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बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में शामिल चौथा आरोपी पकड़ा गया, जालंधर से गिरफ्तार हुआ जीशान अख्तर

डेस्क: बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है। घटना से जुड़ा चौथा आरोपी भी गिरफ्तार किया जा चुका है। बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के चौथे आरोपी जीशान अख्तर को पंजाब के जालंधर से गिरफ्तार किया गया है। जीशान जालंधर का ही रहने वाला बताया जा रहा है। जीशान अख्तर 2022 में गिरफ्तारी के बाद जब जेल गया था, तब पटियाला जेल में उसकी मुलाकात लॉरेंस गैंग से हुई थी। इसके बाद जब वह जेल से बाहर आया तो मुंबई चला गया था। जीशान अख्तर जालंधर के नकोदर इलाके के शकर गांव का रहने वाला है।

बताया जा रहा है कि जालंधर पुलिस ने साल 2022 में जीशान अख्तर को हत्या और डकैती के केस में गिरफ्तार किया था। इसी दौरान पटियाला जेल में उसकी मुलाकात लॉरेंस गैंग से हुई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक 7 जून को जेल से छूटने के बाद जीशान अख्तर सबसे पहले हरियाणा के कैथल में गुरमेल के घर गया। उसके बाद ऑर्डर मिलने के बाद शूटर मुंबई के लिए रवाना हो गए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुंबई में सभी आरोपी एक साथ रह रहे थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जीशान अख्तर तीनों शूटरों को निर्देश दे रहा था। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड को अंजाम देने के लिए जीशान अख्तर ने ही किराए के कमरे समेत दूसरे लॉजिस्टिक सपोर्ट की व्यवस्था की थी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक जीशान अख्तर पटियाला जेल में बंद था। जीशान इसी साल 7 जून को जेल से बाहर आया था। आरोपी जीशान अख्तर की उम्र महज 21 साल है। आरोपी इतना शातिर था कि 2022 में विदेशी नंबर पर वॉट्सऐप इस्तेमाल करता हुआ पकड़ा गया था। जीशान ने गांव ही सरकारी स्कूल से 10वीं तक ही पढ़ाई की है। आरोपी के पिता मुहम्मद जमील टाइल ठेकेदार का काम करते हैं। आरोपी जीशान का भाई पिता के साथ ही काम करता है।

बाबा सिद्दीकी की हत्या पर बोले अजित पवार, राजनीतिकरण न करें, चाचा शरद पर भी साधा निशाना

डेस्क: बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का राजनीतिकरण न किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोषियों को सजा मिलने तक चैन से नहीं बैठेगी। कांग्रेस छोड़ अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हुए महाराष्ट्र के कद्दावर नेता बाबा सिद्दीकी को मुंबई में बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर शनिवार रात को तीन लोगों ने गोली मार दी थी।

इस चौंकाने वाली घटना के बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना सधा और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया। महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। अजित पवार रविवार को मुंबई के कूपर अस्पताल पहुंचे, जहां बाबा सिद्दीकी का पोस्टमार्टम किया गया। उन्होंने कहा कि एनसीपी बाबा सिद्दीकी की मौत से बहुत दुखी है, जो ऐसे नेता थे जिन्हें काफी लोग बहुत प्यार करते थे और व्यक्तिगत रूप से उन्होंने एक प्रिय मित्र को खो दिया है, जिसे वह वर्षों से जानते थे।

एनसीपी नेता ने अस्पताल का दौरा करने के बाद 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "हमारा दिल टूट गया है और इस घटना की क्रूरता से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह सिर्फ एक राजनीतिक क्षति नहीं है, यह एक गहरी व्यक्तिगत त्रासदी है, जिसने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है।" उन्होंने कहा, "मैं सभी से दृढ़तापूर्वक आग्रह करता हूं कि वे इस भयावह घटना का राजनीतिकरण न करें। यह विभाजन का या राजनीतिक लाभ के लिए दूसरों की पीड़ा का फायदा उठाने का समय नहीं है। फिलहाल हमारा ध्यान न्याय सुनिश्चित करने पर होना चाहिए।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हत्या के दोषियों को सजा दिलाने तक चैन से नहीं बैठेगी। पवार ने कहा, "हम बाबा सिद्दीकी के परिवार के अपार दुख को समझते हैं, जिन्हें सबसे बड़ी क्षति हुई है। आइए अवसरवादी आवाजों को इस त्रासदी को राजनीतिक तमाशा बनाने देने के बजाय सम्मान और करुणा दिखाए।"

अजित पवार की टिप्पणी उनके चाचा और विपक्षी एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार की उस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्ता में बैठे लोगों को सर्फ जांच की घोषणा करने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें जिम्मेदारी स्वीकार करने और अपने पद से हटने की जरूरत है।

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले मौन व्रत रखता है लारेंस बिश्नोई, इस बार भी रखा था 9 दिनों का उपवास

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में 3 लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड से देश में गुस्सा है. वहीं, मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है जबकि एक आरोपी फरार है. हत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है लेकिन गिरफ्तार 2 आरोपियों ने बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का दावा किया है. इसी बीच लारेंस बिश्नोई को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.

सूत्रों के मुताबिक साबरमती जेल में लारेंस बिश्नोई ने नवरात्र में 9 दिन तक मौन व्रत रखा था. इस दौरान बिश्नोई किसी से बातचीत नहीं करता था. साथ ही वह अन्न भी ग्रहण नहीं करता था.माना जाता है की जब-जब बिश्नोई मौन व्रत रहता है, उसका गैंग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता है. हाल ही में लारेंस बिश्नोई का एक वीडियो कॉल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें बिश्नोई पाकिस्तान के गैंगस्टर से बातचीत कर रहा था और ईद की बधाई दे रहा था. दावा ये भी था कि ये कॉल बिश्नोई ने साबरमती जेल से किया था लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद साबरमती जेल प्रशासन ने पुराना वीडियो होने का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था.

सूत्रों के मुताबिक लारेंस बिश्नोई को साबरमती जेल में एक अलग सेल में रखा गया है. वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल जेल से करता है. ये बात एजेंसी के लोग भी बताते हैं. बिश्नोई अन्न कम खाता है, दूध दही और फल का इस्तेमाल खाने में करता है. इसके अलावा वह जेल में बैडमिंटन खेलता है और कसरत भी करता है.

तिहाड़ जेल में भी बिश्नोई फोन से बात करता था. इसका खुलासा आज तक/इंडिया टूडे ने बिश्नोई के इंटरस्टेड कॉल के जरिए खुलासा किया था. सिद्धू मुसावाला की हत्या के बाद बिश्नोई के करीबी ने जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को फोन पर कॉल किया था और सिद्धू मुसावला हत्याकांड की जानकारी दी थी. पंजाब और राजस्थान की जेल में जब बिश्नोई बंद था, तब भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था.

गुजरात की साबरमती जेल में बंद लारेंस बिश्नोई को खास बैरक में रखा गया है. इस बैरक के अंडा सेल में उसे रखा गया है. जहां पर उसके साथ और कोई कैदी नहीं है. आमतौर पर आतंक से जुडे और गंभीर अपराध में बंद खूंखार कैदियों को ही ऐसे सेल में रखा जाता है. साल 2008 से बम ब्लास्ट से जुडी आतंकियों के भी इसी तरह अंडा सेल में रखा गया था. यह जेल का सबसे सुरक्षित हिस्सा होता है, जहां पर बैरेक और सेल के बाहर भी सुरक्षाकर्मी होते हैं.

इन सेल-बैरक में बंद आरोपीयों से बहुत कम बातचीत का अवकाश रहता है. क्योंकि वह अकेले होते हैं, सुरक्षाकर्मी भी उनसे बातचीत में परहेज करते हैं. सुबह 6 से 12 और शाम 3 से 6 के बीच में उसे नाश्ता और खाना दिया जाता है. उसे वहां से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. लारेंस बिश्नोई धार्मिक है और वह अपने सेल में ध्यान लगाकर पाठ करता रहता है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना उसे जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता है.

मुंबई पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच का दावा है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुद को बिश्नोई गैंग से जुड़ा बताया है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पिछले 25-30 दिनों से उस इलाके की रेकी कर रहे थे. तीनों आरोपी ऑटो रिक्शा से बांद्रा ईस्ट में उस शूटिंग स्पॉट पर पहुंचे थे, जहां गोली चलाई गई थी. सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि बाबा सिद्दीकी पर हमला करने से पहले तीनों आरोपियों ने कुछ समय वहीं बिताया और उनका इंतजार किया. पुलिस को शक है कि आरोपियों को किसी और व्यक्ति से भी अंदरूनी जानकारी मिल रही थी. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

कनाडा पुलिस और इंडियन एजेंसी से वांटेड सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के जरिए बिश्नोई गैंग ऑपरेट हो रहा है. एनआईए ने बताया है कि बिश्नोई गैंग में 700 से ज्यादा शूटर हैं, जिसमें 300 पंजाब से जुड़े हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के जरिए बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की फोटो डाली गई. बिश्नोई का कोर्ट लाते-जाते फोटो और वीडियो डाले जाते और इस तरह गैंग का प्रचार प्रसार किया गया. बिश्नोई गैंग ने साल 2020-21 तक करोड़ों रुपए एक्सटोर्शन से कमाए और वो पैसा हवाला के जरिए विदेशों में भेजा गया.

लॉरेंस बिश्नोई के जुर्म का साम्राज्य भारत के 11 राज्य और 6 देशों तक फैल चुका है. एनआईए के मुताबिक कभी बिश्नोई का गैंग सिर्फ पंजाब तक सीमित था लेकिन उसने अपने शातिर दिमाग और अपने करीबी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की गैंग से गठजोड़ किया और बड़ा गैंग बनाया. बिश्नोई गैंग अब पूरे नॉर्थ इंडिया में, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड तक फैल चुका है. सोशल मीडिया और तमाम अलग अलग तरीको से नौजवानों को गैंग में रिक्रूट किया जाता है. लॉरेंस बिश्नोई का साम्राज्य USA, अजरबैजान, पुर्तगाल, UAE और रूस तक फैला हुआ है.

नौजवान ऐसे होते हैं शामिल

नौजवानों को कनाडा या उनके पसंद के मनचाहे देश में शिफ्ट कराने का लालच देकर गैंग में भर्ती करवाया जाता है. NIA के मुताबिक पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा बिश्नोई गैंग के शूटर का इस्तेमाल पंजाब में टारगेट किलिंग और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलवाने में करता है. UAPA के तहत अदालत में NIA ने कुछ दिनों पहले लारेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ समेत कुल 16 गैंगस्टर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

मप्र में दिल दहला देने वाला मामला, 9 दिन उपवास के बाद शख्स ने मंदिर जाकर चढ़ा दी खुद की बलि, अपने ही हाथों से काट ली गर्दन

देश भर में नवरात्रि पर्व को लेकर लोग माता की भक्ति करते नजर आ रहे हैं। कोई उपवास करके तो कोई मंदिर जाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहा है। हालांकि ये भक्ति कभी-कभी अंधविश्वास में बदल जाती है, ये कहना गलत नहीं होगा। ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला पन्ना जिले के ग्राम पंचायत केवटपुर से सामने आया है। यहां भखुरी निवासी राजकुमार यादव ने नौ दिन तक सिद्दत से मां की उपासना की।

वहीं आज सुबह उसने अचानक गांव में मौजूद विजयासी देवी मां के मंदिर में अपनी गर्दन को काटकर बलि दे दी। आनन-फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। दरअसल, पूरा मामला पन्ना जिले के केवटपुर ग्राम पंचायत का है। यहां एक शख्स ने गांव में ही मौजूद देवी मां के मंदिर में अपनी गर्दन काटकर बलि चढ़ा दी। बताया जा रहा है कि युवक पिछले नौ दिनों से उपवास रख रहा था।

परिवार की सुख-समृद्धि के लिए वह लगातार मां की पूजा अर्चना कर रहा था। घर वालों का ये भी कहना है कि उसपर देवी मां आती थीं। इस बीच आज सुबह ही वह विजयासी देवी मां के मंदिर पहुंचा और अपनी गर्दन काट ली। उसके गर्दन काटने से मंदिर में हर तरफ खून ही खून फैल गया। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।

सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल अवस्था में युवक को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया। पहले उसे अजयगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया, जहां युवक की गंभीर हालत को देखते हुए उसे रेफर कर दिया गया। इसके बाद युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। फिलहाल युवक की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

वहीं इस मामले में गांव के निवासी हनुमान द्विवेदी ने बताया कि केवटपुर में विजयासी देवी का चंदेल कालीन प्रसिद्ध मंदिर है। पहले भी इस मंदिर में लोगों के द्वारा अपनी जीभ काट कर चढ़ाई थी। मान्यता है कि उस समय जीभ अपने आप जुड़ भी गई थी। इसी चक्कर में युवक ने आज अपना सिर काटकर बलि चढ़ा दी।

बाबा सिद्दीकी केस: गैंगेस्टर लॉरेंस के नाम पर हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले की सामने आई तस्वीर, चौथे आरोपी की भी हुई पहचान


डेस्क: शनिवार रात बांद्रा इलाके में NCP अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आने के बाद महाराष्ट्र में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच फेसबुक पर कुख्यात गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर बाबा सिद्दकी की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला शुभम लोंकर की फोटो भी सामने आ गई है। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी भी मिली है कि शुभम लोंकर से पूछताछ करने के लिए मुंबई पुलिस की एक टीम पुणे रवाना हुई है। इस केस में सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है। इस केस में चौथे आरोपी की भी पहचान हुई है। इस चौथे आरोपी का नाम मोहमद जीशान अख्तर है। ये वही शख्स है, जो तीनों शूटर्स को डायरेक्शन दे रहा था। जीशान अख्तर 7 जून को पटियाला जेल से बाहर आया था। वह जेल में लॉरेंस गैंग के गुर्गों के टच में आया था। अभी तक की जांच इंटरनेशनल गैंगस्टर की तरफ इशारा कर रही हैं। इंटरनेशनल रैकेट का मतलब कनाडा से गैंग चलाने वाला गोल्डी बराड़ और साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई है। पहले बड़े-बड़े लोगों से प्रोटेक्शन मनी के नाम पर कभी वॉयस तो कभी वीडियो कॉल के जरिए एक्सटॉर्शन मांगा जाता है और मना करने पर सरेआम गोलियों से भूनकर मार दिया जाता है, जिससे डर फैलाया जा सके। न केवल शूटर्स ने पूछताछ में कबूला कि वो लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करते हैं बल्कि लॉरेंस से जुड़े फेसबुक पोस्ट में भी बाबा सिद्दकी की हत्या की जिम्मेदारी ली गई है। इसके अलावा कोर्ट में भी आरोपियों की कस्टडी की मांग के दौरान क्राइम ब्रांच ने इसे इंटरनेशनल रैकेट की बात कही है। बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वहीं गोल्डी बराड़ इस वक्त कनाडा में मौजूद है। इनका गैंग डर और एक्सटॉर्शन पर काम करता है। गोल्डी बराड़ कनाडा में बैठकर धमकी के कॉल करता है। बड़े-बड़े व्यापारियों से करोड़ो रुपए सेफ्टी मनी के दौरान आते हैं, जिसका इस्तेमाल हथियार खरीदने के लिए किया जाता है। फिलहाल आरोपियों की कस्टडी लेकर क्राइम ब्रांच फरार दो आरोपियों की तलाश करेगी और ये पता लगाएगी आखिर क्या सिर्फ बाबा सिद्दकी की ही हत्या करना मकसद था, या फिर अगला नंबर किसी और का भी हो सकता है।
बाबा सिद्दीकी केस: गैंगेस्टर लॉरेंस के नाम पर हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले की सामने आई तस्वीर, चौथे आरोपी की भी हुई पहचान

डेस्क: शनिवार रात बांद्रा इलाके में NCP अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आने के बाद महाराष्ट्र में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच फेसबुक पर कुख्यात गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर बाबा सिद्दकी की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला शुभम लोंकर की फोटो भी सामने आ गई है। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी भी मिली है कि शुभम लोंकर से पूछताछ करने के लिए मुंबई पुलिस की एक टीम पुणे रवाना हुई है।

इस केस में सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है। इस केस में चौथे आरोपी की भी पहचान हुई है। इस चौथे आरोपी का नाम मोहमद जीशान अख्तर है। ये वही शख्स है, जो तीनों शूटर्स को डायरेक्शन दे रहा था। जीशान अख्तर 7 जून को पटियाला जेल से बाहर आया था। वह जेल में लॉरेंस गैंग के गुर्गों के टच में आया था।

अभी तक की जांच इंटरनेशनल गैंगस्टर की तरफ इशारा कर रही हैं। इंटरनेशनल रैकेट का मतलब कनाडा से गैंग चलाने वाला गोल्डी बराड़ और साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई है। पहले बड़े-बड़े लोगों से प्रोटेक्शन मनी के नाम पर कभी वॉयस तो कभी वीडियो कॉल के जरिए एक्सटॉर्शन मांगा जाता है और मना करने पर सरेआम गोलियों से भूनकर मार दिया जाता है, जिससे डर फैलाया जा सके।

न केवल शूटर्स ने पूछताछ में कबूला कि वो लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करते हैं बल्कि लॉरेंस से जुड़े फेसबुक पोस्ट में भी बाबा सिद्दकी की हत्या की जिम्मेदारी ली गई है। इसके अलावा कोर्ट में भी आरोपियों की कस्टडी की मांग के दौरान क्राइम ब्रांच ने इसे इंटरनेशनल रैकेट की बात कही है।

बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वहीं गोल्डी बराड़ इस वक्त कनाडा में मौजूद है। इनका गैंग डर और एक्सटॉर्शन पर काम करता है। गोल्डी बराड़ कनाडा में बैठकर धमकी के कॉल करता है। बड़े-बड़े व्यापारियों से करोड़ो रुपए सेफ्टी मनी के दौरान आते हैं, जिसका इस्तेमाल हथियार खरीदने के लिए किया जाता है।

फिलहाल आरोपियों की कस्टडी लेकर क्राइम ब्रांच फरार दो आरोपियों की तलाश करेगी और ये पता लगाएगी आखिर क्या सिर्फ बाबा सिद्दकी की ही हत्या करना मकसद था, या फिर अगला नंबर किसी और का भी हो सकता है।

पांच साल में 52 'जासूसी' सैटेलाइट्स लॉन्च करेगा ISRO, चीन-पाक बॉर्डर पर भारत रखेगा खास नजर

भारत अगले पांच वर्षों में 52 जासूसी सैटेलाइट्स लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिनका उद्देश्य चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की गतिविधियों पर निगरानी रखना है। इन सैटेलाइट्स से भारतीय सेना की निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह जानकारी इसरो के सूत्रों से मिली है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने 7 अक्टूबर को स्पेस बेस्ड सर्विलांस (SBS-3) कार्यक्रम के तीसरे चरण को मंजूरी दी है। यह सैटेलाइट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित होंगे और 36,000 किमी की ऊंचाई पर एक-दूसरे से कम्यूनिकेट करने की क्षमता रखेंगे। इससे पृथ्वी पर संदेश और तस्वीरें भेजना सरल और तेज हो जाएगा।

सर्विलांस सैटेलाइट्स की विशेषताएँ और लागत

इस परियोजना में कुल 52 सैटेलाइट्स लॉन्च करने की योजना है, जिन पर लगभग 27,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन सैटेलाइट्स में से 21 सैटेलाइट्स को इसरो तैयार करेगा, जबकि 31 सैटेलाइट्स प्राइवेट कंपनियों द्वारा निर्मित किए जाएंगे। सभी सैटेलाइट्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित बनाया जाएगा, ताकि वे एक-दूसरे के साथ कम्यूनिकेशन कर सकें।

इसरो के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यदि कोई सैटेलाइट 36,000 किमी की ऊंचाई पर स्थित जियोसिंक्रोनस इक्वेटोरियल ऑर्बिट (GEO) में किसी संदिग्ध गतिविधि का पता लगाता है, तो वह निचली कक्षा (400-600 किमी की ऊंचाई) में स्थित अन्य सैटेलाइट को संदेश भेज सकेगा ताकि उस इलाके में और ज्यादा जांच की जा सके।

SBS मिशन का इतिहास

भारत का स्पेस बेस्ड सर्विलांस (SBS) मिशन 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू किया गया था। SBS-1 कार्यक्रम के तहत 2001 में चार सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए थे, जिनमें प्रमुख सैटेलाइट रिसैट था। इसके बाद SBS-2 मिशन में 2013 में छह सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए थे। अब, SBS-3 कार्यक्रम के तहत यह नया फेज शुरू किया गया है, जो भारत की स्पेस और रक्षा क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाएगा।

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस: कबाड़ का काम करने मुंबई गए थे शिवा-धर्मराज, फिर कैसे बने हत्यारे? जानें क्या बोले परिजन

डेस्क: मुंबई में शनिवार रात बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में यूपी के बहराइच जिले के दो आरोपियों के नाम सामने आए हैं। आरोपियों के परिजनों का कहना है कि वह कबाड़ का काम करने मुंबई गए थे। दोनों की वहां क्या बात हुई... कैसे क्या हुआ इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

आरोपी शिवा गौतम की मां ने बताया कि होली के बाद शिवा मुंबई गया था। आठ दिन पहले उससे बात हुई थी। उन्होंने बताया कि सुबह लोगों ने उन्हें घटना की सूचना दी। शिवा की मां ने बताया धर्मराज और शिवा दोनों मुंबई थे, उन दोनों के बीच क्या बात हुई इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। धर्मराज घर में मछली बेचने का काम करता था। वहीं, शिवा दिहाड़ी मजदूरी करता था।

वहीं, आरोपी धर्मराज की मां ने बताया कि धर्मराज कबाड़ का काम करने मुंबई गया था। बताकर नहीं गया था। किसी के साथ बैग लेकर चला गया था। करीब 22 दिन पहले बात हुई थी, तब हालचाल पूछा था। मां ने बताया कि उसने रुपये के लिए पूछा तो मैंने कहा कि अगर हों तो दे देना न हों तो कोई बात नहीं। दिवाली में घर आने की बात कही थी। धर्मराज ने गांव के ही स्कूल से पांच तक पढ़ाई की है।

धर्मराज कश्यप पुत्र राधे कश्यप, छह भाइयों में सबसे छोटा भाई है। पिता और बड़ा भाई मछली बेचते हैं। दूसरा भाई ठेला लगाता है। तीसरा भाई कपड़े की दुकान पर मजदूरी करता है साथ ही और भी भाई मजदूरी करते हैं। चार बड़े की भाई शादी हो गई है। धर्मराज और एक और भाई की शादी नहीं हुई है। इन लोगों के पास खेती न के बराबर है।

धर्मराज कश्यप और शिवा गौतम कैसरगंज कोतवाली के गंडारा गांव के रहने वाले हैं। एसपी बहराइच वृंदा शुक्ला ने बताया कि दोनों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड फिलहाल नहीं मिला है। दोनों सामान्य परिवार के हैं और मजदूरी करने मुंबई गए थे। दोनों के बारे में सारी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।

मुंबई में हुए बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में यूपी के दो शूटरों के नाम सामने आ रहे हैं। इस घटना में शामिल धर्मराज कश्यप और शिव कुमार उर्फ शिवा गौतम दोनों कैसरगंज कोतवाली के गंडारा गांव के रहने वाले हैं। दोनों परिवार के भरण पोषण के लिए मुंबई कमाने गए थे। एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि दोनों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। यह दोनों ही सामान्य परिवार के लोग हैं। अभी तक नियमित रूप से यह परिवार के साथ जुड़े हुए भी थे। पुलिस घर पहुंचकर परिवार से बात कर रही है। साथ ही यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस घटना के बारे में परिवार के पास क्या जानकारी है।

महाराष्ट्र में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुंबई पुलिस ने इस मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इस बीच, इस हत्याकांड को लेकर नया दावा सामने आया है। रिपोर्ट्स में दावा किया है कि हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए पटाखों का फायदा उठाया। दरअसल, दशहरे के मौके पर जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर पटाखे फोड़ रहे थे, तभी उनकी हत्या की गई।

पहले भी हत्या में शामिल था गुरमेल, जेल में बिश्नोई गैंग से जुड़ा, जमानत पर बाहर आया तो बाबा सिद्दीकी को मारा

डेस्क: एनसीपी नेता बाबा सिद्धीकी की हत्या में शामिल गुरमेल कैथल के नरड गांव का रहने वाला है। उसके ऊपर पहले से कई मामले दर्ज हैं। वह फिलहाल जमानत पर बाहर आया था और वारदात को अंजाम दिया। वह 2020 में हुए मर्डर केस में जेल के अंदर था। यहां उसकी मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे से हुई और वह उसकी गैंग में शामिल हो गया। इसके बाद उसे जमानत मिली और वह मुंबई चला गया। यहां उसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया। आरोपी की दादी का कहना है कि उसे चौराहे पर खड़ा करके गोली मार दी जानी चाहिए।

गुरमेल की दादी ने बताया "उसे संपत्ति से बेदखल कर चुके हैं। 3-4 महीने से घर नहीं आया। हमारे लिए वह मर चुका है और हम उसके लिए मर चुके हैं। हम तो उसे 10-11 साल पहले परिवार से बेदखल कर चुके हैं। वह तीन चार महीने से घर नहीं आया है। हमें नहीं पता कि वो कहां पर गया है, हमें कुछ बता कर थोड़े ही गया है।"

गुरमेल की दादी ने कहा "हमारे पास नंबर नहीं, वह कभी फोन नहीं करता। जब वो घर आया था, मैं उससे नहीं मिली। मैं तब कूड़ा डालने के लिए गई हुई थी। न तो हमारे पास उसका कोई फोन नंबर है, न ही वो कभी हमें फोन करता है। मैं अपने 12-13 साल के पोते के साथ रहती हूं। गुरमेल 4 महीने से गांव में नहीं आया है।"

पिता की मौत के बाद मां की शादी देवर से की

गुरमेल अपने पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी मां की शादी देवर के साथ कर दी। इसके बाद उसकी मां को देवर के नाम से एक लड़का व एक लड़की हुए। गुरमेल की दादी ने बताया कि वह पहले जेल जा चुका है। भाई ने भाई का मर्डर किया था, तब ये भी उनके साथ था। तब वो जेल गया था। उससे तो उनकी कोई बात नहीं होती, वो जेल से कैसे बाहर आया, किसने उसकी जमानत कराई। वो तीज-त्योहार पर भी घर नहीं आता था।

साल 2019 में कैथल जिले के गांव नरड़ में श्री ग्यारह रुद्री मंदिर के पास सुनील नाम के युवक की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का मुख्य आरोपी सुनील का छोटा भाई अशोक रहा। हालांकि, अशोक ने इस वारदात को अंजाम अपने दोस्तों गुरमेल और सुल्तान के साथ मिलकर दिया था। आरोपियों ने सुनील को बर्फ तोड़ने वाले सुए मारकर मौत के घाट उतार दिया। आपसी विवाद में अंजाम दी गई इस वारदात में छापे मारकर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा। इसके बाद इन्हें जेल हुई। गुरमेल इस मामले में सजा काटकर बाहर आया और मुंबई चला गया।

कैबिनेट मंत्री के बेटे की पुलिसकर्मियों से झड़प, सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बवाल

डेस्क: मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद पटेल के बेटे प्रबल सिंह पटेल का एक वीडियो चर्चा में है। इस वीडियो में वह पुलिसकर्मियों के साथ झड़प करते दिख रहे हैं। वायरल वीडियो जबलपुर के लेबर चौक का बताया जा रहा है। यहां पुलिस की बैरिकेडिंग को लेकर विवाद शुरू हुआ था और बात हाथापाई तक पहुंच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक प्रबल सिंह पटेल अपने कुछ मित्रों के साथ लेबर चौक से गुजर रहे थे। वहां बैरिकेडिंग लगी हुई थी। वह इसे हटाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से रोक दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों से उनकी बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि बात हाथापाई तक पहुंच गई।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में प्रबल और उनके मित्रों को पुलिसकर्मियों के साथ जोरदार बहस करते और झड़प करते देखा जा सकता है। प्रबल पुलिस कर्मियों से बेखौफ होकर भिड़ रहे हैं। उनके मित्र भी स्थिति को और तनावपूर्ण बनाते नजर आ रहे हैं। पुलिसकर्मी संयम बरतते हुए हालात सामान्य बना रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन झड़प के दौरान स्थिति और बिगड़ती चली गई। हालांकि, घटना के बाद किसी भी पक्ष ने अब तक पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

वीडियो के वायरल होने के बाद जनता में इस घटना को लेकर गुस्सा है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पुलिसकर्मियों से झड़प को लेकर प्रबल सिंह की निंदा की। वहीं, कुछ लोगों ने इसे सत्ता का दुरुपयोग बताया। मंत्री प्रह्लाद पटेल के बेटे के नाम से इस विवाद ने और भी ज्यादा तूल पकड़ लिया।

राजनीतिक हलकों में भी इसे लेकर चर्चा हो रही है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब किसी मंत्री के बेटे की पुलिसकर्मियों से ऐसी झड़प हो सकती है, तो आम जनता के लिए पुलिस की कार्रवाई कैसी हो सकती है। फिलहाल पुलिस अधिकारियों ने इस घटना पर कोई बयान नहीं दिया है और मामले की जांच की बात कही जा रही है।