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टेलीकॉम कंपनियों के अनलिमिटेड डेटा प्लान्स: क्या आपको पता है कौन सा प्लान सबसे सस्ता है? जानें

Reliance Jio, Vodafone Idea उर्फ Vi और Airtel, तीनों ही टेलीकॉम कंपनियों के पास प्रीपेड यूजर्स के लिए एक से बढ़कर एक शानदार रिचार्ज प्लान्स उपलब्ध हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर जियो, वीआई और एयरटेल में से आखिर किस कंपनी के पास सबसे सस्ता Unlimited Data Plan मिलता है? आपके पास जियो, एयरटेल या फिर वीआई कंपनी की प्रीपेड सिम है तो आज की हमारी ये खबर खास आप लोगों के लिए है.

Jio 198 Plan Details

रिलायंस जियो के 198 रुपये वाले इस प्रीपेड प्लान के साथ हर दिन 2 जीबी डेटा, डेली 100 एसएमएस और फ्री कॉलिंग की सुविधा मिलती है. इसी के साथ ये प्लान जियो टीवी, जियो क्लाउड और जियो सिनेमा का भी फ्री एक्सेस ऑफर करता है. जियो की ऑफिशियल साइट के मुताबिक, ये प्लान Unlimited 5G Data ऑफर करता है.

Airtel 379 Plan Details

379 रुपये वाले एयरटेल प्लान के साथ हर रोज 2 जीबी हाई स्पीड डेटा मिलता है. एक महीने की वैलिडिटी वाले इस प्लान में फ्री कॉलिंग और हर दिन 100 एसएमएस भी दिए जाते हैं. एडिशनल बेनिफिट्स की बात करें तो 379 रुपये वाले इस प्लान में Unlimited 5G Data मिलता है, लेकिन सिर्फ उस एरिया में जहां कंपनी की 5जी सर्विस मौजूद है. इसके अलावा अपोलो 24/7 की तीन महीने की फ्री सर्विस, फ्री हेलो ट्यून, लाइव टीवी जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं.

Vi 349 Plan Details

349 रुपये वाले इस रिचार्ज प्लान के साथ आपको हर दिन 1.5 जीबी डेटा, फ्री कॉलिंग और प्रतिदिन 100 एसएमएस मिलेंगे. 28 दिनों की वैलिडिटी वाले इस प्लान के साथ रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक अनलिमिटेड डेटा दिया जाता है.

इसके अलावा ये प्लान प्रीपेड यूजर्स को वीकेंड डेटा रोलओवर की सुविधा देता है, इसका मतलब सोमवार से शुक्रवार के बीच अगर आपका डेटा बच जाता है तो उस बचे हुए डेटा को वीकेंड पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती है.

उत्तराखंड स्थापना दिवसः PM नरेंद्र मोदी ने समस्त प्रदेशवासियों को दी राज्य स्थापना दिवस की बधाई व शुभकामनाएं

उत्तराखंड/दिल्ली: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को बधाई दी है। बता दें कि उत्तराखंड राज्य अपने 25वें साल यानी रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

राज्य स्थापना दिवस के इस उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वीडियो संदेश के माध्यम से प्रतिभाग कर रहे है। देहरादून और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की भराड़ीसैंण विधानसभा भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री का वीडियो संदेश प्रसारित हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर कहा, "उत्तराखंड के स्थापना दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। आज से ही उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष का शुभारंभ हो रहा है यानी हमारा उत्तराखंड अपने 25 वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हमें अब उज्जवल उत्तराखंड के भविष्य के लिए अगले 25 वर्ष की यात्रा शुरू करनी है। इसमें एक सुखद संयोग भी है कि यह यात्रा ऐसे समय में होगी जब देश भी 25 वर्ष के अमृत काल में है यानी विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड। देश इस संकल्प को इसी कालखंड में पूरा होते देखेगा।"

वहीं, आगे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "मुझे खुशी है कि उत्तराखंड के आप लोग आने वाले 25 वर्षों के संकल्पों के साथ पूरे राज्य में अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों के जरिए उत्तराखंड के गौरव का प्रसार भी होगा और विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य की भी हर प्रदेशवासी तक बात पहुंचेगी। मैं आप सभी को इस महत्वपूर्ण अवसर पर और इस महत्वपूर्ण संकल्प के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं"

रतन टाटा जी की याद में पीएम मोदी का भावुक लेख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को याद करते हुए एक भावुक लेख लिखा है. इस लेख में उन्होंने रतन टाटा की जिंदगी, उनके व्यक्तित्व और देश के लिए उनके योगदान को याद किया है. पीएम मोदी ने लिखा कि आज रतन टाटा जी के निधन को एक महीना हो रहा है. पिछले महीने आज के ही दिन जब मुझे उनके गुजरने की खबर मिली, तो मैं उस समय आसियान समिट के लिए निकलने की तैयारी में था. रतन टाटा जी के हमसे दूर चले की जाने की वेदना अब भी मन में है. इस पीड़ा को भुला पाना आसान नहीं है. रतन टाटा जी के तौर पर भारत ने अपने एक महान सपूत को खो दिया है, एक अमूल्य रत्न को खो दिया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक, लोग उनकी कमी को गहराई से महसूस कर रहे हैं. हम सबका ये दुख साझा है. चाहे कोई उद्योगपति हो, उभरता हुआ उद्यमी हो या कोई प्रोफेशनल हो, हर किसी को उनके निधन से दुख हुआ है. पर्यावरण रक्षा से जुड़े लोग…समाज सेवा से जुड़े लोग भी उनके निधन से उतने ही दुखी हैं. और ये दुख हम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में महसूस कर रहे हैं. युवाओं के लिए रतन टाटा एक प्रेरणास्रोत थे. उनका जीवन, उनका व्यक्तित्व हमें याद दिलाता है कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा ना किया जा सके, कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे प्राप्त नहीं किया जा सके. रतन टाटा जी ने सबको सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ, दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है.

रतन टाटा ने भारत की क्षमता को पहचाना

पीएम मोदी ने कहा कि रतन टाटा जी, भारतीय उद्यमशीलता की बेहतरीन परंपराओं के प्रतीक थे. वो विश्वसनीयता, उत्कृष्टता और बेहतरीन सेवा जैसे मूल्यों के अडिग प्रतिनिधि थे. उनके नेतृत्व में, टाटा समूह दुनिया भर में सम्मान, ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा. इसके बावजूद, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया. दूसरों के सपनों का खुलकर समर्थन करना, दूसरों के सपने पूरा करने में सहयोग करना, ये रतन टाटा के सबसे शानदार गुणों में से एक था. हाल के वर्षों में, वो भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम का मार्गदर्शन करने और भविष्य की संभावनाओं से भरे उद्यमों में निवेश करने के लिए जाने गए. उन्होंने युवा आंत्रप्रेन्योर की आशाओं और आकांक्षाओं को समझा, साथ ही भारत के भविष्य को आकार देने की उनकी क्षमता को पहचाना.

नई पीढ़ी को जोखिम लेने का हौसला दिया

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं के प्रयासों का समर्थन करके, उन्होंने नए सपने देखने वाली नई पीढ़ी को जोखिम लेने और सीमाओं से परे जाने का हौसला दिया. उनके इस कदम ने भारत में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप की संस्कृति विकसित करने में बड़ी मदद की है. आने वाले दशकों में हम भारत पर इसका सकारात्मक प्रभाव जरूर देखेंगे. रतन टाटा जी ने हमेशा बेहतरीन क्वालिटी के प्रॉडक्ट…बेहतरीन क्वालिटी की सर्विस पर जोर दिया और भारतीय उद्यमों को ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने का रास्ता दिखाया. आज जब भारत 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, तो हम ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करते हुए ही दुनिया में अपना परचम लहरा सकते हैं. मुझे आशा है कि उनका ये विजन हमारे देश की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और भारत वर्ल्ड क्लास क्वालिटी के लिए अपनी पहचान मजबूत करेगा.

रतन टाटा जी की महानता बोर्डरूम या सहयोगियों की मदद करने तक ही सीमित नहीं थी. सभी जीव-जंतुओं के प्रति उनके मन में करुणा थी. जानवरों के प्रति उनका गहरा प्रेम जगजाहिर था और वे पशुओं के कल्याण पर केन्द्रित हर प्रयास को बढ़ावा देते थे. वो अक्सर अपने डॉग्स की तस्वीरें साझा करते थे, जो उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा थे. मुझे याद है, जब रतन टाटा जी को लोग आखिरी विदाई देने के लिए उमड़ रहे थे…तो उनका डॉग गोवा भी वहां नम आंखों के साथ पहुंचा था.

नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा

रतन टाटा जी का जीवन इस बात की याद दिलाता है कि लीडरशिप का आकलन केवल उपलब्धियों से ही नहीं किया जाता है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की देखभाल करने की उसकी क्षमता से भी किया जाता है. रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा. 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद उनके द्वारा मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल को पूरी तत्परता के साथ फिर से खोलना, इस राष्ट्र के एकजुट होकर उठ खड़े होने का प्रतीक था. उनके इस कदम ने बड़ा संदेश दिया कि भारत रुकेगा नहीं…भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है.

पीएम मोदी ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला. हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया. इनमें कई ऐसी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे. जब मैं केन्द्र सरकार में आया, तो हमारी घनिष्ठ बातचीत जारी रही और वो हमारे राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों में एक प्रतिबद्ध भागीदार बने रहे. स्वच्छ भारत मिशन के प्रति रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था.

वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे. वह इस बात को समझते थे कि स्वच्छता और स्वस्थ आदतें भारत की प्रगति की दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण हैं. अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है. यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है.

कैंसर के खिलाफ लड़ाई एक और ऐसा लक्ष्य था, जो उनके दिल के करीब था. मुझे दो साल पहले असम का वो कार्यक्रम याद आता है, जहां हमने संयुक्त रूप से राज्य में विभिन्न कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया था. उस अवसर पर अपने संबोधन में, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वो अपने जीवन के आखिरी वर्षों को हेल्थ सेक्टर को समर्पित करना चाहते हैं. स्वास्थ्य सेवा एवं कैंसर संबंधी देखभाल को सुलभ और किफायती बनाने के उनके प्रयास इस बात के प्रमाण हैं कि वो बीमारियों से जूझ रहे लोगों के प्रति कितनी गहरी संवेदना रखते थे.

देश को रतन टाटा जी की कमी हमेशा खलेगी

पीएम मोदी ने कहा कि मैं रतन टाटा जी को एक विद्वान व्यक्ति के रूप में भी याद करता हूं – वह अक्सर मुझे विभिन्न मुद्दों पर लिखा करते थे, चाहे वह शासन से जुड़े मामले हों, किसी काम की सराहना करना हो या फिर चुनाव में जीत के बाद बधाई सन्देश भेजना हो. अभी कुछ सप्ताह पहले, मैं स्पेन सरकार के राष्ट्रपति श्री पेड्रो सान्चेज के साथ वडोदरा में था और हमने संयुक्त रूप से एक विमान फैक्ट्री का उद्घाटन किया. इस फैक्ट्री में सी-295 विमान भारत में बनाए जाएंगे. रतन टाटा ने ही इस पर काम शुरू किया था. उस समय मुझे रतन टाटा की बहुत कमी महसूस हुई.

आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो हमें उस समाज को भी याद रखना है जिसकी उन्होंने कल्पना की थी. जहां व्यापार, अच्छे कार्यों के लिए एक शक्ति के रूप में काम करे, जहां प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता को महत्व दिया जाए और जहां प्रगति का आकलन सभी के कल्याण और खुशी के आधार पर किया जाए. रतन टाटा जी आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं, जिन्हें उन्होंने सहारा दिया और जिनके सपनों को साकार किया. भारत को एक बेहतर, सहृदय और उम्मीदों से भरी भूमि बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी सदैव आभारी रहेंगी.

पीएम मोदी ने इन 7 प्वाइंट में रतन टाटा को किया याद

प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत संबंध: पीएम ने साझा कीं अपनी यादें और कहा, मुझे दशकों से रतन टाटा जी को करीब से जानने और उनके अतुलनीय योगदानों को देखने का सौभाग्य मिला.

भावुक श्रद्धांजलि: रतन टाटा जी के निधन ने भारत में एक गहरी कमी छोड़ दी है. पीएम ने याद करते हुए कहा, भारत ने एक सच्चे सपूत और अमूल्य रत्न को खो दिया है.

युवाओं और नवाचार के प्रेरणास्रोत: पीएम ने रतन टाटा जी की युवाओं के प्रति प्रेरणा को रेखांकित किया. उन्होंने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने और नवाचार की ओर साहसी कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया.

राष्ट्रीय हितों के प्रति समर्पण: पीएम ने याद किया कि स्वच्छ भारत मिशन और कैंसर देखभाल के प्रति रतन टाटा जी का उत्साह उनके जनकल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

साहस का प्रतीक: पीएम ने 26/11 के दौरान रतन टाटा के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि ताज होटल को फिर से खोलना भारत के साहस और आतंकवाद के सामने न झुकने का प्रतीक था.

वैश्विक स्तर पर टाटा नेतृत्व की पहचान: पीएम ने कहा कि रतन टाटा जी के नेतृत्व में टाटा समूह उत्कृष्टता, ईमानदारी और वैश्विक सम्मान का प्रतीक बन गया.

दया और संवेदनशील समाज की दृष्टि: पीएम ने कहा कि हमें उस समाज को याद रखना चाहिए जिसकी रतन टाटा जी ने कल्पना की थी, जहां व्यापार अच्छाई की शक्ति हो और प्रगति का आकलन सभी के कल्याण के आधार पर किया जाए.

गुजरात में कार के अंतिम संस्कार में किए लाखों रुपए खर्च, 1500 लोगों को खिलाया भोज

हम अपने जीवन में उपयोग कि गई चीजों जैसे-गाड़ी, फोन, लैपटॉप और न जाने क्या-क्या एक वक्त के बाद कचरे में फेंक देते हैं, लेकिन गुजरात के अमरेली जिले के एक गांव में एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसे देखकर सभी हैरान रह गए. इस गांव के एक परिवार ने अपनी लकी कार को जब उसका टाइम पीरियड खत्म हो गया, तो बकायदा पूरे रीति-रिवाज के साथ उसकी समाधि दी. परिवार के लोगों की कार के प्रति भावना इतनी गहरी थी कि उन्होंने उस कार को हमेशा याद रखने के लिए भव्य कार्यक्रम किया. दफनाने से पहले परिवार वालों ने बकायदा पूजा-पाठ किया. उसे फूलों से सजाकर उसकी ऊपरी हिस्से पर नारियल रखकर और उसपर हरे रंग का कवर लगाकर, परिवार के सदस्यों ने पूजा करके और पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चार के बीच गुलाब की पंखुड़ियां बरसाकर कार की विदाई दी. साथ ही इस पूरे अंतिम संस्कार के काम में 5 लाख रुपए खर्च हुए हैं.

कार्यक्रम में स्थानीय संतों और धर्मगुरुओं की मौजूदगी में गांव के करीब 1,500 लोगों को भोजन परोसा गया. इस अनोखे आयोजन के लिए एक विशेष निमंत्रण पत्र लोगों को भेजा गया. पत्र में लिखा था कि यह कार हमारे परिवार की सदस्य बन चुकी है और हमारे लिए बहुत सौभाग्यशाली रही. हम इसे हमेशा अपनी यादों में रखना चाहते हैं इसलिए हम इसे सम्मानपूर्वक समाधि दे रहे हैं.

लकी थी कार

गुजरात के लाठी तालुका के पदरशिंगा गांव के किसान संजय पोलरा ने यह कार 2006 में खरीदी थी. उनका कहना है कि यह कार उनके परिवार के लिए लकी रही. संजय का कहना है कि इस कार ने न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर किया, बल्कि समाज में भी उनका मान-सम्मान बढ़ाया. परिवार को लगा कि यह कार उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आई है इसलिए उन्होंने इसे एक खास सम्मान देने का फैसला किया. परिवार के सदस्यों ने अपने देवी-देवताओं की पूजा की और फिर फूलों से सजी हुई कार को एक जुलूस के रूप में उनके खेत में स्थित समाधि स्थल तक ले गए. समाधि के वक्त उनके परिवार वाले काफी भावुक थे.

हर साल समाधि पर फूल चढ़ाऊंगा- संजय पोलरा

संजय पोलरा ने कहा कि वे उस वक्त भावुक थे. उन्होंने कहा “हमने सोचा कि इसे एक खास तरीके से सम्मान देना चाहिए और इसलिए हमने समाधि देने का निर्णय लिया.” पोलरा ने यह भी तय किया है कि वह हर साल सात नवंबर को इस समाधि स्थल पर फूल चढ़ाएंगे और इसके आस-पास वृक्षारोपण करेंगे. गांव के एक निवासी विपुल सोजितरा ने कहा, “जब मैंने यह सुना कि कार को समाधि दी जा रही है, तो मुझे हैरानी हुई, लेकिन अब मैं समझता हूं कि यह परिवार अपनी लकी कार के लिए कुछ विशेष करना चाहता था.”

पश्चिम बंगाल में रेल हादसा: सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरे,कई यात्री घायल

पश्चिम बंगाल में हावड़ा के साउथ ईस्ट रेलवे डिवीजन के नालपुर स्टेशन के पास 22850 सिकंदराबाद शालीमार एसएफ एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए. सीपीआरओ साउथ ईस्ट रेलवे ने बताया कि फिलहाल अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.

बता दें कि सिकंदराबाद शालीमार एसएफ एक्सप्रेस साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन है. साउथ ईस्ट रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ओमप्रकाश चरण ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया है कि सिकंदराबाद से शालीमार आ रही ट्रेन नवलपुर स्टेशन के नजदीक डिरेल हुई है. इसमें एक बीपी और दो कोच पटरी से उतर गई हैं. लेकिन इस घटना में किसी की हताहत होने की अभी तक कोई जानकारी नहीं है. घटना स्थल पर रेलवे अधिकारी पहुंच गए हैं.

पश्चिम बंगाल में रेल हादसा

दरअसल कोलकाता के हावड़ा में नालपुर के पास सिकंदराबाद से शालीमार आ रही एक साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. जानकारी के मुताबिक कई पैसेंजर्स को चोट आई है. फिलहाल घटना स्थल पर रेलवे के अधिकारी पहुंच रहे हैं. डिब्बों से यात्रियों को निकालकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

ट्रेनों की आवागमन ठप

इस हादसे के बाद हावड़ा-खड़गपुर रेल मार्ग पर ट्रेनों की आवागमन ठप हो गया है. रेलवे अधिकारी ने बताया कि ट्रेन की बोगियों को पटरी हटाने काकाम किया जा रहा है. फिलहाल इस रूट की ट्रेनों को दूसरे रूट पर डायवर्ट कर दिया गया है. रेस्क्यू के बाद जल्द से जल्द इस रूट से भी ट्रेनों का आवागमन सुनिश्चित किया जाएगा.

बता दें कि 17 जून, 2024 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को जोरदार टक्कर मार दी थी. इस रेल हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी.

फोन की कुंडली निकाल लेता है ये ऐप, क्या आप भी करते है यूज

स्मार्टफोन में डेली यूज के लिए बहुत सारे ऐप होते हैं. जिसमें कुछ ऐप ग्रॉसरी का सामान मंगाने के होते हैं तो कुछ सोशल मीडिया. इस सबके बीच एक ऐसा ऐप भी है तो लगभग सभी के स्मार्टफोन में होता है और ना इससे ग्रॉसरी मंगाई जाती है और ना ये सोशल मीडिया का है.

इस ऐप के बारे में कहां जाता है कि ये स्मार्टफोन की पूरी कुंडली निकाल लेता है. जिसमें आपके मैसेज, लोकेशन और कॉन्टैक्ट लिस्ट शामिल है. दरअसल हम बात कर रहे हैं Truecaller ऐप की, जिसका यूज सभी स्मार्टफोन यूजर्स करते हैं.

क्यों स्मार्टफोन यूजर्स करते हैं इसको यूज?

Truecaller का यूज अन नॉन कॉल की जानकारी के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है. अगर आपके पास किसी ऐसे व्यक्ति की कॉल आती है, जिसका नंबर आपके स्मार्टफोन में फीड नहीं है. तब भी Truecaller की मदद से स्मार्टफोन यूजर्स को कॉल करने वाला का नाम पता चल जाता है.

इंस्टॉल करने पर मांगता है ये परमिशन

Truecaller इंस्टॉल करते समय ये ऐप मैसेज, कॉल डिटेल, कॉन्टैक्ट लिस्ट एक्सिस करने की परमिशन मांगता है. अगर आप ये सभी परमिशन दे देते हैं तो आपकी बैंकिंग डिटेल से लेकर कॉन्टैक्ट लिस्ट तक Truecaller के पास पहुंच जाती है. ऐसे में आपकी प्राइवेसी कंप्रोमाइज हो जाती है. जिसमें आपका डेटा किसी थर्ड पार्टी को भी बेचा जा सकता है. ऐसे में जब भी कोई ऐप इंस्टॉल कराएं तो पहले मांगी जाने वाली परमिशन को ध्यान से पढ़ें.

कैसे काम करता है Truecaller?

Truecaller ऐप स्वीडन की कंपनी ट्रू सॉफ्टवेयर सांडिनाविया ऐबी का है. कॉल की पहचान बताने के लिए इस कंपनी ने सोशल मीडिया ऐप से टाइअप किया हुआ है. अगर किसी सोशल मीडिया अकाउंट में आप अपना नंबर डालते हैं तो उसकी जानकारी Truecaller के पास पहुंच जाती है. इसके साथ ही एपीआई और एसडीके जो अलग-अलग कंम्पूटर प्रोग्राम्स हैं. उनकी मदद से भी ट्रूकॉलर नंबरों की पहचान करता है.

धामपुर का लोहे का तवा और कढ़ाई उद्योग: पूरे देश में है डिमांड

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के धामपुर के लोहियान और बंदूकचियान मोहल्ले में लोहे के तवे और कढाई बनाने के बीस छोटे छोटे कारखाने है. जहां अलग-अलग साइज और वजन के तवे और कढ़ाई तैयार किए जाते हैं एक कारखाने में लगभग पंद्रह से बीस वर्कर काम करते है और पंद्रह से बीस कुंटल तवे व कढ़ाई बना कर तैयार कर देते हैं. तैयार माल पर हर कारखाने का अपना मार्का लगा होता है. जिसकी मोटी पालीथिन, जूट, केरेगैटेड बाक्स में पैकिंग कर थोक या होलसेलर तक भेज दिया जाता है.

धामपुर के तवे, कढ़ाई और बाल्टी निर्माता अनीस मुल्तानी ने बताया कि धामपुर से मुरादाबाद, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, पटना, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उडीसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत अनेक राज्यों और शहरों में तवे और कढ़ाई और बाल्टी की सप्लाई की जाती है

व्यापारियों ने की सरकार से ये डिमांड

अनीस मुल्तानी के मुताबिक भले ही निर्लेप, नान स्टिकी तवों की मांग बडे़ मैट्रो सिटी में न हो लेकिन देश के नब्बे फीसदी घरों में लोहे के ही तवों पर रोटी, पराठे बनते हैं. जिनकी डिंमाड कभी खत्म नहीं होगी. तवे और कढ़ाई बनाने का कारखाना चलाने वाले अरशद अली ने बताया कि सरकार को बैंक लोन लिमिट सुविधा बढ़ानी चाहिए और टैक्स कम कराना चाहिए. जिससे सदियों पुराना पुश्तैनी कारोबार और फल फूल सके.

पूरे देश में डिमांड

बिजनौर के सीडीओ पूर्ण बोरा आईएएस ने बताया कि साल भर में धामपुर से पचास करोड़ रुपए के तवे और कढ़ाई की बिक्री होती है. जिसको एक्सपोर्ट के माध्यम से और बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा कि यहां के तवे और कढाई की डिमांड पूर देश मे रहती है.

दिल्ली में सीबीआई का बड़ा एक्शन, रिश्वत लेते हुए अधिकारी समेत तीन गिरफ्तार,ठिकानों से मिले इतने रुपए

दिल्ली में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अधिकारी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई ने दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड के लीगल ऑफिसर विजय मागो को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. विजय मागो के साथ ही सतीश नाम के एक शख्स और एक अज्ञात कुल तीन लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. वहीं सीबीआई ने इनके ठिकानों पर भी छापेमारी की है.

सीबीआई ने 7 नवंबर 2024 को दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड के लीगल ऑफिसर समेत तीन लोगों के खिलाफ रिश्वत मांगने का केस दर्ज किया था. एक व्यापारी की शिकायत के बाद सीबीआई ने दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड के अधिकारी को गिरफ्तार किया है. वहीं सीबीआई टीम ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 3.79 करोड़ रुपए बरामद किए हैं.

5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार

सीबीआई को शिकायत मिली थी कि इस लीगल ऑफिसर और दो लोगों ने एक कारोबारी की दो दुकान जिसको सील कर दिया था. उसको अनसिल करने के लिए 40 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी. जिसके बाद आरोपी को पकड़ने के लिए सीबीआई की टीम ने पूरी तैयारी की थी. सीबीआई की टीम आरोपी को रंगे हाथों पकड़ना चाहती थी. सीबीआई ने आरोपियों को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया.

सीबीआई ने रंगे हाथों पकड़ा

सीबीआई की टीम ने व्यापारी की शिकायत पर 7 नवंबर को छापा मारकर आरोपियों को 5 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और इनके ठिकानों पर रेड मारी करके 3 करोड़ 79 लाख रुपए कैश और कुछ प्रोपर्टी के कागजात बरामद किए हैं. सीबीआई गिरफ्तार किए गए आरोपियों से मामले में पूछताछ कर रही है. सीबीआई आरोपियों रिश्वत से जुड़े मामले में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही हैै*

एमपी के विधायक का अजब फैसला: गुटखा छोड़ो तो बिजली ठीक कराएंगे

एमपी अजब है… सबसे गजब है… मध्य प्रदेश टूरिज्म के इस विज्ञापन को तो आपने जरूर देखा होगा. इस विज्ञापन में मध्य प्रदेश को अजब-गजब बताया जाता है. यह बात सच भी है, लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि भी इसी अजब-गजब राह पर निकल चुके हैं. जी हां, ताजा मामला प्रदेश के मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल का सामने आया है जिन्होंने एक फरियादी को ऐसी सजा सुनाई कि उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वायरल हो रहे वीडियो में वह एक शख्स से कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वह गुटखा छोड़ेगा तभी बिजली ठीक की जाएगी.

बीजेपी विधायक वीडियो में फोन पर एक महिला से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वह महिला को बता रहे हैं कि उनका लड़का विजय विधायक के पास ट्रांसफर्मर जलने के बाद उसे ठीक कराने का आवेदन लेकर पहुंचा है. उन्होंने महिला से यह भी कहा कि उनका बेटा गुटखा-तंबाकू खाता है. अंगर वह तंबाकू और गुटखा खाना छोड़ा देगा तो वह ट्रांसफार्मर ठीक कराएंगे. प्रदीप पटेल का ये अंदाज लोगों को कुछ ज्यादा ही पसंद आ रहा है.

वीडियो हो गया वायरल

मऊगंज से बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल पहले भी अपने इस अनोखे अंदाज की वजह से सुर्खियों में रहे हैं. इस बार उनका ये अनूठा अंदाज लोगों को कुछ ज्यादा ही पसंद आ रहा है. गुटखा छोड़ने के बदले सभी काम करवाने की डील वाला ये वीडियो सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर स्थानीय स्तर पर वायरल हो रहा है. वह फरियादी की मां से आशीर्वाद देने को भी कह रहे हैं.

ASP को किया था प्रणाम

करीब एक महीने पहले भी विधायक प्रदीप पटेल सुर्खियों में आए थे, इसके पीछे की वजह थी कि वह एएसपी के ऑफिस में पहुंचे थे और उन्हें वहीं पर दंडवत प्रणाम किया था. उनका यह वीडियो भी काफी चर्चा का विषय बना था. वह नशे के खिलाफ शिकायत लेकर पुलिस अधिकारी के पास पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में बढ़ रहे अपराधों के खिलाफ भी नाराजगी जाहिर की थी. जब उन्होंने दंडवत किया तो एएसपी अपनी कुर्सी से खड़े हो गए थे.

योगी आदित्यनाथ के बयान पर महाराष्ट्र में सियासी तूफान, अजित पवार ने किया पलटवार, जानें क्या कहा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान ‘बटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान की देशभर में बहस चल रही है. महाराष्ट्र में भी इस बयान की धमक सुनाई पड़ रही है. राज्य के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने सीएम योगी के बयान का समर्थन नहीं किया. साथ ही यह भी कहा कि ये महाराष्ट्र का इतिहास नहीं है. राज्य में अजित पवार बीजेपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रहे हैं.

पुणे में अजित पवार ने कहा, “मैं आपसे हाथ जोड़कर कहता हूं कि महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज और महात्मा फुले की धरती है. आप महाराष्ट्र की तुलना किसी अन्य राज्य से नहीं कर सकते. महाराष्ट्र के लोगों को यह पसंद भी नहीं है. यहां के लोगों ने हमेशा जाति समीकरण बनाकर रखा है.” उन्होंने यह भी कहा कि यहां लोगों ने हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का प्रयास किया है.

महाराष्ट्र ने इसी स्वीकार नहीं कियाः अजित पवार

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह भी कहा, “यहां शिव, शाहू, आंबेडकर और फुले की विचारधारा सबको साथ लेकर चलने की परंपरा रही है. बाहर के लोग आते हैं और वो अपने विचार बोलकर चले जाते हैं. महाराष्ट्र ने ये कभी स्वीकर नहीं किया है. ये यहां के सभी चुनावों का यह इतिहास रहा है.” उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की शिक्षा समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की थी.

एनसीपी महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी है. राज्य में 20 नवंबर को एक चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पूर्वी महाराष्ट्र के वाशिम में एक चुनावी रैली में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने इस नारे को दोहराया था.

क्या कहा था CM योगी ने

सीएम योगी आदित्यनाथ ने वासिम में बुधवार को आयोजित रैली में शिवाजी महाराज का जिक्र करते हुए कहा कि मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी ने सभी को एक साथ लाने के लिए काम किया. उन्होंने कहा, “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा ले रहा हूं. साथ ही आपसे यह अपील भी करता हूं कि आप बंटे नहीं क्योंकि जब भी हम बंटे, हम कटे हैं.”

साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए)को महा अनाड़ी करार दिया. उन्होंने कहा, “मैं उन लोगों को महा अनाड़ी कहता हूं जिन्हें देश, धर्म, राष्ट्रवाद, समाज और राष्ट्र के मूल्यों तथा सिद्धांतों की कोई चिंता नहीं है. यह काम महा अनाड़ी गठबंधन कर रहा है.”