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प्रयागराज के हर कोने में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, आज मौनी अमावस्या पर टूटेंगे रिकॉर्ड

डेस्क:–महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर, संगम नगरी प्रयागराज एक बार फिर श्रद्धालुओं के अटूट विश्वास और भक्ति का केंद्र बन गई है। मौनी अमावस्या, जिसे महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र स्नान पर्व माना जाता है, मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से अधिक लोगों के गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने की संभावना है। यह दिन सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है, जब श्रद्धालु मौन धारण कर पवित्र स्नान के जरिए आत्मशुद्धि और मोक्ष की कामना करते हैं।

मौनी अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास की अमावस्या तिथि को आती है। इसे मौन रहकर आत्मचिंतन और तपस्या का दिन माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से महाकुंभ के दौरान इस तिथि का महत्व और भी बढ़ जाता है। यही कारण है कि करोड़ों श्रद्धालु देश-विदेश से संगम नगरी पहुंचते हैं।

महाकुंभ 2025 के अब तक के 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक लोग पवित्र स्नान कर चुके हैं। मौनी अमावस्या पर इस संख्या में बड़ा इजाफा होने की संभावना है। प्रशासन का अनुमान है कि बुधवार को 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा और संगम में डुबकी लगाएंगे। संगम क्षेत्र में भक्तों की भीड़ सुबह से लेकर देर रात तक बनी रहेगी।

प्रदेश सरकार के मुताबिक, मकर संक्रांति (14 जनवरी) को 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों ने अमृत स्नान में हिस्सा लिया। वहीं आगामी मौनी अमावस्या के लिए आठ से 10 करोड़ लोगों के 28 से 30 जनवरी तक स्नान करने की संभावना है। अकेले मंगलवार को 4.80 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। यह संख्या मकर संक्रांति को अमृत स्नान में डुबकी लगाने वाले 3.5 करोड़ लोगों से भी अधिक है।

राज्य सरकार ने कहा कि उसने मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को सुबह पौने सात बजे श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करने की योजना बनाई है।

अमृत स्नान (पूर्व में शाही स्नान), महाकुंभ मेले का सबसे पवित्र और सबसे बड़ा स्नान पर्व होता है जिसमें दुनियाभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण विभिन्न अखाड़ों के साधुओं का स्नान होता है।

अमृत स्नान की तिथियां सूर्य, चंद्र और बृहस्पति के ज्योतिषीय मेल पर आधारित होती हैं और माना जाता है कि इनके योग से पवित्र नदियों की अध्यात्मिक शक्ति बढ़ जाती है। यह भी माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों का जल अमृत में परिवर्तित हो जाता है। मौनी अमावस्या का स्नान पारंपरिक रूप से मौन रहकर किया जाता है।

उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ को संभालने के लिए विशेष तैयारियां की हैं। मेला क्षेत्र के हर हिस्से में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद से श्रद्धालुओं की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। साथ ही, कुंभ मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अतिरिक्त बसें, विशेष ट्रेनें, और ट्रैफिक डायवर्जन की योजनाएं लागू की गई हैं। वाहनों को पार्किंग स्थलों तक ही सीमित रखा गया है, जिससे मेले में अव्यवस्था न हो।

उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने मंगलवार को बताया कि उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने-अपने स्टेशनों से ट्रेनें चलाने की व्यवस्था की है। इस दौरान 150 से अधिक ट्रेनें चलाने का लक्ष्य रखा गया है और आवश्यकता पड़ने पर और अधिक ट्रेनें चलाई जाएंगी ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को सुरक्षित और त्वरित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके।

उन्होंने बताया कि अयोध्या-वाराणसी के लिए प्रयागराज जंक्शन की बजाय झूसी, रामबाग, फाफामऊ, प्रयाग जंक्शन से ट्रेनें उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, रेलवे ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्लेटफॉर्म पर न सोएं और न ही लेटें, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। मौनी अमावस्या के दिन कुछ ट्रेनें कैंसिल भी की गई हैं। साथ ही, राज्य सरकार के सहयोग से आठ हजार बसों के संचालन की भी तैयारी की गई है।

*स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाएं*

मेला क्षेत्र में 24/7 चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं। एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है।

*साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाएं*

गंगा की स्वच्छता बनाए रखने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाया गया है। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए शौचालय, पेयजल, और भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है।

*तकनीक का उपयोग*

महाकुंभ 2025 में सुरक्षा और प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का भरपूर उपयोग हो रहा है। एआई-आधारित कैमरे न केवल भीड़ प्रबंधन में मदद कर रहे हैं, बल्कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तत्काल सूचना भी दे रहे हैं। वहीं, ड्रोन की तैनाती से मेला क्षेत्र का व्यापक सर्वेक्षण किया जा रहा है।

*धार्मिक और सांस्कृतिक आकर्षण*

महाकुंभ के दौरान स्नान के साथ-साथ श्रद्धालु विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी हिस्सा बन रहे हैं। कथा-वाचन, भजन-कीर्तन, और साधु-संतों के प्रवचन से मेला क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिकता का अनूठा माहौल बना हुआ है।

*आर्थिक और सामाजिक प्रभाव*

महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह प्रयागराज और आस-पास के क्षेत्रों के लिए एक आर्थिक अवसर भी है। स्थानीय व्यापारियों, होटलों, और परिवहन सेवाओं को इससे बड़ा लाभ मिलता है। इसके अलावा, यह आयोजन भारतीय संस्कृति और विरासत का वैश्विक स्तर पर प्रचार करता है।

*महाकुंभ 2025 इस बार भी करोड़ों भक्तों की भक्ति और समर्पण का गवाह बनेगा*

मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान करना श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। महाकुंभ 2025 इस बार भी करोड़ों भक्तों की भक्ति और समर्पण का गवाह बनेगा। प्रशासन और श्रद्धालु मिलकर इसे एक सुरक्षित, स्वच्छ और स्मरणीय आयोजन बनाने की दिशा में तत्पर हैं।
प्रयागराज में भक्तों का सैलाब , मौनी अमावस्या पर रेलवे की 150 स्पेशल ट्रेनों का इंतजाम


डेस्क:–प्रयागराज में मौनी अमावस्या के अवसर पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस धार्मिक मौके पर लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती संगम में स्नान करने पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने 150 स्पेशल ट्रेनों का इंतजाम किया है, ताकि यात्रा को सुविधाजनक बनाया जा सके। विशेष ट्रेनों में सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि अतिरिक्त ट्रेनों की मदद से यात्रियों को भीड़ से बचाया जाएगा और उनका सफर सुगम होगा। इस आयोजन से श्रद्धालुओं की आस्था और रेलवे की व्यवस्था दोनों ही प्रमुख चर्चा का विषय बने हैं।


मौनी अमावस्या पर बुधवार को महाकुंभ के अमृत स्नान को लेकर प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। वाराणसी के कैंट स्टेशन से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज के लिए रवाना हो रहे हैं। रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है, ताकि यात्रा की व्यवस्था बेहतर हो सके। बावजूद इसके, यात्रियों की संख्या इतनी अधिक है कि हर ट्रेन खचाखच भरी हुई जा रही है।

वाराणसी कैंट स्टेशन के एडीआरएम लाल जी चौधरी ने बताया कि मौनी अमावस्या के स्नान को लेकर भीड़ का अनुमान पहले ही था और इसको देखते हुए रेलवे प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। कैंट स्टेशन से आठ स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया है और प्लेटफार्मों पर भीड़ की स्थिति का प्रबंधन करने के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और टीम पूरी तरह से सक्रिय हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। रेलवे प्रशासन ने यह भी कहा कि भीड़ बढ़ने पर स्टेशन पर अतिरिक्त ट्रेनों का भी इंतजाम किया जाएगा और किसी भी असुविधा से निपटने के लिए सभी संभावित उपाय किए जाएंगे।

कुंभ में स्नान करने आए कृष्ण कुमार ने कहा कि इस बार भीड़ का अनुमान एक लाख से ज्यादा है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के अनुसार यह संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्नान सनातन धर्म के उत्थान और जागृति का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

भीम ठाकुर और आनंद मोहन झा जैसे अन्य श्रद्धालुओं ने भी अपनी यात्रा के दौरान अनुभव साझा किए और बताया कि इस समय स्टेशन पर एक भक्तिमय वातावरण बना हुआ है।

रेलवे प्रशासन का कहना है कि जैसे-जैसे भीड़ बढ़ेगी, वे विशेष व्यवस्थाओं को और मजबूत करेंगे और यात्रा को सहज बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने मंगलवार को बताया कि उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने-अपने स्टेशनों से ट्रेनें चलाने की व्यवस्था की है। इस दौरान 150 से अधिक ट्रेनें चलाने का लक्ष्य रखा गया है और आवश्यकता पड़ने पर और अधिक ट्रेनें चलाई जाएंगी ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को सुरक्षित और त्वरित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके।

उन्होंने बताया कि अयोध्या-वाराणसी के लिए प्रयागराज जंक्शन की बजाय झूसी, रामबाग, फाफामऊ, प्रयाग जंक्शन से ट्रेनें उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, रेलवे ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्लेटफॉर्म पर न सोएं और न ही लेटें, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। मौनी अमावस्या के दिन कुछ ट्रेनें कैंसिल भी की गई हैं। साथ ही, राज्य सरकार के सहयोग से आठ हजार बसों के संचालन की भी तैयारी की गई है।

प्रयागराज रेलवे मंडल के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन लगभग 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था, जिसके लिए 101 मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं। मेला प्राधिकरण का अनुमान है कि मौनी अमावस्या के दिन 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम स्नान करेंगे। रेलवे ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन 150 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिनमें से सबसे अधिक ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन से चलेंगी। इसके अलावा, अन्य मंडल स्टेशनों से दिशावार स्पेशल ट्रेनों का संचालन भी किया जाएगा।

अधिकारी ने आगे कहा कि एक दिन में 150 से अधिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन करना अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा। अनुमान है कि नियमित और स्पेशल ट्रेनों के संचालन से मौनी अमावस्या के दिन हर चार मिनट में एक नई ट्रेन रवाना होगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
जम्मू-कश्मीर: राजौरी के बदहाल गांव में अज्ञात बीमारी के कारण लगाई धारा 144

डेस्क:–जम्मू-कश्मीर में राजौरी जिले के बधाल गांव में एक अज्ञात बीमारी के प्रकोप के कारण गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया और अब धारा 144 लगा दी गई। इस बीमारी के कारण 17 लोगों की जान चली गई। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने गांव की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर चौकियां स्थापित की हैं और लोगों को राशन से लेकर पीने के पानी तक की सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। साथ ही रहस्यमयी बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक और निजी समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। बीमारी के कारण का पता लगाने के लिए उपचार और परीक्षण करने के लिए चिकित्सा दल भी गांवों में तैनात किए गए हैं।

विशेषज्ञों की एक केंद्रीय टीम मौत के कारणों की जांच कर रही है और 200 से अधिक नमूने कई संस्थानों में परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए सुरक्षा जांच की जा रही है। फार्मासिस्ट ने कहा कि नर्स और पैरामेडिक्स यह सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं कि स्थिति नियंत्रण में रहे। अगर मरीज की हालत खराब होती है तो हम उन्हें राजौरी ले जा रहे हैं। डॉक्टर भी स्थिति की जांच कर रहे हैं और इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) को भी बीमारी से निपटने के लिए मजबूत किया जा रहा है। सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जीएमसी राजौरी को पांच बाल रोग विशेषज्ञ और पांच एनेस्थीसिया विशेषज्ञ उपलब्ध कराए हैं। जीएमसी राजौरी के प्रिंसिपल डॉ एएस भाटिया ने बताया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार की उन्नत तकनीक मौजूद हैं और अस्पताल में एडवांस केयर एंबुलेंस भी तैयार हैं।
जम्मू-कश्मीर के कटरा उप-मंडल के तहत आने वाले सभी 41 गांवों के निवासियों को माता वैष्णो देवी के दर्शन करने में प्राथमिकता दी जाएगी

डेस्क:–जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने घोषणा की है कि कटरा शहर और कटरा उप-मंडल के तहत आने वाले सभी 41 गांवों के निवासियों को माता वैष्णो देवी के दर्शन करने में प्राथमिकता दी जाएगी। जो लोग यहां के रहने वाले हैं, उन्हें आमजनों के मुकाबले माता के दर्शन तुरंत प्राप्त होंगे। श्राइन बोर्ड ने कहा है कि इसके लिए स्थानीय लोगों को अपना वैध पता दिखाना होगा। दुर्गा भवन के पास वैध पते के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड दिखाने पर श्री माता वैष्णो देवी जी के मंदिर में दर्शन में प्राथमिकता दी जाएगी।

श्राइन बोर्ड ने ये भी बताया है कि 25 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए निकास मार्ग की नींव रखने का काम भी शुरू कर दिया गया है। यह निकास मार्ग स्काईवॉक जैसा होगा, जिसका उद्देश्य भवन क्षेत्र और नए वैष्णवी भवन में भीड़भाड़ को कम करना होगा। ताकि श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा में दिक्कत ना हो और उन्हें सुखद अनुभव कराया जा सके।

श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने संबोधन के दौरान, गुफा मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों के कल्याण औरउनकी सुविधाओं के लिए श्राइन बोर्ड की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि श्राइन बोर्ड देश और विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मौजूदा बुनियादी ढांचे को और अधिक उन्नत और विस्तारित करने की किशिशों में जुटा है। उन्होंने बताया कि श्री माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल पर भक्तों की संख्या लगातार तीसरे वर्ष 90 लाख से अधिक रही है।
अगले महीने लॉन्च हो सकता है Vivo V50, जानिए क्या मिलेंगे स्पेसिफिकेशन

डेस्क:–पिछले साल अगस्त में Vivo V40 सीरीज को भारत में लॉन्च किया गया था। अब कंपनी इसके सक्सेसर के तौर पर Vivo V50 को लेकर आ रही है। सीरीज का वनीला मॉडल लॉन्च से पहले कई सर्टिफिकेशन साइट्स पर लिस्ट किया गया है। फोन NCC और NBTC पर देखा जा चुका है। जहां इसकी लॉन्च टाइमलाइन, प्रोसेसर और स्टोरेज समेत कई डिटेल मिली है। इसमें क्या स्पेसिफिकेशन मिलेंगे और इसकी कीमत कितनी रह सकती है।

Vivo V50 को अगले महीने भारत में लॉन्च किया जा सकता है। अगले हफ्तों में इससे जुड़े टीजर कंपनी जारी करेगी। सीरीज में इस बार कंपनी प्रो मॉडल नहीं लेकर आ रही है। लेकिन इसमें Vivo V50e शामिल हो सकता है, जिसे BIS पर हाल ही में देखा गया था।

परफॉर्मेंस- इस फोन में परफॉर्मेंस के लिए Qualcomm Snapdragon 7 Gen 3 चिपसेट मिलेगा। यही प्रोसेसर वीवो वी40 में भी मिला था।


स्टोरेज- यह फोन 8GB+128GB, 8GB+256GB और 12GB + 512GB वेरिएंट में लॉन्च होगा।

कलर्स- Vivo V50 रेड रोज, ग्रे और ब्लू कलर में लॉन्च किया जाएगा।

वीवो की V सीरीज भारत में आमतौर पर चाइना की S सीरीज का रिब्रांड वर्जन होती है। इसमें मामूली बदलाव किए जाते हैं। इस फोन में 90W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट वाली 6,000 mAh की बैटरी मिलेगी। जबकि चीन में मौजूद Vivo S20 में 6500 mAh का बैटरी पैक मिलता है।

कनेक्टिविटी के लिहाज से फोन में 5G, Wi-Fi 6, Bluetooth, GPS और NFC की सुविधा मिलेगी। स्मार्टफोन में 50MP का प्राइमरी कैमरा, 50MP सेकेंडरी सेंसर और सेल्फी के लिए 50MP सेल्फी कैमरा दिया दिया जाएगा। डिवाइस में 120Hz रिफ्रेश रेट को सपोर्ट करने वाली 6.67 इंच की FHD+ एमोलेड डिस्प्ले दी जाएगी।

वीवो एस20 और एस20 प्रो दोनों में 1.5K रिजॉल्यूशन, 120Hz रिफ्रेश रेट, 5,000 निट्स तक की पीक ब्राइटनेस और HDR10+ सपोर्ट के साथ 6.67 इंच की एमोलेड डिस्प्ले है। स्टैंडर्ड मॉडल में फ्लैट पैनल है जबकि प्रो वेरिएंट में कर्व्ड स्क्रीन है। S20 में 50MP मेन और 8MP अल्ट्रा-वाइड-एंगल लेंस का डुअल कैमरा सेटअप है। दूसरी ओर S20 प्रो में 50MP Sony IMX921 प्राइमरी सेंसर, 50MP अल्ट्रा-वाइड और 3x जूम के साथ 50MP पेरिस्कोप शूटर है। दोनों फोन में 50MP का फ्रंट स्नैपर है।

Vivo V50 को 35,000 रुपये के प्राइस सेगमेंट में लाया जा सकता है। Vivo V40 को 34,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया गया था।

भोपाल में आयोजित होने वाले वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के लिए सोमवार को चार दिवसीय जापान यात्रा पर मोहन यादव

डेस्क:–मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव निवेश के अवसरों की तलाश और अगले महीने राज्य की राजधानी भोपाल में आयोजित होने वाले वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (जीआईएस) के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के लिए सोमवार को चार दिवसीय जापान यात्रा पर रवाना होंगे। जीआईएस 24-25 फरवरी, 2025 को भोपाल में आयोजित होने वाला है। दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य मध्यप्रदेश के निवेश माहौल और औद्योगिक बुनियादी ढांचे को उजागर करना है, जो संभावित सहयोग के लिए कई अवसर प्रदान करता है।

यह वैश्विक नेताओं, उद्योगपतियों और विशेषज्ञों के लिए उभरते बाजारों और रुझानों पर अंतर्दृष्टि साझा करने और मध्यप्रदेश की निवेश क्षमता का लाभ उठाने के तरीकों का पता लगाने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।

यात्रा के दौरान, सीएम यादव जापान के प्रमुख शहरों जैसे टोक्यो, ओसाका और कोबे में स्थानीय उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों के बारे में बातचीत करेंगे। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री का यह दौरा भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आज जापान यात्रा पर रवाना होने से पहले सीएम यादव ने कहा कि "हमारी सरकार समाज के सभी वर्गों, खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। पिछले एक साल में किए गए कामों के बाद मध्य प्रदेश कई क्षेत्रों में विकास देख रहा है। आज मैं जापान जा रहा हूं। जापान मध्य प्रदेश में कई क्षेत्रों में काम करेगा। मुझे वहां 24-25 फरवरी को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए निमंत्रण देना है"

"मुझे खुशी है कि युवाओं को उनकी योग्यता और उनकी बुद्धि के अनुसार रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार पूरा सहयोग कर रही है। हम पूरी ताकत से आगे बढ़ेंगे, मध्य प्रदेश को आगे बढ़ाएंगे और सभी को काम देंगे। मैं सभी युवाओं को विश्वास दिलाता हूं कि आइए नए युग की ओर बढ़ें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश भी आगे बढ़ रहा है।"

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सीएम यादव सोमवार शाम को नई दिल्ली से टोक्यो के लिए रवाना होंगे और मंगलवार (28 जनवरी) की सुबह टोक्यो पहुंचेंगे। 28 जनवरी की सुबह वे जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज के साथ उनके निवास पर बैठक करेंगे और फिर एडोगावा शहर में महात्मा गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
भोपाल गैस कचरे के खिलाफ पीथमपुर में मशाल जुलूस

डेस्क:–पीथमपुर के निवासियों ने पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े जहरीले कचरे को जलाए जाने के विरोध में सड़कों पर उतरकर जोरदार मशाल जुलूस निकाला। शनिवार रात को निकाली गई इस रैली में सैकड़ों स्थानीय लोगों ने नारे लगाए "भोपाल का कचरा पीथमपुर में नहीं जलेगा" और अपने हाथों में साइन बोर्ड थामे हुए थे।

सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने कहा कि यह रैली ज्ञान, आशा और एकता का प्रतीक है।उन्होंने कहा कि "हम यह संदेश देना चाहते हैं कि पीथमपुर के लोग एकजुट हैं और हम इस कचरे को यहां नहीं जलने देंगे।" दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा के रूप में चर्चित "भोपाल गैस त्रासदी" नामक दुखद घटना के चार दशक बाद, 1 जनवरी की रात को भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने से विषाक्त अपशिष्ट पदार्थों को सुरक्षित निपटान के लिए पीथमपुर ले जाया गया।

2 और 3 दिसंबर, 1984 की मध्यरात्रि को यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र से घातक गैस लीक होने के बाद भोपाल गैस त्रासदी ने कई हजार लोगों की जान ले ली थी। 6 जनवरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले के संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सोमवार को मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री साइट के जहरीले कचरे के निपटान के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के विभिन्न निर्देशों के आधार पर हमने इसे पीथमपुर पहुंचाया क्योंकि यह एकमात्र केंद्र है जहां हानिकारक तत्वों वाले सभी प्रकार के रसायनों को वैज्ञानिक तरीकों से संसाधित किया जाता है। हमने हाईकोर्ट के सामने फिर से अपना पक्ष रखा, जैसा कि मैंने पहले घोषणा की थी कि हम इन सभी चीजों के लिए कोर्ट से समय मांगेंगे जब तक कि हम सभी लोगों को विश्वास में नहीं ले लेते। मुझे संतुष्टि है कि हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है और इसके लिए छह सप्ताह का समय दिया है।"

सीएम ने कहा कि "इस बीच, सभी पक्ष और यदि कोई और अपना पक्ष रखना चाहता है तो वह कोर्ट के सामने रख सकता है और राज्य सरकार कोर्ट के फैसले का पालन करेगी।" याचिकाकर्ताओं के वकील नमन नागरथ ने कहा कि राज्य सरकार ने 3 दिसंबर के आदेश का पालन करने के लिए छह सप्ताह का समय मांगा, जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को वह समय दे दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होनी है।
कौन है राजेश खुल्लर, जिन्हें कैबिनेट मंत्री के बराबर का मिलने वाला था रैंक!

डेस्क:–बात करेंगे एक ऐसे ब्यूरोक्रेट की जिसका दबदबा हरियाणा की सत्ता के गलियारे में रहा। हरियाणा सीएम के प्रमुख प्रधान सचिव राजेश खुल्लर जो कि पूर्व सीएम मनोहर लाल के बाद अब नए सीएम नायब सैनी के भी खास बने हुए हैं। उनके साथ काम करने वाले खुल्लर को कुशल और जटिल फाइलों को तेजी और सटीकता के साथ नेविगेट करने में सक्षम बताते हैं। बात राजेश खुल्लर की करें तो सीएमओ में सबसे ताकतवर अधिकारियों में से एक वे बनकर उभरे थे और उनके अधीन कई अहम विभाग भी रहे।

खुल्लर का जन्म 31 अगस्त 1963 को अंबाला कैंट में हुआ था। कुरुक्षेत्र युनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और पंजाब युनिवर्सिटी से गोल्ड मेडल के साथ फिजिक्स में एम.एससी. की डिग्री हासिल की। आईआईटी-दिल्ली में एमटेक करने के दौरान, उन्हें 1987 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए चुना गया और उन्हें महाराष्ट्र काडर में नियुक्त किया गया। हालांकि, हैदराबाद में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में अपने प्रशिक्षण के दौरान, उन्हें 1988 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चुना गया और उन्हें हरियाणा काडर आवंटित किया गया।

हरियाणा में भ्रष्टाचार की जड़ माने जाने वाले सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज से जुड़ी प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। राजेश खुल्लर की सितंबर-2020 में वर्ल्ड बैंक के वॉशिंगटन डीसी कार्यालय में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति हो गई। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी।

35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे।लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब बीजेपी ने मनोहर लाल की जगह नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया था, तब भी राजेश खुल्लर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी थे।

हरियाणा सरकार के गठन के बाद सीएमओ में जब नियुक्तियां शुरू हुई थी तो सबसे पहली नियुक्ति रिटायर्ड आइएएस अधिकारी राजेश खुल्लर की ही हुई थी। दूसरी बार मुख्यमंत्री बने नायब सैनी के मुख्य प्रधान सचिव बने थे राजेश खुल्लर प्रदेश के । प्रदेश सरकार ने राजेश खुल्लर का मान सम्मान और दर्जा बढ़ाते हुए उन्हें कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा दिया था।

राजेश खुल्लर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार में उनके प्रधान सचिव थे और बाद में मुख्य प्रधान सचिव भी बने थे। उन्हीं के निर्देशन में लोकसभा और विधानसभा चुनाव भाजपा सरकार ने लड़े तथा जीते। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने राजेश खुल्लर के नियुक्ति आदेश जारी किए हैं।

राजेश खुल्लर 1998 बैच के आइएएस अधिकारी रहे हैं। वे 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के तुरंत बाद दो सितंबर 2023 को राजेश खुल्लर को तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने अपना मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त कर लिया था।


राजेश खुल्लर की गिनती सुलझे हुए अधिकारियों में होती है। उन्होंने केंद्र सरकार तथा विश्व बैंक में भी अपनी सेवाएं दी हैं। राजेश खुल्लर की नियुक्ति के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में और भी कई नियुक्तियों के आदेश जारी किए गए थे।
NOTHING 3A नए लुक और प्रोसेसर के साथ जल्द बाजार में,टीजर किया जारी

डेस्क:–स्मार्टफोन कंपनी NOTHING  डिवाइस में नए और आकर्षक डिजाइन के लिए जानी जाती है। NOTHING कंपनी ने कई स्मार्टफोन लॉन्च कर दिए है जिसे लोगों ने खूब पसंद किया है। अब NOTHING कंपनी नए स्मार्टफोन को पेश करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि कंपनी जल्द ही NOTHING 3A स्मार्टफोन को लॉन्च करने वाली है। कंपनी ने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक टीजर जारी किया है जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि बाजार में जल्द ही NOTHING का नया स्मार्टफोन पेश किया जाएगा।

NOTHING कंपनी ने अभी स्मार्टफोन को पेश करने और फीचर की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि 3A स्मार्टफोन में नए लुक के साथ दमदार प्रोसेसर Snapdragon 7s दिया जा सकता है। स्मार्टफोन में 5000mAh का बैटरी पैक मिल सकता है। इसे चार्ज करने के लिए 45W का चार्जर मिलने की उम्मीद है। साथ ही NOTHING 3A में बेहरत फोटो कैप्चर करने के लिए टेलिफोटो लैंस और AI फीचर दिए जा सकते है। स्मार्ट फीचर और लुक के साथ NOTHING 3A की कीमत लगभग 25 हजार तक हो सकती है।
मध्य प्रदेश के 17 पवित्र शहरों में शराब बंद: CM मोहन यादव

डेस्क:–मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को घोषणा की कि मध्य प्रदेश सरकार राज्य के 17 पवित्र शहरों में शराब की दुकानें बंद कर देगी। मुख्यमंत्री के अनुसार जिन क्षेत्रों में शराब की दुकानें बंद होंगी, वे हैं: दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक, सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, कुंडलपुर, बांदकपुर और बरमानखुर्द। दुकानों को कहीं और शिफ्ट नहीं किया जाएगा बल्कि नगर निगम सीमा में पूरी तरह से बंद रहेंगी," उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा। इसके अलावा, भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि यह मध्य प्रदेश में शराब को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में केवल पहला कदम है।

हम आध्यात्मिक स्थलों पर शराब पर प्रतिबंध लगाने के एक बड़े फैसले की ओर बढ़ रहे हैं। शराब की लत परिवार में बहुत सारी समस्याओं का कारण बनती है और हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन लाने की कोशिश कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि महिलाएं, बच्चे, किसान और हर कोई बेहतर जीवन जिए।'' प्रतिबंध की घोषणा यादव द्वारा राज्य में 17 धार्मिक पूजा स्थलों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के एक दिन बाद हुई है।

नरसिंहपुर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि "शराब के सेवन से होने वाले नुकसान से सभी वाकिफ हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे युवा बिगड़ें, क्योंकि वे देश का भविष्य हैं। मध्य प्रदेश सरकार 17 धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाएगी। मध्य प्रदेश में जहां-जहां भगवान कृष्ण और भगवान राम ने अपने कदम रखे हैं, वहां-वहां शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।"