं। लेकिन सवाल वही का वही है कि अगर सब कुछ ठीक है, तो फिर गांव वाले गंदा पानी क्यों पी रहे हैं?

इस स्थिति की जानकारी ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन को दी, शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया। हैरानी की बात यह है कि जहां सरकार को करोड़ों की आमदनी हो रही है, वहीं उसी जमीन पर रहने वाले लोग पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे हैं।

प्रशासन की माने तो इस इलाके में पानी के लिए साधन उपलब्ध कराए हैं और और जल जीवन मिशन के तहत कार्य प्रगतिरत है, तो फिर सवाल यह उठता है कि प्रशासन सुविधा उपलब्ध करा रही है तो आखिर इस इलाके में इस तरह की तस्वीर क्यों देखी जा रही है, यहां के लोग आज भी झिरिया का नाले का गंदा पानी क्यों पी रहे हैं, आदिवासी बैगा समुदाय के लिए भी एक बेहतर जीवन की आशा कब साकार होगी ?

नक्सलियों के गढ़ में जवानों ने लहराया तिरंगा

बीजापुर- सुरक्षा बल के जवानों ने नक्सलवाद के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई में 1 और बड़ी सफलता हासिल की है. जवानों ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बसे नक्सलियों के गढ़ कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर भारत का तिरंगा लहराया दिया है. यह देश में नक्सलवाद के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिसमें सुरक्षा बल के जवान बीते 9 दिन से लगातार लाल आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. नक्सलवाद के खिलाफ यह लड़ाई अब अंतिम पड़ाव पर है.

बता दें, कर्रेगुट्टा पहाड़ पर एंटी नक्सल ऑपरेशन का आज 9वां दिन है. नक्सलियों के खात्मे के लिए लगभग 10 से 12 हजार जवानों ने पहाड़ी को अपने कब्जे में कर लिया है. जवानों ने बड़े कैडर के नक्सली लीडरों समेत सैकड़ों नक्सलियों का खात्मा और उनके सभी बंकरों को ध्वस्त करने का संकल्प किया है.

बीते मंगलवार को फोर्स ने पहाड़ पर कब्जा कर लिया है. यहां हेलीकॉप्टर की सहायता से 500 जवानों को उतारा गया. पहले इस ऑपरेशन में सिर्फ छत्तीसगढ़ पुलिस, तेलंगाना पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स शामिल थी. वहीं अब बिहार और झारखंड के सेंट्रल सुरक्षाबल के जवानों की भी कर्रेगुट्टा पहुंचने की जानकारी सामने आई है

नक्सलियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन में जवानों ने अब तक 5 नक्सलियों को ढेर किया है, जिनमें से 3 महिला नक्सलियों के शव समेत कई हथियार भी बरामद हुए हैं. वहीं कर्रेगुट्टा पहाड़ का तापमान 40 से 45 डिग्री के बीच होने की वजह से कई जवानों की तबीयत भी बिगड़ी है. ऑपरेशन के दौरान तेज गर्मी से लगभग 40 जवान डिहाइड्रेशन के शिकार हुए और 2 जवान नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से घायल भी हुए हैं. 

कर्रेगुट्टा से लगे दो और पहाड़ पर कब्जा करेगी फोर्स

फोर्स के अफसरों ने बताया कि अभी ऑपरेशन को रोका नहीं जाएगा, ऑपरेशन जारी रहेगा. कर्रेगुट्टा से लगे दो और पहाड़ हैं, जिस पर भी फोर्स कब्जा करेगी. भोपालपटनम इलाके के पहाड़ पर कब्जे के बाद भोपालपटनम की ओर से भी आवाजाही शुरू की जाएगी.

आईबी चीफ ने अधिकारियों से की बैठक

कर्रेगुट्टा में जारी नक्सल ऑपरेशन के बीच आईबी चीफ तपन डेका ने छत्तीसगढ़ में अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में तय किया गया कि ऑपरेशन जारी रहेगा और फोर्स को बैकअप के लिए दूसरे जिलों से भी बुलाया जाएगा.

तेलंगाना शांतिवार्ता के सदस्य ने सीएम रेड्डी से की मुलाकात

कर्रेगुट्टा पहाड़ पर चल रहे बड़े नक्सल ऑपरेशन को रोकवाने के लिए तेलंगाना शांतिवार्ता के सदस्य ने सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात की. उन्होंने सीएम से ऑपरेशन रोकने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का अनुरोध किया, जिस पर सीएम ने पहल करने का आश्वासन दिया.

आधी रात गर्भवती महिला की अंबेडकर अस्पताल में हुई एंजियोप्लास्टी

रायपुर- प्रदेश के सबसे बड़े पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं इससे सम्बद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय ने एक बार नहीं, बल्कि अनेक बार गंभीर एवं जटिल मामलों में मरीजों की जान बचाकर यह प्रमाणित किया है कि शासकीय चिकित्सा संस्थान आज भी उपचार के मामले में किसी से कम नहीं हैं.

इसी का एक उदाहरण मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात करीब 1 से 2 बजे के बीच अंबेडकर अस्पताल स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (ACI) में देखने को मिला. हार्ट अटैक की शिकार एक चार महीने की गर्भवती महिला, गर्भावस्था की जटिल समस्या के साथ दर्द से कराहती हुई एक निजी अस्पताल से अंबेडकर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग पहुंची, जहां से उसे कार्डियोलॉजी विभाग में ट्रांसफर किया गया.

वहां पर एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव, गायनेकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति जायसवाल, डॉ. रूचि किशोर गुप्ता के निर्देशन एवं संयुक्त सहयोग से कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एस. के. शर्मा एवं डॉ. कुणाल ओस्तवाल के साथ अन्य डॉक्टरों की टीम ने इमरजेंसी एंजियोप्लास्टी कर मरीज के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु की जान बचाई. मरीज के हृदय की मुख्य नस लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी में 100 प्रतिशत ब्लॉकेज थी. अस्पताल में मौजूद लोगों के मुताबिक अक्षय तृतीया पर दान का बहुत महत्व होता है और यहां पर मरीज की बेहद गंभीर हालत होने के बावजूद डॉक्टरों ने जोखिम उठाते हुए चंद मिनटों में ही निर्णय लेकर मरीज को जीवनदान दिया. वहीं डॉक्टरों के अनुसार मरीज का ऐसी स्थिति में अम्बेडकर अस्पताल आना और इसी दिन अक्षय तृतीया का होना संयोग मात्र है.

पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विवेक चौधरी एवं अम्बेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने गर्भवती महिला के इलाज में शामिल रहे पूरी टीम को बधाई दी है तथा गर्भवती महिला एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य की कामना की है.

केस की कहानी, डॉ. स्मित श्रीवास्तव की जुबानी

40 वर्षीय महिला मरीज को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी है. प्लेसेंटा प्रिविया (प्लेसेंटा द्वारा गर्भाशय ग्रीवा को अवरुद्ध करने से होने वाला गंभीर रक्तस्त्राव) की समस्या के साथ छाती के दाहिने हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था. हाई रिस्क प्रेग्नेंसी और पीवी ब्लीडिंग के साथ मरीज एनीमिक थी. उसका हीमोग्लोबिन 6 से 7 ग्राम के आस-पास था. मरीज के पहले दो अर्बाशन हो चुके थे. यह उनकी तीसरी प्रेग्नेंसी थी. मरीज इसके साथ ही इनफर्टिलिटी का उपचार भी ले रही थी. मरीज का इससे पूर्व अपेंडेक्टोमी हुआ था. मरीज को जब अस्पताल लाया गया तो उसके छाती के दाहिने हिस्से में दर्द हो रहा था. वह छह घंटे के दर्द में आयी थी. प्रेग्नेंसी में सामान्यतः हार्ट अटैक नहीं होते. रात को एक से दो बजे के बीच मरीज को तुरंत कैथ लैब में लिया गया. एंजियोग्राफी से पता चला मरीज के हृदय की मुख्य नस लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी 100 प्रतिशत ब्लॉक थी. तुरंत वहीं पर एंजियोप्लास्टी की गई. उस वक्त मरीज के परिजनों के पास न तो आयुष्मान कार्ड था और न ही किसी प्रकार की अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने का समय. हमें महिला की जान के साथ-साथ गर्भ की रक्षा करना जरूरी थी. यहां पर मरीज की जान की कीमत औपचारिकताओं से ज्यादा जरूरी थी. बिना किसी राशि या सहयोग के हमने एंजियोप्लास्टी कर मरीज की जान बचाई. अभी मरीज कैथ लैब आईसीयू में डॉक्टरों की देखरेख में भर्ती है. 24 घंटे के ऑब्जर्वेशन के बाद उसकी स्थिति बेहतर है.

डॉक्टरों की टीम

विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव के निर्देशन में डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. कुणाल ओस्तवाल, डॉ. प्रतीक गुप्ता, डॉ. रजत पांडे, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति जायसवाल, यूनिट इंचार्ज डॉ. रूचि किशोर गुप्ता के निर्देशन में डॉ. निशा वट्टी, डॉ. सौम्या, एनेस्थेटिस्ट डॉ. शालू, स्टॉफ नर्स डिगेन्द्र एवं मुक्ता उपचार करने वाले टीम में शामिल रहे.

भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाले पर सबसे बड़ी खबर, दिए गए मुआवजे का प्रकाशन होगा

रायपुर- रायपुर संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने आज अपने संभाग के सभी कलेक्टरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. रायपुर संभाग कलेक्टर कांफ्रेंस में भारतमाला प्रोजेक्ट में मुआवजा को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत लोगों को मिले मुआवजे का प्रकाशन किया जाएगा. इसकी पूरी जानकारी कल जिला प्रशासन की वेबसाइट पर आ जाएगी. इससे पता चल जाएगा कि किस-किस को कितना मुआवजा मिला है.

मुआवजे का विवरण सार्वजनिक होने के बाद लोगों को दावा आपत्ति करने 15 दिन का समय दिया जाएगा. संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने बताया, भारतमाला के अलावा जितने प्रोजेक्ट्स के तहत मुआवजा दिया गया है सभी का प्रकाशन किया जाएगा. रायपुर और धमतरी जिले में 2019 से लेकर अब तक की जानकारी संकलित करने के आदेश दिए गए थे.

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 किमी सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमीनें अधिग्रहित की है. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया था.

क्या है भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा. इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.

कृषि केंद्र संचालक की फंदे पर लटकी मिली लाश, मोबाइल कैमरा ऑन, कान में लगा था ईयरफोन, पुलिस हर एंगल से कर रही जांच…

गरियाबंद- छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक 38 वर्षीय कृषि केंद्र ने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मृतक ने अपना मोबाइल कैमरा टेबल पर सेट कर कान में ईयरफोन लगाकर इस घटना को अंजाम दिया है. इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतक के शव को पीएम के लिए भेज दिया है और मोबाइल जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पूरी घटना देवभोग मांझी पारा की है.

जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान जितेंद्र कुशवाहा (38 वर्ष) है. वह मैनपुर निवासी रिटायर्ड कृषि विस्तार अधिकारी R.D. कुशवाहा का इकलौता बेटा था. मृतक के परिवार में पत्नी और 2 बच्चे भी हैं. वह सप्ताह में 2 से 3 दिनों के लिए किराए के मकान में देवभोग आया करता था.

हर सप्ताह 2-3 दिन के लिए किराए के मकान में आता था युवक

रोजाना की तरह जितेंद्र का निजी स्टाफ आज सुबह मकान का दरवाजा खटखटाया, कॉल भी लगाया. डेढ़ घंटे बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला, तो उसने परिजनो और पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलते ही मृतक के पिता और पुलिस मौके पर पहुंचे. देवभोग पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर अंदर प्रवेश किया तो जितेंद्र का शव फंदे पर लटकते मिला.

मोबाइल की छानबिन में जुटी पुलिस

थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि मामले में पंचनामा कर शव को पीएम के लिए भेजा जा रहा है. प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का है. जिस तरह से मोबाइल टेबल में रखा हुआ है, कान में इयर फोन लगा हुआ है, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि घटना के वक्त किसी से वह ऑनलाइन या कॉल से जुड़ा हुआ था. फिलहाल मृतक के मोबाइल को जप्त कर जांच की जा रही है.

छत्तीसगढ़ में CGMSC घोटाला पार्ट-2! : बगैर मांग के स्वास्थ्य केंद्रों में लाखों की दवाएं डंप, कलेक्टर ने बनाई जांच टीम, हफ्तेभर में मांगी रिपोर्ट

गरियाबंद-  सीजीएमएससी ने बगैर मांग के गरियाबंद जिले के प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों में लाखों की दवा खपाई है. इसका खुलासा जनपद सदस्य माखन कश्यप ने पंचायत बॉडी के साथ उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया तब हुआ. कश्यप ने कहा, यह सीजीएमएससी के 550 करोड़ के चर्चित घोटाले की तरह पार्ट 2 घोटाला हो सकता है. इस मामले में कलेक्टर ने जांच टीम गठित कर हफ्तेभर के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

दो दिन पहले जिले के उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण जनपद सदस्य माखन कश्यप ने ग्राम सरपंच पंच के साथ किया था. केंद्र के पास में मौजूद आयुर्वेदिक अस्पताल के अंदर के बरामदे में 50 से ज्यादा बंद कार्टून और 20 से ज्यादा लूज कार्टून में दवाओं का ढेर पड़ा मिला. रखे गए दवाओं में आई की फ्लूट और पीलिया के मरीजों को दी जाने वाली दवाओं की मात्रा ज्यादा थी. इसके अलावा अन्य सिरप, केनुला और ग्लब्स पड़े हुए मिले. जनपद सदस्य माखन कश्यप ने इसका वीडियो बनाकर अधिकारियों को भेजा और सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया.

इस मामले में प्रथमिक स्वास्थ केंद्र प्रभारी सनत कुंभकार ने बताया कि नेशनल क्वालिटी एस्वेयर स्टेंडर्ड का मूल्यांकन होना है, जिसके चलते अस्पताल की साफ सफाई जिला अफसरों की अनुमति से करा रहे हैं. जरूरत से ज्यादा दवाएं हैं, जिसे सफाई तक रखने के लिए आयुर्वेद अस्पताल संस्थान से लिखित सहमति ली गई थी. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बारिश के कारण कुछ दवाएं भीग गई है.


सालभर बाद भी खत्म नहीं होगी दवाएं

इस मामले में जनपद सदस्य माखन कश्यप ने जिले के ज्यादातर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बगैर मांग के इसी तरह करोड़ से ज्यादा कीमत के दवाएं मार्च के पहले सीजीएमएससी द्वारा खपाने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह सीजीएमएससी के चर्चित घोटाले की तरह पार्ट 2 घोटाला हो सकता है. माखन कश्यप ने कहा कि दवाओं के भंडार में ज्यादातर ऐसी दवाएं इतनी मात्रा में भेजी गई है जो इस केंद्र में सालभर बाद भी खत्म नहीं होंगे. कश्यप का आरोप है कि इसमें ब्लॉक से लेकर जिलेभर का सारा तंत्र मिला हुआ है.

जांच टीम गठित, मौके पर पहुंचे एसडीएम

इस मामले में बड़े आरोप लगते ही कलेक्टर भगवान सिंह उईके ने जांच के निर्देश दिए हैं. जांच दल के प्रमुख देवभोग एसडीएम तुलसी दास को बनाया गया है. कलेक्टर के निर्देश के बाद टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है.

साय कैबिनेट का बड़ा फैसला, बीएड सहायक शिक्षकों का होगा समायोजन, मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना होगी शुरू, जानिए अन्य फैसले…

रायपुर-  छत्तसीगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद की अहम बैठक संपन्न हुई। यह बैठक आज सुबह 11:30 बजे से अटल नगर नवा रायपुर स्थित मंत्रालय यानी महानदी भवन में आयोजित की गई। यह बैठक कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श के साथ संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

- मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ राज्य के सुदूर अनुसूचित एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां यात्री परिवहन की सुविधा कम है, वहां आम जनता को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना‘‘ शुरू करने का अहम निर्णय लिया गया है।

इस योजना के तहत हल्के/मध्यम परिवहन मोटरयान 18 से 42 बैठक क्षमता (चालक को छोड़कर) के वाहन को अनुज्ञा पत्र और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नवीन ग्रामीण मार्गाें के विनिर्धारण के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा। इस योजना के तहत संबंधित वाहन स्वामी को ग्रामीण मार्गाें पर वाहनों के संचालन के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से तीन साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।

इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपए प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रूपए प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रूपए प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।

- प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके तहत नवा रायपुर अटल नगर में State of Art NIELIT की स्थापना के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान NIELIT को 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

राज्य में NIELIT केन्द्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। यह केन्द्र न केवल युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नये अवसर प्रदान करेगा। इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।

- मंत्रिपरिषद ने रेगहा, बटाई, लीज और डुबान क्षेत्र पर खेती करने वाले किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना का लाभ अब उक्त श्रेणी के किसानों को भी मिलेगा। मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका लाभ प्रदेश के ऐसे उक्त समस्त कृषक जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समिति एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान/धान बीज का उपार्जन किया गया हो, उन्हें आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया है।

- बैठक में सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति उपरांत सेवा समाप्त किये गये 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उनको अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।

अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार हटाये गए बी.एड अर्हताधारी 2621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के राज्य में रिक्त 4,422 पदों में समायोजित किया जाएगा। समायोजन गैर विज्ञापित पदों पर किया जाएगा। कला/विज्ञान संकाय से 12वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अर्हता (12वीं गणित/विज्ञान) पूर्ण करने हेतु 3 वर्ष की अनुमति दी जाएगी साथ ही इन अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में एस.सी.ई.आर.टी. के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 355 अभ्यर्थियों के लिए सांख्येत्तर पदों का सृजन किया जाएगा।

समायोजन के लिए जिलों की प्राथमिकता में पहले राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के जिलों के रिक्त पदों में उसके पश्चात सीमावर्ती जिलों के रिक्त पदों पर तत्पश्चात अन्य जिलों में समायोजन किया जाएगा।

रायपुर में नल खुलने के समय आधे घंटे बिजली बंद करने की मांग, निगम कमिश्नर ने CSEB को लिखा पत्र

रायपुर- राजधानी रायपुर में पानी की किल्ल्त के कारण गुरूवार से सुबह और शाम के वक्त नुल खुलने के दौरान बिजली को आधे घंटे तक बंद करने की मांग कि गई है. इसके लिए निगम आयुक्त विश्वदीप ने बिजली विभाग के अफसरों को पत्र लिखा है। 

रायपुर निगम आयुक्त विश्वदीप का कहना है कि गर्मियों में पानी की जरूरत बढ़ने पर लोग टुल्लू पंप का इस्तेमाल करते हैं, इस कारण अंतिम छोर तक पर्याप्त मात्रा में जल आपूर्ति नहीं हो पाती है, जिससे लगातार अस्थायी जलसंकट के संबंध में शिकायते प्राप्त हो रही है. सभी नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जलप्रदाय की समयावधि सुबह 6:15 से 6:45 और शाम 6:15 से 6:45 बजे तक प्रतिदिन 1 मई से 15 जून 2025 तक प्रभावित स्थानों पर विद्युत सप्लाई बंद रखा जाना उचित होगा।

इन क्षेत्रों में बिजली बंद करने की मांग

मोचीपारा, सूर्यानगर, डबरापारा, बुनियाद नगर, विजय नगर, सतनामीपारा, बधवा तालाब पार का क्षेत्र, केबिनपारा, रामेश्वर नगर, दीनदयाल नगर, आकाश गैस गोडाउन क्षेत्र, संत कबीरदास वार्ड क्रमांक 03, यतियतन लाल गार्ड वार्ड क्रमांक 04, बंजारी माता यार्ड वार्ड क्रमांक 05, नेताजी कन्हैया लाल बंजारी वार्ड क्रमांक 15, नगर पट्टी शिवानंद नगर, वीर शिवाजी वार्ड क्रमांक 16, ठक्कर बापा वार्ड क्रमांक 17, बाल गंगाधर तिलक वार्ड क्रमांक 18, शंकर नगर वार्ड क्रमांक 30, मदर टेरेसा वार्ड क्रमांक 47, ब्राम्हणपारा वार्ड क्रमांक 44, डॉक्टर विपिन बिहारी सूर वार्ड क्रमांक 64, महंत लक्ष्मी नारायण दास वार्ड क्रमांक 42, आदर्श नगर, महेश कॉलोनी, पुराना श्रीनगर क्षेत्र, दीक्षा नगर, तुलसी नगर, पार्वती नगर, प्रेम नगर, गुद्धियारी, शिवानंद नगर सेक्टर 03 और 04, अशोक नगर, उपरधारा, हनुमान पारा, दुर्गा नगर, गंगा नगर, न्यू शांति नगर, खम्हारडीह, श्याम नगर, सिविल लाइन, जय काली चौक, बलदाई गली, धोबीपारा सामुदायिक भवन, धोबीपारा, पंचपथ पारा चौक, सारथी चौक, मठपारा कुम्हारा पारा (आदर्श नगर के पास), मठपारा बजरंग चौक, दोमर पारा, गभरापारा (झूमुक लाल महोबिया स्कूल के पास), हनुमान नगर, चन्द्रशेखर नगर, करण नगर, पी एस सिटी नगर, भक्त माता कर्मा वार्ड क्रमांक 67, पण्डित वामन राव लाखे वार्ड क्रमांक 66, डॉ. खूबचंद बघेल वार्ड क्रमांक 68, मोरेश्वर राय गद्रे वार्ड क्रमांक 59, चन्द्रशेखर आजाद वार्ड क्रमांक 60, शहीद राजीव पाण्डेय वार्ड क्रमांक 62, शहीद ब्रिगेडियर उस्मान वार्ड क्रमांक 63, महामाया मंदिर वार्ड क्रमांक 65, शहीद मनमोहन सिंह वार्ड क्रमांक 23, सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड क्रमांक 24, शहीद नायक वार्ड क्रमांक 03, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वार्ड क्रमांक 19, रामकृष्ण परमहंस वार्ड क्रमांक 20, माधवराव सप्रे वार्ड क्रमांक 69, कुशाभाउ ठाकरे वार्ड क्रमांक 07, डॉ. भीमराव अंबेडकर वार्ड क्रमांक 11, लाल बहादुर शास्त्री वार्ड क्रमांक 51, श्रीराम नगर, शिव नगर, संतोषी नगर क्षेत्र, मठपुरैना क्षेत्र, संजय नगर क्षेत्र, टिकरापारा क्षेत्र, मठपारा क्षेत्र, महंत तालाब क्षेत्र, ज्योति नगर, आम बगीचा क्षेत्र, गोपाल नगर गली नंबर 01 और 02, गोकुल नगर गली नंबर 05, खपरा भट्टी, भीम नगर, संकल्प वाटिका क्षेत्र, बगीचा क्षेत्र, प्रीतम नगर, छोटा अशोक नगर, बड़ा अशोक नगर, विकास नगर, साईनाथ कॉलोनी, छोटा भवानी नगर, बड़ा भवानी नगर क्षेत्र, सत्यम विहार कॉलोनी की गली नंबर 01 से 05 तक, यादव कॉलोनी, शिवाजी नगर, द्वारिका विहार, दया नगर, दुबे कॉलोनी, कापा बस्ती, ब्रम्हदेव नगर एवं सूरज नगर।

छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू अल्पसंख्यकों को मिलेगी राहत, गृह मंत्री विजय शर्मा बोले- CAA के तहत पा सकेंगे भारतीय नागरिकता

रायपुर- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों (अलग-अलग वीजा रखने वालों) को देश छोड़ने का निर्देश दिया गया था। इस बीच छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा है कि राज्य में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू अल्पसंख्यकों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारत की नागरिकता दी जा सकेगी।

गृहमंत्री ने बताया कि जो पाकिस्तानी अल्पसंख्यक छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं, उन्हें फिलहाल राज्य में रहने की अनुमति दी गई है और वे केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। शर्मा ने यह भी कहा कि सरकार इस मुद्दे को संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से देख रही है। हम इस प्रक्रिया में उनकी हर संभव मदद करेंगे।”

पाकिस्तानी हिंदुओं ने गृहमंत्री शर्मा से की थी मुलाक़ात.

गौरतलब है कि पाकिस्तानी हिंदुओं के एक समूह ने बीते शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर अपनी परेशानियां बताईं और मदद की गुहार लगाई थी। इन पीड़ितों में सिंध के घोटकी ज़िले के खानपुर निवासी सुखदेव लुंद भी शामिल थे। उन्होंने बताया, “हम लौटकर पाकिस्तान नहीं जाएंगे।”

सुखदेव, 45 दिन के विज़िटर वीज़ा पर रायपुर के शदाणी दरबार पहुँचे हैं। उनके साथ उनके परिवार सहित कुल 24 लोगों का समूह भी है। सुखदेव ने बताया कि वे आतंकी हमलों और अत्याचारों से परेशान होकर भारत पहुँचे हैं और रायपुर में शरण की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, आने के बाद बीते 48 घंटों में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले लगभग 100 अन्य पाकिस्तानी हिंदू भी रायपुर पहुँच चुके हैं, जिन्होंने भारत में स्थायी निवास की माँग की है, ताकि वे सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

पाकिस्तानी नागरिकों पर बढ़ी चिंता

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में रह रहे कुछ पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट करने की कार्रवाई शुरू हुई है। इस पृष्ठभूमि में छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तानी हिंदुओं को लेकर स्थिति को स्पष्ट करना आवश्यक हो गया था। गृहमंत्री विजय शर्मा के इस बयान से राज्य के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को बड़ी राहत मिली है, जो वर्षों से भारत में स्थायी रूप से बसने की उम्मीद लगाए हुए हैं।

क्यों है यह फैसला अहम?

छत्तीसगढ़ में रह रहे ऐसे कई परिवार वर्षों से नागरिकता न मिलने की वजह से नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी योजनाओं से वंचित रहे हैं। CAA के तहत उन्हें कानूनी मान्यता मिलने से उनके जीवन में स्थिरता और अधिकारों की प्राप्ति संभव हो सकेगी।

क्या है CAA?

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है, बशर्ते वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हों और उन्हें वहां धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो।

कैबिनेट का ऐतिहासिक निर्णय, सीधी भर्ती 2023 में सेवा समाप्त 2621 बीएड अर्हताधारी सहायक शिक्षकों का सहायक शिक्षक विज्ञान के पद पर समायोजन

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने 2023 की सीधी भर्ती में सेवा समाप्त किए गए 2621 बी.एड. डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। अब इन सभी शिक्षकों को सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित किया जाएगा। यह फैसला राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

सरकार के इस फैसले से न सिर्फ हजारों शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षा मिली है, बल्कि स्कूलों में विज्ञान विषय की प्रयोगात्मक शिक्षा को भी मजबूती मिलेगी। लंबे समय से समायोजन की मांग कर रहे शिक्षकों और उनके परिवारों में इस निर्णय से खुशी की लहर है।