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पूर्व MP हिना गावित ने दिया बीजेपी से इस्तीफा*

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का महासंग्राम शुरू हो गया है. सोमवार को नामांकन वापसी का अंतिम दिन था. महायुति और महाविकास अघाड़ी के कई बागियों ने अपना नामांकन वापस लेकर पार्टी को राहत दी तो कई अभी भी मैदान में डटे हुए हैं. बागी जो अब तक मैदान में डटे हैं उनकी वजह से महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों का सिरदर्द बढ़ने की संभावना है. इसमें बीजेपी की नेता और पूर्व सांसद हिना गावित का नाम भी शामिल है.

हिना गावित ने अक्कलकुवा विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी को बरकरार रखा है. उम्मीदवारों की बरकरार रखने के साथ-साथ उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा भी दे दिया है. उन्होंने बीजेपी से बागी रुख अख्तियार करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था. सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन उन्होंने अपना पर्चा वापस नहीं लिया. ऐसे में अक्कलकुवा की सीट पर महायुति के उम्मीदवार के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है.

मंत्री पिता विजय कुमार नंदुरबार सीट से मैदान में

हिना गावित ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित पार्टी के विभिन्न पदों से भी इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा है कि बगावत के कारण पार्टी की छवि खराब न हो इसलिए ये फैसला लिया गया है. हिना गावित राज्य के जनजातीय विकास मंत्री विजयकुमार गावित की बेटी हैं. विजयकुमार गावित नंदुरबार विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार हैं.

दूसरी ओर, अक्कलकुवा निर्वाचन क्षेत्र से हिना गावित ने महायुति के खिलाफ बगावत कर दी है. गावित की बगावत ने महायुति की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा इसलिए दिया है ताकि उनकी उम्मीदवारी की वजह से पार्टी को परेशानी न हो. हिना गावित बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं.

शिवसेना गुट पर लगाया बीजेपी के खिलाफ काम करने का आरोप

गावित ने यह भी कहा है कि शिवसेना शिंदे गुट लगातार बीजेपी के खिलाफ काम कर रहा है, इसलिए हमने उनके खिलाफ लड़ने का फैसला किया है. गावित की उम्मीदवारी के कारण, इस निर्वाचन क्षेत्र में हाई वोल्टेज मुकाबला देखने को मिल सकता है.

हिना गावित 2014 के आम चुनाव में महाराष्ट्र की नंदुरबार सीट से मैदान में उतरी थीं और जीत भी हासिल की थी. इसके बाद 2019 में पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दिया था जिसपर वो खरी उतरी थीं. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में हिना गावित को हार का सामना करना पड़ा.

एकनाथ शिंदे गुट के हिस्से में आई है यह सीट

इस चुनाव हार के बाद हिना गावित विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जोर आजमाइस कर रहीं थी, लेकिन मौका नहीं मिला. महायुति के सीट शेयरिंग फॉर्मूले में यह सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना के हिस्से गई. शिवसेना ने इस सीट से आमश्या फुजली पाडवी को टिकट दिया है जबकि महाविकास अघाड़ी की ओर से कांग्रेस ने सी पाडवी को मैदान में उतार है जो कि एडवोकेट भी हैं.

दिल्ली में छठ पूजा की भव्य तैयारी, 1000 से अधिक घाट बनाए गए,CM आतिशी

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने छठ पर्व को लेकर कहा कि देश की राजधानी में भव्य तरीके से छठ मनाने के लिए व्यापक व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए एक हजार से अधिक घाट बनाए गए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बड़े-बड़े छठ घाटों पर मेडिकल सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है. दिल्ली सरकार ने छठ पर्व पर 7 नवंबर को छुट्टी का ऐलान कर रखा है.

चार दिन चलने वाले छठ पर्व के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार बड़े स्तर पर तैयारियों में जुटी है. मुख्यमंत्री आतिशी ने छठ पर्व से जुड़ी तैयारियों के बारे में आयोजित पीसी में कहा, “आज मंगलवार शाम से छठ पूजा की शुरुआत हो रही है. छठ का त्योहार हमारे पूर्वांचलियों का बड़ा त्योहार है. एक समय था जब उनको यह पर्व मनाने के लिए ट्रेन और बसों में भर भर कर अपने-अपने गांव जाना पड़ता था. लेकिन जब से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. तब से दिल्ली में बड़े ही धूमधाम से छठ मनाई जाती है ताकि उनको छठ मनाने के लिए शहर छोड़कर ना जाना पड़े.”

बड़े घाटों पर मेडिकल सुविधाएं भीः CM आतिशी

उन्होंने आगे कहा, “इस बार भी दिल्ली में छठ पर्व का भव्य आयोजन की तैयारी की जा रही है और 7 नवंबर को राजधानी में सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की जा रही है. अकेले दिल्ली में 1000 से ज्यादा भव्य छठ घाट बनाए गए हैं. साल 2014 में अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने से पहले यहां पर महज 60 छठ पूजा घाट हुआ करते थे. लेकिन आज की तारीख में एक हजार से ज्यादा घाट हैं. इन सभी घाटों का इंतजाम दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभाग करते हैं.

छठ घाटों पर मेडिकल सुविधाओं को लेकर सीएम आतिशी ने कहा कि बड़े-बड़े छठ घाटों पर मेडिकल सुविधाओं की तैयारी की गई है. कई जगहों पर मैथिली कार्यक्रम कराए जाते हैं. इन छठ घाटों पर आयोजन दिल्ली सरकार करवाती है. घाट बनाने, पानी का इंतजाम करने, मेडिकल सुविधाओं और डॉक्टरों के इंतजाम आदि सभी काम दिल्ली सरकार के विभाग करते हैं.

दिल्ली में खराब कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, “राजधानी में संवैधानिक स्थिति के मुताबिक जमीन, कानून और पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है और अन्य चीजें दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती हैं. केंद्र का काम दिल्ली के कामों को रोकना है. वो एक फीसदी भी अपना काम कर दें तो आज ऐसी स्थिति ना होती.”

पूर्वांचल विरोधी’ है बीजेपीः CM आतिशी

उन्होंने आगे कहा कि आज दिल्ली के लोगों के सामने दो मॉडल हैं, एक दिल्ली सरकार का जिसमें मुफ्त शिक्षा, बिजली, पानी की सुविधाएं हैं तो दूसरा बीजेपी का मॉडल है जहां कानून की ये हालात हैं. मुंबई की फिल्मों जैसे स्थिति है.

हालांकि दिल्ली में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच छठ पर्व को लेकर आपसी वाकयुद्ध जारी है. मुख्यमंत्री आतिशी ने कल सोमवार को दिल्ली में छठ पूजा की तैयारियों में बाधा डालने के लिए बीजेपी की आलोचना करते हुए उसे पूर्वांचल विरोधी करार दिया. उन्होंने केंद्र के तहत काम करने वाले दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) पर दक्षिणी दिल्ली के एक इलाके में छठ की तैयारियों में बाधा डालने का आरोप भी लगाया. इसी तरह ITO स्थित छठ घाट का निरीक्षण करने के बाद सीएम आतिशी ने कहा, “दिल्ली में बीजेपी की डीडीए की ओर से छठ पूजा की तैयारी में अड़चन लगाना उसकी पूर्वांचल विरोधी सोच को दर्शाता है.”

गाजीपुर में दर्दनाक हादसा: छठ पूजा के दौरान 4 साल की मासूम गंगा में डूबी, मौसी इंस्टाग्राम के लिए बना रही थी वीडियो

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से दर्दनाक वारदात सामने आई है जिसमें पूरे परिवार के साथ गंगाघाट पर गई एक 4 साल की मासूम पानी में डूब गई.

किसी को 4 साल की मासूम का होश ही नहीं रहा. मासूम के डूबने के वक्त उसकी मौसी इंस्टाग्राम के लिए वीडियो बना रही थी. उसी वक्त यह हादसा हुआ. जब सभी को थोड़ी देर बाद मासूम दिखाई नहीं दी तो उसकी तलाश हुई. वीडियो देखा गया तो उसे देखकर सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई. पुलिस ने गोताखोरों की मदद से मासूम के शव को बाहर निकाला है.

जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला गाजीपुर जिले के सैदपुर नगर के पक्का घाट का है. यहां पर वाराणसी के चौबेपुर थाना के उमरहा गांव के रहने वाले संदीप पांडे की पत्नी अंकिता पांडे अपने 4 साल की बेटी तान्या को लेकर छठ पूजा के लिए सैदपुर के बौरवां गांव में आई थीं. सोमवार को वह अपनी बहन स्मृति, भाभी अर्चना और मां लक्ष्मिना के साथ बेटी को भी लेकर गंगा घाट पर पहुंची थीं.

इंस्टाग्राम के वीडियो से उड़े होश

सभी महिलाएं गंगा में स्नान करने लगीं और उनके साथ मासूम तान्या भी पानी में उतर गई. उस वक्त मौसी स्मृति इंस्टाग्राम के लिए रील बनाने लगीं. किसी को पता ही नहीं चला कि तान्या अचानक से कहां गायब हो गई. सभी उसे घाट पर ढूंढने लग गए. घाट पर ढूंढते-ढूंढते उन्होंने इंस्टाग्राम की वीडियो देखी तो सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई. पूरे घाट पर चीख-पुकार मच गई. परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी जिसके बाद जांच शुरू हुई.

50 मीटर तक बही

पुलिस ने गोताखोरों की टीम को बुलाया इसके बाद रेस्क्यू शुरू किया गया. गोताखोर करीब डेढ़ घंटे तक बहाव की दिशा में ढूंढते रहे जिसके बाद उन्हें तान्या का शव मिला. तान्या के शव को पुलिस ने पंचनामा कर परिजनों को वापस सौंप दिया है. गोताखोरों ने मासूम को बहाव की दिशा में करीब 50 मीटर आगे तक खोजा तब जाकर उसका शव बरामद हो सका है. तान्या को बाहर निकालने के बाद उसे तुरंत सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टर्स की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया.

छठ पूजा 2024: नहाय-खाय से शुरू होता है छठ का व्रत, जानें नहाय खाय की प्रक्रिया और महत्व

हिन्दू धर्म में हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को छठ पूजा का पहला दिन शुरू होता है और इसी दिन नहाय-खाय की परंपरा निभाई जाती है. इस दिन कुछ खास रीति-रिवाजों का पालन करना शुभ माना जाता है. इस साल छठ पूजा 5 नवंबर नहाय-खाय से शुरू हो रही है. इस दिन घर का शुद्धिकरण किया जाता है. इसके बाद छठ का व्रत रखने वाले लोग स्नान कर शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण कर अपना व्रत शुरू करते हैं. नहाय-खाय में व्रती महिलाएं या पुरुष चावल के साथ लौकी की सब्जी, छोले और मूली आदि का सेवन करते हैं. उपवास करने वाले व्रती के भोजन करने के बाद ही परिवार के बाकी सदस्य इस महाप्रसाद का सेवन करते हैं.

पंचांग के अनुसार, इस साल नहाय-खाय 05 नवंबर 2024 को शुरू होगा. इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 41 मिनट पर होगा. इस दौरान व्रती लोग पूजा कर सकते हैं.

नहाय-खाय को छठ पूजा की शुरुआत और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करते हैं और प्रसाद के रूप में कच्चे चावल, चने और लौकी की सब्जी भोजन के तौर पर ग्रहण करते हैं. यह भोजन शुद्ध और पवित्र माना जाता है. इस दिन नमक वाला भोजन केवल एक बार ही किया जाता है. इस दिन व्रत रखने वाले लोग शुद्धता और पवित्रता का पालन करते हुए दिन भर कई धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. लेकिन नहाय खाय की प्रक्रिया शुरू करने से पहले घर और किचन की पूरी सफाई की जाती है किचन में मौजूद सभी बर्तन धुले जाते हैं.

नहाय खाय के दिन क्या होता है

नहाय खाय वाले दिन व्रती लोग सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं.

यदि नदी न हो तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है. इस दौरान भगवान सूर्य और छठी मैया से व्रत पूरा करने की प्रार्थना की जाती है.

छठ का व्रत करने वाली व्रती महिलाएं भगवान सूर्य को जल अर्पित कर पूजा-अर्चना करें.

भगवान को भोग लगाएं.

गरीबों को विशेषकर अनाज और कपड़े दान दिए जाते हैं.

पूजा के लिए आवश्यक सभी सामग्री जैसे कि फल, फूल, दीपक, धूप आदि तैयार किए जाते हैं.

शाम को फिर से स्नान किया जाता है और सूर्यास्त के समय सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है.

घर में या नदी के किनारे कमर तक पानी खड़े होकर छठी मैया की पूजा की जाती है.

दिन में सिर्फ एक बार सात्विक भोजन किया जाता है, जिसमें आमतौर पर फल, सब्जियां और दही शामिल होते हैं.

नहाय खाय वाले दिन बनने वाले भोजन में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है.

इस दिन कद्दू की सब्जी, लौकी, चने की दाल और भात यानी चावल बनाया जाता है और भगवान को भी चढ़ाया जाता है.

पूजा करने के बाद सबसे पहले व्रती इसे खाएं उसके बाद ही परिवार के अन्य सदस्य इसे ग्रहण करने दें.

नहाय खाय का महत्व

नहाय खाय का दिन शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन से छठ पूजा का व्रत शुरू होता है. स्नान और व्रत रखने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं. यह दिन सूर्य देवता को समर्पित होता है, जो जीवन को नई दिशा प्रदान करता है. नहाय खाय के दौरान पूरी तरह से शुद्ध रहना आवश्यक है. सात्विक भोजन का सेवन करें और पूरे दिन धैर्य और शांति बनाए रखना होता है. पूजा के सभी विधि-विधानों का पालन किया जाता है. नहाय खाय के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है और भगवान सूर्य और छठी मैया की कृपा प्राप्त होती है.

राहुल गांधी की एक दिवसीय रायबरेली यात्रा: विकास कार्यक्रमों का शुभारंभ और समीक्षा बैठक

कांग्रेस नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी आज एक दिवसीय दौरे के लिए रायबरेली पहुंचे हैं. राहुल गांधी लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे, उसके बाद उन्होंने सड़क मार्ग से आगे का रास्ता तय किया. इसी बीच राहुल गांधी हर बार की तरह चुरवा हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए रुके.

राहुल गांधी ने विधि विधान से पूजन अर्चना की. बछरावां में मौजूद चुरवा में बने हनुमान मंदिर में राहुल गांधी जब भी सड़क मार्ग से रायबरेली जाते हैं तो वो मंदिर में रुकते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. लोकसभा चुनाव के बाद सांसद का यह रायबरेली का तीसरा और उत्तर प्रदेश का पांचवां दौरा है.

दिशा बैठक में हुए शामिल

राहुल गांधी रायबरेली पहुंचने के बाद डिग्री कालेज चौराहे पर नवनिर्मित शहीद चौक का उद्घाटन करने पहुंचे. इसी के बाद राहुल गांधी बचत भवन में दिशा की बैठक में शामिल हुए. इन सभी कार्यक्रम के दौरान अमेठी सांसद के एल शर्मा भी राहुल गांधी के साथ शामिल रहेंगे. विधायक, एमएलसी समेत प्रशासनिक अधिकारी भी दिशा की बैठक में मौजूद रहेंगे. इस बैठक के बाद 2:30 बजे राहुल गांधी फुरसतगंज एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे.

सड़क का करेंगे शिलान्यास

कई अहम कार्यक्रमों के लिए रायबरेली पहुंचे राहुल गांधी दिशा की बैठक में शामिल होने के साथ-साथ अपने इस दौरे के दौरान राहुल गांधी कई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे. वो पीएमजेएसवाई योजना के अंतर्गत बनी सड़क का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे.

शाम को हैदराबाद के लिए होंगे रवाना

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कहा, राहुल गांधी रायबरेली से सांसद हैं. दिशा बैठक की अध्यक्षता लोकसभा सांसद करते हैं. इतने व्यस्त शेड्यूल होने के बावजूद राहुल गांधी एक सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए रायबरेली जा रहे हैं. वो कुछ सड़कों का उद्घाटन भी करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा, राहुल गांधी की यह एक दिवसीय यात्रा है वो इसके बाद शाम को हैदराबाद जाएंगे.

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर दिया बयान

दिल्ली दंगों के मामले में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी को लेकर के देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ से सवाल पूछा गया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कई मामले का जो मीडिया में दिखाया जाता है उससे वे काफी अलग हो सकते हैं. एक जज किसी मामले की सुनवाई करते समय अपने दिमाग का इस्तेमाल करता है और बिना किसी पक्षपात के उसके मैरिट के आधार पर फैसला करता है.

इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एक कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मीडिया में एक विशेष मामला महत्वपूर्ण हो जाता है और फिर उस विशेष मामले पर कोर्ट की आलोचना की जाती है. उन्होंने कहा, ‘सीजेआई के रूप में पदभार संभालने के बाद मैंने जमानत के मामलों को प्राथमिकता देने का फैसला किया क्योंकि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है. यह फैसला लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट की कम से कम हर पीठ को 10 जमानत मामलों की सुनवाई करनी चाहिए. 9 नवंबर 2022 से 1 नवंबर 2024 के बीच सुप्रीम कोर्ट में 21,000 जमानत मामले दायर किए गए. इस दौरान 21,358 जमानत मामलों का निपटारा किया गया है.’

मनी लॉन्ड्रिंग के 901 मामले निपटाए गए- सीजेआई

सीजेआई ने बताया कि इसी अवधि में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज 967 मामलों में से 901 का निपटारा किया गया. उन्होंने कहा, ‘एक दर्जन राजनीतिक मामले प्रमुख लोगों से जुड़े हैं, जिनमें हाल के महीनों में जमानत दी गई है. अक्सर मीडिया में किसी मामले के एक खास पहलू को पेश किया जाता है. जब कोई जज किसी मामले के रिकॉर्ड पर ध्यान देता है, तो जो सामने आता है वह उस विशेष मामले के मैरिट्स के बारे में मीडिया में दिखाई गई पिक्चर से काफी अलग हो सकता है. जज संबंधित मामलों पर अपना ध्यान केंद्रित करता है और फिर मामले का फैसला करता है.’

मैंने ए से लेकर जेड तक जमानत दी- सीजेआई

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘अपनी बात करूं तो मैंने ए से लेकर जेड (अर्नब गोस्वामी से लेकर जुबैर तक) को जमानत दी है और यही मेरा दर्शन है. “जमानत नियम है और जेल अपवाद है” के सिद्धांत का प्रमुख रूप से पालन किया जाना चाहिए, लेकिन इसे अभी ट्रायल कोर्ट तक पहुंचना बाकी है.’

कानपुर में महिला सुरक्षा पर सवाल,अस्पताल के डायरेक्टर ने नर्स को बंधक बनाकर किया दुष्कर्म"आरोपी डायरेक्टर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से रेप की हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक अस्पताल के डायरेक्टर ने नर्स के साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी घटना को अंजाम दिया है. नर्स की शिकायत पर मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, मामले में आगे की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि आरोपी ने नर्स को बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया है. वहीं बाद में जान से मारने की धमकी भी दी थी.

कानपुर के कल्याणपुर इलाके में एक प्राइवेट अस्पताल के डायरेक्टर ने नर्स के साथ रेप किया. युवती पिछले कुछ महीने से अस्पताल में बतौर नर्सिंग स्टाफ काम रही थी. रविवार की शाम डायरेक्टर के बुलाने पर युवती अस्पताल में आयोजित पार्टी में शामिल हुई थी. डायरेक्टर ने युवती को नाइट ड्यूटी करने के लिए कहा था. इसी दौरान डायरेक्टर ने नर्स को आधी रात में अपने कमरे में बुलाया और फिर उससे जबरदस्ती करते हुए कमरे को बंद कर लिया.

डायरेक्टर ने किया नर्स के साथ रेप

इसके बाद डायरेक्टर ने उसके साथ रेप की घटना को अंजाम दिया. वहीं, नर्स का कहना है कि आरोपी ने रेप के बाद उसे धमकी दी थी कि अगर किसी को भी घटना के बारे में बताया तो जान से मार दूंगा. घटना के बाद युवती ने कल्याणपुर थाने में पहुंचकर आरोपी के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, आरोपी की पहचान इश्तियाक अहमद उर्फ सीटू के तौर पर हुई है.

परिवार ने की सख्त सजा की मांग

घटना के बाद से ही पूरे इलाके में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोग आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त से सजा की मांग कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि पीड़ित युवती की मेडिकल जांच कराई जाएगी और फिर उसका मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किया जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. यह हमला रविवार को खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किया गया, जिन्होंने मंदिर में लाठी-डंडों से हमला किया और धार्मिक माहौल को भंग किया. घटना के बाद कनाडा में भारतीय समुदाय और सरकार में चिंता बढ़ गई है. पीएम मोदी ने इस घटना पर पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह की हिंसात्मक हरकतों से भारत का संकल्प कमजोर नहीं होगा.

इस घटना को लेकरप्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं. हिंसा के ऐसे कामों से भारत के संकल्प कभी कमजोर नहीं होंगे. हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन कायम रखेगी’

ब्रैम्पटन हिंदू मंदिर पर हमला

ब्रैम्पटन में स्थित हिंदू सभा मंदिर पर हुए इस हमले में खालिस्तानी समर्थकों ने मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडों से हमला किया. हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे और वे धार्मिक माहौल को खराब करने के उद्देश्य से वहां आए थे. मंदिर पर हमले के बाद इलाके में तनाव की स्थिति बन गई है. पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत फैली हुई है.

क्या बोले जस्टिन ट्रूडो?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, “ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता. हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है.” ट्रूडो के इस बयान ने दर्शाया कि कनाडाई सरकार इन हमलों को गंभीरता से ले रही है और दोषियों को कानून के दायरे में लाने का प्रयास करेगी.

हरदोई के किसान की मेहनत रंग लाई: सलाद पत्ता की खेती से मालामाल हुआ किसान

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक किसान की मेहनत ऐसी रंग लाई कि अब वह मालामाल हो गया है. उसकी उगाई हुई फसल की डिमांड मुंबई और ताजमहल के 5 स्टार होटलों में हो रही है. दरअसल किसान ने सलाद पत्ता यानी लेटस की खेती शुरू की है. किसान ने अपनी मेहनत और लगन से पूरे जिले का नाम रोशन किया है. खास बात यह है कि उसने पारंपरिक खेती से हटकर विदेशी फसल को अपनाया है.

जैविक खाद की मदद से की जा रही इस सलाद की खेती की मांग अब देश के कई भागों से आने लगी है. किसान का कहना है कि लेटस का पत्ता पौष्टिक होने के साथ-साथ देखने में भी खूबसूरत लगता है. इसकी फसल की मांग देश के कई पांच सितारा होटलों में होने लगी है. जहां से अच्छा पैसा मिल रहा है.

बिलग्राम तहसील क्षेत्र के रहने वाले अनुभवी किसान सुधीर ने बताया कि वह अपनी पुश्तैनी खेती में पारंपरिक फसलें काफी समय से उगा रहे थे. कोरोना काल में खेती के बाद बचने वाले समय का भी सदुपयोग नहीं हो पा रहा था. वह खेती का काम निपटा कर मेहनत मजदूरी शहर जाकर कर लेता था. लेकिन, कोरोना के कारण इसकी बाहरी आमदनी का जरिया पूरी तरीके से बंद हो गया था. उसका ज्यादातर समय मोबाइल के साथ बीतने लगा. एक दिन उसने विदेशी खेती सलाद पत्ता के बारे में एक आर्टिकल पढ़ा. वह इस फसल के विषय में पहली बार जान रहा था उसने तुरंत ऑनलाइन बीच का ऑर्डर कर दिया.

फाइव स्टार में होता है इस्तेमाल

कुछ दिन बाद बीज भी आ गए और तब से लेकर आज तक वह सलाद पत्ता की खेती कर रहा है. करीब 1 साल तक मेहनत करने के बाद अब इसकी खेती और मेहनत दोनों रंग लाने लगी हैं. उसकी सलाद की ज्यादातर मांग ताज नगरी आगरा और और माया नगरी मुंबई तक होने लगी है. सुधीर ने बताया कि इस फसल के पत्ते का उपयोग ज्यादातर फाइव स्टार होटलों में सलाद को सजाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा भी इसे कई महंगे फास्ट फूड के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है. मार्केट में इसकी भारी मांग है और इसका काफी अच्छा मूल्य भी मिल जाता है. इसकी खेती ने आर्थिक स्थिति में काफी सुधार किया है.

किसी भी सलाद में इस्तेमाल

हरदोई के कृषि उप निदेशक नंदकिशोर ने बताया कि विदेशी फसलों में सलाद पत्ता की फसल मुख्य होती है. इसकी पत्तियों को प्याज, चुकंदर, मूली, गाजर, खीरा आदि की सलाद में प्रयोग किया जाता है. इसकी पत्तियों को बड़े होटलों में सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी खेती के लिए सर्दी का मौसम सबसे बेहतरीन माना गया है. 15 डिग्री सेंटीग्रेड तक तापमान सलाद के लिए सबसे मुफीद होता है. हल्की बलुई दोमट और मटियार दोमट खेती युक्त जमीन कारगर मानी गई हैं. खेती का पीएच मान 7 के अंदर ही उचित है. इसकी प्रजातियों में स्लोवाट, चाइनीस येलो, ग्रेट लेकस मुख्य प्रजातियां शामिल है.

खेती की जमीन को खरपतवार और कीटों से शोधित करने के बाद में क्यारियां बनाकर पौध तैयार की जाती है. इसका बीज प्रति हेक्टेयर 500 ग्राम उचित है 25 सेमी की दूरी पर पौधे से पौध की दूरी उचित मानी गई है सलाद का पत्ता पोषक तत्वों से भरपूर होता है एक हेक्टेयर में करीब 30 से 40 टन तक इसकी पैदावार होती है. इसके प्रति किलो की बाजार में मांग ₹100 किलो तक है.

पद्मनाभस्वामी मंदिर पर जीएसटी विभाग का बड़ा नोटिस, 1.57 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करने का दिया आदेश

केरल के तिरुवनन्तपुरम में पद्मनाभ स्वामी मंदिर है. यह मंदिर सालों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. अब जीएसटी विभाग ने मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजकर 1.57 करोड़ रुपये के बकाया जीएसटी भुगतान की मांग की है.

नोटिस में इस बात का जिक्र है कि मंदिर पर सात साल से जीएसटी बकाया है.

विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस के मुताबिक, मंदिर को कई तरीके से आय होती है. इनमें भक्तों की ओर से चढ़ाये गए कपड़े भी शामिल हैं, जिनसे मंदिर प्रबंधन को काफी आय होती है. इसके अलावा मूर्तियों की बिक्री से होने वाली आय भी शामिल है. साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालु हाथियों को किराए पर लेते हैं, जिससे मंदिर को आमदनी होती है.

सात साल से जीएसटी का भुगतान नहीं किया

अधिकारियों के मुताबिक, मंदिर प्रबंधन ने सात साल से जीएसटी का भुगतान नहीं किया है. इसके बाद मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजा गया है. वहीं, इस मामले पर मंदिर के अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया है. उनका कहना है कि मंदिर को टैक्स में कई तरीके की छूटें हैं. इस अवधि के दौरान टैक्स योग्य आय केवल 16 लाख रुपये ही है, जिनमें से तीन लाख रुपये चुकाए जा चुके हैं. विभाग के मुताबिक, मंदिर प्रबंधन ने बकाया टैक्स 2017 से जमा नहीं किया है. राशि का भुगतान नहीं करने पर जुर्माना लगेगा. जुर्माना नहीं देने पर 18 प्रतिशत ब्याज का भी लगेगा

पद्मनाभस्वामी मंदिर तिरुअनन्तपुरम में स्थित है. यहां भगवान विष्णु की पूजा होती है. 1733 ई. में इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया. त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. यहां मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति है, जोकि श्रद्धालुओं के लिए सालों से आस्था का केंद्र बना हुई है. इस मंदिर में भगवान विष्ण की मूर्ति शयन मुद्रा में विराजमान है. भगवान विष्णु की विश्राम करने की अवस्था को ‘पद्मनाभ’ कहा जाता है, यहीं वजह है इस मंदिर को पद्मनाभस्वामी मंदिर कहा जाता है.