*जिलाधिकारी द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन/पराली न जलाने के सम्बन्ध में जन जागरूकता हेतु प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना*
सुलतानपुर जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना द्वारा प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट के अन्तर्गत फसल अवशेष प्रबन्धन/पराली न जलाने के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट परिसर से जन जागरूकता हेतु प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उन्होंने प्रदूषण से बचाव के सम्बन्ध में जन जागरूकता हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) एस. सुधाकरन, मुख्य राजस्व अधिकारी बाबू राम, उप निदेशक कृषि रामाश्रय यादव, उपजिलाधिकारी सदर विपिन द्विवेदी, उपजिलाधिकारी प्रवीन कुमार, परियोजना निदेशक (डी0आर0डी0ए0) अशोक सिंह, जिला कृषि अधिकारी सदानन्द चौधरी सहित अन्य सम्बन्धित उपस्थित रहे। उक्त प्रचार वाहन जनपद के समस्त विकास खंडों में कृषकों के मध्य पहुंच कर पराली जलाने से होने वाले हानि एवं अवशेषों के प्रबंधन के उपाय के बारे में जागरूक करेगा।
जिलाधिकारी द्वारा उप कृषि निदेशक व समस्त उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया गया कि ग्राम पंचायत/न्याय पंचायत स्तर के कार्मिकों से कृषकों के मध्य लीफलेट, डीकम्पोजर व अर्थदण्ड के विषय में व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं, कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई कर रही मशीनों में एस.एम.एस. अनिवार्य रूप से लगाना सुनिश्चित करें, जिस भी कम्बाइन में एस.एम.एस. न लगा हो अथवा फसल प्रबंधन के यन्त्र न हो, तो सीज करने की कार्यवाही भी की जाय।
उन्होंने जनपद के सभी किसान बन्धुओं से अनुरोध किया है कि फसल अवशेष/अपशिष्ट कदापि न जलायें, बल्कि उपरोक्त यंत्रों एवं डि-कम्पोजर का प्रयोग कर पराली को जैविक खाद में परिवर्तित कर खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ायें।
उप कृषि निदेशक रामाश्रय यादव द्वारा अवगत कराया गया कि शासन द्वारा फसल अवशेषों को जलाने से रोकने हेतु इन-सीटू योजनान्तर्गत फसल अवशेष प्रबन्धन के लिये हैप्पी सीडर, रीपर कम बाइन्डर, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चॉपर, मल्चर, रोटरी स्लेसर, श्रैडर, श्रब मास्टर, आर0एम0बी0 प्लाऊ, जीरेटिल, बेलिंग मशीन, स्ट्रा रेक, रीपर, एस.एम.एस. आदि यंत्रों पर अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने अवगत कराया कि पराली खेतों में जलाने पर लगने वाला अर्थदण्डः-02 एकड़ से कम पर दो हजार पॉच सौ रूपये, 2 से 5 एकड़ पर पॉच हजार रूपये तथा 5 एकड़ से अधिक पर पन्द्रह हजार रूपये तक का जुर्माना निर्धारित किया गया है।
Oct 26 2024, 09:36