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छत्तीसगढ़ : बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर चले लात-घूंसे, बीजेपी उपाध्यक्ष पर कार्यकर्ताओं को उकसाने का आरोप
बलौदाबाजार- छत्तीसगढ़ के भाटापारा नगर पालिका में आज एक लोकार्पण समारोह के दौरान बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प हो गई. इस हिंसक घटना से न केवल इलाके का माहौल गर्म है बल्कि प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. वह इसलिए क्योंकि घटना से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा भाजपा
कार्यकर्ताओं को उकसाते हुए नजर आ रहे हैं, जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर झुमाझटकी हुई. यह लड़ाई जब हाथापाई और लात-घूंसे तक पहुंची, तो पुलिस को भी बीच-बचाव के लिए कदम उठाना पड़ा. वहीं इस घटना के बाद INC छतीसगढ़ ने इसका वीडियो अपने ऑफिसियल पेज में अपलोड किया है.

जानकारी के अनुसार, भाटापारा नगर पालिका में आई नई जेसीबी और अन्य वाहनों का लोकार्पण किया जा रहा था. पालिका द्वारा उद्घाटन समारोह में बीजेपी के पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था. जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम की जानकारी मिली, तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. कांग्रेस का आरोप है कि कांग्रेस विधायक, पार्षद और अन्य जनप्रतिनिधियों को जानबूझकर इस समारोह में शामिल नहीं किया गया, जिससे वे नाराज हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. इस प्रदर्शन के बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट हुई और पुलिस को दोनों पक्षों को शांत करने एड़ी चोटी एक करना पड़ा. तब जाकर मामला शांत हुआ है.

वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमले करवाने के लिए उकसाया. इसके बाद कांग्रेस ने एफआईआर दर्ज करने की मांग की है और नगर पालिका के प्रशासक के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की जा रही है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह एक सुनियोजित प्रयास था, जिससे कांग्रेस की उपस्थिति को नकारा जा सके और बीजेपी का वर्चस्व स्थापित किया जा सके.

नगर पालिका प्रशासक पर कार्रवाई की मांग

कांग्रेस ने इस हिंसा के लिए भाटापारा नगर पालिका के प्रशासक को भी जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस का आरोप है कि नगर पालिका के प्रशासक ने इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा को बुलाने का निर्णय लिया, जो कांग्रेस के स्थानीय प्रतिनिधियों के अधिकारों का उल्लंघन था. कांग्रेस का कहना है कि कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय विधायक का अधिकार था और इस कार्यक्रम में उन्हें ही बुलाना चाहिए था, न कि बीजेपी के नेता को. प्रशासक ने यह कदम उठाकर राजनीतिक पक्षपाती होने का उदाहरण प्रस्तुत किया, जिससे कार्यकर्ताओं के बीच आक्रोश पैदा हुआ और हिंसा की स्थिति बनी.

पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभालने की कोशिश

घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन परिस्थितियां इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस को अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा. बलौदाबाजार जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार ने पुलिस बल को स्थिति पर काबू पाने का निर्देश दिया और शांति बनाए रखने की अपील की.

शिवरतन शर्मा का बयान

इन सबके बीच भाटापारा के पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के पांच वर्षों के कार्यकाल में विकास के कोई काम नहीं हुए, और अब जब बीजेपी विकास कार्य कर रही है, तो वे विरोध कर रहे हैं. लेकिन कोई भी कितना भी विरोध करे, विकास नहीं रुकेगा.

छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव: नियम में संशोधन के बाद अब EVM से होगा मतदान, आरक्षण रोस्टर का राजपत्र में हुआ प्रकाशन

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है। आरक्षण की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है औऱ अब कभी भी प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। इस बीच राज्य सरकार ने नगर निगम महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर राजपत्र में प्रकाशन किया है।

EVM से होंगे नगरीय निकाय चुनाव

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने नियमों में संशोधन कर बैलेट पेपर से नगरीय निकाय चुनाव कराया था। जिसके बाद अब साय सरकार ने इस नियम में संशोधन करते हुए इस बार EVM से चुनाव कराने का निर्णय लिया है, जिसका भी राजपत्र में प्रकाशन किया गया है।

देखें पीडीएफ –

EVM मशीन से चुनाव को लेकर आदेश

आरक्षण रोस्टर का राजपत्र में हुआ प्रकाशन

संभाग आयुक्त और कलेक्टर अचानक पहुंचे स्कूल, 6 शिक्षक मिले नदारद, सभी को नोटिस जारी

खैरागढ़-  दुर्ग संभाग आयुक्त सत्यानारायण राठौर और कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने आज दोपहर खैरागढ़ विकासखंड के बाजार अतरिया स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला का औचक निरीक्षण किया. इस निरीक्षण ने न केवल स्कूल प्रशासन बल्कि पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी. जब आयुक्त और कलेक्टर स्कूल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बच्चे परिसर में घूम रहे थे और कई शिक्षक अपनी ड्यूटी से नदारद थे. यह स्थिति देखकर आयुक्त राठौर ने गहरी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए अनुपस्थित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने बच्चों से संवाद किया और उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानकारी ली. उन्होंने आगामी बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए बच्चों को नियमित रूप से स्कूल आने और अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया. साथ ही प्राचार्य को सख्त हिदायत दी कि स्कूल में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

शिक्षकों की गैरहाजिरी पर सख्त कार्रवाई

निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए 6 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इनमें व्याख्याता रामप्रकाश सेन, उमा टेम्बुरकर, हीरासिंह टेम्बरकर, मंजू कोसरे, व्यायाम शिक्षिका अनिता सिंह और सहायक ग्रेड-03 खोमेश्वर दास बघेल के नाम शामिल हैं. आयुक्त ने यह भी सुनिश्चित किया कि स्कूल में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति पंजियों में नियमित रूप से दर्ज की जाए और किसी भी तरह की लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई हो. उन्होंने प्राचार्य को निर्देश दिया कि वे स्कूल की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें और बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करें. यह आकस्मिक निरीक्षण न केवल शिक्षकों के लिए एक सख्त संदेश है, बल्कि क्षेत्रीय शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है.

आचार संहिता की डेट को लेकर आयी जरूरी अपडेट

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में आचार संहिता किसी भी दिन लग सकता है। 18 दिसंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होना है, उसके बाद किसी भी दिन आचार संहिता का ऐलान हो सकता है। चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग ने 17 जनवरी को बैठक बुलायी है। नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव की तैयारी के लिए कलेक्टरों की बैठक 17 जनवरी को 3.30 बजे से नया रायपुर में होगी।

चुनाव आयोग की 17 जनवरी को बुलायी गयी बैठक के बाद किसी भी दिन आचार संहिता का ऐलान किया जा सकता है। आपको बता दें कि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन पहले 15 जनवरी को ही होना था, लेकिन उसे 18 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया। इस बीच कलेक्टर व जिला निर्वाचन पदाधिकारियों की बैठक बुलायी गयी है।

पूरी संभावना है कि 18 जनवरी से 20 जनवरी के बीच किसी भी आचार संहिता की घोषणा हो सकता है। निर्वाचन आयोग की तरफ से जो बैठक के संदर्भ में पत्र जारी किया गया है, उसमें भी उल्लेख है कि नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव जनवरी-फरवरी में आयोजित किया जाना है। स्पष्ट है कि जनवरी में आचार संहिता और फरवरी में चुनाव संपन्न कराया जायेगा।

पूर्व मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी से कांग्रेसियों में आक्रोश, कल सुकमा बंद का ऐलान

सुकमा-  शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री, कोंटा विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी ने 16 जनवरी को सुकमा बंद का ऐलान किया है. इसकी सूचना सुकमा जिला कांग्रेस कमेटी ने अनुविभागीय अधिकारी को दे दी है.

कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस में आक्रोश है. बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी ने बीजेपी और ईडी का पुतला दहन कर जमकर नारेबाजी भी की. कवासी लखमा की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीजेपी ईडी के माध्यम से कांग्रेस को डराना चाहती है. लखमा कोंटा से 6 बार के विधायक हैं. आगामी नगरीय और पंचायत चुनाव हैं. ऐसे में बीजेपी कई प्रकार के हथकंडे अपना कर कांग्रेस के गढ़ में विजय हासिल करना चाहती है. बीजेपी ईडी और सीबीआई के दम पर देश में राज करना चाहती है. लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश कर रही है.

कांग्रेस नेताओं ने कहा, ईडी अपने अधिकारी का दुरुपयोग कर रही है, जिससे भविष्य में बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. प्रदर्शन में बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल, पूर्व विधायक चंदन कश्यप, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे.

कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा –

रायपुर-   शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर सीएम विष्णुदेव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि तुलसी बाबा मानस में लिखते हैं – बरु भल बास नरक कर ताता, दुष्ट संग जनि देइ विधाता. अर्थात् नरक में रहना अच्छा है, परंतु ईश्वर कभी दुष्ट का संग न दे. जिस तरह जनजाति समाज से आने वाले एक निरक्षर नेता को प्रदेश की तब की कांग्रेस सरकार और उसके मुखिया ने बलि का बकरा बनाया.

झा ने आगे लिखा है कि आरोप है कि लखमा को आगे कर शराब घोटाले किए गए है, यह दुखद है. आशा है ‘किंगपिन’ तक भी एजेंसियों के लंबे हाथ पहुंचेंगे ही, जैसा कि ऐसे घोटालों के संबंध में एजेंसियां कहती रही है. ‘पॉलीटिकल मास्टर’ भी आज न कल शिकंजे में आ ही जाएंगे पर अफसोस यह रहेगा कि ऐसे घोटालों का सबसे बड़ा लाभार्थी, जिसने छत्तीसगढ़ को एटीएम बन जाने पर विवश किया, जैसा कि तब के विपक्ष का लगातार आरोप रहा था, उन्हें अपने किये का शायद दंड न मिल पाए. सभी लाभार्थी चाहे वे राष्ट्रीय इकाई के लोग हों या और आगे, उन सबको प्रदेश की जनता का पैसा लूटने की सजा मिलनी ही चाहिए.

झा ने लिखा है कि शराबबंदी का वादा कर शराब ऑनलाइन पहुंचाना, नकली शराब तक लोगों को पीने विवश करने का अपराध न केवल कानून के खिलाफ है बल्कि ईश्वर के खिलाफ भी है. विश्वासघात और वादाखिलाफी की सजा सबसे बड़ी होती है. प्राकृतिक न्याय सबसे बड़ा होता है.

छत्तीसगढ़ को केंद्र से मिलेगा 1874 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आबंटन, पूंजीगत व्यय के सदुपयोग में प्रदेश ने देश में बनाई अलग पहचान

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी जनहितैषी नीतियों एवं कार्यक्रमों से न केवल प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है, अपितु राज्य के बजट और केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि का जनहित में सदुपयोग सुनिश्चित कर केंद्र सरकार से सराहना और प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की भी हकदार बनी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि राज्य की जनता को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाना सरकार की प्राथमिकता है।

छत्तीसगढ़ ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय के तहत आबंटित धनराशि का कुशल और प्रभावी उपयोग किया है, जिसकी केंद्र सरकार ने सराहना की है। पूंजीगत व्यय के तहत राशि के सदुपयोग के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ राज्य को शीघ्र ही 1874 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आबंटन मिलेगा। यह राशि राज्य के बुनियादी ढांचे और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए खर्च की जाएगी।

पूंजीगत व्यय यानि कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) का अर्थ है उन पूंजीगत व्ययों का प्रावधान, जो किसी राज्य या देश में बुनियादी ढांचे के निर्माण, नए परिसंपत्तियों के सृजन और दीर्घकालिक विकास के लिए किए जाते हैं। बजट में इसे इसलिए शामिल किया जाता है ताकि शासकीय धन का उपयोग सड़क, परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, और उद्योग जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण और विकास के लिए किया जा सके।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और राज्य के समग्र विकास को गति देना है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय (राज्य कैपेक्स) में 17,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि सड़कों, पुलों, स्कूलों, अस्पतालों, औद्योगिक परियोजनाओं और सिंचाई योजनाओं पर खर्च की जा रही है। राज्य को केंद्र से 1874 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन मिलने से नई परियोजनाओं को लागू करने, रोजगार सृजन और राज्य के बुनियादी ढांचे को और अधिक सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: 7 दिन की रिमांड में भेजे गए पूर्व मंत्री कवासी लखमा, ED करेगी पूछताछ

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया. इस दौरान ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार कर जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया गया है. ईडी ने कोर्ट से लखमा की 14 दिन की रिमांड मांगी. मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कवासी लखमा को 7 दिन की रिमांड में भेज दिया है.

बता दें कि शराब घोटाला मामले में 28 दिसंबर को ED ने पूर्व मंत्री लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. छापेमार कार्रवाई में ED ने नगद लेनदेन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी. 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ा गया था.

शराब घोटाला मामला : पूर्व मंत्री लखमा की गिरफ्तारी पर सीएम साय बोले – ईडी की जांच जारी है, दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा…
रायपुर-  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि ईडी की जांच जारी है. जो भी दोषी है उन पर कार्रवाई होगी. बता दें कि शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा से पूछताछ की. इसके बाद ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार कर जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कवासी लखमा को 7 दिन की ईडी की रिमांड पर भेजा गया.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पहल पर मैनपुर के दुर्गम वनांचल डुमरपड़ाव से जागड़ा तक पक्की सड़क का निर्माण प्रारंभ

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल और संवेदनशीलता नेतृत्व में गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के नक्सल प्रभावित दुर्गम वनांचल क्षेत्रों में पक्की सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है। नेशनल हाईवे 130सी के डुमरपड़ाव से जागड़ा तक 4.7 किमी लंबी सड़क के निर्माण के लिए 3.02 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। दशकों से सड़क की मांग कर रहे ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट किया है। क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के हजारों लोग इस सड़क के अभाव में आवागमन और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित थे। अब इस सड़क के निर्माण से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगी है।

ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के 75 वर्षों बाद यह पहली बार है जब उनकी सड़क निर्माण की मांग पर गंभीरता से ध्यान दिया गया है। ग्राम पंचायत जागड़ा के सरपंच मिथुला बाई नेताम, उपसरपंच भानु प्रताप सिन्हा और अन्य ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उनकी वर्षों पुरानी मांग को पूरा करके ग्रामीणों के हित के लिए बहुत बड़ा कार्य किया है। ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय ने हमारी समस्या के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देते इसे हल करने की तत्काल पहल की है।

उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिले के मैनपुर विकास खंड मुख्यालय से 40 किमी दूर पयलीखंड और जांगड़ा जैसे गांव अब पक्की सड़क से जुड़ने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने स्पेशल केंद्रीय सहायता फंड से इस सड़क निर्माण कार्य को मंजूरी दी है। सड़क बन जान से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली जैसी सुविधाओं का लाभ भी ग्रामीणों को मिल सकेगा। यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही है। 3.02 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन सड़क निर्माण कार्य शीघ्र ही पूरा होने की उम्मीद है।

पक्की सड़क निर्माण कार्य शुरू होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी उत्साह है। जागड़ा और आसपास के गांवों के लोगों ने इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन और दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है। ग्रामीणों ने कहा कि यह सड़क उनके लिए विकास और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगी। ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन और संवेदनशीलता ने दुर्गम क्षेत्रों तक विकास की पहुंच सुनिश्चित की है। इस सड़क निर्माण के जरिए न केवल ग्रामीणों को राहत मिली है, बल्कि उनके जीवन स्तर को सुधारने का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है।