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गरियाबंद का कांदाडोंगर बनेगा पर्यटन स्थल: तहसीलदार ने क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का किया निरीक्षण, देखें तस्वीरें

गरियाबंद- जिले के कांदाडोंगर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयासों को गति मिल रही है। गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर अमलीपदर तहसीलदार योगेंद्र देवांगन ने हाल ही में कांदाडोंगर के प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान वे हरिहर वेलफेयर फाउंडेशन और स्थानीय ग्रामीणों के साथ कांदाडोंगर के मुख्य शिखर पर स्थित मां कुलेश्वरी धाम, भगवान राम के भ्राता लक्ष्मण जी द्वारा धनुष बाण से खोदा गया प्राचीन कुंड, राम पगार, थीपा खोल स्थित गुप्त गंगा और पर्वत की ऊंचाइयों पर स्थित समतल भूमि का अवलोकन करने पहुंचे।

बता दें कि इससे पहले, कलेक्टर दीपक अग्रवाल और जिले के कई अन्य आलाधिकारियों ने कांदाडोंगर के अन्य प्रमुख स्थलों का दौरा किया था, जिसमें महर्षि सर्वांग ऋषि तपोस्थली गुफा, पर्वत के नीचे स्थित मां कुलेश्वरी मंदिर, कचनाधुर्वा मंदिर, कांदेश्वर महादेव द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर और गांधी माता मंदिर शामिल हैं।

इन धार्मिक स्थलों को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही गई थी। अधिकारियों का मानना है कि ये स्थल धार्मिक आस्था के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं, और इन्हें पर्यटन के लिहाज से उपयुक्त माना गया है। कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने तहसीलदार को निर्देश दिए हैं कि वे पहाड़ी के शिखर पर स्थित अन्य धार्मिक और प्राचीन स्थलों की जानकारी भी एकत्रित करें, ताकि इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके।

तहसीलदार योगेंद्र देवांगन ने बताया कि कांदाडोंगर में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल स्थित हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में मौजूद गुफाओं और औषधीय गुणों से भरपूर रंगीन चट्टानों का भी निरीक्षण किया गया है। यह स्थल पर्यटन के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है, जिसके चलते यहां विकास कार्यों की संभावना को तलाशा जा रहा है।

गौरतलब है कि इस इलाके को संवारने के लिए हरिहर वेलफेयर फाउंडेशन जमीनी स्तर पर लगातार काम कर रहा है। स्वच्छता व्यवस्था हेतु डस्टबिन की व्यवस्था और कांदाडोंगर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए बैरिकेड की व्यवस्था की गई है। कांदेश्वर धाम में तालाब के किनारे सभी खाबों में लाइट की व्यवस्था भी की गई और लगातार कांदाडोंगर को सुंदर और दर्शनीय बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस क्षेत्र के विकास के लिए और किन पहलुओं पर ध्यान देता है और कांदाडोंगर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में और क्या कदम उठाए जाते हैं।

हरिहर वेलफेयर फाउंडेशन के सदस्य आशुतोष सिंह राजपूत ने बताया कि वह कांदाडोंगर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के फैसले से बेहद खुश हैं, क्योंकि अगर यह क्षेत्र पर्यटन के मानचित्र पर आता है, तो इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। कांदाडोंगर के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की खोज से न सिर्फ आस्था का संचार होगा, बल्कि यहां के अनछुए प्राकृतिक सौंदर्य को भी दुनिया के सामने लाया जा सकेगा।

कांदाडोंगर क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान तहसीलदार योगेंद्र देवांगन, जनपद सभापति भूमि लता यादव, ग्राम सरपंच पुजारी टीकम, कंचना धुर्वा, पुजारी मुकेश दाऊजी, हरिहर वेलफेयर फाउंडेशन के आशुतोष सिंह राजपूत (चिराग ठाकुर), पुष्पराज यादव, प्रभुलाल ध्रुव, मधु सूर्यवंशी, अलेश यादव, राजेश यादव, बोनी अवस्थी, तरुण ताड़ी, पुरुषोत्तम कवर, चिंटू यादव, चंदो, कृष्ण साथ मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने संत नामदेव जयंती की दी शुभकामनाएं
रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को संत नामदेव जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दी है। श्री साय ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि संत नामदेव महाराष्ट्र में कार्तिक एकादशी के दिन जन्म लेने वाले प्रसिद्ध संत-कवि हैं। भगवान विठोबा के अनन्य भक्त नामदेव जी का संपूर्ण जीवन भक्तिभाव से ओतप्रोत था। उन्होंने भक्तिगीतों की रचना की और हरिनाम को लोक सुलभ बनाकर उसका प्रचार किया। श्री साय ने कहा है कि संत नामदेव की भक्ति और समता के संदेश आज भी हम सभी का मार्गदर्शन करते हैं।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने सभी मतदाताओं से मतदान करने की अपील की
रायपुर-    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने रायपुर नगर (दक्षिण) विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं से मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान करने की अपील की है। रायपुर नगर (दक्षिण) विधानसभा उप-निर्वाचन के लिए 13 नवम्बर को सवेरे सात बजे से शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे। इसके लिए निर्वाचन क्षेत्र में 253 मुख्य मतदान केंद्र और 13 सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उप-निर्वाचन में क्षेत्र के कुल दो लाख 71 हजार 169 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें एक लाख 33 हजार 800 पुरूष मतदाता, एक लाख 37 हजार 317 महिला मतदाता और 52 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को देवउठनी एकादशी की दी शुभकामनाएं
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह की बधाई और शुभकामनाएं दी है। श्री साय ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि देवउठनी एकादशी का दिन शुभ और मंगलकारी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह की निद्रा से जागृत होते हैं। हिन्दुओं में इस दिन से सारे मांगलिक कार्यों की शुरूआत की जाती है। छत्तीसगढ़ में देवउठनी एकादशी का पर्व बहुत उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। इस दिन भगवान शालिग्राम और देवी तुलसी का विवाह भी संपन्न किया जाता है। इस शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कामना की है कि एकादशी का त्यौहार सबके जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली लेकर आए और सभी का जीवन मंगलमय हो।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया रोड शो

रायपुर-       दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में सोमवार की शाम चुनाव प्रचार का शोर थम गया, और इसके साथ ही अंतिम चरण की गहमागहमी भी समाप्त हुई। इस अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता अपने प्रत्याशियों के समर्थन में मैदान में उतरे। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरूण साव ने भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी के साथ भव्य रोड शो किया, जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ शामिल हुई। रोड शो का शुभारंभ जयस्तंभ चौक से हुआ और यह विभिन्न इलाकों से होते हुए कटोरा तालाब तक पहुंचा। इस दौरान सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों ने नेताओं का अभिवादन किया, जबकि समर्थक भाजपा के पक्ष में नारे लगाते हुए चल रहे थे। रोड शो में सांसद बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व राज्यपाल रमेश बैस भी शामिल रहे, जिससे यह शो और भी भव्य हो गया।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी आकाश शर्मा के समर्थन में जोरदार जनसंपर्क अभियान चलाया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने घर-घर जाकर लोगों से मिलकर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील की। कांग्रेस के कार्यकर्ता और समर्थक सड़कों पर अपने प्रत्याशी के समर्थन में जुटे और जनता से कांग्रेस को वोट देने का आग्रह किया। कांग्रेस ने आखिरी दिन रैली निकालने की अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, जिसके कारण पार्टी ने घर-घर जनसंपर्क का सहारा लिया।

13 नवंबर को रायपुर दक्षिण विधानसभा के 2 लाख 70 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और प्रशासन ने सभी प्रबंध सुनिश्चित कर दिए हैं ताकि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से संपन्न हो सके। दोनों पार्टियों के अंतिम चरण के इस प्रचार ने चुनावी माहौल को गरमाया और जनता में इस चुनाव को लेकर गहरी रुचि पैदा की है। रोड शो और जनसंपर्क के माध्यम से भाजपा और कांग्रेस ने अपनी ताकत और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया, जिससे आगामी चुनाव में कड़ी टक्कर की संभावना है।

पत्रकारों ने सड़क किनारे बैठ कर किया आंदोलन

पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाने एवं पुलिस अधीक्षक दुर्ग एवं थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

दुर्ग(गोविंद शर्मा)-    छत्तीसगढ़ का सबसे खूबसूरत शहर दुर्ग आज पुलिस की कायराना हरकत से पुरे छत्तीसगढ़ में निंदा का कारण बन रहा है पुलिस और प्रशासन को सुचना देने के बाद भी पत्रकारों के शांति पूर्ण आंदोलन को कुचलने का प्रयास पुलिस के द्वारा किया पत्रकारों के धरना स्थल में लगे टेंट,बैनर पोस्टर ही नहीं उखाड़ा गया,पत्रकारों के लिए बन रहे भोजन को पुलिस ने फेकने का काम भी किया ये सब सिटी कोतवाली थाना प्रभारी के द्वारा बल के साथ कराया गया पत्रकारों के पूछने पर ऊपर से आदेश है किसका आदेश हुआ ये पत्रकारों को नहीं बताया गया लेकिन पत्रकारों के धरना को कुचलने का पूरा प्रयास किया,पत्रकारों ने जमीन में बैठ कर अपने आंदोलन को पूर्ण करते हुए दुर्ग कलेक्टर को पत्रकार राकेश तम्बोली को न्याय और पुलिस की इस कायराना हरकत के लिए माननीय राज्यपाल व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के नाम ज्ञापन दिया जिसमें दुर्ग पुलिस अधीक्षक और संबधित थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की।

मामला क्या था

पुलिस द्वारा की गई आरोग्यम हॉस्पिटल के शिकायत पर बिना जाँच किये वरिष्ठ पत्रकार पर एफ आई आर का। यह इसलिए किया गया था की पांच माह पहले दुर्ग के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा दुर्ग के सबसे बड़े आरोग्यम हॉस्पिटल में महिलाओं की निज़ता के उल्लंघन का मामला 3 जून को जिसमे एक नहीं बल्कि 2 बार दुर्ग की कलेक्टर महोदया को इस हॉस्पिटल पर कार्यवाही करने के लिए शिकायत किया गया वही इस शिकायत पर तात्कालिक नर्सिंग होम नोडल अधिकारी ने जाँच किया तो पाया कि सही हैँ यह शिकायत। लेकिन कार्यवाही इस हॉस्पिटल पर ना कर मुख्य जिला एवं स्वास्थ्य अधिकारी मनोज दानी ने उसे और भ्रष्टाचार करने पर जोर दिया। बहरहाल इस हॉस्पिटल द्वारा शिकायतकर्ता पत्रकार पर झूठे एफ आई आर करवा दिया गया। बिना जाँच इस एफ आई आर पर पूरा संयुक्त पत्रकार संगठन एक हो कर आज 11 नवम्बर को पुलिस के खिलाफ झूठी एफ आई आर रद्द करने और जिला प्रशासन को आरोग्यम हॉस्पिटल पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही करने का शांतिपूर्ण ढंग से धरना के बाद कलेक्टर को ज्ञापन देने का था लेकिन जिस तरह से दुर्ग पुलिस ने पत्रकारों के साथ अत्याचार किया उसे पुलिस विभाग दागदार हो चूका है। प्रशासन को जानकारी देने के बाद भी जो हीटलर की तरह कार्यवाही किया उससे पुलिस की छवि ख़राब है गई है।

कलेक्टर को मिलकर दिया ज्ञापन

दमनकारी दोषी पुलिस अधिकारी पर कार्यवाही करने, पत्रकार पर दर्ज झूठा एफ आई आर रद्द करने और महिलाओं की इज्जत से खुलेआम खेलने वाले, महिलाओं की निजता का उल्लंघन करने वाले आरोग्यम हॉस्पिटल पर कार्यवाही करने का ज्ञापन सौंपा गया। प्रदेश से आये छ ग पत्रकार एकता महासंघ के वरिष्ठ पत्रकार अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राकेश प्रताप सिँह परिहार बिलासपुर से, महफूज खान मुंबई से, जितेंद्र जयसवाल रायपुर से, रजा खान रायगढ़ से,अनंत भगत, मो निज़ाम अंसारी गोविंद शर्मा, विक्रांत मालकन बलराम पुर से राकेश जसपाल, निरंजन गुप्ता नंदिनी अहिवारा से ,दर्शन मिरि अभनपुर से, प्रेम सोनी, संगीता साहू, माही सार्वा, कृष्णा लाल रायपुर से, राकेश तम्बोली, गोपाल निर्मलकर, धर्मेंद्र गुप्ता, मनीष शर्मा, जीवनी खंडे, मोहन लाल गुप्ता, सुरेश गुप्ता,रोशन लाल सिन्हा, विजय देवांगन, सुकांता कुमार खाड़ा, शिवेंद्र शिंदे, तरुण पटेल, नीलेश साहू, मिश्री लाल प्रजापति, गोवर्धन ताम्रकार, नवीन राजपूत, राजेश ताती सहित कई पत्रकार मौजूद थे।

शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने निभाई शिक्षक की भूमिका, विद्यार्थियों को सिखाया कृत्रिम उपग्रह का विज्ञान

रायपुर-      स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने आज महासमुंद जिले के उड़ीसा सीमा से सटे वनांचल क्षेत्रों में स्थित विभिन्न विद्यालयों का अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने छात्रों की शैक्षिक प्रगति, स्कूलों की सुविधाओं और शैक्षिक गतिविधियों का गहन अवलोकन किया। बच्चों के उत्साही उत्तरों से प्रभावित होकर श्री परदेशी ने उनकी समझ और ज्ञान की सराहना की।

निरीक्षण के दायरे में आने वाले स्कूलों में हायर सेकेंडरी स्कूल बेलसोंडा, प्राथमिक शाला ओंकारबंद, पीएम श्री स्कूल खोपड़ी, मिडिल एवं हाई स्कूल खोपली, मिडिल और हाई स्कूल कसेकेरा, मिडिल स्कूल कुलिया, और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय सुनसुनिया शामिल थे।

निरीक्षण के दौरान श्री परदेशी ने कुछ समय के लिए शिक्षक की भूमिका निभाते हुए विद्यार्थियों को कृत्रिम उपग्रह के बारे में समझाया। उन्होंने बच्चों से विज्ञान, भूगोल और सामान्य ज्ञान से जुड़े सवाल पूछे। बच्चों से भारत के महान वैज्ञानिकों, इंद्रधनुष के रंगों की संख्या, छत्तीसगढ़ के जिलों और पड़ोसी राज्यों के बारे में सवाल किए गए, जिनका बच्चों ने सही जवाब दिया। छोटे बच्चों से रंगों और फलों से जुड़े सवाल भी पूछे गए, जिनमें अधिकांश बच्चों ने सही उत्तर दिए।

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय सुनसुनिया की छात्राओं ने शिक्षा सचिव से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से रक्षाबंधन पर्व पर हुई मुलाकात का अपना अनुभव साझा किया जिसे छात्रों ने एक अविस्मरणीय पल बताया। इस पर सचिव ने कहा कि आज की बालिकाएं और महिलाएं हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं, वे सुई से लेकर हवाई जहाज तक उड़ा रही हैं। यह समाज में महिला सशक्तिकरण का एक शानदार उदाहरण है।

निरीक्षण में शौचालयों की तालाबंदी देखकर श्री परदेशी ने प्रधानपाठक और प्राचार्य को नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि सभी सुविधाएं बच्चों के लिए सुलभ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन से प्राप्त सामग्री बच्चों के उपयोग के लिए खुली और उपलब्ध रहनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने शौचालयों में स्वच्छता बनाए रखने और उन्हें स्कूल समय में खुला रखने के निर्देश के साथ ही परिसर की साफ-सफाई, पुस्तकालय का अधिकतम उपयोग, प्रयोगशाला का उपयोग, शिक्षकों की समय पर उपस्थिति, शिक्षक डायरी का संधारण और शासन के दिशा-निर्देशों का समयानुसार पालन करने पर भी जोर दिया।

निरीक्षण के अवसर पर रायपुर संभाग के संयुक्त संचालक राकेश पांडे, जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत, आलोक चांडक, जिला मिशन समन्वयक कमल नारायण चंद्राकर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

जनजातीय गौरव दिवस पर छत्तीसगढ़ सहित 17 राज्यों के आदिवासी नर्तक दलों की होगी मनमोहक प्रस्तुति

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 14 एवं 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती-जनजातीय गौरव दिवस पर राज्य स्तरीय भव्य आयोजन किया जायेगा। दो दिवसीय आयोजित इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सहित 17 राज्यों के आदिवासी नर्तक दल मनमोहक प्रस्तुतियां देंगे। इनमें अरूणाचल प्रदेश के आदि लोक नृत्य नाटिका, मध्यप्रदेश के भील भगोरिया नृत्य, मेघालय के गारो लोक नृत्य और नागालैण्ड के आओ नागा लोक नृत्य सहित विभिन्न आकर्षक प्रस्तुतियां होगी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को जमुई (बिहार) से जनजातीय गौरव दिवस का शुभारंभ करेंगे। वे छत्तीसगढ़ में आयोजित कार्यक्रमों में वर्चुअली शामिल होंगे और पीएम जनमन योजना में शामिल जिलों के हितग्राहियों से चर्चा भी करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में भी एक दिवसीय गौरव दिवस का आयोजन किया जायेगा।

आदिम जाति विभाग द्वारा इसकी तैयारियां की जा रही हैं। साइंस कॉलेज मैदान में जनजातीय गौरव दिवस के दौरान 14 एवं 15 नवंबर को पूर्वान्ह 11 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक जनजातीय गौरव पर आधारित विविध कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें विषय विशेषज्ञ सहित कई राज्यों के आदिवासी कलाकार, आदिवासी कला संस्कृति के मर्मज्ञ शामिल होंगे।

दो दिवसीय राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन को भव्य एवं यादगार बनाने के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से आदिवासी नर्तक दलों एवं कलाकारों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है। अब तक 18 राज्यों के 22 आदिवासी नर्तक दलों ने इस दो दिवसीय आयोजन में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दी है, जिसमें अरूणांचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैण्ड, मेघालय, आसाम, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के आदिवासी नर्तक दल शामिल हैं। इनमें पुरूष एवं महिला कलाकारों की संख्या लगभग 425 है।

प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि 14 नवंबर एवं 15 नवंबर को साइंस कॉलेज मैदान में संध्या 3 बजे से अंतर्राज्यीय लोक नर्तक दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के साथ-साथ जनजातीय गौरव से संबंधित विषयों पर संगोष्ठी का आयोजन तथा जनजातीय जीवन शैली पर चित्रकला का प्रदर्शन भी होगा।

IAS कुमार बिश्वरंजन बने चिप्स के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, आदेश जारी

रायपुर-   छत्तीसगढ़ शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा बैच 2020 के IAS कुमार बिश्वरंजन को छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसाइटी (CHiPS) का चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी सौंपी है. मंत्रालय के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से उनकी पदस्थापना का आदेश जारी किया है.

देखें आदेश –

IAS कुमार बिश्वरंजन का जीवन परिचय

कुमार बिश्वरंजन का जन्म 4 जून 1993 को हुआ था। वह जगतपुर सिंह जिले के बेरुआन गांव के रहने वाले है। उनके पिता बेनुधर एक गरीब किसान है। उनकी माता मिनाती सिलाई का काम करती हैं। गरीब परिवार में जन्मे बिश्वरंजन ने कई तकलीफों के साथ अपनी शिक्षा पूरी की। आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी उनके माता-पिता नहीं चाहते थे कि बच्चों की पढ़ाई में उनकी आर्थिक स्थिति बाधक बने और बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्होंने जी– तोड़ मेहनत की। बच्चों की शिक्षा के लिए बिश्वरंजन की माता मिनाती सन 2003 में अपने बच्चों को लेकर राजधानी भुवनेश्वर आ गई। राजधानी के नीलाद्री विहार इलाके में सेक्टर 3 में किराए के मकान में रहकर मिनाती ने बच्चों को पढ़ाया। पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए सिलाई का काम शुरू किया और लोगों के कपड़े सिल कर बच्चों के फीस व किताबों का खर्च उठाया।

माता-पिता की मेहनत को देखते हुए बिश्वरंजन ने भी कड़ी मेहनत की। उन्होंने नीलाद्री विहार सरस्वती शिशु मंदिर से अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की। 10वीं बोर्ड परीक्षा में बिश्वरंजन ने राज्य में छठवां व 12वीं में पूरे प्रदेश में आठवां स्थान प्राप्त किया। फिर आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक की डिग्री लेने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। 2018 यूपीएससी में उन्हें 391 वीं रैंक मिली। और वे भारतीय रेलवे लेखा सेवा के लिए चुने गए। ट्रेनिंग करते हुए उन्होंने यूपीएससी 2019 दिया। जिसमें उन्हें 182 वीं रैंक मिली और वह आईएएस के लिए चुन लिए गए।

गौरतलब है कि कुमार बिश्वरंजन ने 12 अगस्त 2020 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी में ट्रेनिंग खत्म करने के बाद उन्हें फील्ड ट्रेनिंग के लिए बिलासपुर जिले में सहायक कलेक्टर नियुक्त किया गया। फिर दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले में एसडीएम बने। छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसाइटी (CHiPS) का चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी मिलने से पहले वह दंतेवाड़ा जिला पंचायत में सीईओ के पद पर पदस्थ थे।

करैत के डसने से मरणासन्न मासूम को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मिला नया जीवन

रायगढ़-     तीन तस्वीरों से समझा जा सकता है कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार के प्रयास कैसे लोगों के जीवन में संजीवनी का काम कर रहे हैं। यह तस्वीर 3 साल के मासूम मानविक की है, जिसे जहरीले करैत सांप ने डस लिया था। मरणासन्न हालत में उसे मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में इलाज के लिए जब भर्ती कराया गया तो सांप का जहर पूरे शरीर में फैल चुका था उसकी स्थिति काफी गंभीर हो चुकी थी। शरीर में लकवे का असर दिख रहा था और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। शुरुआती 40 से 42 घंटे तक वह पूरी तरह से होश में नहीं आया था और उसे वेंटीलेटर में रखना पड़ा था। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायगढ़ के डॉक्टरों ने एक हफ्ते तक गहन इलाज कर उसकी जान बचाई और नया जीवनदान दिया।

करैत भारत में पाए जाने वाले सर्वाधिक जहरीले सांपों में से एक है। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है। जिससे नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। सही समय पर इलाज न मिले तो जान बचने की गुंजाइश कम होती है। ऐसे में एक छोटे मासूम बच्चे की रायगढ़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में मिले उचित इलाज से जान बचाई जा सकी।

रायगढ़ के खरसिया ब्लॉक के औरदा गांव के निवासी तुलेश्वर चौहान के 3 साल के बेटे मानविक चौहान को सोते समय घर में सुबह पांच बजे के करीब जहरीले करैत सांप ने दाहिने हाथ की उंगली में काट लिया। परिजन बच्चे को सिविल अस्पताल खरसिया लेकर गए। वहां चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार कर बच्चे को बेहतर ईलाज के लिए संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ में रेफर कर दिया गया। बच्चे को सुबह लगभग 8 बजे के आसपास संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ के आपातकालीन विभाग में अत्यंत गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया। बच्चे के शरीर में सॉप का जहर फैल चुका था, बच्चे की आँखों की दोनों पलकों में लकवा मार चुका था, सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, मुँह से झाग आ रहा था, बच्चे के हाथ-पैर ठंडे पड़ गए थे एवं नाड़ी भी कमजोर हो रही थी। बच्चे को आपातकालीन विभाग में ही बाल्य एवं शिशुरोग विभाग के आपातकालीन ड्युटी में उपस्थित डाक्टरों द्वारा त्वरित ईलाज प्रारंभ कर चिकित्सकों की आपातकालीन टीम द्वारा आई.सी.यू. वार्ड में शिफ्ट किया गया। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ.एल. के. सोनी, विभागाध्यक्ष बाल्य एवं शिशुरोग के नेतृत्व में डॉक्टरों और स्टॉफ नर्सों की टीम के अथक प्रयासों से बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार आना शुरू हुआ। बच्चे के शरीर में सांप के जहर का असर कम होने के उपरांत बच्चे को 3 दिवस पश्चात वेंटीलेटर से बाहर निकाला गया। वेंटीलेटर से बाहर निकलने के पश्चात् बच्चे के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ। एक हफ्ते तक चले गहन इलाज से बच्चे के स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दिया गया।

परिजनों ने कहा मेडिकल कॉलेज के इलाज से लौटी बच्चे की मुस्कुराहट

किसी भी माता पिता के लिए अपने बच्चे को जिंदगी और मौत से लड़ते देखना बहुत हृदयविदारक होता है। नन्हा मानविक अपने माता पिता की इकलौती संतान है। करैत के डसने से उसकी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि शुरुआती 40 से 42 घंटे तक वह पूरी तरह से होश में नहीं था। लेकिन मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम के साथ सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होने से उसका बेहतर इलाज संभव हुआ। पिता तुलेश्वर चौहान कहते हैं कि डॉक्टरों के प्रयासों से उसके बच्चे की मुस्कान वापस लौट आई।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार बेहद संवेदनशील है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य बजट को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। स्वस्थ छत्तीसगढ़ के लिए यह जरूरी है कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कुशल चिकित्सकों के हाथों में रहे। लेकिन आज से 24 वर्ष पहले छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक शासकीय मेडिकल कालेज था जिसमें मात्र 100 एमबीबीएस की सीटें थीं। बीते 24 वर्षों में राज्य में शासकीय मेडिकल कालेजों की संख्या 1 से बढ़कर 10 हो गयी है और एमबीबीएस की सीटें भी बढ़कर 1460 हो गयी हैं। शासकीय मेडिकल कालेजों में 291 स्नातकोत्तर की सीटें भी बढ़ी हैं जिससे राज्य को विशेषज्ञ चिकित्सक मिल रहे हैं।

वो छत्तीसगढ़ जो 1 नवंबर 2000 को जन्म लेते समय बीमारू राज्य का दर्जा रखता था वो आज बीते जमाने की बात हो गयी है। वर्तमान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ये बात भली भांति समझती है कि भारत की तर्ज पर छत्तीसगढ़ को भी वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाना है तो स्वास्थ्य ही वो पहली कड़ी है जो राज्य को सक्षम और समृद्ध बनाएगा। खुशी की बात ये है कि राज्य की वर्तमान सरकार इस पर लगातार प्रयास कर रही है और इसके बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य सेवाओं को सजग रूप से आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। राज्य स्तर पर डीकेएस और मेकाहारा जैसे अस्पताल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हो रहे हैं तो वहीं संभाग स्तर पर सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों का कार्य निरंतर जारी है। इसी तरह से जिले और ब्लाक स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर राज्य के लोगों की सेहत का विशेष ध्यान रख रहे हैं।