धूमधाम से लट्ठा में मनाया गया महाराजा महर्षि च्यवन ऋषि का जन्म महोत्सव
लट्टागढ़ - विगतदिनों दीपावली के पावन तिथि पर महाराजा महर्षि च्यवन ऋषि का जन्म महोत्सव विगत वर्षो की भाती इस वर्ष भी धार्मिक उल्लास एवम पारंपरिक रीति से मनाया गया इस अवसर पर महाराजा महर्षि च्यवन ऋषि एवम माता सुखन्या की प्रतिमा पर फूल माला एवम धूप,दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ भारत के सुप्रसिद्ध इतिहासकार एवम पुरातत्वविद डॉ रामविजय शर्मा द्वारा किया गया इस अवसर पर डॉ शर्मा ने बताया की महाराजा महर्षि च्यवन ऋषि महाभारत काल के एक प्रसिद्ध ऋषि तथा तत्वदृष्टा थे। उनका जन्म लट्टागढ़ में कार्तिक माह में दीपावली के पावन अवसर पर 3100 बी.सी.ई. में हुआ था उनके पिता का नाम भृगु ऋषि था। भृगु ऋषि ब्रह्मा जी के पुत्र थे। इसलिए भूमिहार समाज को ब्रह्मऋषि समाज भी कहा जाता है।भृगु ऋषि का मूल निवास भृगुरारी गांव है जहां कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर विशाल मेला का आयोजन किया जाता है। भृगुरारी गांव बिहार के औरंगाबाद जिले में पुनपुन नदी के पावन तट पर स्तिथ है। इसी तरह महर्षि च्यवन ऋषि की जन्मस्थली औरंगाबाद जिले के रफीगंज ब्लॉक के प्राचीन ऐतिहासिक ग्राम लट्टागढ़ है। लट्टागढ़ महाभारत कालीन नदी वधुसरा नदी के पावन तट पर स्थित है। लट्टागढ़ को महाभारत काल में लता-बेली तथा बाद में लाटगढ़ नाम से जाना जाता था। इस अवसर पर वरुण शर्मा(ग्रामीण विकास पदाधिकारी) ने बताया की वधुसरा नदी में स्नान करने एवम देवताओं के चिकितिसक अश्विनी कुमारों के मंत्र चिकित्सा द्वारा च्यवन ऋषि यौवन को प्राप्त किए तथा दोनों आंखों की रोशनी लौट आई। इस घटना को सुनकर गुजरात के महाराजा शर्याति अत्यंत प्रसन्न हुए।उन्होंने अपने राज्य क्षेत्र का बहुत बड़ा भाग खम्भात की खाड़ी का विशाल इलाका महर्षि च्यवन ऋषि को सौंप दिया तथा उन्हें महाराजा घोषित किया।इस अवसर पर समाज सेवक ओमप्रकाश शर्मा ने बताया की लट्टागढ़ के चईयार भूमिहार ब्राह्मण जिस मोहल्ले में रहते है उस मुहाले को महाराजा पार्टी कहा जाता है। महाराजा का पद ग्रहण करने के पश्चात खम्भात की खाड़ी के विशाल इलाका को च्यवन ऋषि ने अपने जन्मस्थली गांव के नाम पे लाट क्षेत्र का नाम दिया तथा अपनी राजधानी भरूच शहर का नाम अपने पिता भृगुकछ नाम दिया। वे भृगुकछ शहर से राज करते थे जो उनकी राजधानी थी यह इलाका दक्षिण गुजरात में है।इस अवसर पर सुमन शर्मा,छोटकुन शर्मा,गोलू शर्मा,रामबिनय शर्मा,मनीष शर्मा,हरिओम शर्मा एवम बड़ी संख्या में स्त्री-पुरुष महोत्सव में शामिल होकर महोत्सव को सफल बनाएं।
औरंगाबाद से धिरेन्द्र पाण्डेय
Nov 06 2024, 16:32