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दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला सकती आर्टिकल 370”, महाराष्ट्र में बोले पीएम मोदी

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। हालांकि विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है और नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल भी बुलाने पड़ गए। जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करने को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा बयान दिया है।पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। अब दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाल ली है। शुक्रवार को उन्होंने विपक्ष को मात देने और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए वोट मांगने के लिए धुले में अपनी पहली सभा की। इस दौरान पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की गठबंधन सरकार पर बड़ा हमला बोला।

कश्मीर में कांग्रेस की साजिशें शुरू-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को जैसे ही जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने का मौका मिला, तो उन्होंने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिशें शुरू कर दीं। कांग्रेस गठबंधन ने आर्टिकल 370 को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा के अंदर आर्टिकल 370 के समर्थन में बैनर लहराए गए। बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया है। बैनरों को विधानसभा के बाहर फेंक दिया गया। कांग्रेस जम्मू कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान नहीं चाहती। कांग्रेस गठबंधन संविधान की झूठी किताब लहराता है।

कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिर्फ बाबासाहेब का संविधान चलेगा। कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे। कांग्रेस कश्मीर को लेकर अलगाववादियों की भाषा न बोले। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा- शाह

वहीं, महाराष्ट्र के शिराला में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर बड़ा बयान दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में 370 वापस लाना चाहती है। मैं कहता हूं कि 4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा।

*क्या होगा भारत के 'दुश्मन' ट्रूडो का सियासी भविष्य? ट्रंप के सत्ता में आते ही एलन मस्क ने की भविष्यवाणी

#elonmuskoncanadaspmtrudeauspolitical_future 

भारत और कनाडा के बीच इन दिनों तनाव चल रहा है। आए दिन कनाडा की तरफ से भारत विरोधी एजेंडा सेट किया जा रहा है। इस बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ कनाडा की मुश्किलें बढ़ने की चर्चा हो रही। इसका संकेत खुद डोनाल्ड ट्रंप के दोस्त एलन मस्क ने दिया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अगले साल होने वाले चुनाव में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की हार की भविष्यवाणी की है।

अमेरिका के उद्योगपति एलन मस्क ने भारत से पंगा लेने वाले ट्रूडो का पत्ता साफ होने का दावा किया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भविष्यवाणी की है कि कनाडा में 20 अक्टूबर 2025 में होने वाले चुनाव में जस्टिन ट्रूडो का डाउनफॉल होगा। 

दरअसल, एलन मस्क सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक्टिव रहते हैं। इसी के चलते एक यूजर ने उन्हें टैग करके लिखा, कनाडा को ट्रूडो से छुटकारा पाने के लिए हमें आपकी मदद चाहिए। इस पोस्ट के जवाब में एलन मस्क ने लिखा, आगामी चुनाव में वो सत्ता से चले जाएंगे।

कनाडा में 2025 में होने वाले चुनाव जस्टिन ट्रूडो के लिए काफी अहम है। दरअसल, ट्रूडो साल 2013 से लिबरल पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। ऐसे में यह चुनाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी। 

मस्क की टिप्पणी संभवतः ट्रूडो की वर्तमान अल्पसंख्यक सरकार की स्थिति से उपजी है, जो उन्हें सत्ता खोने के लिए अधिक संवेदनशील बनाती है। चुनाव में ट्रूडो की लिबरल पार्टी का मुकाबला पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी और जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी सहित अन्य प्रमुख पार्टियों से होगा। ब्लॉक क्यूबेकॉइस और ग्रीन पार्टी भी सीटों के लिए होड़ में होंगी।

भारत से किस बात की 'दुश्मनी' निभा रहे ट्रूडो?

बता दें कि पिछले कई महीनों से भारत के प्रति जस्टिन ट्रूडो का व्यवहार किसी दुश्मन के जैसा है। आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा द्वारा भारत के माथे मढ़ने के बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ी है। ताजा मामले में भारत ने गुरुवार को कहा कि कनाडा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनकी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण के कुछ घंटों बाद एक ऑस्ट्रेलियाई मीडिया प्रतिष्ठान को ब्लॉक कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ के सोशल मीडिया हैंडल और कुछ पेजों को ब्लॉक करने की कनाडा के एक्शन से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति पाखंड की बू आती है।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर व्लादिमीर पुतिन की पहली प्रतिक्रिया, बधाई के साथ तारीफ में कही ये बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेता बधाई दे रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिपिंग के बाद अब आखिरकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी बधाई दी है। जीत की बधाई देते हुए पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ भी की। पुतिन ने एक कार्यक्रम में ट्रंप को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो एक बहादुर नेता हैं। अमेरिका के चुनावी परिणाम सामने आने के बाद यह पुतिन की पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। यह बधाई ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और रूस के बीच संबंधों में भारी तनाव है, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन का समर्थन किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोची रिसॉर्ट में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे थे। पुतिन से सम्मेलन में ट्रंप की जीत को लेकर सवाल किया गया। इस पर पुतिन ने कहा कि "मैं इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर उन्हें बधाई देना चाहता हूं।"

इस दौरान पुतिन ने ट्रंप की बहादुरी की तारीफ भी की। इतना ही नहीं ट्रंप पर जुलाई में हुए हत्या के प्रयास के बाद उनके द्वारा की गई प्रतिक्रिया को भी उन्होंने सराहा। पुतिन ने कहा, मैंने ट्रंप के व्यवहार को देखा है, उन्होंने काफी साहस दिखाया। पुतिन ने यह भी कहा कि वह ट्रंप से बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिका से संबंधों को बहाल करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा या नहीं।

पुतिन ने हालांकि यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर किसी भी तरह का कोई दबाव काम नहीं करेगा। हालांकि वह संकट के समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं। बातचीत ऐसी हो जो दोनों पक्षों के हित में हो।

क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आई पुतिन की प्रतिक्रिया

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ये बयान ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर जीत को लेकर क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आया है। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन के साथ 30 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध समाप्त होता है या नहीं, यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बयान दिए थे। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन बयानों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

रूस ने साफ किया रूख

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के रिश्तों में काफी तनाव पैदा हो चुका है। अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं और रूस की आक्रामकता का बड़े मंचो पर कड़ा विरोध भी किया। इन परिस्थितियों में, ट्रंप का रूस के साथ रिश्तों को सुधारने की बात करना एक नया पहलू हो सकता है। पुतिन ने बधाई देकर संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए अमेरिका का रुख जानना महत्वपूर्ण होगा।

कांग्रेस का भी वही हाल होगा जो अनुच्छेद 370 का हुआ', CM योगी ने बोला-हमला

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर कड़ा हमला बोलते हुए अनुच्छेद 370 और 35ए को फिर से लागू करने की उनकी मांग की कड़ी आलोचना की। मुख्यमंत्री छठ पूजा के अवसर पर लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में आयोजित अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने अनुच्छेद 370 और 35ए को बहाल करने के हालिया प्रस्ताव का विरोध जताया और इसे राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बताया।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाल ही में अनुच्छेदों को बहाल करने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस एवं उसके सहयोगी देश और घाटी को आतंकवाद की ओर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "वे जम्मू-कश्मीर के विकास और वहां के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को देखना नहीं चाहते। देश उनके विभाजनकारी एजेंडे को कभी स्वीकार नहीं करेगा। भारत के 140 करोड़ लोग देश की एकता तथा अखंडता के लिए मजबूती से खड़े हैं और किसी भी खतरे का निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार हैं।" योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस इस प्रस्ताव का विरोध नहीं करती, तो उसका भी वही हश्र होगा, जो अनुच्छेद 370 एवं 35ए का हुआ था। उन्होंने छठ पूजा के महत्व और राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की रक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया। आदित्यनाथ ने कहा, "जब हम जाति और धर्म के आधार पर विभाजित होते हैं, तो बाहरी शक्तियां हम पर शासन करती हैं। किन्तु जब हम इन त्योहारों के जरिए एकजुट होते हैं, तब कुछ लोग देश की आत्मा को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। सच्चे भारतीय को इसे सहन नहीं करना चाहिए। जब हम 140 करोड़ की ताकत के रूप में एक स्वर में बोलते हैं, तो कोई भी ताकत भारत को चुनौती नहीं दे सकती।"

भोजपुरी में सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने सभी श्रद्धालुओं को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दीं तथा विशेष रूप से माताओं और बहनों की भक्ति को सराहा, जो कठिन व्रत रखती हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 5 अगस्त 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करके कश्मीर घाटी में आतंकवाद का अंत किया था। उन्होंने कहा, "संसद द्वारा अनुमोदित इस ऐतिहासिक निर्णय ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त किया। तब दुनिया ने एक नए, मजबूत भारत को देखा, जो शांतिपूर्ण रहते हुए अपनी रक्षा के लिए दृढ़ था।" सीएम योगी ने भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के प्रति देश की प्रतिबद्धता पर जोर दिया तथा कहा कि राष्ट्र अपनी पहचान और एकता की सुरक्षा के लिए किसी भी बलिदान के लिए तैयार है। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि उसने डॉ. बी.आर. अंबेडकर के विरोध के बावजूद संविधान में अनुच्छेद 370 पेश किया, जिससे कश्मीर हिंसा और आतंकवाद की राह पर चला गया। योगी आदित्यनाथ ने उस वक़्त की हिंसा को भी याद किया, जिसमें कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग तथा भारत समर्थक आवाज़ उठाने वालों पर हमले शामिल थे। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 को अस्थायी प्रावधान करार दिया था, किन्तु केवल पीएम मोदी ने इसे समाप्त करने का साहसिक कदम उठाया। आज कश्मीर प्रगति के पथ पर है, नए शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, उद्योग तथा सुरक्षा के साथ, जिसने पहले विस्थापित निवासियों को अपने घर लौटने की अनुमति दी है।"

उद्धव ने बालासाहेब के पोस्टर से हिन्दू ह्रदय सम्राट हटा दिया, क्योंकि..', राज का हमला, जुबानी जंग हुई तेज

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राज्य में राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इसी बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने शिवसेना उद्धव गुट के प्रमुख और अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राज ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के लिए उद्धव ने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा का त्याग कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन किया, जो शिवसेना की मूल विचारधारा के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ने अपने स्वार्थ के लिए हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की छवि को 'जनाब बालासाहेब' में बदल दिया।

राज ठाकरे ने अपने बयान में कहा कि उद्धव ठाकरे ने ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के लिए हिंदुत्व से समझौता किया और शिवसेना के होर्डिंग्स से 'हिंदू हृदय सम्राट' का नाम भी हटा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में कई होर्डिंग्स में बालासाहेब का नाम उर्दू में लिखा गया, जो कि उनकी विचारधारा के विपरीत था। राज ठाकरे ने आगे कहा कि आज उद्धव की शिवसेना के लिए मौलवी फतवे जारी कर रहे हैं और मुस्लिम समुदाय से एकजुट होकर वोट देने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मस्जिदों से इन अपीलों के वीडियो भी सर्कुलेट किए जा रहे हैं।

इसके साथ ही राज ठाकरे ने एक कड़ा संदेश देते हुए वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वह 48 घंटों के अंदर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवा देंगे, और अगर ऐसा नहीं कर पाए तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने रजा अकादमी और आजाद मैदान में हुई हिंसक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए।

राज ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर करेगी और रजा अकादमी पर कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि आगामी चुनाव में उनके उम्मीदवारों का समर्थन करें, ताकि वे अपनी घोषणाओं को अमल में ला सकें।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को राहुल गांधी ने दी बधाई, कमला के लिए कही ये बात, शुभकामनाएं देते हुए लिखा पत्र


कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 7 नवंबर को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनकी जीत पर बधाई दी। अपने पत्र में उन्होंने ट्रंप को उनके दूसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देते हुए भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाने का संकल्प व्यक्त किया। राहुल गांधी ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक ऐतिहासिक मित्रता है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है, और उन्होंने विश्वास जताया कि ट्रंप के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच सहयोग और भी गहरा होगा।

ट्रंप को लेकर राहुल गांधी ने कहा, "मुझे यह भी उम्मीद है कि हम भारतीयों और अमेरिकियों दोनों के लिए अवसरों और संभावनाओं का विस्तार करने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे।" इसके साथ ही राहुल गांधी ने निवर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को भी एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने उनके प्रचार अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि हैरिस का जोशीला चुनाव अभियान कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा। राहुल गांधी ने उम्मीद जताई कि बाइडेन प्रशासन के तहत दोनों देशों के बीच हुई साझेदारी आगामी दिनों में वैश्विक मुद्दों पर भी और अधिक मजबूत होगी।

एडिसन रिसर्च के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने 6 नवंबर को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 270 से अधिक इलेक्टोरल कॉलेज वोट प्राप्त किए, जिससे वे चार साल बाद शीर्ष पद पर वापसी करने में सफल हुए।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाथापाई और हंगामे के मामले पर बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, कहा, संविधान का गला घोंटा

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाल में हुई हाथापाई और हंगामे के मामले पर बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि विधानसभा में संविधान का अपमान करने का प्रयास किया गया और कांग्रेस व नेशनल कॉन्फ्रेंस देश को कमजोर करने में लगी हुई हैं। ईरानी ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है।

स्मृति ईरानी ने यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक द्वारा कांग्रेस को लिखे गए पत्र के संदर्भ में भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कश्मीर में आतंक फैलाया और निर्दोष लोगों की जान ली, वे अब गांधी परिवार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। ईरानी ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों आतंकियों से सहानुभूति रखने वाले लोग गांधी परिवार से समर्थन मांग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि संसद और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय सभी को स्वीकार्य होने चाहिए, और उस फैसले का अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है। ईरानी का आरोप है कि इंडी अलायंस ने जम्मू-कश्मीर में संविधान का गला घोंटने की कोशिश की और अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव पास कर आदिवासी, दलित और महिलाओं के अधिकारों के हनन का प्रयास किया। उनका कहना है कि इंडी अलायंस के लोग भारतीय संविधान के खिलाफ एक नई लड़ाई छेड़ रहे हैं।

एमवीए की गाड़ी में न पहिया, न ही ब्रेक, ड्राइविंग सीट के लिए भी झगड़ा”, महाराष्ट्र में विपक्षियों पर पीएम मोदी का हमला

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राज्य में 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले सभी सियासी दलों ने अपनी-अपनी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद महाराष्ट्र के सियासी मैदान में उतर चुके हैं।पीएम मोदी ने शुक्रवार को धुले जिले में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम महाविकास अघाड़ी पर जमकर बरसे।  

प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी रैली में कहा, 'महाराष्ट्र से मैंने जब भी कुछ मांगा है, महाराष्ट्र के लोगों ने दिल खोलकर मुझे अपना आशीर्वाद दिया है। 2014 के विधानसभा चुनाव में मैं आपके बीच यहां धुले आया था। मैंने आपसे महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के लिए आग्रह किया था। आपने महाराष्ट्र में 15 साल के सियासी कुचक्र को तोड़कर भाजपा को अभूतपूर्व जीत दिलाई थी। आज मैं एक बार फिर यहां धुले की धरती पर आया हूं। धुले से ही मैं महाराष्ट्र में चुनाव अभियान की शुरुआत कर रहा हूं।'

हम जनता की सेवा के लिए राजनीति में आए-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति में आने पर हर किसी का अपना एक लक्ष्य होता है। हम जैसे लोग जनता को ईश्वर का रूप मानते हैं। हम जनता की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं। वहीं कुछ लोगों की राजनीति का आधार ‘लोगों को लूटना’ है। जब लोगों को लूटने की नीयत वाले महाअघाड़ी जैसे लोग सरकार में आ जाते हैं तो वो विकास ठप्प कर देते हैं, हर योजना में भ्रष्टाचार करते हैं।

अघाड़ी वालों ने हर योजना पर रोक लगा दी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आपने महाअघाड़ी वालों के धोखे से बनी सरकार के 2.5 साल देखें हैं। इन लोगों ने पहले सरकार लूटी और फिर महाराष्ट्र के लोगों को लूटने में भी वो लोग लग गए थे। इन लोगों ने मेट्रो परियोजनाओं को ठप्प कर दिया। वधावन पोर्ट के काम में अड़ंगा लगा दिया, समृद्धि महामार्ग बनने में रुकावटें पैदा की। उन्होंने कहा कि अघाड़ी वालों ने हर उस योजना पर रोक लगा दी, जिससे महाराष्ट्र के लोगों का भविष्य उज्ज्वल होने वाला था। महायुति की सरकार ने ढाई वर्षों में विकास के नए रिकॉर्ड बनाए। महाराष्ट्र को उसका गौरव वापस मिला है।

महाराष्ट्र की प्रगति को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि पिछले ढाई साल में महाराष्ट्र के विकास की जो गति मिली है, उसे रुकने नहीं दिया जाएगा। अगले 5 साल महाराष्ट्र की प्रगति को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। महाराष्ट्र को जिस सुशासन की जरूरत है, वह महायुति सरकार ही दे सकती है। दूसरी तरफ, महाअघाड़ी की गाड़ी में न पहिए हैं, न ब्रेक और ड्राइवर की सीट पर बैठने के लिए भी झगड़ा हो रहा है।

हर महिला को अघाड़ी वालों से सतर्क रहना होगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा, पूरा महाराष्ट्र देख रहा है कि कांग्रेस और अघाड़ी वाले लोग अब महिलाओं को किस तरह गाली देने पर उतर आए हैं। कैसी-कैसी अभद्र भाषा, कैसे-कैसे कमेंट, महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश। महाराष्ट्र की कोई माता-बहन कभी भी अघाड़ी वालों के इस कृत्य को माफ नहीं कर सकती। महाराष्ट्र की हर महिला को इन अघाड़ी वालों से सतर्क रहना होगा। ये लोग कभी भी नारी शक्ति को सशक्त होते नहीं देख सकते।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार, सुप्रीम कोर्न ने पलटा इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

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सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे पर अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम फैसले में एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रखा गया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में से खुद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेडी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने संविधान के अनुच्छेद 30 के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे के कायम रखने के पक्ष में फैसला दिया।

फैसला सुनाते वक्त सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि चार जजों की एक राय है। मैंने बहुमत लिखा है। जबकि 3 जजों की राय अलग है। इस तरह से यह फैसला 4:3 से तय किया गया। फैसले को लेकर जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस शर्मा ने अपनी असहमति जताई, जबकि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने और जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा के लिए बहुमत का फैसला लिखा।

साल 2006 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना था। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई पूरी कर सुप्रीम कोर्ट ने बीती 1 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने मामले को सात जजों की पीठ के पास भेज दिया था। सुनवाई के दौरान सवाल उठा था कि क्या कोई विश्वविद्यालय, जिसका प्रशासन सरकार द्वारा किया जा रहा है, क्या वह अल्पसंख्यक संस्थान होने का दावा कर सकता है?

साल 1967 में अजीज बाशा बनाम भारत गणराज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने भी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा खारिज कर दिया था। हालांकि साल 1981 में सरकार ने एएमयू एक्ट में संशोधन कर विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा फिर से बरकरार कर दिया गया था। अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर दिए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साल 1967 में 'अजीज बाशा बनाम भारत गणराज्य' मामले में दिए अपने ही फैसले को पलट दिया है।

कौन हैं भारतीय मूल के काश पटेल? ट्रम्प के वफादारों में होती है गिनती, मिल सकती है ये अहम जिम्मेदारी

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अमेरिका को डोनाल्‍ड ट्रंप के रूप में नया राष्‍ट्रपति मिल गया है। डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इससे पहले ट्रम्प और उनकी टीम अपने नए मंत्रिमंडल के लिए अधिकारियों को चुनने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। इस बीच कश्यप पटेल उर्फ काश पटेल नाम की चर्चा बहुत हो रही है। कहा जा रहा है कि अमेरिका में ट्रंप के इस कार्यकाल में खुफिया एजेंसी सीआईए का चीफ काश पटेल को बनाया जाए या फिर ट्रंप की कैबिनेट में उन्हें कोई अन्य ऊँचा पद मिलेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पटेल को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) चीफ की जिम्मेदारी मिल सकती है। वे इस पद के लिए शीर्ष दावेदार बताए जा रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प पहले ही पटेल को सीआईए चीफ बनाने का मन बना चुके हैं। दिसंबर 2023 में रिपब्लिकन पार्टी के एक कार्यक्रम में ट्रम्प ने पटेल से कहा था- "तैयार हो जाओ काश, तैयार हो जाओ।"

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के करीबी के तौर पर पहचाने जाने वाले काश पटेल भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं, जिनका जन्म 1980 में न्यूयॉर्क में हुआ, लेकिन उनकी जड़े गुजरात के वडोदरा से हैं। उन्होंने अमेरिका में कानून की पढ़ाई की है और विभिन्न सरकारी पदों पर काम किया है और बाद में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाईं। उन्होंने ट्रंप के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद विरोधी सलाहकार के रूप में कार्य किया और कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ का पद भी संभाला। इसके अलावा उन्होंने कई महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व किया जैसे आईएसआईएस और अलकायदा आदि।

का काश पटेल के माता-पिता युगांडा में रहते थे. काश पटेल के माता-पिता 1970 के दशक में अमेरिका आए थे। 1988 में पटेल के पिता को अमेरिका की नागरिकता मिलने के बाद एक एरोप्लेन कंपनी में नौकरी मिली। 2004 में कानून की डिग्री हासिल करने के बाद जब पटेल को किसी बड़े लॉ फर्म में नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने एक सरकारी वकील के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। हालांकि ड्रीम जॉब के लिए उन्हें 9 साल तक इंतजार करना पड़ा। काश पटेल 2013 में वॉशिंगटन में न्याय विभाग में शामिल हुए। यहां तीन साल बाद 2016 में पटेल को खुफिया मामले से जुड़ी एक स्थायी समिति में कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया। इस विभाग के चीफ डेविड नून्स थे, जो ट्रम्प के कट्टर सहयोगी थे।

पटेल को 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप को लेकर बनी एक समिति में शामिल किया गया। इस पर काम करने के दौरान ही वे पहली बार ट्रम्प की नजर में आए थे। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति रहने के दौरान ट्रम्प ने 2019 में जो बाइडेन के बेटे के बारे में जानकारी जुटाने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया था। इस वजह से विपक्ष उन पर नाराज हो गया। किसी कानूनी पचड़े से बचने के लिए ट्रम्प ने इस मामले में मदद के लिए सलाहकारों की एक टीम बनाई। इसमें काश पटेल का भी नाम शामिल था। तब उनका नाम देख हर किसी को हैरानी हुई थी।

काश पटेल 2019 में ट्रम्प प्रशासन से जुड़ने के बाद तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए। ट्रम्प प्रशासन में वे सिर्फ 1 साल 8 महीने रहे, लेकिन सबकी नजरों में आ गए। मैगजीन द अटलांटिक की एक रिपोर्ट में पटेल को 'ट्रम्प के लिए कुछ भी करने वाला' शख्स बताया गया है। अब ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में सीआईए चीफ बनने की रेस में सबसे आगे हैं।