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लापता युवक का शव पांच दिन बाद डबरी में मिला, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका…

बलरामपुर-  पांच दिनों से लापता युवक का शव डबरी में मिला है. सूचना पर सनवाल पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर कार्रवाई में जुट गई है. मृत युवक के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है.

जानकारी के अनुसार, सनवाल थाना क्षेत्र स्थित बरवाही गांव में रहने वाला लोकेश कुमार गुप्ता 29 अक्टूबर से लापता था. परिजनों ने 1 नवम्बर को सनवाल थाने में गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पांच दिन बाद अब जाकर ग्रामीणों ने डाबरी में युवक का शव तैरते हुए देखने के बाद पुलिस को सूचना दी.

वाड्रफनगर एसडीओपी राम अवतार ध्रुव ने बताया कि गुमशुदगी की रिपोर्ट 1 नवंबर को ही दर्ज कर ली गई थी. पुलिस गुम इंसान की तलाश कर रही थी, परिजन भी काफी प्रयास कर रहे थे. डबरी में मिले शव को पुलिस एफएसएल टीम के आने के बाद निकालकर पीएम के लिए भेजा जाएगा.

मुख्यमंत्री ने गीतकार लक्ष्मण मस्तुरिया की पुण्यतिथि पर उन्हें किया याद
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध जनकवि और गीतकार स्वर्गीय लक्ष्मण मस्तुरिया की 03 नवंबर को पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने उन्हें याद करते हुए कहा है कि श्री मस्तुरिया के गीतों में छत्तीसगढ़ की माटी की सौंधी महक और यहां के लोक-जीवन की झलक दिखती है। छत्तीसगढ़ का सहज-सरल लोक जीवन उनके गीतों में रचा-बसा है। उन्होंने अपने सु-मधुर और दिलकश आवाज की बदौलत छत्तीसगढ़ के हर वर्ग के दिलों में जगह बनाई। उन्होंने कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लिए लोकप्रिय गीतों की रचना की। उनका गीत ‘मोर संग चलव रे-मोर संग चलव जी’ काफी लोकप्रिय हुआ। श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कला जगत में मस्तुरिया जी का योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा किया गया दीवाली का सफल आयोजन

रायपुर-      छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा प्रतिवर्षानुसार आज सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक दीपावली मिलन समारोह का आयोजन चौधरी देवीलाल व्यापार उद्योग भवन, बाम्बे मार्केट, रायपुर में संपन्न हुआ जिसमे चेंबर संरक्षक से लेकर सलाहकार, प्रदेश प्रभारी आईटी, प्रदेश कार्यालय प्रभारी, प्रदेश सांस्कृतिक प्रभारी, प्रदेश उपाध्यक्ष, संगठन मंत्री, प्रदेश मंत्री, कार्यकारी सदस्य, उद्योग चेंबर, ट्रांसपोर्ट चेंबर, महिला चेंबर, युवा चेंबर, कैट सीजी चेप्टर टीम, युवा कैट एवं विभिन्न व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारी सहित पुरे प्रदेश के चेंबर पदाधिकारी एवं सदस्य गण बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।

चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने समारोह के शुभारंभ में सभी पदाधिकारियों, सदस्यों एवं अतिथियों सहित प्रदेश के समस्त व्यवसायियों-उद्योगपतियों तथा आम जनता को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन की कामना की। वहीं समारोह में शामिल चैंबर के पदाधिकारियों व व्यवसायियों ने संयुक्त रूप से दीप जलाए साथ ही एक दूसरे को मिठाई खिलाकर एवं गले लगकर दीपावली की शुभकामनाएं दी।

श्री पारवानी चैंबर के पदाधिकारियों व व्यवसायियों को संबोधित कर दीपावली पर्व के महत्त्व को बताते हुए कहा कि रौशनी का यह पर्व लोगों के जीवन में सुख समृद्धि और शांति लाती है, इस पावन अवसर पर आओ हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि स्वयं के अन्दर की बुराई रूपी अँधेरे को इस दीपावली पर्व के रौशनी से हमेशा के लिए मिटाएँ।

समारोह में श्री पारवानी ने प्रदेश के 12 लाख व्यापारियों एवं आम जनता के सुख एवं समृद्धि की कामना करते हुए दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने भाई दूज की दी शुभकामनाएं
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को भाई दूज के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने भाई दूज की पूर्व संध्या को जारी अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाइयों को तिलक कर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करने के साथ ही भाई और बहन के मध्य स्नेह सदैव बना रहे, यह शुभाशीर्वाद ईश्वर से मांगती हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने दामाखेड़ा आश्रम में हुए हमले पर जताया रोष, कहा- सत्यनाम की धरती पर लगातार हिंसक वरदातों से प्रदेश शर्मसार

रायपुर-   नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बलौदाबाजार जिले के दामाखेड़ा स्थित कबीर पंथ के गुरु प्रकाश मुनि साहेब के आश्रम में शुक्रवार रात हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे भाजपा सरकार की विफलता का एक और उदाहरण बताया। डॉ. महंत ने कहा कि सतनाम और सत्यनाम के आदर्शों से जुड़ी इस पवित्र भूमि पर इस तरह की हिंसक घटना प्रदेश के लिए शर्मनाक है।

डॉ. महंत ने कहा कि जिस प्रकार की घटना की जानकारी मिली है अत्यंत ही निंदनीय है, बलौदाबाजार जिला की धरती, सतनाम और सत्यनाम कबीर पंथ के आदर्शों के लिए जानी जाती हैं, जो पूरे देश विदेश के आस्था का केंद्र है। शांति के प्रखर संत मनखे मनखे एक समान की अलख जगाने वाले कबीर साहेब के धर्म स्थली पर हमला प्रदेश भाजपा सरकार की नाकामी का एक और जीवंत उदाहरण है।

नेता विपक्ष डॉ महंत ने कहा बलौदाबाजार दामाखेड़ा आश्रम में उपद्रवियों ने जलता हुआ बम फेंक अप्रिय घटना का प्रयास किया है, आखिर हमारा प्रदेश किस दिशा मे जा रहा है। शांति के पथ प्रदर्शक संत कबीर जी के आश्रम मे ये हमला इस बात का सूचक है कि, भाजपा राज मे अपराधीयों को क़ानून का जरा भी डर भय नहीं रहा ? डॉ. महंत ने कहा, हमारे कबीर पंथ के गुरु श्री प्रकाश मुनि साहेब जी के आश्रम दामाखेड़ा घटना की मैं कड़े शब्दों मे निंदा करता हूँ और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग करता हूँ।

सहकारिता विभाग में बड़ा फेरबदल, सहायक आयुक्त से लेकर उप आयुक्त स्तर के अफसर हुए इधर से उधर, देखें लिस्ट

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के सहकारिता विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं। इस फेरबदल में सहायक आयुक्त से लेकर उप आयुक्त स्तर के अधिकारियों का स्थानांतरण हुआ है। मंत्रालय के सहकारिता विभाग ने इसका आदेश जारी किया है।
देखें पूरी लिस्ट..
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के आयोजन को लेकर तैयारियां जोरों पर, 04-06 नवम्बर तक नया रायपुर में राज्योत्सव का भव्य आयोजन

रायपुर-    छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस राज्योत्सव 2024 के आयोजन को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी है। तीन दिवसीय राज्योत्सव का भव्य आयोजन 4 नवम्बर से 6 नवम्बर तक राज्योत्सव स्थल, नया रायपुर अटल नगर में होगा। राज्योत्सव स्थल में मुख्य मंच से लेकर पूरे परिसर की साज-सज्जा का काम तेजी से कराया जा रहा है। शासकीय योजनाओं एवं उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिए सभी विभागों के अधिकारी अपने-अपने विभाग का प्रदर्शनी स्टॉल लगाए जाने की तैयारी में जुटे हैं।

राज्य स्थापना दिवस राज्योत्सव 2024 का उद्घाटन 4 नवम्बर को संध्या 6 बजे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णु देव साय करेंगे। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि होंगे। राज्यपाल रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में 5 नवम्बर को राज्योत्सव के कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। राज्य अलंकरण समारोह एवं राज्योत्सव का समापन 6 नवम्बर को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के मुख्य आतिथ्य में होगा। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि होंगे।

राज्योत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा, मंत्री रामविचार नेताम, दयाल दास बघेल, केदार कश्यप, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, लक्ष्मी राजवाड़े एवं टंकराम वर्मा, नेताप्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक राजेश मूणत, पुरन्दर मिश्रा, मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, गुरू खुशवंत साहेब, इन्द्र कुमार साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे।

राज्योत्सव में ख्याति प्राप्त कलाकार रंगारंग और मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देंगे। 4 नवम्बर को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत संध्या 4.30 बजे से होगी। बालीवुड के प्रसिद्ध पार्श्व गायक शांतुन मुखर्जी (शानु) की प्रस्तुति रात्रि 7.45 बजे से होगी। इससे पूर्व रिखी क्षत्रीय की टीम द्वारा 12 लोक नृत्य की झलकियां, मोहन चौहान एवं साथी द्वारा आदिवृंदम, सुनील सोनी एवं टीम द्वारा क्षेत्रीय नृत्य संगीत तथा  विद्या वर्चस्वी द्वारा नाम रामायण की प्रस्तुति दी जाएगी। इसी तरह 5 नवम्बर को राज्योत्सव में संध्या 5 बजे से पुरानिक साहू द्वारा सांस्कृतिक लहर गंगा, सुरेन्द्र साहू, भोला यादव एवं साथियों द्वारा लोक धुन, मोहन नायडू एवं साथियों द्वारा द मून लाईट रागा, राजेश अवस्थी, आरू साहू एवं नीति मोहन की प्रस्तुति होगी। 6 नवम्बर को सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत अनुराग शर्मा द्वारा अनुराग स्टार नाईट, मनोज प्रसाद द्वारा इंडियाज गॉट टैलेंट मल्लखंभ, सवि श्रीवास्तव द्वारा जादू बस्तर एवं पवनदीप एवं अरूनिता के पार्श्व गायन की प्रस्तुति होगी।

राज्योत्सव के दौरान छत्तीसगढ़ शासन के सभी विभागों द्वारा राज्योत्सव स्थल पर भव्य एवं आकर्षक प्रदर्शनी लगाई जाएगी। यहां शिल्प ग्राम बनाया जा रहा है, जहां छत्तीसगढ़ के विविध शिल्प प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए उपलब्ध होंगे। राज्योत्सव स्थल परिसर में शासकीय विभागों की प्रदर्शनी के लिए विशाल हैंगर (डोम) बनाए गए हैं। हैंगर-एक एवं दो में शासकीय विभागों के स्टॉल लगेंगे, जबकि हैंगर-तीन में वाणिज्यिक संस्थान अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाएंगे। हैंगर-चार में पब्लिक सेक्टर के संस्थानों की प्रदर्शनी लगेगी। राज्योत्सव में शिल्प ग्राम, फूड कोर्ट और मीना बाजार आम लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र होंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनावी वादे वाले बयान पर CM साय ने दी प्रतिक्रिया, कहा-
रायपुर-   कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनावी वादे वाले बयान पर लगातार सियासी वार पलटवार हो रहा है। इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खड़गे के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा – ”झूठ बोलने और झूठे वादे करने वाली कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने आज यह सच्चाई स्वीकार कर ही ली कि उनकी पार्टी द्वारा किए गए तमाम लोक-लुभावन वादे फर्जी होते हैं।”

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ”कांग्रेस की नीति और नीयत दोनों उसके वादों की तरह ही नकली होते हैं। पिछली कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में भी कोई वादा पूरा नहीं कर जनता के साथ विश्वासघात किया था। जनता ने काठ की उस हांडी को दुबारा नहीं चढ़ने दिया। कांग्रेस को प्रदेश की सत्ता से आउट कर दिया।

कांग्रेस जहां भी होती है, वह भरोसे का संकट पैदा कर देती है। विश्वास की हत्या करती है। जबकि भाजपा में ‘मोदी गारंटी’ का मतलब ही होता है गारंटी पूरी होने की गारंटी है। हमारी भाजपा सरकार ने मात्र 10 महीने में “मोदी की गारंटी” के अनेक प्रमुख वादों को पूरा किया है। हमने जो कहा, उससे अधिक करने की कोशिश हमेशा की है।”

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ”खड़गे जी ने कर्नाटक के संदर्भ में “उतना ही गारंटी का वादा करें, जितना दे सकें” वाला बयान देकर कांग्रेस के चरित्र को उजागर किया है। खड़गे जी ने कांग्रेस की ठगी को स्वीकार कर वस्तुस्थिति से देशवासियों को अवगत कराया है। खड़गे जी को अंतरात्मा की आवाज सुनते हुए परिवार विशेष का मोहरा बनने से अब इनकार कर देना चाहिये।”

CM साय की एक्स पोस्ट –

खड़गे ने क्या कहा था?

बता दें कि 31 अक्टूबर को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के नेताओं से कहा था कि, हमें वो वादे करने चाहिए जो पूरे किए जा सके, नहीं तो आने वाली पीढ़ी के पास बदनामी के अलावा कुछ नहीं बचेगा। अपने इस बयान के बाद खड़गे लगातार घिरते नजर आ रहे है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी खड़गे के इस बयान पर पलटवार किया था। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि कांग्रेस को यह बात अब समझ में आ रही है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना मुश्किल या नामुमकिन है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलम्पिक 2024 के लोगो (प्रतीक चिन्ह) और मस्कट (शुभंकर) का किया अनावरण

रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में बस्तर ओलंपिक 2024 के लोगो (प्रतीक चिन्ह) और मस्कट (शुभंकर) का अनावरण किया। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के दो प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

बस्तर क्षेत्र के युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने, बस्तर की खेल प्रतिभाओं को सामने लाने और बस्तर की जनता का शासन से मजबूत संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से 5 नवंबर से 10 दिसंबर तक बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित वर्चुअल बैठक में बस्तर ओलंपिक की तैयारी की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में अधिकारियों से खिलाड़ियों के रहने, भोजन, सुरक्षा और चिकित्सा की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बस्तर में पिछले 9-10 माह में शांति स्थापित करने में काफी हद तक सफलता मिली है, इसमें केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन युवाओं को समाज और विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बस्तर में खेल काफी लोकप्रिय हैं यही कारण है कि ओलंपिक खेलों के लिए अपेक्षा से अधिक 1 लाख 65 हजार से अधिक लोगों ने अपना पंजीयन कराया है, जो यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र के लोग भी शांति चाहते हैं और विकास की मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं। बस्तर के संवेदनशील क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में महिला-पुरूषों ने पंजीयन कराया है। इसमें महिलाओं और पुरुषों की संख्या लगभग बराबर है। महिलाएं भी विकास की मुख्य धारा में शामिल होना चाहती हैं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन उसकी गरिमा के अनुसार भव्यता के साथ किया जाए। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि इन खेलों में अधिक से अधिक खिलाड़ियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुसार बस्तर को नई दिशा देने के उद्देश्य से इसका आयोजन किया जा रहा है।

बस्तर ओलम्पिक 2024 का प्रतीक चिन्ह और शुभंकर बस्तर की परम्परागत पहचान को समाहित कर किया गया है तैयार

लोगो (प्रतीक चिन्ह)- प्रतीक चिन्ह के बायीं एव दायीं ओर बस्तर क्षेत्र के ख्याति प्राप्त परम्परागत वाद्य यंत्र ‘तुरही’ को दर्शाया गया है। तुरही बस्तर क्षेत्र में मड़ई मेलों में देवी देवताओं के सम्मान में बजाई जाती है। गांव में सभी को सूचना देने हेतु भी इसका उपयोग किया जाता है। लोगो के मध्य में हिन्दी में ‘बस्तर ओलम्पिक 2024’ लिखा हुआ है, साथ में इस क्षेत्र के खिलाड़ियों को ओलम्पिक खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने हेतु ओलम्पिक खेल विधा खेल तीरदाजी, हॉकी, भारोत्तोलन, फुटबॉल एवं वालीबॉल के लघु चिन्ह को दर्शाया गया है। लोगो के नीचे की ओर बस्तर क्षेत्र में प्रलचित स्थानीय भाषा- बोली ‘गोंडी’ में ‘करसाय ता बस्तर बरसाय ता बस्तर’ का स्लोगन वाक्य लिखा गया है, जिसका हिन्दी में अनुवाद ‘खेलेगा बस्तर, बढ़ेगा बस्तर’ होता है।

शुभंकर (मस्कट)- बस्तर ओलम्पिक 2024 के शुभंकर में ‘वन भैंसा एवं पहाड़ी मैना’ को मुख्य रूप से दर्शाया गया है। वन भैंसा राज्य का राजकीय पशु तथा पहाड़ी मैना राजकीय पक्षी है। यह शुभंकर, वन्य जीव संरक्षण के उद्देश्य से तैयार किया गया है। राज्य के दंतेवाडा एवं बीजापुर जिले में वन भैंसा अधिक संख्या में मिलते हैं। बस्तर क्षेत्र के घने जंगलों एवं कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पहाड़ी मैना मुख्य रूप से पाई जाती है।

शुभंकर में राजकीय पशु ‘वन भैंसा’ को खेल परिधान (टी-शर्ट) में दर्शाया गया है। वन भैंसा के सींग पर बैठी खुशहाल ‘पहाड़ी मैना’ खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य को दर्शाता है।

बस्तर ओलंपिक में इन खेलों में होंगी स्पर्धाएं

बस्तर ओलंपिक में 11 खेल विधाओं के अंतर्गत खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन विकासखण्ड, जिला और संभाग स्तर पर किया जा रहा है। जिनमें एथलेटिक खेल में 100मी., 200मी. 400मी. दौड़, लंबीकूद, ऊंचीकूद, शॉटपूट, डिस्कस थ्रो, जैवेलिन थ्रो एवं रिले रेस, इस प्रकार नौ अलग अलग इवेंट में खिलाड़ी भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त तीरंदाजी इंडियन राउण्ड 30मी., 50मी., बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराते, कबड्डी, खो-खो, व्हॉलीबॉल एवं रस्साकसी खेल शामिल होंगे। हॉकी तथा वेटलिफ्टिंग सीधे जिला स्तर से प्रारंभ होगा, शेष सभी खेल विकासखण्ड स्तर से प्रतियोगिता होगी। रस्साकसी प्रदर्शनात्मक होगा, जो सीनियर वर्ग में महिलाओं के लिए आयोजित किया जाएगा। जूनियर वर्ग तथा सीनियर वर्ग में बालक, बालिका, महिला, पुरूष भाग लेंगे। नक्सल हिंसा में दिव्यांग व्यक्तियों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के विशेष प्रोत्साहन हेतु सीधे संभाग स्तर पर उनकी खेलों में प्रतिभागिता सुनिश्चित कराई जाएगी।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि विकासखण्ड स्तर से लेकर संभाग स्तर पर आयोजन समितियों का गठन किया जा चुका है। सभी संबंधित विभागों ने नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। राजधानी से लेकर बस्तर संभाग मुख्यालय, जिला मुख्यालयों तथा विकासखण्डों में व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है, ताकि बस्तर क्षेत्र के अधिक से अधिक युवा इसमें भाग ले सकें। विकासखण्ड स्तर एवं जिला स्तरीय आयोजन के संपूर्ण आयोजन सहित संभाग स्तरीय आयोजन की सभी प्रारंभिक तैयारियां कर ली गई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि विकासखण्ड स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं शील्ड/मोमेंटो प्रदाय किए जाएंगे। जिला स्तर एवं संभाग स्तर पर दलीय खेलों एवं व्यक्तिगत खेलों में प्रथम स्थान, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को नगद राशि पुरस्कार के साथ प्रमाण पत्र एवं शील्ड/मोमेंटो प्रदाय किये जाएंगे। नगद राशि पुरस्कार डी.बी.टी. के माध्यम से विजेता खिलाड़ियों के बैंक खाते में अंतरित किए जाएंगे। संभाग स्तरीय विजेता खिलाड़ी को ‘बस्तर का यूथ आइकॉन’ के रूप में स्थापित एवं प्रचारित किया जाएगा।

बैठक में एडीजीपी एस.आर.पी. कल्लूरी, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, संचालक तनुजा सलाम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी वर्चुअल रूप से बैठक में जुड़े।

स्थापना दिवस पर रोशनी से जगमगा रहा था प्रदेश, तब अंधेरे में डूबी थी ‘छत्तीसगढ़ महतारी’

बिलासपुर-  राज्य स्थापना दिवस पर दीया तले अंधेरा वाली कहावत बिलासपुर में चरितार्थ होती नजर आई. इस अवसर पर पूरा प्रदेश रोशनी से जगमगा रहा था, वहीं बिलासपुर कलेक्टोरेट के पास स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा अंधेरे में डूबी हुई थी.

राज्योत्सव के अवसर पर बस्तर से लेकर सरगुजा तक प्रदेश रोशनी से सराबोर था. इस अवसर के लिए खासतौर से जिला मुख्यालयों को सजाया गया था. कलेक्ट्रेट, एसपी कार्यालय से लेकर तमाम शासकीय दफ्तरों को झालरों से सजाया गया था. लेकिन वहीं ठीक कलेक्ट्रेट के पास स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति अंधेरे में गम के आंसू बहा रही थी. प्रशासन ने रोशनी का बंदोबस्त नहीं किया.

कलेक्टर ने दी सफाई

वहीं इस मामले में बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने सोशल मीडिया के जरिए संज्ञान लिया है. कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि बिलासपुर नगर निगम द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी प्रतिमा परिसर का नियमित रख-रखाव किया जाता है. लाइट नियमित जलती है. उस समय किसी व्यक्ति ने बंद कर दी होगी.