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*ट्रंप की जीत पर बाबा रामदेव ने दी बधाई, कहा - भारत और अमेरिका के संबंध होंगे मजबूत

राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से कुछ देशों में बेचैनी बढ़ी है, जबकि कुछ देश खुशी जाहिर कर रहे हैं. भारत ने ट्रंप की सत्ता में वापसी का स्वागत किया है. योग गुरु बाबा रामदेव ने ट्रंप को उनकी चुनावी जीत पर बधाई देते हुए कहा कि ट्रंप भारत से बेहद प्यार करते हैं और सनातन धर्म के समर्थक हैं. उन्होंने ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति की सराहना करते हुए कहा कि यह विचारधारा पूरी तरह से भारत की राष्ट्रवाद पर आधारित विचारधारा से मेल खाती है. रामदेव ने कहा कि ट्रंप की इस जीत से भारत और अमेरिका के संबंधों से नए युग की शुरुआत हुई है

मीडिया से बातचीत में रामदेव ने कहा कि ट्रंप के लिए राष्ट्रवाद सर्वोपरि है. जिस तरह हम भारत में राष्ट्रवाद को प्राथमिकता देते हैं, उसी प्रकार ट्रंप की विचारधारा में भी अमेरिका पहले है. रामदेव ने आगे कहा कि जो अपने देश को पहले रखता है, वही प्रगति करता है और इतिहास में अपनी जगह बनाता है. उन्होंने ट्रंप की वापसी पर बधाई देते हुए इसे उनकी “अमेरिका फर्स्ट” विचारधारा की जीत बताया.

दोनों देश आपसी संबंधों को मजबूत करेंगे- रामदेव

रामदेव ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप की जीत पर उन्हें बधाई दी है. उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों की सकारात्मक प्रगति का उल्लेख करते हुए सितंबर 2019 में ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम और फरवरी में अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम को याद किया. उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में दोनों देश वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करेंगे. रामदेव ने वैश्विक व्यापार में दोनों देशों की साझेदारी की सराहना की और कहा कि तकनीकी, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में भारत और अमेरिका भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं.

ट्रंप ने रचा है इतिहास

इस बार ट्रंप को अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी 270 इलेक्टोरल वोट से अधिक मत प्राप्त हुए हैं. व्हाइट हाउस में दो गैर-लगातार कार्यकालों के लिए सेवा करने वाले राष्ट्रपति का यह केवल दूसरा उदाहरण है. पिछले 100 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है. इससे पहले ग्रोवर क्लीवलैंड ने 1884 और 1892 में इसी तरह दो गैर-लगातार कार्यकालों में राष्ट्रपति पद संभाला था. ट्रंप ने इससे पहले 2016 से 2020 तक अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया है.

राहुल गांधी का बीजेपी पर हमला: लाल किताब विवाद में जानें क्या कहा?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लाल किताब लहराने को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान पर घमासान मच गया है. राहुल गांधी ने बीजेपी नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया दी है और जमकर बीजेपी नेताओं पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने गुरुवार को सोशल साइट एक्स पर ट्वीट किया कि महाराष्ट्र के भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार बाबासाहेब के संविधान को दिखाना और जाति जनगणना के लिए आवाज उठाना नक्सली विचार है!

उन्होंने कहा किभाजपा की ये सोच संविधान निर्माता महाराष्ट्र के सपूत डॉ भीमराव आंबेडकर का अपमान है. लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की जनता ने संविधान की लड़ाई लड़ी और महाविकास आघाड़ी को बड़ी जीत दिलाई.

राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा द्वारा बाबासाहेब का अपमान महाराष्ट्र की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी – वो कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी के साथ मिल कर हमारे संविधान पर किए गए हर हमले का पूरी ताकत से जवाब देकर उसकी रक्षा करेगी और, भाजपा की ऐसी तमाम शर्मनाक कोशिशें नाकाम होंगी – लिख कर ले लो, जाति जनगणना हो कर रहेगी.

महाराष्ट्र के भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार बाबासाहेब के संविधान को दिखाना और जाति जनगणना के लिए आवाज़ उठाना नक्सली विचार है! भाजपा की ये सोच संविधान निर्माता महाराष्ट्र के सपूत डॉ भीमराव आंबेडकर का अपमान है।

लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की जनता ने संविधान की लड़ाई

लाल नोटबुक पर बीजेपी ने बोला था हमला

बता दें कि इससे पहले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने लगाया था कि राहुल गांधी नागपुर में एक चुनावी कार्यक्रम में ‘लाल किताब’ लेकर जाकर ‘शहरी नक्सलियों और अराजकतावादियों’ से वोट मांग रहे हैं. राजनीति में लाल रंग को अक्सर मार्क्सवादी या साम्यवादी विचारधाराओं से जोड़कर देखा जाता है. देवेंद्र फणडवीस और शिवसेना नेताओं के हमले के बाद जयराम रमेश ने बीजेपी नेताओं की निंदा की थी. अब राहुल गांधी ने जवाब दिया है.

कांग्रेस और बीजेपी में मचा घमासान

लाल नोटबुक की केवल उपमुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस ने आलोचना नहीं थी. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और भाजपा के महाराष्ट्र प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा था. रिजिजू ने “फर्जी नाटक” करने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि राहुल गांधी ने नागपुर में संविधान सम्मान सम्मेलन में जो किताब लहराई थी और बाद में लोगों को बांटी थी, वह वास्तव में एक खाली नोटबुक थी, जिसकी बाइंडिंग इस तरह से डिजाइन की गई थी कि वह संविधान की प्रति जैसी लगे.

भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने इस मामले में एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें कहा गया कि राहुल गांधी के कार्यक्रम में लाल रंग में बंधी नोटबुक बांटी गई. वीडियो में किताब को खोला गया तो उसमें खाली पन्ने दिखाई दिए. कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने बाद में कहा कि सभी उपस्थित लोगों को एक नोटबुक और पेन दिया गया था.

दाऊद इब्राहिम और लॉरेंस बिश्नोई की तस्वीरों वाली टी-शर्ट बेचने पर महाराष्ट्र साइबर विभाग की कार्रवाई

दाऊद इब्राहिम और लॉरेंस बिश्नोई की प्रिंट वाली टी-शर्ट बेचने वाले विक्रेताओं और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के खिलाफ महाराष्ट्र साइबर विभाग ने एफआईआर दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि हाल ही में ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर दाऊद इब्राहिम और लॉरेंस बिश्नोई की प्रिंट वाली टी-शर्ट बेचने का मामला सामने आया है.

जानकारी के मुताबिक, फ्लिपकार्ट, अलीएक्सप्रेस, टीशॉपर और एट्सी जैसे कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और दाऊद इब्राहिम की तस्वीरों वाली टी-शर्ट बेच रहे थे. महाराष्ट्र क्राइम विभाग ने इस मामले में मामला दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि इस तरह के उत्पाद समाजिक शांति को प्रभावित कर सकते हैं.

ऐसे उत्पाद जो आपराधिक गति विधियों में शामिल लोगों के जीवनशैली का महिमामंडन करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस तरह से युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. वहीं उन्होंने कहा कि इस तरह की सामग्री समाज के मूल्यों को नुकसान पहुंचाती है और आपराधिक प्रवृत्तियों को बढ़ावा देती है, जिससे युवाओं पर इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है.

इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर

महाराष्ट्र साइबर विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फ्लिपकार्ट, अलीएक्सप्रेस, टीशॉपर और एट्सी जैसे कई ई-कॉमर्स विक्रेताओं और प्लेटफार्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. साइबर विभाग ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 192, 196, 353, 3 और आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया है.

युवाओं पर पड़ता है गलत असर

महाराष्ट्र के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय की तरफ से जानकारी देते हुए कहा गया कि आपत्तिजनक उत्पादों पर रोक लगाने के लिए कई ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ये भी कहा गया कि ये कार्रवाई सुरक्षित डिजिटल वातावरण और सार्वजनिक शांति को बनाए रखने के लिए की गई है.

इस प्रकार के उत्पाद आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों को बढ़ावा देते हैं, साथ ही समाज के लिए खतरा पैदा करते हैं. इस तरह के उत्पाद युवाओं और समाज पर गलत प्रभाव डालते हैं.

इंदौर में हिंदू लड़कियों का तलवारबाजी कार्यक्रम: सीएम की शिरकत पर कांग्रेस नाराज

मध्य प्रदेश के इंदौर में 5 हजार हिंदू लड़कियों आत्मारक्षा के लिए तलवारबाजी सिखायी जा रही है. आयोजकों का कहना है कि लव जिहाद से बचने के लिए ये बेहद जरूरी है. भविष्य में किसी श्रद्धा के टुकड़े ना हों इसलिए आत्मारक्षा सीखना जरूरी है. 9 नवंबर को होने वाले इस कार्यक्रम में खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल होंगे. कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जाहिर की है. कांग्रेस का कहना है कि मुस्लिम धर्म की महिलाएं भी सुरक्षित नहीं हैं.

तलवारबाजी कार्यक्रम का आयोजन इंदौर के स्टेडियम में होना है. इसमें मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री मोहन यादव होंगे. कार्यक्रम की प्रमुख मुस्कान भारती का कहना है कि जिस तरह से देश दुनिया में आज लव जिहाद और महिलाओं के प्रति अत्याचार बढ़ रहा है, उसी के चलते महिला और युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह के अनूठे अभियान की शुरुआत की गई है.

ऐसी भाषा का इस्तेमाल शोभा नहीं देता

उन्होंने कहा कि हिंदू युवतियों और महिलाएं बढ़-चढ़कर इसमें शिरकत भी कर रही हैं. कार्यक्रम में गैर हिंदू महिलाओं के शामिल होने के सवाल पर मुस्कान भारती ने कहा कि जब उन्होंने इस आयोजन में पार्टिसिपेट करने को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्टर डाला तो कई मुस्लिम युवकों और महिलाओं ने आपत्ति भरे कमेंट किए.

हाल ही में इंदौर में दिवाली मिलन समारोह को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव इंदौर पहुंचे थे. सीएम ने अपने भाषण में कहा कि हिंदू कभी किसी को छेड़ेगा नहीं, हिंदू को छेड़ोगे तो हिंदू छोड़ेगा नहीं. सीएम के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति को ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता.

अगर मैं मुस्लिम लड़कियों को ऐसी ट्रेनिंग दूं

कांग्रेस ने तलवारबाजी के कार्यक्रम को लेकर आपत्ति जाहिर की है. कांग्रेस नेता अब्बास हाफिज का कहना है कि सीएम सिर्फ एक ही धर्म का संरक्षण कर रहे हैं. ऐसी सोच रखने वाली संस्थाओं के कार्यक्रम में सीएम को नहीं जाना चाहिए. प्रदेश में हर धर्म की लड़की सुरक्षित नहीं है. रोजाना महिला अत्याचार हो रहा है. अगर मैं 5 हजार मुस्लिम लड़कियों को ऐसी ट्रेनिंग दूं और कहूं की हिंदू लड़के जो मुस्लिम लड़कियों को फंसाते हैं, उनसे बचाने के लिए ये ट्रेनिंग है तो क्या सीएम हमारे कार्यक्रम में आएंगे?

कांग्रेस के इस आरोप पर बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि कांग्रेस को हिंदुओं से इतनी दिक्कत क्यों है? हर बात में इन्हें मुस्लिम क्यों नजर आने लगते हैं. तुष्टिकरण की राजनीति हमेशा ही कांग्रेस करती है. फिलहाल इस कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक जमकर विवाद हो रहा है. दूसरी तरफ 9 नवंबर को वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी तैयारी है.

बेंगलुरु में गाड़ी चलाते समय बस ड्राइवर की दिल का दौरा पड़ने से मौत,कंडक्टर ने कई लोगों की बचाई जान

कर्नाटक के बेंगलुरु में एक चौंकाने वाली घटना घटी है. 40 वर्षीय बीएमटीसी के बस ड्राइवर की गाड़ी चलाते समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. घटना बुधवार रात करीब 11 बजे की है, जब यह बस नेलमंगला से दासनपुर जा रही थी. इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है

बस में लगे कैमरे में वह क्षण दिखाई दे रहा है. बस ड्राइवर को दिल का दौरा पड़ने के कारण गिर गया. जैसे ही ड्राइवर सीने में दर्द के कारण गिर गया. नियंत्रण खोने के कारण बस ने एक अन्य BMTC वाहन को टक्कर मार दी. इस बीच, कंडक्टर ने बस को नियंत्रित किया और सड़क पर कई लोगों की जान बचाई.

घटना नेलमंगला शहर के बिन्नामंगला बस स्टैंड के पास हुई, जहां बीएमटीसी बस में यात्री मौजूद थे. तभी दिल का दौरा पड़ने से ड्राइवर की मौत हो गई.

हासन का रहने वाला है मृत ड्राइवर

मृत चालक हासन का रहने वाला किरण कुमार (40) है. बुधवार को बेंगलुरु उत्तर तालुके के दसानपुर डिपो की बस चलाते समय उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा. ड्राइवर किरणकुमार ने तुरंत बस को सड़क के किनारे छोड़ दिया.

किरण कुमार पिछले 6 साल से ड्राइवर के रूप में रूप में काम कर रहा था. दिल का दौरा पड़ने के बाद कंडक्टर ओबलेश की मदद से ड्राइवर को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन किरण कुमार को बचाया नहीं जा सका. इस संबंध में नेलमंगला टाउन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.

बीएमटीसी ने ड्राइवर के परिवार को दी मदद

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना रात करीब 11 बजे हुई, जब 40 वर्षीय चालक नेलमंगला से दसनापुरा इलाके की यात्रा करते हुए दिन का अपना आखिरी रूट चला रहा था.

निगम की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “हमें बहुत दुख के साथ डिपो 40 के ड्राइवर किरण कुमार के असामयिक निधन की सूचना देनी पड़ रही है, जिनका 6 नवंबर को अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) किरण कुमार के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है. निगम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है.” अधिकारियों के अनुसार, वरिष्ठ बीएमटीसी अधिकारियों ने भी कुमार के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सहायता और मुआवजा दिया.

पैसे के लिए रिश्तेदारों ने किया अंतिम संस्कार से इनकार, पत्नी ने खुद दी पति की मुखाग्नि

पैसा इंसान से कुछ भी करवा देता है. इसके लिए आज के समय में लोग हर अच्छा-बुरा काम करने के लिए तैयार हो जाता है. पैसा और जमीन ऐसी चीज है, जिसके लिए कहा जाता है कि भाई-भाई का भी दुश्मन हो जाता है. ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के कोरिया के एक गांव में हुआ, जहां एक शख्स की मौत हो जाने पर उसके रिश्तेदारों ने उसकी पत्नी से तब तक उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. जब तक वह उन्हें एक लाख रुपये या फिर 5 डिसमिल जमीन नहीं दे देती.

दरअसल मामला करजी गांव का है, जहां कतवारी लाल राजवाड़े की मुंह का कैंसर होने के चलते बहुत बीमार होने के बाद मौत हो गई. उसकी पत्नी ने उसका काफी इलाज कराया. पत्नी ने अपनी पैतृक संपत्ति तक बेचकर पति का इलाज कराया लेकिन उसकी पति की 6 महीने के अंदर बहुत ज्यादा हालत खराब होने से मौत हो गई, जिसकेबाद कतवारी का अंतिम संस्कार किया जाना था.

रिश्तेदारों ने रखी शर्त

कतवारी और उसकी पत्नी की कोई संतान नहीं थी, जिस वजह उसके अंतिम संस्कार और मुखाग्नि देने के लिए गांव वालों ने कतवारी के बड़े पापा के बेटे संतलाल से कहा लेकिन उसने अपने तेहरे भाई का अंतिम संस्कार करने के लिए उसकी पत्नी के सामने एक लाख रुपये या फिर 5 डिसमिल जमीन देने की शर्त रख दी, जिसके बाद हैरान रह गए. कतवारी की पत्नी पति के भाई को 15 हजार रुपये देने के लिए मानी लेकिन संतलाल ने इनकार कर दिया.

खुद किया अंतिम संस्कार

इसके बाद पत्नी ने फैसला किया वह खुद ही अपने पति का अंतिम संस्कार करेगी और मुखाग्नि भी देगी. उसने अपने पति का न सिर्फ अंतिम संस्कार किया, बल्कि उसने सभी रीति रिवाज निभाए और पति की अर्थी को कंधा भी दिया. इस तरह दुनिया ही नहीं एक पत्नी ने अपने पति का साथ उसके आखिरी तक दिया. कतवारी की पत्नी ने कहा कि अगर वह जमीन संतलाल को दे देगी, तो उसके पास कमाई का कोई तरीका नहीं बचता.

त्योहारों के सीजन में भारतीय रेलवे ने तोड़ा रिकॉर्ड, 3 करोड़ से अधिक यात्रियों ने की यात्रा

इन दिनों त्योहारों का सीजन चल रहा है. दिवाली के बाद अब छठ पर्व मनाया जा रहा है. त्योहारों को देखते हुए भारतीय रेलवे की तरफ से भी खास इंतजाम किए जाते हैं. रेल द्वारा की गई विशेष व्यवस्थाओं का लाभ उठाने के लिए जब बड़ी संख्या में यात्री स्टेशनों पर आएं तो अपने आप एक नया कीर्तिमान बन ही जाता है. इस साल कुछ ऐसा ही हुआ है. 4 नवंबर 2024 को करीब 3 करोड़ से ज्यादा यात्रियों ने रेल से यात्रा की. जो अपने आप में बड़ी बात है.

खास बात ये है कि रेल यात्रियों की ये संख्या ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की कुल आबादी से भी ज्यादा है. 4 नवंबर को ट्रेन के जरिए यात्रा करने वाले यात्रियों में 19.43 लाख लोगों ने आरक्षित श्रेणी में जबकि एक करोड़ 1,29,000 लोगों ने अनारक्षित श्रेणी में यात्रा की. जबकि इस दिन एक करोड़ 80 लाख लोगों ने सबअर्बन रेलवे में यात्रा की. भारतीय रेलवे द्वारा प्रमुख स्टेशनों पर की गई व्यापक व्यवस्था और विशेष गाड़ियों के परिचालन से यह उपलब्धि हासिल करने में मदद मिली है.

7700 से ज्यादा विशेष गाड़ियां चलाने की योजना

भारतीय रेल ने साल 2024 में 7700 से अधिक विशेष गाड़ियों के परिचालन की योजना बनाई है. पिछले साल भारतीय रेल द्वारा विशेष गाड़ियों के 4429 फेरे लगाए गए थे. रेलवे ने इस साल पिछले साल की तुलना में 73 प्रतिशत अधिक विशेष गाड़ियों की योजना बनाई है जिनसे फेस्टिवल सीजन के दौरान एक करोड़ से भी अधिक यात्रियों को लाभ मिलने की संभावना है.1 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच चलाई गई विशेष गाड़ियों के माध्यम से 65 लाख से अधिक यात्री अपने-अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच चुके हैं.

स्टेशनों पर जुटी यात्रियों की भीड़

इस साल 1 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच स्टेशनों पर अधिक संख्या में यात्री आए और हर स्टेशन पर होल्डिंग एरिया, अतिरिक्त टिकटिंग व्यवस्था, यात्रियों को चढ़ाने एवं उतारने के लिए विशेष व्यवस्था, बेहतर पैसेंजर सुविधाओं द्वारा रेलवे ने अधिक संख्या में यात्रियों की सेवा करने में सफलता हासिल की. 1 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच पूरे देश से बिहार पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में 7.50 करोड़ से भी अधिक यात्री त्योहारों को मनाने के लिए रवाना हुए

इस साल अब तक 4521 विशेष गाड़ियां चलाई गईं

भारतीय रेल द्वारा इस साल अब तक 4521 विशेष गाड़ियां चलाई जा चुकी हैं, जिससे 65 लाख से अधिक यात्रियों को लाभ पहुंचा है. रेलवे द्वारा 3 नवंबर 2024 को 207 विशेष रेल गाड़ियां चलाई गईं जो एक नया कीर्तिमान है. वहीं 4 नवंबर को 203 विशेष गाड़ियों का परिचालन किया गया और 5 नवंबर को 171 विशेष गाड़ियों का परिचालन किया. जबकी 6 नवंबर को 164 विशेष गाड़ियां और 7 नवंबर को भी 164 विशेष गाड़ियों के परिचालन की योजना बनाई गई है.

रेलवे ने की खास व्यवस्था

छठ के त्यौहार के बाद बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से दूसरे शहरों में लौटने वाले लोगों के लिए भी रेलवे ने विशेष व्यवस्था की है. रेलवे द्वारा 8 नवंबर को 164 , 9 नवंबर को 160 , 10 नवंबर को 161 और 11 नवंबर को 155 विशेष गाड़ियों के परिचालन की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा समस्तीपुर सोनपुर और दानापुर मंडल में विशेष रेक तैयार रखे गए हैं जिनका प्रयोग जरूरत के हिसाब से जाएगा. रेलवे बोर्ड के स्तर पर सभी तैयारियों का एक बार फिर से रिव्यू किया गया और संबंधित अधिकारियों को रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं.

हरियाणा में कलयुगी बेटी का अपराध, मां की हत्या करने के लिए प्रेमी के साथ मिलकर दिया घटना को अंजाम,पुलिस ने युवती को किया गिरफ्तार

कहा जाता है कि मां-बेटी का रिश्ता सबसे ज्यादा खास होता है, मां अपनी बेटी को समाज से बचाने के लिए कुछ भी कर जाती है लेकिन हरियाणा के नूंह में एक कलयुगी बेटी ने अपनी मां को ही मौत के घाट उतार डाला. क्योंकि उसकी मां ने उसे उसके बॉयफ्रेंड के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था. इसलिए उसने प्रेमी के साथ मिलकर मां की हत्या कर दी.

दरअसल रविवार-सोमवार की रात युवती की मां सो रही थी और युवती अपने प्रेमी के साथ थी. इसी बीच उसकी मां की रात को आंख खुल गई और मां ने उसे प्रेमी के साथ अवैध संबंध बनाते हुए देख लिया था. इसलिए 20 साल की युवती ने अपने प्रेमी जावेद के साथ मिलकर अपनी मां का गला दबाकर उसे मार डाला था. इसके बाद पुलिस ने युवती को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन उसका बॉयफ्रेंड फरार हो गया था.

जल्द शिकंजे में होगा प्रेमी

अब बुधवार को युवती को अदालत में पेश किया गया. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मां की हत्यारी बेटी को जेल भेज दिया है और उसके फरार प्रेमी की तलाश कर रही है. हालांकि अभी तक उसको लेकर कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. इस मामले में दूसरे आरोपियों की होने का भी शक है, जिसके चलते भी पुलिस जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि पुलिस जल्द ही आरोपी जावेद को भी अपने शिकंजे में ले लेगी.

बीच से हटाने के लिए की हत्या

सूत्रों के मुताबिक पुलिस आरोपी जावेद को पकड़ने के लिए उसके करीबियों पर दबाव बनाने की तैयारी कर रही है. जांच अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले में संलिप्त लोगों की जांच की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि मृतका अपनी बेटी और उसके प्रेमी के अवैध संबंध का विरोध कर रही थी. इसलिए दोनों बीच से उसे हटाने के लिए उसकी हत्या कर दी.

जुड़वा बच्चों का जन्म, लेकिन देखते ही मां को आ गई चीख, जाने क्या है पूरी मामला

जब एक औरत मां बनने वाली होती है, तो वह अहसास उसके लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास होता है. मां अपनी कोख में 9 महीने तक बच्चे को रखती है और बेसब्री से उसके दुनिया में आने का इंतजार करती है. मां के लिए दुनिया में उसके बच्चे से ज्यादा कोई भी अहम नहीं होता. बच्चा चाहे काला हो, गोरा हो या जैसा भी हो. मां के लिए वह हर तरह खूबसूरत ही होता है लेकिन राजस्थान में एक महिला अपने बच्चों को देखते ही ऐसे डर गई कि उसकी निकल पड़ी चीख.

ये मामला राजस्थान से सामने आया है, जहां के बीकानेर के नोखा कस्बे में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. परिवार को पहले ही पता लग गया था उनके घर पर ट्विंस आने वाले हैं. इस वजह से सभी बेहद खुश थे. परिवार अपने जुड़वा बच्चों के पैदा होने का इंतजार कर रहा था लेकिन जब यह पैदा हुए तो हर कोई उन्हें गोद में लेने से डर रहा है. यहां तक की खुद बच्चों को जन्म देने वाली मां भी बच्चों को देखकर डर गई

बच्चों को है ये बीमारी

दरअसल जिन जुड़वा बच्चों को महिला ने बीकानेर के प्राइवेट हॉस्पिटल में जन्म दिया. उनको रेयर स्किन डिजीज है. दोनों बच्चों की स्किन पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है, जिस वजह से बच्चों के पूरे शरीर पर जख्म हैं. बच्चों की ऐसी हालत देखकर खुद डॉक्टर्स भी हैरान हैं क्योंकि बच्चों की पैदाइश से पहले बच्चों की हालत को लेकर जानकारी नहीं हो पाई. अब बच्चों को सरकारी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया है.

एक आंख की जगह स्किन

बच्चों को काफी गंभीर बीमारी है. एक बच्चे की आंख की जगह पर स्कीन है. अब जिस हालात में यह बच्चे पैदा हुए हैं और उनकी हालात को देखकर डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी गंभीर स्थिति में पैदा होने वाले बच्चों का बच पाना मुश्किल होता है. ऐसे बच्चे एक हफ्ता भी सही नहीं रहते. हालांकि बच्चों का इलाज डॉक्टर्स कर रहे हैं और परिवार वालों ने अभी तक इसको लेकर कुछ नहीं कहा है.

छठ महापर्व: आईपीएस अफसर आशीष कुमार की पहल से दुनिया भर में फैली छठ की गूंज

भारत में 5 नवंबर से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में आज तीसरा दिन है. तीसरे दिन की पूजा को संध्या अर्घ्य भी कहा जाता है. भारत के साथ साथ दुनिया के कई देशों में इस त्योहार का मनाया जाता है. हालांकि बिहार के जमुई जिले के रहने वाले आईपीएस अफसर आशीष कुमार की एक छोटी पहल की वजह से फ्रेंच बोलने और समझने वाले 54 देशों के नागरिकों के बीच भी छठ महापर्व की गूंज है.

आशीष कुमार ने फ्रेंच भाषा में छठ के महत्व और पूजा के बारे विस्तार से एक लेख लिखा. ऐसे में दूसरे देशों से सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने का काम करने वाली भारत सरकार की संस्था भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) ने आशीष कुमार के लेख को फ्रेंच भाषा में “rencontre avec l’Inde” नामक किताब में 2013 में प्रकाशित किया था.

किताब में आशीष कुमार ने लिखी है ये बात

फ्रेंच भाषा में दुनिया को समझ रहे लोगों को “rencontre avec l’Inde” किताब की मदद से भारत के महापर्व छठ के बारे में जानने और समझने में आराम मिल रहा है. आशीष ने किताब में फ्रांसीसी भाषा में छठ पर्व के सभी पहलुओं को डिटेल में लिखा है. किताब में उन्होंने लिखा कि छठ का पर्व भगवान सूर्य की उपासना का त्योहार है. ये पर्व चार दिनों तक चलता है और इस दौरान धार्मिक, सामाजिक, शारीरिक, मानसिक एवं आचारिक-व्यावहारिक शुद्धता रखी जाती है.

15 साल पहले स्टडी टूर के लिए गए थे बिहार

आशीष ने किताब में पर्व को करने के विधि विधान के सभी पहलुओं को लिखा है. इसके अलावा पर्व के वैज्ञानिक महत्ता, सूर्य की उपासना के समय जल में खड़े रहने का आधार है? डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे का क्या विचार है? सूप और दौरे का पूजा में क्या महत्व है? इन सभी पहलु के बारे में लिखा है. आईपीएस कुमार आशीष इस वक्त बिहार कैडर के सारण के एसपी हैं. आशीष से मिली जानकारी के मुताबिक जब 15 पहले स्टडी टूर पर फ्रांस गए थे तब उन्होंने कुछ फ्रेंच भाषी लोगों बिहार के बारे में कुछ रोचक चीजें बताई थी. इस दौरान उन्होंने लोगों को छठ महापर्व के बारे में भी बताया था. फ्रेंच लोग इससे काफी प्रभावित हुए थे. ऐसे में भारत लौटने के बाद आशीष ने छठ के बारे में शोध किया और महापर्व छठ को पूरी तरह से बताने वाला एक लेख “Chhath Pouja: l’adoration du Dieu Soleil” लिखा. बाद में यही किताब फ्रेंच में छपी थी.