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आर्थिक गतिविधियों को हथियार बनाया जा रहा”, टैरिफ वॉर के बीच जयशंकर का बड़ा बयान

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से पूरी दुनिया हिली हुई है। खासकर चीन की तो हालत खराब हो गई है। टैरिफ की सबसे ज्यादा मार तो चीन पर ही पड़ी है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने इकोनॉमी को हथ‍ियार के रूप में इस्‍तेमाल करने पर चिंता जताई। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि लचीली और भरोसेमंद साझेदारी बनाई जा सके जो देश के आर्थिक हितों के साथ-साथ इसकी रणनीतिक प्राथमिकताओं के लिए आवश्यक है। विदेश मंत्री ने इंडिया-इटली बिजनेस, साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम में यह टिप्पणी की। इसमें इतालवी उपप्रधानमंत्री एंटोनियो तजानी ने भी हिस्सा लिया।

जयशंकर ने कहा कि भले ही हम महामारी, यूरोप, पश्चिम एशिया और एशिया में कई संघर्षों से उबर रहे हों, हमें यह पहचानना होगा कि हमारी सप्लाई चेन अधिक नाजुक हो गई हैं और हमारा समुद्री नौवहन बाधित हो गया है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है क्योंकि बाजार हिस्सेदारी का लाभ उठाया जा रहा है और आर्थिक गतिविधियों को हथियार बनाया जा रहा है।

विदेश मंत्री ने कहा कि उद्योग और सरकारें तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण और तकनीकी बदलावों के प्रभाव से तालमेल बिठाने के लिए संघर्ष कर रही हैं, जो व्यापार बाधाओं और निर्यात नियंत्रण के कारण और भी बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के देश मजबूत राजनीतिक और आर्थिक साझेदारी बनाकर, अपने मैन्युफैक्चरिंग और व्यापार भागीदारों में विविधता लाकर इनोवेशन और रिसर्च में निवेश करके जोखिम कम कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि हम दोनों ही अपने अपने देश (भारत और इटली) में इन प्रवृत्तियों को देख रहे हैं।

जयशंकर ने कहा कि भारत हाल के वर्षों में ऐसी लचीली और भरोसेमंद साझेदारी बनाने के लिए समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए इस सूची में इटली का स्थान सबसे ऊपर है। कई क्षेत्रों में एक स्वाभाविक पूरकता है जिसका हमें दोहन करने की आवश्यकता है।

इससे पहले जयशंकर ने कार्नेगी ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में ह‍िस्‍सा ल‍िया। वहीं, एस जयशंकर ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के लिए अधिक तत्परता से तैयार है। जयशंकर ने कहा कि भारत के व्यापार सौदे बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे और जब व्यापार सौदों की बात आती है, तो हमें एक-दूसरे के साथ बहुत कुछ करना होता है। मेरा मतलब है कि ये लोग अपने खेल में बहुत आगे हैं, जो हासिल करना चाहते हैं, उसको लेकर बहुत महत्वाकांक्षी है और वैश्विक परिदृश्य एक साल पहले की तुलना में बहुत अलग है।

ट्रंप के टैरिफ पर शी जिनपिंग ने तोड़ी चुप्पी, बोले-चीन डरता नहीं है

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चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में अमेरिका से आने वाले सामानों पर लगने वाले टैरिफ को 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया है। वहीं, बढ़ते टैरिफ तनाव के बीच आखिरकार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने पहले ऑफिशियल बयान में कहा कि चीन किसी से नहीं डरता'

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बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच इस समय टैरिफ वॉर चल रही है। दोनों देश एक दूसरे पर लगातार टैरिफ बढ़ा रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को चीन के ऊपर 145% का टैरिफ लगा दिया है। इस वॉर को आगे बढ़ाते हुए चीन ने अमेरिका पर 125% टैरिफ लगा दिया है। इसके साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पहली बार इस मसले पर बयान दिया। जिनपिंग ने कहा, एक ट्रेड वार में कोई भी विजेता नहीं होता है और दुनिया के खिलाफ जाने से केवल अकेलापन मिलेगा। शुक्रवार को स्‍पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के साथ मुलाकात के बाद चीन के राष्‍ट्रपति ने यह बयान दिया।

आत्‍मनिर्भरता और कठोर पर‍िश्रम पर विश्वास- शी

चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी ने शी के हवाले से कहा, पिछले 70 साल से चीन का विकास आत्‍मनिर्भरता और कठोर पर‍िश्रम पर आधारित है। यह किसी का दिया हुआ नहीं है। चीन किसी भी अन्‍यायपूर्ण दमन से डरता नहीं है। उन्‍होंने कहा कि बाहरी माहौल में बदलाव के अनुसार ही चीन आत्‍मविश्‍वास से लबरेज रहेगा और अपने मामलों को पूरा फोकस बनाए रखेगा और उनका प्रबंधन करेगा।

यूएस के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने का प्रयास

बता दें कि अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने के बाद चीन भारत समेत अन्य देशों से संपर्क साध रहा है और ऐसा प्रतीत होता है कि बीजिंग अमेरिका को कदम पीछे हटाने के लिए मजबूर करने के वास्ते संयुक्त मोर्चा बनाने का प्रयास कर रहा है। शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ से “एकतरफा डराना-धमकाना” का विरोध करने में बीजिंग के साथ शामिल होने का आग्रह किया

अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयात पर टैरिफ 145% बढ़ा कर चीन के साथ ट्रेड वॉर को शुरू किया है। जनवरी में सत्ता संभालने के बाद से ट्रंप अब तक चीनी सामानों पर पांच बार टैरिफ बढ़ा चुके हैं। चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद, ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 50% टैरिफ जोड़ दिया और कहा कि बातचीत समाप्त हो गई है। इससे पहले टैरिफ 104% तक। फिलहाल चीन ने अमेरिका के सामान पर 84% टैरिफ लगाया हुआ था, लेकिन शुक्रवार को चीन ने यह टैरिफ बढ़ा कर 125% कर दिया है।

अन्नामलई के बाद नयनार नागेन्द्रन के हाथों में तमिलनाडु होगी बीजेपी की कमान, निर्विरोध चुने जाने के आसार

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तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में नेतृत्व परिवर्तन होने वाला है। बीजेपी नेता नयनार नागेंद्रन तमिलनाडु बीजेपी के 13वें अध्यक्ष बनने वाले हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस पद के लिए उन्होंने अकेले ही नामांकन भरा है। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के रूप में नयनार नागेन्द्रन की नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय से की जाएगी। यह कदम 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की रणनीति और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के साथ संभावित गठबंधन को मजबूत करने की दिशा में माना जा रहा है।

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नागेंद्रन पहले एआईएडीएमके में थे। नागेंद्रन 2017 में बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन की संभावना के बीच उनका अध्यक्ष बनना महत्वपूर्ण है। बताया गया है कि पूर्व तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने नागेंद्रन के नाम का प्रस्ताव दिया था।

नयनार नागेन्द्रन की यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होने वाला है। इसके अलावा राज्य में भी अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। तमिलनाडु में बीजेपी अपनी स्थिति को मजबूत करने के प्रयासों में जुटी है। संगठन का मानना है कि नागेन्द्रन के नेतृत्व में पार्टी राज्य में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभा सकेगी।

नागेन्द्रन को मिलेगी नियमों में छूट?

बीजेपी ने गुरुवार को तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी की थी। शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच नामांकन दाखिल किए गए, जिसमें नागेंद्रन ने भी अपना नामांकन भरा। शनिवार को शाम 5 बजे होने वाली कार्यकारी समिति की बैठक में उनकी नियुक्ति को औपचारिक रूप दिए जाने की संभावना है। हालांकि, बीजेपी के नियमों के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार को कम से कम 10 साल की प्राथमिक सदस्यता की आवश्यकता होती है। नागेंद्रन 2017 में ही पार्टी में शामिल हुए थे। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व इस नियम में छूट दे सकता है, जैसा कि पहले केरल में राजीव चंद्रशेखर के मामले में किया गया था

कौन हैं नयनार नागेंद्रन?

नयनार नागेंद्रन 2001 में पहली बार तिरुनेलवेली सीट से एआईएडीएमके उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था। जयललिता के नेतृत्व वाली एआईएडीएमके सरकार (2001-06) में उन्होंने परिवहन, उद्योग और बिजली जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाले। 2011 में वे फिर से उसी सीट से जीते, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। 2006 और 2016 के विधानसभा चुनावों में वे कुछ वोटों से हार गए थे।

2017 में बीजेपी में शामिल

जयललिता के निधन के बाद नागेंद्रन अगस्त 2017 में बीजेपी में शामिल हो गए। 2021 में वे फिर से उसी सीट से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में जीते। इसके बाद उन्हें तमिलनाडु विधानसभा में विधायक दल का नेता बनाया गया। नागेंद्रन ने 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी किस्मत आजमाई। उन्होंने रामनाथपुरम और तिरुनेलवेली सीटों से चुनाव लड़ा, लेकिन वे जीत नहीं पाए।

तमिलनाडु में साथ आए बीजेपी-एआईएडीएमके, गठबंधन का ऐलान

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बीजेपी और उसके पुराने सहयोगी अन्नाद्रमुक एक बार फिर साथ आ गए हैं। तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन हो गया है। इसका एलान चेन्नई दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया है। चेन्नई में एआईएडीएमके नेता ई. के. पलानीस्वामी के साथ प्रेसवार्ता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'आज एआईएडीएमके और भाजपा के नेताओं ने मिलकर तय किया है कि आने वाला तमिलनाडु विधानसभा चुनाव एआईएडीएके, भाजपा और सभी साथी दल मिलकर एनडीए के रूप में एक साथ लड़ेंगे।'

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पलानीस्वामी के नेतृत्व में लडे़ंगे चुनाव-शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव राज्य में ई पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़े जाएंगे, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। शाह ने कहा कि 1998 से जयललिता जी और अटल जी के समय से हम मिलकर चुनाव लड़ते आए हैं। एक समय ऐसा था जब हमने 39 में से 30 लोकसभा सीटें साथ मिलकर जीती थीं।

गठबंधन विश्वास और विचारधारा पर आधारित-शाह

शाह ने आगे कहा कि बीजेपी और एआईएडीएमके का गठबंधन सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि विश्वास और विचारधारा पर आधारित रहा है. शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और प्रधानमंत्री मोदी के बीच रिश्तों को भी याद किया और कहा कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर हमेशा तमिलनाडु के विकास के लिए काम किया है

अन्नामलाई की विवाद से पहले गठबंधन

बीजेपी और अन्नाद्रमुक के बीच गठबंधन तक फाइनल हुआ है जब अन्नामलाई की जगह प्रदेश भाजपा को नयनार नागेन्द्रन के रूप में नया अध्यक्ष मिलना तय हो गया है। एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच गठबंधन में सबसे बड़ी बाधा पूर्व आईपीएस अन्नामलाई को ही माना जाता रहा है।

जहां तक भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की बात है तो हाल ही में अन्नामलाई खुद ही कह चुके थे कि उनकी 'प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में दिलचस्पी नहीं है' और वह 'एक सामान्य कार्यकर्ता' की तरह कार्य करना चाहते हैं।

बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच फिर से गठबंधन होने की चर्चा तब से तेज हुई है, जब पिछले महीने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के चीफ ईके पलानीस्वामी अमित शाह से मिलने दिल्ली आए थे। इसके बाद ही इन संभावनाओं को बल मिला है कि तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता का पार्टी फिर से एनडीए का हिस्सा बन सकती है।

लोकसभा चुनाव से पहले टूटा था गठबंधन

दोनों दलों के बीच खटास तब से पैदा हुई थी, जब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने एआईएडीएके के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसकी वजह से आखिरकार लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन टूट गया। हालांकि, अन्नामलाई के करिश्माई नेतृत्व का बीजेपी को वोट शेयर के रूप में बड़ा फायदा भी मिला, लेकिन वह सीटों में तब्दील नहीं हो सका।

कौन हैं सिद्दीकुल्लाह चौधरी जिसने दी कोलकाता ठप करने की धमकी, कहा- 50 जगहों पर 10,000 लोग होंगे

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वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद देशभर में लागू करने की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। लेकिन इस कानून के खिलाफ सियासी बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस और मुस्लिम संगठन पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता सरकार में मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कोलकाता ठप करने की धमकी दी है।

मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कोलकाता के रामलीला मैदान में जमीयत-ए-उलेमा हिंद की पश्चिम बंगाल शाखा द्वारा आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने वक्फ संशोधन को तत्काल वापस लेने की मांग की। मंत्री ने कोलकाता में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम करने की धमकी दी। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे चाहें तो यातायात को बाधित करके कोलकाता को आसानी से ठप कर सकते हैं।

सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि अगर कोलकाता में जाम लगाना है तो हम कोलकाता में 50 जगहों पर 2000 लोगों के समूह को इकट्ठा करके यातायात रोक सकते हैं। चौधरी ने आगे कहा, ‘हमने अभी तक ऐसा नहीं किया है, लेकिन बाद में ऐसा होगा। जिलों के बाद हम कोलकाता पर अपनी पकड़ मजबूत करेंगे। कोलकाता में 50 जगहों पर 10,000 लोग होंगे। वे आएंगे, बैठेंगे और मुरमुरे, गुड़ और मिठाई खाएंगे, उन्हें कुछ और करने की जरूरत नहीं होगी।

अपने भाषण में सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने आगे कहा कि उन्हें सीएम से एक फोन आया था जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया था कि पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वे तब तक आंदोलन जारी रखें जब तक केंद्र इसे वापस नहीं ले लेता, और उन्हें हिंसा से दूर रहने के लिए कहा।

बता दें कि सिद्दीकुल्लाह चौधरी पिछले कई दिनों से राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। चौधरी के पास जमीयत उलेमा ए हिंद की भी जिम्मेदारी है। चौधरी पश्चिम बंगाल यूनिटी के प्रमुख हैं।

तहव्वुर राणा पर पीएम मोदी ने 14 साल पहले किया था ट्वीट, अब हो रहा वायरल

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मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा गुरुवार शाम को भारत लाया गया। एयरपोर्ट से सीधे राणा को पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया। अदालत ने राणा को एनआईए की 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है। इसी बीच तहव्वुर राणा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का साल 2011 का पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस ट्वीट में उन्होंने उस समय की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की विदेश नीति की आलोचना की थी।

दरअसल उस समय अमेरिका ने तहव्वुर राणा को मुबंई हमले के आरोप से मुक्त कर दिया था। इस पर पीएम मोदी ने इसे सरकार की विदेश नीति की असफलता बताया था। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा था कि मुंबई हमले में तहव्वुर राणा को निर्दोष घोषित करने से अमेरिका ने भारत की संप्रभुता को ठेस पहुंचाई है और यह विदेश नीति के लिए बड़ा झटका है।

इस ट्वीट के 14 साल बाद जब राणा को अमेरिका से भारत लाया जा चुका है तो सोशल मीडिया यूजर्स पीएम मोदी के पुराने ट्वीट को शेयर कर उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। बता दें कि इसी साल पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राणा के प्रर्त्यपण को सुनिश्चित किया था।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद तहव्वुर राणा को लेकर एनआईए की एक विशेष टीम गुरुवार को दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरी। एयरपोर्ट पहुंचते ही तहव्वुर राणा को हिरासत में ले लिया गया। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत बताया जा रहा है।

तहव्वुर राणा के बाद भारत प्रत्यर्पण के बाद राजनीतिक पार्टियों ने इसका श्रेय लेने की होड़ लग गई है। कांग्रेस का कहना है कि तहव्वुर राणा को भारत लाने की प्रक्रिया की शुरुआत कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने की थी और इसे रणनीतिक रूप से आगे बढ़ाया। एनडीए सरकार ने इस मामले में कुछ नहीं किया और यह बस उस प्रक्रिया का फल है, जिसे यूपीए सरकार ने शुरू किया था।

ट्रंप-जिनपिंग के बीच वार-पलटवार जारी, अब चीन ने अमेरिका पर लगाया 125% शुल्क

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दुनिया की दो सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था वाले देश आमने-सामने हैं। चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर और गहरा होता जा रहा है। अब चीन ने अमेरिका से आने वाले सामान पर टैरिफ 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया है। यह 12 अप्रैल से लागू होगा। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिन की छूट दी थी। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए टैरिफ में 20 फीसदी का इजाफा करते हुए उसे 145 प्रतिशत कर दिया था।

चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री के प्रवक्ता ने अमेरिकी सामान पर टैरिफ बढ़ाने की बात कही है। प्रवक्ता ने कहा, 'अमरीका की तरफ चीन पर लगातार बहुत ज्यादा टैक्स लगाना सिर्फ एक नंबर का खेल बन गया है। इसका कोई असली आर्थिक मतलब नहीं है। इससे सिर्फ अमरीका का ये तरीका दिखता है कि वो टैक्स को डराने-धमकाने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इससे वो खुद ही दुनिया में मजाक बन गया है। गर अमरीका टैक्स के साथ ये नंबर का खेल जारी रखता है, तो चीन इसमें शामिल नहीं होगा। लेकिन, अगर अमरीका चीन के हितों को नुकसान पहुंचाता रहा, तो चीन जवाबी कार्रवाई करेगा और अंत तक लड़ेगा।'

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर के देशों को टैरिफ की टेंशन दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अब अमेरिका अपने अधिक्तर व्यापारिक साझेदार देशों पर कम से कम 10 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाएगा। इसके साथ ही उन देशों पर भी टैरिफ लगेगा जो अमेरिका को ज्यादा सामान बेचते हैं लेकिन उससे कम खरीदते हैं। हालांकि, चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसने अमेरिका के शुल्क के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है। चीन ने पहले 84 प्रतिशत शुल्क लगाकर जवाबी कार्रवाई की थी और कुछ अमेरिकी कंपनियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

चीन-अमेरिका का वार-पलटवार

बुधवार को वॉशिंगटन ने सभी चीनी वस्तुओं के आयात पर 125 प्रतिशत का टैरिफ लगाने की घोषणा की। चीन पर पहले ही 20% का टैरिफ लगा हुआ था। पिछले हफ़्ते ही राष्ट्रपति ट्रंप ने अतिरिक्त 34% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। यह 9 अप्रैल को लागू होना था लेकिन इसके चंद घंटे पहले ट्रंप ने इसमें 50% टैरिफ और बढ़ाने की घोषणा कर दी।चीन ने इसके जवाब में बुधवार को अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ को 50% बढ़ाते हुए 84% कर दिया। इसके बाद बुधवार को अचानक ट्रंप ने चीन पर टैरिफ को 125% करने का एलान कर दिया। इसी के साथ बड़ी घोषणा करते हुए अमेरिका ने बाकी देशों को 90 दिन की छूट देते हुए रेसिप्रोकल टैरिफ घटाकर एक समान 10 फ़ीसदी कर दिया।

डब्ल्यूटीओ में दर्ज कराई शिकायत

एक तरफ चीन अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिका की शिकायत भी कर रहा है। विश्व व्यापार संगठन में चीन के मिशन ने शुक्रवार को कहा कि उसने अमेरिकी टैरिफ को लेकर व्यापार निकाय में एक अतिरिक्त शिकायत दर्ज कराई है।

वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से चीन के मिशन के बयान में कहा गया कि '10 अप्रैल को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें चीनी उत्पादों पर तथाकथित रेसीप्रोकल में और वृद्धि की घोषणा की गई। चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका के नवीनतम टैरिफ उपायों के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज कराई है।'

संजय राउत को अब आई कुलभूषण जाधव की याद, मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की फांसी पर भी बड़ा दावा

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मुंबई हमले का आरोपी तहव्‍वुर राणा आखिरकार भारत के शिकंजे में आ ही गया है। तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने पर अलग अलग प्रतिक्रियाएं मिल रही है। विपक्षी दल भी इसका स्वागत कर रहे हैं, हालांकि इन दलों का कहना है कि सरकार सिर्फ क्रेडिट लेने के लिए इसका प्रचार रह रही है। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को लेकर बड़ा बयान दिया है। राउत ने 26-11 मुंबई अटैक के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत लाये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है लेकिन इसी के साथ कुलभूषण जाधव को लेकर उन्होंने भारत सरकार पर तंज भी कसा है। साथ ही राउत ने तहव्‍वुर राणा के प्रत्‍यर्पण का बिहार चुनाव कनेक्‍शन निकाला है।

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शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग तहव्वुर राणा का फेस्टिवल मना रहें हैं ये लोग। उन्होंने कहा, पकिस्तान के जेल में कुलभूषण जाधव सड़ रहा है, उसे लेकर आइये न। दाऊद इब्राहिम को लेकर आइए। जब तक बिहार का चुनाव होगा तब तक ये देश में तहव्वुर राणा फेस्टिवल मनाएंगे।

यूपीए सरकार के समय से राणा को लाने की कोशिश-राउत

संजय राउत ने कहा कि भारत सरकार 2009 से ही तहव्वुर राणा को लाने की कोशिश कर रही है। यह नहीं भूलना चाहिए कि तब केंद्र में यूपीए सरकार थी न कि मोदी सरकार। साल 2009 में एनआईए ने राणा और हेडली दोनों के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज की थी। उस समय एनआईएच की टीम शिकागो गई थी और दोनों से पूछताछ भी की थी। संजय राउत ने कहा कि साल 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, तत्कालीन विदेश सचिव अमेरिका गए थे। उन्होंने हिलेरी क्लिंटन जो अमेरिकी सरकार में तब विदेश मंत्री थीं, उनसे राणा को भारत भेजने के बारे में चर्चा की थी। यह एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसका पालन होने से समय लगता है।

कांग्रेस ने ‘सलेम महोत्सव’ नहीं मनाया-राउत

संजय राउत ने तहव्‍वुर राणा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में ऐसा (प्रत्‍यर्पण) कई बार हो चुका है। साल1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में दाऊद इब्राहिम के गुर्गे अबू सलेम का हाथ था। वह भेष बदलकर पुर्तगाल में रह रहा था। भारतीय जांच एजेंसियों ने उसका पता लगाया और सलेम के आतंकवादी कृत्य के सबूत पुर्तगाली सरकार के सामने रखे। वहां की अदालत में बहस हुई और नवंबर 2005 में पुर्तगाल को सलेम को भारत के हवाले करना पड़ा। संजय राउत ने आगे लिखा कि सलेम पर भारत में मुकदमा चलाया गया और दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। फिर तो इस महत्वपूर्ण प्रत्यर्पण को मनमोहन सरकार की कूटनीति की सफलता ही कहा जाएगा। बेशक, मनमोहन सरकार में सलेम को भारत लाया गया था, इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘सलेम महोत्सव’ नहीं मनाया, जो आज तहव्‍वुर राणा के मामले में सोशल मीडिया पर चल रहा है।

कुलभूषण जाधव को वापस लाया जाए-राउत

संजय राउत ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि वे घर में घुसकर मारेंगे, लेकिन वे लोग ही कुलभूषण जाधव, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को लेकर नहीं आ सके हैं। संजय राउत ने मांग की है कि देश में वित्तीय घोटालों के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भी भारत लाया जाए। हमें राणा जैसे किसी व्यक्ति को भारत लाकर यह नहीं दिखाना चाहिए कि यह एक बड़ी जीत है।

राणा की फांसी पर राउत का बड़ा दावा

शिवसेना सांसद ने आगे कहा कि तहव्वुर राणा को तुरंत फांसी दी जानी चाहिए। हालांकि, उसे बिहार विधानसभा चुनाव (जिसके इस साल के अंत तक होने की संभावना है) के दौरान फांसी दी जाएगी। जब तक बिहार का चुनाव होगा तब तक ये देश में तहव्वुर राणा फेस्टिवल मनाएंगे।

वाराणसी रेप कांड पर पीएम मोदी दिखे फिक्रमंद, पुलिस कमिश्‍नर से लेकर डीएम तक एयरपोर्ट पर ही तलब

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं। पीएम ने एयरपोर्ट पर उतरने के फौरन बाद सबसे पहले पुलिस आयुक्त, मंडल आयुक्त और जिलाधिकारी को तलब कर लिया। पीएम ने उनसे बनारस में हुई गैंगरेप की घटना की पहले तो पूरी विस्‍तार में जानकारी ली। फिर इस केस में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार की सुबह अपने एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे। इस दौरान एयरपोर्ट पर विमान से उतरते ही वाराणसी के पुलिस आयुक्त, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से कुछ दिन पूर्व वाराणसी शहर में घटी एक दुष्कर्म की घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली। पीएम मोदी ने मामले के सभी दोषियों को चिह्नित करते हुए उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की व्यवस्थाएं करने का निर्देश दिया। अधिकारियों से बातचीत के दौरान पीएम काफी गंभीर दिखे। जाहिर तौर पर अपने संसदीय क्षेत्र में इतनी बड़ी वारदात होने से वह नाराज थे।

बता दें कि वाराणसी से हैवानियत का हैरान करने का मामला सामने आया है। वाराणसी में 19 साल की युवती के साथ 23 आरोपियों ने 7 दिनों तक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। लड़की 29 मार्च को गायब हुई थी और वह 4 अप्रैल को बेसुध हालत में बरामद की गई। इन छह दिनों में उसके साथ 23 लोगों ने रेप किया। इस दौरान छात्रा को ड्रग्स देकर नशे में रखा गया। दरिंदों के चंगुल से बचकर घर पहुंची युवती ने परिजनों के साथ लालपुर पांडेयपुर थाना पहुंचकर 12 नामजद व 11 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने युवती के निशानदेही पर कई होटलों व हुक्का बार में छापा मारकर नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

पुलिस की पूछताछ के बाद खुलासा हुआ है कि अनमोल गुप्ता सेक्स रैकेट का मास्टरमाइंड है। अपने कैफे कॉन्टिनेंटल के जरिए उसने 15 लड़कों को एजेंट बना रखा था। ये एजेंट उसके लिए लड़कियों को दोस्त बनाते थे। रेप करने के बाद लड़कियों को वे ब्लैकमेल करते थे।मामले में राज विश्वकर्मा, समीर, आयुष, सोहेल, दानिश ,अनमोल, साजिद, जाहिर, इमरान, जैब, अमन और राज खान को आरोपी बनाया गया है। सभी हुकूलगंज और आसपास के रहने वाले हैं। इसमें से 12 नामजद और 11 अज्ञात हैं।

बेड़ियों में जकड़ा नजर आया आतंकी तहव्वुर राणा, पहली फोटो आई सामने

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अमेरिका से तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यपर्ण हो चुका है। मुंबई हमले 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा इस वक्त भारत में है। एनआईए कोर्ट ने उसे 18 दिनों की कस्टडी में भेज दिया है। इस दौरान एनआईए मुंबई हमले से जुड़े तमाम पहलुओं पर पूछताछ करेगी। अब तहव्वुर राणा की बेड़ियों में जकड़ी हुई तस्वीरें सामने आई हैं।

तहव्वुर राणा की ये तस्वीर उस वक्त की है, जब अमेरिकी अधिकारी उसे एनआईए के हवाले कर रहे हैं। प्रत्यर्पण की तस्वीर में राणा के पैरों में बेड़ियां, कमर में जंजीर बंधी हुई दिखाई दे रही है। इसके साथ ही अमेरिकी मार्शल प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को पूरा करते हुए नजर आ रहे हैं, वहीं एनआईए के अधिकारी भी वहां मौजूद हैं।

अमेरिका के न्याय विभाग ने यह तस्वीर जारी की है। अमेरिकी न्याय विभाग ने जेल द्वारा जारी की गई तस्वीर में राणा ब्राउन कलर की वर्दी पहने और अमेरिकी मार्शलों के साथ खड़ा है। फोटो में राणा की शक्ल तो नहीं दिख रही, लेकिन उसे ले जाता हुआ जरूर देखा जा सकता है। उसके शरीर को जंजीर से बांध रखा है, यानी कि काफी सुरक्षा के बीच उसे भारत को सौंपा गया है।

अमेरिकी न्याय विभाग कैलिपोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में अमेरिकी मार्शलों ने मंगलवार को पाकिस्तानी नागरिक और कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा की हिरासत भारत के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों को सौंप दी। तहव्वुर राणा अब 18 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में है। तहव्वुर राणा को एनआईए के मुख्यालय में ग्राउंड फ्लोर पर ही एक लॉकअप में रखा गया है। लॉकअप के ठीक बगल में एक इंटोरेगेशन रूम बना है. इसी में उससे आज पूछताछ होगी। ताकि 2008 के हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाया जा सके। इन हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।