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गया में एसएसपी का लगा जनता दरबार, 30 आम जनों की सुनी गई समस्या

गया। बिहार के गया में गया एसएसपी कार्यालय में शनिवार को दोपहर 2 बजे एसएसपी आशीष भारती का जनता दरबार लगा। जिसमें आयोजित जनता दरबार में गया जिले के दूर दराज से 30 आमजनों अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे।

आम जनों ने अपनी-अपनी समस्याओं को एसएसपी के समक्ष रखा। इस दौरान एसएसपी ने सभी मामले को गंभीरता पूर्वक सुने और संबंधित पुलिस अधिकारी को जांच कर कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिए। 

गया के एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि आम जनों की आज समस्या सुनी गई और समस्याओं का निष्पादन के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

मृतक के आश्रित को बैंक ने दिया बीमा की राशि, पीएनबी सरवां बाजार की शाखा ने ग्राहक को दिया दो लाख का चेक

गया/बाराचट्टी। बाराचट्टी प्रखंड के पंजाब नेशनल बैंक सरवां बाजार की शाखा ने मृतक खाताधारी फुलकुमारी देवी के पति रविन्द्र चौधरी को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत दो लाख रूपये का चेक दिया। पीएनबी सरवां बाजार के शाखा प्रबंधक आलोक कुमार ने बताया कि बजरकर पंचायत के कलउआ कला निवासी रविंद्र चौधरी को दो लाख का चेक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत दिया गया।

मृतक खाताधारी फुलकुमारी देवी के द्वारा 436 रूपये का बीमा बैंक के द्वारा करवायी थी। उसका लाभ बैंक के द्वारा दिया गया। वहीं पीएनबी सीएसपी सोभ शाखा के बिरेन्द्र कुमार के द्वारा बताया गया कि मृतक आश्रित के परिजन का लाभ दिया गया। यह खाता सीएसपी सोभ के द्वारा खोला गया था और बीमा भी किया गया था। उन्होंने आगे बताया कि आम नागरिकों से निवेदन हैं कि सभी लोग सरकार के द्वारा चलाये जा रही बीमा योजनाओं का लाभ बैंक से या सीएसपी से जुड़ कर अवश्य ले।

वहीं चेक प्राप्त कर रहे रविन्द्र चौधरी ने बताया कि हमें मुश्किल समय मे बैंक के द्वारा जो सहयोग किया गया वह बहुत ही सराहनीय हैं। इस मौके पर मौजूद लोगों मे अधिकारी नवीन कुमार सिन्हा , हेड कैशियर अभिषेक रंजन, होरिल कुमार यादव, आयुष कुमार, रिकवरी प्रतिनिधि दिपक कुमार , समेत अन्य लोग मौजूद थे।

शेरघाटी पुलिस ने बालू लदे एक ट्रैक्टर को किया जब्त

गया/शेरघाटी। जिले के शेरघाटी थाना की पुलिस ने बालू लदी एक ट्रैक्टर को जप्त करते हुए उसके चालक को गिरफ्तार की है। शेरघाटी थाना के मुताबिक आज थाना क्षेत्र के गांव घाघर गांव के समीप से बालू लदी ट्रैक्टर जप्त की है।

साथ ही वाहन चालक जो भागने के फिराक में था। वह भी पकडा गया, जो घाघर गांव का रहने वाला है। जिसको लेकर सबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए पकड़े गए चालक को जेल भेजा गया है।

चीफ पोस्टमास्टर जनरल ने गया डाक प्रमंडल में पार्सल हब के नए भवन का फीता काटकर किए उ‌द्घाटन

गया। गया शहर के स्वराजपुरी रोड में चीफ पोस्टमास्टर जनरल ने शुक्रवार को गया डाक प्रमंडल में पार्सल हब के नए भवन का उ‌द्घाटन तथा प्रमंडलीय कार्यालय में नेशनल फ्लैग जोन का भी उद्घाटन किया गया।

चीफ पोस्टमास्टर जनरल बिहार सर्किल गया डाक प्रमंडल के अनिल कुमार ने वार्षिक निरिक्षण के दौरे पर गया में आये। इस दरमयान उन्होंने महरूफगंज में पार्सल हब के नए भवन का शुभारम्भ किया। उन्होंने बताया कि इस पार्सल हब से गया डाक प्रमंडल के लोगों को पार्सल पहुंचाने एवं बाहर से आये पार्सल ससमय प्राप्त करने में काफी सुविधा होगी।

गया डाक प्रमंडल अंतर्गत गया जिला के स्वराजपुरी रोड स्थित डाक विभाग के सरकारी भवन में पार्सल को संबंधित सभी ग्राहकों को ससमय पहुंचाने हेतु पार्सल हब के नए भवन का उ‌द्घाटन माननीय श्री अनिल कुमार, भा०डा०से०, चीफ पोस्टमास्टर जनरल, बिहार सर्किल, पटना के द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि पार्सल हब बनाने से गया जिला के लोगों को ससमय पार्सल पहुंचाने एवं बाहर से आये पार्सल ससमय प्राप्त करने में काफी सुविधा होगी।

इसके लिए अलग से डाकियों एवं मॉनिटरिंग हेतु अन्य कर्मचारियों व पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति किया गया है। पूर्व की अपेक्षा पार्सल भेजने की प्रक्रिया को आसान बनाया जायेगा। उदघाटन समारोह में श्री रास बिहारी राम, प्रवर डाक अधीक्षक, गया प्रमंडल गया, सहायक डाक अधीक्षक श्री नीरज कुमार चौधरी एवं श्री संभु कुमार सिंह एवं गया डाक प्रमंडल डाक निरीक्षकों यथा श्री रंजीत कुमार, श्री गौरव रंजन, श्री उमंग जैन एवं श्री धनंजय कुमार की उपस्थिथि रही ।

महाबोधि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एसएसपी ने की महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक, दिए गए यह निर्देश

गया। गया जिले के एसएसपी आशीष भारती बोधगया बीटीएमसी कार्यालय में एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बोधगया एवं अन्य पुलिस अधिकारी शामिल हुए।

बैठक के दौरान एसएसपी ने पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की गहन समीक्षा की और तत्पश्चात महाबोधि मंदिर एवं उसके परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इनमें मोटरसाइकिल मोबाइल यूनिट और QRT टीम को और प्रभावी बनाना, आसपास के होटल और घरों का सत्यापन करना तथा अन्य सुरक्षा उपायों को और भी कारगर बनाना शामिल था।

तत्पश्चात एसएसपी ने महाबोधि मंदिर एवं उसके परिसर और आसपास के क्षेत्रों का सुरक्षा ऑडिट किया। उन्होंने सीसीटीवी कैमरों की स्थिति, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और आपातकालीन प्रबंधन योजनाओं का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन हो। एसएसपी ने सुरक्षा कर्मियों को नियमित रूप से मॉक ड्रिल करने, सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत और अद्यतन सुनिश्चित करने और आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को सुसज्जित और सतर्क रहने के निर्देश दिए।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

भारतीय सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया के महान निर्देशक लेखक और निर्माता रामानंद सागर का पुष्पांजलि अर्पित कर पुण्यतिथि मनाया गया

गया। राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनीष पंकज मिश्रा के द्वारा भारतीय सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया के एक महान निर्देशक, लेखक और निर्माता रामानंद सागर का पुण्यतिथि पर नमन करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और धर्म को अपनी कृतियों के माध्यम से जीवंत किया। उनका जन्म 29 दिसंबर 1917 को लाहौर (अब पाकिस्तान में) में एक संपन्न परिवार में हुआ।

उनका मूल नाम चंद्रमौली चोपड़ा था, लेकिन बाद में वे रामानंद सागर के नाम से प्रसिद्ध हुए। रामानंद सागर जी को विशेष रूप से 'रामायण' के निर्माण के लिए जाना जाता है, जो भारतीय टेलीविजन का एक ऐतिहासिक शो बन गया। 1987 में प्रसारित इस धारावाहिक ने भारतीय जनमानस में एक नई आध्यात्मिक चेतना उत्पन्न की। यह शो न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी अत्यधिक लोकप्रिय हुआ और इसे रामायण की कहानियों को घर-घर तक पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है। उनके निर्देशन में भारतीय मूल्यों, परंपराओं और धार्मिक महाकाव्यों को बहुत सरल और सजीव रूप में प्रस्तुत किया गया।रामानंद सागर जी ने अपने करियर की शुरुआत एक लेखक के रूप में की थी और उन्हें 1942 में साहित्य के लिए गोल्ड मेडल भी मिला।

उन्होंने कई हिंदी फिल्मों की पटकथा भी लिखी, जैसे आंखें, अरमान, चरस आदि। उनके कार्यों में मानवीय भावनाओं और समाज की सच्चाई को गहराई से दर्शाया गया है।राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनका योगदान और उनकी कला ने मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने का कार्य किया। 2005 में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी कृतियां आज भी जीवित हैं आज उनके पुण्यतिथि पर नमन करते हैं।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

14 दिसंबर को बहरेपन के शिकार बच्चों के लिए लगेगा हेल्थ कैंप, प्रभावती अस्पताल के डीईआइसी में होगी बच्चों के कानों की जांच

गया। जिला में श्रवण श्रुति कार्यक्रम की मदद से सुनने में असक्षम बच्चों का इलाज किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनकी प्रांरभिक जांच प्रभावती अस्पताल स्थित डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर पर होती है। इसके बाद उन्हें पटना के एम्स में भी जांच की जाती है। आवश्यकता पड़ने पर ऐसे बच्चों को कॉकलियर इंप्लाट के लिए कानपुर भेजा जाता है। इसे लेकर 14 दिसंबर को सुबह दस बजे से श्रवण श्रुति कैंप का आयोजन किया गया हैं। प्रभावती अस्पताल के डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के स्वास्थ्य अधिकारियों की मौजूदगी में डॉक्टर बच्चों के कम सुनने की क्षमता या बहरापन के शिकार बच्चों की जांच करेंगे। जांच के दौरान बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र तथा माता या पिता का आय प्रमाण पत्र लाना आवश्यक है।  

डीएम कर रहे प्रोजेक्ट का अनुश्रवण

डीपीएम स्वास्थ्य नीलेश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा श्रवण श्रुति कार्यक्रम का अनुश्रवण किया जा रहा है। श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट वरदान बन चुका है ऐसे बच्चे अपने माता-पिता को प्रतिक्रिया दे रहे हैं जिससे उनके माता-पिता के चेहरे पर अब मुस्कान आ रही है। अपने बच्चों को बोलते—सुनते हुए देखने में उम्मीद जगी है और यह सब श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट के कारण हो रहा है। इस प्रोजेक्ट की जिलाधिकारी द्वारा नियमित समीक्षा भी की जा रही है।

कई बच्चों के कॉकलियर इंप्लांट तथा अन्य आवश्यक जाचं के लिए निशुल्क इलाज की सुविधा मुहैया करायी जा रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार ने गया जिला में इस प्रोजेक्ट के सफल संचालन को देखते हुए इस जिला को मॉडल माना है। इस मॉडल का अनुसरण करते हुए अतिरिक्त नौ जिलों में इस प्रोजेक्ट का संचालन किये जाने की योजना है। इन जिलों में पटना, नालंदा भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, वैशाली आदि जिलों में सुनने में असक्षम बच्चों के इलाज कराया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे बच्चों की जांच के लिए 9852761844 नंबर जारी किया गया है जिस पर फोन कर इलाज के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 

महाबोधि मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी: सच्चाई जानने में जुटी बोधगया थाने की पुलिस, अंतर्राष्ट्रीय धरोहर की सुरक्षा व्यवस्था चौकस

गया. बिहार के बोधगया स्थित अंतर्राष्ट्रीय धरोहर महाबोधि मंदिर को उड़ाने की धमकी का मामला सामने आने के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता कर दिया गया है. इस बार धमकी के तार झारखंड के धनबाद से जुड़े हैं. धनबाद के प्रिंस खान नाम के कुख्यात अपराधी के द्वारा इस तरह का धमकी भरा पत्र भेजे जाने की बात सामने आ रही है. सोर्स के अनुसार आईएसआईएस के नाम से इस तरह का धमकी भरा पत्र भेजा गया है. हालांकि, गया के वरीय पुलिस अधिकारी इस मामले पर खुलकर कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है, की जांच की जा रही है.

महाबोधि मंदिर को उड़ाने की धमकी के बाद चौकसी

विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर को उड़ाने की धमकी के बाद बोधगया में चौकसी बढा दी गई है. धनबाद से इसका तार जुड़ा है. बताया जा रहा है, कि जिस अपराधी के द्वारा इस तरह की धमकी दी गई है, वह फिलहाल दुबई में छुपा हुआ है. झारखंड और बिहार दोनों राज्यों की पुलिस इस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है.

झारखंड के धनबाद को पहुंची पुलिस 

वही, इस तरह के मामले को लेकर झारखंड के धनबाद को बिहार से बोधगया पुलिस की टीम मंगलवार को पहुंची थी. बुधवार को भी टीम मामले में छानबीन कर रही है. झारखंड के धनबाद स्थित बैंक मोड़ बासेपुर में कुख्यात प्रिंस खान के घर पर गया पुलिस की टीम पहुंची. हालांकि पुलिस की टीम को जानकारी मिली है, कि कुख्यात प्रिंस खान दुबई में छुपा हुआ है. फिलहाल महाबोधि मंदिर को उड़ाने की धमकी के पीछे प्रिंस खान है या नहीं, या किसी और की करतूत है, इस सच्चाई को खंगालने में दोनों राज्यों की टीम जुटी हुई है. बिहार और झारखंड की पुलिस प्रिंस खान के घर पहुंचकर मामले को खंगाल रही है और महाबोधि मंदिर के धमकी कनेक्शन की पड़ताल जारी है. आईएसआईएस का नाम जुड़ने से केंद्रीय एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैं.

महाबोधि मंदिर पर दो बार हो चुका है आतंकी हमला 

गंभीर बात यह है, कि महाबोधि मंदिर पर दो बार आतंकी हमला हो चुका है. वर्ष 2013 और 2018 में इस तरह की घटना सामने आई है. दोनों बार अलर्ट सुरक्षा व्यवस्था के कारण किसी प्रकार की बड़ी घटना को टाल दी गई थी, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय धरोहर महाबोधि मंदिर लगातार आतंकियों के टारगेट पर रहा है. इस बार महाबोधि मंदिर को उड़ाने की धमकी के पीछे क्या सत्यता है, इसकी जांच पुलिस कर रही है. वहीं, इसके बीच महाबोधि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को और अलर्ट कर दिया गया है.

इस तरह के मामले का सत्यापन किया जा रहा है: थानाध्यक्ष 

इस संबंध में बोधगया थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह का कहना है कि महाबोधि मंदिर को उड़ाने की धमकी के मामले की जांच हो रही है. पूरे मामले को सत्यापित किया जा रहा है. सत्यापन के आधार पर जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी. फिलहाल इस मामले में क्या सच्चाई है उसकी जांच की जा रही है. थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि इस संबंध में वरीय अधिकारी ही पूरी तरह से जानकारी दे सकते हैं।

जेल में नहीं थम रहा मोबाइल का खेल, नवंबर महीने में बंदियों का बात करते वीडियो तो दिसंबर में सेल्फ़ी लेते फ़ोटो हो रहा वायरल

गया सेंट्रल जेल के अंदरखाने में बड़ा खेल चलता है। हालिया नवंबर महीने में ही जेल से बंदियों का मोबाइल फ़ोन से बात करते वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो के वायरल होने के एक महीने ही हुए हैं कि अब बंंदियों के सेल्फ़ी वाला फोटो वायरल हो रहा है। जेल में बंदी फ़ोन से बात करते हीं हैं अब आराम से अपनी सेल्फ़ी ले रहे हैं। यह अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

हालांकि, यह सेल्फ़ी वाला फ़ोटो कब का है, इसकी स्पष्ट पुष्टि नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है, कि जेल में मोबाइल का बड़ा खेल हो रहा है। इधर इस मामले को लेकर मगध प्रक्षेत्र के आईजी क्षत्रनील सिंह ने कहा है, कि पूर्व में भी इस तरह की शिकायतें मिली थी अब फ़िर से इस तरह का मामला सामने आया है, तो इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी।

सेंट्रल जेल में बंदियों को के पास मोबाइल

गया सेंट्रल जेल के अधिकारियों की कार्यशैली हालिया दिनों में संदिग्ध रही है। कई तरह के मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें जेेल अफसरों की कार्यशैली पर उंगली उठती रही है। पिछली बार नवंबर महीने में ही गया सेंट्रल जेल के वार्ड से मोबाइल फ़ोन से बात करते हुए बंदियों का वीडियो वायरल हुआ था। इस वायरल वीडियो को लेकर रामपुर थाने में एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर जेल प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वहीं, गया सेंट्रल जेल के अधीक्षक और उपाधीक्षक को नसीहत भी दी गई थी, लेकिन इसका प्रभाव नहीं पड़ता दिख रहा। क्योंकि एक बार फ़िर से अब बंदियों का सेल्फी वाला फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सोर्स के अनुसार जेल के अंदर मोबाइल से यह सेल्फी बंदियों के द्वारा ली गई है।

क्या है मोबाइल का हथकंडा

गया सेंट्रल जेल में मोबाइल का बड़ा हथकंडा है।यहां से बड़े-बड़े लोगों को धमकियां दी जाती रही है।चाहे अधिकारी हो नेता या फिर व्यवसाई, जेल के अंदर से फोन कर इन्हें धमकी देने का सिलसिला चलता रहा है। इस तरह सिलसिले को कहीं न कहीं पनपाया जा रहा है।क्योंकि बंदियों के पास मोबाइल फोन होने की लगातार कई तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं। हाल में जिस तरह से जेल के अंदर बंदियों के मोबाइल से बात करने का वीडियो वायरल हुआ, उसके बाद रामपुर थाने में केस दर्ज जरूर हुआ, लेकिन कोई प्रोग्रेस अनुसंधान में नहीं दिखा। नतीजतन सेंट्रल जेल के अंदर से बंदियों के मोबाइल का उपयोग करने का सिलसिला सुचारू रूपसे जारी है, जो कि कभी भी ख़तरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि यहां एक से बढ़कर एक कुख्यात अपराधी और हार्डकोर नक्सली बंद है।ऐसे में जेल की सुरक्षा को लेकर भी निष्क्रियता दिखाई जा रही है।

जेल प्रशासन को सख्त निर्देश, फिर भी बेपरवाह 

बता दे कि हाल में जेल से बंदियों का मोबाइल से बात करते वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी आशीष भारती ने इसे काफ़ी गंभीरता से लिया था।इस मामले की जांच करने के लिए सिटी एसपी को सेंट्रल जेल भेजा गया था। सेंट्रल जेल में जांच के बाद सिटी एसपी प्रेरणा कुमार के निर्देश पर रामपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी।जेल प्रशासन के द्वारा प्राथमिकी दर्ज हुई थी। रामपुर थाने में आईटी एक्ट 52 व 66 के तहत दर्ज प्राथमिकी 617/24 कांड संख्या के बावजूद जेल प्रशासन की लचरता का हीं नतीजा है, कि जेल से मोबाइल से बात करने, और मोबाइल से सेल्फी खींचने जैसे संगीन अपराध हो रहे हैं, जिससे जेल की सुरक्षा को भी खतरा है। इस तरह से जेल प्रशासन पर पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा दी गई नसीहत का भी कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। गौरतलब हो कि गया सेंट्रल जेल से कुख्यात अपराधी अंकुर चौबे ने मुजफ्फरपुर के व्यवसाई से रंगदारी की मांग की थी, नहीं देने पर जान मारने को धमकाया था। इस तरह की घटना के बाद भी जेल प्रशासन नहीं चेता।इससे पहले टिकारी के एसडीएम को भी धमकी दी गई थी। वहीं इस तरह के कई मामले हैं, जो स्पष्ट करते हैं, कि गया सेंट्रल जेल से मोबाइल से धमकी देने की घटना होती रही है, जो बदस्तूर जारी है। बता दें कि जेल सुपरिटेंडेंट के बाद जेल के कर्ताधर्ता जेलर की होती है। वर्तमान जेलर राजेश कुमार सिंह की कार्यशैली को लेकर ज़िला प्रशासन ने उनके स्थानांतरण के लिए मुख्यालय को पहले हीं अनुशंसा कर चुकी है। उक्त पत्र में चर्चा की गई है कि जुलाई 24 में सेंट्रल जेल में जेलर राजेश कुमार सिंह ने योगदान दिया था उसके बाद से हीं उनकी कार्यशैली संदिग्ध है। इनका स्थानांतरण किया जाए।

मामले की गंभीरता से होगी जांच

वहीं, इस मामले को लेकर मगध प्रक्षेत्र के आईजी क्षत्रनील सिंह का कहना है, कि पूर्व में भी इस तरह की शिकायत आ चुकी है। इस बार भी इस तरह का मामला सामने आया है, तो इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी। पहले भी वरीय अधिकारियों द्वारा जेल प्रशासन को चेताया गया है।पूरे मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

फतेहपुर प्रखंड के बीडीओ राहुल रंजन को विजिलेंस की टीम ने 70 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा

गया में फतेहपुर प्रखंड के बीडीओ राहुल रंजन को विजिलेंस की टीम ने 70 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। कार्रवाई अनुमंडलीय लोक शिकायत परिसर में हुई है।

बीडीओ पर ग्रामीण विकास योजना की ऑनलाइन करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप था। योजना 2023 से जुड़ा था, जो अब तक पेंडिंग पड़ा था। विजिलेंस डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि फतेहपुर के उप प्रमुख रणधीर कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई।

इसके बाद निगरानी टीम ने जाल बिछाकर बुधवार की शाम बीडीओ को रिश्वत लेते पकड़ लिया। हालांकि कार्रवाई के दौरान उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन उनकी चालाकी काम नहीं आई। अनुमंडलीय परिसर में कार्रवाई के बाद बड़ी भीड़ जुट गई है। इस बीच निगरानी की टीम आरोपी बीडीओ को लेकर निकल गई।

बीडीओ राहुल रंजन डेढ़ साल से फतेहपुर में तैनात किये गए थे। वे औरंगाबाद के रहने वाले है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। बीडीओ को कोर्ट में पेश किया जाएगा। गिरफ्तारी के बाद प्रखंड में हड़कंप मच गया। निगरानी टीम ने पहले भी ऐसे कई मामलों में सख्त कार्रवाई की है। स्थानीय लोगों ने ठोस कार्रवाई की सराहना की है।