शौर्य का पर्याय है आईएनएस जलाश्वा, श्री साई बाबा डे बोर्डिंग स्कूल के विद्यार्थियों ने देखा विशाखापट्नम का सब मरिन और एयर क्राफ्ट म्यूजियम
अम्बिकापुर- श्री साई बाबा डे बोर्डिंग स्कूल के विद्यार्थियों ने विशाखापट्नम का शैक्षिक भ्रमण किया।भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने भारतीय नौ सेना पोर्ट (इंडियन नेवी बेस), आईएनएस जलाश्वा देखा जो अविस्मरणीय रहा। इस विमान वाहक पोत पर भ्रमण कराते हुए कैप्टन नौशाद अली खान ने बताया कि इस पर एक साथ पांच हेलीकाप्टर, 10 ट्रक और चार पेट्रोलिंग शिप रखने की क्षमता है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि यह विमान वाहक पोत अमेरिका से खरीदा गया और यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा विमान वाहक पोत है। इसे 2007 में भारतीय जल सेना में शामिल किया गया। कैप्टन नौशाद अली खान ने केबिन, मेस, सामान स्टोरेज की क्षमता से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जब हम धरती से दूर होते हैं तो जरूरत का सारा सामान मेरे साथ पोत पर होता है। मिशन के अनुसार तैयारियां की जाती हैं। उन्होंने पोत के संचालन की स्थिति के बारे में बताया।
इस दौरान लेफ्टिनेंट कार्तिक ने कई वीडियो और स्लाइड दिखाते हुए सामरिक तथ्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह विमान वाहक पोत सीधे युद्ध में भाग नहीं लेता है लेकिन सामरिक परिवहन का काम करता है। युद्ध के दौरान हथियार, तोप, हेलीकाप्टर अन्य सामरिक सामान मोर्चे पर पहुंचाये जाते हैं।
पोत पर पहुंचते ही विद्यार्थियों को कैप पहनाकर स्वागत किया गया। विद्यार्थियों को एअर फ्राई समोसे, जूस, स्वनिर्मित जलाश्वा ट्रीट चॉकलेट, केक खिलाया गया जो बेहद स्वादिष्ट रहा। प्राचार्य प्राची गोयल ने भ्रमण के बाद बताया कि जलाश्वा का किचन, खाद्य पदार्थ रखने की व्यवस्था बहुत ही अच्छी थी। प्राचार्य प्राची गोयल के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने सब मरिन म्यूजियम, एयर क्राफ्ट म्यूजियम को देखा। युद्ध और उसकी तैयारियों की स्थितियों से विद्यार्थी अवगत हुए। आरके बीच और ऋषिकोंडा बीच प्राकृतिक सुन्दरता के साथ समुद्री लहरों के लिए ख्याति प्राप्त है, इसका आनन्द विद्यार्थियों लिया। वंदे भारत की यात्रा विद्यार्थियों के लिए रोमांचक रही। शैक्षणिक भ्रमण के दौरान खेल शिक्षक राहुल सोनकर, अर्जिता सिन्हा ने सहयोग किया।
Jan 04 2025, 16:03