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पूर्व मंत्री मूणत ने उठाया बड़ा मुद्दा… रिंग रोड-1 के दोनों ओर साढ़े 10 मीटर चौड़ी सर्विस रोड मांगी…
रायपुर-   रायपुर पश्चिम के दिग्गज भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने बड़ा मुद्दा उठाया है. उनका कहना है कि टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच रिंग रोड-1 अब शहर की सड़क हो गई, क्योंकि इसके दोनों ओर घनी आबादी है. इस आबादी के लिए अभी तीन-तीन मीटर की सर्विस रोड है, जो बिलकुल पर्याप्त नहीं है. दोनों ओर की सर्विस रोड की चौड़ाई बढ़ाकर साढ़े दस-दस मीटर करने की तुरंत जरूरत है, ताकि रिंग रोड-1 के दोनों ओर रहनेवाले लाखों लोगों को सुरक्षित सड़क मिल सके. उन्होंने छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम तथा पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को माना विमानतल पर एक ज्ञापन सौंपा है. राजेश मूणत ने मंत्री गडकरी से आग्रह किया है कि चूंकि रिंग रोड-1 नेशनल हाईवे का पार्ट है, इसलिए इसके दोनों ओर की सर्विस रोड की चौड़ाई बढ़ाने के लिए 80 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी दें, ताकि रायपुर के लोगों को बड़ी राहत मिल सके.

राजेश मूणत सड़कों तथा इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में विजनरी माने जाते रहे हैं. रायपुर की कई बड़ी सड़कें, कई प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण तथा फ्लाईओवर्स-अंडरब्रिज का निर्माण उन्हीं के कार्यकाल में हुआ है. शुक्रवार को डिप्टी सीएम साव के साथ मंत्री गडकरी से मिले और उन्होंने दो पेज का ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में कहा गया है कि 30 वर्ष पहले बनी रायपुर की रिंग रोड-1 के किनारे का बड़ा हिस्सा विगत वर्षों में कामर्शियल एरिया के रूप में डेवलप हो चुका है. इस सड़क के दोनों किनारों पर बड़े कांप्लेक्स, शादी घर, शोरूम तथा कई मार्केट तो हैं ही, दोनों ओर घनी आबादी बस चुकी है. इस आबादी का एकमात्र सहारा रिंग रोड-1 के दोनों किनारो पर बनी सर्विस रोड हैं, जो अधिकांशतः पांच-पांच मीटर ही चौड़ी हैं. जिसके कारण जाम की स्थिति तो बनती ही है, हादसों का खतरा भी बढ़ गया है. पूर्व मंत्री मूणत ने बताया कि इस सड़क पर अग्रसेन धाम टर्निंग, कृषि विवि टर्निंग, आर्चब्रिज टर्निंग, कटोरातालाब टर्निंग, संतोषीनगर टर्निंग, कुशालपुर टर्निंग, रायपुरा टर्निंग, भाठागांव टर्निंग और पचपेड़ीनाका टर्निंग में ट्रैफिक के हालात बुरी तरह बिगड़ चुके हैं. यहां लोगों को राहत देने के लिए अंडरब्रिज आदि बने हैं, लेकिन ट्रैफिक दबाव के समय ये नाकाफी साबित होने लगे हैं.

समस्या ही नहीं, हल भी बताया मूणत ने

पूर्व मंत्री मूणत ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को सिर्फ समस्या ही नहीं बताई, बल्कि इसका हल भी सुझाया है. उन्होंने कहा कि रिंग रोड-1 के दोनों ओर ट्रैफिक के हालात अभी तो खराब हैं ही, आने वाले समय में स्थिति और भयंकर हो सकती है, क्योंकि दोनों ओर की सर्विस रोड औसतन 5-5 मीटर ही चौड़ी हैं. उन्होंने कहा कि अगर दोनों सर्विस रोड की चौड़ाई 3.5-3.5 मीटर बढ़ा जाती है, तो सड़कें साढ़े 10-10 मीटर चौड़ी हो जाएंगी. अगर चौड़ाई बढ़ाने के बाद दोनों ही सर्विस रोड को वन-वे कर दिया जाएगा तो ये सुविधाजनक होने के साथ-साथ आकर्षक भी लगेंगी. यही नहीं, एयरपोर्ट की ओर से रिंग रोड-1 होकर एनआईटी-साइंस कालेज ग्राउंड तक वीआईपी मूवमेंट के दौरान आने वाली दिक्कतें भी दूर होंगी, जो हाल में राष्ट्रपति प्रवास के दौरान देखने में आई थीं. पूर्व मंत्री मूणत ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से आग्रह किया कि इन सर्विस रोड की चौड़ाई तुरंत बढ़ाने में लगभग 80 करोड़ रुपए अनुमानित तौर पर खर्च होंगे. यह राशि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय से मंजूर कर दी गई तो इससे रायपुर की एक बड़ी समस्या का निराकरण हो सकता है. बता दें कि इसी रिंग रोड पर मंत्री गडकरी ने हाल में तीन ओवरब्रिज भी मंजूर किए हैं, ताकि ट्रैफिक में आ रही दिक्कतें कुछ कम हो सकें.

प्रदीप उपाध्याय आत्महत्या मामला, ब्राह्मण समाज ने सीएम साय से की थी कार्रवाई की मांग, GAD ने संभाग आयुक्त को सौंपी जांच की जिम्मेदारी
रायपुर-    प्रदीप उपाध्याय आत्महत्या मामले को लेकर ब्राह्मण समाज ने सीएम साय से जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की थी. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समाज के लोगों से इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया था. साथ ही जल्द ही अनुकंपा नियुक्ति देने की भी बात कही थी. वहीं अब इस मामले में की जांच संभाग आयुक्त महादेव कावरे को सौंपी गई है।

बता दें कि कलेक्टर कार्यालय राजस्व विभाग में पदस्थ क्लर्क प्रदीप उपाध्याय ने 28 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या किया था. आत्महत्या करने से पहले मृतक ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उन्होंने विभाग के तीन अधिकारियों तत्कालीन एडीएम गजेंद्र ठाकुर, वीरेंद्र बहादुर सिंह और एडीएम देवेंद्र पटेल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था.

संभाग आयुक्त महादेव कावरे

गौरतलब है कि मृतक ने अपने सुसाइड नोट में विभागीय अधिकारियों द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने और उनकी छवि खराब करने के आरोप लगाए थे. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी स्थिति की तथ्यात्मक जांच कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.

राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का तबादला, इन जिलों में बदले गए एडिशनल एसपी …

रायपुर-     राज्य सरकार ने एक बार से बड़े पैमाने पर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया है. राज्य सरकार ने कई जिलों के एडिशनल एसपी को बदल दिया है. गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक बिलासपुर एडिशनल एसपी उमेश कश्यप को जांजगीर का एडिशनल एसपी बनाया गया है.

देखें तबादला आदेश

दो आईएफएस अफसरों का तबादला, राज्य सरकार ने सौंपी ये बड़ी जिम्मेदारी, आदेश जारी

रायपुर-    छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बार फिर से प्रशासनिक फेरबदल किया है, जिसमें दो आईएफएस अधिकारियों का तबादला किया गया है. यह आदेश वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जारी किया गया है, जिसके तहत दो अधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है.

आदेश के अनुसार, तपेश कुमार झा (बैच 1989) वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम लिमिटेड, नवा रायपुर के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक के पद पर कार्यरत थे. उन्हें अब मुख्य वन संरक्षक (राज्य अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं जलवायु परिवर्तन) और छत्तीसगढ़ राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रायपुर के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है. उन्हें प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाते हुए यह पद सौंपा गया है.

बी. आनंद बाबू (बैच 1992) वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रायपुर में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (राज्य अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं जलवायु परिवर्तन) और निदेशक के पद पर कार्यभार था. उन्हें अब छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम लिमिटेड, नवा रायपुर में प्रबंध संचालक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है.

देखिये आदेश की कॉपी-

पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, डीएसपी स्तर के अधिकारी हुए इधर से उधर, देखें सूची…

रायपुर-   राज्य सरकार ने पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला किया है. पुलिसिंग में कसावट लाने डीएसपी स्तर के अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है. सतीश ठाकुर को फिर से रायपुर यातायात डीएसपी की जिम्मेदारी दी गई है.

देखें लिस्ट –

रायपुर प्रेस क्लब में निः शुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का आयोजन

रायपुर-    रायपुर प्रेस क्लब एवं श्रीधर औषधालय व पंचकर्म केन्द्र रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार, 8 नवंबर को दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक निःशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का आयोजन रायपुर प्रेस क्लब, स्व. मधुकर खेर स्मृति भवन, मोतीबाग में किया गया है। शिविर में डॉ. अभिषेक शर्मा, एमडी, पंचकर्म, बैंगलोर, डॉ. गुलशन कुमार सिन्हा, आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा जोड़ों का दर्द, घुटना दर्द, कमर दर्द, गठिया वात, पंचकर्म संबंधी समस्त परामर्श एवं नाड़ी परीक्षण किया। शिविर में निःशुल्क आयुर्वेदिक दवाईयों का वितरण भी किया गया। शिविर में प्रेस क्लब के 80 से अधिक सदस्यों और उनके परिजनों ने अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराया।

प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा कि प्रेस क्लब सदस्यों और उनके परिजनों के स्वास्थ्य की चिंता उनकी प्राथमिकता में है। इसलिए लगातार स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन प्रेस क्लब में किया जा रहा है। आयुर्वेद चिकित्सा की प्राचीनतम तकनीक है। इससे कई असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है। इसी को ध्यान में रखकर आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। प्रेस क्लब सदस्यों और उनके परिजनों के लिए आने वाले दिनों में इस तरह के और भी शिविर आयोजित किये जाएंगे। शिविर के आयोजन के लिए प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री ठाकुर, महासचिव डॉ. वैभव शिव पांडेय, उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी अरविंद सोनवानी ने श्रीधर औषधालय एवं पंचकर्म केंद्र को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकार को रखा बरकरार, पूर्व कुलपति की अपील खारिज, जानिए क्या है मामला

बिलासपुर-     एक मामले में छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 को लागू करने के राज्य के अधिकार को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में राज्य शासन को विश्वविद्यालयों के प्रशासन में हस्तक्षेप करने का अधिकार है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने बस्तर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एनडीआर चंद्रा की अपील खारिज कर दी है. उन्होंने पद से हटाए जाने को लेकर हाईकोर्ट चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की डीबी में हुई.

दरअसल, बस्तर विवि के कुलपति प्रो एन डी आर चंद्रा को प्रशासनिक कदाचार और वित्तीय अनियमितताओं सहित कई आरोप लगे. उन्हें जनवरी 2013 से पद से हटा दिया गया था. राज्य सरकार ने इन आरोपों की जांच के लिए 2015 में एक जांच समिति गठित की. जांच में विवि प्रबंधन में गंभीर खामियां सामने आई. जिसके बाद सितंबर 2016 में चंद्रा को हटाने के लिए अधिसूचना जारी की. इसके खिलाफ कुलपति चंद्रा ने हाई कोर्ट में अपील की. सिंगल बेंच ने उनकी अपील को खारिज कर दी. कुलपति चंद्रा ने सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी.

पुलिस एनकाउंटर में मारा गया निगरानी बदमाश अमित जोश, भिलाई गोलीकांड का था मुख्य आरोपी
भिलाई- छत्तीसगढ़ के भिलाई में आज निगरानी गुंडा बदमाश अमित जोश पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. निगरानी बदमाश अमित ने पुलिस को देखते ही उन पर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की. गोली लगने से बदमाश ढेर हो गया. पूरा मामला भिलाई के कोतवाली थाना क्षेत्र का है. क्राइम डीएसपी ने की इसकी पुष्टि की है।

क्राइम डीएसपी हेम प्रकाश नायक ने बताया, अमित जोश भिलाई के ग्लोब चौक में हुए गोलीकांड का मुख्य आरोपी है. वह बीते कई महीनों से फरार था. पुलिस को उसके भिलाई आने की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने तैयारी करते हुए आरोपी की घेराबंदी की.

जयंती स्टेडियम के पीछे जब सिपाहियों ने अमित को घेरा तो उसने दो सिपाहियों पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद अतिरिक्त बल बुलाकर आरोपी की घेराबंदी करते हुए जवाबी कार्रवाई की. इस दौरान आरोपी अमित ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से उसकी मौत हो गई. फायरिंग के दौरान क्राइम डीएसपी हेम प्रकाश नायक की गाड़ी में गोली लगी है.

जानिए गोलीकांड की पूरी कहानी

चार महीने पहले भिलाई में बाइक सवार तीन युवकों पर अमित जोश गैंग ने ग्लोब चौक के पास फायरिंग की थी, जिससे एक घायल हो गया था. पुलिस ने गैंग के 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. मुख्य आरोपी अमित जोश फरार चल रहा था, जिसकी तलाश पुलिस कर रही थी.

विश्रामपुर निवासी रमनदीप सिंह वहीं के रहने वाले अपने दोस्त सुनील यादव और आदित्य सिंह से मिलने आया था. दोस्त के आने की खुशी में तीनों ने देर रात तक पार्टी की. इसके बाद बाइक लेकर टाउनशिप की तरफ घूमने निकले थे. वो लोग बाइक में बैठकर शोर मचाते हुए गाली देते हुए निकल रहे थे. इसी दौरान अमित जोश और उसके तीन साथी बाइक से निकले. उन्होंने ग्लोब चौक के आगे रमनदीप की बाइक को रोककर उसके आगे अपनी बाइक लगा दी. इससे पीछे बैठे सुनील और आदित्य काफी घबरा गए. अमित जोश उन लोगों को गाली देने लगा कि तुम लोग उन्हें गाली दे रहे थे. इस पर सुनील और आदित्य ने कहा कि वो आपको गाली नहीं दे रहे थे आपस में बात कर रहे थे. इस दौरान अमित जोश ने उन लोगों को गाली दी तो उन्होंने इसका विरोध किया. इससे अमित और उसके साथी इतने गुस्से में आ गए कि अमित जोश ने पिस्टल निकलकर उस पर फायर कर दी. इससे रमनदीप वहां से भागने लगा.

अमित ने तीन राउंड गोली चलाई. इसमें एक गोली आदित्य के फेफड़े के नीचे लगी और दूसरी सुनील के पेट में. जब अमित और उसके साथी गोली चलाकर चले गए तो रमनदीप दौड़कर आया. उसने दोनों को बाइक में लहूलुहान हालत में चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिल ले गया. वहां डॉक्टरों ने उनका इलाज करने से मना कर दिया. इसके बाद उन दोनों को शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी की दोनों को मेकाहारा रायपुर ले जाओ. रमन ने इस दौरान अपने दोस्त विवेक साहू और अन्य को फोन करके बुला लिया. उन लोगों ने एंबुलेंस की और घायलों को मेकाहारा अस्पताल रायपुर में भर्ती कराया था.

दो आरोपी गिरफ्तार, दो चल रहे थे फरार

इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों अंकुर शर्मा और यशवंत नायडू को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मुख्य आरोपी अमित जोश और उसका एक साथी डॉगी फरार है, पुलिस उनकी तलाश कर रही थी. अमित जोश और उसके साथ गोलीकांड में शामिल तीन अन्य आरोपी भिलाई नगर एरिया में सक्रिय थे. इनका मूल काम बीएसपी क्वार्टर में कब्जा करके उन्हें किराया पर चढ़ाना था. इससे ये लोग काफी अच्छी कमाई कर लेते थे.

CG के लोहारीडीह हत्याकांड मामला: MP हाईकोर्ट ने रिपोस्टमार्टम की दी अनुमति, छत्तीसगढ़ सरकार को सहयोग करने के दिए निर्देश

जबलपुर-    छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के लोहारीडीह में संदिग्ध मौत के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने मृतक शिवप्रसाद साहू की बेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए रिपोस्टमार्टम की अनुमति दी है। साथ ही अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार को सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डबल बैंच में हुई।

दरअसल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को मध्यप्रदेश के जूरिडिक्शन में केस फाइल करने की छूट दी थी। याचिकाकर्ता ने रिपोस्टमार्टम की मांग को लेकर एमपी की जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताते हुए कब्र खोदकर शव को निकालने और दोबारा पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया। इससे पहले इस मामले को सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया था। सिंगल बेंच के निर्णय को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका दायर की गई थी।

ये है पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के लोहारीडीह में एक सप्ताह के अंदर 3 लोगों की अलग-अलग वजह से जान चली गई। 14 सितंबर की दरमियानी रात शिवप्रसाद साहू की लाश मध्यप्रदेश के बिरसा थाने के क्षेत्र में पेड़ से लटकती मिली थी। शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने हत्या के शक पर पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के घर को आग लगा दी, जिससे रघुनाथ साहू की जलने से मौत हो गई। वहीं इस मामले में पुलिस ने 33 महिला समेत 69 ग्रामीणों को हत्या के शक में गिरफ्तार किया था।

इसी बीच 19 सितंबर को हत्या के आरोप में बंद प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई थी। मृतक के बॉडी में गहरे चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशांत साहू की मौत पुलिस पिटाई के चलते जेल में मौत हुई है। इसके बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को निलंबित किया। वहीं रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया गया। इसके अलावा कबीरधाम एसपी और कलेक्टर पर भी गाज गिरी। दोनों का ट्रांसफर कर दिया गया।

SIT कर रही जांच

लोहारीडीह मामले की जांच को लेकर एसआईटी का गठन किया गया है। जिले के एएसपी पंकज पटेल के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम गठित की गई है। यह टीम मामले की जांच कर रही है। इस मामले में छत्तीसगढ़ और मध्‍य प्रदेश की पुलिस भी जांच कर रही है। मध्‍य प्रदेश की पुलिस इस मामले में इसलिए जुड़ गई है, क्‍योंकि शिवप्रसाद साहू की लाश एणपी की सीमा पर मिली थी। जिसके चलते मध्‍य प्रदेश की हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है।

सौम्या चौरसिया को ईओडब्ल्यू ने किया गिरफ्तार, कोर्ट ने 10 दिनों के रिमांड पर सौंपा…

रायपुर-   पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रहीं सौम्या चौरसिया की मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रही है. ताजा घटनाक्रम में ईओडब्ल्यू ने उन्हें को आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. ईओडब्ल्यू कोर्ट से 10 दिनों का रिमांड दिया है, जिसकी वजह से अब सौम्या चौरसिया 18 नवंबर तक ACB/EOW की रिमांड पर रहेंगी. 

बता दें कि राज्य की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने 2 जुलाई को निलंबित आईएएस अधिकारियों रानू साहू और समीर विश्नोई के साथ-साथ राज्य सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988/संशोधित अधिनियम, 2018 की संबंधित धाराओं के तहत भ्रष्टाचार के आरोप में तीन नई प्राथमिकी दर्ज की थी.

कोयला लेवी घोटाला मामले में हैं जेल में बंद

इसके पहले कोयला लेवी घोटाले में धनशोधन (मनीलॉंड्रिंग) पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिसंबर 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था, मामले में निलंबित आईएएस समीर विश्नोई और निलंबित आईएएस रानू साहू को कोयला लेवी मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था.