पाकिस्तान में शूट एट साइट के आदेश, इमरान खान के समर्थकों ने इस्लामाबाद में भड़काई हिंसा
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान एक साल से भी ज़्यादा समय से जेल में बंद हैं। इमरान की रिहाई के लिए उनके समर्थक मांग उठा रहे हैं। अपने नेता की रिहाई के लिए इमरान के समर्थक बड़ी संख्या में पाकिस्तानी राजधानी इस्लामाबाद में घुस गए हैं। हालांकि शहबाज़ सरकार की ओर से इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई, लेकिन इसके बावजूद देशभर से इमरान के समर्थक बड़ी संख्या में इस्लामाबाद में पहुंच चुके हैं और अभी भी इनके इस्लामाबाद पहुंचने का सिलसिला जारी है। इस वजह से इस्लामाबाद में हालात काफी बिगड़ गए हैं।इस्लामाबाद में इमरान खान के समर्थकों का प्रदर्शन हिंसक हो गया है। इस हिंसक प्रदर्शन में चार रेंजरों की मौत हो गई है। इसके बाद सेना ने शूट एट साइट का आदेश जारी किया है।
इमरान खान के कॉल के बाद हजारों की तादाद में इमरान समर्थकों का इस्लामाबाद की तरफ़ कूच जारी है और इस प्रदर्शन की बागडोर इमरान खान की बीवी बुशरा बेगम और ख़ैबर पख़्तून ख्वा के मुख्यमंत्री अली अमी गंदापुर ने संभाली है। चूंकि इस्लामाबाद को जाने वाली सारी सड़कों को शिपिंग कंटेनरों से बंद की जा चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने आगजनी शुरू करवा दी और सुरक्षाबलों के साथ झड़प भी।लिहाजा पाकिस्तान सरकार ने सरकार कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 245A को लागू करने और सरकार की मदद के लिए इस्लामाबाद राजधानी इलाके में सैन्य कार्रवाई के लिए आर्मी को डिप्लॉय करने का फैसला लिया है।
इधर, मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा और प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में कई रणनीतिक इमारतों के करीब डी-चौक तक अपना मार्च फिर से शुरू किया। सोशल मीडिया पर वीडियो में इमरान खान के समर्थकों को गैस मास्क और सुरक्षात्मक चश्मे पहने हुए दिखाया गया है, ताकि भारी सुरक्षा तैनाती के बीच मार्च निकाला जा सके, जिनके जरिए कैमिकल का छिड़काव किया जा रहा है। जिससे इस्लामाबाद और अन्य शहरों के बीच यात्रा करना लगभग असंभव हो गया है। पंजाब प्रांत में प्रमुख ग्रैंड ट्रंक रोड हाईवे के किनारे के इलाकों से एंबुलेंस और कारों को वापस लौटते देखा गया, जहां सड़कों को रोकने के लिए शिपिंग कंटेनरों का इस्तेमाल किया गया था।
दरअसल, इमरान ने विरोध प्रदर्शन के लिए अंतिम आह्वान किया था। इसमें उन्होंने अपने समर्थकों से इस्लामाबाद तक मार्च करने का आग्रह किया था ताकि वे इमरान सहित पीटीआई के सभी कैदियों की रिहाई की मांग कर सकें। इसके अलावा उन्होंने अपने समर्थकों से आठ फरवरी के चुनावों में उनकी कथित जीत को मान्यता देने के अलावा 26वें संविधान संशोधन को निरस्त करने जैसी मांग करने को भी कहा। 26वें संविधान संशोधन ने न्यायाधीशों और मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया को बदल दिया था।
पूर्व क्रिकेट स्टार इमरान खान एक साल से ज़्यादा समय से जेल में हैं और उन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल से जुड़े 150 से ज़्यादा मामले चल रहे हैं। इसी साल जनवरी में इमरान को तोशाखाना मामले में 14 साल की सजा और 20 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया था।
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