पलामू में पुलिसिया करवाई पर फिर उठ रहा सवाल, पक्ष - विपक्ष ने दोषियों पर कार्यवाई की मांग की
परिजन ने पुलिस पर बर्बरता पूर्वक पिटाई का लगाया आरोप
रिपोर्टर जयंत कुमार
झारखंड में आम लोगों पर पुलिसिया पर जुल्म बढ़ता ही जा रहा है आलम यह है कि पुलिस किसी भी आरोप में आम लोगों को उठाकर थाने ले आती है और बर्बरता पूर्ण उसकी पिटाई करती है ताजा मामला पलामू के पांकी थाना क्षेत्र का है।
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पुलिस की पिटाई से जख्मी पलामू के नावाबाजार निवासी महफूज अहमद की मौत रांची के रिम्स अस्पताल में रविवार को हो गया। 18 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद रविवार को महफूज ने दम तोड़ दिया।
आज सदन की कार्यवाई प्रारम्भ होने से पूर्व विपक्ष के विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि पुलिस के ऊपर प्रशासन का नियंत्रण नहीं है। इस मामले में वैसे पुलिस अधिकारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई होनी चाहिए।
वही सत्ता पक्ष के विधायक सुरेश बैठा ने मांग किया कि जो भी इस घटना में शामिल है उसकी गिरफ्तारी हो, उन्होंने खेद व्यक्त किया कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए। डीजीपी पूरी घटना की निगरानी कर रहे है।
दरसल इस मामले में पुलिस का दावा है कि महफूज को पांकी थाना क्षेत्र के कारीमाटी जंगल से लूट की योजना बनाते समय 5 मार्च को पकड़ा गया था। उसे तीन अन्य अपराधियों के साथ छह मार्च को जेल भेजा गया। पुलिस ने उनके पास से हथियार और गोलियां बरामद होने की बात कही है। जबकि महफूज के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने एक मार्च को छतरपुर डाली के भीखही से उसे गिरफ्तार किया था। जेल पहुंचते ही महफूज की खराब स्थिति को देखते हुए उसे मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। वहां से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया।
सात जनवरी से वह रिम्स के आईसीयू में भर्ती था।
वहीं मृतक महफूज के बड़े भाई इकबाल अहमद अपने भाई की मौत को लेकर विधानसभा पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक पिटाई की गयी। दो थानों में रखकर और पलामू SP रिष्मा रमेशन के आवास पर भी ले जाकर पिटाई की गई। उसके निजी अंगों पर भी पिटाई से चोट के निशान मिले। परिजन ने इसकी सीबीआई जांच की मांग की।
Mar 24 2025, 21:40