क्या ममता बनर्जी होंगी “इंडिया” गठबंधन की नेता? टीएमसी ने उठाया राहुल गांधी की क्षमता पर उठाया सवाल
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“जिसका डर था बदर्दी वही बात हो गई…” हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद से ही राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। अब तृणमूल कांग्रेस ने सीधे-सीधे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता बनाने की मांग कर दी है। सांसद कल्याण बनर्जी ने कांग्रेस से कहा है कि वो अपना अहंकार त्याग दे और ममता बनर्जी को ‘इंडिया' गठबंधन का नेता मान ले। उन्होंने महाराष्ट्र में चुनावी हार के लिए कांग्रेस की भी आलोचना की।
टीएमसी से चार बार के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने मांग उठाई कि कांग्रेस को अब पीछे हट जाना चाहिए और ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन की कमान अपने हाथों में ले लेनी चाहिए। कल्याण बनर्जी की इस मांग का पार्टी के दूसरे सीनियर नेताओं ने भी समर्थन किया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कल्याण बनर्जी ने कहा, कांग्रेस हरियाणा या महाराष्ट्र में इच्छानुसार नतीजे पाने में विफल रही है। हमें कांग्रेस से बहुत उम्मीद थी कि वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे। “इंडिया” गठबंधन तो है लेकिन अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हो सका और परिणाम प्राप्त करने में कांग्रेस की ओर से बड़ी विफलता है। आज अगर आप बीजेपी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि “इंडिया” गठबंधन मजबूत हो और इसे मजबूत बनाने के लिए एक नेता की जरूरत है। अब नेता कौन हो सकता है? यही मूल प्रश्न है। कांग्रेस ने यह कर दिखाया है। सभी प्रयोग किए गए हैं, लेकिन वे विफल रहे हैं।
कल्याण बनर्जी ने आगे कहा कि महाराष्ट्र के नतीजे पर से यह बात स्पष्ट हो गया है कि विरोधी दलों में नेतृत्व का अभाव है। तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ही बीजेपी को परास्त कर सकती है। टीएमसी सांसद ने ममता बनर्जी के सिद्ध नेतृत्व और जमीनी जुड़ाव’ को विपक्षी गठबंधन के लिए ‘सबसे मुफीद’ बताया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों को हालिया चुनावों में अपनी नाकामी को स्वीकार करना चाहिए और निजी महत्वाकांक्षा से ऊपर विपक्षी एकता को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्हें अपना अहंकार छोड़कर ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेता स्वीकार करना चाहिए।







अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से ही कुछ देश खौफ में हैं। कहा जा रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप इन देशों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए ट्रंप भले ही 20 जनवरी को कुर्सी संभालेंगे लेकिन दुश्मनों की नींद उन्होंने अभी से उड़ा दी है। ट्रंप ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान किया है। ताजा ऐलान भारत को दो दुश्मन देशों को लेकर है। ट्रंप ने कहा कि वह जनवरी में कार्यभार संभालने के पहले दिन ही ऐसे आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके तहत मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सभी सामानों पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाएगा। ट्रंप का कहना है कि वो ऐसा तब तक करेंगे जब तक ये देश अपने अमेरिका में अवैध अप्रवासियों और फेंटेनाइल दवाओं के प्रवाह को बंद नहीं करते हैं। *अवैध अप्रवासी कई समस्याओं की जड़-ट्रंप* ट्रंप ने ट्रूंथ सोशल नेटवर्क पर एक पोस्ट में लिखा है कि 20 जनवरी को ऑफिस संभालते ही कनाडा, मेक्सिको और चीन के ख़िलाफ़ टैरिफ लगाने के लिए एक एग्जेक्युटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर करेंगे।ट्रंप ने कहा, ''सभी को पता है कि कनाडा और मेक्सिको से हज़ारों लोग अमेरिका में घुस रहे हैं। ये अपने साथ ड्रग्स ला रहे हैं और कई अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। जिस स्तर पर ये सब हो रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।'' *कैसे हैं ट्रंप-ट्रूडो के संबंध?* कनाडा और अमेरिका के बीच दुनिया का सबसे लंबा लैंड बॉर्डर है और दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंध एक ट्रिलियन डॉलर से भी ज़्यादा का है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप की जीत के तत्काल बाद ही बधाई दी थी लेकिन दोनों नेताओं के संबंधों में पर्याप्त तनाव रहा है। अमेरिका में कोई भी राष्ट्रपति कमान संभालने के बाद पारंपरिक रूप से पहला विदेशी दौरा कनाडा या मेक्सिको का करता था लेकिन ट्रंप ने 2017 में पहला विदेशी दौरा सऊदी अरब का किया था। यानी ट्रंप ने आते ही संदेश दे दिया था। जस्टिन ट्रूडो पर ट्रंप व्यक्तिगत हमले भी करते रहे हैं। ट्रूडो को ट्रंप ने 'घोर-वामपंथी पागल' कहा था। कनाडा की आर्थिक स्थिति पहले से ही चिंताजनक है और ट्रंप के टैरिफ से वहाँ की अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने की आशंका बढ़ जाएगी। कनाडा का 75 प्रतिशत निर्यात अमेरिका में होता है. ऐसे में 25 प्रतिशत का टैरिफ कनाडा को भारी पड़ सकता है। ट्रूडो के लिए ये मुश्किलें तब खड़ी हो रही हैं, जब कनाडा में चुनाव सिर पर है। कई चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में बताया जा रहा है कि ट्रूडो चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी से हार सकते हैं। *चीन पर निशाना साधा* ट्रंप ने ट्रुथ पर एक दूसरे पोस्ट में चीन पर निशाना साधा, उन्होंने पोस्ट में लिखा, "मैंने चीन से संयुक्त राज्य अमेरिका में भेजी जा रही ड्रग्स, विशेष रूप से फेंटेनाइल के बारे में कई बार बातचीत की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। चीन के प्रतिनिधियों ने मुझसे कहा था कि वह इस काम में शामिल किसी भी ड्रग तस्कर को मौत की सजा देंगे, लेकिन अफसोस, उन्होंने कभी इसे लागू नहीं किया और ड्रग्स हमारे देश में मुख्य रूप से मेक्सिको के जरिए भारी मात्रा में आ रही हैं। जब तक यह नहीं रुकता, हम चीन पर उनके सभी उत्पादों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में आयात हो रहे हैं, किसी भी अन्य टैरिफ के ऊपर होगा।" *टैरिफ डोनाल्ड ट्रंप का अहम एजेंडा* टैरिफ डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, रिपब्लिकन पार्टी के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने 5 नवम्बर की अपनी जीत से पहले चुनाव प्रचार के दौरान सहयोगियों और विरोधियों पर समान रूप से व्यापक शुल्क लगाने की कसम खाई थी। हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि टैरिफ से विकास को नुकसान पहुंचेगा और मुद्रास्फीति बढ़ेगी, क्योंकि टैरिफ का भुगतान मुख्य रूप से अमेरिका में सामान लाने वाले आयातकों द्वारा किया जाता है, जो अक्सर उन लागतों को उपभोक्ताओं पर डाल देते हैं।


Nov 26 2024, 16:30
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