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कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी 2 दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर, भारत की सबसे बड़ी कोयला खान के परिचालन की करेंगे समीक्षा

रायपुर- कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी कल 10 और 11 मार्च को छत्तीसगढ़ की 2-दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं. इस यात्रा के दौरान वह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी और भारत की सबसे बड़ी कोयला खान गेवरा में परिचालन की समीक्षा करेंगे. यह खान साऊथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) दक्षिण पूर्वी कोयला क्षेत्र लिमिटेड के अंतर्गत आती है।

अपनी यात्रा के दौरान रेड्डी खनन पारिस्थितिकी तंत्र में हितधारकों के साथ भी बातचीत करेंगे. इसमें खदान श्रमिक भी शामिल हैं, जिन्होंने 1 अरब टन कोयला उत्पादन और प्रेषण के दोहरे मील के पत्थर हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वे कोयला खनन परिवार द्वारा इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने में किए गए प्रयासों को भी मान्यता देंगे.

इसके अलावा रेड्डी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी मुलाकात करेंगे और उनके साथ खनन क्षेत्र के लिए रोडमैप पर चर्चा करेंगे.

सुशासन तिहार- 2025 - ग्रामीण अंचल में सुआ नृत्य बना जनजागरूकता का माध्यम

रायपुर-  सुशासन तिहार को जन -जन तक पहुंचने के लिए बलौदाबाजार भाटापारा जिला प्रशासन द्वारा जोर - शोर से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसमें रैली,साईकिल रैली,मुनादी, दीवाल लेखन आदि शामिल है लेकिन ग्रामीण अंचल में सुआ नृत्य जनजागरूकता का सशक्त माध्यम बनकर उभर रहा है। बुधवार को बलौदा बाजार जिले के विकासखंड पलारी के ग्राम पंचायत कुसमी में बिहान की महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा सुवा गीत व नृत्य के माध्यम से सुशासन तिहार को लोगों तक पहुंचाया। छत्तीसगढ़ में पारंपरिक लोक नृत्यों में पंथी, राउत नाचा, कर्मा,पंडवानी,सुवा,सैला, गेंड़ी आदि शामिल हैं। ये नृत्य विभिन्न समुदायों द्वारा त्योहारों और उत्सवों के दौरान किए जाते हैं और वे क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

सुशासन तिहार के प्रथम चरण अंतर्गत 8 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में आवेदन प्राप्ति स्थल पर लोगों से आवेदन प्राप्त किये जाएंगे। कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन एवं सीईओ जिला पंचायत दिव्या अग्रवाल के नेतृव में जिले में गठित स्व सहायता समूह (बिहान )द्वारा संकुल संगठन स्तर ,ग्राम संगठन स्तर,पंचायत स्तर पर दीवाल लेखन, सुशासन नारे, रैली, घर -घर दस्तक अभियान का सफल आयोजन किया जा रहा है एवं आमजन को अवगत कराने प्रचार- प्रसार किया जा रहा है। बिहान के कैडर के द्वारा प्रत्येक पंचायत में सुशासन तिहार का शुभारंभ किया गया।

पश्चिम बंगाल के 217 बीएलओ, 2 डीईओ और 12 ईआरओ का प्रशिक्षण IIIDEM में प्रारंभ

रायपुर- आज से IIIDEM (इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट) में पश्चिम बंगाल से आए 2 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs), 12 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (EROs) और 217 बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। यह पहल, आयोग द्वारा 4 मार्च को IIIDEM में आयोजित सीईओ सम्मेलन में परिकल्पित जमीनी चुनाव अधिकारियों की क्षमता वृद्धि के व्यापक प्रशिक्षण योजना का हिस्सा है।

इसके अतिरिक्त, मीडिया नोडल अधिकारियों, सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों और जिला जनसंपर्क अधिकारियों के लिए एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम आज IIIDEM, नई दिल्ली में संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बदलते मीडिया परिदृश्य में चुनाव अधिकारियों के बीच समन्वय और तैयारी को सशक्त बनाना था।

28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों से आए मीडिया अधिकारियों ने इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम में भाग लिया, जिसका उद्देश्य एक प्रभावी संचार रणनीति विकसित करना है ताकि सूचना सक्रिय रूप से प्रसारित की जा सके, गलत सूचना का मुकाबला किया जा सके, और विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मतदाता जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सके — यह सब विधिक ढांचे (RP अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960, निर्वाचन संचालन नियम 1961 और आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों) के अनुरूप किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अपने संबोधन में यह स्वीकार करते हुए कि मीडिया चुनाव प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भागीदार है, तथ्यात्मक, समय पर और पारदर्शी संचार की महत्ता को रेखांकित किया, जिससे मतदाताओं का चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बना रहे, विशेषकर इस डिजिटल सूचना युग में। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया अधिकारियों को सही जानकारी के प्रचार में सक्रिय रहना चाहिए और मतदाताओं को तथ्यहीन कथाओं से बचाते हुए उन्हें सही जानकारी से सशक्त बनाना चाहिए।

आधार अपडेट में छत्तीसगढ़ ने मारी बाजी: बच्चों के बायोमैट्रिक अपडेट की सेवा के लिए मिला राष्ट्रीय सम्मान

रायपुर- आधार सेवाओं के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राज्य को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। राज्य में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के बायोमैट्रिक आधार अपडेट की उत्कृष्ट सेवाओं के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। यह सम्मान आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित आधार संवाद कार्यक्रम में दिया गया।

कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (फायनेंस) तेनतु सत्यनारायण द्वारा यह सम्मान छत्तीसगढ़ को प्रदान किया गया। राज्य की ओर से छत्तीसगढ़ सदन के मनीष जोशी ने यह सम्मान ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि चिप्स, राज्य में नामांकन एजेंसी के रूप में कार्य करते हुए आधार से संबंधित सेवाएं प्रदान कर रही है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ सरकार की डिजिटल सेवाओं को सुदृढ़ एवं जन सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक ने बताया कि राज्य में 5 से 7 एवं 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के अनिवार्य बायोमैट्रिक अपडेट की दिशा में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए यह सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशों के अनुरूप चिप्स द्वारा विगत एक वर्ष में राज्य के दूरस्थ एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 944 विशेष आधार शिविरों का आयोजन किया गया है, जिनमें 38,762 नागरिकों का आधार पंजीयन एवं अद्यतन किया गया।

प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार के दूसरे दिन भी लोगों का दिखा उत्साह, गांव-गांव, शहर-शहर में लोग समाधान पेटियों में जमा कर रहे आवेदन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन की समस्याओं के निदान और उनसे रूबरू मुलाकात के लिए सुशासन तिहार का प्रदेशव्यापी शुभारंभ 08 अप्रैल से हो गया है। तीन चरणों में आयोजित होने वाला यह सुशासन तिहार 31 मई तक चलेगा। प्रथम चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आम जनता से ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालयों में सीधे आवेदन लिए जा रहे हैं। सुशासन तिहार को लेकर लोगों में आज दूसरे दिन भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है, और लोग अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन लेकर उसे ग्राम पंचायत और नगर पंचायत कार्यालयों में लगी समाधान पेटी में जमा कर रहे है।

नारायपुर जिले के देवगांव, गौरदंड, फरसगांव, कापसी, सुलेंगा, धौड़ाई, कुढ़ार गांव, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कोतमरा, कटेली और भोथली में, अंबिकापुर जिले में विकाखण्ड बतौली और सीतापुर के खड़गवां, भटको, कुनकुरी देवगढ़ और सोनतराई ग्राम पंचायत में लोगों ने उत्साहपूर्वक अपनी समस्याओं को लेकर आवेदन दिया। कमिश्नर और कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी सुशासन तिहार की व्यवस्था का जायजा लेने के साथ लोगों को उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए बिना किसी हिचक के आवेदन पत्र देने की भी समझाइश दे रहे हैं।

सुशासन तिहार के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन पोर्टल एवं कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी आवेदन प्राप्त किए जाने की व्यवस्था है। विकासखंडों और जिला मुख्यालयों में भी आवेदन प्राप्त करने हेतु समाधान पेटी रखी गई है, जहां लोग अपनी समस्याओं के संबंध में आवेदन डाल रहे है। जनसमान्य की समस्याओं से संबंधित आवेदनों को भरने के लिए ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायो के कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई गई है, ताकि लोगों को अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन देने में किसी भी तरह की परेशानी न हो। कई जिलों में आवेदन पत्र तैयार करने में सहायता के लिए दिव्यांग संगवारी और संगवारी दीदी भी तैनात किए गए है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा सुशासन एवं पारदर्शिता के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सुशासन तिहार-2025 का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। सुशासन तिहार-2025 के तहत सभी प्राप्त आवेदनों की सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि कर संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा, और एक माह के भीतर उनका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि सुशासन तिहार 2025 का उद्देश्य जनसामान्य की समस्याओं का प्रभावी एवं त्वरित समाधान, शासकीय कार्यों में पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद स्थापित करना है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्व में ही सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे सुशासन तिहार के सुव्यवस्थित आयोजन और इसके अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों के तत्परता से निराकरण को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर निराकरण की स्थिति और गुणवत्ता की समीक्षा भी की जाएगी।

सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रत्येक जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित होंगे। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार शिविरों का आयोजन किया जाएगा। शिविरों में आमजन को उनके आवेदन की स्थिति से अवगत कराया जाएगा, तथा यथासंभव आवेदन का त्वरित निराकरण भी वहीं किया जाएगा। शेष समस्याओं का निराकरण एक माह के भीतर कर सूचना दी जाएगी। समाधान शिविरों में जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन प्रपत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस अभियान में सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शिविरों में उपस्थित रहकर आमजन से संवाद करेंगे, और विकास कार्यों व योजनाओं से मिल रहे लाभ का फीडबैक लेंगे। साथ ही औचक निरीक्षण के माध्यम से चल रहे निर्माण कार्यों की वास्तविक स्थिति और गुणवत्ता का भी मूल्यांकन किया जाएगा।

फिल्मी स्टाइल में जमीन पर कब्जा : रिश्तेदारों ने रची खौफनाक साजिश, रिटायर्ड कर्मचारी को दस्तावेजों में मारा, हड़प ली 3 एकड़ जमीन, 4 पर FIR दर्ज

बिलासपुर-  जिंदा शख्स को मृत घोषित कर देना किसी फिल्मी साजिश जैसा लगता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक ऐसा मामला आया है जो हकीकत बन गई. एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी की 3 एकड़ पैतृक जमीन पर कब्जा करने के लिए उसके ही रिश्तेदारों ने उसे कागजों में मार डाला. न केवल उसे मृत घोषित किया गया, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के साथ कोर्ट से आदेश भी पारित करा लिया. इस हैरान करने वाले मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का केस दर्ज कर लिया है. यह मामला सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के बसिया गांव का है.


क्या है मामला ?

जांजगीर-चांपा जिले में रहने वाले सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी रामगोपाल गौरहा ने सिरगिट्टी थाने में शिकायत दर्ज कराई है. जिसके मुताबिक, उनकी नानी अमोला बाई की ग्राम बसिया में 6.222 एकड़ कृषि भूमि थी. इसमें से आधा हिस्सा उन्हें 1972 में नामांतरण के माध्यम से मिला था, और वर्ष 2013-14 तक यह जमीन उनके नाम पर दर्ज थी. लेकिन वर्ष 2014-15 के रिकॉर्ड से यह जमीन अचानक गायब हो गई.

रामगोपाल ने जब इसकी तहकीकात की, तो पता चला कि बसिया में रहने वाले उनके रिश्तेदार रूपराम दुबे, बेनीराम दुबे, बिहारीलाल दुबे और गतौरा की रहने वाली निर्मला ने साजिश कर उन्हें कागजों में मृत घोषित कर दिया. इसके बाद उन्होंने फर्जी ढंग से कोर्ट में दस्तावेज पेश कर आदेश भी पारित कर लिया है. विवादित जमीन वर्तमान में उन्हीं रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज है और वे लोग उसमें खेती कर रहे हैं.

सिरगिट्टी पुलिस ने सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी की शिकायत पर जांच की और जांच के उपरांत रूपराम दुबे, बेनीराम दुबे, बिहारीलाल दुबे और निर्मला के खिलाफ षड्यंत्र और धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर लिया है.

प्रेशर आईईडी ब्लास्ट में CRPF का जवान गंभीर रूप से घायल, एयरलिफ्ट कर लाया गया रायपुर

बीजापुर- छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में नक्सलियों ने IED ब्लास्ट किया है. इसके चपेट में आने से एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया है. घायल जवान को जिला अस्पताल में प्रारंभिक इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, सीआरपीएफ 196वीं बटालियन की टीम मंगलवार को एरिया डोमिनेशन ड्यूटी पर निकली थी. इस दौरान जब टीम कोड़ेपाल नाला के पास पहुंची, तभी माओवादियों द्वारा लगाए गए प्रेशर IED में जोरदार विस्फोट हो गया. ब्लास्ट की चपेट में आकर बम डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS) के एक जवान के दोनों पैरों में गंभीर चोट आई है. घायल जवान को तत्काल जिला अस्पताल बीजापुर में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद चॉपर के जरिए बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया है. घटना के बाद इलाके में सर्चिंग कार्रवाई जारी है.

प्रदेश के 8 जिलों में येलो अलर्ट जारी, राजधानी रायपुर समेत इन जगहों में बारिश की संभावना

रायपुर- छत्तीसगढ़ में मौसम ने करवट ली है. प्रदेश के कई जिलों में अगले तीन घंटों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, बालोद, दुर्ग, बेमेतरा, कांकेर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी और राजनांदगांव जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. राजधानी रायपुर में भी बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है.

छत्तीसगढ़ में पारा 40 पार

प्रदेश में दिन की तपिश लोगों को बेहाल कर रही है. मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के कई शहरों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है. सबसे ज्यादा गर्म राजनांदगांव रहा, जहां आज पारा 41.5 डिग्री तक पहुंच गया. वहीं मंगलवार रात के समय राजधानी रायपुर सबसे ज्यादा गर्म रही, जहां न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री दर्ज किया गया. मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले तीन दिनों में अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री की और बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे गर्मी और तीव्र हो सकती है.

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह के पदभार ग्रहण समारोह में हुए शामिल

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नवा रायपुर स्थित बीओसी भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह के पदभार ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन एवं बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने संयुक्त रूप से 44 हजार 940 श्रमिको को 15.37 करोड़ रूपये डी.बी.टी. के जरिये श्रमिकों के बैंक खाते में अंतरित की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पदभार ग्रहण करने पर डॉ. रामप्रताप सिंह को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल श्रमिक हित में बेहतर कार्य करेगा। श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कार्यक्रम में श्रमिकों को राशि अंतरण के मौके पर कहा कि, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में प्रदेश के श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों का लगातार योजनाओं का लाभ तेजी से मिल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों एवं उनके परिजनो के बेहतरी के लिये कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिये लगातार आर्थिक मदद दी जा रही है। बीते सवा साल में श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगभग 500 करोड़ रूपये श्रमिकों के बैंक खाते में अंतरित किये जा रहे है।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरूण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वन मंत्री केदार कश्यप खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल रमेश बैस (पूर्व राज्यपाल), विधायक धरमलाल कौशिक, रायमुनि भगत, पुरन्दर मिश्रा, अनुज शर्मा श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष योगेश दत्त मिश्रा, सचिव सह श्रमायुक्त अलरमेलमंगई डी., छ.ग.भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के सचिव, गिरीश कुमार रामटेके, अपर श्रमायुक्त एस.एल.जांगड़े एवं सविता मिश्रा सहित निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यगण के साथ-साथ श्रमिक एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की योजनाओं के अंतर्गत डी.बी.टी. के माध्यम से अंतरित की गई राशि में निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना के तहत 30,585 श्रमिकों को 04 करोड़ 05 लाख 25 हजार रूपये, मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत 1055 श्रमिकों को 02 करोड़ 11 लाख, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना के तहत 3480 श्रमिकों को 52 लाख 19 हजार 500, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के तहत 32 श्रमिको को 32 लाख, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के अंतर्गत 102 श्रमिको के उत्तराधिकारी को 01 करोड़ 10 लाख, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत 70 हितग्राहियों 12 लाख 60 हजार 595, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के तहत 2461 श्रमिकों के पुत्रियों को 4 करोड़ 92 लाख, 20 हजार, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 4237 हितग्राहियों को 87 लाख 25 हजार, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना के तहत 1048 श्रमिको को 36 लाख 19 हजार 780, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के अंतर्गत 177 हितग्राहियों को 35 लाख 40 हजार, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना के तहत 1687 श्रमिकों को 62 लाख 48 हजार 782, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना के अंतर्गत 05 हितग्राहियो को 39 हजार 500 रूपये एवं निर्माण श्रमिको के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना के 01 हितग्राही को 50 हजार रूपये शामिल है।

माओवादियों ने फिर दिया शांति वार्ता का प्रस्ताव, कहा- हम तैयार हैं, लेकिन अनुकूल माहौल बनाना जरूरी…

रायपुर- सप्ताह भर बीते नहीं कि माओवादियों ने एक बार फिर से शांति का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा है. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो की ओर से जारी बयान में शांति वार्ता के लिए तैयार होने की बात कहते हुए इसके लिए अनुकूल माहौल बनाए जाने की जरूरत बताई है. उन्होंने इस पेशकश का मुख्य उद्देश्य बस्तर में हो रहे हिंसा (हत्याकांड) तुरंत रोकना बताया है.

सप्ताहभर पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे से पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) केंद्रीय समिति की ओर से तेलगु में जारी बयान के जरिए शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया गया था. इसके बाद अब भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो की ओर हिन्दी में शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया गया है. ताजा बयान में पूर्व में दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने की मांग को गृह मंत्री विजय शर्मा ने ठुकरा दिया था. इससे जाहिर है कि सरकार अपनी वर्तमान नीति को जारी रखना चाहती है.

इसके साथ ही सरकार की आत्मसमर्पण की नीति को समस्या के पूर्ण समाधान बताए जाने का भी विरोध किया गया है. माओवादियों ने कहा कि शांति वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने संबंधित निर्णय लेने के लिए हम कुछ नेतृत्वकारी साथियों से मिलना है. स्थानीय नेतृत्व का राय लेना भी जरूरी है. लगातार चल रहे अभियानों के बीच में यह सब नहीं हो पाएगा. ऐसे में अनुकूल माहौल के लिए कगार अभियान को रोकना जरूरी है, वार्ता का प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है, यह सरकार की जिम्मेदारी है।

संगठनों से सहयोग की अपील

माओवादियों ने सरकार के साथ-साथ देश के सभी जनवादी प्रेमियों बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक संगठन व कार्यकर्ताओं, जनपक्षधर पत्रकारों से अपील की कि शांति वार्ता के लिए अनुकूल माहौल निर्मित करने की हमारी मांग के समर्थन में आगे आएं. सरकार और माओवादियों के बीच में शांति वार्ता के लिए बनी समिति के साथियों से भी अपील कर रहे हैं कि इस प्रक्रिया को आगे ले जाने का पहल करें.

नेतृत्व के भागने की बात को नकारा

बस्तर से नेतृत्व दूसरा राज्यों में भाग जाने की बात सही नहीं है. नेतृत्व अपने जिम्मेदारियों के तहत आना जाना और आंदोलन के जरूरतों के मुताबिक तबादले साधारण प्रक्रिया है, जिम्मेदारियों को छोड़कर कोई भागे नहीं. यह प्रचार मानसिक युद्ध का हिस्सा है अगर ऐसा भागने का प्रचार सच है तो हमारे एसजडसी मेंबर कामरेड रेणुका उर्फ चैते को मदद करने वाले सैकड़ों समर्थक रहने के बावजूद अस्वस्थता की स्थिति में भी अपनी जिम्मेदारियों को नहीं छोड़ी, जनता के लिए अपनी जान कुर्बान की.

विकास विरोधी स्वरूप से इंकार

माओवादी केवल यहीं नहीं रुके. उन्होंने अपने विकास विरोधी स्वरूप को साजिशन पेश करने की बात कही. साथ ही जनता के सरोकार से जुड़े शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, कुपोषण जैसी समस्याओं के हल निकालने पर जोर दिया. कुछ प्रकरणों में हुई गलती के लिए जनता से माफी मांगने की भी बात कही. इसके साथ जल-जंगल-जमीन से बेदखल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली परियोजनाओं के विरोध की बात कही.

नक्सल साथियों से की अपील

केवल बात सरकार तक ही नहीं रुकी. सुरक्षा बल के अभियान से कैडर में मची आपाधापी का सबूत देते हुए माओवादियों ने बयान में कहा कि उत्तर – पश्चिम सब जोन के पार्टी कमेटियों, कमांडों व कमांडरों से अनुरोध है कि शांति वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाने के दिशा में गतिविधियां रहनी चाहिए. यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सरकार अभी तक हमारे मांग को नहीं मानी है, इसलिए सभी नियम और सावधानियों का सतर्कता के साथ पालन करें, हमलों का शिकार न बने. मीडिया के उकसाने वाले प्रचार एवं पुलिस अधिकारियों के उकसाने वाली बयानों का प्रभाव में न आएं.

सुरक्षाबल के जवानों से की अपील

माओवादियों ने अंत में पुलिस जवानों से अपील की कि पार्टी ने पुलिस जवानों को कभी दुश्मन के तौर पर नहीं देखते. इसे लेकर बार बार परचा-पोस्टरों के जरिए अपील जारी किए थे. जवानों को समझाया कि हम आपस में लड़ने की स्थिति पैदा की गई है. शांति वार्ता का हमारे यह प्रयास का समर्थन करें, जनता व हमारे कैडर अपने ही लोग है, पर गोली मत चलाएं.