इस बार डुमरी से झामुमो के कौन होंगे प्रत्याशी,जयराम महतो के कारण क्या बदलेगा इस क्षेत्र का समीकरण जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर..?
गिरिडीह : इस बार डुमरी विधानसभा क्षेत्र जयराम महतो के कारण हॉट सीट बन गया है।वैसे सूचना है कि आगामी चुनाव मंत्री बेबी देवी के जगह उनके पुत्र अखिलेश महतो चुनाव लड़ सकते हैं। जिसके कारण इस सीट पर जयराम महतो की प्रतिद्वंद्विता से त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना की संभावना है। नक्सल समस्या, विकास और रोजगार अभाव क्षेत्र की मुख्य समस्याएं हैं। जनता किसे चुनती है, ये समय बताएगा।
मंत्री बेबी देवी अपने पुत्र अखिलेश महतो को उतारने की तैयारी में। जयराम महतो से झामुमो और आजसू पार्टी दोनों को है डर।लोकसभा चुनाव 2024 में जयराम महतो को मिली थी बढ़त।
डुमरी विधानसभा चुनाव 2024
मंत्री जगरनाथ महतो की मौत के बाद डुमरी विधानसभा क्षेत्र से जगन्नाथ महतो के इकलौते पुत्र अखिलेश महतो को चुनाव मैदान में उतारने की पुरजोर तैयारी थी। लेकिन कुछ महीने उम्र की कमी के कारण उपचुनाव में अखिलेश महतो को चुनाव मैदान में न उतरकर जगन्नाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को झामुमो ने चुनाव मैदान में उतारा था, और जीत हासिल की थीं।
अब विधानसभा चुनाव 2024 में बेबी देवी अपने इकलौते पुत्र अखिलेश महतो को चुनाव मैदान में उतारने की पुरजोर तैयारी में हैं। अभी हाल के दिनों में भी डुमरी क्षेत्र के कई सरकारी और निजी कार्यक्रमों में भी मंत्री बेबी देवी अपने पुत्र अखिलेश महतो के साथ नजर आईं।
मंत्री बेबी देवी ने भी कई बार मीडिया के सामने यह खुलासा कर चुकी है कि अब डुमरी की जनता हमारे पुत्र को आशीर्वाद दें, ताकि वह अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए आप सभी की सेवा के लिए आगे आए। मतलब साफ है कि मंत्री बेबी देवी अपनी राजनीतिक विरासत अब अपने पुत्र अखिलेश महतो को सौपने की तैयारी में है। हालांकि अभी पार्टी की तरफ से अखिलेश के नाम की घोषणा नहीं की गई है।
लेकिन माना यह जा रहा है कि डुमरी विधानसभा क्षेत्र से इस बार पार्टी अखिलेश महतो को प्रत्याशी बना सकती है।
जयराम महतो से झामुमो और आजसू पार्टी दोनों को है डर
1932 के खतियान आधारित नीति लागू करने स्थानीय लोगों को हक और अधिकार दिलाने समेत अन्य मुद्दों के नाम पर अस्तित्व में आए जयराम महतो लोकसभा चुनाव 2024 में गिरिडीह से 3 लाख 50 हजार के आसपास वोट लाकर क्षेत्र में अपनी ताकत दिखा चुका है। इसी दम पर वह इस बार खुद डुमरी विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
हालंकि जयराम महतो और एक स्थान से चुनाव लडने की बात की है। लेकिन उन्होंने दूसरी विधानसभा सीट का अभी खुलासा नहीं किया है। हो सकता है कि वो बाघमारा से चुनाव लड़े, खैर जो भी हो। डुमरी से जयराम के चुनाव लड़ने से डर दोनों ही पार्टी को जरूर है।
लोकसभा चुनाव 2024 में जयराम महतो को मिली थी बढ़त
लोकसभा चुनाव 2024 के गिरिडीह लोकसभा सीट के डुमरी विधानसभा क्षेत्र में जयराम महतो को बड़ी बढ़त मिली थी। डुमरी में जयराम महतो को करीब 90 हजार वोट मिले, जबकि आजसू पार्टी प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी को 55 हजार और जेएमएम के मथुरा प्रसाद महतो को 52 हजार वोट मिले।
उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत
चंद्रप्रकाश चौधरी आजसू पार्टी 55421
मथुरा प्रसाद महतो जेएमएम 52193
जयराम महतो निर्दलीय 90541
लंबे समय से जगरनाथ का मुकाबला रहा दामोदर महतो से हुआ
विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट पर हमेशा से इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच कड़ा मुकाबला होता रहा है। इस सीट पर झामुमो के जगरनाथ महतो और जेडीयू के दामोदर प्रसाद महतो में हमेशा काटे की टक्कर होती रही है।
इस सीट पर जगरनाथ महतो अक्सर चुनाव जीते हैं जबकि दूसरे नंबर पर दामोदर प्रसाद महतो रहे हैं ।
जगरनाथ और दामोदर महतो की पत्नी अब सक्रिय राजनीति में
अब दामोदर प्रसाद महतो और जगरनाथ महतो की मौत के बाद उनकी पत्नियां यहां कमान संभाले हुए हैं। जगरनाथ महतो की मौत के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी ने उपचुनाव में जीत हासिल की।
जबकि दामोदर प्रसाद महतो की मौत के बाद उनकी पत्नी यशोदा देवी चुनाव लड़ती हैं। चुनाव में दोनो के बीच कांटे की टक्कर होते रही है। हालांकि पिछले दो बार से दामोदर प्रसाद महतो की पत्नी यशोदा देवी को निराशा ही हाथ लगी है। संभावना है कि इस बार एनडीए गठबंधन डुमरी सीट से किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट दे सकती है। इसमें दुर्योधन महतो और जयलाल महतो का नाम काफी चर्चा में है।
यशोदा देवी ने 2019 में जगरनाथ महतो दी थी कड़ी टक्कर
वष 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम प्रत्याशी जगरनाथ महतो को आजसू पार्टी की यशोदा देवी ने कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि इस चुनाव में जगरनाथ महतो को करीब 71 हजार वोट मिले, वहीं यशोदा देवी को लगभग 37 हजार मत मिले।
जबकि भाजपा प्रत्याशी प्रदीप साह को भी करीब 36 हजार वोट मिले थे। ऐसे में यदि आजसू पार्टी और बीजेपी एक साथ हो जाए, तो जेएमएम को कड़ी टक्कर मिल सकती है।
2019 में डुमरी सीट का चुनाव परिणाम
उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत
जगरनाथ महतो -जेएमएम- 71017
यशोदा देवी -आजसू पार्टी- 36817
प्रदीप साह - भाजपा- 35994
जगरनाथ महतो ने 2014 में लालचंद महतो दी मात
2014 के विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट से जगरनाथ महतो को 77949 मत मिले जबकि भाजपा के लालचंद महतो को 45487 मत मिले। इस बार भाजपा और आजसू दोनो साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
जिससे उनकी स्थिति पहले के मुकाबले काफी मजबूत है।
2014 में डुमरी सीट का चुनाव परिणाम
उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत
जगरनाथ महतो जेएमएम 77949
लालचंद महतो भाजपा 45487
2009 के चुनाव में जेडीयू के दामोदर महतो दूसरे स्थान पर रहे
पिछले कुछ चुनाव की आंकड़ों पर गौर करें तो 2009 के चुनाव में डुमरी सीट से जगरनाथ महतो को 33960 मत ,जबकि जेडीयू के दामोदर प्रसाद महतो को 20292 मत मिले थे।
इसी तरह 2019 के विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट से जेएमएम के जगरनाथ महतो को 71017 आजसू के यशोदा देवी को 36817, जबकि भाजपा के प्रदीप साह को 35994 मत मिले थे।
2009 में डुमरी सीट का चुनाव परिणाम
उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत
जगरनाथ महतो जेएमएम 33960
दामोदर प्रसाद महतो जेडीयू 20292
त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर उभरने की संभावना
डुमरी विधानसभा क्षेत्र में इस बार के विधानसभा चुनाव 2024 में झामुमो को अपने ही गढ़ में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। इस सीट पर पहले झामुमो का मुकाबला आजसू पार्टी से होता रहा है। लेकिन इस बार जयराम महतो ने भी डुमरी से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जेएमएम का मुकाबला अब सीधे तौर पर जयराम महतो से हो सकता है। इस परिस्थिति में 2024 के विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर उभरने की संभावना है।
वर्ष 1962 से 2019 तक डुमरी से निर्वाचित विधायक
वर्ष उम्मीदवार का नाम पार्टी
1962 हेमलाल परगनैत स्वतंत्र
1967 एस. मंजरी निर्दलीय
1969 कैलाशपति सिंह जनसंघ
1972 मुरली भगत कांग्रेस
1977 लालचंद महतो जनता पार्टी
1980 सबा महतो जेएमएम
1985 शिवा महतो निर्दलीय
1990 लालचंद महतो जनता दल
1995 शिवा महतो जेएमएम
2000 लालचंद महतो जेडीयू
2005 जगरनाथ महतो जेएमएम
2009 जगरनाथ महतो जेएमएम
2014 जगरनाथ महतो जेएमएम
2019 जगरनाथ महतो जेएमएम
2023 बेबी देवी जेएमएम
नक्सल समस्या, विकास और पलायन क्षेत्र में मुख्य मुद्दा
अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शुमार ऊपर घाट समेत डुमरी का अन्य इलाका आज भी नक्सलियों की कहर से जूझ रहा है। इन अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आए दिन नक्सली वारदात होते रहते हैं। यही वजह है कि यह क्षेत्र आज भी विकास से कोसों दूर है। इस क्षेत्र के रोजगार का काफी अभाव है। रोजगार की तलाश में यहां के युवा अक्सर पलायन को मजबूर रहते हैं।
यहां के युवा रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य में नौकरी की तलाश में जाते रहे हैं जबकि महिलाएं तेंदू पत्ता या दातुन बेचकर अपना और परिवार का पेट भरने को मजबूर है। हमेशा चुनाव के समय यह एक बड़ा मुद्दा बनकर भी सामने आता है। सभी दल के नेता यहां की भोली भाली जनता को यह आश्वाशन भी देते हैं कि उनकी सरकार बनी तो नक्सल से आजादी मिलेगी क्षेत्र का विकास होगा। युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिलेगा।
लेकिन चुनाव खत्म होते ही, स्थिति जस के तस बनी रहती है। अब आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा की जनता किसके साथ है।
Oct 17 2024, 09:42