सियासी घामासान के बीच इस बार झोंकी सभी पार्टी अपनी पूरी ताकत, हर कोई अपने मुद्दे से कर रहे जनता को समझाने की कोशिश
झारखंड डेस्क
झारखंड में पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को है. इस वजह से पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. रविवार यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी झारखंड पहुंच रहे हैं. इसके पहले शनिवार को झारखंड में तो भाजपा के नेताओं का जमघट था. तो राहुल गांधी भी झारखंड में थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी झारखंड में थे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के लोगों को समझाने का प्रयास किया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है, तब तक दलित, आदिवासी, पिछड़ा का आरक्षण काटकर अल्पसंख्यकों को नहीं देने दिया जाएगा. राहुल बाबा जितना षड्यंत्र रचना है, रच ले. कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राजद ने हमेशा आदिवासी और ओबीसी का अपमान किया है.
कांग्रेस ने 75 साल तक आदिवासियों को उचित सम्मान नहीं दिया. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि इस चुनाव में हेमंत सोरेन की भ्रष्टाचारी सरकार को उखाड़ फेंके. दावा किया कि झारखंड में भाजपा की सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा जाएगा. अमित शाह ने शनिवार को हजारीबाग, पोटका में चुनावी सभा को संबोधित किया.
राहुल का आरोप,आरएसएस वाले आदिवासियों की जमीन छीनना चाहते हैं:
इधर, प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने झारखंड में शनिवार को कहा कि भाजपा और आरएसएस वाले आदिवासियों की जमीन छीनना चाहते हैं. उनकी नजर आदिवासियों की जमीन पर है.यही वजह है कि यह लोग आदिवासियों को वनवासी कहते हैं. ऐसा कहकर भाजपा के लोग आदिवासियों का हक छिनना चाहते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि देश में 80% लोग गरीब हैं. प्रधानमंत्री गरीबों की नहीं सुनते. उन्हें गरीबों की कोई फिक्र नहीं है. उनके लिए अडानी, अंबानी ही सब कुछ हैं.उन्होंने लोगों से अपील की कि महिलाओं को ₹2500 तथा अन्य को 200 यूनिट फ्री बिजली देने वाली सरकार झारखंड में बनाएं .राहुल गांधी शनिवार को धनबाद के बाघमारा और जमशेदपुर में चुनावी सभा की.
हेमंत सोरेन का नारा झारखंड में बटेंगे तो काटेंगे
इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को अपने आवास में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड में बटेंगे तो काटेंगे, की राजनीति नहीं चलेगी. यहां न लोग बटेंगे और नहीं काटेंगे, पर राजनीतिक रूप से विरोधी चुनाव के माध्यम से कूटे जरूर जाएंगे. उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव से यह चुनाव अलग है. विपक्ष अपने आप को मजबूत कहता है, तो सत्ता पक्ष कमजोर है क्या ? हम काफी मजबूती के साथ उन्हें चुनौती दे रहे हैं. और आगे भी देते रहेंगे.
हेमंत सोरेन ने कहा कि चुनाव के बाद नई सरकार में खनिज क्षेत्र के लिए विशेष कार्य योजना लाई जाएगी. विस्थापन आयोग की नियमावली बन चुकी है. सरकार बनते ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा. हेमंत सोरेन ने कहा कि चुनाव के दौरान संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल बीजेपी करती है. यह शनिवार को हुए आयकर छापेमारी से भी स्पष्ट हो रहा है. न केवल झारखंड बल्कि अन्य राज्यों में भी चुनाव होते हैं, तो वहां भी केंद्रीय एजेंसियां इसी तरह छापेमारी करती हैं .उन्होंने कहा कि शनिवार को पता चला कि मेरे इर्द-गिर्द रहने वाले लोगों के यहां छापेमारी की गई है. आज संवैधानिक संस्थाओं की क्या हालत बन गई है, यह किस तरह काम करती हैं ,किन-किन लोगों के खिलाफ काम कर रही हैं. यह पूरा देश देख रहा है और इसकी चर्चाएं भी हो रही है. चुनाव के बीच क्या ऐसी कार्रवाई 2014 के पहले होती थी?? जो भी हो लेकिन झारखंड का चुनाव निश्चित रूप से 2019 से अलग है. देखना है कि जनता का फैसला किसके पक्ष में आता है. इस पर दिल्ली से लेकर पूरे देश की नज़रें टिकी हुई है. पूरे देश में झारखंड के चुनाव की खूब चर्चा हो रही है.
Nov 10 2024, 12:45