सरायकेला :हनुमान जी अपने भक्तों का हर कष्ट दूर करते हैं,हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए आप हनुमान जयंती से शुभ अवसर पर करें कुछ उपाय,आपको पवन
हनुमान जयंती आज हनुमान जयंती इस वर्ष बुधवार 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान और दान इत्यादि करने का विधान बताया गया है. चैत्र पूर्णिमा और जयंती के अवसर पर रामायण का पाठ, भजन-किर्तन संध्या जैसे धार्मिक कृत किए जाते हैं.!
हनुमान जयंती पर प्रचलित दो मत: हनुमान जयंती तिथि के विषय में दो मत बहुत प्रचलित हैं.प्रथम यह कि चैत्र पूर्णिमा के दिन यह जयंती मनाई जाती है,इस मत का संबंध दक्षिण भारत से रहा है चैत्र पूर्णिमा के दिन दक्षिण भारत में विशेष रूप से हनुमान जयंती पर्व का आयोजन होता है.! दूसरे मतानुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन इस जयंती को मानाया जाता है. इस दिन उत्तर भारत में हनुमान जयंती पर विशेष रूप से पूजा अर्जना और दान पूण्य किया जाता है. अत: इन दोनों ही मतों के अनुसर हनुमान जयंती भक्ति भाव के साथ मनाई जाती है ।
हनुमान जयंती व्रत विधि:हनुमान जी की पूजा अर्चना में ब्रह्मचर्य और शुद्धता का बहुत ध्यान रखना होता है. व्रत का पालन करने वाले को चाहिए की वह व्रत की पूर्व रात्रि को ब्रह्मचर्य का पालन आरंभ करे और पृथ्वी पर ही शयन करे.।
प्रात: काल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर अपने नित्य कर्मों से निवृत होकर श्री राम-सीता जी और हनुमान जी का स्मरण करना चाहिए. हनुमान जी की प्रतिमा की प्रतिष्ठा करते हुए षोडशोपचार पूजन करना चाहिए. हनुमाजी पर सिंदूर एवं चोला चढा़ना चाहिए. प्रसाद रूप में गुड़, चना, बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए.!
ऊँ हनुमते नम: मंत्र का उच्चारण करते रहना चाहिए इस दिन रामायण एवं सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए व संभव हो सके तो श्री हनुमान चालिसा के सुंदर काण्ड के अखण्ड पाठ का आयोजन करना चाहिए. हनुमान जी का जन्म दिवस उनके भक्तों के लिए परम पुण्य दिवस है. इस दिन हनुमान जी की प्रसन्नता हेतु उन्हें तेल और सिन्दुर चढ़ाया जाता है. हनुमान जी को मोदक बहुत पसंद है अत: इन्हें मोदक का भी भोग लगाना चाहिए. हनुमान जयन्ती पर हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक, बजरंग वाण एवं रामायण का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है ।
हनुमान जन्म कथा: हनुमान जी के जन्म के विषय में कथा प्रचलित है कि देवी अंजना और केसरी की कोई संतान नहीं थी. इससे दु:खी होकर यह दोनों मतंग मुनि के पास पहुंचे. मुनि के बताये निर्देश के अनुसार दोनों 12 वर्षों तक वायु पीकर तपस्या करते रहे. इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर वायु देव ने पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया. कथा है कि इसी समय अयोध्या में पुत्र प्राप्ति की कामना से दशरथ जी अपनी पत्नियों के साथ पुत्रेष्टि यज्ञ कर रहे थे.! उसे यज्ञ से जो फल प्राप्त हुआ दशरथ जी ने अपनी तीनों रानियों में बाँट दिया. इसी फल का एक अंश लेकर एक पक्षी उस स्थान पर पहुंचा जहां अंजना और केसरी तपस्या कर रहे थे. पक्षी ने फल का वह अंश अंजना की हथेली में गिरा दिया. इस फल को खाने से अंजना भी गर्भवती हो गई और चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को अंजना के घर वायु देव के वरदान के फलरूप में रूद्र के ग्यारहवें अवतार हनुमान जी का जन्म हुआ ।
हनुमान जयन्ती के महत्वपूर्ण उपाय”
हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर हनुमान जी अपने भक्तों का हर कष्ट दूर करते हैं,हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए आप हनुमान जयंती से शुभ अवसर पर करें कुछ उपाय,आपको पवनपुत्र की अनुकम्पा मिलती रहेगी.।
धन और समृद्धि प्राप्ति के लिए आप हनुमान जयंती वाले दिन रात्रि में सोने से पूर्व हनुमान जी के सम्मुख सरसों के तेल का मिट्टी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें ।
धन आगमन मार्ग को बाधारहित करने के लिए रामायण या श्रीरामचरित मानस का पाठ करें या रोजाना इनके दोहे पढ़ें,साथ ही रोजाना हनुमान जी को धूप एवं पुष्प अर्पित करें।
हनुमानजी का फोटो घर में पवित्र स्थान पर इस प्रकार से लगाएं कि हनुमान जी दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए दिखाई दें,
यह उपाय आपके विरोधियों को शान्त कर,धन देगा…
.मनोवांछित कामना पूर्ण करने के लिए अपनी सामर्थ्य अनुसार हनुमान जयन्ती अथवा मंगलवार को हनुमान जी का विशेष श्रृंगार करें ।
हनुमान जयन्ती से मंगलवार या शनिवार को 11 पीपल के पत्ते लेकर साफ जल से धो लें,इन पत्तों पर चंदन से या कुमकुम से श्रीराम का नाम लिखें,इसके बाद हनुमानजी के मन्दिर जाएं और उन्हें ये पत्ते अर्पित कर दें,
ऐसा करने से जीवन के सारे दुख दूर होंगे :
हनुमान जयन्ती से प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को सिंदूर एवं चमेली का तेल हनुमानजी को अर्पित करें,इस उपाय से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं ।
हनुमान जयन्ती से हर मंगलवार और शनिवार को किसी भी हनुमान मंदिर में 11 काले उड़द के दाने, सिंदूर, चमेली का तेल, फूल, प्रसाद अर्पित करें,साथ ही सुन्दरकांड का पाठ या हनुमान चालीसा का पाठ करे।
.हनुमान जयन्ती से मंगलवार-शनिवार को हनुमानजी का विधिवत पूजन करने से सभी प्रकार के कष्ट और क्लेश नष्ट हो जाते हैं : हनुमान जयन्ती के दिन कच्ची घानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें,संकट दूर होगा और धन प्राप्त होगा ।
धन लाभ प्राप्ति के लिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को चोला अर्पण करें,भोग लगाएं,एवं मंदिर से हनुमानी सिंदूर लेकर हनुमत यंत्र पर लेप करके अपने तिजोरी में रख दें.आपकी तिजोरी सदैव भरी रहेगी ।
Oct 30 2024, 19:58