गौरव मेहता के ठिकानों पर ED की रेड, जानें क्या है बिटकॉइन का बवाल जिसने उड़ाई सुप्रिया सुले की नींद
डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चुनावी राज्य महाराष्ट्र के बिटकॉइन मामले से जुड़े गौरव मेहता के छत्तीसगढ़ स्थित ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की। यह तलाशी मनी लॉन्ड्रिंग केस की जारी जांच के तहत की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मेहता के ठिकानों पर PMLA के प्रावधानों के तहत छापेमारी की जा रही है। भाजपा ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की नेता एवं बारामती से सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले पर मौजूदा चुनावों में अवैध रूप से बिटकॉइन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इसके नेताओं ने एक रिकॉर्डिंग सुनाई जिसमें सुले की आवाज होने का आरोप लगाया गया है। सुले ने आरोपों से इनकार किया है।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान जारी है। सूत्रों ने बताया कि ईडी मेहता और कुछ अन्य लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने भोले-भाले लोगों से बिटकॉइन के रूप में ‘‘भारी’’ धनराशि (जिसका मूल्य 2017 में 6,600 करोड़ रुपये था) एकत्र की और उनसे बिटकॉइन के रूप में 10 प्रतिशत मासिक ‘रिटर्न’ का झूठा वादा किया। यह मामला महाराष्ट्र और दिल्ली में दर्ज पुलिस FIR से संबंधित है।
दरअसल, इस स्कैम का मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज नाम का शख्स था जिसने बिटकॉइन में इन्वेस्टमेंट के नाम पर स्कैम किया था। सैकड़ों इन्वेस्टर्स के साथ धोखाधड़ी की गई। बिटकॉइन में इन्वेस्ट कर हर महीने 10% रिटर्न्स का वादा किया गया था। इस स्कैम के बाद अमित भारद्वाज दुबई भाग गया था लेकिन उसे वापस भारत डिपोर्ट कर दिया गया था। उसकी साल 2022 में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसी स्कैम में शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को यूक्रेन में बिटकॉइन माइनिंग फॉर्म खोलने के नाम पर 285 बिटकॉइन अमित भारद्वाज ने दिए थे। इन बिटकॉइन की कीमत उस वक्त करीब 150 करोड़ रुपये थी।
इस मामले में करीब महाराष्ट्र और पंजाब में 40 एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले की जांच के लिए पूर्व आईपीएस और साइबर एक्सपर्ट रविन्द्र नाथ को भी जांच टीम में लिया गया था। आरोप है कि उस वक्त के पुणे पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता और एक आईपीएस भाग्यश्री ने बिटकॉइन के इन वॉलेट को हथिया लिया था और बदले में वो बिटकॉइन वॉलेट रख दिए गए जिनमें पैसे नहीं थे।
इस स्कैम में रविंद्रनाथ को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रविंद्रनाथ के जेल जाने पर गौरव मेहता ने गवाही दी थी। गौरव मेहता इस मामले में महत्वपूर्ण किरदार हैं। इस मामले में ED ने शिम्पी भारद्वाज, नितिन गौड़ और निखिल महाजन को गिरफ्तार किया था। शिंपी भारद्वाज अमित भारद्वाज के भाई अजय भारद्वाज की पत्नी है। अमित भारद्वाज और उसके परिवार के खिलाफ ईडी कोर्ट में चार्जशीट भी दायर कर चुकी है।
पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ ने कहा, 'मेरी कंपनी ने मुझे 2018 में एक केस की जांच करने के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी विशेषज्ञ के रूप में बुलाया था। मुझे 2022 में धोखाधड़ी के आरोपों के तहत उस केस में गिरफ्तार किया गया था। मैंने एक मुकदमे के बाद 14 महीने जेल में बिताए। उस दौरान मैं सोच रहा था कि क्या हुआ था? क्या मामला था? मुझे क्यों फंसाया गया था? मेरे साथ अन्य सहकर्मी भी थे। हम सच्चाई का पता लगाने पर काम कर रहे थे।'
इसके साथ ही पूर्व आईपीएस ने कहा, 'हमारे खिलाफ एक गवाह, गौरव मेहता, जो सारथी एसोसिएट्स नामक एक ऑडिट फर्म का कर्मचारी हैं। परसों उसने मुझे 4-5 घंटे तक कई बार फोन किया, लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया। आखिरकार, जब मैंने जवाब दिया तो उसने मुझे बताया कि 2018 में जब अमित भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास एक क्रिप्टोकरेंसी हार्डवेयर वॉलेट था। उस वॉलेट को तत्कालीन कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने बदल दिया था और दूसरा वॉलेट रख लिया था। हमें गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन असली अपराधी अमिताभ गुप्ता और उनकी टीम थी।'
पूर्व आईपीएस अधिकिरी ने कहा, 'उन्होंने (गौरव मेहता) दो आईपीएस अधिकारियों, अमिताभ गुप्ता और भाग्यश्री नौटके का नाम लिया। उन्होंने दो नेताओं का नाम लिया एक सुप्रिया सुले और नाना पटोले हैं । पाटिल ने आरोप लगाया कि इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि इस विधानसभा चुनाव में बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जा रहा है।'
Nov 20 2024, 18:22