मिशन कर्मयोगी के तहत जनपद के समस्त पंचायत सचिव तथा पंचायत सहायक होंगे डिजिटलाइज-सीडीओ
अमेठी । मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल द्वारा जनपद के समस्त विकास खंडों में कार्यरत अथवा तैनात पंचायत सचिव तथा पंचायत सहायकों को मिशन कर्मयोगी के तहत डिजिटलाइज कराने जाने हेतु कार्यशाला विकास भवन सभागार में पंचायती राज विभाग के माध्यम से आयोजित कराई जा रही है जिसके क्रम में आज दिनांक 28 सितंबर 2024 को तहसील तिलोई के विकास खंड तिलोई, बहादुरपुर तथा सिंहपुर के कुल 242 पंचायत सहायक एवं पंचायत सचिवों द्वारा इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया गया।
कार्यशाला की मुख्य बातें:
1. पंचायत के कार्यों का डिजिटलीकरण:
कार्यशाला की शुरुआत में मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने पंचायत सचिवों और सहायकों के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस दौरान सचिवों और सहायकों से उनके विचार भी साझा किए और उनकी समस्याओं पर भी चर्चा की। सीडीओ ने बताया कि डिजिटलीकरण से न केवल पंचायत कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि योजनाओं का लाभ भी तेजी से अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकेगा।
2. सोशल मीडिया और ईमेल का उपयोग:
पंचायत सचिवों को निर्देश दिया गया कि हर ग्राम पंचायत का अपना सोशल मीडिया अकाउंट हो, ताकि योजनाओं और विकास कार्यों की जानकारी सीधे ग्रामीणों तक पहुंचाई जा सके। इसके अलावा, पंचायत सहायकों को ईमेल अकाउंट का उपयोग करने के निर्देश भी दिए गए, ताकि दस्तावेजों का आदान-प्रदान ऑनलाइन हो सके और समय की बचत हो था इसका मौके पर ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया गया।
3. क्लाउड सेवाओं का उपयोग:
कार्यशाला में क्लाउड स्पेस के उपयोग पर जोर दिया गया, जैसे कि गूगल ड्राइव, शीट, स्लाइड, और डॉक्यूमेंट जैसी सेवाएं, जो पंचायत के रोजमर्रा के कामों को सरल और सुव्यवस्थित बनाने में सहायक होंगी। क्लाउड आधारित सेवाओं के उपयोग से पंचायत के डाटा को सुरक्षित तरीके से संग्रहीत किया जा सकेगा और आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा।
4. सरकारी योजनाओं की त्वरित जानकारी:
सीडीओ ने पंचायत सचिवों और सहायकों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की त्वरित जानकारी देने के लिए MY Scheme और UMANG जैसे मोबाइल ऐप्स का उपयोग करने की सलाह दी। इन एप्स के माध्यम से ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी सीधे मिल सकेगी, जिससे वे योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकेंगे।
डिजिटलीकरण के संभावित लाभ:
- सरलता और पारदर्शिता: डिजिटलीकरण से पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता आएगी और योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समय पर और आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।
- संचालन में सुधार: डिजिटल तकनीक के माध्यम से पंचायत कार्यों का संचालन अधिक संगठित और सरल हो जाएगा, जिससे पंचायत सचिवों और सहायकों का काम कम समय में और अधिक प्रभावी ढंग से पूरा होगा।
- डेटा तक आसान पहुंच: क्लाउड पर उपलब्ध डेटा के माध्यम से ग्राम पंचायतों के रिकॉर्ड और दस्तावेजों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा, जिससे पंचायतों की प्रशासनिक दक्षता में सुधार होगा।
- शासन की योजनाओं का लाभ: योजनाओं के डिजिटलीकरण से जो लोग अब तक वंचित थे, उन्हें भी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा, जिससे ग्रामीण विकास में तेज़ी आएगी।
प्रशिक्षण और सहायता:
मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज त्यागी को निर्देशित किया कि यदि पंचायत सचिवों या सहायकों को कार्यशाला के दौरान किसी प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़े, तो उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। सीडीओ ने बताया कि डिजिटलीकरण के लिए उन्हें हर संभव तकनीकी सहायता दी जाएगी, ताकि वे डिजिटल परिवर्तन को सहज रूप से अपना सकें।
कार्यशाला में जिला पंचायत राज अधिकारी श्री मनोज त्यागी, जिला मिशन प्रबंधक श्री सूर्य प्रताप सिंह और श्री आकाशदीप भी उपस्थित थे। इन अधिकारियों/कर्मचारियों ने सचिवों और सहायकों को डिजिटलीकरण के महत्व और इसके लाभों के बारे में विस्तार से बताया।
Oct 02 2024, 13:29