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बिजली की चपेट में आ कर बच्ची की मौत,घर के पास खेलते समय हुआ हादसा
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खजनी गोरखपुर।।थाने की उनवल चौकी क्षेत्र के ढढ़ौना गांव के निवासी बालकिशोर की बेटी रिया 10 वर्ष की बिजली की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई।

मिली जानकारी के अनुसार आज अपराह्न लगभग 3 बजे रिया अपने घर के पास अपने हम उम्र बच्चों के साथ खेल रही थी, इस दौरान घर के पास स्थित बिजली के पोल से नीचे जमीन में गड़े रहने वाले अर्थिंग के तार को छूते ही वह बिजली की चपेट में आ गई। रिया को बिजली का झटका लगते ही बच्चों ने शोर मचाया

परिवार के लोगों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए इलाज के लिए जिले पर ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि इस बीच सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे उनवल चौकी के एसआई जितेंद्र कुमार ने उसे इलाज के लिए गोरखपुर जिला अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने रिया को मृत घोषित कर दिया। कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया है, बताया गया कि पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।

बताया गया कि गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 2 की छात्रा रिया बेहद चंचल और हंसमुख स्वभाव की थी। बालकिशोर के चार बच्चों में सबसे छोटी रिया के साथ सभी लोग विशेष स्नेह रखते थे और लाड़ प्यार किया करते थे।

बेटी की असामयिक मौत से परिवार में कोहराम मच गया। रोते बिलखते परिजनों को आसपास के लोग ढ़ाढस बंधाते रहे।

14 मार्च को जुम्मे की नमाज 2:00 बजे से की जाएगी अदा
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गोरखपुर। आज दिन रविवार को सुबह 11 बजे दरगाह मुबारक खां शहीद आस्ताने पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई । जिसमें जनपद के तमाम उलेमा -ए -किराम और मस्जिद के इमाम साहेबान ने भाग लिया।

जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि देश व प्रदेश में भाईचारा कायम रखने के लिए रमजान के पाक महीने में 14 मार्च को होली का त्यौहार पड़ रहा है उसी दिन जुम्मा भी है। मुस्लिम समाज अपने हिंदू भाइयों के त्योहार होली पर्व को देखते हुए जुम्मे की नमाज के समय को दो घंटा आगे रखने का निर्णय लिया गया है।

आपस में भाईचारा और शांति बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया कि गोरखपुर शहर और उसके आसपास की मस्जिद में जुम्मे की नमाज दोपहर 2:00 बजे अदा की जाएगी।

बैठक के दौरान मुफ़्ती खुर्शीद साहब, मुफ़्ती मुनुव्वर रजा, मुफ़्ती मेराज कादरी,मुफ़्ती अजहर सम्सी, मुफ़्ती मन्नानी अख्तर हुसैन, मुफ़्ती अहमद रजा कादरी,कारी आबिद निजामी ,कारी मोहसिन साहब मौलाना रियाजुद्दीन कादरी, मौलाना मोहम्मद फिरोज अहमद, मौलाना मोहम्मद अशरफ अख्तर हुसैन मोहम्मद मौलाना अफजल बरकती मौलाना मोहम्मद अब्बास कादरी मौलाना आलम मिस्बाही ,मोहम्मद मोहसिन, रजा मकसूद आदि तमाम उलमा ए किराम व इमाम साहब लोग उपस्थित रहे।

*चार घंटे चले समाधान दिवस में पहुंचे 5 फरियादी*
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गोरखपुर- थाने में आयोजित मार्च महीने के पहले समाधान दिवस में सबेरे 11.40 बजे तक कोई फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश नहीं हुआ। शासनादेश के अनुसार हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को जनसमस्याओं के प्रभावी निवारण के लिए थाने में आयोजित होने वाले समाधान दिवस में इस बार खजनी थाने में अपराह्न 2 बजे तक चले समाधान दिवस में सिर्फ 5 फरियादी अपने भूमि विवादों से संबंधित समस्याओं को लेकर अधिकारियों के समक्ष पेश हुए।

चार घंटों तक चले समाधान दिवस में कुल 5 मामले भरोहियां, पल्हीपार, कटघर, बरी बंदुआरी आदि गांवों से पहुंचे फरियादियों ने अपने भूमि विवाद से संबंधित मामलों के समाधान के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई। किंतु किसी भी समस्या का मौके पर समाधान नहीं हो सका। सभी मामलों में पुलिस और राजस्व टीम बनाकर मौके पर पहुंचकर जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया गया।

इस दौरान नायब तहसीलदार रामसूरज प्रसाद क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर अर्चना सिंह सहित कानूनगो, लेखपाल एवं पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

*एसडीएम ने सभी थानाध्यक्षों से मांगी होलिका दहन स्थलों की सूची*
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गोरखपुर- उपजिलाधिकारी खजनी राजेश प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी गोरखपुर कृष्ण करूणेश के आदेशानुसार तहसील क्षेत्र के पुलिस थानों खजनी,सिकरीगंज, बांसगांव, बेलघाट, हरपुर बुदहट,उरुवां बाजार के थानाध्यक्षों से होलिका दहन का कार्यक्रम सकुशल संपन्न कराने के लिए थानों और चौकियों में होलिका दहन समिति की बैठकें कराने, सभी होलिका दहन स्थलों पर दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने और थानावार होलिका दहन स्थलों की सूची शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की है।

एसडीएम ने बताया कि तहसील क्षेत्र में आने वाले सभी थानाध्यक्षों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए नोटिस भेज दी गई है।

*अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर*
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गोरखपुर- डॉ. विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक, एम्स गोरखपुर के मार्गदर्शन में, सौख्यम - माता अमृतानंदमयी देवी मठ के सौजन्य से, एम्स गोरखपुर (सामुदायिक चिकित्सा एवं परिवार चिकित्सा विभाग), आकांक्षा समिति (IAS अधिकारियों की पत्नियों का संगठन), भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी उत्तर प्रदेश, पंडित महामना फाउंडेशन, बागवानी विभाग एवं मा अमृतेश्वरी चैरिटी संस्थान (MACS) के संयुक्त सहयोग से सरैया गाँव, सरदार नगर में एक मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।

डॉ. प्रियंका यादव, डायरेक्टर, MACS (मा अमृतेश्वरी चैरिटी संस्थान) एवं स्टेट डायरेक्टर, सौख्यम, ने मासिक धर्म स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए तीन सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनों का दान किया तथा डॉ. दिनेश मणि त्रिपाठी (प्राचार्य, एलपीके इंटर कॉलेज एवं आरपीएफ अधिकारी) के सहयोग से सरैया गाँव की महिलाओं को मुफ्त सौख्यम पुन: प्रयोज्य सैनिटरी पैड वितरित किए।

डॉ. विभा दत्ता, डॉ. रश्मि सिंह (IAS) और अंजू बिष्ट (MD, सौख्यम) का सहयोग एवं आभार

एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक, डॉ. विभा दत्ता के सहयोग से आकांक्षा समिति एवं मा अमृतेश्वरी चैरिटी संस्थान (MACS) द्वारा सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनों का प्रोजेक्ट पुनः सक्रिय किया गया है।

डॉ. प्रियंका यादव ने एम्स निदेशिका डॉ. विभा दत्ता का आभार व्यक्त किया एवं उनकी सराहना की, जिन्होंने इस अभियान को पूरी तरह समर्थन दिया।

एम्स गोरखपुर के सामुदायिक चिकित्सा एवं परिवार चिकित्सा विभाग के सहयोग से डॉ. आनंद मोहन दीक्षित (विभागाध्यक्ष, सामुदायिक चिकित्सा, एम्स गोरखपुर) इस मुहिम को पूरे गोरखपुर में चलाएंगे, जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल सुनिश्चित की जा सके।

साथ ही, डॉ. प्रियंका यादव ने आकांक्षा समिति की अध्यक्ष डॉ. रश्मि सिंह (IAS) का भी आभार प्रकट किया, जिनका सहयोग उन्हें जिले में प्रभावी ढंग से कार्य करने में निरंतर प्राप्त होता है।

विशेष रूप से, डॉ. प्रियंका यादव ने "पैडवुमन ऑफ इंडिया" और सौख्यम पुन: प्रयोज्य सैनिटरी पैड्स की प्रबंध निदेशक, अंजू बिष्ट का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर सफलतापूर्वक संचालित किया और इसके विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ:

✅ पंडित महामना फाउंडेशन के स्वयंसेवकों ने महिला मासिक धर्म स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर सर्वेक्षण किया।

✅ पंडित महामना फाउंडेशन के संस्थापक श्री सचिन गौरी वर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया और सरैया गाँव में मासिक धर्म स्वास्थ्य पहल को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

✅ बागवानी विभाग एवं मा अमृतेश्वरी चैरिटी संस्थान (MACS) ने एम्स गोरखपुर को औषधीय पौधों का वितरण किया एवं वृक्षारोपण अभियान संपन्न किया।

✅ एम्स गोरखपुर की इंजीनियर मनीषा तिवारी ने हर्बल गार्डन को सुंदर बनाने की पहल में पूर्ण सहयोग दिया।

महिला स्वास्थ्य पर विशेषज्ञ सत्र:

डॉ. प्रदीप खरया, एसोसिएट प्रोफेसर, एम्स गोरखपुर

"मासिक धर्म स्वास्थ्य में पुरुषों की भूमिका" पर व्याख्यान दिया, जिसमें लैंगिक समानता एवं साझा जिम्मेदारी पर जोर दिया गया।

डॉ. अमित रंजन, एसोसिएट प्रोफेसर, पीएमआर विभाग, एम्स गोरखपुर

मासिक धर्म के दौरान दर्द प्रबंधन पर महिलाओं को शिक्षित किया, जिसमें शरीर की स्थिति एवं नींद के सही तरीके अपनाने पर जोर दिया गया।

डॉ. प्रियंका यादव, स्टेट डायरेक्टर, सौख्यम

"सौख्यम पुनः प्रयोज्य सैनिटरी पैड" के लाभों के बारे में बताया।

निति आयोग द्वारा सम्मानित इस परियोजना को हाल ही में कुंभ में मुख्य सचिव की पत्नी, डॉ. रश्मि सिंह (IAS) की उपस्थिति में लॉन्च किया गया।

गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में सौख्यम अभियान के पहले चरण की घोषणा की, जो एम्स गोरखपुर और आकांक्षा समिति के सहयोग से बड़े पैमाने पर जागरूकता और सुरक्षित एवं किफायती मासिक धर्म स्वास्थ्य उत्पादों का वितरण सुनिश्चित करेगा।

सौख्यम - महिलाओं के स्वास्थ्य एवं सशक्तिकरण की क्रांतिकारी पहल

✅ केले के रेशों से निर्मित भारत का पहला पुन: प्रयोज्य सैनिटरी पैड, जिसकी आयु 3 वर्ष तक होती है।

✅ अब तक 5 लाख से अधिक महिलाएँ इस पर्यावरण-अनुकूल, किफायती और सुरक्षित समाधान से लाभान्वित हो चुकी हैं।

✅ माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) की महिलाओं को शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने की दृष्टि से प्रेरित।

✅ डॉ. प्रियंका यादव ने हाल ही में केरल में सतगुरु माता अमृतानंदमयी देवी से भेंट कर सौख्यम परियोजना के गोरखपुर विस्तार की अनुमति मांगी, जिसे अम्मा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और महिला स्वास्थ्य हेतु इस परियोजना का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी डॉ. यादव को सौंपी गई।

✅ निति आयोग से सम्मानित यह परियोजना आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को पैड उत्पादन में जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखती है।

✅ सरैया गाँव की प्रधान श्रीमती इंद्रकला यादव एवं उनके पति ने अपने गाँव में मासिक धर्म स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और सौख्यम परियोजना का ब्लॉक स्तर पर समर्थन करने का संकल्प लिया।

*सीआरसी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन, दिव्यांग महिलाओं का सशक्तिकरण पर जोर*
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गोरखपुर- सीआरसी गोरखपुर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज की एनाटॉमी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ बिंदु सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रही। बतौर विशिष्ट अतिथि आईसीएमआर की डॉ नेहा सिंह और बीआरडी नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ अलका सक्सेना भी उपस्थित रही। इस अवसर पर बीआरडी मेडिकल नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने महिला सशक्तीकरण को लेकर के दो एकांकी नाटक भी प्रस्तुत किया।

सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में हम लोगों को विशेष ध्यान दिव्यांग महिलाओं के सशक्तिकरण पर देना चाहिए। वैसे तो हर महिला का सशक्तिकरण आवश्यक है परंतु यदि हम लोग दिव्यांग महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करेंगे तो एक समता मूलक समावेशी समाज के निर्माण निर्माण में सहायता मिलेगी। कार्यक्रम में 200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने जिसमें दिव्यांगजन उनके अभिभावक गण और छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक सुश्री संध्या सिंह ने किया। इस अवसर पर सुश्री सौम्या श्रीवास्तव एवं सुश्री सृष्टि मौर्य सहित सीआरसी गोरखपुर के अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

*सांसद तनुज पुनिया का कांग्रेसियों ने किया जोरदार स्वागत*
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गोरखपुर- अनुसूचित विभाग के चेयरमैन/सांसद तनुज पुनिया के गोरखपुर प्रथम आगमन पर टाउनहाल स्थित महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर पीसीसी सदस्य राजेन्द्र यादव की अगुवाई में कांग्रेसजनों ने चेयरमैन तनुज पुनिया का माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया।

स्वागत कार्यक्रम में निवर्तमान प्रदेश सचिव दिलीप निषाद, देवेन्द्र निषाद धनुष, विनोद जोजफ, सुखारी राम, सुमित पाण्डेय, कालंजयराम त्रिपाठी, राजकुमार पासवान, प्रभू प्रधान, ऋषिचन्द गुप्ता, राधेश्याम सिंह, अभिमन्यू विश्वकर्मा, राजकुमार मोदनवाल, कालिका पासवान, सूरज पासवान, अमन पासवान, मोहम्मद जुमेर अली, शैलेष यादव, देवव्रत शर्मा, अमित गुप्ता, उत्कर्ष पाण्डेय, अतुल मिश्रा, बिन्देश्वरी गौड़, राज सैनी आदि लोग भारी संख्या में उपस्थित रहें।

*‘अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस और स्त्री मुक्ति आन्दोलन की दिशा’ दिशा छात्र संगठन द्वारा की गई परिचर्चा*
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गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन द्वारा आज ‘अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस’ पर गोरखपुर विश्वविद्यालय के विवेकानन्द लॉन में ‘अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस और स्त्री मुक्ति आन्दोलन की दिशा’ पर परिचर्चा रखी गयी। दिशा छात्र संगठन के अंबरीश ने बताया कि 8 मार्च को याद करने का मतलब स्त्री मुक्ति आन्दोलन को नए सिरे से संगठित करने से है।

दिशा छात्र संगठन के प्रसेन ने बताया कि –“वर्तमान समय में स्त्रियों के दोयम दर्जे की स्थिति और उत्पीड़न का कारण मुट्ठीभर धनपशुओं के मुनाफ़े की हवस पर टिकी मौजूदा पूँजीवादी व्यवस्था है। इस व्यवस्था ने न केवल स्त्रियों के श्रम को सस्ते बिकाऊ माल में तब्दील कर दिया है बल्कि स्त्री के पूरे वजूद को उपभोग की सामग्री में बदल डाला है। इस व्यवस्था ने न केवल पुरातन स्त्री विरोधी मूल्यों-मान्यताओं को अपनी ज़रूरत के हिसाब से अपना लिया है बल्कि स्त्रियों की मुक्ति के सपनों को बाज़ार की चकाचौंध में गुमराह कर दिया है। 1990-91 से जारी नयी आर्थिक नीतियों के परिणामस्वरूप 'खाओ-पियो, ऐश करो' की संस्कृति में लिप्त एक बर्बर किस्म का नव धनाढ्य वर्ग पैदा हुआ है, जिसे लगता है कि वह पैसे के बल पर सबकुछ ख़रीद सकता है। पूँजीवादी लोभ लालच और भोगवाद की संस्कृति ने स्त्रियों को एक 'कमोडिटी' बना दिया है और पैसे के नशे में चूर इस वर्ग के भीतर उस 'माल' के उपभोग की उन्मादी हवस भर दी है। इन्हीं लुटेरी नीतियों ने एक आवारा, लम्पट पतित वर्ग भी पैदा किया है जो पूँजीवादी अमानवीकरण की सभी हदों को पार कर गया है। फ़ासीवादी भाजपा के सत्तारोहण के बाद बीमार व रुग्ण पितृसत्तात्मक सोच को और खुराक़ मिल रही है।

दूसरे, पूँजीपोषित स्त्री-विरोधी मूल्य-मान्यतायें पूँजीवादी मशीनरी के हर खम्भे में जड़ जमाये पैठी हुई हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक़ मौजूदा विधायकों-सांसदों में से 151 पर स्त्री-उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज है। जिसमें सबसे ज़्यादा भाजपा के हैं। अभी केरल में यौन उत्पीड़न के एक मुकदमे में जज का बयान था-“कि यौन उत्पीड़न का आरोप टिक नहीं पाएगा क्योंकि शिकायतकर्ता ने यौन उत्तेजक तरीके से कपड़े पहने थे।” थानों में मेहनतकश स्त्रियों के एफआईआर तक दर्ज नहीं होते उल्टे थानों में यौन उत्पीड़न के बहुत से मामले सामने आ चुके हैं। कुल मिलाकर, इस मशीनरी के अलग-अलग हिस्सों से स्त्रियाँ किसी न्याय की उम्मीद कैसे कर सकती हैं?

तीसरा, हमारे देश में पूँजीवादी लोकतन्त्र पुनर्जागरण, प्रबोधन और क्रान्ति के रास्ते स्थापित नहीं हुआ। इस कारण हमारे देश के सामाजिक ताने-बाने में जनवादी मूल्यों का बहुत गहरा अभाव है। पूँजीवाद के वर्तमान पतनशील दौर में न केवल नयी विकृतियों को जन्म दिया है बल्कि बहुत से पुराने मूल्यों-संस्थाओं को पूँजीवादी राजनीति ने अपना लिया है। फ़ासीवादी ताकतों ने पुरातनपंथी स्त्री-विरोधी सोच और संस्थाओं को समाज में नए सिरे से खाद-पानी देने का काम किया है। बलात्कारी बाबाओं से लेकर खाप पंचायतों द्वारा स्त्री विरोधी विचारों की उल्टी की जाती रहती है लेकिन इनके मठों और दरबारों में आम स्त्रियों की मौजूदगी बनी रहती है। स्त्री विरोधी अपराधों पर स्त्रियों के कपड़े, मोबाइल इस्तेमाल करने, दोस्त बनाने आदि को ही ज़िम्मेदार ठहरा दिया जाता है। जबकि पेशा, पोशाक और जीवनसाथी चुनने जैसे निर्णयों की आज़ादी दुनिया के बहुतेरे देशों में बहुत पहले ही हासिल कर ली गयी थी। बहुत-सी लड़कियाँ घर से कॉलेज तक परिजनों द्वारा जाने देने को ही परिजनों की उदारता या आधुनिकता मानती हैं। स्त्रियों को यह बात समझनी होगी कि जीवन के सभी क्षेत्रों में उन्हें बराबरी का हक़ ‘देने’ का अधिकार किसी को नहीं है, बल्कि यह उनका जन्मसिद्ध अधिकार है।”

दिशा छात्र संगठन की प्रीति ने कहा कि- “वास्तव में, स्त्रियों को अपनी वास्तविक मुक्ति के लिए अभी एक लम्बी लड़ाई लड़नी है। स्त्री-मुक्ति का रास्ता ‘स्त्री के लिए केवल स्त्री बोलेगी’ या इस पूँजीवादी पितृसत्ता को दुश्मन मानने की जगह ‘पुरुषों को दुश्मन’ मानने की अस्मितावादी राजनीति या इसी पूँजीवादी व्यवस्था में अपने लिए आज़ादी का कोई ‘टापू’ बना लेने की तरफ़ से होकर नहीं जाता। हमें अपने उत्पीड़न के विरुद्ध पूँजीवादी मशीनरी के भरोसे रहने की बजाय तात्कालिक तौर पर गलियों-मुहल्लों, गाँवों-कस्बों-शहरों में अपने संगठन, जुझारू दस्ते बनाने होंगे। हमें यह बात याद रखनी होगी कि पितृसत्ता से मुक्ति बिना पूँजीवाद के ख़ात्मे के बग़ैर उसी तरह सम्भव नहीं है, जिस तरह स्त्री-मुक्ति संघर्ष संगठित किये बग़ैर पूँजीवाद का ख़ात्मा सम्भव नहीं है। इससे बहुत साफ़ है कि स्त्री-मुक्ति आन्दोलन को मौजूदा पूँजीवादी व्यवस्था द्वारा सभी शोषितों-उत्पीड़ितों के संघर्ष से जोड़ना होगा। यह मानवद्रोही व्यवस्था इन सभी की साझा दुश्मन है। हमें क्रान्तिकारी बदलाव के रणक्षेत्र में उतरना होगा। क्लारा जेटकिन, रोजा लक्ज़ेमबर्ग, सावित्रीबाई फुले-फ़ातिमा शेख, दुर्गा भाभी, प्रीतिलता बाडेदार जैसी बहादुर स्त्रियों से प्रेरणा लेनी होगी।”

कार्यक्रम का समापन ‘महिलायें गर उठी नहीं तो ज़ुल्म बढ़ता जाएगा’ क्रान्तिकारी गीत से किया गया। कार्यक्रम में दीपक, निधि, दीपांश, रिया, विनय, अनुष्का, प्रीति गुप्ता, मनीष, आकाश, शेषनाथ, आँचल कुमारी, मनीषा पाल, गीतांजलि, प्रिया गौड़, संध्या चौरसिया, अविनाश, रूपेश, पवन, राम आशीष, संदीप, अनूप, रामू आदि शामिल रहे।

*इस व्यवसायिक युग में लोक परम्परा को संरक्षित रखना एक चुनौती : डॉ संजय *
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गोरखपुर। इस व्यवसायिक युग में अपनी लोक परम्परा को संरक्षित करना निश्चित ही एक चुनौती भरा कार्य है। इस चुनौती को डॉ राकेश श्रीवास्तव ने स्वीकार कर अपनी संस्कृति से युवा पीढ़ी को जोड़ने का कार्य कर रहे है। इसके लिये मैं उन्हें बधाई देता हूँ। यह बातें भोजपुरी एसोसियेशन ऑफ़ इंडिया “भाई” एवं गो विवि के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय पारंपरिक होली गीत कार्यशाला रंग बरसे ….. के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि डॉ संजयन त्रिपाठी ने कही ।

इस अवसर पर प्रो अजय शुक्ला, विभागाध्यक्ष अंग्रेज़ी विभाग दीन दयाल उपाध्याय गो वि वि ने कहा कि इस कार्यशाला में अंग्रेज़ी विभाग के विद्यार्थी अधिक है जो भोजपुरी गीतों के बारे में बिल्कुल नहीं जान रहे है फिर भी बड़े ही उत्साह से होली गीतों को सीख रहे हैं ये उनके अपने संस्कृति एवं परंपरा के प्रति लगाव ही हैं।

आज कार्यशाला के दूसरे दिन विद्यार्थियों ने होली का प्रकार उलारा “ खेले मसाने में होली दिगंबर खेले मसाने में होली ….पूरे सुर और लय के साथ बड़े ही मनोयोग से सीखा। आज दूसरे दिन 58 प्रतिभागियों ने भाग लिया, ढोलक पर पवन ने संगत किया । कार्यक्रम का संचालन शिवेंद्र पांडेय ने किया । इस अवसर पर भाई के कनक हरि अग्रवाल, राकेश मोहन उपस्थित रहे।

*6 दिनों से सड़क पर टूट कर गिरा बिजली का तार, गांव में अंधेरा*
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गोरखपुर- तहसील क्षेत्र के हेमा पिपरा के गांव में बीते 6 दिनों से बिजली का तार टूट कर रास्ते पर गिर गया, जिससे गांव के कई घरों में अंधेरा छाया हुआ है। साथ ही गांव के लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है।

स्थानीय उपभोक्ताओं के द्वारा बिजली विभाग से तार ठीक कराने की शिकायत करने के बाद भी स्थानीय जेई द्वारा बिजली के टूटे तार को जोड़ने का काम नहीं कराया जा रहा। ग्रामप्रधान उमेश यादव ने बताया कि 6 दिनों से बिजली का तार टूट कर नीचे गिरा हुआ है।

गंगटहीं उपकेंद्र के जेई सुशील कुमार से तार जोड़ने का आग्रह किया, किंतु उन्होंने ध्यान नहीं दिया। इसकी शिकायत 1912 नंबर पर भी की गई है। एक्सईएन ग्रामीण अंकित कुमार ने कहा मैं जेई से बात करता हूं की लाइन क्यों नहीं जोड़ी गई है।