माले ने संभल हिंसा के खिलाफ किया प्रदेशव्यापी प्रतिवाद
श्रीप्रकाश यादव
चंदौली । भाकपा (माले) ने संभल हिंसा को राज्य प्रायोजित बताते हुए इसके खिलाफ शनिवार को प्रदेशव्यापी प्रतिवाद किया. पार्टी ने जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भेजा।
इस मौके पर वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि संभल हिंसा के पीछे संघ-भाजपा की साजिश है. हिंसा के लिए योगी सरकार जिम्मेदार है. पुलिस के हाथों पांच निर्दोष मुस्लिम युवकों की हत्या हुई है. प्रशासन ने सच को उजागर होने से रोकने के लिए विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधियों को संभल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भाजपा सरकार संसद में संभल हिंसा पर चर्चा कराने से भाग रही है. संभल से लेकर अजमेर शरीफ तक मुस्लिम इबादतगाहों को विवादित बनाया जाना पूजा स्थल अधिनियम 1991 का स्पष्ट उल्लंघन है. इस तरह के विवाद पैदा कर देश के धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक ताने बाने को नष्ट करने, ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने और मुस्लिम समुदाय को डराने-धमकाने की कोशिश की जा रही है, जो संवैधानिक लोकतंत्र में सर्वथा अस्वीकार्य है।
राजधानी लखनऊ में भाकपा (माले) कार्यकर्ताओं ने झंडे-बैनर व नारे लिखी तख्तियों के साथ परिवर्तन चौक से जिलाधिकारी कार्यालय जाने के लिए मार्च किया. पुलिस द्वारा रोके जाने पर सड़क पर सभा करके राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. मिर्जापुर, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, आजमगढ़, अयोध्या, मऊ, बलिया, गाजीपुर, जालौन, कानपुर, बनारस, सोनभद्र, रायबरेली, सीतापुर, चंदौली, भदोही, मथुरा, गोंडा, प्रयागराज सहित अन्य जिलों में भी प्रतिवाद कार्यक्रम हुए. राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मिर्जापुर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
पार्टी ने आज के प्रदेशव्यापी प्रतिवाद व राष्ट्रपति को ज्ञापन के माध्यम से जिन मांगों को उठाया, उनमें प्रमुख हैं : मृतकों को न्याय मिले, पांच निर्दोष मुस्लिम युवाओं की मौत के जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो. हिंसा की जिम्मेदार योगी सरकार को दंडित किया जाए. पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का कड़ाई से अनुपालन हो. मुस्लिमों के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लिये जाएं, गिरफ्तार लोगों की रिहा किया जाए।
विष्णु शंकर जैन और भड़काऊ नारे लगाने वाले उकसावेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. संभल डीएम, एसपी और मंडलायुक्त को जांच के दायरे में लाया जाए. मुस्लिमों पर हो रहे सुनियोजित हमले को रोकने और संभल हिंसा के जिम्मेदारों को सजा दिलाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय पूरे प्रकरण को अपने हाथ मे ले।
Dec 01 2024, 14:33