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सूरत कपड़ा मार्केट में भीषण आग: 800 कारोबारी बर्बाद, 32 साल की मेहनत एक ही रात में स्वाहा!


सूरत : ये दर्द है गुजरात के सूरत में बसे 800 राजस्थानियों का। इनकी दुकानें सूरत के रिंग रोड स्थित शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट में थीं। 25 फरवरी को मार्केट में भीषण आग लगी।

दुकानों में रखी कारोबारियों की करोड़ों रुपए की नकदी (कैश), 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का क्लॉथ मटेरियल, लेनदेन का हिसाब और दुकान में रखे लैपटॉप कंम्प्यूटर जल गए।

दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 27 फरवरी की देर रात आग पर काबू पाया गया। तब तक सैकड़ों राजस्थानियों की वर्षों की मेहनत, बच्चों के बेहतर भविष्य के सपने सबकुछ जल गया था।

पुलिस ने मार्केट की तरफ जाने वाले रास्ते बंद कर आम लोगों और व्यापारियों की एंट्री बंद कर रखी थी।

3 दिन बाद भी रह-रहकर मार्केट से धुआं उठ रहा था। फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मार्केट को ठंडा करने का काम कर रहे थे।

आस-पास में कई व्यापारी खड़े थे। बेबस टकटकी लगाए जले हुए मार्केट को देख रहे थे। यहीं फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश हाकिम व्यापारियों को ढांढस बंधा रहे थे।

32 साल की मेहनत से बनाई 15 दुकानें जल गईं सबसे पहले हमारी मुलाकात पुखराज राजपुरोहित से हुई। बोले- बेटा! 32 साल पहले जालोर के भीनमाल के छोटे से गांव से सूरत आया था। 17 साल उम्र थी।

खाली हाथ इस शहर में आया था।

कई साल तक नौकरी की। बाद में इधर-उधर से उधार लेकर दुकान की तो यहां बरकत भी मिली। इस शहर ने मुझे करोड़पति बनाया और आज एक ही रात में रोड पर आ गया। कुछ समझ नहीं आ रहा है कि अब क्या करूंगा?

ये बताते-बताते पुखराज का गला भर आया। पास खड़े व्यापारियों ने दिलासा दिया। किसी तरह उन्होंने खुद को संभाला और बोले- रमजान सीजन का टाइम होता है। इसी वजह से दुकान में एडवांस में स्टॉक कर रखा था। आग से 6 करोड़ का नुकसान हो गया। हमारा अकाउंट भी अंदर जल गया है।

जिन व्यापारियों से मैंने उधार लिया है, वो भी संकट में आ गए हैं। मुझे अपने व्यवहार को रखने के लिए अपना सब कुछ बेचना पडे़गा। अब नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या ? कुएं में ही कुछ नहीं है तो किसी को क्या पानी पिलाऊंगा? आज मेरे 32 साल बर्बाद हो गए हैं।

800 दुकानों में नुकसान व्यापारी कमलेश पुरोहित मार्केट के सामने खड़े थे। बोले- इस मार्केट में हम सब राजस्थानियों की ही दुकानें हैं। पहले 25 फरवरी को आग लगी थी, जिसे बुझा लिया गया। अगले दिन पहुंचे तो पता चला फिर से आग लग गई।

2 दुकानों से चलता था 20 लोगों का गुजारा पास में ही खड़े मूलत: उदयपुर के रहने वाले मोहनलाल जोशी खड़े थे। बोले- अब हम इस आगजनी के लिए किसको दोष दें? एडमिनिस्ट्रेशन ने तो आग बुझाने के लिए अपनी जी जान लगा ही दी थी। सरकार से यही विनती है कि वो हमारा सपोर्ट करे।

व्यापारी ने बिल्डर्स और पालिका को जिम्मेदार ठहराया राजस्थान के रेनवाल के रहने वाले व्यापारी विष्णु अग्रवाल ने बताया- 25 साल से मैं यहां रह रहा हूं। बिल्डर्स और सूरत महानगर पालिका के करप्शन के चलते ही इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

आम व्यापारी बेचारे डर के मारे कुछ बोलते नहीं हैं। इस इलाके के कॉर्पोरेटर अभी तक मौके पर ही नहीं आए हैं। मोदी जी तो बहुत बढ़िया नेता हैं, लेकिन उनकी सोच बीजेपी के नीचे तक के नेता को भी रखनी चाहिए।

6 दुकानों के मालिक बोले :अब करनी पड़ेगी नौकरी

राजस्थान के सिरोही के रहने वाले व्यापारी हरीश भाई माली ने बताया- शिवशक्ति मार्केट में मेरी 6 दुकानें थीं। एक दिन में सबकुछ बदल गया। एक दिन पहले तक मैं खुद सेठ था। लोगों को नौकरियां दे रहा था। अगर जल्दी कोई मदद नहीं मिली तो अपने घर को चलाने और लोगों का कर्ज चुकाने के लिए कल से ही मुझे कहीं कोई नौकरी करनी पड़ेगी।

फेडरेशन ऑफ़ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश हाकिम ने बताया- आंखों के सामने व्यापारी भाइयों की दुकानें जल रही थी। वो बेबस इधर-उधर दौड़ रहे थे लेकिन हम कुछ कर नहीं पा रहे थे। व्यापारी रो रहे थे। उन्हें देखकर मेरी भी आंखें नम हो रही थी। उस समय हमारी प्रायोरिटी लोगों की जान बचाने की थी। आग से हजारों करोड़ का नुकसान हो गया है। 

हालांकि इस सूरत शहर की तासीर ऐसी है और यहां मां तापी का हम सबको आशीर्वाद है। हम सब मिलकर एक बार फिर मजबूती से खड़े हो जाएंगे।

हमने एसोसिएशन के माध्यम से भी सभी एजेंट्स और बाहर की मंडियों की पार्टियों से ये अपील की है कि शिवशक्ति मार्केट के व्यापारियों का जितना भी पेमेंट बाहर बकाया है वो उन्हें जल्द से जल्द दिला दें।

हम राज्य सरकार और केंद्र सरकार से भी अपील करते हैं कि इस आगजनी में बर्बाद हुए व्यापारियों को भी नुकसान की भरपाई के लिए कोई विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए। इंश्योरेंस क्लेम के मामले भी तुरंत निपटारा हो।

यमुना नदी में जल्द चलेगी क्रूज सेवा, सोनिया विहार से जगतपुर तक होगा सफर


नयी दिल्ली : दिल्ली में यमुना को संजीवनी देने के मिशन में जुटी बीजेपी सरकार अब नदी में क्रूज सेवा शुरू करने जा रही है. सोनिया विहार से जगतपुर तक 6 किलोमीटर के जलमार्ग पर यह क्रूज चलेगा, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यमुना को भी नया जीवन मिलने की उम्मीद है.

दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (DTTDC) ने शुक्रवार (28 फरवरी) को इस परियोजना के लिए योग्य ऑपरेटर की तलाश में निविदा जारी की. प्रस्ताव के अनुसार, इस क्रूज सेवा में दो सोलर या इलेक्ट्रिक बैटरी से चलने वाली नावें होंगी, जो सोनिया विहार से शुरू होकर जगतपुर (शनि मंदिर) तक जाएंगी और फिर वापसी करेंगी. क्रूज का कुल सफर 7 से 8 किलोमीटर का होगा.

दिल्ली जल बोर्ड, इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI), दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और बाढ़ नियंत्रण विभाग मिलकर इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने जा रहे हैं. इसमें फ्लोटिंग जेटी, नेविगेशनल सुविधाएं और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की भी व्यवस्था होगी.

क्रूज में क्या होंगी खास सुविधाएं?

परियोजना के तहत शुरुआत में दो इलेक्ट्रिक-सोलर हाइब्रिड नावें उपलब्ध कराई जाएंगी. ये नावें 20 से 30 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाली होंगी और 5 से 7 नॉट्स की रफ्तार से चलेंगी. यात्रियों की सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट्स, अनाउंसमेंट सिस्टम और इनबोर्ड बायो-टॉयलेट (शून्य उत्सर्जन) जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.

क्रूज सेवा का संचालन करने वाले ऑपरेटर को यह सुनिश्चित करना होगा कि नावें न केवल सुरक्षित और विश्वसनीय हों, बल्कि यात्रियों को आरामदायक सफर भी प्रदान करें. प्रस्ताव के अनुसार, ये क्रूज आधुनिक, वातानुकूलित होंगे और हर दिन कम से कम चार ट्रिप लगाएंगे.

सरकार के इस कदम से न केवल दिल्ली में जल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यमुना की सूरत बदलने की भी उम्मीद है. क्या यह परियोजना सच में यमुना को पुनर्जीवित कर पाएगी या यह सिर्फ एक और दिखावटी प्रयास होगा? यह तो वक्त ही बताएगा.

राजस्थान के इस गंगा मंदिर में बच्चों की मन्नतें पूरी होने की मान्यता, 9 महीने बाद भर जाती है गोद!


राजस्थान :- देश में कई ऐसे मंदिर हैं जिनके चमत्कार के आगे अच्छे से अच्छे वैज्ञानिक भी सर झुकाते हैं, ऐसे में आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं, जहां दावा है कि कई सालों से जिस महिला के बच्चा नहीं होता तो वह अपने परिवार के साथ यहां आती है और गंगा माता की पूजा आराधना करती है. मान्यता है कि इसके नौ महीने बाद बच्चा हो जाता है.

नागौर के मींडा गांव में गंगा माता का प्राचीन मंदिर है.

मान्यता है कि पूजा से 9 महीने बाद संतान प्राप्ति होती है.

मंदिर की निर्माण शैली ऐतिहासिक और भव्य है.

नागौर : आज भी देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनके रहस्य और चमत्कारों को वैज्ञानिक भी आज तक नहीं समझ पाए हैं. ऐसा ही एक प्रसिद्ध मंदिर नागौर नावां क्षेत्र के समीप मींडा गांव में स्थित है. यह गंगा माता का मंदिर है जो बहुत प्राचीन है. 

यहां दूर-दराज से भक्त आते हैं. मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थित गंगा माता की मूर्ति बहुत सुंदर और भव्य है. भक्त बताते हैं कि यह बहुत प्राचीन मंदिर है. इतना ही नहीं लोगों का दावा है, कि कई सालों से जिस महिला के बच्चा नहीं होता तो वह अपने परिवार के साथ यहां आती है और गंगा माता की पूजा आराधना करती है. 

मान्यता है कि इसके नौ महीने बाद बच्चा हो जाता है. यहां जन्माष्टमी के दिन रात्रि कालीन मेला जागरण लगता है और यहां दूर-दूर से भक्त मेले में शामिल होने आते हैं.

मंदिर निर्माण की बेजोड़ है शैली 

नावां क्षेत्र के मींडा गांव के मुख्य बाजार स्थित गंगा माता मंदिर के निर्माण की शैली ऐतिहासिक है. मंदिर पर गुंबद बने हैं जो खास शैली के हैं. मंदिर पर दर्जनों चांदी के छत्र और सुंदर झरोखे भी बने हैं. मंदिर के मुख्य दरवाजे के सामने वाले बरामदे में सुंदर चित्रकारियां उकेरी गई हैं. 

गृभ ग्रह में गंगा माता की भव्य मूर्ति स्थापित है, उसी जगह राधा कृष्ण की सुंदर मूर्ति भी है. इतना ही नहीं यहां गंगा माता की मूर्ति का सुंदर श्रृंगार भी किया जाता है.

क्या है इस मंदिर की मान्यता

ग्रामीण बताते हैं कि मींडा गांव स्थित गंगा माता का मंदिर अति प्राचीन है. यहां की मूर्ति सोर्स न्यूज़ फास्ट। चमत्कारिक है. भक्त अपनी मन्नत लेकर दूर- दूर से आते हैं. महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए यहां पर अक्सर मन्नत मांगने आती है. मन्नत पूरी होने पर यहां पर पति-पत्नी के साथ आकर माता के छत्र चढ़ाते हैं. ऐसी परंपरा आज भी बनी है. लोग बताते हैं, कि कई सालों से जिस महिला के बच्चा नहीं होता तो वह अपने परिवार के साथ यहां आती है और गंगा माता की पूजा आराधना करती है. 

मान्यता है कि इसके नौ महीने बाद बच्चा हो जाता है. फिर, वही पूरा परिवार इसी अंदर में आकर मन्नत पूरी होने पर माता को चांदी का छत्र भेंट करता है।

दिल्लीवालों सावधान! 40KM की रफ्तार से आ रही आफत, IMD ने जताई बारिश की संभावना


नयी दिल्ली : आईएमडी ने दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हल्की से मध्यमा बारिश की संभावना जताई है. 30-40 किमी/घंटा की तेज हवाएं चलेंगी. 28 फरवरी और 1 मार्च को तेज तूफान और बारिश की संभावना है.

दिल्ली-एनसीआर में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना,कहां-कहां हो सकती है बारिश?

आईएमडी ने बताया कि अगले दो घंटों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नरेला, बवाना, अलीपुर, बुराड़ी, कंझावला, रोहिणी, बादिली, पीतमपुरा, सीमापुरी, मुंडका, जाफरपुर, नजफगढ़ में बारिश की संभावना है.

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के लोनी देहात, हिंडन एयरफोर्स स्टेशन, सहारनपुर, गंगोह, देवबंद, नजीबाबाद, शामली, मुजफ्फरनगर, कांधला, बिजनौर, खतौली, सकौती टांडा, हस्तिनापुर, चांदपुर, बड़ौत, दौराला, बागपत, मेरठ, खेकड़ा और मोदीनगर में बारिश हो सकती है।

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटा, 57 मजदूर बर्फ में दबे, 32 को बचाया गया


चमोली : 57 मजदूर सड़क पर से बर्फ को हटा रहे थे इसी बीच पहाड़ पर ग्लेशियर फटा और सभी 57 मजदूर बर्फ में दब गए अभी तक 32 मजदूरों को रेस्क्यू करके बचाया जा सका है और 25 मजदूर अभी भी बर्फ में दबे हैं। 

भारी बर्फबारी होने के कारण रेस्क्यू को अभी रोक दिया गया है कल से फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।

आफत : अब UPI ट्रांजैक्शन पर लगेगा चार्ज! Google Pay ने शुरू की वसूली


नयी दिल्ली: हाल ही में गूगल पे ने यूपीआई के जरिए भुगतान करने पर "कन्वीनियंस फीस" वसूलनी शुरू कर दी है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल पे ने एक ग्राहक से बिजली बिल के भुगतान पर 15 रुपये की अतिरिक्त फीस ली।

आज के समय में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय तरीका बन चुका है. भारत में रोजाना करोड़ों यूपीआई ट्रांजैक्शन होते हैं, जिससे सैकड़ों करोड़ रुपये का लेनदेन किया जाता है. अधिकतर लोग अपने रोजमर्रा के लेनदेन के लिए यूपीआई का ही इस्तेमाल करते हैं, चाहे वह किराना सामान खरीदना हो, मोबाइल रिचार्ज कराना हो, या फिर अन्य सेवाओं का भुगतान करना हो. पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसी कंपनियां यूपीआई भुगतान के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म हैं, जिनके जरिए अधिकतर ट्रांजैक्शन किए जाते हैं.

UPI ट्रांजैक्शन पर शुल्क की शुरुआत

अब तक यूपीआई ट्रांजैक्शन के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता था, लेकिन अब यह सुविधा जल्द ही फ्री नहीं रहेगी. हाल ही में गूगल पे ने यूपीआई के जरिए भुगतान करने पर “कन्वीनियंस फीस” वसूलनी शुरू कर दी है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल पे ने एक ग्राहक से बिजली बिल के भुगतान पर 15 रुपये की अतिरिक्त फीस ली. रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रांजैक्शन में क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया गया था, और गूगल पे ने इसे “डेबिट और क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए प्रोसेसिंग फीस” के रूप में दर्शाया था. इस शुल्क में जीएसटी भी शामिल था.

मोबाइल रिचार्ज पर पहले से ही लग रही है फीस

यूपीआई के जरिए मोबाइल रिचार्ज करने पर पहले से ही कुछ कंपनियां अलग-अलग नामों से चार्ज वसूल रही हैं. हालांकि, अब यह शुल्क केवल मोबाइल रिचार्ज तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अन्य सेवाओं पर भी लागू हो सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि आने वाले समय में बिजली बिल, इंश्योरेंस प्रीमियम, डीटीएच रिचार्ज, रेलवे और फ्लाइट टिकट बुकिंग, मेट्रो कार्ड रिचार्ज, फास्टैग, और अन्य सेवाओं के लिए यूपीआई से भुगतान करने पर भी शुल्क लिया जा सकता है.

यूपीआई ट्रांजैक्शन का बढ़ता उपयोग

यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल न सिर्फ दुकानों और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जा रहा है, बल्कि पेट्रोल-डीजल, मूवी टिकट, गैस बुकिंग, और मनी ट्रांसफर जैसी सेवाओं के लिए भी इसका उपयोग तेजी से बढ़ा है. सरकार और बैंकों ने अब तक यूपीआई ट्रांजैक्शन को मुफ्त रखा था, जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला. लेकिन, अब कंपनियां इस पर प्रोसेसिंग फीस लगाना शुरू कर रही हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ सकता है.

टोरंटो एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा: लैंडिंग के दौरान विमान पलटा, 19 लोग घायल


नयी दिल्ली: कनाडा केपीयरसन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बड़ा हादसा देखने को मिला है। लैंडिंग के दौरान डेल्टा एयरलाइंस का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दरअसल, विमान जैसे ही लैंडिंग के लिए उतरा बर्फीली जमीन होने के कारण वो पलट गया।

19 घायल, कई लोगों की हालत गंभीर

हादसे में 19 लोग घायल हो गए, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है। एयरपोर्ट ने एक्स पर पुष्टि की कि मिनियापोलिस से डेल्टा की उड़ान के साथ एक "घटना" हुई और 76 यात्री और चार चालक दल के सदस्य घायल हैं।

हादसे में आठ लोग हुए घायल

पुलिस ने बताया कि इस घटना में 19 लोग घायल हुए हैं। घायलों में से एक की हालत गंभीर बताई गई है, जबकि अन्य सात को हल्की चोटें आई हैं।

मिनियापोलिस से आई इस फ्लाइट में सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया गया। 

सूत्रों के अनुसार, विमान के पलटने और आग लगने के कारणों सहित दुर्घटना के कारणों की अभी भी जांच की जा रही है।

आज का इतिहास:1911 में आज ही के दिन भारत में विमान से पहली बार डाक पहुंचाने का हुआ था काम


नयी दिल्ली : 18 फरवरी का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1911 में आज ही के दिन भारत में विमान से पहली बार डाक पहुंचाने का काम हुआ था। 

2014 में आज ही के दिन आंध्र प्रदेश का विभाजन कर तेलंगाना के रूप में देश के 29वें राज्य की स्थापना का प्रस्ताव लोकसभा में पारित किया गया था।

2008 में 18 फरवरी के दिन ही भारतीय रिजर्व बैंक ने स्विस बैंक यूडीएक एजी को देश में कारोबार करने की अनुमति दी थी।

2006 में आज ही के दिन भारत व पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस शुरू हुई थी।

2006 में 18 फरवरी के दिन ही महाराष्ट्र के पोल्ट्री फार्म में भारत का पहला फ़्लू केस दर्ज हुआ था।

1999 में आज ही के दिन बांग्लादेश और भारत के बीच बस सेवा पर समझौता हुआ था।

1998 में 18 फरवरी के दिन ही सी. सुब्रह्मणयम भारत रत्न से सम्मानित हुए थे।

1989 में आज ही के दिन अफ़ग़ान सरकार ने आपात स्थिति की घोषणा की थी।

1979 में 18 फरवरी के दिन ही सहारा रेगिस्तान में पहली और अब तक के रिकार्ड में अंतिम बार हिमपात की घटना हुई थी।

1971 में आज ही के दिन भारत ने अरवी सैटेलाइट स्टेशन के जरिये ब्रिटेन के साथ पहला उपग्रह संपर्क किया था।

1954 में 18 फरवरी के दिन ही पहले चर्च आफ साइंटोलॉजी की स्थापना लॉस एंजिलिस में की गई थी।

1946 में आज ही के दिन मुंबई में रॉयल इंडियन नेवी (नौसेना) का विद्रोह हुआ था।

1946 में आज ही के दिन मुंबई में रॉयल इंडियन नेवी (नौसेना) का विद्रोह हुआ था।

1943 में 18 फरवरी के दिन ही नाजी सेना ने व्हाइट रोज आंदोलन के सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

1915 में आज ही के दिन प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी ने इंग्लैंड की नाकेबन्दी की थी।

1911 में 18 फरवरी के दिन ही विमान से पहली बार डाक पहुंचाने का काम भारत में हुआ था।

1905 में आज ही के दिन श्यामजी कृष्णवर्मा ने इंडिया होमरूल सोसायटी की स्थापना लंदन में की थीं.

18 फरवरी को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1986 में आज ही के दिन भारतीय अभिनेत्री जिया माणेक का जन्म हुआ था।

1941 में 18 फरवरी के दिन ही अमेरिका के गायक इमा थॉमस का जन्म हुआ था।

1933 में आज ही के दिन भारतीय हिंदी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में से एक निम्मी का जन्म हुआ था।

1927 में 18 फरवरी के दिन ही बॉलीवुड के प्रसिद्ध संगीतकार ख़य्याम का जन्म हुआ था।

1925 में आज ही के दिन साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हिंदी की कथाकार और निबंध लेखिका कृष्णा सोबती का जन्म हुआ था।

1899 में 18 फरवरी के दिन स्वतंत्रता सेनानी जयनारायण व्यास का जन्म हुआ था।

1894 में आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ रफ़ी अहमद क़िदवई का जन्म हुआ था।

1883 में 18 फरवरी के दिन भारतीय क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा का जन्म हुआ था।

1836 में आज ही के दिन भारत के महान संत और स्वामी विवेकानन्द के गुरु रामकृष्ण परमहंस उर्फ गदाधर चटर्जी का जन्म हुआ था।

18 फरवरी को हुए निधन

2016 में आज ही के दिन पद्म भूषण से सम्मानित हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक अब्दुल राशिद ख़ान का निधन हुआ था।

1977 में 18 फरवरी के दिन ही अमेरिकी अभिनेता एंडी डिवाइन का निधन हुआ था। 

1546 में आज ही के दिन जर्मन धर्मसुधारक मार्टिन लूथर का निधन हुआ था।

दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके किए गए महसूस, लोग अपने- अपने घरों से निकले बाहर

दिल्ली में सोमवार सुबह 5 बजकर 36 मिनट में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. कई सेकंड तक धरती डोलती रही. लोग दशहत में अपने - अपने घरों से बाहर निकल गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई,इसका केंद्र दिल्ली के आसपास ही बताया जा रहा हैं इसीलिए झटके इतने तेज महसूस किए गए।

बीएड कोर्स अब केवल 1 साल का, जानें क्या हैं नए नियम


नयी दिल्ली :- भारत में शिक्षक बनने के लिए B.Ed, कोर्स करना अनिवार्य है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने 10 साल बाद एक बार फिर से B.Ed, कोर्स की अवधि को 1 साल करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, 1 साल का एमएड कोर्स भी शुरू किया जाएगा। हालांकि, 1 साल के बीएड कोर्स में प्रवेश के लिए कुछ विशेष शर्तें निर्धारित की गई हैं।

योग्यता :

1 साल के B.Ed, कोर्स में प्रवेश के लिए सभी ग्रेजुएट छात्रों को योग्य नहीं माना जाएगा।

एनसीटीई के अनुसार, केवल वे छात्र जो विशेष विषयों में स्नातक की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें इस कोर्स में एडमिशन मिलेगा।

इसके लिए आवश्यक है कि उम्मीदवार ने अपनी ग्रेजुएशन किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से की हो और वह उन विषयों में ग्रेजुएट हो, जिनमें वह शिक्षक बनना चाहता है, जैसे विज्ञान, गणित, या सामाजिक विज्ञान।

कोर्स की शुरुआत :

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1 साल का बीएड कोर्स और 1 साल का एमएड कोर्स अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से शुरू होगा। 

2025 में जो कैंडिडेट्स बीएड करना चाहते हैं, उन्हें 2 साल के कोर्स में भी एडमिशन मिलेगा।

2026 में बीएड एडमिशन के फॉर्म में 1 साल के बीएड और 1 साल के एमएड कोर्स में एडमिशन का विकल्प उपलब्ध होगा।

निष्कर्ष :

यदि आप 1 साल का बीएड कोर्स करने की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप एनसीटीई द्वारा निर्धारित योग्यताओं को पूरा करते हैं। समय पर आवेदन करना और सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखना भी महत्वपूर्ण है।