लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हुआ वक्फ संशोधन बिल, 13 घंटे चले मंथन के बाद पक्ष में पड़े 128 वोट
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लोकसभा के बाद वक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा से पास हो गया है। बिल के पक्ष में 128 तो विपक्ष में 95 वोट पड़े।वक्फ संशोधन विधेयक पर 13 घंटे से भी अधिक समय तक चली चर्चा के बाद बृहस्पतिवार देर रात ढाई बजे के बाद राज्यसभा ने भी अपनी मुहर लगा दी। राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर फैसला ध्वनि मत से नहीं, बल्कि मत-विभाजन से किया गया। इससे पहले, लोकसभा ने बुधवार रात करीब 1.56 बजे वक्फ संशोधन विधेयक बहुमत से पारित कर दिया था। विधेयक के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 मत पड़े। विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई थी। विधेयक अब हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा और सरकार की ओर से अधिसूचित होते ही कानून का रूप ले लेगा।
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राज्यसभा में 13 घंटे से ज्यादा समय तक चली बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को मंजूरी मिल गई। विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद नंबर गेम में मोदी सरकार जीत गई। राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने वक्फ बिल पर कड़ा विरोध जताया। विपक्षी दलों ने इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी और असंवैधानिक बताया। वहीं सरकार ने जवाब दिया कि यह ऐतिहासिक सुधार अल्पसंख्यक समुदाय के लिए फायदेमंद होगा।
राज्यसभा में वक्फ बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर मुस्लिम समुदाय को विधेयक से डराने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ सभी के लिए काम करती है। रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है। ऐसे में सभी सरकारी निकायों की तरह यह धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में कुछ गैर-मुस्लिमों को शामिल करने से बोर्ड के फैसलों में कोई बदलाव नहीं आएगा। बल्कि इससे मूल्य में इजाफा ही होगा।
आपको वक्फ में कलेक्टर को रखने पर आपत्ति थी, तो...
किरेन रिजिजू ने विपक्ष के उठाए मुद्दों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने विपक्ष के इस दावे को गलत बताया कि राष्ट्रीय वक्फ काउंसिल में गैर मुस्लिमों का बहुमत होगा। रिजिजू ने कहा, 20 सदस्यीय बॉडी में पदेन अध्यक्ष समेत चार से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य हो ही नहीं सकते। इसी प्रकार 11 सदस्यीय राज्य बॉडी में 3 से अधिक गैर मुस्लिम नहीं होंगे।साथ ही उन्होंने कहा कि जेपीसी में विपक्ष की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए इसे पूर्व प्रभाव से लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हर जिले में जो भी जमीनी विवाद होता है, उसे कलेक्टर देखता है। आपको वक्फ में कलेक्टर को रखने पर आपत्ति थी, इसलिए हमने उससे ऊपर के अफसर को रखा है।
सभी के सुझाव को ध्यान में रखा गया- रिजिजू
केंद्रीय मंत्री ने कहा, अधिकांश सदस्यों ने आरोप लगाया कि जेपीसी या सरकार ने कानून पर उनके सुझाव नहीं माने। सरकार किसी की नहीं सुनती। यह आरोप पूरी तरह गलत है। हम सुझाव नहीं मानते तो इस विधेयक का जो मूल मसौदा आया था और जो विधेयक आज पेश हुआ है उसमें इतना बदलाव नहीं होता। विधायक में बड़े पैमाने पर बदलाव है और यह सदस्यों के सुझाव के सुझाव पर ही हुआ है। रिजिजू ने कहा, पहले से रजिस्टर संपत्तियों में छेड़छाड़ नहीं हो सकती यह संशोधन जेपीसी में विपक्ष के सुझाव पर ही शामिल किया गया। इसी प्रकार गैर रजिस्टर्ड वक्फ ट्रस्टों के लिए छह महीने की समय सीमा को भी विपक्ष के सुझाव पर बढ़ाया गया। इसके अलावा भी कई संशोधन विपक्ष के सुझाव पर लिए गए।








Apr 04 2025, 10:29
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