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बिना अनुमति के दूसरे चरण के मतदान के लिए प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने वाले 97 मतदान कर्मियों को भी शो-कॉज

झारखंड डेस्क 

विधानसभा आम निर्वाचन 2024 के प्रथम चरण में डिस्पैच के दिन मतदान कर्मियों की अनुपस्थिति को ज़िला प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। बिना पूर्व अनुमति अनुपस्थित रहनेवाले मतदान कर्मियों के खिलाफ FIR किया जाएगा। 

साथ ही, मतदान कर्मियों को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए उनके संबंधित संस्थान को ज़िला प्रशासन द्वारा आदेश भी जारी किया जा रहा है।

डिस्पैच के दिन अनुपस्थित रहने वाले 6 मतदान कर्मियों के खिलाफ ज़िला प्रसाशन द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जाएगी, जबकि 24 मतदानकर्मियों के संबंधित संस्थान को उन्हें निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई हेतु आदेश जारी किया जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इनमें बैंक कर्मी, शिक्षक और सार्वजनिक क्षेत्र इकाई (पीएसयू) के कर्मी शामिल हैं।

प्रथम चरण के मतदान के लिए डिस्पैच के दिन 12 नवंबर, 2024) अनुपस्थित रहने वाले मतदान कर्मियों को ज़िला प्रसाशन द्वारा शो-कॉज किया गया था। अनुपस्थित 273 मतदान कर्मियों को 15 नवंबर, 2024 के पूर्वाह्न 11 बजे तक स्पष्टीकरण समर्पित करने का आदेश दिया गया था।

140 मतदान कर्मियों द्वारा प्राप्त स्पष्टीकरण में से 30 मतदान कर्मियों द्वारा स्वीकार्य योग्य स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किया गया, जिसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। शेष 113 मतदान कर्मियों को 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करने का आदेश जारी किया गया है।

विधानसभा आम निर्वाचन 2024 के दूसरे चरण के मतदान के लिए प्रशिक्षण में बिना अनुमति अनुपस्थित रहने वाले मतदान कर्मियों को भी शो-कॉज किया गया है। बिना पूर्व अनुमति अनुपस्थित मतदान कर्मियों द्वारा स्वीकार योग्य स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं रहने की स्थिति में इनके विरुद्ध भी लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।

24 साल बाद पहली बार झारखंड के पारम्परिक चुनावी मुद्दे हो गए गौण,वजह जानने के लिए पढ़े पूरी खबर....?

झारखंड डेस्क

इस बार झारखंड में चुनाव का पूरा परिदृश्य बदल गया है.पिछले 24 साल से चली आ रही मुद्दा और जनता को लुभाने के लिए सभी गौण हो गया है ।इस बार ना तो खतियान नीति बड़ा मुद्दा है और न ही 60 वर्सेज 40 की लड़ाई । इसका किया कारण है और चुनाव का इस बार इस बदली हुई परिस्थिति के पीछे का कारण किया है इसको जानने के लिए हम इस तथ्य पर चर्चा करेंगे।

 यूं तो 24 साल पहले गठित झारखंड के जो पारम्परिक मुद्दे रहे हैं न तो इस बार पारंपरिक मुद्दे की गूंज है और न ही पुराने समीकरण की।नेता चाहकर भी उन मुद्दों को जनता के बीच नहीं ले जा पा रहे हैं, जिन मुद्दों के बूते 24 साल तक झारखंड की सियासत प्रभावित होती रही है।

इस बदले समीकरण के लिए सियासी गलियारों में 5 मुख्य कारण को जिम्मेदार माना जा सकताहै। कहा जा रहा है कि इन्हीं 5 फैक्टर्स की वजह से झारखंड के चुनाव में मुद्दे से लेकर समीकरण तक बदल गए हैं।

इस बार गौण हो गए 60 बनाम 40 का मुद्दा

झारखंड गठन के वक्त से ही 60 बनाम 40 का मुद्दा सबसे अहम रहा है। झारखंड की स्थानीय पार्टियों के मुताबिक राज्य की 60 प्रतिशत आबादी स्थानीय है, जबकि 40 प्रतिशत आबादी बाहरी।

राज्य के हर चुनाव में 1932 का खतियान बड़ा मुद्दा रहता है। 2019 में हेमंत सोरेन की सत्ता वापसी ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन इस बार इस नारे की चर्चा न के बराबर ही हो रही है।

बीजेपी 1932 के खतियान को मुद्दा नहीं बना पा रही है, जबकि जेएमएम इसे लागू न कर पाने की वजह से बैकफुट पर है। झारखंड की 81 सीट में से करीब 55 सीटों का गणित स्थानीय लोग ही सेट करते हैं।

जातीय समीकरण भी इस बार नही कर रहा है काम

झारखंड के चुनाव में आमतौर पर आदिवासी, कुर्मी और यादव जातियों का दबदबा रहा है। इसके अलावा भी पार्टियां अलग-अलग हिस्सों में जातीय गोलबंदी करती रही है, लेकिन इस बार यहां जाति की लड़ाई भी कुंद दिख रही है।

झारखंड की सियासत में इस बार घुसपैठी और आदिवासी अस्मिता ही बड़ा मुद्दा दिख रहा है। चुनाव से पहले कुर्मी समुदाय को जोड़ने के लिए क्षेत्रीय नेता जयराम महतो ने बिगुल जरूर फूंका था, लेकिन अब मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है।

आरजेडी यादवों की गोलबंदी जरूर करती रही है, लेकिन पार्टी इस बार हेमंत के भरोसे ही चुनावी मैदान में है।

जाति धर्म से अलग हटकर इस बार महिला वोट है बड़ा फैक्टर

धर्म, जाति और समुदाय के बीच बंटे झारखंड में इस बार महिलाओं का नया वोटबैंक बना है।दोनों ही गठबंधन के केंद्र में इस बार महिलाएं हैं। इंडिया गठबंधन मईयां (मैया) सम्मान योजना के सहारे महिलाओं को साध रही है।

वहीं एनडीए ने गोगो दीदी और एक रुपए में जमीन रजिस्ट्री का दांव खेला है।दोनों ही गठबंधन ने इस बार महिला उम्मीदवारों को भी जमकर मैदान में उतारा है।

चुनाव आयोग के मुताबिक झारखंड में इस बार 128 महिलाएं चुनावी मैदान में हैं। 2019 में यह संख्या 127 और 2014 में 111 था।

तीसरे मोर्चे का नहीं दिख रहा कोई प्रभाव*

झारखंड के चुनाव में शुरुआत से तीन मोर्चे का दबदबा दिखता रहा है। 2005 के चुनाव में एक तरफ बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन था तो दूसरी तरफ कांग्रेस और झामुमो ने मोर्चा तैयार किया था। आरजेडी, आजसू और माले जैसी पार्टियां पूरे चुनाव को प्रभावित करने में कामयाब रही थी।

बीजेपी गठबंधन को इस चुनाव में 27 प्रतिशत, कांग्रेस गठबंधन को 26 प्रतिशत और अन्य को 15 प्रतिशत वोट मिले थे। 15 प्रतिशत वोट निर्दलीय को मिले थे।

2009, 2014 और 2019 के चुनाव में बाबू लाल मरांडी की पार्टी झाविमो तीसरे मोर्चे की भूमिका निभाती रही, लेकिन अब मरांडी बीजेपी के साथ हैं। 2024 का चुनाव सीधे तौर पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच लड़ा जा रहा है।

जदयू और राजद के दवाब भी घटा,

झारखंड की सियासत में बिहार की पार्टियों का दबदबा होता था। 2005 में जेडीयू 18 और आरजेडी 51 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। माले ने भी इस चुनाव में 28 उम्मीदवार उतारे थे। 2009 में भी आरजेडी ने 56 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। जेडीयू ने भी 14 उम्मीदवार उतारे थे।

2014 और 2019 में भी बिहार की पार्टियों का दबदबा बना रहा। 2019 में एक सीट जीतने वाली आरजेडी को हेमंत ने कैबिनेट में जगह दी, लेकिन इस बार बिहार की पार्टियों का सियासी दबदबा घट गया है।

आरजेडी 5 सीटों पर समझौते के तहत चुनाव लड़ रही है. जेडीयू को भी सिर्फ 2 सीटें ही मिली है। माले भी 4 सीटों पर ही उम्मीदवार उतार पाई है।

आज से 48 घंटे का है झारखंड में साइलेंस पीरियड, 14218 बूथ पर 20 नवंबर को होगा मतदान

झारखंड डेस्क

झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार कल शाम यानी सोमवार (18 नवंबर) को थम जाएगा. इसके साथ ही साइलेंस पीरियड की शुरुआत हो जाएगी. 20 नवंबर को प्रदेश की 38 विधानसभा सीटों के लिए 14,218 बूथ पर मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

31 बूथों पर सुबह 7 से शाम 4 बजे तक ही वोटिंग होगी. झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने रविवार को यह जानकारी दी.

साइलेंस पीरियड में प्रचारकों को छोड़ देना होगा क्षेत्र

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि साइलेंस पीरियड शुरू होते ही जो प्रचार कार्य में लगे लोगों को क्षेत्र से बाहर निकल जाना होगा. ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को मतदान कराने के लिए पोलिंग पार्टियां 19 नवंबर को अपने-अपने मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो जाएंगी. इस चरण में किसी भी बूथ पर हेलीड्रॉपिंग नहीं होगी. यानी मतदानकर्मियों को हेलीकॉप्टर से नहीं भेजा जाएगा.

निजी वाहन पर बोर्ड-बैनर लगाकर नहीं कर सकेंगे प्रचार

के रवि कुमार ने कहा कि निजी वाहन पर किसी तरह का बोर्ड, बैनर आदि लगाकर चलने पर भी कार्रवाई होगी. इसके लिए परिवहन विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि दूसरे चरण की 14,218 बूथों में से 48 बूथ को यूनिक बूथ बनाया गया है. महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केंद्रों की संख्या 239 है. 22 मतदान केंद्र दिव्यांगजन संचालित करेंगे. 26 मतदान केंद्रों की व्यवस्था युवाओं के हाथ में रहेगी.

अब तक 196 करोड़ रुपए की जब्ती, 85 के खिलाफ एफआईआर

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से लेकर अब तक प्रदेश में 196 करोड़ से अधिक की अवैध सामग्री और नकदी की जब्ती हुई है. 85 लोगों के खिलाफ अब तक आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के केस दर्ज किए गए हैं.

इन 38 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान

राजमहल

बोरियो

बरहेट

लिट्टीपाड़ा

पाकुड़

महेशपुर

शिकारीपाड़ा

नाला

जामताड़ा

दुमका

जामा

जरमुंडी

मधुपुर

सारठ

देवघर

पोड़ैयाहाट

गोड्डा

महगामा

रामगढ़

मांडू

धनवार

बगोदर

जमुआ

गांडेय

गिरिडीह

डुमरी

गोमिया

बेरमो

बोकारो

चंदनकियारी

सिंदरी

निरसा

धनबाद

झरिया

टुंडी

बाघमारा

सिल्ली

खिजरी

क्या है साइलेंस पीरियड?

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि सोमवार की शाम से प्रदेश में साइलेंस पीरियड शुरू हो जाएगा. इसके बाद झारखंड के बाहर से आए कोई भी बड़े नेता किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में नहीं जा पाएंगे. आखिर ये साइलेंस पीरियड है क्या? आईए, इसके बारे में हम आपको बताते हैं. दरअसल, किसी राज्य में चुनाव होता है, तो देश के अलग-अलग हिस्से की पार्टियों के नेता अपने उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने के लिए उस राज्य में आते हैं. चुनाव शुरू होने से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार थम जाता है. चुनाव प्रचार खत्म होने और मतदान शुरू होने के बीच की अवधि को साइलेंस पीरियड कहा जाता है. इस अवधि में सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी तरह के प्रचार पर रोक होती है.

कोल इंडिया ने मैनेजमेंट ट्रेनी के पदों के लिए निकाली वैकेंसी,नोटिफिफिकेशन जारी, जानिए कैसे और कब तक कर सकते हैं आवेदन*

झारखंड डेस्क मैनेजमेंट ट्रेनी (MT) के पदों पर नियुक्ति को लेकर कोल इंडिया लिमिटेड ने वैकेंसी निकाली है। योग्य अभ्यर्थी मैनेजमेंट ट्रेनी (MT) के पदों पर नियुक्त हो सकते हैं। भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी आवेदन तिथियों को घोषित कर दिया गया है। आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गयी है, जो अंतिम तिथि 28 नवंबर 2024 तक जारी रहेगी। अभ्यर्थी के पास गेट एग्जाम का वैलिड स्कोर कार्ड होना चाहिए और साथ ही उम्मीदवार ने संबंधित ब्रांच/ क्षेत्र में इंजीनियरिंग डिग्री (बीई/ बीटेक/ बीएससी इंजीनियरिंग) डिग्री न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ प्राप्त की हो। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अंकों में 5 प्रतिशत की छूट दी गई है।शैक्षिक योग्यता के अलावा अभ्यर्थी की अधिकतम आयु 30 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, हालांकि आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी उम्र में नियमानुसार छूट दी जाएगी। *पदों का विवरण* मैनेजमेंट ट्रेनी के कुल 640 पदों में माइनिंग के 263, सिविल के 91, इलेक्ट्रिकल के 102, मेकेनिकल के 104, सिस्टम के 41 और ई एंड टी के 39 पदों पर बहाली की जायेगी. मान्यताप्राप्त संस्थान से संबंधित विषय में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ बीई/ बीटेक/ बीएससी एमसीए डिग्री प्राप्त करनेवाले युवा इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. प्रत्येक पद के अनुसार तय योग्यता का विवरण अधिसूचना से प्राप्त करें. केवल वे ही उम्मीदवार आवेदन के पात्र हैं, जिन्होंने गेट-2024 में अच्छा स्कोर प्राप्त किया है. गेट-2024 में असफल हुए उम्मीदवारों के आवेदन खारिज कर दिये जायेंगे. *योग्यता* मान्यताप्राप्त संस्थान से संबंधित विषय में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ बीई/ बीटेक/ बीएससी एमसीए डिग्री प्राप्त करनेवाले युवा इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. प्रत्येक पद के अनुसार तय योग्यता का विवरण अधिसूचना से प्राप्त करें. केवल वे ही उम्मीदवार आवेदन के पात्र हैं, जिन्होंने गेट-2024 में अच्छा स्कोर प्राप्त किया है. गेट-2024 में असफल हुए उम्मीदवारों के आवेदन खारिज कर दिये जायेंगे. *आयु सीमा और सैलरी* आवेदन के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष तय है. आयु सीमा की गणना 30 सितंबर, 2024 के आधार पर की जायेगी. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में नियमानुसार छूट प्रदान की जायेगी.चयनित उम्मीदवारों को ज्वॉइनिंग के बाद बेसिक वेतन के रूप में 50,000 रुपये प्रतिमाह दिये जायेंगे. वेतन के बारे में अधिक जानकारी दिये गये लिंक से प्राप्त करें. *चयन प्रक्रिया* मैनेजमेंट ट्रेनी के पदों पर उम्मीदवारों का चयन गेट-2024 के स्कोर के आधार पर तैयार मेरिट लिस्ट के अनुसार किया जायेगा. इस बारे में विस्तार से जानने के लिए अधिसूचना देखें. *ऐसे करें आवेदन* पात्र एवं इच्छुक उम्मीदवार कोल इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन शुल्क : सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क के रूप में 1000 रुपये एवं 180 रुपये जीएसटी का भुगतान करना होगा. अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति एवं दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आवेदन नि:शुल्क है. अंतिम तिथि : 28 नवंबर, 2024.
भाजपा और कांग्रेस द्वारा एक दूसरे पर आचार सहिंता उलघन का लगाए गए आरोप पर चुनाव आयोग ने दोनों पार्टी से माँगा जवाब*

झारखंड डेस्क विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग ने दोनों ही दलों को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अलग-अलग पत्र लिखकर शिकायत पर जवाब देने को कहा है। दूसरा यह कि आयोग ने दोनों पक्षों से प्रतिक्रिया मांगते हुए उनके बीच शिकायतों का आदान-प्रदान किया है। चुनाव आयोग ने दोनों पार्टी अध्यक्षों से 18 नवंबर दोपहर 1 बजे तक औपचारिक जवाब तलब किया है, जबकि उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान स्टार प्रचारकों और नेताओं को बनाए रखने के लिए 22 मई, 2024 को चुनाव आयोग की पिछली सलाह की याद दिलाया है, ताकि सार्वजनिक नियमों का उल्लंघन न हो और चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता का अक्षरशः पालन किया जाए। झारखंड में बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने वोटिंग से एक दिन पहले यानी साइलेंट पीरियड में मेनिफेस्टो जारी किया था। बीजेपी ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए आपत्ति जताई थी और राज्य चुनाव आयोग से शिकात की थी। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने संविधान और चुनाव के नियमों का उल्लंघन किया है इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने सोमवार (18 नवंबर) दोपहर एक बजे तक दोनों पार्टी के प्रमुखों से औपचारिक जवाब मांगा है. आयोग ने उसके द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान जारी किए गए परामर्श को याद दिलाते हुए कहा कि स्टार प्रचारकों और नेताओं पर नजर रखी जाए ताकि लोक व्यवस्था का उल्लंघन न हो और चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता का अक्षरशः पालन किया जा सके. दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार कर रहे हैं।
*रवीना टंडन अपनी बेटी के साथ पहुंची देवघर,की पूजा अर्चना, मौक़े पर जुट गयी उसके फैन्स की भीड़*

झारखंड डेस्क देवघर : बालीबुड की जानी-मानी अभिनेत्री रवीना टंडन देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंची.उनके साथ उनकी बेटी राशा थंदानी भी थी. दोनों भगवान भोले नाथ की पूजा की. इस दौरान रवीना के फैंस की मंदिर परिसर में काफी भीड़ जुट गई. सभी उनकी तस्वीर और खुद के साथ सेल्फी लेने की होड़ में दिखे. मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त ने विधि-विधान पूर्वक रवीना टंडन और उनकी बेटी को पूजा अर्चना करवाया. मंदिर परिसर में मां-बेटी की एक झलक पाने के लिए फैंस की भीड़ उमड़ पड़ी. पूजा अर्चना के बाद रवीना अपने होटल लौट गई.
जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने भाजपा और इंडी गठबंधन दोनों के चुनावी समीकरण को बिगाड़ा

,* झारखंड डेस्क झारखंड में इस बाऱ सियासी संघर्ष में कई नई घटनाक्रम ने राजनितिक समीकरण में बदलाव ला दिया है. इस बदलाव से एनडीए और इंडी गठबंधन दोनों दल प्रभावित होंगे. इस बाऱ युवाओं को रोजगार, भर्ती परीक्षा और क्षेत्रीय भाषा के लिए आंदोलनों के दम पर जयराम महतो ‘टाइगर’ की झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) ने दोनों प्रमुख गठबंधनों, ‘इंडिया’ और एनडीए की नींद खराब कर रखी है। हालांकि सियासी खिलाडि़यों के सामने जेएलकेएम कितना टिक सकेगा, यह नतीजों से ही पता चलेगा। बहरहाल, 30 साल के महतो की रैलियों में उमड़ रही युवाओं की भीड़ से इस चुनाव में एक नई क्षेत्रीय पार्टी का उदय जरूर होता दिख रहा है। महतो खुद दो सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से गिरिडीह जिले की डूमरी सीट पर झामुमो टिकट पर मैदान में उतरीं राज्य की मंत्री बेबी देवी को वह कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जेएलकेएम ने 76 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। हालांकि दो उम्मीदवारों ने इंडिया ब्लॉक का समर्थन कर दिया लेकिन लोग मानते हैं अनेक सीटों पर यह नई पार्टी स्थापित दलों के समीकरण बिगाड़ेगी। झारखंड में आदिवासियों के बाद सर्वाधिक कुर्मी (महतो) समुदाय की आबादी करीब 22% है और 30 सीटों पर उसका प्रभाव माना जाता है। टाइगर इसी समुदाय से आते हैं। धनबाद में चुनावी माहौल में जेएलकेएम और टाइगर के प्रभाव की चर्चा सुनी। उत्सुकता के चलते मैं गिरिडीह जिले के डूमरी कस्बे में पहुंचा जहां से खुद जयराम महतो चुनाव लड़ रहे हैं। यहां जेएलकेएम के झंडे-बैनरों को देखकर जयराम की दमदार उपस्थिति दिखी। हाइवे पर मेडिकल स्टोर चलाने वाले पीयूष मिश्रा कहने लगे कि ‘टाइगर’ का माहौल है, युवा उनके साथ हैं। एनडीए की ओर से यहां चुनाव लड़ रही आजसू का प्रचार नजर नहीं आया। तरनारी गांव में नवयुवक दरमेश महतो ने साफ कहा कि हमारा टाइगर जीतेगा। पिछली बार हमने जेएमएम का समर्थन किया था। भर्ती परीक्षाओं में घालमेल के खिलाफ टाइगर ने आवाज उठाई है, वह जीतेगा तो विधानसभा में हमारी आवाज गूंजेंगी। बुजुर्ग रामे मूर्मू कहने लगे कि बेबी देवी के पति जगरनाथ महतो दमदार नेता थे। उनके निधन के बाद हमने बेबी को जिताया था, इस बार देखो क्या होता है? *भाषा आंदोलन और रोजगार का मुद्दा ने बनाया जयराम को नेता* 2022 में भोजपुरी, मगही और अंगिका जैसी झारखंड से बाहर की मानी जाने वाली भाषाओं को 11 जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने का भारी विरोध हुआ। जयराम ने झारखंड में स्थानीय लोगाें को नौकरियां मिलने का मुद्दा उठा कर झारखंडी भाषा खातियां संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) बनाकर आंदोलन और प्रदर्शनों का नेतृत्व किया। उन्हें युवाओं व अन्य लोगों का समर्थन मिला। अधिकारियों के सामने आक्रामक अंदाज में बातचीत करने से उनके युवा समर्थक उन्हें ‘टाइगर’ बुलाने लगे। लोकसभा में दे चुके हैं टक्कर जयराम ने गिरिडिह सीट से लोकसभा चुनाव में करीब 3.5 लाख वोट हासिल किए थे और इसी के तहत आने वाली डूमरी विधानसभा क्षेत्र से लीड हासिल की थी। लोकसभा चुनाव में जेएलएकएम ने आठ उम्मीदवार मैदान में उतारे थे।
दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल में विकास कार्य के कारण कई ट्रेन रहेगी रद्द,विस्तृत जानकारी के लिए पढ़े पूरी खबर

* झारखंड डेस्क दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल में विकास कार्य हो रहा है. इसे लेकर रेलवे ने विभिन्न रुटों पर चलने वाली 20 मेमू एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दी है, जबकि चार ट्रेनें आद्रा में शॉर्ट टर्मिनेट व ऑर्जिनेट होकर चलेंगी. यह जानकारी दपू रेलवे ने दी है. *इस प्रकार रूटीन है* 18,20,23 व 24 नवंबर को हटिया-टाटा-हटिया एक्सप्रेस रद्द रहेगी. 23 व 24 नवंबर को टाटानगर-बक्सर एक्सप्रेस नहीं चलेगी. 24 व 25 नवंबर बक्सर-टाटानगर एक्सप्रेस रद्द रहेगी. 24 नवंबर को झाड़ग्राम-धनबाद-झाड़ग्राम मेमू, झाड़ग्राम-धनबाद-झाड़ग्राम मेमू, आसनसोल-टाटा-आसनसोल, आद्रा-बड़ाभूम-आद्रा मेमू पैसेंजर,आसनसोल-पुरुलिया- आसनसोल मेमू, आसनसोल-आद्रा-आसनसोल मेमू,आसनसोल-रांची-आसनसोल मेमू, टाटानगर-आसनसोल-बड़ाभूम मेमू रद्द रहेगी. 24 को आसनसोल-टाटानगर मेमू, बड़ाभूम-आसनसोल मेमू, धनबाद-टाटा-धनबाद एक्सप्रेस शॉर्ट टर्मिनेट व ऑर्जिनेट होकर आद्रा से चलेंगी.
सीएम हेमंत सोरेन टाइगर जगरनाथ महतो को याद कर हुए भावुक, एक्स पर ट्वीट कर कहा टाइगर दा डुमरी के विकास को लेकर करते थे चर्चा


,* झारखंड डेस्क चुनाव में अब बस तीन दिन का वक्त बचा है। इस बार झारखंड की कई सीट झामुमो और बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई है। उन्ही सीट में एक सीट डुमरी की है। जहां मामला त्रिकोणीय है। झामुमो और बीजेपी के अलावे जयराम महतो खुद डुमरी से ताल ठोंक रहे हैं। ऐसे में हेमंत सोरेन को चुनाव के ठीक पहले टाइगर जगरनाथ महतो याद आ रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने टाइगर जगरनाथ महतों को याद करते हुए सोशल मीडिया में लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है। हेमंत सोरेन ने X पर लिखा है कि डुमरी के टाइगर – टाइगर दा डुमरी के अनगिनत बार डुमरी के विकास को लेकर, डुमरी की योजनाओं को लेकर टाइगर दादा मुझसे घंटों बात करते थे और डुमरी की मांगों को मनवाए बिना कभी नहीं हटते थे। ऐसा लगता था मानो उनकी नसों में डुमरी बसा है। हेमंत सोरेन ने आगे लिखा है कि हर एक डुमरी वासी को शायद वे नाम से जानते होंगे क्योंकि मीटिंग में वे लोगों की समस्या उनके नाम के साथ रखते थे, यह एक जन-प्रतिनिधि की सबसे खास बात होती है। कोरोना में जब विपक्ष के सभी नेता घर बैठ गए थे, तब अपनी जान की परवाह किए बिना टाइगर दा लगातार अपने क्षेत्र और झारखंडियों की सेवा में दिन-रात एक किए हुए थे। और इसी के फलस्वरूप समय से बहुत पहले टाइगर दा हमें विदा बोल गए। मुख्यमंत्री ने टाइगर को याद करते हुए लिखा कि हंसमुख, हर दिल अजीज़, बड़े हृदय वाले टाइगर दा जैसा इंसान बहुत कम होते हैं। इस चुनाव में बड़े भाई के रूप में टाइगर दा की सलाह, उनका मार्गदर्शन, उनका साथ और उनका अपनत्व न होना बहुत खल रहा है। झारखंडियों की आदत है कि वे अपने अपनों को कभी नहीं भूलते। एक तारे के रूप में टाइगर दा हर एक झारखंडी और खासकर डुमरी वासियों को ज़रूर देख रहे होंगे। डुमरी के आँखों के तारे टाइगर दा को जोहार।
केंदुआडीह में स्टेटिक सर्विलांस टीम ने एक इनोवा कार से 14 लाख 25 हजार 170 रुपए नगद बरामद किए, उपायुक्त ने दी जानकारी*

झारखंड डेस्क धनबाद : जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त माधवी मिश्रा के निर्देशानुसार स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं निर्भीक विधानसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए जिले के 16 चेक पोस्ट सहित एफएसटी की 63 एवं एसएसटी की 63 टीम पूरे जिले में भ्रमणशील रहकर लगातार कड़ाई से जांच अभियान चला रही है। इस कड़ी में केंदुआडीह में स्टेटिक सर्विलांस टीम ने एक इनोवा कार से 14 लाख 25 हजार 170 रुपए नगद बरामद किए। *केंदुआ पुल के पास स्टेटिक सर्विलांस टीम द्वारा वाहनों की जांच में पकड़ा गया पैसा* इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए उपायुक्त ने बताया कि सभी चेक पोस्ट तथा स्टेटिक सर्विलांस टीम एवं फ्लाइंग स्क्वायड टीम को वाहनों की कड़ाई से जांच करने का निर्देश दिया है। इस क्रम में केंदुआ पुल के पास स्टेटिक सर्विलांस टीम द्वारा वाहनों की जांच की जा रही थी। जांच के दौरान करकेंद से धनबाद की ओर आ रही एक टोयोटा इनोवा संख्या डब्ल्यू.बी. 06 जे. 7974 की जांच की गई। जांच के क्रम में उपरोक्त टोयोटा इनोवा से 14 लाख 25 हजार 170 रुपए नगद बरामद किए गए। टीम ने उपरोक्त रकम केंदुआडीह थाना को सुपुर्द कर आयकर विभाग को सूचना दे दी है।