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एक पंचायत ऐसा भी, जिसे पांच साल में मिले पांच सरपंच, त्रस्त ग्रामीणों ने चुनाव को लेकर लिया बड़ा फैसला…

गरियाबंद- गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक में एक ऐसा ग्राम पंचायत मौजूद है, जहां पांच साल में पांच सरपंच बने, लेकिन ग्राम पंचायत की तस्वीर नहीं बदली. अबकी बार ग्रामीण सोच-समझकर पंच-सरपंच का चुनाव करने की बात कह रहे हैं. 

ग्राम पंचायत मुंगिया की गलियों में पक्की सड़क का अभाव है, नाली नहीं है, इसलिए सड़कों में पानी बहते रहता है. देख-रेख के अभाव में शौचालय, हैंडपंप व कूड़ा दान स्वच्छता अभियान के किसी स्मारक की तरह नजर आते हैं. स्कूल हो या आंगनबाड़ी, निगरानी करने वाला कोई नहीं है. रहा सवाल हितग्राही मूलक योजनाओं का तो इसका लाभ भी ग्रामीणों को नहीं के बराबर मिल रहा है.

दरअसल, यहां निर्वाचित सरपंच गजेन्द्र मांझी ने अपने साल भर के कार्यकाल में ही अनियमितताओं का ऐसा गदर मचाया कि हटाना पड़ा. उनकी जगह जिस पंच को प्रभार दिया गया, वह भी वे भी अलग-अलग आरोपों में पद से हटाए जाते रहे. सरपंच की कुर्सी दौड़ में पांच साल तक लगातार जारी रही. लिहाजा गांव का विकास अधर में लटक गया. पांच साल तक भुगतने के बाद अब ग्रामीण आने वाले चुनाव में सोच-समझ कर मतदान करने की बात कह रहे हैं.

सरकार की सख्ती : बगैर सूचना छुट्टी पर गए कलेक्टर को लगी फटकार, तत्काल वापस बुलाए गए

रायपुर- प्रशासनिक कामकाज में सख्ती लाने में जुटी साय सरकार ने बगैर सूचना छुट्टी पर गए एक कलेक्टर की खिंचाई की है. मालूम चला है कि कलेक्टर को पहले जमकर फटकार लगाई गई और इसके बाद अल्टीमेटम दे दिया गया कि दोबारा ऐसी लापरवाही बरतने पर उन्हें कलेक्टरी से विदाई दे दी जाएगी. इसी तरह शुक्रवार को देरी से दफ्तर पहुंचने वाले कलेक्टरों को भी अनुशासन की घुट्टी पिलाई गई है. सीएम सचिवालय ने यह मालूम किया कि जिलों में कलेक्टर वक्त पर दफ्तर पहुंचे या नहीं? इस पूछताछ में यह जानकारी सामने आई थी कि तीन जिलों के कलेक्टर दफ्तर में नहीं है. सचिवालय को यह भी खबर मिली कि कलेक्टर अपने घर पर हैं. सीएम सचिवालय के एक आला अफसर ने उन कलेक्टरों को फोन कर सुशासन का पाठ पढ़ाया है.

गौरतलब है कि सीएम सचिवालय इन दिनों मंत्रालय से लेकर जिलों तक अफसरों के कामकाज की कड़ी निगरानी कर रहा है. कौन अफसर कब दफ्तर पहुंचा? कौन फिल्ड पर दौरे कर रहा है? किस अफसर के खिलाफ किस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं? इन सबका हिसाब रखा जा रहा है. साय सरकार प्रशासनिक कसावट लाने के इरादे से काम करती दिख रही है. प्रशासनिक कसावट लाने का यह जिम्मा सीएम सचिवालय के अफसरों सौंपा गया है.

इसकी शुरुआत पहले मंत्रालय से की गई. सचिवों के मंत्रालय पहुंचने का वक्त निर्धारित किया गया. बाकायदा हाजिरी रजिस्टर में यह दर्ज किया जाने लगा कि कौन से अफसर कितने बजे मंत्रालय पहुंचे. शुरुआती एक-दो दिन ढिलाई बरतने वाले अफसरों को इशारों-इशारों में वक्त पर मंत्रालय पहुंचने की नसीहत भी दी गई. मंत्रालय में सख्ती बरतने के बाद जिलों में कलेक्टरों पर समय की पाबंदी का फरमान जारी हुआ. कई कलेक्टरों ने इसे गंभीरता लिया और कई कलेक्टर दो-चार दिन की सख्ती समझ लापरवाही पर उतर आए. अब लापरवाही बरतने वाले यही कलेक्टर सीएम सचिवालय के रडार पर हैं. परफार्मेंस दुरुस्त नहीं हुआ, तो यह तय है कि अगली तबादला सूची में उन कलेक्टरों का विकेट जरूर उखड़ जाएगा.

फरफार्मेंस होगा आधार

सीएम सचिवालय की नई व्यवस्था में अफसरों के कामकाज पर जिस तरह से नजर रखी जा रही है, उससे साफ है कि परफार्मेंस ही अच्छी पोस्टिंग का आधार बनेगा. पूर्ववर्ती सरकार में प्रशासनिक कामकाज में आई गिरावट के बाद साय सरकार इस विषय पर गंभीर है. जिलों में कलेक्टर हो या एसपी. टीम लीड करने वाले ऐसे चेहरे विशेष तौर पर कड़ी निगरानी में रखे गए हैं. कलेक्टर-एसपी ही जिले में सरकार का चेहरा होते हैं, ऐसे में सरकार नान परफार्मर चेहरों को जिलों में बिठाकर रखने के मूड में नजर नहीं आ रही.

मंत्री ओपी चौधरी के बंगले के बाहर बर्खास्त सहायक शिक्षकों का प्रदर्शन, समायोजन करने की मांग, मौके पर पुलिस बल मौजूद

रायपुर-  राजधानी रायपुर से बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. वित्तमंत्री ओपी चौधरी के बंगले के बाहर बर्खास्त सहायक महिला शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं. ये महिला शिक्षिकाएं समायोजन की मांग को लेकर नारेबाजी कर रही हैं. मौके पर पुलिस बल मौजूद है. 

जानकारी के अनुसार, पिछले 15 महीनों से सहायक शिक्षक पद पर नौकरी कर रहे थे. आज संयोजन की मांग को लेकर मंत्री बंगले के बहार प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस की चेतावनी के बाद भी प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं है. पिछले दो घंटों से प्रदर्शन जारी है. 

प्रदर्शन करने पहुंची महिला शिक्षकाओं ने ने बताया सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे. हमें बर्खास्त कर दिया गया है. अब समायोजन की मांग कर रहे हैं. हमें समायोजित किया जाए. समायोजन के लिए जो कमेटी गठित की गई, वह कब रिपोर्ट देगी, क्या इसका कोई डेट नहीं दिया गया है.

विष्णु देव सरकार की सुशासन वाली छवि गढ़ने में मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद का अहम योगदान, लाइम लाइट से दूर रहकर करते हैं काम …

रायपुर-     साय सरकार की सांय-सांय वाली छवि लोगों की जुबान पर है. इस छवि को गढ़ने में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सचिव के साथ जनसंपर्क सचिव के रूप में पी दयानन्द की महत्वपूर्ण भूमिका है. सरल, सहज छवि के अधिकारी दयानंद लाइम लाइट से दूर रहकर अपना काम करते हैं.

पी दयानन्द मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के भरोसेमंद अधिकारी हैं. इसलिए मुख्यमंत्री के शपथ लेने के पश्चात पहला आदेश पी दयानन्द का ही निकाला गया. मुख्यमंत्री को पूरा भरोसा है कि उनके लम्बे प्रशानिक अनुभव और काबिलियत का लाभ सरकर को मिलेगा इसमें संदेह नहीं कि दयानन्द परदे के पीछे रहकर अपने कार्य को बखूबी अंजाम देते हैं.

वे अपने प्रशासनिक कसावट और विकास को गति देने में, दोनों कार्यों में समन्वय करते हुए सरकार की नई छवि गढ़ रहे हैं. अभी राज्योत्सव और सरकार के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर “सुशाशन का एक साल छत्तीसगढ़ हुआ खुशहाल’ के स्लोगन के साथ सरकर की उपलब्धि को जनता तक पहुँचाने में सफल हुए. दयानन्द जनसंपर्क विभाग के सचिव भी हैं, इसलिए प्रचार प्रसार का दायित्व भी उन्हीं के कंधो पर है.

राज्य में मोदी की गारंटी के तहत जनता से किए गए वादों को पूरा करने और उसे जनता तक पहुंचाने के लिए बेहतर प्रयास किये गए. शासन की महतारी वंदन योजना, कृषक उन्नति योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि की सकारात्मक कहानियाँ भी आम लोगों तक पहुंचाई गई. सरकार की एक साल की उपलब्धि से प्रदेश के जनमानस में विकास की सकारात्मक माहौल अब धरातल पर दिखने लगा है.

मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई: बीजापुर में FIR और निलंबन, रायपुर में 5 अधिकारी सस्पेंड

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विकास कार्यों में अनियमितता और लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए जीरो टॉलरेंस का परिचय दिया है। राज्य शासन ने सड़क निर्माण और ओवरब्रिज मरम्मत कार्य में गड़बड़ी, लापरवाही, गुणवत्ताहीन कार्य और अनियमितता पर सख्ती बरतते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध बीजापुर से लेकर रायपुर तक कड़ी कार्रवाई की है। राज्य शासन ने बीजापुर में सड़क निर्माण में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार, मिलीभगत, शासकीय राशि के अपव्यय और गुणवत्ताहीन कार्यों के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर के साथ ही निलंबन की भी कार्रवाई की है। एक अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं रायपुर में मोवा ओवरब्रिज की मरम्मत में अमानक एवं गुणवत्ताहीन कार्य और अनियमितता पर पांच अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

राज्य में भ्रष्टाचार और गडबड़ी पर जीरो टॉलरेंस पर अमल करते हुए सरकार ने आज कई अधिकारियों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई की है। बीजापुर में आर.आर.पी.-1 (एल.डब्ल्यू.ई.) योजना के अंतर्गत 54.40 किमी लंबाई के अति महत्वपूर्ण प्रगतिरत नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य के संबंध में गठित जाँच दल से प्राप्त प्रतिवेदन में पाई गई गड़बड़ियों के गंभीर होने एवं संबंधित अधिकारियों के मिलीभगत होने के कारण सड़क निर्माण में शासकीय राशि के अपव्यय, गबन, त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन प्रतिवेदन देने एवं ठेकेदार/निर्माण एजेंसी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के प्रथम दृष्टया साक्ष्य हैं। राज्य शासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ियों, गंभीर भ्रष्टाचार, मिलीभगत कर शासकीय राशि के अपव्यय एवं जानबूझकर गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य किए जाने के कारण तत्कालीन कार्यपालन अभियंता बी.एल. ध्रुव, अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सिन्हा और उप अभियंता जी.एस. कोड़ोपी तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण में भारतीय न्याय संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं अन्य सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराकर तत्काल लोक निर्माण विभाग को सूचित करने के निर्देश बस्तर परिक्षेत्र, जगदलपुर के मुख्य अभियंता को दिए हैं।

नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य के संबंध में गठित जाँच दल द्वारा बस्तर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता एवं बस्तर मंडल के अधीक्षण अभियंता के साथ विगत 8 जनवरी और 9 जनवरी को कार्यस्थल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कई कमियां पाई गईं। मार्ग के निर्माण कार्य में 29.00 किमी से 32.00 किमी एवं 50/10 तक कुल 4.20 किमी बी.टी. (OGPC+SEAL COAT) कार्य में अधिकांश जगह सील कोट (SEAL COAT) उखड़ गए हैं, जो डी.एल.पी. 06/2025 तक में है। किमी 41/2 से 50/10 मार्ग के विभिन्न फर्लांग (Furlong) में 41/10, 42/2, 42/6, 42/8, 42/10, 43/2, 43/4, 43/8, 44/6, 44/8, 45/4, 45/6, 45/8, 45/10, 46/6, 47/2, 47/10 एवं 50/8 सड़क सतह सिंक पोथोल्स (SINK POTHOLES) उत्पन्न हो गए हैं, जो डी.एल.पी. 06/2025 तक में है। किमी 28/4, 30/6 एवं 40/2 में पुल के एप्रोच स्लैब अपर्याप्त मोटाई (Inadequate Thickness) एवं बिना रिइनफोर्समेंट (Reinforcement) के बैक फीलिंग मटेरियल (Back filling material) के कमजोर कॉम्पेक्शन (Poor compaction) होने से सेटल्ड (Settled) हो गया है। इस प्रकार निर्धारित मानक एवं मापदण्ड का पालन किए बिना ही कार्य कराया जाकर अनुविभागीय अधिकारी एवं उप अभियंता द्वारा अधिकार का दुरूपयोग कर अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में अनियमितता बरती गई है। इस पर कठोर कार्रवाई करते हुए विभाग ने अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सिन्हा, और उप अभियंता जी.एस. कोड़ोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय नवा रायपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में दोनों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

लोक निर्माण विभाग ने नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य में निर्धारित मानक एवं मापदण्ड का पालन किए बिना ही कार्य कराए जाने को कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता को गंभीर कदाचार मानते हुए बीजापुर के सेवानिवृत्त प्रभारी कार्यपालन अभियंता बी.एल. ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें जारी नोटिस में विभाग ने कहा है कि क्यों न उक्त कृत्य के लिए आपके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। उन्हें इस संबंध में अपना लिखित प्रतिवाद नोटिस प्राप्ति के 15 दिवस की समयावधि में प्रस्तुत करने को कहा गया है। लिखित प्रतिवाद निर्धारित समयावधि में प्राप्त नहीं होने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी।

मोवा ओवरब्रिज मरम्मत कार्य में गडबड़ी पर पांच अधिकारी निलंबित, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्य का निरीक्षण कर जांच के दिए थे आदेश

लोक निर्माण विभाग ने रायपुर के मोवा रेलवे ओवरब्रिज की मरम्मत में अमानक एवं गुणवत्ताहीन कार्य तथा अनियमितता पर भी बड़ी कार्रवाई की है। जांच के बाद विभाग ने पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

ओवरब्रिज में डामरीकरण कार्य में शिकायतों का संज्ञान लेकर उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने कार्य का औचक निरीक्षण किया था। उन्होंने निरीक्षण के दौरान कार्यस्थल पर गुणवत्ताहीन कार्य/खराबी पाई थी। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के सेतु परिक्षेत्र, रायपुर के मुख्य अभियंता द्वारा केन्द्रीय गुणवत्ता एवं अनुसंधान प्रयोगशाला, लोक निर्माण विभाग, रायपुर से जांच प्रतिवेदन प्राप्त की गई, जिसमें औसत बिटुमिन कंटेंट, कंबाईन्ड डेन्सिटी, मटेरियल के ग्रेडेशन मानक स्तर से कम पाया गया। इस प्रकार अमानक स्तर एवं गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किए बिना ही डामरीकरण का कार्य कराया जाकर कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी एवं उप अभियंताओं द्वारा अधिकार का दुरूपयोग कर अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में अनियमितता बरती गई है। इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए विभाग ने कार्यपालन अभियंता विवेक शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी रोशन कुमार साहू तथा उप अभियंता राजीव मिश्रा, देवव्रत यमराज और तन्मय गुप्ता को निलंबित किया है। निलंबन अवधि में इन सभी का मुख्यालय नवा रायपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी

लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने गुणवत्ताहीन कार्य के लिए ठेकेदार केशवदास आर. जादवानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. विभाग ने ठेकेदार को जारी नोटिस में कहा है कि ओवरब्रिज में डामरीकरण के बाद यातायात प्रारंभ होने पर गिट्टी निकलने लगी जिससे कार्य की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ा. इसमें ठेकेदार की लापरवाही स्पष्ट परिलक्षित होती है. इसके लिए मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, सेतु परिक्षेत्र रायपुर द्वारा ठेकेदार के पंजीयन को निलंबित/पदावनत करने की अनुशंसा की गई है.

विभाग ने नोटिस में ठेकेदार को कहा है कि आपका कृत्य शासन एवं लोकहित के विपरीत है. इसलिए क्यों न इस कृत्य के लिए आपके पंजीयन को निरस्त, पदावनत, निलंबित किया जाए? ठेकेदार को कारण बताओ सूचना का जवाब 15 दिन के अंदर प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रस्तुत करने कहा गया है. दी गई समयावधि में उत्तर प्राप्त नहीं होने की स्थिति में इस संबंध में ठेकेदार को कुछ नहीं कहना है, यह मानकर एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी.

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की बड़ी बैठक समाप्त, आयुक्त अजय सिंह ने कहा-चुनाव के बीच बोर्ड परीक्षा नहीं होगी प्रभावित

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर पालिका और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के संबंध में आज नवा रायपुर स्थित निर्वाचन भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक की. यह बैठक राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सभी जिलों के कलेक्टर और उप निर्वाचन पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए. इस बैठक में चुनाव के मद्देनजर कई मुद्दों में विस्तृत चर्चा हुई.

राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने बैठक के बाद बताया कि प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, आईजी, एसपी और कलेक्टर कमिश्नर की बैठक बुलाई थी. वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन की समीक्षा की गई है. चुनाव कितने चरणों में किया जाए फोर्स की दृष्टि से इस विषय पर जिलों से फीडबैक मांगा गया है. उन्होंने कहा कि 1 मार्च से बोर्ड एग्जाम शुरू होने वाला है हमारा यह प्रयास रहेगा बोर्ड एग्जाम में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो. टीचर और छात्रों के लिए समय पर एग्जाम होना बहुत महत्वपूर्ण है.

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव डॉक्टर सर्वेश्वर भूरे ने कहा कि आगामी नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव को लेकर चर्चा हुई है. मतदान केंद्र, मतदान कर्मी, सुरक्षा और मतदाता सूची को लेकर चर्चा की गई. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के लिए तैयारी पूरी हो गई है. जिला निर्वाचन अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा हुई है. निष्पक्ष मतदान करने के लिए भी दिशा निर्देश दिया गया है. संवेदनशील अति संवेदनशील बूथों को चिन्हांकित कर सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं. सुरक्षा के मद्दे नजर इंटेलिजेंस और पुलिस से इनपुट लिया गया है कि कितने चरणों में चुनाव कराया जा सकता है. बोर्ड परीक्षा प्रभावित ना हो यही प्रयास रहेगा.

कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह का विभिन्न कार्यालयों में औचक निरीक्षण, ड्यूटी में लापरवाही को लेकर पर कर्मचारियों पर कार्रवाई के दिए निर्देश

रायपुर-  कलेक्टर ने अनुपस्थित कर्मचारियों के बारे में जानकारी ली और बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने नगर निगम पहुंचकर “निष्ठा ऐप” की जानकारी ली और कर्मचारियों से हितग्राहियों के प्रति संवेदनशीलता से व्यवहार करने के निर्देश दिए.

डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि सभी कर्मचारियों को सुबह 10 बजे तक कार्यालय आना अनिवार्य है और उन्हें शाम 5:30 बजे से पहले कार्यालय नहीं छोड़ने की हिदायत दी. उन्होंने कहा कि अनुपस्थिति के मामले में वेतन कटौती की जाएगी. इसके साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कर्मचारियों के टेबल पर नाम पट्टिका लगी हो, ताकि उनकी पहचान आसानी से हो सके.

कलेक्टर ने कर्मचारियों से समस्याएं पूछी और निगम कार्यालय की व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव भी मांगे. उन्होंने कार्यालयों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा और सभी कर्मचारियों को हेलमेट पहनने तथा कार में सीट बेल्ट लगाने की सलाह दी.

डॉ. सिंह ने कहा कि प्रत्येक शुक्रवार को कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए बैठक आयोजित की जाएगी और सभी कर्मचारियों को पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाएगा.

इसके बाद कलेक्टर पंडरी स्थित जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने चिकित्सकों से समय पर उपस्थित होने और मरीजों का उचित इलाज सुनिश्चित करने की बात की. उन्होंने लैब में रिजेंट की उपलब्धता की भी जानकारी ली और कहा कि मरीजों की जांच ठीक से की जाए.

इस अवसर पर नगर निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा और जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप भी उपस्थित रहे.

राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का तबादला, वेदव्रत सिरमौर बनाए गए पर्यटन मंडल के महाप्रबंधक, आदेश जारी

रायपुर-  राज्य पुलिस सेवा के 2 अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लेते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. एडिशनल एसपी दुर्ग वेदव्रत सिरमौर को पर्यटन मंडल का महाप्रबंधक बनाया गया है. वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार पटेल को उप परिवहन आयुक्त बनाया गया है.

देखिए सूची-

सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार : SDO और उप अभियंता निलंबित, प्रभारी कार्यपालन अभियंता से PWD ने मांगा जवाब, दोषियों के खिलाफ FIR के दिए निर्देश

रायपुर-   बीजापुर के धुर नक्सल इलाके में नेलसनार से मिरतूर- गंगालूर सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने पर ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने अपने साथियों के साथ मिलकर पत्रकार मुकेश की हत्या की थी. सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए SDO आरके सिन्हा और उप अभियंता जीएस कोड़ोपी को निलंबित किया है. वहीं प्रभारी कार्यपालन अभियंता बीएल ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है.

इसके अलावा इस मामले में बीएल ध्रुव तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, आरके सिन्हा अनुविभागीय अधिकारी, उप अभियंता जीएस कोड़ोपी एवं अन्य के खिलाफ तत्काल एफआईआर के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि बीजापुर जिले के नेलसनार से मिरतूर- गंगालूर सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने पर पत्रकार मुकेश को अपनी जान गवानी पड़ी थी. बिना काम के ठेकेदार को जारी हुई करोड़ों की राशि के बाद अफसर भी सवालों के घेरे में आ गए हैं. हत्याकांड के बाद इस सड़क की तीन बार जांच हो चुकी है. उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भी भेज दी गई है.

ठेकेदार ने साथियों के साथ मिलकर की थी मुकेश की हत्या

बीजापुर के पत्रकार मुकेश की हत्या सड़क के भ्रष्टाचार उजागर करने पर ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर, अपने दो भाइयों और स्टाफ वर्कर के साथ मिलकर की थी. एक जनवरी को जघन्य रूप से हत्याकर शव को सेप्टिक टैंक डालकर चिनवा दिया था. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आरोपी ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर की विभागीय साठगांठ ऐसी थी कि अभी इस सड़क में मात्र 2 पार्ट मतलब 4 किलोमीटर की सड़क पूर्ण और शेष 28 किलोमीटर की सड़क अधूरी है, लेकिन ठेकेदार ने सांठगांठ कर 90% राशि 116 करोड़ रुपए अनुबंध राशि से आहरण कर लिया था. 

गांजा तस्करी मामले में बड़ी कार्रवाई, आरोपियों की डेढ़ करोड़ की संपत्ति जब्त, एसपी ने किया बड़ा खुलासा…
बिलासपुर-   गांजा तस्करी में संलिप्त आरोपियों द्वारा अर्जित अवैध संपत्ति पर बिलासपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. आरोपियों की करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति जब्त की है और अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन सफेमा कोर्ट मुम्बई भेजा गया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने बिलासपुर, कोरबा में करोड़ों की संपत्ति बना रखी है. जीआरपी आरक्षक अपने साले के बैंक अकाउंट में गांजा तस्करी का पैसा जमा कराता था. तस्करी के पैसे से मकान और लक्जरी गाड़ियां खरीदी है. इस मामले में पुलिस एन्ड टू एन्ड कार्यवाही व फायनेशियल इन्वेस्टिगेशन कर रही है.

बता दें कि पुलिस ने गांजा तस्करी में शामिल जीआरपी आरक्षक व उनके सहयोगी को गिरफ्त में लिया है, जिसके बाद मामला परत दर परत खुला. आरोपी पिछले कई वर्षों से गांजा तस्करी में संलिप्त थे. मामले का खुलासा करते हुए एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि 23 अक्टूबर 2024 को जीआरपी बिलासपुर ने आरोपी योगेष सोंधिया एवं रोहित द्विवेदी के कब्जे से कुल 20 किलोग्राम गांजा जब्त कर आरोपियों के विरूद्ध जीआरपी बिलासपुर थाने में अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया था. प्रकरण की विवेचना में आए तथ्यों के आधार पर पाया गया कि जीआरपी थाना बिलासपुर में पदस्थ आरक्षक लक्ष्मण गाईन, मन्नु प्रजापति, संतोष राठौर एवं सौरभ नागवंशी गांजा तस्करी के अवैध कारोबार में शामिल है. इनके द्वारा ट्रेन में गांजा पकड़कर गांजा को बेचने के लिए अपने सहयोगी योगेश उर्फ गुड्डु और श्यामधर उर्फ छोटू को उपलब्ध कराता था.

एसपी ने बताया, आरोपी चारों आरक्षक ट्रेन में पेट्राेलिंग चेकिंग ड्यूटी में महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, गोंदिया, चांपा, सक्ति, रायगढ़ आदि जगहो में जाते समय अपने साथ प्राइवेट व्यक्त्यिों गुड्डु उर्फ योगेष सोंधिया, छोटू उर्फ श्यामधर चौधरी को साथ में लेकर जाते थे और ट्रेन में चेकिंग के दौरान गांजा बरामद होने पर छोटू और गुड्डु के माध्यम से पूर्व से गांजा खरीदी के लिए बुलाए गए व्यक्तियों को ट्रेन में ही गांजा की सप्लाई कर दी जाती थी. गिरफ्तार आरोपियों के विरूद्ध अपराध सिद्ध होने पर न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया है.

एसपी के मुताबिक, आरोपी आरक्षक गांजा तस्करी में शामिल रहकर अवैध रूप से अर्जित राशि को स्वयं के व बेनामी बैंक खातों में नगद व आनलाइन प्राप्त करते थे. आरोपियों ने अवैध रूप से अर्जित राशि से करोड़ों की चल-अचल संपत्ति बनाई और लक्जरी वाहन खरीदे, जिसे चिन्हांकित कर एनडीपीएस एक्ट में निहित प्रावधानों के तहत सीजींग/फ्रीजिंग की कार्रवाई की गई है. मामले में आगे की कार्रवाई के लिए प्रेतिवेदन सफेमा कोर्ट मुम्बई को भेज दिया गया है.

इन आरोपियों की संपत्ति जब्त

  1. लक्ष्मण गाईन पिता स्व. सुधांषु गाईन उम्र 36 वर्ष साकिन ग्राम जुगानी कैम्प थाना फरसगांव जिला फरसगांव कोंडागांव छ.ग. हाल मुकाम कंचन विहार थाना सिरगिट्टी जिला बिलासपुर
  2. मन्नू प्रजापति पिता फुलेष्वर प्रजापति उम्र 36 साल साकिन ग्राम रवेली पोस्ट लोहर्सी थाना पांडूका जिला गरियाबंद हाल मुकाम महिमा नगर वार्ड नंबर 11 थाना सिरगिट्टी जिला बिलासपुर
  3. संतोष राठौर पिता स्व. जैतराम राठौर उम्र 33 साल साकिन ग्राम फरसवानी थाना उरगा जिला कोरबा हाल मुकाम विवेकानंद नगर फेस 1 नहर रोड थाना सरकण्डा जिला बिलासपुर

सपंत्ति का विवरण

1. लक्षमण गाईन एवं श्रीमती कृष्णा गाईन मौजा सिरगिट्टी तहसील बिल्हा न.प. सिरगिट्टी वार्ड क्र. 07 में 1600 वर्गफुट भुखण्ड जिस पर मकान निर्मित है। इनका अनुमानित बाजार मूल्य करीब 50 लाख रुपए है.
2. संतोष राठौर मौजा फरसवानी तह. करतला जिला कोरबा 5232 वर्गफीट भुखण्ड, अनुमानित बाजार मूल्य करीब 10 लाख.
3. मन्नू प्रजापति मौजा नगपूरा बोदरी तह. बोदरी जिला बिलासपुर 1250 वर्गफुट अनुमानित बाजार मूल्य करीब 15 लाख.
4. कुसुम प्रजापति पति मन्नू प्रजापति एवं मन्नू प्रजापति मौजा सिरगिट्टी बिलासपुर तहसील एवं जिला बिलासपुर वार्ड क्र. 07 संत 1428 वर्गफुट भुखण्ड जिस पर मकान निर्मित है. अनुमानित बाजार मुल्य करीब 40 लाख है.
5. मन्नू प्रजापति मौजा सिरगिट्टी वार्ड क्र. 07 बिलासपुर 1000 वर्गफुट भूखण्ड अनुमानित बाजार मुल्य करीब 10 लाख.

सपंत्ति का विवरण

1. मो.सा. हार्ले डेविडसन आरोपी लक्षमण गाईन द्वारा अपने साले के नाम पर क्रय किया है, किस्त आरोपी द्वारा स्वयं जमा किया जा रहा था. कीमत लगभग 2 लाख 80 हजार.
2. टाटा सफारी 7 एस आरोपी लक्षमण गाईन द्वारा अपने साले के नाम पर क्रय किया है, किस्त आरोपी द्वारा स्वयं जमा किया जा रहा था. कीमत लगभग 20 लाख रुपए.
3. हुण्डई वेन्यू काररा आरोपी संतोष राठौड़ स्वयं के उपयोग के लिए क्रय किया गया है. कीमत लगभग 5 लाख रुपए है.