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राहुल गांधी मेरे बेहद पास आकर चिल्लाने लगे”,बीजेपी महिला सांसद कोन्याक का दावा, सभापति से की शिकायत

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संसद में हुई धक्का-मुक्की में बीजेपी के दो सांसद घायल हुए हैं। ये मामला यहीं थमता नहीं दिख रहा है।अब नागालैंड की महिला सांसद ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाया है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने उनके साथ बदसलूकी की है। बीजेपी की नागालैंड से सांसद एस फैनोंग कोन्याक ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से शिकायत की है कि राहुल गांधी ने उनके साथ मिसविहेब किया है।

संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर संसद परिसर में विपक्ष और सत्ताधारी एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हुई। बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी घायल हो गए। पार्टी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सारंगी को धक्का देने का आरोप लगाया। इस धक्का-मुक्की में भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। अब बीजेपी की राज्यसभा सदस्य एस फैनोंग कोन्याक ने दावा किया कि वह राहुल गांधी के अचानक पास आने और चिल्लाने से असहज महसूस कर रही थीं।

कोन्याक ने सदन में सभापति जगदीप धनखड़ को घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया, विपक्ष के नेता राहुल गांधी करीब आए, मुझे यह पसंद नहीं आया और उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। आज जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए। मैंने सभापति से भी शिकायत की है। बीजेपी की राज्यसभा सांसद एस फैनोंग कोन्याक ने सभापति को भेजे अपने शिकायती पत्र में कहा, विपक्षी नेता राहुल गांधी ने मेरी गरिमा और आत्मसम्मान को गहरी ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा, मैं सदन में सुरक्षा की मांग करती हूं।

धनखड़ को लिखे पत्र में बीजेपी सांसद ने लिखा, "मैं, एस. फागनोन कोन्याक, संसद सदस्य (राज्यसभा) माननीय डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की और से किए गए अत्याचारों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में भाग ले रही थी। मैं अपने हाथ में एक तख्ती लेकर मकर द्वार की सीढ़ी के ठीक नीचे खड़ी थी। सुरक्षा कर्मियों ने अन्य दलों के माननीय सांसदों के प्रवेश के लिए प्रवेश द्वार पर एक रास्ता बना रखा था। अचानक, विपक्ष के नेता राहुल गांधी अन्य पार्टी सदस्यों के साथ मेरे सामने आ गए, जबकि उनके लिए एक रास्ता बनाया गया था। उन्होंने ऊंची आवाज में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी शारीरिक निकटता इतनी करीब थी कि एक महिला सदस्य होने के नाते मुझे बेहद असहज महसूस हुआय़ मैं भारी मन से और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की निंदा करते हुए एक तरफ हट गई, लेकिन मुझे लगा कि किसी भी संसद सदस्य को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं नागालैंड के एसटी समुदाय से हूं और मैं एक महिला सदस्य हूं। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मेरी गरिमा और आत्मसम्मान को गहरी ठेस पहुंचाई है। इसलिए माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपकी सुरक्षा चाहती हूं।"

इससे पहले राज्यसभा में नेता सदन और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा तथा केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर संसद के प्रवेश द्वार पर बीजेपी की महिला सांसदों के खिलाफ बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। इसके बाद सदन में हंगामा हो गया और हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ गई।

संसद में एक बार के स्थगन के बाद 2 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, बीजेपी की ओर से राहुल गांधी के कथित दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया गया। बीजेपी ने इसके लिए उनसे और कांग्रेस से सदन तथा पूरे देश से माफी की मांग की।

फिर से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत चीन के बीच बनी बात

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कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर भारत और चीन के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है। पूरे पांच साल बाद बीजिंग में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इस बैठक में दोनों देश के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर सहमति बन गई। दोनों देशों के बीच पांच साल के अंतराल के बाद विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की बैठक बीजिंग में 6 मुद्दों पर सहमति बनी।भारत की ओर से इस बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल तो चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी शामिल थे।

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ईस्टर्न लद्दाख में चार साल लंबे गतिरोध के बाद संबंधों की बहाली के मद्दनेजर सभी मुद्दों पर बात करने के लिए बॉर्डर मुद्दे पर बने इस मैकेनिज्म की आखिरी बैठक दिसंबर 2019 के बाद पहली बार हुई है।भारत की ओर से इस बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल तो चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी शामिल थे। दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने बॉर्डर एरिया में शांति क़ायम करने को द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के लिए अहम बताया।

दोनों पक्षों ने इस बात को माना कि ग्राउंड पर शांतिपूर्ण हालात कायम करने ज़रूरी हैं जिससे कि सीमा संबंधी मुद्दे द्विपक्षीय संबंधों की सामान्य गतिविधियों पर असर ना डाले। साल 2020 से सबक़ लेते हुए बॉर्डर पर शांति कायम करने और बॉर्डर मैनेजमेंट को लेकर चर्चा की गई। दोनों देशों ने इस इसे लेकर संबंधित डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल को निर्देशित करने और इस्तेमाल का भी फ़ैसला किया

कैलाश मानसरोवर यात्रा करने के दौरान चीन की अनुमति जरूरी है क्योंकि यह यात्रा तिब्बत में स्थित है। जो वर्तमान में चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है। इसलिए वहां जाने के लिए चीनी पर्यटक वीजा लेना होता है। चीनी सरकार ने इस क्षेत्र में यात्रा के लिए नियम और शर्तें निर्धारित की हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है. अब भारत के समझौते के साथ कैलाश मानसरोवर की यात्रा आसान हो सकती है।

विशेष प्रतिनिधियों की बैठक प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हाल ही में हुई बैठक के दौरान लिए गए निर्णय के अनुसार हुई। इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन की देखरेख करने और सीमा से जुड़े सवालों का निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशने के लिए शीघ्र बैठक की जानी थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की थी। जिसमें मानसवोर यात्रा को दोबारा शुरू करने और भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई थी।

कैलाश मानसरोवर यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ यात्रा है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखती है. यह यात्रा तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक जाती है। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। यह पर्वत तिब्बत के पश्चिमी क्षेत्र में हिमालय श्रृंखला का हिस्सा है, जिसकी ऊंचाई लगभग 6,638 मीटर है। जबिक, मानसरोवर झील को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसकी रचना ब्रह्मा जी ने की थी। यह झील तिब्बत के उच्च पठार पर 4,590 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और कैलाश पर्वत से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।

इस यात्रा के दौरान तीर्थयात्री कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते हैं और मानसरोवर झील में स्नान करते हैं, जिसे पवित्र और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना जाता है। समुद्र तल से 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित लिपूलेख दर्रे से होकर यात्रा की जाती है।

मुझे धक्का दिया गया”, खरगे ने लगाया बीजेपी सांसदों पर आरोप, ओम बिरला को पत्र भी लिखा

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संसद परिसर में सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की के बाद आरोपों का दौर चल रहा है। बीजेपी घटना के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहरा रही है। धक्का-मुक्की में बीजेपी के दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत चोटिल हो गए। दोनों अस्पताल में भर्ती हैं,आरोप राहुल गांधी पर लगा है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया है कि उनके साथ भी बदसलूकी हुई है। खरगे ने कहा है कि पीएम मोदी बीजेपी सांसदों को प्लेकार्ड वाले डंडे से लैस कराकर इंडिया गठबंधन के सांसदों को रोकने के लिए धक्का-मुक्की करवाते हैं। खरगे ने इसकी जांच के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को बकायदा पत्र भी लिखा है।

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में कहा है कि मुझे भाजपा सांसदों ने धक्का दिया, मैं अपना संतुलन खो बैठा और मकर द्वार के सामने जमीन पर बैठने के लिए मजबूर हो गया। खरगे ने लोकसभा अध्यक्ष से भाजपा सांसदों द्वारा उन्हें 'धक्का' दिए जाने के मामले की जांच का आदेश देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह न केवल उन पर, बल्कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला था।

खरगे ने ओम बिरला को लिखे पत्र में कहा कि आज सुबह इंडिया गठबंधन के सांसदों ने प्रेरणा स्थल पर डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा से लेकर मकर द्वार तक मार्च किया। यह मार्च केंद्रीय गृह मंत्री के 17 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में दिए गए डॉ. अंबेडकर के अपमानजनक भाषण के विरोध में किया गया था। जब मैं भाजपा सांसदों के साथ मकर द्वार पहुंचा,तो मुझे धक्का दिया गया। इसके बाद मैं अपना संतुलन खो बैठा और मकर द्वार के सामने जमीन पर गिर गया। इससे मेरे घुटनों को चोट लगी,जिनकी पहले ही सर्जरी हो चुकी है।

संसद में प्रदर्शन के दौरान धक्का-मुक्की, बीजेपी के 2 सांसद घायल, राहुल ने मारा धक्का?

#parliament_opposition_protest_bjp_mp_injured

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संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामा हो रहा है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों दलों के सांसदों के बीच मकर द्वार पर धक्कामुक्की की खबर आई। भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर में चोट देखी गई। इस दौरान भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें आरएमएल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। सारंगी का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, आज संसद के मुख्य द्वार में भाजपा-एनडीए सांसदों का प्रदर्शन चल रहा था, राहुल गांधी और उनके सांसदों ने जबरदस्ती घुसकर अपना जो शारीरिक प्रदर्शन किया है, वो बहुत गलत है। संसद कोई शारीरिक ताकत दिखाने का प्लैटफ़ॉर्म नहीं है। राहुल गांधी ने भाजपा के 2 सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को जोर से धक्का दिया। राहुल गांधी ने जो धक्का-मुक्की की है, मैं उसका खंडन करता हूं। मैं राहुल गांधी से सवाल करना चाहता हूं कि अगर सब लोग अपनी ताकत दिखाकर मारपीट करने लग जाएंगे, तो संसद कैसे चलेगा? यह लोकतंत्र का मंदिर है, हमारे दोनों सांसद गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।

इन आरोपों पर अब राहुल गांधी की भी प्रतिक्रिया आ गई है।लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था तो भाजपा सासंद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे। मुझे धमका रहे थे, तो यह हुआ है। यह संसद का प्रवेश द्वार है और हमारा अंदर जाने का अधिकार है। मुख्य मुद्दा यह है कि वे संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं।

दरअसल, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में मार्च निकाला। जवाब में भाजपा ने कांग्रेस पर झूठ की राजनीति का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान संसद भवन के मकर द्वार पर दोनों दलों के सांसद आमने-सामने आ गए। दोनों के बीच धक्का-मुक्की की भी नौबत आई

चीन अपनी परमाणु शक्ति बढ़ा रहा, तैयार किए 600 न्यूक्लियर हथियार, भारत के लिए कितना बड़ा खतरा?

#ischinacontinuouslyincreasingitsnuclearpower

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चीन अपने न्यूक्लियर पावर को लगातार बढ़ा रहा है। दावा किया रहा है कि उसने अपने लिए 600 के करीब परमाणु हथियार भी तैयार करके रखा है। ये दावा पेंटागन की रिपोर्ट में किया गया है। इस रिपोर्ट में इस दावे के साथ-साथ कई चौकाने वाले खुलासे भी किए गए हैं।इसमें कहा गया है कि 2030 के अंत तक चीन के पास 1000 से ज्यादा परमाणु बम होंगे। इनमें से कई को पूरी तरह से तैनाती के मोड पर रखे जाने की योजना है।चीन जिस तरह से अपने परमाणु बमों के भंडार को बढ़ा रहा है, वह भारत और अमेरिका के लिए बड़ा खतरा है।

पेंटागन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपने परमाणु हथियारों की संख्या में लगातार इजाफा करने में जुटा है। अगर वह इसी गति से परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाता रहा तो वर्ष 2030 उसके पास 1000 परमाणु हथियार होंगे।रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की वायु सेना अपने टेक्नोलॉजी स्टैंडर्ड में सुधार कर रही है और तेजी से टेक्नोलॉजी को अमेरिकी मानकों के बराबर ला रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अपने ड्रोन आधुनिकीकरण के प्रयास जारी रखे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ड्रोन के लिए झुंड क्षमताओं को विकसित करने में पर्याप्त प्रयास कर रहा है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि सुधारों के बावजूद, चीन की एयर फोर्स यूएस एयर फोर्स के बराबर या उससे आगे नहीं निकल पाई है।

इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित कर रहा चीन

पेंटागन की इस रिपोर्ट के अनुसार चीन बीते कुछ समय से अपनी सेना को और अधिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने में जुटा है। यही वजह है कि वह लगातार ऐसी मिसाइलें भी बना रहा है जो दुश्मनों की नींद उड़ा सके। रिपोर्ट के अनुसार चीन नई इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित करने पर जोर दे रहा है। ऐसा करने से उसकी परमाणु सक्षम मिसाइल ताकतों में इजाफा होगा। इसके साथ-साथ अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन पारंपरिक रूप से सशस्त्र इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज मिसाइल सिस्टम विकसित करने पर विचार कर सकता है।

अमेरिका शहरों पर तक हमला करने की क्षमता

इसमें कहा गया है कि चीन एडवांस न्यूक्लियर डिलीवरी सिस्टम विकसित कर रहा है। इसे अमेरिका से दीर्घकालिक चुनौती को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। पीपल्स रिपब्लिक आर्मी की बढ़ती हुई न्यूक्लियर फोर्स इसे अमेरिकी शहरों, सैन्य सुविधाओं और नेतृत्व स्थलों को निशाना बनाने में सक्षम करेगी। चीन की योजना ऐसे हथियार तैयार करने की है जो बहुत अधिक स्तर पर नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हों।

वॉरशिप और सबमरीन

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास 370 से अधिक प्लेटफार्मों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नेवी है। जहाजों की संख्या 2025 तक 395 और 2030 तक 435 जहाजों तक बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की नेवी के पास वर्तमान में छह न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन, छह न्यूक्लियर सबमरीन और 48 डीजल से चलने वाली या एयर फ्री अटैक सबमरीन हैं। 2025 तक सबमरीन बल बढ़कर 65 और 2035 तक 80 तक पहुंचने की उम्मीद है।

रूस और उत्तर कोरिया से चीन ने बनाई दूरी

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने सार्वजनिक रूप से रूस और उत्तर कोरिया के बढ़ते रक्षा संबंधों से खुदको दूर कर लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि शायद उसे लगता है कि इन देशों से नजदीकी उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती है।

अंबेडकर विवाद पर अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार-चंद्रबाबू नायडू को लिखी चिट्ठी, जानें क्या कहा

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राज्यसभा में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को लेकर अमित शाह के दिए बयान ने देश की सियासत में उबाल ला दिया है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इसे लेकर शाह और पूरी बीजेपी पर हमलावर हैं। इस बीच दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने नया दांव खेला है। केजरीवाल ने एनडीए के साथी दलों जेडीयू और टीडीपी के मुखिया नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने दोनों नेताओं से कहा कि लोगों को लगता है कि बाबा साहेब को चाहने वाले बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते। आप भी इसपर विचार करें।

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आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने यह चिट्ठी गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान के संबंध में लिखी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि बाबा साहब नेता नहीं, इस देश की आत्मा हैं।हाल ही में संसद में, गृहमंत्री की ओर से दिया गया बयान न केवल अपमानजनक है बल्कि भाजपा की बाबासाहेब और हमारे संविधान के प्रति सोच को उजागर करता है। देश भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। ये बयान देने के बाद अमित शाह जी ने माफी मांगने की बजाय अपने बयान को उचित ठहराया।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने आगे लिखा, 'बाबासाहेब के बारे में ऐसा कहने का साहस आखिर भाजपा ने कैसे किया? प्रधान मंत्री जी ने सार्वजनिक रूप से अमित शाह जी के बयान का समर्थन किया। इसने जले पर नमक छिड़कने का काम किया।लोगों को लगने लगा है कि बाबा साहेब को चाहने वाले अब भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते। बाबा साहेब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि हमारे देश की आत्मा हैं। अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा, बाबा साहेब को चाहने वाले बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते, लोग चाहते हैं आप भी इस मसले पर गहराई से विचार करें।

अंबेडकर मामले में गरमाई सियासत, नीली टी-शर्ट पहुंचकर संसद पहुंचे राहुल
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* संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है। गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं। अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..." वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।
अंबेडकर मामले में गरमाई सियासत, नीली टी-शर्ट पहुंचकर संसद पहुंचे राहुल

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संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। विपक्ष ने कल बुधवार को अंबेडकर से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और अमित शाह के इस्तीफा की भी मांग कर डाली। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, डीएमके, आरजेडी, वाम दलों और शिवसेना (यूबीटी) सहित करीब सभी विपक्षी दलों ने इस मसले को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामे होने के आसार है।

गुरुवार को इंडिया गठबंधन ने संसद परिसर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष विरोध मार्च निकाला। वे मकर द्वार तक गए और राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।इस दौरान राहुल गांधी नीली टीशर्ट में नजर आए और प्रियंका गांधी नीली साड़ी में नजर आईं।

अमित शाह पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "उन्होंने संसद में जिस तरह से बाबा साहेब का अपमान किया है....इन पर कौन भरोसा करेगा? ये कहते हैं कि ये आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को नहीं बदलना चाहते...वो (बाबा साहब अंबेडकर) संविधान के निर्माता हैं। आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं..."

वहीं, दूसरी तरफ अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब का लगातार अपमान किया है।

अब जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ खड़ी हुई कनाडा की पुलिस, बदहाल कानून व्यवस्था देने का आरोप, इस्तीफे की मांग

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कनाडा में वहां की ट्रूडो सरकार के लिए सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पीएम ट्रूडो के लिए हालात किस कदर जटिल बने हुए हैं इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि उन्हें बीते कुछ समय से अपनी सरकार के भीतर भी तीखी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं। साथ ही साथ ट्रूडो जिन आतंकी ताकतों को सहारा दे रहे थे,उससे कनाडा के लोग नाराज हैं। उस पर से अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ट्रुडो फूटी आंख नहीं सुहाते। भारत का विरोध और खालिस्तान का समर्थन करने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के लिए जनता का समर्थन हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है। उनके खिलाफ कनाडा में उसी बगावत की सबसे बड़ी झलक उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिश्टिया फ्रीलैंड का इस्तीफा है। इस बीच अब कनाडा पुलिस ने भी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर पूरी तरह से अविश्वास जता दिया है।

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कनाडा पुलिस की दो संगठन ने प्रधानमंत्री जस्टिन पर कनाडा में बदहाल कानून व्यवस्था देने का आरोप लगाया है। पुलिस संगठन का आरोप है कि जस्टिन के राज में अपराधी कल्चर बढ़ा है। अवैध हथियारों और ड्रग्स की सभ्यता को बढ़ावा मिला है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिन अपराधियों को पुलिस अपनी जान पर खेल कर पकड़ती है। उन अपराधियों को कोर्ट से खड़े-खड़े जमानत मिल जाती है।

टोरंटो पुलिस एसोसिएशन ने इस बाबत बाकायदा अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी जस्टिन ट्रूडो की गलत नीतियों की आलोचना की है। टोरंटो पुलिस एसोसिएशन ने कहा कि खोखले वादों और बातों का बहुत कम अर्थ है और वे हमारे सदस्यों और आम जनता के प्रति कपटपूर्ण बने हुए हैं। हिंसक अपराध, बंदूक अपराध और वास्तविक जमानत सुधार की कमी जनता, अधिकारियों और पूरे समाज को खतरे में डालने के अलावा कुछ नहीं करती है।

दरहम क्षेत्रीय पुलिस एसोसिएशन ने भी टोरंटो पुलिस एसोसिएशन का समर्थन किया। उन्होंने जस्टिन ट्रूडो पर अविश्वास जताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की और कहा कि देश में नए चुनाव होने चाहिए।

पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री पर अविश्वास जताना दर्शाता है कि कनाडा में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो चुकी है। पुलिस और प्रधानमंत्री के बीच अविश्वास की यह स्थिति अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को और अधिक जटिल बना रही है। जस्टिन ट्रूडो पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। पुलिस संगठनों और सांसदों की ओर से इस्तीफे की मांग की जा रही है।

पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को लगा झटका, अमेरिका ने तीन कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध

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अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बड़ा झटका दिया है।अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में योगदान देने वाली तीन संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया। इसमें पाकिस्तानी सरकार के स्वामित्व वाले राष्ट्रीय विकास परिसर (एनडीसी) और उससे जुड़ी कराची स्थित तीन कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने खुलासा किया कि प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत जारी किए गए थे।

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विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा कि नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स और तीन कंपनियों पर लगाए गए ये प्रतिबंध एक कार्यकारी आदेश के तहत लगाए गए हैं। प्रतिबंधों के तहत लक्षित संस्थाओं से संबंधित किसी भी अमेरिकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा तथा अमेरिकियों को उनके साथ व्यापार करने से रोक दिया जाएगा। इसका उद्देश्य सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और उन्हें वितरित करने के लिए इस्तेमाल की जानी वाली टेक्नोलॉजी पर अंकुश लगाना था।

पाक ने कहा कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण

इधर, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका की कार्रवाई “दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण” है और “सैन्य विषमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से” क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगी, जो परमाणु-सशस्त्र भारत के साथ देश की प्रतिद्वंद्विता का स्पष्ट संदर्भ है। विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है कि इस्लामाबाद स्थित एनडीसी ने देश के लंबी दूरी के बैलिस्टिक-मिसाइल कार्यक्रम और मिसाइल-परीक्षण उपकरणों के लिए कंपोनेंट्स प्राप्त करने की मांग की है।

पाकिस्तान के पास 170 परमाणु बम

बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स के शोध से पता चलता है कि पाकिस्तान के हथियार भंडार में अब लगभग 170 परमाणु बम हैं। पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया। पाकिस्तान परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने से जुड़े अंतरराष्ट्रीय समझौता से बाहर है। प्रतिबंधों में तीन निजी कंपनियों-एफिलिएट्स इंटरनेशनल, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड और रॉकसाइड एंटरप्राइज शामिल हैं। इन पर एनडीसी के मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण हासिल करने में मदद का आरोप है।