राजस्थान के इस गंगा मंदिर में बच्चों की मन्नतें पूरी होने की मान्यता, 9 महीने बाद भर जाती है गोद!
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राजस्थान :- देश में कई ऐसे मंदिर हैं जिनके चमत्कार के आगे अच्छे से अच्छे वैज्ञानिक भी सर झुकाते हैं, ऐसे में आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं, जहां दावा है कि कई सालों से जिस महिला के बच्चा नहीं होता तो वह अपने परिवार के साथ यहां आती है और गंगा माता की पूजा आराधना करती है. मान्यता है कि इसके नौ महीने बाद बच्चा हो जाता है.
नागौर के मींडा गांव में गंगा माता का प्राचीन मंदिर है.
मान्यता है कि पूजा से 9 महीने बाद संतान प्राप्ति होती है.
मंदिर की निर्माण शैली ऐतिहासिक और भव्य है.
नागौर : आज भी देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनके रहस्य और चमत्कारों को वैज्ञानिक भी आज तक नहीं समझ पाए हैं. ऐसा ही एक प्रसिद्ध मंदिर नागौर नावां क्षेत्र के समीप मींडा गांव में स्थित है. यह गंगा माता का मंदिर है जो बहुत प्राचीन है.
यहां दूर-दराज से भक्त आते हैं. मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थित गंगा माता की मूर्ति बहुत सुंदर और भव्य है. भक्त बताते हैं कि यह बहुत प्राचीन मंदिर है. इतना ही नहीं लोगों का दावा है, कि कई सालों से जिस महिला के बच्चा नहीं होता तो वह अपने परिवार के साथ यहां आती है और गंगा माता की पूजा आराधना करती है.
मान्यता है कि इसके नौ महीने बाद बच्चा हो जाता है. यहां जन्माष्टमी के दिन रात्रि कालीन मेला जागरण लगता है और यहां दूर-दूर से भक्त मेले में शामिल होने आते हैं.
मंदिर निर्माण की बेजोड़ है शैली
नावां क्षेत्र के मींडा गांव के मुख्य बाजार स्थित गंगा माता मंदिर के निर्माण की शैली ऐतिहासिक है. मंदिर पर गुंबद बने हैं जो खास शैली के हैं. मंदिर पर दर्जनों चांदी के छत्र और सुंदर झरोखे भी बने हैं. मंदिर के मुख्य दरवाजे के सामने वाले बरामदे में सुंदर चित्रकारियां उकेरी गई हैं.
गृभ ग्रह में गंगा माता की भव्य मूर्ति स्थापित है, उसी जगह राधा कृष्ण की सुंदर मूर्ति भी है. इतना ही नहीं यहां गंगा माता की मूर्ति का सुंदर श्रृंगार भी किया जाता है.
क्या है इस मंदिर की मान्यता
ग्रामीण बताते हैं कि मींडा गांव स्थित गंगा माता का मंदिर अति प्राचीन है. यहां की मूर्ति सोर्स न्यूज़ फास्ट। चमत्कारिक है. भक्त अपनी मन्नत लेकर दूर- दूर से आते हैं. महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए यहां पर अक्सर मन्नत मांगने आती है. मन्नत पूरी होने पर यहां पर पति-पत्नी के साथ आकर माता के छत्र चढ़ाते हैं. ऐसी परंपरा आज भी बनी है. लोग बताते हैं, कि कई सालों से जिस महिला के बच्चा नहीं होता तो वह अपने परिवार के साथ यहां आती है और गंगा माता की पूजा आराधना करती है.
मान्यता है कि इसके नौ महीने बाद बच्चा हो जाता है. फिर, वही पूरा परिवार इसी अंदर में आकर मन्नत पूरी होने पर माता को चांदी का छत्र भेंट करता है।
Mar 02 2025, 17:19