अजित डोभाल के बाद अब विदेश सचिव विक्रम मिस्री जा रहे चीन, क्या है प्लान?
#foreignsecretaryvikrammisrivisitbeijingknowwhaton_agenda
भारत और चीन के बीच रिश्तों में गर्मजोशी देखने को मिल रही है। भारत लगातार अपने पड़ोसी देश चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने की कवायद में जुटा है। इसी क्रम में विदेश सचिव विक्रम मिस्री इस महीने के अंत में चीनी उप विदेश मंत्री के साथ बातचीत करने के लिए चीन का दौरा करेंगे। मिस्री की यात्रा वीजा, डॉयरेक्ट फ्लाइट फिर से शुरू करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विघटन में एक बड़ी सफलता के बाद आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित होगी। ये यात्रा दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव कम करने के हालिया प्रयासों की अगली कड़ी है। मिस्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के दौरे के एक महीने बाद यहां जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, विदेश सचिव विक्रम मिस्री दो दिन के लिए चीन के दौरे पर जा रहे हैं। वहां अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात के साथ ही टॉप लीडरशिप के साथ भी बातचीत होने की संभावना है। विदेश विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, विदेश सचिव विक्रम मिस्री 26 और 27 जनवरी 2025 तक चीन में रहेंगे। भारत और चीन ने विदेश सचिव और वाइस मिनिस्टर की मुलाकात को लेकर एक प्रॉपर मेकेनिज्म तैयार किया है, ताकि दोनों देशों के संबंधों को लेकर लिए गए फैसलों पर अमल की समय-समय पर समीक्षा की जा सके और उसे प्रभावशाली तरीके से लागू किया जा सके।
सैन्य गश्त से संबंधित समझौता
दोनों देशों ने लद्दाख क्षेत्र में अपनी विवादित सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अक्टूबर 2024 में, दोनों देश एलएसी पर सैन्य गश्त से संबंधित एक समझौते पर सहमत हुए। भारत-चीन सीमा मुद्दे में एक बड़े घटनाक्रम में चीनी सैनिक लद्दाख के वाई जंक्शन और राकी नाला के देपसांग क्षेत्र से पीछे हट गए। 12 सितंबर को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में अजित डोभाल और वांग यी की मुलाकात हुई थी। माना जा रहा है कि इसी मुलाकात के दौरान अक्टूबर में एलएसी पर हुए डिसइंगेजमेंट का फ्रेमवर्क तैयार किया गया था।
एनएसए डोभाल की चीन यात्रा
अजित डोभाल भारत-चीन विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में भाग लेने के लिए 17 दिसंबर को चीन की यात्रा पर गए थे। चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद पर चर्चा के लिए पिछले साल दिसंबर में बीजिंग में मुलाकात की थी। उन्होंने विवादित सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से सहमत समाधान खोजने का वादा किया।
मोदी-शी के बीच हुई बात
2020 में गलवान घाटी में हुई भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प से पहले दिसंबर 2019 में चीन और भारत के बीच बैठक हुई थी। उसके बाद यह सिलसिला विवाद के कारण रुक गया था। ऐसे में 2019 के बाद दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच डोभाल और वांग यी के बाद दूसरी उच्च स्तरीय वार्ता है। दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघलने का सिलसिला अक्टूबर 2024 में कजान में मोदी-शी के बीच बातचीत से शुरू हुआ।
6 hours ago